Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 38 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा एक हाथ से कौशल्या का सर और दूसरे से पप्पू का सर पकडता है और दोनों को अपने लंड के क़रीब करता चला जाता है जब दोनों के नाक में देवा के लंड की महक पहुँचती है तो दोनों एक साथ ऑंखें बंद करके मुँह खोल देते है और एक इधर से और दूसरा उधर से देवा के पूरे लंड को ज़ुबान बाहर निकाल के चाटने लगते है। गलप्प शलपप गलप्प गलप्प.....
देवा;आहें भरने लगता है एक तरफ पप्पू और दूसरी तरफ से अपनी भाभी की गरम ज़ुबान को अपने लंड पर महसूस करके उसके लंड के साथ साथ पूरे जिस्म में आग भडकने लगती है।


देवा; लंड की टोपी पप्पू के मुँह में डालके आगे पीछे करने लगता है और कुछ देर बाद उसे बाहर निकाल के कौशल्या के मुँह में डाल देता है।
इस तरह दोनों के थूक से गीला करते हुए वो दोनों के मुँह को चोदने लगता है।
कौशल्या अपने हाथ से चूत को सहलाते हुए देवा के लंड को चूसने लगती है वो इससे पहले भी अपने पति के सामने देवा से चुदवा चकी थी मगर आज बात कुछ और थी। आज रामु नहीं बल्कि पप्पू था जो कुछ ही दिनों बाद उसके ननद का पति होने वाला था।
देवा;पप्पू अपना हथियार तो दिखा ज़रा भाभी जी को।
पप्पू;घबराते हुए खड़ा हो जाता है और अपने अंडरवियर निचे कर देता है।
पप्पु का लंड छोटा ज़रूर था मगर उसके लंड के सामने की टोपी लाल गुलाब की तरह थी उसे देखते ही कौशल्या देवा के लंड को मुँह से निकाल देती है और पप्पू के लंड को पकड़ के चूसने लगती है।
पप्पू;आहह भाभी आहह धीरे धीरे आह्ह्ह्ह।
उसने सोचा भी नहीं था की कौशल्या इतनी तेजी से हमला करेगी उसके लंड पर। मगर जब औरत गरम हो जाती है तो उसे कुछ नहीं पता और कौशल्या आज जल रही थी। चूत के साथ साथ गाण्ड की आग भी उसे बेक़रार कर रही थी।
अपने दोनों हाथो में दोनों जवान लंड पकड़ के कौशल्या उन दोनों को बारी बारी मुँह में ले के चुसने लगती है।
देवा का लंड इतना कड़क हो चुका था की उसे अब बस कौशल्या की चूत ही दिखाई दे रही थी।
वो कौशल्या को लिटा देता है और सामने पड़े हुए तेल की बोतल में से तेल सीधा कौशल्या की चूत पर गिरा देता है। चूत पर तेल गिरते ही चूत और चमकने लगती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;हाथ से कौशल्या की चूत और गाण्ड की सुराख़ को और ज़्यादा चिकना कर देता है। दोनों सुराख़ तेल से चमक रहे थे।
देवा;कौशल्या के पास लेट जाता है और उसे अपने ऊपर खीच लेता है। देवा के ऊपर सवार होते ही कौशल्या भी अपनी चूत को देवा के लंड पर घीसने लगती है।
कौशल्या;उन्हह अंदर डाल दो देवर जी और कितना घिसोगे।
देवा;थोडी कमर ऊपर उठा।
कौशल्या;कमर उठा देती है।
और देवा हाथ में लंड पकड़ के कौशल्या की चूत के मुँह पर लगा देता है।
अब नीचे बैठ।
कौशल्या नीचे बैठती चली जाती है और चीखती चली जाती है।
उन्हह माँ आहह देवर जी बहुत मोटा है आपका आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;तेरी चूत देख के और ज़्यादा मोटा हो जाता है भाभी आह।
कौशल्या ;मेरी चूत है ही ऐसी की अच्छे अच्छे अपने लंड आहह हिलाने लग जाते है । उहँन माँ इतनी ज़ोर से आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा;आहह क्या करुं भाभी तेरी चूत है ही ऐसी उन्हह
देवा;अब्बे देख क्या रहा है चढ़ जा पीछे से और भाभी की गाण्ड में घूस्सा दे अपना लंड।
कौशल्या;भैया धीरे डालना अपने दोस्त की आहह तरह नहीं उन्हह । छोटी सी गाण्ड मेरी फाड़ मत देना उन्हह।


देवा के झटके कौशल्या को ठीक से बोलने भी नहीं दी रहे थे। निचे से देवा और ऊपर से कौशल्या अपनी कमर को हिला रही थी।
पप्पू दोनों हाथों से कौशल्या की कमर को पकड़ लेता है और अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड के सुराख़ पर लगा देता है।
कौशल्या;उन्हह डालो न पप्पू भैया आहह्ह्ह्ह।
पप्पू धक्का देता है मगर लंड अंदर नहीं जाता वो दूबारा धक्का देता है फिर भी लंड अंदर नहीं जाता।
कौशल्या;उन्हह चोदना नहीं आता तो अपने गाण्ड में ले लो। उन्हह डाल भी दो ना।
देवा;रुका थोडी देर।
देवा अपने लंड को कौशल्या की चूत में से निकाल के गाण्ड के सुराख़ पर टीका देता है और सन्न देने से अंदर की तरफ धक्का देता है। लंड गाण्ड को चीरता हुआ अंदर तक चला जाता है और कौशल्या बुरी तरह चीख़ पडती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]कौशल्या; आहह हरामी गाण्ड है ना वो मेरी आहह इतनी जोर से थोड़े मारते है। मुत निकल गया मेरा।उईईईईई माँ आह्ह्ह्ह।
मगर देवा कौशल्या की एक नहीं सुनता और सटा सट अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में आगे पीछे करने लगता है।
कौशल्या चीखती रहती है की धीरे धीरे मगर देवा 5 मिनट में कौशल्या की गाण्ड को पूरी तरह खोल देता है।
देवा;पप्पू मै बाहर निकाल रहा हूँ तू जल्दी अंदर घुस्सा दे।
पप्पू;ठीक है।
पप्पू;अपना लंड हाथ में पकड़ के कौशल्या की गाण्ड के पास ले आता है और जैसे ही देवा अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड के बाहर खीचता है उसके खुले हुए सुराख़ में पप्पू अपने लंड को घूसा देता है।
कौशल्या की गाण्ड का सुराख़ अभी ठीक से सिकुड़ा भी नहीं था की पप्पू उसे फिर से खोल देता है।
कौशल्या; ओह्ह माँ लगता है आज तुम दोनों मुझे जान से मार दोगे।
देवा;तुझे दोनों में ले ने का शौक था न अब देख।

देवा अपने लंड को कौशल्या की चूत के मुहाने पर लगा के बिना कोई चेतावनी दिए अंदर जड़ तक एक झटके में पेल देता है और दोनों बड़े बेरहमी के साथ आगे पीछे से कौशल्या की चुदाई करने लगते है।

कौशल्या ; उईई माँ नहीं नहीं मुझे नहीं चुदवाना आहह नहीं उईई माँ तुझे तेरी माँ की कसम । देवा निकाल दे। आहह पप्पू भैया आपको आपके माँ की कसम आहह निकाल दो। आहह नही
मगर दोनों जड़ तक पूरा का पूरा लंड कौशल्या की चूत और गाण्ड दोनो में डालके उसे चोदने लगते है।

कौशल्या;थोड़े ही देर में पसीने पसीने हो जाती है उसकी चूत और गाण्ड के बीच का पर्दा इतना क़रीब आ जाता है की ऐसा मालूम होता है की अब वो पर्दा फट जायेगा और दोनों लंड एक हो जाएंगे मगर ऐसा नहीं होता और दोनों दोस्त अपने भाभी के इच्छा पूरी करने में लग जाते है।
देवा;अपना लंड बाहर निकाल लेता है। लंड के बाहर निकलने से कौशल्या थोडी राहत की साँस लेती है मगर ये सुकून थोड़े देर का था।
जैसे ही देवा लंड बाहर निकाल लेता है वो पप्पू को अपना लंड कौशल्या की चूत में ड़ालने के लिए कहता है।
पप्पू अपनी होने वाली भाभी को अपने ऊपर ले लेता है।
पहली बार कौशल्या पप्पू के ऊपर चढी थी । उसे पप्पू के गुलाबी होंठ बहुत अच्छे लगते है और वो अपने होठो को पप्पू के होठो से मिला देती है दोनों एक दूसरे के होठो को चुसने लगते है।
की तभी पीछे से एक ज़ोरदार झटका कौशल्या अपनी गाण्ड में महसूस करके पप्पू के होठो से अलग हो जाती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में उतार देता है और पप्पू चूत में। दोनों बारी बारी कौशल्या भाभी को चोदने लगते है।
मगर पता नहीं देवा को क्या हो जाता है की वो अपना लंड गाण्ड की सुराख़ से निकाल के कौशल्या की चूत के पास ले आता है। हालाँकि पप्पू का लंड छोटा था मगर देवा का मुसल लंड था देवा अपना भी लंड पप्पू के लंड के साथ कौशल्या की चूत में घूसाने लगता है।
कौशल्या;देवर जी वहां नही आहह मै मर जाऊँगी बाप रे आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;दोनों टाँगें चौडी करके अपने लंड का सुपाडा कौशल्या की चूत के अंदर घूसा ही देता है उसके इस हरकत से कौशल्या रो पडती है और चीखने लगती है वो देवा के हाथ जोड़ने लगती है मगर देवा नहीं सुनता।

कौशल्या;उन्हह मुझे माफ़ कर दो देवर जी आह्ह्ह्ह।
अरे हरामी सुनता क्यों नहीं मेरी चूत फट जाएगी ना। आहह माँ ....मेरी चूत । अचानक कौशल्या बेहोश हो जाती है क्यूंकि देवा भी अपना लंड पप्पू के लंड के साथ जड़ तक कौशल्या की चूत में उतार देता है।
मगर अगला ही धक्का उसे फिर से होश में ले आता है। अब दो लंड एक साथ मिलकर कौशल्या की चूत को फाडने के पीछे लग जाते है और कौशल्या इतनी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगती है की ममता भी उसकी आवाज़ सुनके भागते हुए वहां चलि आती है। मगर उसके कदम दरवाज़े पर ही रुक जाते है क्यूंकि अंदर का नज़ारा देखने लायक नहीं था। कौशल्या की चूत में दो जवान लंड धँसे हुए थे और उसकी चूत से हल्का हल्का खून भी निकल रहा था।
कौशल्या;माँ मुझे बचा ले आहहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
वो रोती रहती है। आखिरकार देवा को उस पर रहम आ जाता है और वो अपना लंड बहार खीच लेता है।
कौशल्या;अपनी साँसे सँभालने लगती है।
मगर पप्पू अभी भी हलके हलके धक्के कौशल्या की चूत में मार रहा था।
देवा; मुँह बंद कर इसका पप्पू। साली बहुत चीख़ती है।
पप्पू;अपने होठो से कौशल्या के मुँह को बंद कर देता है।
देवा के सामने दोनों धीरे धीरे चुदाई कर रहे थे। ये देवा से देखा नहीं जाता।
वो पप्पू के पिछे जाके बैठ जाता है और पप्पू की कमर पर अपना लंड घीसने लगता है।
लंड को कमर पर महसूस करके पप्पू चोदना बंद कर देता है और गरदन मोड़ के देवा की तरफ देखता है।
देवा;इशारे से पप्पू को कुछ पूछता है और पप्पू भी हाँ कह देता है।
अगले ही पल देवा अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा देता है और लंड को हाथ में पकड़ के पप्पू के गाण्ड के छेद पर घिसते हुए अंदर पेल देता है। पप्पू की गाण्ड देवा के लंड को अच्छी तरह पहचानती थी जैसे ही पप्पू की गाण्ड पर देवा के लंड की दस्तक होती है पप्पू की गाण्ड का दरवाज़ा खुल जाता है और लंड अंदर चला जाता है।
ममता और कौशल्या दोनों ऑखें फाड़े ये देखने लगते है।
जहां पप्पू का लंड कौशल्या की गाण्ड में अंदर बाहर हो रहा था । वही देवा का लंड भी पप्पू की गाण्ड में अंदर बाहर हो रहा था।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]पप्पू;आहह भाई देखो न भाभी को आहह दर्द हो रहा है उहं आराम से कर ना देवा....
देवा;मैं कैसे भी करूँ उससे तुझे क्या ।साले गांडु आह्ह्ह्ह्ह।
कौशल्या को ऐसे महसूस होता है जैसे दो लंड फिर से एक साथ उसे चोद रहे है। पप्पू की गाण्ड में देवा के लंड के जो झटके लग रहे थे। वो कौशल्या को अपनी चूत में महसूस होने लगते है।
देवा की नज़र अचानक ही दरवाज़े की तरफ जाती है और वहां अपनी बहन को तरसता देख उसे उस पर तरस आ जाता है। वो अपना लंड बाहर निकाल लेता है और ममता की तरफ बढ़ने लगता है।


ममता अपने भाई को अपनी तरफ आता देख वहां से भाग जाती है मगर अब उसका बदन इतना तप चुका था की वो कपडे भी अपने शरीर पर बर्दाश्त नहीं कर पाती और अपने सारे कपडे निकाल के अपनी गरम चूत को सहलाते हुए बिस्तर पर लेट जाती है।
जब देवा उसके रूम में पहुँचता है तो उसे ममता उलटी लेटी हुई दिखाई देती है।
देवा;का लंड अपनी बहन को देख पागल सा हो जाता है। वो ममता के ऊपर पूरा का पूरा लेट जाता है और उसे अपने नीचे दबाने लगता है।
ममता;आहह क्या लेने आए हो। जाओ न अपनी भाभी और दोस्त उनके पास मेरी फिकर करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
देवा का लंड ममता को अपनी चूत के मुँह पर चुभने लगा था । इस वजह से वो बोलते बोलते चुप हो जाती है।
देवा;ममता मेरी बहना तुझे चोदना है मुझे अभी के अभी।
ममता ये सुनते ही उठके बैठ जाती है और देवा के लंड को मुठी में पकड़ के धीरे से कहती है।
ममता;आहह चोदो न भैया आपकी ही तो है ये चूत भी और गाण्ड भी आह्ह्ह्ह।
देवा;अपनी छोटी बहन की गर्मी को भांपता हुआ उसे झट से लिटा देता है और उसकी चिकनी चूत पर अपना लंड जैसे ही देवा टिकाता है । ममता निचे से ऊपर की तरफ ज़ोरदार झटका देती है और लंड सीधा ममता की बच्चेदानी से जा टकराता है।

ममता अपने दोनों पैर देवा की कमर से लपेट लेती है।
आह भैया आप न भाभी को उनके घर छोड आओ और मुझे दिन रात चोदते रहो। बस उन्हह मुझसे अब बरदास्त नही होता की मेरे सामने मेरे भैया का लंड किसी और की चूत में जाए ये सिर्फ मेरा है ।मुझे ये दिन रात चाहिए।
देवा;बस कुछ दिन मेरी बहना उसके बाद तो तुझे ही रहना है मेरे लंड के नीचे रात दिन।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]ममता; रोज़ चोदोगे न भइया मुझे ऐसे ही आह्ह्ह्हह।
देवा;हाँ ममता रोज़ रात में तू मेरे कमरे में आ जाया कर मै तुझे कभी आगे से कभी पीछे से रोज़ाना चोदुंगा।
ममता; हाँ मुझे भी आपका लंड रोज चाहिए। अब नींद भी नहीं आएँगी इसके बिना। उईई माँ इतनी अंदर तक जा रहा है।
दोनो भाई बहन चुदाई करने में लग जाते है और इधर पप्पू कौशल्या की ठुकाई में लग जाता है।
थोड़ी देर बाद जब देवा अपना पानी ममता के मुँह में निकाल के कौशल्या और पप्पू की तरफ जाता है तो हैरान रह जाता है। पप्पू अभी भी कौशल्या को पीछे से चोद रहा था। उसने कौशल्या को कुतिया की तरह बना रखा था और कौशल्या के बाल पकड़ के सटा सट अपना लंड आगे पीछे किये जा रहा था । देवा वही रुक जाता है और पप्पू और कौशल्या दोनों चीखते हुए झरने लगते है।

देवा; बाहर आके बैठ जाता है जब थोडी देर बाद कौशल्या और पप्पू कपडे पहन के बाहर आते हैं तो देवा दोनों को देख मुस्कुरा देता है।
क्यूं पप्पू कैसे लगी तेरे होने वाली भाभी जी।
पप्पू;बहुत मीठी है कौशल्या भाभी।
कौशल्या;बुरी तह शर्मा जाती है और अंदर की तरफ भाग जाती है।
देवा;चल मुझे हवेली जाना है तू चल रहा है या नहीं।
पप्पू;हाँ चलना है ना और दोनों दोस्त कौशल्या को बताके घर से निकल जाते है।
रास्ते में दोनों को शालु मिलती है वो पप्पू को देखते ही उस पर भड़क पडती है।
शालू ';कहाँ था तू इतनी देर से तुझे ढूंढ़ रही हूँ।
पप्पू;माँ मै देवा के साथ था । क्यों कुछ काम था।
शालु;एक नज़र देवा को देखती है जैसे कह रही हो। हाँ जानती हूँ इससे अपनी गाण्ड मरवाने गया होगा ना तु।
शालू;अपने पास के सामान के चिट पप्पू को थमा देती है और उसे कुछ पैसे भी देती है।
ये ले और हाँ ज़रा जल्दी आ ले के नहीं तो वही रह जायेगा।
पप्पू;बस मै अभी गया और अभी आया।
ये कहते हुए पप्पू दुकान पर चला जाता है।
शालु;देवा को देखते हुए कहती है।
अच्छा हुआ देवा तू भी मिल गया ज़रा देख तो मेरे यहां की भैंस बहुत परेशान कर रही है। चारा भी नहीं खा रही ज़रा देख ले।
देवा को जानवरों की बहुत जानकारी थी।
अच्छा चलो काकी।
और दोनों शालु के घर की तरफ चल पडती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 57





शालु;आगे आगे चल रही थी और देवा उसके पीछे।
देवा की नज़र शालु के हिलते हुए कमर पर ही ठीकी हुई थी।
जब से देवा ने जवानी के दहलीज़ पर कदम रखा था तब से उसके रातों का चैन चुराने वाली और कोई नहीं बल्कि शालु ही थी उसका कसा हुआ गठीला बदन पांव के ताल पर थिरकते हुए मोटे मोटे भरे हुए चूतड़ और हिलती हुई बडी बडी चूचियां देख देख कर ही देवा जवान हुआ था कितनी बार उसने चाहा की बस एक बार शालु उसे दे दे मगर हर बार उसे मुंह की खानी पडती।
शालु;को कस के चोदने की इच्छा तो उसकी बहुत पहले से थी मगर वो शालु के मामले में जल्द बाज़ी नहीं करना चाहता था क्यूंकि आखिर वो नीलम की माँ जो थी। वो जानता था आज नहीं तो कल शालु उसे देगी ज़रूर। मगर ये वक़्त काटना उसके लिए ज़हर पीने जैसा था।
अपने यादों में खोया देवा आखिर कर शालु के साथ उसके घर पहुँच जाता है।
आंगन में ही नीलम बर्तन साफ़ कर रही थी। देवा को देख वो शर्मा के घर के अंदर चली जाती है और दरवाज़े के किनारे में से छुपके देवा को देखने लगती है।
देवा;के चेहरे पर अपनी जान को देख मुस्कान आ जाती है।
अजीब प्यार था ये दोनों का। न जिस्म की भूख न चुदाई की आरज़ू ऑखों से शुरू हुआ नीलम और देवा का प्यार आज दिल की गहराइयों में उतर चुका था। देवा अपनी माँ से भी ज़्यादा प्यार करता था नीलम को और नीलम बस देवा को मन ही मन अपना सब कुछ मान के जिए जा रही थी।
शालु;देखे क्या।
देवा;क्या हाँ क्या काकी।
शालु;मुस्कुराते हुए अरे बाबा भैंस देखेगा या नही
देवा;हाँ हाँ कहाँ है।
शालु;चल पीछे खूंटे में बांधी हूँ पता नहीं सुबह से अजीब आवाजें किये जा रही है न कुछ खाती है और ना पीती है
देवा;शालू के पीछे पीछे एक कमरे में चला जाता है।
शालु की भैंस को देखते ही वो समझ जाता है की उसे क्या हुआ है।
वो हंसने लगता है उसे इस तरह देख शालु उसे घुरने लगती है।
शालु;क्या हुआ मुझे भी बतायेंगा की बस हंसे जा रहा है।
देवा;जा के भैंस को खोल देता है।
चलो मेरे साथ।
शालु;कहाँ।
देवा;मोती काका के यहाँ।
मोती का नाम सुनके शालु बुरी तरह शर्मा जाती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]मोती; गांव का एक किसान था छोटा सा खेत था उसका। अकेला रहता था बीवी कई साल पहले गुज़र चुकी थी और औलाद कोई थी नहीं उसकी। मगर पूरे गांव में और आस पास के गांव में भी मोती का बहुत नाम था हर कोई उसे जानता था। जो जानवर पालता था या नहीं पालता था।
असल बात ये थी के मोती को पहले से भैसा पालने का बड़ा शौक था।
ओ गांव गांव जाके भैसा की टक्कर में अपने भैंसे से जोडा लगाता था और उसका भैसा इतना ताक़तवर था की उसके सामने कोई नहीं टिकता था।
मोति का भैसा एक और काम बड़े ज़ोरदार तरीके से करता था वो था गांव के भैंसो को गाभिन करना। जब भी कोई भैंस गरम हो जाती थी तो मोती का भैसा ही उसे अपने निचे ले के शांत करता था।
जब देवा ने मोती का नाम लिया तो शालु समझ गई की उसके भैंस को हुआ क्या है।
वो अपनी हंसी दबाते हुए देवा के पीछे पीछे मोती के घर की तरफ चल पडती है।
मगर उन्हें मोती रास्ते में ही मिल जाता है।
देवा;अरे काका कहाँ भागे जा रहे हो हम तो तुम्हारे ही पास आ रहे थे।
मोती;अरे बिटवा हम कही बहुत जरुरी काम से पास वाले गांव में जाना है तू बोल ना की क्या काम आ गया तुझे।
देवा;इशारे से भैंस की तरफ ऊँगली करता है।
और मोती समझ जाता है की क्या बात है।


मोती;अरे तो तो सब जानत है जा पीछे कमरे में ही बँधा है मेरा भैसा। जाके ठुकवाईले इसे।
शालु;इधर उधर मुँह करके अपनी हंसी रोकने की कोशिश करने लगती है।
मोती;और ये ले हमार घर के चाभी कवनो चीज़ की ज़रूरत पडेगी तो निःसंकोच ले लियो अच्छा अब्ब मै चलता हूँ।
देवा;मोती के जाने के बाद शालु की तरफ देख के कहता है।
चलो ठुकवाइलो अपनी भैंसीया को।
शालु;अपनी बडी बडी ऑंखें निकाल के देवा को डराने लगती है मगर देवा हँसता हुआ भैंस को हकलाते हुए मोती के घर पहुँच जाता है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]शीरा मोती के भैंसे का नाम था।
वो कोठे में ही बँधा हुआ था शीरा भी देवा की तरह ही था उसे बस भैंस देखने भर की देर थी।
शालु की भैंस को देखते ही वो अपना बड़ा सा लाल लाल लंड निकाल देता है और गरदन ऊपर करके शालु की भैंस को सूँघने लगता है।
ये सब देख कर शालु को अजीब सा महसूस होता है मोती के भैंसे का वो बड़ा सा लंड देख शालु की ऑखों में ख़ुमारी सी छाने लगती है।
उसकी चूत फड़ फडाने लगती है और सफेद चिप चिपा सा पानी जांघों से निचे गिरने लगता है कितनी प्यासी थी शालु की भैंस और उससे भी ज़्यादा चुदासी थी शालू।
शालु;सामने रखे पत्थर पर बैठ जाती है और देवा अपना कमीज उतार के रख देता है और शालु की भैंस को शीरा के पास बांध देता है और आके शालु के पास बैठ जाता है।
शीरा;एक बार देवा और शालु की तरफ देखता है जैसे ख़ुशी में देवा का शुक्रिया कह रहा हो और फिर शालु की भैंस को पीछे से सूँघता हुआ चढ़ जाता है उसके उपर।
शालु;की भैंस पहले से गरम थी वो एक इंच भी नहीं हिलती मगर वो उस वक़्त बहुत ज़ोर से चिल्लाती है जब शीरा अपना मोटा लंड शालु के भैंस के पीछे से उसकी चूत में घूस्सा के दना दन उसे ठोकने लगता है।
शालु;के हाथ पैर काँपने लगते है वो उठके दूसरी तरफ जाने लगती है मगर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे वही अपने पास बैठा देता है।
शालु; छोड़ मुझे क्या करता है।
देवा;देखो न काकी तुम्हारे भैस को कैसे मोती का भैसा ले रहा है।
शालु; छोड़ मुझे। शर्म नहीं आती तुझे अपनी काकी के सामने ऐसी बाते करते हुए।
देवा;वाह वाह इतनी शर्म आ रही है तो यहाँ क्यों चली आई। मै ही चुदवा लाता तुम्हारी भैंस को मगर तुम्हें देखना था न । कैसे पेलता है शीरा इसे है ना।
शालु चुप हो जाती है देवा ने उसके मन की बात कह दिया था।
शालु;को चुप देख देवा उसे अपने पास बैठा देता है और पीछे से दोनों हाथों से शालु के पेट को सहलाने लगता है।
देवा;बहुत दिन से देख रहा हूँ काकी तुम मुझे दे नहीं रही हो।
शालु;क्या क्या कहा तूने और क्या चाहिए तुझे।
देवा;चुम्मा चाहिए मुझे अपनी काकी का।
शालु;बिदक जाती है।
छोड हरामी माँ जैसी हूँ मै तेरी और तू मुझे ही ख़राब करना चाहता है।
देवा;ग़ुस्से में आ जाता है और झट से दोनों हाथों को शालु के ब्लाउज के अंदर डालके बड़े बड़े ब्रैस्ट बाहर निकाल के बेरहमी से मसलने लगता है।
शालु;आहह कुत्ते छोड़ दे मुझे इसलिए मुझे यहाँ ले के आया तू मुझे आहह।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;नहीं सासु माँ मै तो तुम्हे यहाँ कुछ देने लाया हूँ।
शालु;सासु माँ तुझ जैसे हरामी को मै नहीं देने वाली अपने बेटी। मेरी आहह रश्मि के साथ जो तूने किया उसके बाद तो बिलकुल भी नहीं ओह्ह्ह्हहः।
देवा;अपना हाथ नीचे ले जा के शालु की चूत को रगडने लगता है।
शालु: उन्हह देवा बेटा कोई देख लेगा ना। आह्ह्ह छोड दे मुझे।



देवा अपना हाथ सीधा शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर रख देता है शालु कभी कभार ही पेंटी पहनती थी मगर आज शायद देवा की किस्मत बहुत अच्छी थी जो शालु ने अंदर कुछ नहीं पहनी थी।
देवा;साली मुझे हरामी बोलती है तो फिर ये तेरी चूत क्यों इतना पानी छोड रही है। बोल है कोई जवाब।
शालु;धीमी आवाज़ में सिर्फ इतना कहती है।
यहाँ कोई देख लेगा ना बेटा।
देवा;शालू का हाथ पकड़ के उसे मोती के घर के अंदर ले जाता है और उसे अपनी बाहों में जकड लेता है।
देवा;सासु माँ कितना तड़पाया तूने मुझे एक छोटी सी चीज देने के लिये।
शालु;मचलती जाती है मगर होठो से कुछ नहीं कहती। वो कशमकश में थी की क्या करे और क्या न करे पप्पू ने उसकी चूत में जो आग सुलगाया था वो अब तक नहीं बुझी थी मगर देवा उसका होने वाला जवाईं था और वो अपनी बेटी का हक़ मारना नहीं चाहती थी।
शालु;नहीं ना देवा उईईईईईई माँ वहां नही। आहह ये मत कर तू आहह आह्ह्ह्ह्ह्हः


देवा शालू का ब्लाउज खोल देता है और अपने हाथ में शालु के निप्पल को पकड़ के मसलने लगता है।
शालु ऑंखें बंद कर देती है।
उन्हह मत कर बेटा। मै तेरी माँ जैसी हूँ। उईईई आह्ह्ह्ह्ह्हह।
देवा;माँ की लेने में जो मजा है वो और किसी की लेने में नहीं काकी।
देवा;शालु को निचे लिटा के उसके ऊपर लेट जाता है। देवा के जिस्म की गर्मी अपने ब्रैस्ट पर महसूस करके शालु पिघल जाती है और उसकी ना हाँ में बदल जाती है।
शालु;आहह अपनी माँ के साथ गलत करेगा तू उन्हह।
देवा;हाँ मेरी सासु माँ। तुझे आज अपना बना लुँगा जैसे तेरी बेटी रश्मि को बनाया था।
शालु;उन्हह रश्मि अपनी मर्ज़ी से तेरे पास उन्हह आई थी क्या।
देवा;हाँ वो भी अपनी मर्ज़ी से मेरे पास आई थी।
शालु;को बातो बातों में देवा नंगी कर देता है । उसे तब होश आता है जब देवा का गरम हाथ सीधा शालु अपनी चूत के ऊपर महसूस करती है।
आह ये क्या किया तूने उन्हह मुझे आहह नहीं नहीं तू ऐसा कुछ नहीं करोगे आह्ह्ह्ह।
देवा;देखने तो दे मुझे जिसके लिए मै इतना तड़पा हूँ वो है कैसी गलप्प गलप्प....
शालु;के कुछ कहने से पहले ही देवा अपने ज़ुबान को शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर लगा देता है और शालु की साँस जैसे चलना बंद हो जाती है।
शालु;आह माँ आहह माँ।
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