hotaks444
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[size=large][size=large]नुतन अपनी ज़ुबान उस पर फेरती है और ऑखें बंद किये ही उसे चुसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा नूतन का सर पकड़ लेता है आहह चूस ले नूतन सब बाहर हैं कोई नहीं आने वाला आहह । आज रात तेरी गाण्ड भी मारनी है। आह्ह्ह।
नुतन का जिस्म थरथराने लगता है चूत की ठुकाई से तो उसे बुखार आ गया था और अब देवा गाण्ड मारने की बात कर रहा था । मगर डर से नहीं बल्कि जोश में नूतन और गहराई तक देवा के लंड को अपने मुँह में खीच खीच के चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी गरदन को घुमाके दरवाज़े की तरफ देखता है और ममता को वहां खड़े देख चौंक जाता है।
ममता वहां से निकल के अपने रूम में चली जाती है।
देवा;अपना लंड नूतन के मुँह से निकाल के लुंगी पहन लेता है और ममता के पीछे उसके रूम में चला जाता है।
अंदर जाते ही वो दरवाज़ा बंद कर देता है।
ममता आईने के सामने देवा की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
देवा; ममता।
ओ बड़े प्यार से उसका नाम पुकारता हे
ममता;जाओ यहाँ से भैया मुझे आपसे बात नहीं करनी।
देवा;अपने बहन के पास चला जाता है और पीछे से उसे अपनी बाहों में समेट लेता है।
ममता; छोड़ो मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
देवा;क्या हुआ नाराज़ है मुझसे। इधर देख मेरी तरफ वो ममता का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमा देता है और जो वो देखता है वो देख के उसका दिल धडकना बंद कर देता है।
ममता रो रही थी।
देवा; ये क्या तू रो क्यों रही है।
ममता;कुछ नहीं हुआ मुझे। आप जाओ यहाँ से मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।
देवा के लिए ये एक बहुत बड़ा धक्का था ममता दिल ही दिल में उसे प्यार कर बैठी थी। इस बात से देवा अन्जान था।
वो सब देख सकता था मगर अपनी बहन की ऑखों में ऑसू नही।
देवा;ममता को अपने चौड़े छाती से लगा लेता है।
मुझे नहीं पता था मेरी बहन मुझसे इतना प्यार करती है।।
ममता सिसक पडती है।
बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ भइया मै आपसे और जब भी किसी और औरत के साथ आपको देखती हूँ तो मेरे तन बदन में आग लग जाती है आप ऐसा कैसे कर सकते हो।
देवा;अपनी बहन की पेशानी चूम लेता है।
मै भी तुझसे बहुत प्यार करता हूँ क्या करुं वो हमारे मेहमान है और मेहमानो का तो ख्याल रखना पडता है ना।
ममता को देवा की बात सुनके हंसी आ जाती है और वो दो तीन मूक्के देवा की छाती में जड़ देती है जाओ तुम तुम न बड़े वो हो।[/size][/size]
देवा नूतन का सर पकड़ लेता है आहह चूस ले नूतन सब बाहर हैं कोई नहीं आने वाला आहह । आज रात तेरी गाण्ड भी मारनी है। आह्ह्ह।
नुतन का जिस्म थरथराने लगता है चूत की ठुकाई से तो उसे बुखार आ गया था और अब देवा गाण्ड मारने की बात कर रहा था । मगर डर से नहीं बल्कि जोश में नूतन और गहराई तक देवा के लंड को अपने मुँह में खीच खीच के चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी गरदन को घुमाके दरवाज़े की तरफ देखता है और ममता को वहां खड़े देख चौंक जाता है।
ममता वहां से निकल के अपने रूम में चली जाती है।
देवा;अपना लंड नूतन के मुँह से निकाल के लुंगी पहन लेता है और ममता के पीछे उसके रूम में चला जाता है।
अंदर जाते ही वो दरवाज़ा बंद कर देता है।
ममता आईने के सामने देवा की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
देवा; ममता।
ओ बड़े प्यार से उसका नाम पुकारता हे
ममता;जाओ यहाँ से भैया मुझे आपसे बात नहीं करनी।
देवा;अपने बहन के पास चला जाता है और पीछे से उसे अपनी बाहों में समेट लेता है।
ममता; छोड़ो मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
देवा;क्या हुआ नाराज़ है मुझसे। इधर देख मेरी तरफ वो ममता का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमा देता है और जो वो देखता है वो देख के उसका दिल धडकना बंद कर देता है।
ममता रो रही थी।
देवा; ये क्या तू रो क्यों रही है।
ममता;कुछ नहीं हुआ मुझे। आप जाओ यहाँ से मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।
देवा के लिए ये एक बहुत बड़ा धक्का था ममता दिल ही दिल में उसे प्यार कर बैठी थी। इस बात से देवा अन्जान था।
वो सब देख सकता था मगर अपनी बहन की ऑखों में ऑसू नही।
देवा;ममता को अपने चौड़े छाती से लगा लेता है।
मुझे नहीं पता था मेरी बहन मुझसे इतना प्यार करती है।।
ममता सिसक पडती है।
बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ भइया मै आपसे और जब भी किसी और औरत के साथ आपको देखती हूँ तो मेरे तन बदन में आग लग जाती है आप ऐसा कैसे कर सकते हो।
देवा;अपनी बहन की पेशानी चूम लेता है।
मै भी तुझसे बहुत प्यार करता हूँ क्या करुं वो हमारे मेहमान है और मेहमानो का तो ख्याल रखना पडता है ना।
ममता को देवा की बात सुनके हंसी आ जाती है और वो दो तीन मूक्के देवा की छाती में जड़ देती है जाओ तुम तुम न बड़े वो हो।[/size][/size]