desiaks
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- Aug 28, 2015
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रीता :- आहह ओह्ह्ह्ह.....करती हुई...अब्दुल भाई..आप्प्प्प.आहह और तेज़्ज़
जी हाँ पीछे खड़ा था अब्दुल...जो बिल्कुल नंगा था..और रीता के बूब्स को पीछे से
दबा रहा था....
रीता मोहन लाल की आँखों में देखती है..मोहन लाल हल्का सा मुस्कुरा देता है...
रीता समझ जाती है...ये मोहन लाल की चाल है.....रीता के चेहरे पे भी स्माइल आ जाती है.
साली के तो मज़े ही आ गये आज दो दो लंड मिल गये उसे......
फिर मोहन लाल उसे चोदना बंद कर देता है.......और रीता को अपने उपर से उतार देता है..
रीता की पूरी चूत उसके रस से भीगी पड़ी होती है..और मोहन लाल का
लंड भी पूरा का पूरा चूत के रस से भीगा पड़ा होता है.....
रीता घूम के अब्दुल की तरफ देखती है...अब्दुल रीता को ऐसे देख सकपका जाता है..और अपनी
नज़र नीचे कर लेता है...
रीता अपना हाथ ले जाके अब्दुल के लंड को पकड़ के बोलती है...क्या हुआ अब्दुल भाई..ऐसे
क्यूँ खड़े हो...
अब्दुल को तो विश्वास नही होता...ये देख के...वो अपनी नज़र उपर करता है....
और जैसे ही उसकी नज़र उपर होती है.....रीता आगे बढ़ के उसके होंठो पे किस कर लेती है..
और नीचे से पकड़ के उसके लंड को हाथो से उपर नीचे करने लगती है...
अब्दुल को तो जैसे करेंट लग गया हो..आज इतने दिनो के बाद वो किसी लड़की के साथ
सेक्स करने जा रहा था..इसलिए उसे भी जोश आ जाता है..और वो अपने दोनो हाथो को ले जाके
रीता के बूब्स के रख के उन्हे मसल्ने लगता है..और उपर से अपनी जीभ रीता के मुँह
में डाल के चूसने लगता है......मोहन लाल पीछे खड़ा ये सब देख रहा था....
कुछ 5 मिनट तक ऐसा चलता है..फिर रीता अलग होती है.......
रीता :- अब्दुल..तू यहाँ कब आया.....बता..
मोहन लाल :- में बताता हूँ.....
रीता मोहन लाल की तरफ देखती है..
मोहन लाल :- ये तो यहाँ शुरू सी ही था..उस लास्ट कॅबिन में..मेने ही इससे कहा था.
कि जब तक में ना बुलाऊ..मत अइयो..और अभी में आजा..करके चिल्लाया तो
आया ये..वैसे अब्दुल भाई..तूने इतनी देर तक क्या किया अंदर..
अब्दुल :- मोहन भाई क्या बताऊ..आप दोनो की ऐसी हरकतों को सुन कर और थोड़ा बहुत
उस गेट के छेद में से देख कर..मेरा तो बॅंड बज गया...में तबसे दो बार
मूठ मार चुका हूँ....इसलिए ये ऐसे बैठा हुआ है....
रीता और मोहन लाल दोनो हँसने लगते हैं...
जी हाँ पीछे खड़ा था अब्दुल...जो बिल्कुल नंगा था..और रीता के बूब्स को पीछे से
दबा रहा था....
रीता मोहन लाल की आँखों में देखती है..मोहन लाल हल्का सा मुस्कुरा देता है...
रीता समझ जाती है...ये मोहन लाल की चाल है.....रीता के चेहरे पे भी स्माइल आ जाती है.
साली के तो मज़े ही आ गये आज दो दो लंड मिल गये उसे......
फिर मोहन लाल उसे चोदना बंद कर देता है.......और रीता को अपने उपर से उतार देता है..
रीता की पूरी चूत उसके रस से भीगी पड़ी होती है..और मोहन लाल का
लंड भी पूरा का पूरा चूत के रस से भीगा पड़ा होता है.....
रीता घूम के अब्दुल की तरफ देखती है...अब्दुल रीता को ऐसे देख सकपका जाता है..और अपनी
नज़र नीचे कर लेता है...
रीता अपना हाथ ले जाके अब्दुल के लंड को पकड़ के बोलती है...क्या हुआ अब्दुल भाई..ऐसे
क्यूँ खड़े हो...
अब्दुल को तो विश्वास नही होता...ये देख के...वो अपनी नज़र उपर करता है....
और जैसे ही उसकी नज़र उपर होती है.....रीता आगे बढ़ के उसके होंठो पे किस कर लेती है..
और नीचे से पकड़ के उसके लंड को हाथो से उपर नीचे करने लगती है...
अब्दुल को तो जैसे करेंट लग गया हो..आज इतने दिनो के बाद वो किसी लड़की के साथ
सेक्स करने जा रहा था..इसलिए उसे भी जोश आ जाता है..और वो अपने दोनो हाथो को ले जाके
रीता के बूब्स के रख के उन्हे मसल्ने लगता है..और उपर से अपनी जीभ रीता के मुँह
में डाल के चूसने लगता है......मोहन लाल पीछे खड़ा ये सब देख रहा था....
कुछ 5 मिनट तक ऐसा चलता है..फिर रीता अलग होती है.......
रीता :- अब्दुल..तू यहाँ कब आया.....बता..
मोहन लाल :- में बताता हूँ.....
रीता मोहन लाल की तरफ देखती है..
मोहन लाल :- ये तो यहाँ शुरू सी ही था..उस लास्ट कॅबिन में..मेने ही इससे कहा था.
कि जब तक में ना बुलाऊ..मत अइयो..और अभी में आजा..करके चिल्लाया तो
आया ये..वैसे अब्दुल भाई..तूने इतनी देर तक क्या किया अंदर..
अब्दुल :- मोहन भाई क्या बताऊ..आप दोनो की ऐसी हरकतों को सुन कर और थोड़ा बहुत
उस गेट के छेद में से देख कर..मेरा तो बॅंड बज गया...में तबसे दो बार
मूठ मार चुका हूँ....इसलिए ये ऐसे बैठा हुआ है....
रीता और मोहन लाल दोनो हँसने लगते हैं...