Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 39 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]शालु;देवा नहीं नही वहां नहीं उईईईईई माँ वहां आज तक किसी ने भी नहीं चाटा आहह मै मर जाऊँगी रे आयाह आहह।
देवा;अपनी एक ऊँगली शालु की गाण्ड के अंदर डालके शालु की चूत के अंदर तक अपनी ज़ुबान घूस्सा देता है। उसकी चूत से आती पेशाब की महक देवा को पागल करने लगती है और वो निचे से ऊपर तक शालु की रसीली चूत को चाटता चला जाता है गलप्प गलप्प।
शालु;आहह मै गई उईईईईई माँ आह्ह्ह्हज्ज गईई अहह ।
देवा की गरम ऊँगली अपनी चूत में पा के शालू जी भर के झरने लगती है वो दोनों हाथों से देवा के सर को पकड़ के अपनी चूत के ऊपर दबाते हुए पानी देवा के मुँह पर छोड़ने लगती है।
आह मार डाला रे हरामी तूने अपनी सास को आह्ह्ह।
देवा;मुस्कराता हुआ उसके बाल पकड़ के उसे बैठा देता है इतनी जल्दी नहीं सासु माँ अपने जवाईं का लंड तो चूस के बताओ की तेरी बेटी के लायक है भी या नहीं।लो मुँह में।
शालु;नहीं गन्दा लगता है मुझे।


देवा; अच्छा अब गंदा लगता है । चूत चटवाना गन्दा नहीं लगता। लेती है या नही।
शालु;अपने हाथ में देवा के लंड को पकड़ लेती है इतना ज़बर्दस्त लंड उसने अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखी थी। उसकी चूत तो कई दिन से मचल रही थी इस लंड के लिए । जबसे उसने इसे रश्मि के चूत में अंदर बाहर होते देखी थी । वो झट से अपना मुँह खोल देती है और लंड का सुपाडा मुँह में खीच लेती है । सुपाडा अंदर जाते ही देवा ज़ोरदार धक्का देता है और पूरा लंड शालू के मुँह में जाके टकरा के हलक से वापस आ जाता है।
देवा;बहुत तड़पाया है तूने मुझे काकी । आज नहीं छोडने वाला । मै तुझसे आज सारे हिसाब पूरे करूँगा। आह्ह्ह्ह्ह्।
शालु;देवा को निचे गिरा देती है और उसके ऊपर चढ़ जाती है।
अच्छा क्या करेंगा तू मुझे बता तो ज़रा।
देवा;अपनी सासु माँ को चोदूँगा आज मैं।
शालु;देवा के लंड को हाथ में पकड़ लेती है और उसे चूत के थोड़ा ऊपर रख के उस पर लेट जाती है। वो देवा के ऊपर ऐसे झुकती है की देवा का लंड चूत के दाने पर घीसने लगता है और शालु की ब्रैस्ट देवा के मुँह के पास आ जाते है।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु के ब्रैस्ट को पकड़ के दूध पीने लगता है हालाँकि शालु के ब्रैस्ट में दूध नहीं था। मगर देवा इस अंदाज़ में उन दोनों को निचोड़ रहा था की शालु को भी लगने लगा था की उसके चूचियों में से दूध निकल रहा है।
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शालु;नहीं बस ऐसे ही मसलते रह मुझे आज्ज नहीं देवा आज नही।
देवा;मगर क्यों काकी।
शालु;उन्हह आज नहीं रे वो दिन आज नहीं जब मै तेरी हो जाऊँगी।
मगर उन्ह आज से मै तेरी अमानत हूँ। मेरा सब कुछ तेरा हुआ बस आज नहीं । उईईईईई माँ आह्ह्ह्ह।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु की कमर पकड़ ब्रैस्ट को मुँह में ले के लंड को चूत के ऊपर तक घीसने लगता है
और शालू अपनी चूत के दाने को देवा के लंड पर घिसती चली जाती है।
आहहहहह मेरी चूत तेरे अमानत है देवा मेरे जमाईं राजा आहह तुझे ही दूंगी मगर अभी नही । उईईईईई माँ आहहहहहहहहहहह।
देवा को कुछ समझ नहीं आता की अचानक ये शालु को हो क्या गया है मगर वो औरत और उसके मिजाज़ को अभी तक समझा नहीं था।
थोड़ी देर बाद शालू अपने बाँहों में देवा को जकड लेती है और दूसरी बार झडने लगती है। सारा पानी देवा के लंड के ऊपर से बहता हुआ ज़मीन पर गिरने लगता है।
शालु उठ के बैठ जाती है और कपडे पहनने लगती है।
देवा;साली कमिनी अपनी चूत को घिस्सा ली और इसका क्या तेरे बाप के गाण्ड में डालुँ मै इसे अब।

शालु;कही भी डाल मगर मुझे मत बोलना। अगर आईन्दा ऐसा वैसा कुछ किया न । मेरी बेटियों के सामने या पप्पू के सामने मेरे साथ कुछ उलटी सीधी हरकत किया तो याद रखना नीलम नहीं मिलेंगी और कमरे के बाहर निकल जाती है।
देवा;अपने लंड को हाथ में पकड़ के हिलाता रह जाता है उसे खुद पर और सबसे ज़्यादा शालु पर ग़ुस्सा आ रहा था। वो हमेशा ऐसा ही करती थी देवा के खड़े लंड पर हमेशा ही धोखा होता था।
मगर उस वक़्त देवा की हालत बहुत ख़राब थी वो किसी तरह कपडे पहन के शालु की भैंस को उसके घर ले आता है और उसे कोठरी में बंद कर के हवेली चला जाता है
शालु;देवा के जाने के बाद मन ही मन मुस्कुरा देती है
और सोचने लगती है।
बेटा इतनी जल्दी दे दूंगी तुझे तो तू कदर नहीं करेंगा मेरी और मेरी बेटी की।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;हवेली जा के सीधा रुक्मणी के रूम में चला जाता है
वो उस वक़्त नहा रही थी। देवा वही बाहर उसका इंतज़ार करने लगता है की तभी वहां बिंदिया आ जाती है।
बिंदिया;अरे देवा तुम यहाँ क्या कर रहे हो।

देवा;जी वो मुझे बड़े मालकिन से कुछ काम था।
बिंदिया ;मुझे भी तुमसे कुछ काम था।
देवा;जी बोलो ना।
बिंदिया ;मेरी तबियत थोडी ख़राब लग रही है शायद यहाँ का पानी रास नहीं आ रहा। तुम मुझे किसी वैध के पास ले चालोगे।
देवा;जी वो मै मुझे काम था बडी मालकिन से......
बिंदिया ;ओफ्फ्फ हो बस कुछ देर की बात है उसके बाद कर लेना अपनी मालकिन का काम। पहले मुझे ले चलो ना।
देवा;अपना सर झटकते हुए बिंदिया को किरण के घर ले जाता है।
किरण जो देवा की राह उस दिन से देख रही थी जबसे वो उसे अखिरी बार चोद के गया था । उस दिन से देवा वहां नहीं आया था।
रास्ते में देवा सोचने लगता है की साली आज तो किस्मत ही ख़राब है मेरी। जिसे देखो काम दिए जा रहा है कोई चूत नहीं देती माँ की।
देवा;वैसे आप को हुआ क्या है।
बिंदिया ;मुझे कमर पर कुछ हुआ है देखोगे।
देवा;नहीं नहीं मै क्या कोई वैध हूँ।
बिंदिया ;तो फिर पूछ क्यों रहे हो चलो।
और देवा बिंदिया को लेके वैध के घर पहुँच जाता है।
इतफाक से उस दिन भी वैध उन्हें वहां नहीं मिलता सिर्फ किरण मिलती है । किरण देवा को देख खुश हो जाती है और बिंदिया को घर के अंदर ले जाती है।
बिंदिया ;आप वैध है यहाँ की।
किरण ;नहीं नहीं मै उनकी बहु हूँ। बापु बाहर गए है मगर आप चिंता मत कीजिये मै भी देख लेती हूँ उनके गैर हाज़री में मरीज़ो को।
बिंदिया;देवा तुम बहार जाओ।
किरण;आप ऐसा करो पीछे वाले रूम में बैठ जाओ ठीक है।
देवा;किरण का इशारा समझ जाता है और पीछे वाले रूम में चला जाता है।
बिंदिया ;अपनी साडी ऊपर उठाके किरण को अपनी गाण्ड दिखाने लगती है । किरण देखते ही समझ जाती है की बात क्या है।
किरण;आप ऐसे ही रहिये मै कुछ लेप लगा देती हूँ जल्द ही आराम मिलेंगा।
और किरण लेप ले के बिंदिया के गाण्ड पर लगा देती है।
किरण;ऐसे ही थोडी देर बैठे रहिये मै अभी आती हूँ।
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और देवा उसे देखते ही अपनी बाहों में जकड लेता है। दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल जाते है ।
किरण;कौन है वो देवा।
देवा;साली रंडी है। हवेली में आई हुई है हिम्मत राव के साथ।
वैसे हुआ क्या है उसे।
किरण;किसी ने उसके जम के गाण्ड मारी है कल रात। उसकी गांड सुज गई है और जगह जगह से कट भी गए है।
देवा;बहुत याद आ रही थी मुझे तेरी किरण।
किरण; अच्छा चल झुठे आये क्यों नही मुझसे मिलने फिर।
देवा;वक़्त नहीं मिला मुझे एक बात कहूं किरण।
करण;हाँ बोलो ना।
देवा;मुझे अभी इसी वक़्त चोदने दे मेरा लौंडा तुझे देख के फटा जा रहा है बस अंदर ड़ालने दे जल्दी से।
किरण;डालो ना मना किसने किया है।
किरण;अपने कपडे निकाल देती है और देवा भी झट से नंगा हो जाता है। असल बात कुछ और थी शालु ने जो हालत देवा की की थी उसके वजह से उसके लंड में दर्द होने लगा था। अगर अभी किरण उसे नहीं मिलती तो वो पप्पू की गाण्ड मार देता या अपनी बहन ममता को पेलता बदले में।
किरण;नंगे होक अपने पैर खोल देती है और देवा लंड पर थूक लगा के चिकने चूत के अंदर तक लंड उतार देता है।
किरण;आहह देवा......

किरण;आहह देवा आह धीरे कर ना रे अहह मुझ पर तरस खाने के लिए आया है क्या उन्हह।
देवा;हाँ किरण आऊँगा मै अब से जल्दी जल्दी आह।
देवा सटा सट अपने लंड को किरण की चूत में घूस्सा ग़ुस्सा के लंड का दर्द कम करने लगता है और दरवाज़े पर खडी बिंदिया देवा के लंड से किरण के चूत की कुटाई देख वही रुक जाती है।
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इधर देवा किरण की चूत में अपने लंड को आराम दे रहा था और सामने खड़ी बिंदिया की चूत के साथ साथ गाण्ड भी गरम होती जा रही थी।
किरण तो अपनी चूत को ज़्यादा देर देवा के लंड के आगे सँभाल नहीं पाती और दोनों टाँगें खोल के देवा के लंड पर ही झरने लगती है।
देवा;उसे देखता रह जाता है वो जानता था अब किरण की चूत में वो मजा नहीं आयेंगा।
कसी हुए तनी हुई चूत और पानी छोडी चूत में उसे फ़र्क़ मालूम था।
फचाक की आवाज़ के साथ देवा किरण की चूत से जैसे ही अपना लंड बाहर निकालता है। पीछे से बिंदिया तालियां बजाते हुए कमरे में दाखिल होती है।
बिंदिया;वाह क्या बात है।
एक किसान और एक वैध की बहु क्या गुल खिला रहे हैं वाह।
ये बात तो पूरे गांव को पता चलनी चाहिए।
किरण और देवा दोनों तो पहले बिंदिया की आवाज़ से चौंक जाते है मगर उसके शब्द सुनके उन दोनों के पैरों तले की ज़मीन भी खिसक से जाती है।
किरण;अपने कपडे उठके पहनने लगती है।
बिंदिया ;अरे रहने दो वैध की बहु । अभी गांव वालों को भी देखने दो न की तुम दोनों क्या कर रहे थे।
देवा;क्या मतलब।
बिंदिया: मतलब वतलब छोड लौंडे ये बता की क्या करूँ मै तुम दोनों का बोलो जल्दी।
बिंदिया ;ऐसे देवा और किरण को धमका रही थी जैसे वो किरण की माँ हो।
असल मक़सद उसका इसके पीछे कुछ और था वो देवा को डरा धमका के अपने काबू में करना चाहती थी।
देवा;का लंड अभी भी हवा में झूल रहा था जिस पर से बिंदिया की नज़र नहीं हट पा रही थी।
देवा;जब तूने गांव वालों को सब बताने का सोच ही लिया है तो मै भी कुछ बताना चाहूँगा गांव वालों को और पंचायत में भी।
बिंदिया;क्या बोलेगे तुम।
देवा: मैं तेरे गांव गया था वहां मुझे पता चला की तू धंधा करती है।
रंडी है तू वो भी हिम्मत राव की।
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किरण के चेहरे पर ये सुनके मुस्कान फैल जाती है और बिंदिया के माथे पर पसीने आ जाता है।
बिंदिया कुछ बोल ही नहीं पाती।
देवा;उसके क़रीब आता है और उसकी कलाई मरोड़ते हुए उसे अपने से चिपका लेता है।
बिंदिया ;आहह छोड़ हरामी मुझे आहह दर्द हो रहा है।
देवा;एक बात बता। किरण मुझे बता रही थी की किसी ने रात भर तेरी गाण्ड मार के तुझे पीछे से सुजा दिया है बता ना किस ने । हिम्मत राव ने ना।
बिंदिया ;आहह मै अभी जा के गांव वालों को इकट्टा करते हुए मुझ पर जो इलज़ाम तूने लगाए है ना उनका भी हिसाब किताब मै लुंगी तुझसे।
देवा;बिदिया की गरदन पकड़ लेता है और पूरी ताकत से उसे दबाने लगता है बिंदिया की साँस घुटने लगती है।
किरण;देवा छोड़ दे उसे मर जाएँगी वो छोड दे ना।
देवा;मर जाने से छीनाल को वैसे भी इसके रहने न रहने से हमे क्या।
बिंदिया की ऑंखें बाहर को निकलने लगती है। आज बिंदिया का सामना एक असली मरद से हो रहा था। अब तक अपने चूत के दम पर मरदों से काम करवा के उन पर हुक्म चलाने वाली बिंदिया को एहसास हुआ था की असली मरद होता कैसा है।
देवा;बिंदिया की गरदन छोड देता है और बिंदिया खाँसते हुए पीछे की तरफ गिर जाती है।
बिंदिया: मैं तुझे छोड़ूँगी नहीं उहू उहु ओह्हू।
देवा;अपने लंड को हाथ में लेके उसे सहलाता है।
जब गांव निकाला होना ही है तो सोचता हूँ कुछ ऐसा करुं की तुझे मरते दम तक मै याद रहुं।
और देवा बिंदिया की गरदन को फिर से पकड़ लेता है। जिसकी वजह से उसका मुँह खुल जाता है और उसी का फायदा उठाके देवा अपना लंड बिंदिया के मुँह में डाल देता है।


बिंदिया को ना चाहते हुए भी देवा के लंड को चुसना पडता है।
देवा;अब्ब कैसा लगरहा है बिंदिया जी।
बिंदिया ;गलप्प मै तुझे छोड़ूँगी नहीं गलप्प मार डालूँगी मै तुझे आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा; अच्छा मार डालेगी न अभी बताता हूँ फिर मै तुझे।
देवा किरण की मदद से बिंदिया के कपडे उतारने लगता है बिंदिया लाख कोशिश करती है खुद को देवा और किरण से छुड़ाने की मगर देवा के मज़बूत हाथ बिंदिया को ऐसे दबोच लेते है की बिंदिया कुछ ही पलों में नंगी हो जाती है।
देवा;अपना हाथ बिंदिया की गाण्ड पर रख देता है।
बिंदिया;आहह।
हरामी मत छू मुझे तो उन्ह मै चिल्लाऊंगी आह्ह्ह।
देवा;अगर तुझे चिल्लाना है तो चिल्ला सकती है मगर यहाँ सुनने वाला कोई नहीं है।
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बिंदिया;हाँफने लगती है।
कमिनी कुतीया साली रंडी मुझसे जबान लड़ाती है।बिंदिया:आहह मार डाला रे माँ मेरी कमर आह्ह्ह।
देवा;बिंदिया को अपने ऊपर झुका लेता है।
बिंदिया ;अपना हाथ अपने चूत पर रख के चूत छूपाने की कोशिश करती है।
मगर देवा इतनी ज़ोर ज़ोर से निप्पल्स को मरोड़ता है की बिंदिया अपना हाथ हटा लेती है और तभी देवा अपना खूँटा बिंदिया की नरम ज़मीन में गाढ देता है।
बिंदिया;उईईई माँ मर गयी रे हरामी।

किरण ऑखें फाड़े ये तमाशा देख रहे थी।
बिंदिया की चूत में शायद इतना बड़ा लंड आज तक नहीं गया था इसलिए वो पगलों की तरह चीख़ रही थी। मगर देवा उसकी चीख़ और बढाता जा रहा था उसके धक्के सीधा बिंदिया की बच्चेदानी से टकरा रहे थे।
बिंदिया जैसे होश खो देती है उसका जिस्म काँपने लगता है वह बोलती है।
माँ वो धीरे कररररर ना रे मार डालेगा क्या।
आह नहीं बताऊँगी ना किसी से भी
उईई ऊऊऊई आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;को बिंदिया की चूत में वो मजा नहीं आता। खुली खुली रखेल की चूत में पता नहीं कितने ही लंड आये और गए होंगे।
देवा;बिंदिया को खड़ा कर देता है।
बिंदिया;माफ़ कर दे देवा आह्ह्ह्ह।
नही बोलूँगी ना मैं किसी से....
देवा;मुझे परवाह नहीं तू बोल चाहे मत बोल।
मुझे आज तेरी गाण्ड मारनी है।
बिंदिया;नहीं नहीं वहां नहीं पहले से मुझे आहह कितना दरद है।मुझे माफ़ कर दे.....
गरम फौलादी लंड अपने गाण्ड की सुराख़ पर महसूस करके बिंदिया की आवाज़ बंद हो जाती है।
बिंदिया ;आहह तेरा बहुत बड़ा है मेरी गाण्ड छोटी है। मर जाऊँगी मै पहले से फटी पड़ी हूँ नही
नही माँ......
देवा;किसकी सुनता था जो वो आज बिंदिया की सुनता।
अपने लंड पर थूक लगा के बिंदिया की सूजी हुई गाण्ड को वो एक ही झटके में फाड़ देता है।
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किरण ले ना इसे तू जानती है ना हां मेरी गाण्ड फट गई है आह्ह्ह्ह।
किरण;देवा निकाल ले बाहर वो नहीं ले पायेगी।
देवा;चुप कर साली वरना इसकी जगह तेरी गाण्ड फटेगी अभी आह्ह्ह्ह।
बिंदिया चीखती रही मगर देवा नहीं रुका और सटा सट अपने लंड की तेज़ धार से उसने आखिर कर बिंदिया की गाँड को जगह जगह से फाड़ देता है। खून बाहर गिरने लगता है मगर पागल हो चुके देवा पर उसका भी कोई असर नहीं पडता । उसे हिम्मत राव की हर उस चीज़ से नफरत सी हो गई थी जो उससे जुडी हुई थी।
काफी देर उसी तरह खड़े खड़े गाण्ड मारने के बाद देवा जब बिंदिया की गाण्ड में पानी निकाल के अपना लंड बाहर निकालता है। तब बिंदिया थकान की वजह से और गाण्ड के दर्द की वजह से निचे बैठ जाती है।
बिंदिया;माँ कसम आज तक कोई तेरे जैसा नहीं मिला मुझे। मानती हूँ तेरे मर्दांनगी मैं।
मुझे माफ़ कर दे बस मुझे हवेली पहुंचा दे देवा। मै किसी से कुछ नहीं कहुँगी।
देवा;किरण की तरफ देख के मुस्क़ुरा देता है और किरण को अपनी बाहों में लेके चुमने लगता है।
किरण;ठंडा सा लेप फिर से बिंदिया की गाण्ड पर लगा देती है और थोडी देर बाद देवा और बिंदिया हवेली की तरफ चल पडते है।
रास्ते में देवा बिंदिया से पूछता है।
देवा;क्या हुआ चुप चुप क्यों हो।
बिंदिया ;हरामी गाण्ड सुजा के बात करने को बोल रहा है यहाँ ठीक से बैठा भी नहीं जा रहा और तुम हो की....
देवा;क्या करुं पहले बोल देती की किसी से नहीं कहूँगी तो नहीं करता मै ऐसा।
बिंदिया ;मुझे करवाना था न तुझसे ऐसा।
देवा; मुँह खोले बिंदिया को देखने लगता है।
बिंदिया ;देवा को इस तरह देखते हुए ज़ोर ज़ोर से हंसने लगती है।
तूझे क्या लगा मै सच में गांव वालो को बताने वाली थी।
अरे बुध्धू तेरे जैसे कितने लौंडे मुझे पेलने के लिए मरते हैं गांव में।
मगर मै उसी से करवाती हूँ। जो मुझे अच्छा लगता है।
देवा; ट्रेक्टर रोक देता है।
और बिंदिया का हाथ पकड़ के उसे नीचे उतार देता है।
बिंदिया;क्या हुआ क्यों रुक गया।
देवा;मुझे तुझे चोदना है।
बिंदिया; क्या।
पागल हो गया है क्या तु।
चल बाबा हवेली चल।
मुझे नहीं करवाना तुझसे।
देवा;बिंदिया को अपनी बाहों में जकड लेता है और अपने दोनों हाथों से बिंदिया की कमर को सहलाने लगता है।
वो दोनों जंगल के ऐसी जगह थे जहाँ कोई नहीं था। दूर दूर तक किसी की भी आवाज़ सुनाई नहीं दे रही थी।
बिंदिया ; मार डालेगा ज़ालिम तू मुझे आहह।
चल ले चल मुझे कहाँ लेगा मेरी।
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दोनो जंगल के अंदर तक पहुँच जाते है और एक सुनसान जगह पर पहुंच के देवा बिंदिया को अपने से चिपका लेता है।
दोनो के होंठ एक दूसरे में जकड जाते है।

बिंदिया का हुस्न देवा के सर पर सवार नहीं हुआ था वो बस बिंदिया के ज़रिये हिम्मत के दिल तक पहुंचना चाहता था।
ताकि उसके दिल में छुपा वो राज़ जान सके।
बिंदिया ;देवा के और देवा बिंदिया के कपडे उतारने लगते है और देखते ही देखते दोनों बिलकुल नंगे हो जाते है।
देवा;एक पत्थर के सहारे से बिंदिया को खड़ा कर देता है
और अपना लंड बिंदिया की चूत पर रगडने लगता है
मगर बिंदिया उसके लंड को हाथ में पकड़ लेती है।
बिंदिया ;आहह वहां नहीं यहाँ।
देवा;दोनों हाथों में बिंदिया के ब्रैस्ट को पकड़ के उन्हें मरोड़ते हुए सट से करके बिंदिया की गाण्ड में अपना मोटा लंड उतार देता है आह्ह्ह।
बिंदिया; आह्ह्ह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह अहह उन्हह

बिंदिया ;माँ क्या औज़ार है रे छोरे तेरा आह्ह्ह्ह्ह।
ऐसा लगता है उहँ चीर के रख देंगा तू उई माँ मुझे।
देवा; ले न तुझे पीछे से चाहिए न आहह ले साली रंडीईईईईई।
बिदिया; हाँ पीछे से आहह हिम्मत के लंड में वो बात कहाँ जो देवा के लंड में है।
दिवाना बना दिया है तूने मुझे अपने इस औज़ार से आह्ह्ह्ह्ह।
देवा दोनों हाथों में कमर को पकडते हुए दना दन लंड बिंदिया की गाण्ड में पेलने लगता है।
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देवा;दोनों हाथों में बिंदिया की कमर को पकड़ के दना दन लंड उसकी गाण्ड में पेलने लगता है।
बिंदिया;आह मेरी गाण्ड माँ उईइइइइइइ आहह्ह्ह्ह।
देवा;चिल्लाती क्यों है तुझे तो लेने का शौक था ना आह्ह्ह्ह साली रंडी।
बिंदिया;आहह मार डाला रे आहह दर्द से नहीं चिल्ला रही हूँ मै आहह ये चीखें उन्हह तू नहीं समझेगा देवा आहह बस तू रुक मत अहह आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;बहुत छोटी है तेरे गांड। साली हिम्मत राव पेलता नहीं है क्या तुझे ठीक से।
बिंदिया ;आहह वो बूढा क्या मुझे खुश रख पाएंगा उईईईईईई माँ जो बात तुझ में है वो उस में क्या किसी में भी नहीं आ सकती। आहह पूरा जड़ तक घूस्स रहा है मेरी गाण्ड के आह्ह्ह्ह।
मेरी चूचियां मरोड़ते हुए मर मेरी गांड आह्ह्ह्हह आज तक तेरे जैसा मरद नहीं देखा मैंने। आह क्या ताक़तवर जानवर है तू आहह चीर देता है। वो तो मै हूँ अगर किसी कच्ची कली की लेगा तो मर जाएँगी वो तेरे नीचे आके आह्ह्ह्हह्ह।
देवा;तेरी भी गाण्ड कच्ची कली से कम नहीं है बिंदिया।
बिंदिया; उईई माँ आहह रुकना मत बस करते जा करते जा आहह आह्हह्हह्हह्हह।


देवा अपने लंड को बिंदिया के गाण्ड के अंदर तक उतार के वही रुक जाता है और बिंदिया के साथ झरने लगता है । थोडी देर बाद जब बिंदिया और देवा की साँसें थमती है तो बिंदिया देवा के होठो को चुमने लगती है।
बिंदिया ;मान गयी देवा तुझे।
दिवानी कर दिया है तूने मुझे।
आज से बिंदिया हिम्मत राव की नहीं तेरी रखेल बनके रहेगी।
देवा;और हिम्मत राव क्या करेंगे फिर।
बिंदिया ;उस हरामी को मुझसे नहीं मेरे जिस्म से प्यार है वो किसी का नहीं हो सकता ।अरे जो अपनी पत्नी को मारना चाहे उस इंसान से भला कैसी हमदर्दी।
देवा;क्या मतलब।
बिंदिया ;देख देवा किसी को बताना मत।
देवा;पक्का नहीं बताउँगा।
बिंदिया ;नहीं नहीं तू बता देगा किसी को।
देवा;अपना हाथ बिंदिया के सर पर रख देता है तेरी कसम नहीं बताऊंगा बोल भी।
बिंदिया ;वो अपनी पत्नी को मारना चाहता है।
और साथ में तुझे भी रास्ते से ख़तम करना चाहता है।
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