hotaks444
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ऋतु सोचने लगती है कि क्या पापा नशा चढ़ा कर चोदना चाहते हैं, ऐसे तो मज़ा नही आएगा और वो अपने दिमाग़ में कोई प्लान बना लेती है. अब भी उसे अपनी गान्ड में रमण का लंड चूबता हुआ महसूस हो रहा था, लेकिन उसके दिमाग़ में पहले रवि था, बाद में जो मर्ज़ी चोद ले. और वो तेज़ी से चिकन डिश की तैयारी में लग जाती है, बस थोड़ी देर ही रह गई थी अच्छी तरह पकने में.
अंदर पहुँच कर रवि समान टेबल पे रखता है और रमण से पूछता है.
‘पापा आज तीन ग्लास किस लिए?’
‘अरे भाई हम 7 दिन बाद इंडिया जानेवाले हैं, तो सोचा क्यूँ ना सेलेब्रेट किया जाए, कमोन जाय्न मे’
रमण दो ग्लास में ड्रिंक डाल कर एक रवि को पकड़ता है
‘पापा पर मैं और ड्रिंक?’
‘चल चल मेरे आगे ड्रामा मत कर, मैं जानता हूँ तू पीता है, चल आज बाप के साथ भी चियर्स कर, बेटा जब जवान हो जाता है, तो वो दोस्त ज़यादा होता है’
दोनो बाप बेटे चियर्स करते हैं और एक एक सीप लेते हैं.
‘रमण हॉल से ही चिल्लाता है, अरे ऋतु बेटा कितना टाइम लगेगा’
‘बस पापा अभी लाई’
‘चल यार, क्या लड़कियों की तरह पी रहा है, बॉटम्स अप’
अब रवि के पास कोई चारा नही था, वो भी बाप के साथ एक घूँट में ग्लास ख़तम कर देता है.और खट से उसके दिमाग़ में ये ख़याल आता ही कि पापा उसे टल्ली करना चाहते हैं ताकि वो ऋतु के साथ मस्ती कर सकें. ओह ओह तो तो ये माजरा है.
अब रवि भी अपने बाप का बेटा था, एक सेर दूसरा सवा सेर.
‘पापा आप दूसरा पेग बनाओ मैं अभी आया’ कह कर वो किचन जाता है, फ्रिड्ज से मक्खन निकालकर 250 ग्राम एक पल में चबा डालता है.
‘अरे इतना मख्खन क्यूँ?’
‘श्ह्ह’ रवि होंठों पे उंगली रख ऋतु को चुप रहने का इशारा करता है.
‘तू भी खा के आना’
बोल कर रवि अंदर चला जाता है. ऋतु कुछ पल सोचती है लेकिन रवि की बात नही मानती और ऐसे ही चिकन ले कर हाल में चली जाती है.
‘अरे वाह आ गई बेटा चल आ इधर मेरे पास आ कर बैठ’
रमण उसे अपने पास बैठने के लिए बोलता है तो ऋतु उसके पास जा कर बैठ जाती है.
‘चल रवि तीन ग्लास बना’
‘ऋतु बोल पड़ती है ‘3 किसलिए?’
रमण जवाब देता है, 'भाई आज हम सेलेब्रेट कर रहे हैं इंडिया की वापसी को इसीलिए तो स्कॉच खोली है, कमौन ’
‘पर पापा मैं और शराब!’
‘अरे ये स्कॉच है विस्की नही, इससे नशा नही होता, और तुम तो नयी जेनरेशन की लड़की हो, तुम्हारी मम्मी भी तो मेरे साथ पीती है’
अंदर पहुँच कर रवि समान टेबल पे रखता है और रमण से पूछता है.
‘पापा आज तीन ग्लास किस लिए?’
‘अरे भाई हम 7 दिन बाद इंडिया जानेवाले हैं, तो सोचा क्यूँ ना सेलेब्रेट किया जाए, कमोन जाय्न मे’
रमण दो ग्लास में ड्रिंक डाल कर एक रवि को पकड़ता है
‘पापा पर मैं और ड्रिंक?’
‘चल चल मेरे आगे ड्रामा मत कर, मैं जानता हूँ तू पीता है, चल आज बाप के साथ भी चियर्स कर, बेटा जब जवान हो जाता है, तो वो दोस्त ज़यादा होता है’
दोनो बाप बेटे चियर्स करते हैं और एक एक सीप लेते हैं.
‘रमण हॉल से ही चिल्लाता है, अरे ऋतु बेटा कितना टाइम लगेगा’
‘बस पापा अभी लाई’
‘चल यार, क्या लड़कियों की तरह पी रहा है, बॉटम्स अप’
अब रवि के पास कोई चारा नही था, वो भी बाप के साथ एक घूँट में ग्लास ख़तम कर देता है.और खट से उसके दिमाग़ में ये ख़याल आता ही कि पापा उसे टल्ली करना चाहते हैं ताकि वो ऋतु के साथ मस्ती कर सकें. ओह ओह तो तो ये माजरा है.
अब रवि भी अपने बाप का बेटा था, एक सेर दूसरा सवा सेर.
‘पापा आप दूसरा पेग बनाओ मैं अभी आया’ कह कर वो किचन जाता है, फ्रिड्ज से मक्खन निकालकर 250 ग्राम एक पल में चबा डालता है.
‘अरे इतना मख्खन क्यूँ?’
‘श्ह्ह’ रवि होंठों पे उंगली रख ऋतु को चुप रहने का इशारा करता है.
‘तू भी खा के आना’
बोल कर रवि अंदर चला जाता है. ऋतु कुछ पल सोचती है लेकिन रवि की बात नही मानती और ऐसे ही चिकन ले कर हाल में चली जाती है.
‘अरे वाह आ गई बेटा चल आ इधर मेरे पास आ कर बैठ’
रमण उसे अपने पास बैठने के लिए बोलता है तो ऋतु उसके पास जा कर बैठ जाती है.
‘चल रवि तीन ग्लास बना’
‘ऋतु बोल पड़ती है ‘3 किसलिए?’
रमण जवाब देता है, 'भाई आज हम सेलेब्रेट कर रहे हैं इंडिया की वापसी को इसीलिए तो स्कॉच खोली है, कमौन ’
‘पर पापा मैं और शराब!’
‘अरे ये स्कॉच है विस्की नही, इससे नशा नही होता, और तुम तो नयी जेनरेशन की लड़की हो, तुम्हारी मम्मी भी तो मेरे साथ पीती है’