hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 53
देवा अपने खेत में काम कर रहा था मगर उसका मन वहां बिलकुल नहीं लग रहा था बार बार वो एक ही बात सोच रहा था की आखिर रुक्मणी ने उसे क्यों बुलाया है क्या उसे पता चल गया है की उसके बापु कहाँ है। क्या वो ज़िंदा है ऐसे कई सारे सवाल देवा के मन में पैदा हो रहे थे।
वो खेत के मज़दूरों को अपना अपना काम बता के हवेली की तरफ चला जाता है।
हवेली में जब वो पहुँचता है तो उसे वहां से हिम्मत राव अपनी गाड़ी में कही जाता हुआ दिखाई देता है। हिम्मत राव की नज़र देवा पर नहीं पडती मगर देवा उसे देख लेता है और उसे देखते ही उसके तन बदन में आग सी लग जाती है।
वो हवेली में दाखिल होता है और उसे वही दरवाज़े पर रानी मिल जाती है। रानी देवा को देख खुश हो जाती है और उसका हाथ पकड़ के अपने रूम में ले आती है।
रानी;हम्म क्यों रे ज़ालिम कहाँ रहता है न कोई अता न पत्ता अपना काम निकल गया बस । उसके बाद पुछने भी नहीं आया की मै ज़िंदा भी हूँ या नही।
रानी के शब्द ऐसे लग रहे थे जैसे कोई प्रेमिका अपने प्रेमी से नाराज़ है उसके ना मिलने से।
देवा;मुस्कुरा देता है।
नही मालकिन ऐसी कोई बात नहीं है मेरे मामी और मामा आये हुए है इसलिए कही जा नहीं पाया अब आ गया हूँ न बोलिये क्या बात है।
रानी;देवा को बड़े गौर से देख रही थी। वो देवा को बिस्तर पर लिटा देती है और खुद उसके ऊपर चढ़ जाती है। उसके दोनों पैर देवा के इर्द गिर्द आ जाते है थोड़ा सा झुक के वो देवा की छाती पर अपनी दोनों ब्रैस्ट घीसने लगती है।
सच बता मेरी याद नहीं आती है क्या तुझे।
देवा;आती है।
रानी; अच्छा कब आती है।
देवा;हर वक़्त आती है जब भी मै साँस लेता हूँ।
जाहीर सी बात थी की देवा झूठ बोल रहा था उसे रानी से रत्ती भर भी प्रेम नहीं था। वो तो रानी के ज़रिये अपने बापू तक पहुँचना चाहता था।
रानी; पीछे हाथ डालके अपनी कमीज का चैन खोल देती है और दोनों ब्रैस्ट बाहर निकाल देती है उन दोनों को देवा के मुँह के सामने ला के बड़े प्यार से कहती है।
ले चूस इन्हें बड़े कड़क हो गये है तेरे बिना ये।
देवा;रानी को अपने ऊपर से हटा देता है और खुद खड़ा हो जाता है।
अभी नहीं मुझे कुछ काम है।
बडी मालकिन से।
रानी; अच्छा तो तू यहाँ माँ से मिलने आया था मै समझी मुझसे मिलने आया है।
निकल जा यहाँ से अभी के अभी।
अपने चूत पे धक्का लगता देख रानी बिदक गई थी।
देवा :उसके पास आता है और उसके बाल को कस के पकड़ के खीचता है।
मैने तुझसे पहले भी कहा था मुझसे ऊँची आवाज़ में बात करेंगी न तो बहुत बुरा हाल करुँगा।
रानी की ऑंखों में ऑंसू आ जाते है।
आह छोड मुझे दर्द होता है। नहीं चिल्लाऊंगी अब से उन्हह छोड ना देवा।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
देवा अपने खेत में काम कर रहा था मगर उसका मन वहां बिलकुल नहीं लग रहा था बार बार वो एक ही बात सोच रहा था की आखिर रुक्मणी ने उसे क्यों बुलाया है क्या उसे पता चल गया है की उसके बापु कहाँ है। क्या वो ज़िंदा है ऐसे कई सारे सवाल देवा के मन में पैदा हो रहे थे।
वो खेत के मज़दूरों को अपना अपना काम बता के हवेली की तरफ चला जाता है।
हवेली में जब वो पहुँचता है तो उसे वहां से हिम्मत राव अपनी गाड़ी में कही जाता हुआ दिखाई देता है। हिम्मत राव की नज़र देवा पर नहीं पडती मगर देवा उसे देख लेता है और उसे देखते ही उसके तन बदन में आग सी लग जाती है।
वो हवेली में दाखिल होता है और उसे वही दरवाज़े पर रानी मिल जाती है। रानी देवा को देख खुश हो जाती है और उसका हाथ पकड़ के अपने रूम में ले आती है।
रानी;हम्म क्यों रे ज़ालिम कहाँ रहता है न कोई अता न पत्ता अपना काम निकल गया बस । उसके बाद पुछने भी नहीं आया की मै ज़िंदा भी हूँ या नही।
रानी के शब्द ऐसे लग रहे थे जैसे कोई प्रेमिका अपने प्रेमी से नाराज़ है उसके ना मिलने से।
देवा;मुस्कुरा देता है।
नही मालकिन ऐसी कोई बात नहीं है मेरे मामी और मामा आये हुए है इसलिए कही जा नहीं पाया अब आ गया हूँ न बोलिये क्या बात है।
रानी;देवा को बड़े गौर से देख रही थी। वो देवा को बिस्तर पर लिटा देती है और खुद उसके ऊपर चढ़ जाती है। उसके दोनों पैर देवा के इर्द गिर्द आ जाते है थोड़ा सा झुक के वो देवा की छाती पर अपनी दोनों ब्रैस्ट घीसने लगती है।
सच बता मेरी याद नहीं आती है क्या तुझे।
देवा;आती है।
रानी; अच्छा कब आती है।
देवा;हर वक़्त आती है जब भी मै साँस लेता हूँ।
जाहीर सी बात थी की देवा झूठ बोल रहा था उसे रानी से रत्ती भर भी प्रेम नहीं था। वो तो रानी के ज़रिये अपने बापू तक पहुँचना चाहता था।
रानी; पीछे हाथ डालके अपनी कमीज का चैन खोल देती है और दोनों ब्रैस्ट बाहर निकाल देती है उन दोनों को देवा के मुँह के सामने ला के बड़े प्यार से कहती है।
ले चूस इन्हें बड़े कड़क हो गये है तेरे बिना ये।
देवा;रानी को अपने ऊपर से हटा देता है और खुद खड़ा हो जाता है।
अभी नहीं मुझे कुछ काम है।
बडी मालकिन से।
रानी; अच्छा तो तू यहाँ माँ से मिलने आया था मै समझी मुझसे मिलने आया है।
निकल जा यहाँ से अभी के अभी।
अपने चूत पे धक्का लगता देख रानी बिदक गई थी।
देवा :उसके पास आता है और उसके बाल को कस के पकड़ के खीचता है।
मैने तुझसे पहले भी कहा था मुझसे ऊँची आवाज़ में बात करेंगी न तो बहुत बुरा हाल करुँगा।
रानी की ऑंखों में ऑंसू आ जाते है।
आह छोड मुझे दर्द होता है। नहीं चिल्लाऊंगी अब से उन्हह छोड ना देवा।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]