Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 21 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

[size=large][size=large][size=large][size=large]देवा का मन करता है अभी के अभी अंदर जाके उन दोनों को निचोड निचोड के पीता जाये । मगर वो खुद को किसी तरह क़ाबू में करता है।

शालु वो ब्रा भी निकाल देती है बस उसी वक़्त देवा की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है उसने इतने गोरे गोरे और बड़े बड़े ब्रैस्ट और गुलाबी निप्पल्स कभी नहीं देखा था।

शालु;एक ब्लैक कलर की ब्रा उठाके पहन लेती है और उसपे ग्रीन कलर का ब्लाउज।
वो फिर से आइने में खुद को देखते हुए ग्रीन कलर की साडी पहनने लगती है।

हरी साडी में देवा को ऐसे महसूस होता है जैसे शालु उसे हरी झण्डी दिखा रही हो ।

देवा का लंड उसके पेंट में जम के फौलाद हो चुका था।

शालु;अपना एक हाथ ब्लाउज के अंदर डालती है और अपने एक ब्रैस्ट को बाहर निकाल के उसे दूबारा अंदर डालके एडजस्ट करती है।



शालु;देवा को आवाज़ लगाती है।

देवा;अपने लंड को किसी तरह इधर उधर एडजस्ट करता हुआ शालु के कमरे में चला जाता है।
हाँ काकी बोलो।

शालु; बेटा वो ज़रा पायल मेरे पैर में डाल देगा मुझसे नहीं पहनी जाती। उसका मुंह बहुत छोटा है।

देवा;पास पड़ी हुई पायल उठाके निचे बैठ जाता है।

और शालू अपनी साडी ऊपर कर देती है।



देवा;काँपते हाथों से शालु के पैर में पायल पहनाने लगता है।

शालु;अरे यहाँ डरोगे तो वहां क्या करोगे।

देवा;क्या।

शालु;कुछ नहीं हो गया चल अब देर हो रही है।

और देवा शालु के पीछे पीछे उसके मोटे मोटे कमर को हिलता देख बाहर निकल जाता है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 31




देवा ट्रेक्टर शुरू करता है और शालु देवा का हाथ पकड़ के उछल के उसके पास आके बैठ जाती है।

शालु;अब चलेगा भी या ऐसे ही बैठा रहेगा।
देवा को अपनी तरफ घूरता देख शालु उससे कह बैठती है।

देवा मुस्कराता हुआ वैध जी के घर की तरफ चल देता है
वैसे काकी तुम्हें आने की ज़रूरत क्या थी मै तुम्हारे और काका के लिए वैध जी से दवायें ले आता।

शालु;क्यूँ मेरे चलने से तुझे कोई तकलीफ हो जाएगी वहाँ।

देवा;अरे नहीं नहीं मै तो वैसे ही.....
आज बहुत सुन्दर लग रही हो काकी कही वैध जी को दिल का दौरा न पड़ जाये तुम्हें देख के।

शालु;देवा के पीठ पे मुक्का मार देती है ।
बदमाश कही का तुझे इन सब बातों के सिवा दुसरा कुछ सूझता भी है या नही।

देवा; ये लो मैंने ऐसा क्या कह दिया ।

शालु; चल चुपचाप ट्रेक्टर चला।
शालु दिल में सोचने लगती है सब जानती हूँ बेटा तेरी नियत को मैं।
पर क्या करुं रे तूने मुझे मजबूर कर दिया ना नीलम से प्यार करके।
मूई नीलम को भी यही मुस्टंडा मिला था प्यार करने के लिये।।

शालु की चूत तो कब से पनिया गई थी देवा के नाम से ।
मगर वो जानती थी की देवा और नीलम एक दूसरे को प्यार करते है।
और अगर उनकी शादी या मंगनी (इंगेजमेंट)से पहले उसने देवा के साथ कुछ किया और ये बात रत्ना या गांव वाले किसी को भी पता चली तो कही उसकी बेटी का बसता बसाता घर न बिखर जाए।
चुत की आग को वो अपने बेटी की मोहब्बत पे कुछ वक़्त के लिए क़ुर्बान कर देती है।।

देवा;अरे कहाँ खोई हो काकी कही सो तो नहीं गई।
ये लो वैध जी का घर भी आ गया।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]शालु और देवा ;वैध जी के घर के अंदर चले जाते है।

बैध जी;कुछ जड़ी बूटियां कूट रहे थे और उनके पास उनकी बहु किरण हाथ बटां रही थी।।

देवा;को देख जहाँ वैध की गाण्ड फट जाती है वही किरण की चूत के दोनों होंठ जो काफी दिनों से चिपके हुए थे खुल जाते है।।

शालु और देवा उन्हें नमस्ते करते हुए एक चारपाये पे बैठ जाते है और उनके आने का कारण वैध जी को बताते है।।

बैध;शालू की नॉब्स(वैन)देखता है और एक तरह से उसका चेकअप करने लगता है।

देवा और किरण की नज़रें एक दूसरे से हट नहीं रही थी।।

किरण;बार बार अपने होठो पे ज़ुबाँ फेर फेर के देवा को उकसा रही थी।

बैध जी;घबड़ाने की कोई बात नहीं है मामूली सा बुखार है।
आप बैठिये मै कुछ दवायें बना देता हूँ आपके और आपके पति के लिए भी।।

शालु और देवा बैठ जाते है।

किरण;रसोई में से दो गिलास पानी भर के लाती है और एक गिलास देवा को देती है और दुसरा शालु को।

शालु; ये आपकी बहु है ना वैध जी।

बैध जी;हाँ मेरी बहु है।

देवा;वैध जी मुझे शौचालय(टॉयलेट) जाना है।

क़िरण;आप मेरे साथ आइये । मै आपको ले चलती हूँ।

और किरण देवा को अपने साथ घर के पीछे बने टॉयलेट में ले जाती है।

टॉयलेट में घुसते ही किरण भूखी शेरनी की तरह देवा पे टूट पडती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]किरण;कहाँ था इतने दिनों से..... गलप्प गलप्प.... मेरी याद नहीं आती तुझे.... गलप्प।

वो देवा के चेहरे को होठो को चुमते जा रही थी और कुछ देर बाद वो निचे बैठ जाती है और देवा के पेंट खोल के उसका लंड बाहर खीच लेती है।

देवा;आहह आराम से ।

किरण;चल तुझे मुतना है ना जल्दी से मूत।

देवा;मैंने तो बहाना बनाया था मुझे पेशाब नहीं करना।

किरण;गलप्प इसे देखने के लिए तो तड़प गई थी मै गलप्प गलप्प।



किरण;के हाथ में देवा का लंड फनफनाने लगता है और वो बिना देरी किये उसे मुंह में लेके खड़ा करने लगती है गलप्प गलप्प आह्ह्ह्ह गलप्प।

जलदी से मुझे चोद दे देवा कही कोई यहाँ आ ना जाये जल्दी करना गलप्प गलप्प।
वो इतने ज़ोर ज़ोर से देवा के लंड को चुसने लगती है की कुछ ही पलो में देवा उसे चोदने के लिए तैयार हो जाता है।

किरण;अपनी सलवार उतार देती है और झुक के देवा को पुकारती है।



किरण;चल जल्दी करना आ जा पीछे से कस के चोद दे रे मुझे आह्हह्हह्हह्हह।
आह माँ चुस मत न मेरी चूत वैसे भी बहुत गीली हो चुकी है । तुझे देख के आहह अब मत तड़पा देख कोई आ न जाए।।



पर देवा तो किरण की रसीली चूत को चाटने लग जाता है।

देवा;गलप्प गलप्प देख भी लिया तो क्या होंगा किरण गलप्प।

किरण;तुझे जितना कह रही हूँ उतना क्यों नहीं सुनता है देवा आअह्हह्हह्हह।

देवा;खड़ा होजाता है और अपने लंड को पीछे से किरण के चूत पे लगा के दोनों कमर पकड़ के धक्का देकर लंड अंदर घुसा के सटा सट सटा सट किरण को चोदने लगता है ।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]किरण;आहह ऐसे ही आहह रोज़ आया करना मेरे पास। आहह देख न कैसे मेरी चूत सुखी सुखी सी हो गई थी आह्ह्ह्ह्ह्।
तेरे लंड के मार से ही सुनती है ये। मेरा तो एक बात नहीं मानती आहह माँ कुट के रख दे रे आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;अहह साली थोड़ा कम मुंह खोल आहह मेरी होने वाली सास न आ जाये आहह्ह्ह्हह्ह।

किरण;तू तो बड़ा आहह कमीना है उसे क्यों नहीं चोद देता आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ज़िन्दगी भर तेरी गुलाम बनके रहेगी वो भी। आहह उसे भी इस मोटे लंड से एक बार पेल दे देवा आहह्ह्ह्ह
रह नहीं पायेगी वो एक पल भी माँ वू आहह तेरी बिना आहः।

देवा के चोदने की स्पीड से ही किरण के मुंह से ये लफ़्ज़ बाहर निकल रहे थे। दोनों के पास वक़्त बहुत कम था।

वो दोनों कुछ देर इस तरह एक दूसरे को नोचते खरोंचते चुदाई करते जाते है और उनके पानी छोड़ने से पहले बाहर खड़ी शालु की चूत पानी छोड देती है।

शालु;देवा को ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ गई थी उसके कदम टॉयलेट के बाहर इन दोनों की आवाज़ सुनके थम जाती है ऊपर से किरण की बातें बार बार शालु के कानों में गूँजने लगती है।

की एक बार उसे भी अपने लंड से चोद दे गुलाम बनके रहेगी वो तेरी।

उन दोनों के बाहर निकलने से पहले शालु अपनी जगह जाके बैठ जाती है।।

कुछ देर बाद देवा शालु के पास जाके बैठ जाता है उसकी साँस अभी भी फूली हुई थी। वैध उसे देख समझ जाता है की ये क्या करके आया है।
पर वो बेचारा कुछ बोल भी नहीं सकता था।

शालु और देवा थोड़े देर बाद वैध जी से दवायें लेके वापस घर की तरफ चल देते है।

वापसी में शालु चुप चाप बैठी हुई थी

देवा;शालू के पेट पे चुमटी काट लेता है।

शालु; उईई माँ
क्या करता है ।

देवा;मुझे लगा तुम सो गई कही गिर ना जाओ इसलिए जगा दिया।

शालु;इस तरह बेशरम।

देवा;इस में बेशर्म वाली कौन सी बात है।

शालु;क्या करने गया था तू वैध की बहु के साथ सब पता है मुझे।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देख देवा तेरी माँ सही सोचती है तेरे चालचलन ठीक नहीं लगती मुझे भी । ऐसे ही हरकतें करता रहा न तो कोई भी लड़की वाला तुझे अपने लड़की नहीं देगा।
ज़िन्दगी भर कुँवारा ही रहना पडेगा।

देवा;तुम हो ना।

शालु;क्या मतलब वो सकपका जाती है।

देवा;मेरा मतलब है तुम देख लेना मेरे लिए लड़की।।

शालु;बहुत गन्दा है रे तू देवा।
पता नहीं मेरा बेटा तेरे साथ रह रह के कही वो भी तो नही।

देवा;तुम्हें तो सब पता है ना की पप्पू कैसा है।

शालु की ऑखों के सामने वो मंज़र घुम जाता है जब पहली मर्तबा उसने पप्पू को और देवा को बिना कपडो के देखी थी और देवा जानवर के तरह पप्पू की नाज़ुक गाण्ड मार रहा था।।

उस दिन कुछ पल के लिए शालु और देवा के नज़रें भी मिली थी।

शालु;मुस्कुरा देती है।
चल कब सुधरेगा।

देवा;जब तुम मुझे दोगी।

शालु;क्या।

देवा;जब तुम मुझे ढूढ़ के दोगी लड़की शादी के लिये।

शालु;देवा की ऐसी बाते खूब समझती थी वो दूसरी तरफ मुंह करके मुस्कुरा देती है।।

घर पहुँच कर शालु बिस्तर पे ढेर हो जाती है और देवा उसके पैरों के पास बैठ जाता है।

देवा;कहो तो दबा दूँ ।

शालु;उससे अपने टाँग मारते हुए पीछे ढकेल देती है। कोई ज़रूरत नही।

देवा;क्या काकी दर्द कर रहे होंगे न।

शालु;मैंने कहा न नहीं मतलब नही।

रश्मी;क्या बात है माँ क्या दर्द कर रहे है।
रश्मी भी वहां आ जाती है।

शालु;अरे बेटी मेरे पैर दर्द कर रहे थे। वही देवा दबाने का बोल रहा था।।तु जा जाके खाना बना।

रश्मी;देवा मेरे पैर भी बहुत दर्द कर रहे है।

देवा;तेरी गरदन दर्द नहीं कर रही क्या।

शालु और रश्मि दोनों हंसने लगते है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]देवा;ललचाई नज़रों से फिर से शालु को देखने लगता है और शालु थोड़ा बिस्तर पे लेट के देवा को अपने गदराई हुई जवानी दिखाते हुए घर जाने के लिए कहती है।



देवा;उससे घूरता हुआ अपने होठो पे ज़ुबान फेरता हुआ घर चला जाता है।

जब वो घर का दरवाज़ा खट खटाता है तो हैरान रह जाता है सामने जो औरत खड़ी थी वो उसकी माँ बिलकुल नज़र नहीं आ रही थी।



रत्ना ने नूतन के नाइटी पहन रखी थी।

देवा; ये क्या पहन रखा है माँ।

रत्ना;देख ना बेटा ये नूतन ने मुझे रात में पहनने के लिए दी है कैसी लग रही है।

देवा;रत्ना के आधे लटकते हुए ख़रबूज़ों को देख मचल जाता है।
ठीक है माँ पर तुम इसे सिर्फ रात में सोते वक़्त पहना करो।

रत्ना;अपने सीने के पास नाइटी को एडजस्ट करते हुए ठीक है बेटा।
चल तू हाथ मुंह धो ले मै खाना लगा देती हूँ।।

देवा;ममता और नूतन कहाँ है।

रत्ना;अपने कमरे में होंगी।

देवा ;अपने कमरे में जाने लगता है तभी उसे ममता के कमरे में नूतन बिस्तर पे बैठी दिखाई देती है।

वो साडी पहन के देख रही थी रत्ना की।।

देवा;दरवाज़े की आड़ में खड़ा हो जाता है।

नुतन;अपने आप को देखती है और फिर अचानक पहना हुआ ब्लाउज निकाल देती है।

जैसे ही वो ब्लाउज निकालती है।

देवा की पीठ पे ममता हाथ रख देती है जिससे देवा हड़बड़ा के कमरे के अंदर चला जाता है और उसकी और ममता की ऑखों के सामने ऊपर से पूरी नंगी नूतन आ जाती है।

नुतन ; झट से पास में पड़ी हुई साडी अपने आप पे लपेट लेती है मगर वो पारदर्शी साडी उसकी चूचि को ठीक तरह से छूपाने में नाक़ाम थी।

देवा;जल्दी से वहां से निकल के अपने कमरे में चला जाता है।
और दोनों लड़कियां एक दूसरे को देख हँस पडती है।

ममता ; आगे बढ़ती है और नूतन की चूचि के एक निप्पल्स को अपने मुंह में लेके काट देती है।

नुतन ;आहह माँ आ जाएगी तेरी दीदी।

ममता अपना मुंह हटा देती है ।
बेशरम कही की मेरे भाई को देखती है।
और फिर से दोनों हंसने लगती है।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]अपडेट 32




देवा सुबह सवेरे अपने खेत में चला जाता है पिछले कुछ दिनों से वो अपने खेत में हल चलाने के बजाये कही और ही हल चला रहा था और बीज बो रहा था जिससे उसके खेत में सूर्य फूल की फसल धीरे धीरे करके बर्बाद हो रही थी।।

सुबह से ही वो फसल पे फर्टीलाइज़र्स और कीटनाशक का छिडकाव कर रहा था।
और इसी चक्कर में उसे दोपहर हो जाती है।।

वो हाथ मुंह धोके कुंवे के मुंडेर पे बैठा ही था की उसे पप्पू आता दिखाई देता है।

पप्पू;अरे भाई देवा कहाँ हो आज कल जबसे मां के घर से आये हो न मिलते हो न बातचीत हो पा रही है तुमसे।

देवा;बैठ यहाँ।
कुछ नहीं यार मां के यहाँ कुछ दिन रुक क्या गया। देख फसल पे कीड़े लगने लगे है।।गन्ने की फसल तो कट गए बस ये सूर्य फूल बाकी है अब।।
अच्छा तू बता तू क्यों नहीं दिखाई दे रहा है । मै तो दो तीन बार तेरे घर भी आया था।

पप्पू;वही खेती के काम।
और सुना मां के घर गया था तो वहां गांव में कोई चक्कर वक्कर चलाया की नही।

देवा;हंस पड़ता है
जब घर में गरम रोटी खाने को मिले तो कोई बाहर की सुखी रोटी क्यों खाये।

पप्पू;क्या मतलब।

देवा;अब तुझसे क्या छुपान।मामा के घर जाने में मेरा बहुत फायदा हो गया भाई।
मामी भी मिल गई और भाभी को भी ठोक आया।

पप्पू का मुंह खुला का खुला रह जाता है।
क्या बोल रहा है तू भाई। सच में मामी को कैसे।

देवा;पप्पू को सारी बात सुना देता है वो सुनके पप्पू की गाण्ड की सिट्टी बजने लगती है।

पप्पू;बड़ा कमीना है रे तू देवा।।यहाँ पदमा काकी और वहां मामी।
और एक मै हूँ जिसे कोई भाव तक नहीं देता।
पता नहीं मेरे दिल की मुराद कब पूरी होंगी।

देवा;कौन सी मुराद बे।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]पप्पू के मुंह से ये दो लफ़्ज़ अचानक ही निकल गए थे। वो देवा से अपनी ये बात कभी भी शेयर करना नहीं चाहता था।।

देवा;अबे बोल भी कौन से दिल की मुराद।

पप्पू;नहीं वैसे ही बस एक आध लड़की को चोदने की भाई।

देवा;पप्पू के कमर पे दो हाथ जड़ देता है।
साले मुझसे छुपा रहा है चल जल्दी बोल मै तेरे दिल की मुराद पूरी करने में मदद करूँगा।

पप्पू;वो पहले तू मेरी कसम खा की तू ये बात किसी को नहीं बतायेगा।।

देवा पप्पू की कमर पे हाथ घुमा देता है।
ले बस तेरी गाण्ड की कसम जिसे मैंने कई बार लिया है नहीं कहुंगा किसी से भी।

पप्पू;देवा तुझे पता है मेरा दिल हमेशा से ये चाहता है की मै किसी अपने को चोदूँ। कोई मेरा सगा खून वाला रिश्ते में तेरे मुंह से तेरी मामी के बारे में सुना तो मुझे भी यक़ीन हो गया की दुनिया में ऐसा भी होता है।।

देवा का मुंह खुला का खुला रह जाता है।
इसका मतलब तू अपनी माँ और बहन को।

पप्पू देवा के मुंह पे हाथ रख देता है।
धीरे बोल कोई सुन न ले।

देवा;तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला बे साले।

पप्पू;हाँ भाई सच में मेरा दिल करता है की मै अपनी माँ शालु के साथ बस ज़्यादा नहीं एक बार रात गुज़ारूँगा।

देवा;सोचने लगता है की कही इसने जोश जोश में आके किसी दिन नीलम को ही ठोक दिया तो।

पप्पू;क्या हुआ किस सोच में पड़ गया।क्या तू करेगा मेरी मदद।

देवा;हाँ हाँ करुँगा न मगर मेरी दो शर्तें है भाई।

पप्पू;कैसी शर्तें।

देवा;पहली ये की तू तेरी माँ और बडी बहन रश्मि के साथ कुछ भी कर ले। मगर नीलम को गलत नज़र से देखा भी तो मुझसे बुरा कोई नही।
क्यूंकि मै नीलम से प्यार करता हूँ और उससे शादी भी करुँगा।
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]दूसरा ये की तेरी मदद करने से मुझे क्या मिलेंगा।

पप्पू;सच में तू नीलम से शादी करेगा। ये तो बहुत अच्छी बात है अरे भाई मै तो सिर्फ माँ के बारे में बोल रहा था । बहनो के बारे में नही।

और तुझे क्या चाहिए बोल जो तो कहेगा वो दूँगा।।

देवा;फिर से पप्पू के कमर पे हाथ घुमाने लगता है।
जब तेरा काम बन जाये तो बहती नदी में मुझे भी डूबकी लगाने देना।

पप्पू;आहह कमीना कही का चल ठीक है।

देवा;पप्पू का सर पकड़ के अपनी तरफ खीचता है और पप्पू नज़रें झुकाता हुआ उसके होठो के क़रीब पहुँच जाता है।

पप्पू;अभी नहीं कोई देख न ले।

देवा;मुझे अभी चाहिए देता है या नही।

पप्पू;अपनी ऑंखें बंद करके थोड़ा सा मुंह खोल देता है।

और देवा अपनी ज़ुबान को पप्पू के मुंह में डालके उसके होठो को चुस्ने लगता है। गलपप गलप्प.....

पप्पू के हाथ देवा के पेंट की ज़िप खोल देते है और पप्पू अपने हाथ में देवा का लंड लेके हिलाने लगता है।

तभी दूर से देवा को रश्मि आती दिखाई देती है।

देवा;तेरी बहन आ रही है।

पप्पू; डर के मारे देवा के लंड को छोड देता है और झोंपडे के पीछे जा के चुप जाता है।

रश्मी;देवा के पास आके खड़ी हो जाती है।
देवा भैया तुमने मेरे भाई को कही देखा है क्या।

देवा;हाँ देखा है न।

रश्मी;कहाँ है।

देवा;यहाँ।
वो रश्मि को अपने पेंट की ज़िप की तरफ इशारे से बताता है।

रश्मी; दाँत पीस के रह जाती है।
बेशरम।
वो दिखे तो कहना माँ बुला रही है।
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