Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 20 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

देवा;माफ़ी मांग के उसके कमरे से बाहर तो चला जाता है पर लंड तो उसका भी थोड़ा टाइट हो चुका था।

पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।

वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।

रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।

देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।

रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।

देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।

रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।

देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।

रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।

देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।

रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।

हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।

देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।

रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।
 
पदमा;आहह देवा हमारे बच्चे को ताकत की ज़रुरत है मुझे जम के चोद। सारा पानी मेरी चूत में निकाल दे आह्ह्ह्ह।

देवा;पदमा को लिटा के उसकी चूत को चाटने लगता है गलप्प गलप्प।
इसमें से निकलेगा न हमारा बच्चा पदमा गलप्प गलप्प।

पदमा;हाँ इसमें से आहह काट मत ना रे।



देवा;के चूत चाटने से पदमा निहाल हो जाती है । पसीने से उसका पूरा जिस्म भीग जाता है उसे भी लंड चाहिए था । देवा का लंड था ही ऐसा एक बार किसी को मिल जाए वो उसकी दिवानी हो जाती थी।।

देवा;पदमा की चूत को चाटता हुआ ऊपर पेट पे आता है और पदमा की नाभि में ज़ुबान डालके उसे चाटने लगता है ।

पदमा को एक नया अनुभव होने लगता है वो अपनी ऑंखें बंद करके देवा को उसकी मनमानी करने देता है।

देवा; धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ता चला जाता है और निप्पल्स को मुंह में भर के चुसते हुए दूसरे चूचि को मसलने लगता है गलप्प गलप्प।
आज मै तेरे बदन को हर जगह चूमूँगा मेरी पदमा गलप्प।

पदमा;आहह जो करना है करो न तुमने मुझे वो ख़ुशी दी है जो कोई नहीं दे पाया अहह उई माँ।

देवा;को पदमा की पसीने की खुशबु बहुत आकर्षित करती थी वो पदमा के दोनों हाथ ऊपर उठाके उसके बगल(आर्मपिटस)में मुंह डालके उसे चाटने लगता है।
गलप्प गलप्प्प।



पदमा;पागल सी हो जाती है और देवा को अपने से अलग करके उसके लंड पे टूट पडती है।

देवा का लंड पदमा के हाथ में आ जाता है आज इस लंड पे बहुत ज़ुलम हुए थे।

पदमा; आहह इसने मुझे माँ बनाया है मै इसे बहुत प्यार करती हूँ और करती रहूँगी गलप्प गलप्प।
 
देवा;अपने लंड को रानी के मुंह में आगे पीछे करने लगती है पर आज शायद देवा के लंड की किस्मत ख़राब थी । हिम्मत राव की कार की आवाज़ सुनाई देने से देवा की गाण्ड फट जाती है। रानी के रोकने के बाद भी वो अपनी पेंट पहन के पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जाता है।

रानी;अपने मुंह को पोंछने लगती है की तभी हिम्मत राव अंदर आता है।

रानी;क्या बापू थोडी देर से नहीं आ सकते थे।

हिम्मत राव;क्यूँ बिटिया क्या हुआ।

रानी; अरे देवा आया था बस मुंह मीठा करने ही वाली थी की तुम आ गए। डर के मारे भाग गया मुआ।

हिम्मत राव;कोई बात नहीं ।
पर एक बात बता वो तेरे मुठी में तो आ गया है न।

रानी;इतराते हुए हाँ बापु लगभग आ गया है बस कुछ दिन और रुक जाओ उसके बाद ।

दोनो बाप बेटी एक दूसरे को चिपक के चुमने लगते है।

देवा;अपने खेत में चला जाता है।कुछ देर खेत में काम करने के बाद वो झोंपडे में सो जाता है।

और शाम ढले वापस पदमा के घर पे चला जाता है।

पदमा उसी का इंतज़ार कर रही थी। देवा को आता देख वो झट से दरवाज़ा खोल के उसे अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।
कब से आ रहा था ।

देवा; मैं वो खेत में सो गया था अब बोलो क्या बात थी।

पदमा; शरमा के देवा के सीने से लग जाती है और धीरे से उसके कान में कहती है।
तू हमारे बच्चे का बाप बनने वाला है।

देवा;सच। वो पदमा को अपने गोद में उठा लेता है उसे ये तो पता था की उसके लंड में बहुत ताकत है वो काफी देर तक औरत को चोद भी सकता है पर आज उसे ये भी पता चल गया था की वो बच्चा भी पैदा कर सकता है।

वो ख़ुशी के मारे पदमा की साडी खोल देता है और एक झटके में अपने कपडे भी निकल फेंकता है।

दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
 
देवा;आहह इसे बाद में चूस लेना पहले मुझे चोदने दे वरना कोई हरामी फिर से आ जाएंगा आह्ह्ह्ह।

पदमा;कोई नहीं आने वाला गलप्प गलप्प।

देवा को डर था के कोई आ ना जाये वो पदमा के मुंह से लंड निकाल के उसे लिटा देता है और अपना लंड उसकी चुत पे घिसता हुआ अंदर डालके उसे चोदने लगता है।



पदमा;आहह देवा चोद मुझे बहुत याद आ रही थी इस चूत को तेरे लंड की आहह चोद मेरे बालम आह्ह्ह्ह।

देवा;एक बार किसी के चूत में लंड डाल दे तो उसे बोलने की ज़रुरत नहीं पडती वो अपने काम में लग जाता है । वो दोनों हाथों से पदमा की चूचि पकड़ के अपने लंड को जीतना अंदर हो सके उतना अंदर डालके पदमा को चोदने लगता है।

पदमा;कमर उछाल उछाल के देवा का साथ देने लगती है।

देवा का लंड सीधा पदमा की बच्चेदानी से टक्कर मार रहा था जिससे पदमा की रोंगटे खड़े हो रहे थे। उसे अपने बच्चेदानी में उसके और देवा के बच्चे के होने का एहसास होने लगता है और वो देवा को अपने ऊपर खीच के अपनी ताकत से निचे से कमर उछालने लगती है और कुछ देर बाद चीखते हुए झड जाती है उसकी चूत तो पानी छोड देती है पर देवा अभी तक नहीं झडा था वो अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।

पदमा;क्या हुआ निकाल क्यों लिया।

देवा;गांड में।

पदमा;मुस्कुरा देती है।
पहले एक वादा कर की तू मुझे आख़िरी महीने तक चोदेगा। मै चाहती हूँ मेरी गाण्ड में तेरा लंड हो और बच्चा मेरी चूत से निकले आहह मर गई रे।

देवा;ये सुनके अपने लंड को पदमा की गाण्ड में उतार देता है।
जैसा तू कहेगी वैसे ही होगा आह्ह्ह्ह्ह।
 
देवा का लंड पदमा की गाण्ड को भी नहीं छोडता वो उसकी गाण्ड के सुराख़ को अंदर तक खोल देता है। पदमा चीखती रहती है और देवा अपने लंड को घुसाता रहता है।
तकरीबन १५ से २० मिनट बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल के वापस पदमा की चूत में डाल देता है और दोनों एक साथ झरने लगते है।

पानी निकालने के बाद देवा अपना लंड बाहर निकाल लेता है उसका लंड अभी भी खड़ा था।

पदमा;ये खड़ा कैसे है।

देवा;मुझे पेशाब आई है।

पदमा मुंह खोल देती है और देवा हँसता हुआ अपना पेशाब पदमाँ के मुंह में करने लगता है।



देवा कपडे पहनके पदमा से कल मिलने का वादा करके अपने घर चला जाता है और घर पहुँच के जल्दी से खाना खाके बिस्तर पे ढेर हो जाता है।

रत्ना को अब थोड़ा थोड़ा शक होने लगा था। देवा ज़्यादतर घर से बाहर रहने लगा था और बहुत थका थका सा दिखाई देने लगा था।
वो दिल में कुछ सोच लेती है और देवा के पास वाली बिस्तर पे लेट जाती है।

उधर नूतन और ममता एक कमरे में एक दूसरे के आस पास लेटी ही थी दोनों की ऑखों से नींद ग़ायब थी।

ममता; एक बात बता नूतन तुझे किसी ने चुमा है।

नुतन ;नहीं कभी नही।
तुम्हे दीदी।

ममता; नहीं पता नहीं कैसा लगता होगा।

नुतन;हाँ पता नही।

ममता; नूतन की कमीज को उठाके देखने लगती है।



नुतन; आहह क्या करती हो दीदी ऐसा मत करो ना।

ममता; एक पल के लिए नूतन की ऑखों में देखती है
क्या मै तुझे चूमुं।

नुतन की साँस फूल जाती है सुबह से ये दोनों एक दूसरे से तब से ऑखें चुरा रही थी जब से ममता नूतन की चूचि मसल के उसके ऊपर आई थी।
दोनों की चुत की आग भी जवान थी और जोश भी

नुतन ; आँखें बंद कर लेती है और ममता के नाज़ुक होंठ नूतन के कोमल होठो से चिपक जाते है।
 
अपडेट 30





नुतन और ममता का ये ज़िन्दगी का पहला किस था।

नुतन; घबराके अपने होंठ ममता से अलग कर लेती है।
ये आप क्या कर रही हैं दीदी।

ममता; कुछ भी तो नही।
वो फिर से नूतन के गरदन पे हाथ फेरने लगती है।

नुतन; ऐसा मत करो न मुझे गुदगुदी होती है दीदी।

ममता; क्यूँ तू नहीं चाहती की मै तुझे यहाँ और यहाँ और यहाँ भी चूमुं।
ममता नूतन के होठो पे चूचि पे और पेट पे हाथ रख के उससे पूछती है।

नुतन खामोश हो जाती है।उसकी चुप्पी में ही उसकी हाँ छुपी हुई थी।
दोनो जवान थी कुंवारी थी और अपने जिस्म में कभी कभी होने वाली हलचल से परेशान भी थी।

ममता अपनी ज़ुबान नूतन के गरदन पे फेरती है
और नूतन अपनी ऑंखें बंद कर लेती है आह्ह्ह्ह।

ममता; धीरे धीरे नूतन के शरीर से एक एक कपडा निकालने लगती है।
जैसे जैसे नूतन के जिस्म से कपडे निकलते जाते है वैसे वैसे ममता के जिस्म के रौंगटे खड़े होते जाते है।

थोड़ी देर बाद जब नूतन अपने ऑखें खोल के देखती है तो सामने ममता सिर्फ पेंटी में उसके पास बैठी हुई थी।

नुतन फिर से अपनी ऑंखें बंद कर लेती है।
उसकी साँसे तेज़ चल रही थी जिससे उसके छोटे छोटे मगर नरम ब्रैस्ट ऊपर निचे होने लगते है।

ममता नूतन के कान की लॉ अपने मुंह में ले के चुसती है गलप्प गलप्प।

नुतन के होंठ अब भी बंद थे ।
ममता अपनी एक ऊँगली नूतन के मुंह में डाल देती है जिसे नूतन धीरे धीरे चुसने लगती है।
 
थोड़ी देर बाद ममता अपनी दो और उँगलियाँ नूतन के मुंह में डाल देती है ।
इस बार ममता की उँगलियाँ नूतन के हलक तक पहुँच चुकी थी जिससे नूतन की राल(सलीवा)मुंह के बाहर आने लगता है।

जीसे ममता अपनी ज़ुबान से चाटने लगती है।

ममता के दोनों हाथ नूतन के नरम मुलायम ब्रैस्ट को अपने क़ैद में ले लेते है और देखते ही देखते ममता नूतन के आधे से ज़्यादा ब्रैस्ट को अपने मुंह में ले के चुस्ने लगती है गलप्प गलप्प।



नुतन की ऑखें खुल जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगती है आहह दीदी आहह दबाओ इसे आहह ज़ोर से आहह दीदी मेरी अच्छी दीदी खीचो अपने मुंह में आह्ह्हहह माँ।

ममता; थोडी थोडी देर के बाद नूतन के निप्पल्स को काटने लगती है जिससे नूतन की कुंवारी चूत के होंठ भी लपलपा जाते है।

वो अपने दोनों हाथों से ममता का सर पकड़ के अपने सीने पे दबाती है ये अनुभव उसे इससे पहले कभी नहीं मिला था ।
नूतन और ममता आज सेक्स की परिभाषा सीख रही थी।

ममता; घीरे धीरे निचे बढ़ती जाती है और नूतन की चूत पे जा के ममता के होंठ रुक जाते है।

ममता; अपनी दो उँगलियों से नूतन की चूत को खोलके देखती है अंदर का पर्दा अभी तक सही सलामत था। ममता उसे तोडना नहीं चाहती थी । वो अपने ज़ुबान को नूतन के दाने (क्लाइटोरिस) के पास घुमाने लगती है जिससे नूतन चीख़ पडती है।

ममता झट से अपनी ज़ुबान हटा लेती है।
अगर तू चिल्लायेगी तो माँ और भाई उठ जायेंगे।

नुतन;अपने दोनों हाथ को अपने मुंह पे रख देती है और ममता मुस्कुराते हुए दूबारा अपनी ज़ुबान को नूतन की चूत पे घुमाने लगती है।
 
[size=large]नुतन के मुंह से दबी दबी गुं गुं की आवाज़ निकल रही थी । वो चिखना चाहती थी चिल्लाना चाहती थी वो उस वक़्त अपनी चूत में ममता की ज़ुबान नहीं बल्कि जवान मोटा लंड लेना चाहती थी।।
थोड़ी ही देर बाद नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है और ममता का पूरा चेहरा नूतन की चूत के पानी से भीग जाता है।

नुतां;आहह दीदी मुझे भी चखना है मेरा पानी ।

ममता; नूतन को मुंह खोलने के लिए कहती है और अपने मुंह में जमा नूतन का खारा खारा पानी नूतन के मुंह में छोडने लगती है।



नुतन अपना ही पानी पीने के बाद बहुत गरम हो चुकी थी वो ममता को बिस्तर पे लिटा देती है और उसके दोनों पैर खोले अपनी जीभ को उसकी चूत पे रख देती है।

ममता; नूतन की चुत चाट चाट के पहले से गीली हुई पड़ी थी । उसकी चूत से पानी रिस रिस के बाहर बह रहा था जिसे नूतन बड़े प्यार से चुमते हुए चाटने लगती है।



ममता; आहह नूतन मुझे पीछे से चाट मेरी कमर को चाट मुझे बहुत पसंद है आहह की कोई मुझे पीछे से चाटे।
वो मुड जाती है और नूतन अपनी बडी दीदी के हुकूम का पालन करते हुए अपने जीभ को ममता की चूत से होते हुए गाण्ड के सुराख़ में घूसाने लगती है।



नुतन की ज़ुबान ममता की गाण्ड के सुराख़ को कुरेदने लगती है।

ममता तड़प उठती है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मुझे कोई चोदता क्यों नहीं आहह मुझे अपनी चूत और गाण्ड में लंड चाहिए नूतन । आहह मुझे अभी चाहिए आहह ऐसे ही चाट मुझे आहह डाल दे अंदर आह्ह्ह्ह।

नुतन अपनी चूत को घिसती है और गीली उँगलियाँ बिना ममता को बताये उसके गाण्ड में डाल देती है। दो उँगलियाँ बिना किसी चेतावनी के जब ममता के गाण्ड में घुसती है तो एक पल के लिए उसकी सांस बंद हो जाती है और जिस्म कड़क हो जाता है।
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[size=large][size=large]ममता; आहह ये क्या किया तूने आहह अब निकाल मत अंदर बाहर करती जा आहह आहह माँ भाई।

दोनो की ऑंखें बंद हो जाती है और दोनों की ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है। दोनों की चूत किसी भी वक़्त पानी छोड सकती थी। वो इतने जोश में थी की उन्हें कुछ भी होश नहीं था की वो क्या बड़बड़ा रही है। कुछ ही देर बाद दोनों की चूत से लावा फूट पडता है और दोनों एक दूसरे के पानी से नहा लेती है।।

दोनो एक दूसरे को देख शरमाने भी लगती है और मुस्कुराने भी।।

नुतन अपना सर ममता की छाती पे रख देती है और ममता उसे अपने ऊपर ले के उसके होठो को चुमने लगती है।
रात कैसे गुज़री उन्हें कुछ पता नहीं सुबह वो दोनों काफी देर तक सोती रहीं।।

जब रत्ना ममता के कमरे का दरवाज़ा खटखटाने लगती है तब उन दोनों की आँख खुलती है।



इधर देवा नाश्ता करके खेत में चला जाता है।

जब वो दोपहर में घर वापस आता है तो ममता उसे बताती है की माँ शालु काकी के यहाँ गई है।

सुबह से ममता और नूतन का जिस्म खिला खिला दिख रहा था। वो दोनों बात बात पे चिडीयों के तरह चहक रही थी।।ममता की कम मगर नूतन के नज़र अब बहुत बदल चुकी थी उसकी नज़रें देवा के जिस्म से हटने को तैयार नहीं थी।।

ये बात देवा भी महसूस करता है।
वो दोनों को घूरता हुआ शालु के घर चला जाता है।

जब वो शालु के घर के दरवाज़े के पास पहुँचता है तो उसके पैर वही के वहीं रुक जाते है अंदर उसकी माँ और शालु उसके बारे में बातें कर रही थी।।

शालु;तुम बिना मतलब के परेशान हो रही हो रत्ना।

रत्ना; क्या करुं शालु जब जवान बेटा दिन दिन भर घर से बाहर रहे और रात को थका मान्दा घर आये तो कौंन सी माँ परेशान नहीं होंगी।

शालु;अरे रत्ना वो जवान हो गया है अगर तुम्हें इतनी ही चिंता है उसकी तो शादी क्यों नहीं करवा देती उसकी।

रत्ना;पहले ममता का घर बस जाये उसके बाद देवा की भी शादी करवा दुँगी।

शालु;हम्म वैसे देवा रोज़ घर कब आता है।
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[size=large][size=large][size=large]रत्ना;कोई वक़्त नहीं उसका कभी भी आता है और आने के बाद खाना खाके सो जाता है पता नहीं बाहर क्या करता फिरता है।।

शालु;वही जो हम नहीं कर पाते।

रत्ना;चल हट बेशरम कही की । इस उम्र में भी तुझे मस्ती सुझती है।

शालु;वैसे तेरा बेटा है बड़ा मस्त ।

रातना;ख़बरदार जो मेरे बेटे पे डोरे डाली तो।

शालु;हंसने लगती है ।
चल ये बता कैसे कट रही हैं रत्ना।

रत्ना;इधर उधर देखने लगती है।

शालु;कोई नहीं है घर में बोल ना।

रत्ना;क्या बताऊँ शालु दिन तो किसी तरह कट भी जाता है मगर रात काटे नहीं कटती। जबसे देवा के बापु गुज़रे है तबसे ज़िन्दगी जहन्नुम बन गई है बस मसलती रहती हूँ।।
तेरा क्या हाल है।

शालु;वही जो तेरा है रश्मि के बापु तो अब किसी काम के रहे नहीं पता नहीं हमारी किस्मत में क्या लिखा है।।

देवा के कानों तक ये बात पहुँच जाती है और वो जान जाता है के ये दोनों औरतें इस वक़्त बहुत परेशान है वो दिल ही दिल में शालु के साथ साथ रत्ना की भी परेशानी दूर करने की ठान लेता है।

कुछ देर बाद देवा खाँसते हुए शालु के घर के अंदर दाखिल होता है उसे देख दोनों चुप हो जाती है।

शालु;अरे अच्छा हुआ देवा तू आ गया वैध जी से तेरे काका के लिए दवायें लानी है मुझे भी हल्का सा बुखार लग रहा है मै भी वैध जी को दिखा देती हूँ।

देवा;रत्ना की तरफ देखता है।

रातना;हाँ हाँ मगर देवा बेटा वैध जी के यहाँ से आने के बाद सीधा घर आ जाना। मैं अब चलती हूँ शालु । घर में बहुत काम है।

शालु;हाँ ठीक है ।

शालु;रत्ना के जाने के बाद में दरवाज़ा बंद कर देती है।
देवा तुम यहाँ बैठो मै अभी साडी बदलके आती हूँ।

देवा;ये भी तो अच्छी है काकी।

शालु;अरे बाबा बस अभी आई।
शालु पास के कमरे में चली जाती है उस कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं था जिससे देवा को साफ़ साफ़ वो दिखाई देती है।

शालु;अपनी साडी खोलने लगती है और इधर देवा के लंड में तनाव आने लगता है।

जैसे ही शालु अपनी साडी निकाल के बिस्तर पे रखती है देवा का लंड पूरी तरह खड़ा हो जाता है।
बडे बड़े सुडौल ब्रैस्ट देख देवा को वो दिन याद आ जाता है । जब उसने जाने अनजाने में शालु के होठो को चुम लिया था आज भी शालु कयामत ढाने को तैयार थी।

शालु;आइने में देख अपना ब्लाउज खोल देती है।
गुलाबी कलर की ब्रा में शालु के मोटे मोटे ब्रैस्ट समां भी नहीं रहे थे।
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