XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 13 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

सभी जेंट्स पार्टी में पहुँच चुके थे.....तारक , भिड़े , सोढी और पोपटलाल डॅन्स फ्लोर पे थे....और जेठालाल बार लेडी से फ्लर्ट करने में लगे थे..और मिस्टर अईयर टन होके वहीं कुर्सी पे बैठ के लड़कियाँ देख रहे थे.....

तारक , पोपटलाल , सोढी और भिड़े....डॅन्स कर रहे थे...तभी तीन लॅडीस उन के बगल में आ जाती है....

जेंट्स तो नशे में होते हे हैं....उन लॅडीस ने भी पी रखी होती है...

थोड़ा डॅन्स करने के बाद...वो सब सब के काफ़ी करीब आ चुके थे....

भिड़े :- मेहता साहब....मेहता साहब...
शोर बहुत है इसलिए तारक को ढंग से सुनाई नही देता....फिर भिड़े तारक को अपने हाथ से हिलाता है....

भिड़े :- मेहता साहब....आपको नही लगता कि ये औरतें हमारे बहुत करीब आ गई है...

तारक इधर उधर देखता है...और उसे भी लगता है...

तारक :- आने दो ना भिड़े....डॅन्स फ्लोर है ऐसा होता रहता है....

फिर सब डॅन्स करने लगते हैं...सोढी को तो बुरी तरह चढ़ चुकी थी....वो तो इधर उधर गिरे जा रहा था.....

तभी वो साथ वाली औरत से टकराया गया जो उनके बगल में हे डॅन्स कर रही थी.....

और सोही का हाथ उस लेडी के बूब्स पे टकरा जाता है.....
यूयेसेस लेडी के मुँह से हल्की स आ निकलती हाई...

सोढी :- नशे मे...सॉरी मेडम...

लेडी :- इट्स ओके..नो प्राब्लम...

भिड़े डॅन्स कर रहा था...और डॅन्स करते वक़्त उसकी गान्ड..पीछे खड़ी लेडी की गान्ड से टकरा रही थी...
और आपस में घिस रही थी...

भिड़े का तो बुरा हाल हो गया था....वो बार बार पीछे मूड के देख रहा था...लेकिन उस लेडी की तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही था...वो तो नाचने में ही मग्न थी....

फिर भिड़े मन में बोलता है....जाने दो ...में भी मज़े ले लेता हूँ....और फिर से डॅन्स करने लगता है...और फिर उन...दोनो की गान्ड आपस में घिस रही होती है.....

उधर पोपटलाल ....बेवकूफ़....अपने छाते के साथ ही डॅन्स कर रहा था...
उसको ये पता ही नही कि उसका छाता...किस को लग रहा है कि नही...वो तो बस अपने डॅन्स करने में पागल था...वैसे ढीला सा है...और पीने के बाद तो ऐसे हो गया था...कि अभी उसे कोई एक हाथ मारे..और वो वहीं बिछ जाय डॅन्स फ्लोर पे.....

तभी एक लेडी के बगल से आवाज़ आई....
आहह..ओह्ह..प्लीज़ इसे हटाओ...

फिर से आवाज़ आई...प्लस्सस ईससीए हातूओ..अहह......

 

थोड़ा टाइम को रिवर्स करते हैं....और चलते हैं जेठालाल के पास...

जेठालाल अभी भी वहीं उस बार लेडी के सामने बैठा था...और पॅक पे पॅक लगा रहा था...
वो बार लेडी भी दूसरों को सर्व कर रही थी.....
और जेठालाल को घूरते पा रही थी..और मुस्कुरा रही थी...

जेठालाल जब भी उसको मुस्कुराता हुआ देखता...उसका तो बुरा हाल हो जाता ...फिर उसने उस अब्र लेडी से पूछा...

जेठालाल :- अच्छा...आपसे कुछ पूछ सकता हूँ..अगर आप बिजी नही है तो...

बार लेडी :- ओफ़फ्कोर्स सर...

जेठालाल :- की फिर से सिट्टी गल...क्या??

बार लेडी :- अब तक समझ चुकी थी..जेठालाल को इंग्लीश नही आती है...
वो बोलती है...जी बिल्कुल सर...बोलिए क्या बात है...

जेठालाल :- खुश होते हुए.....क्या अपना नाम बताएँगी...

बार लेडी :- ओह्ह्ह.....माइ नेम ईज़ बबीता..

जेठालाल ये सुन के ऐसा उछल पड़ता है....जैसे उसने जन्नत में एंट्री कर ली हो....

उसको समझ नही आता.....कि वो क्या बोली..
बबीता जीिइईईईईईईईईई...बस यही बोलता है...

बबीता का नाम सुनते ही....गुम सूम पड़े...अईयर को एक दम होश सा आता है...और वो चिल्लाता है..

अईयर :- बबीता ...बबीता..कहाँ है...कहाँ है...

जेठालाल :- बस बार लेडी को देखते हुए...ये रही आपके सामने...

जब अईयर सामने देखता है..तो उसे सुकून मिलता है....
और एक और पॅक बना के पी जाता है...

 

बबीता बार लेडी :- और सर आपका नाम क्या है..

जेठालाल :- मेरा नाम...जेठालाल चंपकलाल गाड़ा...

बबीता बार लेडी :- अच्छा नाम है...

जेठालाल :- आपका नाम तो इतना अच्छा है..कि में बता ही नही सकता....
और उसे टुकूर टुकूर देखने लगता है.....वो इतना नशे में था...कि उसको अब उस बार लेडी में ही बबीता की शक्ल दिखाई दे रही थी...

बबीता बार लेडी :- जब जेठालाल को ऐसे घूरते हुई..देखती है तो बोलती है....
चुटकी बजाते हुए...क्या हुआ सर...कहाँ खो गये....आप....

जेठालाल :- होश में आते हुए.....
कुछ नही बॅस...आपकी सुंदरता में खो गया था.....

बबीता बार लेडी :- शर्मा जाती है....आप भी ना सर...वैसे थॅंक यू ....अच्छा आप मुझे बताएँगे टाइम क्या हुआ है..

जेठालाल :- जी बिल्कुल...टाइम हुआ है..10:00

बबीता बार लेडी :- ओह्ह्ह...मेरा टाइम ओवर हो गया है...मुझे जाना पड़ेगा...

जेठालाल :- चौंकते हुए...क्या....इतनी जल्दी...नही जा सकते आप...

बबीता बार लेडी :- चौंकती हुई....क्यूँ सर....लेकिन फिर वो कातिल से मुस्कान दे देती है....

जेठालाल :- मेरा मतलब है...कि आपसे थोड़ी देर और बात हो जाती...

बबीता बार लेडी :- सॉरी सर्र...
और वो जाने लगती है...

जेठालाल उदास हो जाता है...और वो एक ग्लास और गटक जाता है....

जब वो लेडी जा रही होती है....वो मुड़ती है....और जेठालाल को एक कातिल स्माइल देती है...जैसे कि अपने पास आने का इन्विटेशन दे रही हो....

जेठालाल समझ जाता है....उसे तो विश्वास नही हो रहा होता है...और वो चल देता है..उसके पीछे......!!!!

और.....आगे देखते हैं...कि ये मुस्कान जेठालाल के मज़े लेने की थी...या फिर अब जेठालाल किसी मुसीबत के पीछे चल देता है....!!!!!

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बार लेडी का टाइम पूरा हो चुका था..और वो जाने लगती है..जाते जाते वो जेठालाल को स्माइल दे देती है.....और जेठालाल उसके पीछे चल देता है...अब आगे.....!!

जेठालाल एक दरवाजे की तरफ बढ़ता है...और गेट खोल के कमरे में घुस जाता है...जहाँ वो बार लेडी बबीता अंदर घुसी होती है....

वो अंदर जाके देखता है...तो उसके सामने वो लेडी खड़ी होती है.....वो उसको पीछे से देखता रहा जाता है....
उसकी मस्त मस्त गान्ड...उसकी स्कर्ट में से बाहर आ रही होती है....उसकी पतली कमर...और गोरी गोरी जांघे...जेठालाल को और पागल कर रही थी.....

बबीता बार लेडी को लगता है..उसके पीछे कोई खड़ा है...वो मुड़ती है...

बबीता बार लेडी :- जान बुझ के चहकते हुई....अरे आप....

जेठालाल :- आगे बढ़ता हुआ.....क्यूँ मुझे यहाँ नही होना चाहिए था..

बबीता बार लेडी :- हाँ वैसे तो नही होना चाहिए था आपको यहाँ पर....बड़ी ही सेडक्षन लॅंग्वेज में बोल रही थी...

जेठालाल :- अच्छा वैसे नही होना चाहिए था...तो फिर कैसे होना चाहिए था...
वो भी चुटकी बजाता है...

अब जेठालाल बोलते बोलते काफ़ी करीब आ गया था...
दोनो के बीच ज़्यादा फ़र्क नही बचा था...

जेठालाल अपने हाथ को उठा के...उसके हाथों को पकड़ लेता है....दोनो की उंगलियाँ आपस में जकड जाती है...दोनो काफ़ी नज़दीक आ गये थे.....

बबीता बार लेडी :- आपको नही लगता ... कि आप कुछ ज़्यादा ही करीब आ गये हैं...
उसकी सासें काफ़ी तेज़ चल रही थी....जिससे उसके चुचें उपर नीचे हो रहे थे...

जेठालाल :- नही...मुझे तो नही लगता...

जेठालाल पूरे नशे में था...उसको कुछ नही पता वो क्या कर रहा है इस वक़्त....

बॅस अब उससे बर्दाश्त नही हो रहा था...और वो उस लेडी के होंठो की तरफ अपने होंठ बढ़ाता है...

उसके होंठ काफ़ी करीब पहुँच गये थे...कि तभी...

तभी जेठालाल का फोन बज उठता है.....

जैसे कि आपको याद होगा पिछले अपडेट में..जब तारक और सभी लोग डॅन्स कर रहे थे....तभी टाइम को रिवर्स किया गया था......तो अब हम ...टाइम को वापिस लाते हुए......

जेठालाल को गुस्सा तो बहुत आता है...लेकिन फिर भी वो उस लेडी से दूर हटके..अपना फोन निकालता है..और देखता है....

जेठालाल :- हाँ मेहता साहब क्या हुआ...

तारक :- तुम हो कहाँ जेठालाल...

जेठालाल :- में..में..वो बाथरूम में हूँ...हुआ क्या...

तारक :- जल्दी आओ जेठालाल....यहाँ गड़बड़ हो गई है....

जेठालाल :- क्या गड़बड़ हो गई...

तारक :- तुम आओ तो सही..में बताता हूँ...

जेठालाल उस बार लेडी से...

जेठालाल :- सॉरी...वो बाहर कुछ काम आ गया है...मुझे जाना होगा...मगर तुम मत जाना में आता हूँ अभी...

बबीता बार लेडी :- मुस्कुराती हुई...नो प्राब्लम सर...में यहीं वेट कर रही हूँ आपका...

जेठालाल गर्दन हिलाता हुआ बाहर निकल जाता है...

और बाहर जैसे ही अपनी पुरानी जगह पर पहुँचता है..तो देखता है..डॅन्स फ्लोर पे.....काफ़ी भीड़ जमा थी..गाने बंद थे...और काफ़ी चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी....

तो वो तभी भागता हुआ..वहाँ पहुँचता है...

 

जेठालाल :- मेहता साहब ये क्या हुआ है...

तारक :- अरे पूछो मत..ये पोपटलाल ने यहाँ सारा काम खराब कर दिया...

जेठालाल :- पोपटलाल ...क्या कर दिया तुमने...

भिड़े :- पूछो मत...ये पोपटलाल एक नंबर का...पागल है पागल..

पोपटलाल :- भाई भिड़े तू मुझे पागल कैसे कह सकता है...तू मुझे जानता नही है..में दुनिया हिला दूँगा...

कोई और कुछ बोले तभी...

लेडी :- अरे तू क्या दुनिया हिलाएगा....में हिलाती हूँ तेरी दुनिया रुक्क...

जेठालाल :- अरे मेडम...शांति रखो भाई...बात क्या हुई है वो तो बताओ..

लेडी :- आप इन्ही से पूछिए...क्या कारनामा किया है इन्होने.....

तारक :- में बताता हूँ...

चलते हैं फ्लॅशबॅक में........

पोपटलाल नाच रहा होता है...नशे में तो होता हे है...हाथ में छाता होता है उसके....वो पागलों की तरह नाच रहा होता है..उसे ये ध्यान हे नही होता कि आस पास कोई है कि नही....

तभी किसी औरत के चिल्लाने की आवाज़ आती है....अहह...ओह...ये क्या कर रहे हूऊ...ओह...

पोपटलाल फिर भी ध्यान नही देता....वो तो अपने नाचने में मग्न था...

जब वो औरत ऐसे चिल्लाई तो उसके पास खड़ी औरतों ने उससे पूछा क्या हुआ....
तो उस लेडी ने उन्हे बता दिया ....
तभी वो औरतें पोपटलाल के पास गई..और उसे पकड़ लिया...

पोपटलाल रुक गया....

पोपटलाल :- क्या हुआ महतर्मा..

लेडी :- क्या हुआ..ये तुम पूछ रहे हो...

भिड़े ने उस लेडी को पोपटलाल से बात करते हुए देख लिया...वो फ़ौरन आया पोपटलाल के पास...और उस लेडी से पूछा...

भिड़े :- एनी प्राब्लम मेडम...

लेडी :- एस...इन्होने मेरी फ़्रेंड के साथ बदतमीज़ी करी है...
पोपटलाल और भिड़े का तो सारा नशा उतर जाता है...भिड़े तभी तारक और सोढी को बुलाते हैं...और उन्हे ये सब बताते हैं...और उनका भी नशा उतर जाता है...

तारक :- लेकिन मेडम क्या किया इन्होने..

लेडी :- इन्होने....बताते हुए भी शर्म आ रही है...फिर भी बताना तो पड़ेगा...
इन्होने अपने छाते से....मेरी फ़्रेंड के बूब्स दबाए हैं...और और....इन्होने उनकी पुसी में भी अपना छाता घुसा दिया है.....
इतना ही नही...जब वो मूड गई..तो उनकी आस..में भी अपना छाता घुसा दिया...और वो भी इतनी ज़ोर से कि वो अंदर तक घुस गया.....
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सारी बात वो अटक अटक के बता देती है....

सभी का मुँह खुला का खुला रह जाता है....

 
बॅक टू लाइव....

तारक :- तो ये सब हुआ जेठालाल...

लेडी :- अरे मुझे अब और बर्दाश्त नही हो रहा है..में अभी पोलीस को बुला रही हूँ...ऐसे कोई करता है क्या किसी के साथ...

जेठालाल का सारा नशा उतर जाता है..पोलीस का नाम सुन कर...उसकी हालत पतली हो जाती है....वो मेहता साहब बस इतना चिल्लाता है...

तारक उस लेडी को समझाते हुए...

तरल :- देखिए मेडम....इन्होने जान बुझ के ये सब नही किया है...

पोपटलाल :- हाँ मेडम.......में ये सब जान बुझ के नही किया है...में एक पत्रकार हूँ...

लेकिन उस लेडी ने तो कसम खा रखी थी कि वो आज पोपटलाल को माफ़ नही करेगी....

लेडी :- मुझे कुछ नही सुनना.....छाता लेके कोई डॅन्स करता है भला....में तो कंप्लेन करवा के छोड़ूँगी...

जेठालाल :- देखिए मेडम आप ग़लत समझ रही है......

पोपटलाल छाता जान बुझ के नही अपने साथ ले रखा...ये तो इसकी जान है...एक तरीके से...ये इसके बच्चे के समान है...
जैसे आप अपनी सुंदरता से कितना प्यार करती है...उसके बिना नही जी सकती ...वैसे ही पोपटलाल भी बिना छाते के नही जी सकता....ये इसका हमसफ़र है...

जेठालाल ने तीर छोड़ दिया था...और क्या करता वो..पोलीस के नाम से तो उसकी हालत एक गली के कुत्ते जैसे हो जाती है...

पोपटलाल :- हाँ मेडम...

भिड़े :- जेठालाल बिल्कुल सही बोल रहा है..मेडम...आप प्लीज़ ट्राइ टू अंडरस्टॅंड....

वो लेडी कुछ देर सोचती है.......

लेडी :- कुछ देर सोचने के बाद....अगर ऐसी बात है....तो ठीक है में आप सब को माफ़ कर देती हूँ.....

जेठालाल का तीर निशाने पे लग चुका था...

पोपटलाल :- सॉरी मेडम...आंड थॅंक यू...

सभी थॅंक यू बोल देते हैं.....

और वहाँ से हट के बार काउंटर पे आ जाते हैं......
सभी का नशा उतर चुका था....बस एक जने को छोड़ के....
जी हाँ अईयर....वो तो पी के टेबल पे सर रख के पड़े थे...

जेठालाल :- पोपटलाल ...तुम्हारी वजह से सारा मज़ा किरकिरा हो गया....

सोढी :- पोपु...मेरा तो मन कर रहा है..तेरा सर फोड़ दूं...

तारक :- सोढी शांत रह भाई...

पोपटलाल :- सॉरी भाई लोगों...सॉरी...
लेकिन अभी भी कुछ नही बिगड़ा है..हो जाए फिर से....

जेठालाल :- हाँ और क्या...अब तो बिना पिए...मेरा सर दर्द नही ख़तम होगा...

सभी हामी भरते हैं ...और फिर से...एक बार...
चेरसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...
ग्लास ख़तम.....

 

टाइम 12 :20

सोसाइटी में....

बबीता को नींद नही आ रही थी...तो वो बाहर आती है...

बबीता अपने आप से....कितने लेट हो गये..अईयर नही आए...अभी तक..

वो सोचती रहती है...और बाहर की ताज़ा ठंडी हवा खाने लगती है....

कुछ 10 मिनट बाद....

अहह.....ओह.....उ...
एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....ह्म्म्म्मम.....आईईईईईईईईई

आवाज़ें आनी लगती है....

बबीता ये सुन के चौंक जाती है...

बबीता :- कौन है.....कौन है वहाँ पे.....

लेकिन इस बार भी कोई आवाज़ नही आती.....

बबीता काफ़ी डर जाती है....इसलिए वो अंदर भाग जाती है....

टाइम 1 बजे....

पार्टी में....

सब के सब इतनी ज़्यादा पी चुके थे..कि फुल टल्ली हो गये थे....

तारक :- अब हमे....चल...चलना चाहिए....

जेठालाल :- हां.....सहीी बोल रहे हैं..आप....बहुत टाइम हो गया है...

सब के सब अग्री कर देते हैं...और पहुँच जाते हैं..लड़खड़ाते हुए...गाड़ी के पास...

गाड़ी में बैठ के सोसाइटी में पहुँचने वाले होते हैं...

भिड़े :- अब हम...इतने नशे में अपनी अपनी बीवियों के पास कैसे जाएँगे....

तारक:- पॉइंट है भिड़े....कैसे जाएँगे...

तभी जेठालाल को ऐसा बोलता है...कि सब के सब उसकी तरफ घूर घूर के देखने लगते हैं....

वो बात है.....

अगले अपडेट में देख लेंगे..कि ऐसा क्या बोल दिया जेठालाल ने जो सब चौंक गये इतना......!!!!!

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सब पार्टी में से निकल कर गाड़ी में बैठ के वापिस आने लगते हैं.....अब आगे...!!

भिड़े :- लेकिन हम लोग घर पे कैसे जाएँगे...अपने अपने.....गाड़ी में बैठे बैठे बोलता है...

तारक :- हाँ ये बात तो सही है..कैसे जाएँगे....गड़बड़ हो गई....

सोढी :- मेहता साहब...इस बार ऐसी हालत में गया....तो रोशन मुझे हमेशा के लिए घर से निकल देगी....

जेठालाल :- दया तो सीधे बापूजी को बता देगी...वो तो मेरी बॅंड बजा देंगे...

तारक :- सही बोल रहे हो....तुम्हारी नही..हम सब की बज जाएगी...
चलो सब मिल के सोचते हैं....कि क्या किया जाए...

सब सोचने लगते हैं.....

तारक बोल पड़ता है..

तारक :- क्यूँ ना हम सब पोपटलाल के घर पे रुक जायें....

पोपटलाल :- हड़बड़ाता हुआ....मेहता साहब ये आप क्या बोल रहे हैं....मेरे घर पे इतने सार जने...एक साथ कैसे सोयंगे...

जेठालाल :- ये पोपटलाल कसम से कंजूस आदमी है....सोने तक नही देगा...बहुत धीरे से वो तारक को बोलता है...

इस बात पे कोई कुछ नही बोलता है...सब चुप ही रहते हैं....

सोसाइटी आने ही वाली होती है....

सब नशे के कारण कुछ सोच भी नही पा रहे थे....तभी जेठालाल बोल पड़ता है.....

और जैसे ही वो बोलता है...गाड़ी सोसाइटी में आके रुक जाती है.....

सब उसकी तरफ ऐसे देख रहे होते हैं..जैसे सब को साँप सूंघ गया हो...

तारक :- चुप्पी तोड़ते हुई....ये क्या बोल रहे हो जेठालाल ..ऐसा थोड़ी हो सकता है...

जेठालाल :- क्यूँ नही हो सकता...
क्यूँ भाई सोढी....

सोढी सोच में पड़ जाता है...

जेठालाल :- अरे इस अईयर जी को कोई जगाओ..किसी काम का नही है....

पोपटलाल अईयर को जगाता है..और जेठालाल की बात उसे बताता है...

तारक :- पहले सब गाड़ी से उतरो...फिर देखते हैं....

सब गाड़ी से उतरते हैं....और गाड़ी चली जाती है सोसाइटी से...
किसी से खड़ा नही हुए जा रहा होता है..सब नशे में लड़खड़ा रहे होते हैं...

इसलिए सभी वहीं कॉंपाउंड की ज़मीन पर बैठ जाते हैं.....

टाइम 1:30 बज रहे होते हैं...

जेठालाल :- क्यूँ मेहता साहब क्या सोचा आपने....मेरे आइडिया..के बारे में..

तारक :- सब की राय लो जेठालाल..में तो तैयार हूँ...

सोढी :- में भी तैयार हूँ....
आज वो इतने नशे में था .. कि जिस चीज़ के लिए वो हाँ कर रहा था...अगर उसे बाद में पता चलेगी..तो अपने आप को कैसे माफ़ कर पाएगा....

भिड़े :- ठीक है...शिक्षक महोदय....बने फिरते हैं..लेकिन आज सारी सिक्षक गिरी ख्तम हो चुकी थी....

वो क्या कोई भी अपने आप को कैसे माफ़ कर पाएगा...

जेठालाल :- अईयर भाई ...क्या कहते हो आप...बॅस आप ही रहे गये हो...

अईयर में इतनी ताक़त ही नही होती...सबसे ज़्यादा बुरा हाल हुआ होता है..नशे से.....वो बस इतना ही बोलता है...

अईयर :- हाँ...ठीक है...ठीक है....

जेठालाल :- तो ठीक है....चलते हैं फिर...यहाँ पर क्यूँ वक़्त बर्बाद कर रहे हैं...

पोपटलाल :- मुझसे तो पूछो कि .... में क्या चाहता हूँ...

अईयर को छोड़ के बाकी तीनो हँसने लगते हैं....

जेठालाल :- आए पोपटलाल ..तेरी शादी थोड़ी हुई है....जो तुझसे पूछेंगे....हहेहहही....

तारक :- हाँ भाई..तू जा अपने घर....

सोढी :- पोपु ..तू तो वैसे भी अकेला ही है...कुँवारा...हाहहहहाः....तू किसके पास जाएगा.....

पोपटलाल गुस्से में आते हुए...

पोपटलाल :- तुम लोग समझते क्या हो मुझे....में दुनिया हिला दूँगा...में भी जाउन्गा....तुम मेरी चिंता मत करो....

आज सब नशे में वो करने जा रहे थे...जिससे उनकी दुनिया हिल जानी थी....

जी हाँ......अगर आप समझ गये होंगे तो..

जानने के लिए कि जेठालाल ने क्या ..बोला था....चलते हैं..एक बार फिर से....

फ्लश बॅक......!!!
 

सब प्लान के बारे में सोच रहे थे....कि तभी जेठालाल बोल पड़ा...

जेठालाल :- हम अपनी अपनी बीवियों के पास तो नही जा सकते...क्यूँ ना हम...दूसरों की बीवियों के पास चलें....

सभी के सभी उसकी तरफ नज़र टिकाए देखने लगते हैं...

तारक :- तुम्हारा मतलब वाइफ स्वापिंग..

जेठालाल :- क्या??

तारक :- क्या ये सही है..

जेठालाल :- हाँ बिल्कुल सही है..मेहता साहब...क्यूँ सोढी...क्यूँ भिड़े....

और इसी बात पे सब सोचने लगते हैं...

बॅक तो लाइव.....!!!

भिड़े :- लेकिन कौन किसके घर जाएगा....ये तो डिसाइड कर लो पहले....

सोढी :- ह्म..ये ज़रूरी है...

भिड़े सोचता है इससे पहले कि कोई और बोले में बोल देता हूँ...

भिड़े :- मेरा नंबर है.... रोशन भाभी के पास...

सोढी एक बार तो उसकी तरफ घूर के देखता है.....भिड़े की तो गान्ड फट जाती है..कि कहीं..सोढी उसे मार ना दे..लेकिन थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो जाता है...

क्यूँ कि सोढी भी प्यारी सी स्माइल दे देता है...भिड़े की जान में जान आ जाती है...

कोई कुछ बोले उससे पहले जेठालाल बोल पड़ता है....हाँ ठीक है..इसका फ़िक्स करो..नही तो बाद में पंचायत करेगा....

तारक अपने मन में सोचता है..कहीं सोढी वो नाम ना बोल दे..इससे पहले में बोल देता हूँ...

तारक :- अब में बोल देता हूँ...
में जाउन्गा...माधवी भाभी के घर....

जेठालाल :- किसी को कोई दिक्कत तो नही है...

सभी अपनी गर्दन ना में हिला देते हैं...

जेठालाल :- आप ये फ़िक्स करो...

अब जेठालाल खुश होता है..और सोचता है..इससे पहले सोढी बोले में ही बोल देता हूँ....

जेठालाल :- में बोल दूं अब...
में जाउन्गा...बबीता जी के पास...

बबीता का नाम सुन के अईयर के कान फिर से खड़े हो जाते हैं...

लेकिन वो कुछ बोलने के लायक नही होता...

जेठालाल :- किसी को कोई परेशानी तो नही है....

सब अपनी गर्दन एक बार फिर ना में हिला देते हैं...

इस बार सोढी बोल पड़ता है...

सोढी :- तो ठीक है..में अंजलि भाभी के पास चला जाता हूँ...

तभी तारक बोल पड़ता है..

तारक :- सोढी..तुम अंजलि के पास मत जाओ...

सब पूछते हैं क्यूँ??

सोढी :- मेहता साहब आप क्यूँ नही चाहते ..ये तो ग़लत बात है....

जेठालाल और भिड़े एक साथ ...हन्ंणणन्..

तारक :- अरे भाई मेरी सुनो तो...मेरे कहने का मतलब् ये है..कि अईयर भाई की हालत सीढ़ी चढ़ने लायक नही है...तो उन्हे नीचे आसानी होगी...

सभी बात पर सहमति जताते हैं...

सोढी :- कोई गाल नही जी...तो में दया भाभी के पास चला जाता हूँ...और अईयर को आपके घर के गेट के सामने छोड़ दूँगा...क्यूँ अईयर..

अईयर अब कुछ ठीक ठाक सा हो रहा था..मतलब नशा तो तगड़ा था..लेकिन अब बोल पा रहा था...

अईयर :- इसकी कोई ज़रूरत नही है...में चला जाउन्गा..उपर चढ़ के...

तारक :- अईयर समझो...तुम गिर जाओगे..

अईयर :- ठीक है मेहता साहब...जैसा आप कहो....

जेठालाल :- तो हम सब का तो हो गया...लेकिन भाई पोपटलाल तू कहाँ जाएगा....तू जा अकेला घर पे जाके सो जा...

पोपटलाल :- जेठालाल.....तुम ने मुझे क्या सोच रखा है...मेरे पास भी है एक घर जानने को.....

सभी पूछते हैं कौन..........

तो सभी अपने अपने घर डिसाइड कर चुके थे...कौन किसके घर जा रहा है...वो इस प्रकार है...

जेंट्स हाउस

जेठालाल - बबीता

तारक - माधवी

अईयर - अंजलि

भिड़े - रोशन

सोढी - दया

पोपटलाल .....जी इनका क्या बताना..ये खुद तो हिलते रहते हैं...ये क्या किसी के घर जाएँगे..बस बातें बड़ी बड़ी करवा लो....
देखो क्या करते हैं.......

सभी के सभी एक ऐसी राह पर निकल गये थे....जिसका अंजाम क्या होगा...इनमे से किसी को नही पता....और ना ही मुझे पता है...कि अब आगे क्या होगा.......

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तो सब के सब अपने रास्ते निकल पड़े थे...

भिड़े ...रोशन के घर..

तारक .... माधवी के घर...

सोढी.... दया के घर...

अईयर...अंजलि के घर...

और अंत में....

जेठालाल चल पड़ा था..बबीता के घर.....

सबसे पहले ...उसके पास चलते हैं..जिसे सबसे नज़दीक जाना था...
जी हाँ...अईयर के पास....

अईयर लड़खड़ाता हुआ...अंजलि मेहता के घर के पास जाके बेल बजाता है....

थोड़ी देर बाद अंदर से आवाज़ आती है...

अंजलि :- आती हूँ..बाबा....कितनी रात से आए तारा...

बॅस जब इतना बोलके गेट खोलती है...और सामने अईयर को खड़ा पाती है तो घबरा जाती है...

अंजलि :- अईयर भाई आप...

अईयर बिना सुने...घर के अंदर जाने लगता है....वो अभी भी लड़खड़ाता है...

अंजलि :- अईयर भाई...आप यहाँ क्या कर रहे हैं...और तारक कहाँ है...आप कुछ बोलते क्यूँ नही...
और ना जाने क्यूँ दरवाज़ा बंद कर के उसके पास आ जाती है...

अईयर अब पीछे घूमता है...और अंजलि के सामने फेस फेस कर लेता है...

वो अंजलि को बस देखता रहता है....
उस टाइम अंजलि ने एक ब्लू कलर का नाइट सूट पहना होता है....और उसके शर्ट के उपर के 2 बटन खुले होते हैं....

और जिसकी वजह से उसका अंदर का बदन बाहर झलक रहा होता है...अईयर की नज़र वहीं पर गई रहती है...

जब अंजलि उसकी नज़र का पीछा करती है...तो पाती है...कि अईयर की नज़र कहाँ है...वो झट से..अपने हाथ रख लेती है...

अईयर :- अंजलि भाभी...हाथ क्यूँ रख लिया.....
इस वक़्त तगड़े नशे में होता है..

अंजलि जब उसकी आवाज़ सुनती है...तो उसके मुँह से शराब की बदबू आती है..

अंजलि :- अईयर भाई आप ने इतनी पी रखी है...और आप ये कैसी बात कर रहे हैं...

अईयर अंजलि की बात सुनता सुनता उसके करीब आ जाता है....वो उस वक़्त सोफे के पीछे खड़ा था...और अंजलि उसके आगे.....

अंजलि :- देखिए अईयर भाई...आगे मत आइए...प्लीज़...नही तो में चिल्लाउंगी...

अईयर उसकी नही सुनता वो आगे बढ़ता रहता है..और तभी अंजलि के चीखने की आवाज़ आती है...जो उसके पूरे घर में गूँज उठती है....

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