Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 35 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

[size=large][size=large]नुतन अपनी ज़ुबान उस पर फेरती है और ऑखें बंद किये ही उसे चुसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा नूतन का सर पकड़ लेता है आहह चूस ले नूतन सब बाहर हैं कोई नहीं आने वाला आहह । आज रात तेरी गाण्ड भी मारनी है। आह्ह्ह।
नुतन का जिस्म थरथराने लगता है चूत की ठुकाई से तो उसे बुखार आ गया था और अब देवा गाण्ड मारने की बात कर रहा था । मगर डर से नहीं बल्कि जोश में नूतन और गहराई तक देवा के लंड को अपने मुँह में खीच खीच के चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी गरदन को घुमाके दरवाज़े की तरफ देखता है और ममता को वहां खड़े देख चौंक जाता है।
ममता वहां से निकल के अपने रूम में चली जाती है।
देवा;अपना लंड नूतन के मुँह से निकाल के लुंगी पहन लेता है और ममता के पीछे उसके रूम में चला जाता है।
अंदर जाते ही वो दरवाज़ा बंद कर देता है।
ममता आईने के सामने देवा की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
देवा; ममता।
ओ बड़े प्यार से उसका नाम पुकारता हे
ममता;जाओ यहाँ से भैया मुझे आपसे बात नहीं करनी।
देवा;अपने बहन के पास चला जाता है और पीछे से उसे अपनी बाहों में समेट लेता है।
ममता; छोड़ो मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
देवा;क्या हुआ नाराज़ है मुझसे। इधर देख मेरी तरफ वो ममता का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमा देता है और जो वो देखता है वो देख के उसका दिल धडकना बंद कर देता है।
ममता रो रही थी।
देवा; ये क्या तू रो क्यों रही है।
ममता;कुछ नहीं हुआ मुझे। आप जाओ यहाँ से मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।
देवा के लिए ये एक बहुत बड़ा धक्का था ममता दिल ही दिल में उसे प्यार कर बैठी थी। इस बात से देवा अन्जान था।
वो सब देख सकता था मगर अपनी बहन की ऑखों में ऑसू नही।
देवा;ममता को अपने चौड़े छाती से लगा लेता है।
मुझे नहीं पता था मेरी बहन मुझसे इतना प्यार करती है।।

ममता सिसक पडती है।
बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ भइया मै आपसे और जब भी किसी और औरत के साथ आपको देखती हूँ तो मेरे तन बदन में आग लग जाती है आप ऐसा कैसे कर सकते हो।
देवा;अपनी बहन की पेशानी चूम लेता है।
मै भी तुझसे बहुत प्यार करता हूँ क्या करुं वो हमारे मेहमान है और मेहमानो का तो ख्याल रखना पडता है ना।
ममता को देवा की बात सुनके हंसी आ जाती है और वो दो तीन मूक्के देवा की छाती में जड़ देती है जाओ तुम तुम न बड़े वो हो।
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[size=large][size=large][size=large]देवा के क़रीब ममता इससे पहले कभी नहीं आई थी
उसकी चूचियां देवा की छाती से चिपकी हुई थी और बातों बातों में देवा का एक हाथ ममता की कमर तक पहुँच गया था।
देवा;मुझे भूख लगी है ममता।
ममता; आपने खाना तो खाया ना।
देवा;हाँ मुझे दूध पीना है।
ममता;रुको अभी लाती हूँ।
वो वहां से जाने लगती है मगर देवा उसका हाथ पकड़ लेता है और अपनी एक ऊँगली उसके ब्रैस्ट(चूची) पर रख के उसकी ऑखों में देखते हुए कहता है मुझे इससे दूध पीना है।

ममता देवा की बात समझ के शरमा के अपना मुँह दूसरी की तरफ मोड लेती है।
देवा आगे बढ़ता है और दोनों हाथों से उसे पकड़ के अपनी तरफ करता है जैसे ही ममता उसकी तरफ अपना चेहरा घुमाती है। देवा अपने होंठ उसके गाल पर रख के चूम लेता है।
ममता; ऑखें बंद कर लेती है भैया उन्हह
काई आ जाएंगा ना।
उन्हह।
देवा इस बार अपने होठो से उसके गाल को चुमता हुआ ममता के होठो तक पहुँच जाता है और जैसे ही दोनों के होंठ आपस में टकराते है एक चिंगारी सी दोनों के बदन में पैदा हो जाती है।
दोनो की ऑखें बंद हो जाती है और होठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
देवा और ममता खुद को हवा में उड़ता महसूस करते है। पहली बार भाई बहन का प्रेम परवान चढा था। ममता जो अपने भाई से बेहद प्रेम करती थी और देवा जो अपनी बहन की खूबसूरती का दिवाना था । आज एक दूसरे के इतना क़रीब होने पर उन्हें यक़ीन नहीं हो रहा था की ये सब सच में हो रहा है।
देवा;अपने हाथों से ममता की कमीज ऊपर सरका देता है और दोनों अनछुई खूबसूरत गुलाबी निप्पल वाली ममता की चुचियाँ देवा के मुँह के सामने आ जाती है।

ममता शरमा के अपने दोनों ब्रैस्ट पर हाथ रख देती है।
देवा दोनों हाथों को वहां से हटा देता है और ममता के कान में धीरे से कहता है।
तूझ पर सबसे ज़्यादा अधिकार मेरा है अगर मुझसे छुपाएँगी तो किसी बतायेगी।
ममता दोनों हाथों को हटा देती है और देवा के सर को कस के पकड़ लेती है सर के बालों को दोनों हाथों में जकडने से देवा के होंठ सीधा ममता के मख़मली ब्रैस्ट से चिपक जाते है और देवा मुँह खोल देता है गलप्प गलप्प।

ममता उन्हह भइया आहह भइया आहह सस्सस्सस्स माँ।
देवा;पागल हो गया था अपनी बहन के निप्पल को देख के । इससे पहले किसी मरद ने इन्हें छुआ तक भी नहीं था । आज ममता कुछ भी मना करने के मूड में नहीं थी। चूत से कतरा कतरा पानी निकल रहा था । चूत के दोनों परदे इतनी ज़ोर से रगड खा रहे थे। जैसे कोई आंधी में कच्चे घर की छत हिलने लगती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large]रत्ना;तू अंदर है क्या ममता।
बाहर से रत्ना की आवाज़ सुनके देवा और ममता अलग हो जाते है।
ममता; हाँ माँ मै अंदर हूँ अभी आई।
रत्ना;जल्दी आ.......
रत्ना के जाने के बाद देवा अपनी बहन को एक बार फिर से बाहों में भर के चूम लेता है और उसके रूम से बाहर निकल जाता है।
ममता अपने धड़कते दिल को सँभालने की कोशिश करने लगती है मगर अब वो उसके बस में नहीं था। अब उसके दिल पर देवा का अधिकार हो गया था और बहुत जल्द ममता का जिस्म भी देवा का होने वाला था । इसी बात से उसके दिल की धड़कन थमने के बजाये और बढ़ती चलि जा रही थी।



उधर शालु के घर में:

नीलम खाना खाके सो चुकी थी और पप्पू अपने रूम में चारपाई पर लेटा हुआ था की तभी शालु वहां आती है।
शालु को देख पप्पू चारपाई से खड़ा हो जाता है।
शालु आगे बढ़ती है और पप्पू के सामने जाके खड़ी हो जाती है । दोनों एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है।
शालु;क्या हरकत कर रहा था तू दोपहर में किस की संगत में रहने लगा है तू। उस देवा के, अरे वो बड़ा कमीना है बेटा तुझे भी बिगाड देगा। अब भी वक़्त है सुधर जा तेरी शादी होने वाली है।
पप्पू; अपनी माँ से चिपक जाता है और दोनों हाथ शालु की कमर पर रख देता है।
मै सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ माँ।
अभी से नहीं बहुत दिन से जबसे मैंने होश सँभाला है तबसे।
मुझे नहीं करनी शादी अगर तुम मुझे अपने से अलग रखोगी तो मै अपनी जान दे दूंगा।
शालु;नहीं नहीं बेटा ऐसी बात मत कर वो पप्पू को अपनी छाती से चिपका लेती है।

मगर पप्पू तो सिर्फ धमकी दे रहा था मौके का फायदा उठाके के वो पीछे से शालु की साडी ऊपर उठाने लगता है और कमर तक चढ़ा के दोनों हाथों में शालु के नरम गाण्ड को पकड़ लेता है।

शालु; आहह पप्पू ऐसा मत सोच ये सब पाप है बेटा मै तेरी माँ हूँ तुझे जना है मैने।
पप्पू;अब्ब तुम मेरे बच्चे जनोगी माँ। मै तुझे अपने बच्चे की माँ बनाना चाहता हूँ।
ये कहके पप्पू अपनी माँ को पूरी ताकत से जकड लेता है।

शालु;अपने बेटे के मुँह से ये सुनके चौंक जाती है और उसे अपने से अलग करके एक ज़ोरदार थप्पड उसके मुँह पर जड़ देती है।
कमिने मै तुझे क्या समझती थी और तू क्या निकला
ये कहके शालु वहां से चली जाती है।
और पप्पू अपने गाल पर हाथ रख के सहलाने लगता है
उसके ऑखों में ऑसू आ जाते है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]रात गहरी हो चुकी थी हवेली में सभी सो चुके थे। हिम्मत राव रुक्मणी के पास लेटा हुआ था।
उसे नींद नहीं आ रही थी।
जब रानी और रुक्मणी ने सुबह उसे बिंदिया के बारे में पूछी थी तब तो उसने बता दिया था की ये उसके एक दोस्त की बीवी है और कुछ दिन यह हमारे साथ रहेगी। मगर अब उसे इस बात की चिंता सताए जा रही थी की रुक्मणी और रानी के होते हुए वो बिंदिया को चोदेंगे कैसे और अगर दोनों में से किसी ने उसे बिंदिया के साथ देख लिया तो तब क्या होगा उधर रानी भी अपनी चूत की आग में जल रही थी।
हिम्मत राव एक नज़र अपने बीवी की तरफ ड़ालता है। रुक्मणी सोई हुए थी हिम्मत राव का दिल तो कर रहा था की अभी रुक्मणी का गला घोंट के उसकी जान ले ले । मगर वो मजबूर था अगर रुक्मणी की मौत अचानक हो जाती तो उसकी सारी जायदाद उसके हाथ से निकल जाता। वो तो रुक्मणी को ग़ायब करना चाहता था हमेशा हमेशा के लिए और वो भी बदनाम करके देवा के साथ।
हिम्मत राव उठ के बिंदिया के रूम की तरफ चल पडता है।
बिंदिया को मेहमानखाने में ठहराया गया था।
हिम्मत के जाने के कुछ देर बाद रुक्मणी की आँख खुल जाती है। अपने पति को अपने पास न पा के रुक्मणी परेशान हो जाती है। उनके रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था । वो उठके बाहर निकल जाते है बिंदिया के रूम के बती जली हुई थी । रुक्मणी को थोड़ा शक होता है और वो दबे पांव उस रूम के खिडकी के पास जाके रुक जाती है।
खिड़की बंद थी और दरवाज़ा भी मगर खिडकी में एक चीड था उस चीड में आँख लगा के रुक्मणी अंदर झाँकती है और जो उसे दिखाई देता है वो देख उसकी पांव के नीचे की ज़मीन ही खिसक जाती है।

बिंदिया ; आहह मालिक धीरे से चोदो न आह्ह्ह्ह।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 52




बिंदिया ; आहह धीरे से चोदो न मालिक। उन्हह..............आअह्हह्हह्हह।
रुक्मणी को यक़ीन नहीं होता की वो जिस इंसान को भगवन की तरह पुजती थी वो कितना बड़ा शैतान है। अपने पति के लिए जान दे देने वाली रुक्मणी का भरोसा आज पूरी तरह टूट चुका था। वो वहां खड़े रहके उन दोनों को देख नहीं सकती थी। वो अपने रूम में आके लेट जाती है और सुबह होने का इंतज़ार करने लगती है।


ईधर देवा के घर में रात अपने पूरे शबाब पर चढ़ने वाली थी । रत्न और ममता तो कब की सो चुकी थी मगर मेहमान जग रहे थे। साथ में देवा भी अपने रूम में सोया नहीं था।
वो उठके देवकी के रूम की तरफ चल पडता है की तभी देवकी उसे सामने से आती दिखाई देती है।
देवकी;देवा के पास आके रुक जाती है।
क्या बात है कहाँ जा रहा है।
देवा; मैं तो आपके ही पास आ रहा था।
देवकी;नहीं तू अपने रूम में जा।
देवा;क्यों कल तो तुम जाने वाली हो ना मामी।
आज की रात ही तो है हमारे पास।
देवकी;तू अपने रूम में जा । मै अभी आती हूँ वहाँ।
देवा तो नूतन की चिकनी चूत चखने के लिए वहां जा रहा था भला उसे जवान के सामने कहाँ बूढी चूत पसंद आने वाली थी मगर वो देवकी को कुछ बोल भी नहीं पाता और चुप चाप अपने रूम में जा के देवकी का इंतज़ार करने लगता है।
कुछ देर बाद उसके रूम में कोई आता है और वो जो थी वो देवकी तो नहीं थी जब वो देवा के क़रीब आती है तो देवा ख़ुशी के मारे उछल पडता है वो और कोई नहीं बल्कि नूतन थी।
नुतन ;क्या बात है भैया आपने मुझे बुलाया था।
देवा;मैने।
नुतन ;हाँ माँ कह रही थी के तुमने मुझे बुलाया है कुछ काम है।
देवा को समझते देर नहीं लगती की मामी ने आज उसके रात का इन्तज़ाम कर दिया है इसका मतलब था आज की रात बस देवा और नूतन एक साथ एक रूम में बिना किसी परेशानी के खुल के कुछ भी कर सकते है।
देवा;उठके दरवाज़े के पास चला जाता है और जल्दी से दरवाज़ा बंद कर देता है।
नुतन भी तब तक जान चुकी थी की क्या होने वाला है मगर वो चुप चाप खडी रहती है। गाण्ड का सुराख़ अभी तक खुला नहीं था इसलिए थोडी झिझक अभी बाकी थी।
वो अपनी नज़रें झुकाये ज़मीन को देखते हुए अपने अँगूठे से ज़मीन कुरेदने लगती है दिल की धड़कने थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही थी।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;उसकी तरफ बढ़ते हुए अपनी शर्ट उतार देता है और पेंट की ज़िप खोल देता है।
नुतन नज़रें उठाके उसकी तरफ देखती है और पीछे पीछे सरकती जाती है उसका पैर किसी चीज़ से टकराता है और वो निचे बैठ जाती है।
देवा;बिलकुल उसके मुँह के सामने आके खड़े हो जाता है।
अपने हाथ से नूतन का चेहरा ऊपर करके वो उसकी ऑखों में ऑखें डाल के देखते हुए कहता है।
मामी ने तुझे यहाँ मुझसे चुदने के लिए भेजी है मेरी प्यारी बहना । चल अब जल्दी से नंगी हो जा देख न मेरा लंड कैसे तेरी चीकनी चूत में जाने के लिए मचल रहा है।
नुतन शर्मा के अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर लेती है।
देवा;अपना लंड पेंट से बाहर निकाल देता है वो पूरी तरह तैयार था नूतन की चूत में जाने के लिये।
जैसे ही नूतन अपना चेहरा उस की तरफ करती है उसके गले से देवा का लंड टकरा जाता है।

देवा नूतन के गरदन को हलके से दबा देता है जिसकी वजह से नूतन अपना मुँह खोल देती है और देवा का लंड सीधा नूतन की हलक में चला जाता है।
उस वक़्त तक नूतन भी चुदासी हो चुकी थी। कल रात देवा ने उसकी इस तरह चुदाई किया था की उसे तो हर वक़्त वही नज़र आ रहा था । वो तो सुबह से इस वक़्त का इंतज़ार कर रही थी की कब देवा का ये मुसल लंड उसके मुँह में होगा । बड़े चाव से वो अपने देवा के लंड को चुसने लगती है और देवा खड़े खड़े ही नूतन का मुँह चोद लगता है।



नुतन ;गलप्प गलप्प गलप्प......
देवा नूतन की क़मीज़ का चैन खोल देता है और उसे गरदन से निकाल देता है अंदर सिर्फ एक पतली सी ब्रा थी। देवा अपना लंड उसके मुँह से निकल के ब्रा के अंदर डाल देता है और दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ के अपना लंड ऊपर निचे करने लगता है।
नुतन;अपना हाथ पीछे डालके ब्रा का हुक खोल देती है और नरम सफेद दूध के बने हुए दोनों ब्रैस्ट देवा की आँखों के सामने आ जाते है। देवा उन दोनों को पकड़ के मसलने लगता है।
नुतन;उन्हह भैया मुझे आपकी बहुत याद आएगी। गांव में आहह कैसे रह पाऊँगी मै इसके बिना आह्ह्ह्ह...
देवा;नूतन को दोनों ब्रैस्ट पकड़ने के लिए कहता है और अपने लंड को उसकी दोनों चूचियों के बिच में अटका के उसके ब्रैस्ट को चोदने लगता है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]बस कुछ दिन बहना फिर तो तुझे यही आना है मेरे पास। पप्पू के साथ मिलके तुझे रोज़ चोदुंगा मैं।
नुतन ;चौंक जाती है आपके दोस्त के साथ।
देवा;हाँ बड़ा गांडु है तेरा होने वाला पति जबतक मुझसे गाण्ड नहीं मरवा लेता उसे नींद नहीं आती।
नुतन ;क्या आपने उनकी गाण्ड मारा है।
देवा;नूतन को लिटा देता है और पीछे से उसका एक पैर अपने ऊपर ले के लंड उसकी चूत पर टीका देता है।
हाँ कई बार उसकी गाण्ड मार चुका हूँ मै और एक दिन तुम दोनों पति पत्नी की गांड एक साथ मारूँगा।
ये कहते हुए देवा अपना लंड नूतन की चूत में घुसा देता है।

नूतन अपनी चूत में सरकते हुए इस ज़हरीले साँप की वजह से चीख पडती है मगर वक़्त पर देवा उसके मुँह पर अपना मुँह लगा देता है। जिससे नूतन की चीख देवा के मुँह में उत्तर जाती है। धक्कों की वजह से नूतन को सँभलने का मौका भी नहीं मिलता।
नुतन; उन्हह आपने मेरे होने वाली पति की गाण्ड मारी ये सोच के ही मेरी चुत पानी छोड़ने लगी है भैया। जब आप हम दोनों की एक साथ मारेंगे तो उस दिन क्या होंगा उन्हह..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....
माँ मेरी चूत को आहह भइया चीर देंगे उन्हह
देवा;तेरी माँ ने तो तुझे यहाँ भेजी है तेरी चूत खुलवाने के लिए चिल्लाती क्यों है। आहह बस थोडी देर दर्द होता है कल भी तू ऐसे ही चीखते चीखते कैसे गाण्ड उछाल उछाल के चुदवा रही थी मेरी प्यारी बहना आह्ह्ह्ह्ह्।
नुतन; भैया आप्प मुझे शादी के बाद रोज़ चोदेंगे ना उन्हह।
देवा;हाँ नूतन हर रात तुझे भी और तेरे पति को भी आह्ह्ह्ह।
नुतन; हाय माँ । मेरे भैया मुझे अपने पति के सामने चोदेंगे उन्हह मै कैसे ले पाऊंगी अपने पति के सामने। उन्हह आहह नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है । वो अपने पति के सामने चुदवाने का सोच के झरने लगती है मगर देवा उसे रात भर जगाने वाला था वो सटा सट अपने धक्कों की रफ्तार बरक़रार रखता है।
करीब 30-40 धक्को के बाद नूतन की चूत मे कुछ चिकनाहट आती है और उसकी गान्ड भी देवा की गान्ड के साथ हिलने लगती है, फिर देवा जब कस कर धक्का लगाता तो नूतन भी अपनी चूत को उसके लंड पर मारने लगती है, अब दोनो ओर से पूरी ताक़त से शॉट पर शॉट पड़ने लगते है और नूतन देवा को चूमना शुरू कर देती है और देवा भी नूतन को चूमते हुए उसकी चूत मारने लगता है।
देवा: नूतन की चूत को चोदता हुआ, नूतन कैसा लग रहा है।
नूतन: आह आह भाई बहुत अच्छा और तेज करो ना।
देवा :क्या मेरा लंड बहुत बड़ा है
नूतन: नही बहुत अच्छा है लेकिन रामु भइया से बड़ा है।
देवा नूतन की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ उसके होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसकी चूत मे सटासट अपने लंड को पेलने लगता है और नूतन अपनी मोटी गान्ड उठा-उठा कर देवा के हर धक्के का जवाब देने लगती है।
लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की चूत और लंड को एक दूसरे पर मारते रहते है उसके बाद नूतन देवा को पागलो की तरह चूमते हुए ज़ोर-ज़ोर से सीसीयाने लगती है और उसकी चूत बहुत ज़्यादा चिकनी होकर देवा के मोटे लंड को सटासट अपनी चूत मे लेने लगती है और फिर अचानक नूतन देवा को अपनी बाँहो मे कस कर जकड़ लेती है और उसकी चूत देवा के लंड को कस कर जकड़ लेती है और वह पानी छोड़ने लगती है।

देवा भी नूतन की चूत मे सटसट 8-10 धक्के मारता है फिर उसकी चूत मे एक आख़िरी जबरदस्त धक्का मार कर अपने लंड को पूरा नूतन की चूत की गहराई मे फसा कर रुक-रुक कर अपना पानी नूतन की चूत के अंदर छोड़ने लगता है और फिर दोनो एक दूसरे को कस कर चिपक जाते है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगते है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]उधर दूसरे रूम में रामु देवकी और कौशल्या तीनो बिलकुल नंगे एक दूसरे से चिपके हुए थे।
रामु का लंड अपनी माँ की चूत में अंदर बाहर हो रहा था और कौशल्या अपने दोनों पैर खोल के देवकी के मुँह पर बैठी हुई थी।
नीचे से पडते हुए धक्कों से देवकी का मुँह खुला हुआ था और ऊपर से अपनी बहु की चूत की महक से उसका बुरा हाल था वो अपने बहु की चूत में ज़ुबान डाल देती है।
कौशल्या;आहह माँ जी मेरी चूत के दाने को काटो न उह आहह आपकी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक घुसाओ न माँ जी।
देवकी दोनों हाथों से कौशल्या की चूत को खोल के अपनी ज़ुबान अंदर तक घुसा देती है और कौशल्या की चूत के दाने को मुँह में ले के दाँतों से हल्के हल्के काटने लगती है।



देवकी की चूत से पच प फच फचच की आवाज़ पूरे रूम में गूँजने लगती है । अपने बेटे रामु के लंड से अपनी चूत को नहलाती देवकी आज स्वर्ग में पहुँच चुकी थी। ये सब हो पाया था देवा की वजह से। कहाँ एक वक़्त ऐसा था की छुप छुप के उसे रामु का लंड लेना पडता था और अब कहाँ वो अपनी बहु की चूत चाटते हुए अपने बेटे का लंड अपनी चूत की गहराइयों में ले पा रही थी।
रामू के मुँह के सामने कौशल्या की गाण्ड थी वो देवकी को चोदते हुए अपनी एक ऊँगली अपनी पत्नी की गाण्ड में पेल देता है।
कौशल्या;आहह मादरचोद मेरी गाण्ड मारेगा क्या आह्ह्ह्हह।
रामु;हाँ साली छिनाल तेरी गाण्ड मारूँगा मै। माँ को चोदने के बाद।
कौशल्या;उन्हह मार ना साले बता मुझे तेरे लंड में कितना दम है।
एक पतिवरता पत्नी के मुँह से गालियां सुनके देवकी भी हैरत में थी मगर कौशल्या के मुँह से गालियां सुनके देवकी और ज़्यादा जोश में आ जाती है।
देवकी;आहह भडवे चोद न जम के तुझसे अच्छा तो गली का कुत्ता चोदता है आअह्हह्हह्हहह।
रामु; छिनाल देख अब तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ।
रामु अपनी माँ और पत्नी के मुँह से गालियां सुनके पूरी तरह गुस्से में आ जाता है और अपने लंड को सटा सट सटा सट अपनी माँ की गीली चूत में डालते हुए कौशल्या की गाण्ड में भी दो उँगलियाँ पेलने लगता है।
जीस वक़्त देवा नूतन को और रामु देवकी और कौशल्या को चोद रहे थे। उसी वक़्त शालु के घर में ख़ामोशी थी।
शालु अपने रूम में सोई हुई थी।

आज उसका जिस्म पूरी तरह तप चुका था पप्पू की हरकतो ने उसके तन बदन में आग लगा दिया था। अपने बेटे को डांटने वाली उसकी ग़लतियों पर उसे मारने वाली शालु आज खुद अपने बेटे को याद कर रही थी । आज शालु को लंड के बहुत ज़रूरत थी। कहते है औरत को लंड न मिले तो वो पागल सी हो जाती है यही हाल इस वक़्त शालु का भी था। बेड पर पड़े पड़े वो सिर्फ पप्पू के बारे में उसके लंड के बारे में सोच रही थी। वो इतनी ज़्यादा चूदासी हो चुकी थी की उसे किसी भी कीमत में किसी का भी लंड उस वक़्त मिल जाता तो वो उससे चुदवा लेती।
शालु;अपने पति को कोसते हुए सो जाती है तकरीबन एक घंटे बाद शालु को महसूस होता है की कोई उसके कमर को सहला रहा है वो अपने ऑखें खोल के देखती है और पप्पू को अपने क़रीब देख खुश हो जाती है।
पप्पू;अपनी माँ को चोदने के लिए रात में उठके यहाँ आया था।
वो अपनी माँ के पास लेट के उसकी कमर को सहलाते हुए साडी ऊपर सरकाने लगता है।
शालु; पीठ के बल लेट जाती है वो अपनी ऑखें नहीं खोलती बल्कि शायद वो देखना चाहती थी की पप्पू क्या करता है।
पप्पू; धीरे धीरे अपनी माँ की साडी ऊपर तक चढा देता है।
शालु;अपने दिल के धड़कनो को किसी तरह संभाले हुए थी।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]पप्पू;एक बच्चे की तरह अपनी माँ की पेंटी सूँघने लगता है। लाल पेंटी और उसके पीछे छुपी हुई हलके झांटो वाली छूट को अब तक सिर्फ पप्पू के बापु ने ही देखा था । आज पप्पू वो दुसरा मरद बनने वाला था जो उस जगह को देखने वाला था।
अपनी माँ की तरफ से किसी किस्म का विरोध न देख पप्पू जल्दबाज़ी में पैंटी निचे खीच देता है और हलके भूरे रंग की बालों वाली शालु की मदमस्त चूत पप्पू के सामने आ जाती है।
उसे देख पप्पू की लूल्ली भी पेंट में उछल कूद करने लगती है।
शालु;थोडी थोडी ऑखें खोल के पप्पू की हरकतो को देख रही थी।
पप्पू;खड़ा होजाता है और अपनी पेंट उतार देता है।
वो बहुत जल्द बाज़ी में था। शालु के दोनों पैरों के बीच में आके वो दोनों पैरों को थोड़ा सा खोल देता है।
शालू सिसक पडती है उसके मुँह से किसी भी वक़्त चीख निकल सकती थी मगर वो खुद को बडी मज़बूती से रोके हुई थी।
की अचानक शालु को अपनी चूत के मूहाने पर कोई गरम सी चीज़ महसूस होती है।


शालु इतनी चुदासी इससे पहले कभी नहीं हुई थी। भूल में वो अपना हाथ पप्पू के लंड के पास ले जाती है बस लंड चूत के अंदर जाने ही वाला था की पप्पू के छोटे से लूल्ली से ठण्डा पानी वही शालु की चूत के ऊपर गिरने लगता है।

पानी निकलते ही पप्पू निढाल से वही लेट जाता है।
शालु उठके बैठ जाती है और जब उसकी नज़र अपनी चूत पर और पप्पू के मुरझाये हुए छोटे से लंड पर पडती है तो उसके दिमाग का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच जाता है वो एक लात पप्पू के गाण्ड पर मारती है और पप्पू बिस्तर से निचे जाके गिर पडता है।
शालु;हरामी क्या करने आया था तू यहाँ कमिने तुझे मना की थी न मैंने ऐसे वैसी कोई हरकत करने को।
पप्पू;माँ मै तो मुझे माफ़ कर दो माँ मै ऐसा नहीं करूंगा कभी भी।
शालु का दिमाग इसलिए भी ख़राब हो चुका था की पप्पू उसे बीच मझधार में छोड के आ गया था।

शालु;रुक हरामी की औलाद तू और तेरा बाप दोनों किसी काम के नहीं हो शालु ग़ुस्से में जाके पास में पड़ी हुए चाबुक उठा लेती है और सना सन सना सन फ़ड़ फड़ पप्पू की कमर और पीठ पर पिटाई शुरू कर देती है।
पप्पू;शालु से माफ़ी माँगता रोता तिलमिलाता वहां से भागने के कोशिश करता है। मगर शालु उसके बाल पकड़ के दो तीन चप्पल उसके मुँह पर भी जड़ देती है। बोल हरामी आएगा मेरे पास ऐसे वैसी कोई हरकत करने बोल कुत्ता।
पप्पू;नहीं माँ कभी नहीं आऊँगा मुझे माफ़ कर दे।
ये कहते हुए पप्पु अपनी पिटी हुई गाण्ड ले के वहां से भाग के अपने रूम में चला जाता है और शालु बिस्तर पर बैठ जाती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]सुबह जब पदमा हवेली में बर्तन साफ़ करने कपडे धोने पहुँचती है तो रुक्मणी उसे अपने रूम में बुला लेती है।
पदमा;जी मालकिन क्या हुआ।
रुक्मणी;पदमा देख ज़रा देवा कहाँ है उसे यहाँ बुला ला। मुझे उससे कुछ काम है।
पदमा;क्या काम है मालकिन।
रुक्मणी;तुझसे मतलब।
उससे कहना बड़ी मालकिन ने बुलाया है और हाँ उसे कहना जागिरदार भी आ गये है।
पदमा;जी मालकिन बोल दूंगी मगर वो मूआ तो मुझे भी दिखाई नहीं दे रहा है। पता नहीं कहाँ रहने लगा है आज कल।
पदमा अपने दिल के चलते रूकमणी के सामने से फौरन जाने लगती है।
रुक्मणी;अब तू पहले जा और मेरा ये संदेशा देवा तक पहुँच आ।
पदमा;हवेली से निकल के देवा की तरफ चली जाती है।
जब वो देवा के घर के सामने पहुँचता है तो देवा उसे घर से बाहर निकलता हुआ दिखाई देता है।
पदमा ग़ुस्से में उसके पास आ जाती है।
क्यूं रे मुझे पेट से करके भूल गया न । तुझे एक पल की भी फुर्सत नहीं तुझे मुझसे मिलने का।
देवा; पदमा की बात सुनके मुस्कुरा देता है अरे नहीं काकी वो मामी और मामा आये हुए है ना । आज चले जाएंगे।
इसलिए घर से बहुत काम निकलता था मै वैसे तू दिख बहुत सुन्दर रही है।
पदमा;देवा की बात पर मुस्कुरा देती है।
चल तू जान भी ले ले मेरी तो कोई गम नहीं बाप जो है मेंरे बच्चे का। तू कमिने अपने मामा मामी के जाने के बाद आईयों मेरे घर । बताती हूँ तुझे मै भी ज़रा।
देवा; अच्छा ये बता इतनी सुबह सुबह यहाँ कैसे।
पदमा;अरे हाँ मै तो भूल ही गई। वो बड़ी मालकिन ने तुझे याद किया है।
बोल रही थी की देवा से कहना की जागिरदार साहब आ गये है।
हिम्मत राव का नाम सुनके देवा को अपना बापु की याद आ जाती है और ऑखों में अंगारे उतर आते है।।
देवा;मालकिन से बोलना मै दोपहर में आ जाऊँगा।
पदमा;ठीक है ये कहके पदमा अपनी कमर मटकाते हुए वहां से चली जाती है और देवा अपने खेत की तरफ निकल जाता है।
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