XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 9 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

सभी लॅडीस हाथी के घर पे आई हुई थी...उधर क्लिनिक में हाथी और कोमल चुदाई कर रहे थे....तभी वहाँ से एक बहुत ज़ोर की आवाज़ आती है...और सभी लेडीज़ क्लिकनिक में पहुच जाती है...अब आगे......

सभी लॅडीस हाथी के क्लिनिक में आके चौंक जाती है...

सभी के हाथ उनके मुँह पर चले जाते हैं....कुछ मिनट तक सन्नाटा सा छा जाता है...

कोमल सभी लॅडीस को एक टक देख रही थी...और सभी लॅडीस कोमल को एक टक देखे जा रही थी....

तभी अंजलि ने चुप्पी थोड़ी..

अंजलि :- ये क्या कोमल भाभी....आप ठीक तो हो ना..

दया :- हाँ...आपको कहीं लगी तो नही..और ये सब...

माधवी :- हाँ कोमल भाभी...लगी नही ना आपको.....और ये आवाज़ कैसी थी..

कोमल :- ओह माइ गोद...आप लोग यहाँ ... एक काम कीजिए आप लोग बाहर बैठिए ... में अभी कपड़े पहेन के आती हूँ...

सभी लॅडीस बाहर चली जाती है...

दया :- हंसते हुई.....अंदर देखा कोमल भाभी को...

रोशन :- हाँ रे बावा....देखो तो कोमल भाभी को..और वो भी हँसने लगती है...

अंजलि :- आप लोग ऐसे क्यूँ हंस रहे हैं....ठीक है...कोमल भाभी भी तो औरत है...

माधवी :- हंसते हुए....हाँ वो ठीक है अंजलि भाभी...लेकिन अपने देखा नही अंदर का नज़ारा....

और सभी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते हैं....तभी..

तभी कोमल वहाँ लिविंग रूम में आ जाती है....वो अपना सर नीचे कर के आ रही थी..

दया :- क्या हुआ कोमल भाभी...

सभी लॅडीस उसे छेड़ने लगती है...

कोमल परेशान होकर..

कोमल :- ओह्ह्ह कम्मोन..... आप लोग तो ऐसे बोल रहे हैं..जैसे अपने कुछ भूत सा देख लिया हो....आज इतने दिनो के बाद हंस मूड में आए थे...तो रहा नही गया...

दया :- ओहू...क्या बात है कोमल भाभी ... आज तो आपके मज़े आ गये...

कोअमल :- ओह्ह दया भाभी आप भी ना.....
 
माधवी :- लेकिन कोमल भाभी....वो नज़ारा जो हमने देखा वो कैसे हुआ....और वो आवाजज...

कोमल :- आप सबको जानना है कि कैसे हुआ...

सभी एक साथ बोलते हैं...हाँ..

कोमल :- ठीक है..

वो क्या हुआ था...कि हम लोग एक हे कुर्सी पर थे....और...
वो शर्मा रही थी बताने में...लेकिन फिर भी धीरे धीरे बता रही थी...

एक कुर्सी पर थे...वजन बहुत ज़्यादा हो गया था..लेकिन उस वक़्त ध्यान नही दिया...और में...और में...कुछ ज़्यादा तेज़ उछलने लगी...जिसकी वजह से कुर्सी टूट गई और हम दोनो नीचे गिर गये...और आप लोगों को वो आवाज़ सुनाई दे गई..

माधवी :- और उस आवाज़ से हमे भी पता चल गया ... कि अंदर क्या कार्य चल रहा है...

और सब हँसने लगते हैं..

अंजलि :- अच्छा ये सब छोड़ो अब....चलो काम की बातें कर लेते हैं...

कोमल :- हाँ अंजलि भाभी आप ठीक बोल रहे हो....
वो बात को बदलना चाहती थी...

सभी समझ गये...और अब कुछ नही बोले...और वहाँ सोफे पे बैठ के बात करने लगे...
 
दया :- वैसे बहुत दिन हो गये...हम लोगों ने शॉपिंग नही की है..

अंजलि :- हाँ बिल्कुल सही बोल रहे हो दया भाभी आप....मुझे तो बहुत सारा समान खरीद के लाना है...

माधवी :- हाँ मुझे भी कुछ ज़रूरी समान खरीदना है...

रोशन :- हाँ बावा...मुझे भी घर का कुछ समान लेना है...

अंजलि :- तो ठीक है फिर कल चलते हैं...सब ...एक साथ...

दया :- हाँ बिल्कुल...कल ठीक रहेगा..बापूजी भी घर पे नही है..तो जल्दी कम निपट जाएगा घर का...

माधवी :- तो ठीक है 12 बजे चलते हैं....कोमल भाभी क्या हुआ आप क्यूँ चुप...अरे भूल जाओ....हम लोगों से क्या शरमाना...

सभी बोलते हैं हाँ कोमल भाभी...अब आप ठीक हो जाइए...

अब कोमल कुछ नॉर्मल होती है..

कोमल :- थॅंक यू...में तो बहुत डर रही थी..

अंजलि :- उसमे क्या है...आप परेशान मत होइए...
अच्छा तो कल चल रहे हैं ना.

कोमल :- वो आक्च्युयली में कल नही चल सकती...

सभी एक साथ....क्यूँ???

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उधर जेठालाल की दुकान पर...

जेठालाल :- आई नट्टू काका वो.... 21 इंच के एलसीडी के कितने पीस बचे हैं...गॉडाउन में..

नट्टू काका :- जी 30 है सेठ जी..

जेठालाल :- अच्छा...और वो बाघा आया कि नही..चेक लेके अभी तक...

उधर से आवाज़ आती हुई.....आ गया सेठ जीईई...बाघा दुकान के अंदर एंटर होते हुए.....

जेठालाल :- बड़ी देर लगा दी भाई...और हाँ ..चेक मिल गया..

बाघा :- आपको तो पता है ना सेठ जी...वो सेठ कितना टाइम लगते हैं....3 घंटा मगज मारी की तब जाके के चेक दिया उन्होने...

जेठालाल :- चल दे तो दिया ना...ला दे...

और जेठालाल बाघा से चेक ले लेता है.....

तभी वहाँ से एक पोलीस वाला दुकान के अंदर घुसता है....

पोलीस वाला :- यहाँ का सेठ कौन है..

जेठालाल :- जी में हूँ सेठ.....बोलिए क्या बात है इनस्पेक्टर साहब ..क्या हुआ...

इनस्पेक्टर :- देखिए...हम यहाँ एक टेररिस्ट ग्रूप को ढूँढ रहे हैं...

जेठालाल :- तो यह क्या आपको टेररिस्ट दिख रहे हैं...हम सब.

इनस्पेक्टर :- देखिए हमारा ये मतलब नही था....हमारा मतलब ये है...ये कुछ लोग यहाँ घूम रहे हैं...जिनपे हमे टेर्रोरिस्ट होने का शक़ है....और उनमे से एक आपकी दुकान के आस पास देखा गया है.....

जेठालाल :- देखिए अब हमे कैसे पता कि कौन टेररिस्ट है..या कौन नही..

इनस्पेक्टर :- देखिए आपको उल्टे जवाब देने की आदत है....
वो इंस्पेक्टर कड़क आवाज़ में बोलता है..

इस बार जेठालाल की हालत पतली हो जाती है...और वो घबराता हुआ बोलता है..

जेठालाल :- नही...हहाः...वो मेरा मतलब ऐसा था कि...अब हमे अगर किसी पे शक़ हुआ तो आपको ज़रूर बता देंगे...
 
इस बार जेठालाल की हालत पतली हो जाती है...और वो घबराता हुआ बोलता है..

जेठालाल :- नही...हहाः...वो मेरा मतलब ऐसा था कि...अब हमे अगर किसी पे शक़ हुआ तो आपको ज़रूर बता देंगे...

इनस्पेक्टर :- ठीक है...ध्यान रखिएगा..वो कोई भी हो सकता है.....एक आदमी या एक औरत..या फिर एक बच्चा...कोई भी..

जेठालाल :- ओके..बिल्कुल ध्यान रहेंगे...थॅंक यू

और वो इनस्पेक्टर चला जाता है..

जेठालाल :- हाशह....

बाघा उसकी तरफ देख रहा होता है..

जेठालाल :- क्या है भाई...जा जाके काम कर..

बाघा :- क्या काम करूँ..

जेठालाल :- गुस्से में...जा वहाँ जाके खड़ा हो जा...

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रात के 9:30 बजे....

हाहहहहः....हाँ ये सही है...हाहः...अच्छा था मेहता साहब..

जी हाँ सभी जेंट्स अब्दुल की दुकान पे सोडा पी रहे थे....

तभी पीछे से जेठालाल आता है...

जेठालाल :- और मेहता साहब क्या हुआ..क्यूँ सब हंस रहे है...

तारक :- अरे जेठालाल आज तुम लेट हो गये काफ़ी...और यार बस ऐसे ही वो जोक सुनाया था...तो हंस रहे थे....

जेठालाल :- अरे वो क्या हुआ मेहता साहब आज दुकान में पोलीस आई थी...

बस इतना ही बोलता है..कि हर बार की तरह अईयर भाई चुप रहे बिना नही मानते..

अईयर :- क्यूँ जेठालाल ..... क्या गड़बड़ कर दी तुमने..

जेठालाल :- अईयर भाई आप साइंटिस्ट हैं ना..

अईयर :- हाँ तो..

जेठालाल :- तो एक काम करो..एक रॉकेट बनाओ..और उसमे बैठ के उड़ जाओ...

सभी जेठालाल की बात सुन के हँसने लगते हैं...

अईयर गुस्से में जेठालाल..

जेठालाल :- क्या जेठालाल :- कुछ पता है नही....फिर बीच में क्यूँ बोल रहे हैं आप...शांति रखिए..

तारक :- ओहू..अईयर तुम भी ना...शांत रहो...जेठालाल को बोलने तो दो..

अईयर :- सॉरी मेहता साहब..

जेठालाल :- ये अईयर भाई भी ना हुह...
हाँ तो हुआ क्या मेहता शाब....
और दुकान पे इनस्पेक्टर वाली सारी बात बता दी..
 
तारक :- ओह्ह्ह...ये तो बहुत गंभीर समस्या है...जेठालाल ध्यान रखना भाई..

पोपटलाल :- अच्छा....इसके बारे में एक आर्टिकल लिखूंगा...में इन टेररिस्ट के खिलाफ एक जबरदस्त आर्टिकल लिखूंगा.....में दुनिया हिला दूँगा...!!

सोढी :- अरे मुझे तो ये लोग मिल जायें..तो में इनको मार मार के...इनका कचूमर निकाल दूं..

भिड़े :- सही बात है....मगर जेठालाल ध्यान रखना भाई...ये लोग कहीं भी बॉम्ब रख देते हैं...

जेठालाल :- आई भाई क्या बोल रहा है तू....

तारक :- ओफूओ भिड़े .. कैसी बात कर रहे हो...देखो जेठालाल ऐसा कुछ नही होगा...तुम टेन्षन मत लो...अच्छा ये छोड़ो....
पार्टी की बात करते हैं..थोड़ा मूड भी ठीक हो जाएगा....

जेठालाल :- हाँ मेहता साहब ...आपने ठीक कहा....ट्टो बहियूं...सब तैयार है ना....पार्टी के लिए...

सभी एक साथ बोलते हैं...हाँ...बट एक इंसान ना बोल देता है.....!!!!!!!

देखते हैं कौन है जो पार्टी के लिए नही जाना चाहता .... नेक्स्ट अपडेट में..!!!!

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अब्दुल की दुकान पे सब पार्टी में जानने की बातें कर रहे थे...तभी किसी ने ना बोला...अब आगे....!!

जेठालाल ने सबको पार्टी में जाने के लिए बोला....तभी किसी ने वहाँ ना कहा..

पोपटलाल :- क्यूँ...हाथी भाई...

तारक :- हाथी भाई आप पार्टी में जाने के लिए मना कर रहे हो....मेरे कान तो ठीक हैं ना..

डॉक्टर हाथी :- हाँ मेहता साहब ...आप ने बिल्कुल ठीक सुना...

भिड़े :- लेकिन क्यूँ??

डॉक्टर हाथी :- भिड़े मास्टर....वो मुझे और कोमल दोनो को कल .... हॉस्पिटल मेरे भाई के पास जाना है...गाओं में...उनके बेटे की तबीयत थोड़ी खराब है .....

जेठालाल :- ओहू....हाथी भाई...हम आपको बहुत मिस करेंगे...

हाँ ये बात तो है...सभी बोल पड़ते हैं..

जेठालाल :- मेहता साहब एक और मुसीबत है....

तारक :- क्या..

जेठालाल :- बापूजी.....

सब बापूजी का सुन के टेन्षन में आ जाते हैं....

जेठालाल :- हम अपनी बीवियों को तो बेवकूफ़ बना देंगे..लेकिन में बापूजी के सामने झूठ नही बोल पाता...

तारक :- ये बात तो ठीक है तुम्हारी...एक काम करते हैं...सब आज रात सोचते हैं कि क्या बहाना मारना है....फिर देखते हैं...क्या करना है...ठीक है दोस्तों..

भिड़े :- हाँ मेहता साहब .. आप ठीक बोल रहे हैं...कुछ तो सोचना पड़ेगा....चलो फिर चलते हैं...और सोचते हैं..

फिर सब अब्दुल को गुड निट बोल के निकल जाते हैं...

जेठालाल घर पहुँचते हुए.....अपने लिविंग रूम में एंटर करता है....और यूयेसेस दया दिखाई देती है...जो कि डाइनिंग टेबल पे कुछ कर रही थी..इसलिए वो जेठालाल को नही देख सकती...

जेठालाल दया को पीछे से उसकी गान्ड को देख के गरम हो जाता है...और दौड़ता हुआ...पीछे से जाके उससे चिपक जाता है...और दबोच लेता है...

दया डर जाती है..

दया :- उईइ माआ....टप्पू के पापा ये आप क्या कर रहे हैं..

जेठालाल :- अपनी बीवी से प्यार...

और उससे ....अपनी तरफ सीधा कर लेता है...

दया :- टप्पू के पापा आप भी ना...खाना खा लीजिए...पहले...फिर कमरे में आराम लेंगे...कोई आ जाएगा..

जेठालाल :- अर्रे बापूजी और टप्पू के अलावा कौन आएगा...और वैसे भी आज लेट हो गया तो वो दोनो सो ही गये होंगे...

 
जेठालाल बोलते बोलते दया के चुचों के उपर घुमा रहा था...दया मदहोशी में जाने लगी थी...

लेकिन वो होश में आती हुई...टप्पू के पापा मुझे कुछ बताना है...

जेठालाल :- हाँ पता है भाई..

दया :- अच्छा आपको कैसे पता चला..मेने तो आपको बताया नही..

जेठालाल :- अरे अभी अब्दुल की दुकान पे पता चला...

दया :- हीइन....मगर मेने तो अब्दुल भाई को नही बताया...ओह्ह..अच्छा वो सभी लॅडीस को मेने बताया था ...शायद उनसे पता चल गया होगा..

जेठालाल :- तूने किससे कहा....और तेरे कहने से थोड़ी डॉक्टर हाथी और कोमल भाभी गाओं जाएँगे...

दया :- ओह्ह्ह अच्छा तो इन दोनो की बातें कर रहे थे....लेकिन में तो कुछ और बता रही थी..

जेठालाल :- बाद में बताना...
और अब जेठालाल अपना मुँह दया की चुचियो पे रख देता है...और उसमे अपना मुँह रगड़ने लगता है...

दया :- उई माँ....अहह....मत कीजिए ना अभीइ....उफ़फ्फ़.....अरे मेरी बात बहुत ज़रूरी है..

जेठालाल अपना मुँह हटाते हुई....अच्छा फिर बता..

दया :- बात ये है...कि.....बापूजी..घर ....पे.....नही.....है.....वो अपने यंग ओल्ड ग्रूप के साथ **** के लिए गये हैं...

दया की बात सुन के जेठालाल बहुत ही ज़्यादा खुश हो जाता है....और दया को छोड़ देता है.....
दया चौंक जाती है..कि टप्पू के पापा ने उसे छोड़ कैसे दिया...

दया :- क्या हुआ टप्पू के पापा आपने मुझे क्यूँ छोड़ दिया..

जेठालाल:- घबराता हुआ...नही वो क्या है..बापूजी नही है...तो तू खाना लगा फिर रात में मस्त मज़ा करेंगे...मज़ा आएगा..

दया शरमाते हुई...अच्छा ठीक है..में खाना लगाती हूँ..
 
जेठालाल दया के जाने का इंतेज़ार करता है...और जैसे ही दया चली जाती है...वो मेहता साहब को फोन करता है...

जेठालाल :- मेहता साहब एक गुड न्यूज़ है...

तारक :- क्या जेठालाल...

जेठालाल :- मेहता साहब....बापूजी 2 या 3 दिनो के लिए बाहर गाओं गये....अब कोई टेन्षन नही है...

तारक :- अरे वाहह जेठालाल तुमने तो बहुत बड़ी खुशख़बरी दे दी...में अभी सबको बता देता हूँ ओके....

जेठालाल :- ओके मेहता साहब...बाइ...
और फोन कट कर देता है..

और फिर बोलता है..
अब तो पार्टी का मज़ा आएगा...बस अब दया को कोई कहानी बनानी है...पहले आज उससे इतना खुश कर देता हूँ...कि कल वो कोई सवाल ही ना पूछे...!!!!

जेठालाल कल की पार्टी में जाने के लिए दया से झूठ बोलने वाला था...शायद इसलिए....वो आज दया को अच्छी तरह से खुश करना चाहता था.....जिससे कल वो उससे आना कानी ना करे.....

लेकिन जैसे ही जेठालाल कमरे में पहुँचा देखा तो दया सोने की तैयारी कर रही थी...

जेठालाल :- थोड़ा परेशान होते हुए...दया तू सो क्यूँ रही है..

दया :- भोली बनती हुई...क्यूँ क्या हुआ..कुछ काम है आपको..

जेठालाल :- लुच्ची ऐसे बोल रही है..जैसे तुझे पता नही हो कि में क्या चाहता हूँ..

दया :- शरमाते हुई...टप्पू के पापा आज नही कर सकते क्यूँ कि मुझे कल शॉपिंग पे जाना है...तो जल्दी सोना है..

जेठालाल :- ओफू दया ...कितना मन था मेरा आज..

जेठालाल के मन में ये चल रहा था कि कहीं ..कल किसी को पता ना चल जाए..कि हम पार्टी में जा रहे हैं..

दया :- सॉरी टप्पू के पापा....
और फिर दया लेट जाती है..

जेठालाल कुछ सोचने लगता है...और तभी पूछता है..

जेठालाल :- अच्छा दया वैसे तू कितने बजे जाएगी....और कितने बजे तक वापिस आएगी..

दया :- क्यूँ आप ऐसा क्यूँ पूछ रहे हैं...

जेठालाल चलते चलते ..पलंग के पास आके बोलता है...तू बता ना भाई..

दया :- अच्छा...हम सब सारी लॅडीस कल 12 बजे कॉंपाउंड में मिलेंगे...और शाम को 5 बजे तक आ जाएँगे..

जेठालाल :- इससे ज़्यादा तो लेट नही होगा ना...

दया :- नही इससे ज़्यादा नही होगा..वैसे आप क्यूँ पूछ रहे हैं..

जेठालाल :- तेरे लिए सर्प्राइज़ है इसलिए...

दया :- सर्प्राइज़...अच्छा..टप्पू के पापा बताइए ना...

जेठालाल :- अरे डोबी अगर अभी बता दूँगा तो सर्प्राइज़ कैसा..

दया :- ओफू..टप्पू के पापा...मुझे तो नींद ही नही आएगी अब..

जेठालाल उसके माथे को सहलाता हुआ बोलता है...सो जा दया...सो जा...

और थोड़ी देर में दया खर्राटे मारने लगती है..

जेठालाल :- बोलो ज़रा...अभी बोल रही थी...कि नींद नही आ रही है..और सो भी गई.....
चलो कल का सर्प्राइज़ ...में कल सुबह मेहता साहब को बता दूँगा....ह्म....मज़ा आएगा....!!!!

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अगली सुबह.....गुड मॉर्निंग...गोकुलधाम...!!!!

अईयर के घर पे...

अईयर सोफे पे बैठ के सोच रहा था कि आज पार्टी के लिए क्या झूठ बोला जाए बबीता से..जिससे उसको कुछ शक़ ना हो....

लेकिन उसको कुछ सूझ नही रहा होता है..

तभी वहाँ से बबीता कॉफी लेके आती है..और अईयर को देती है...लेकिन अईयर तो ख्यालों की दुनिया में था...

बबीता :- अईयर...अईयर...अईयर...

3 बार बुलाने के बाद वो होश में आता है...

अईयर :- हाँ ..क्या हुआ..

बबीता :- अईयर कहाँ खो गये थी...क्या हुआ..

अईयर :- घबराता हुआ...कुछ नही बस वो लॅब के कुछ काम के बारे में सोच रहा था...

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वही हाल उधर भिड़े भाई साहब का भी था...

वो भी सोच में डूबे पड़े थे कि क्या करूँ...क्या आइडिया सोचूँ...एक शिक्षक के लिए कितना मुश्किल है झूठ बोलना...क्या करूँ.....कुछ समझ नही आ रहा..

उधर से माधवी चाइ लेके आती है..

माधवी :- आहू...चाइ...

भिड़े नही सुनता...

माधवी :- अहूओ..कहाँ खो गये..

भिड़े :- होश में आता हुआ...हाँ कुछ नही माधवी बॅस...ऐसे ही इस साल के बजेट के बारे में सोच रहा था...

माधवी :- ओहू..आप भी ना..चलिए जल्दी से चाइ पी लीजिए...फिर आचार की डिलेवेरी भी करने जानी है....

भिड़े :- हाँ ठीक है माधवी...और चाइ पीते पीते फिर सोच में चला जाता है...

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