XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 6 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

उधर जेठालाल आज अपनी दुकान पे अकेला था....नटू काका किसी से चेक लेने गये थे....और बाघा पीछे गॉडाउन में स्टॉक रखवा रहा था...

तभी जेठालाल की दुकान पे एक कस्टमर अंदर आई....जिसे देखते ही जेठालाल का मुँह खुला का खुला रह गया...

वो हुआ यूँ की...जो लड़की दुकान के अंदर एंटर कर रही थी....वो कुछ ज़्यादा ही मॉडर्न किस्म की थी.....उसकी ड्रेस....एक छोटा सा मिनी स्कर्ट जो घुटनो से उपर था....और उपर से उसका टॉप..जिसमे आधी चुचियाँ दिख रही थी..उपर से उसने अपना एक बटन खुला छोड़ा हुआ था...

जैसे ही वो एंटर हुई...पता नही उसके सॅंडल में क्या हुआ...वो सामने की तरफ से झुकी..जिसकी वजह से उसकी चुचियाँ और ज़्यादा दिखने लगी...

अब जेठालाल के पसीने छूट गये....उसका लंड अपनी जगह से उठ कर..आज सुबह से 4 थी बार खड़ा हो चुका था....लेकिन सिर्फ़ खड़ा ही हो पाता था...इससे ज़्यादा और कुछ नही...इसलिए वो इतना परेशान था सुबह से....

अब वो लड़की सीधे खड़ी हो गई थी...और जेठालाल की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी...

अब जेठालाल उसके पूरे शरीर का मुआयना ले रहा था...देखने में वो एक हॉट...सेक्सी...एक मॉडेल जैसे लग रही थी....उसका फेस बहुत ही ज़्यादा क्यूट..रंग एक दम गोरा...फेस से नज़र हटा के जब जेठालाल थोडा नीचे पहुँचा तो..उसने देखी...दो बड़े बड़े गोल गोल...चुचियाँ..जिसके निपल्स टॉप के बाहर से देखे जा सकते थे.....उसने और नीचे..पतली सी कमर...और नीचे मस्त मस्त गोरी जाँघ...दूर से दिखने से पता चल रहा था कि कितनी सॉफ्ट होंगी....और उसके शरीर से उसकी गान्ड की गोलाईयों का अंदाज़ा लगा रहा था....

जब उस लड़की ने जेठालाल को ऐसे घूरते हुए देखा....तो उसने एक अजीब से स्माइल पास कर दी.....और दुकान के अंदर आ कर जेठालाल के सामने खड़ी हो गई......!!!!!!!!!!!

लड़की जेठालाल के सामने आकर खड़ी होकर उसे हेलो बोलती है...

जेठालाल :- हेलो...

और उसकी नज़र अभी भी..उसके चुचों पे ही पड़ी रहती है...बेचारे उसकी कोई ग़लती नही थी...अगर नटू काका भी होते तो उनका भी इस उमर में खड़ा हो जाता...उस लड़की को देख कर..उसके चुचे आधे बाहर और आधे अंदर थे....फिर वो लड़की जेठालाल का ध्यान तोड़ते हुए..

लड़की :- जी...क्या आप मुझे एक अच्छा सा मोबाइल दिखाएँगे...

जेठालाल :- नींद से जागते हुए...जी हाँ बिल्कुल....आपकी रेंज क्या है..

लड़की :- जी अच्छा सा दिखा दीजिए...चाहे वो कितने का भी हो...

जेठालाल :- तभी अपनी अलमारी से एक **** का **** दिखा देता है....और बोलता है...जी ये बिल्कुल लेटेस्ट पीस है..बहुत अच्छा है...बहुत चलता है मार्केट में....

तभी वो लड़की उस डमी को हाथ में पकड़ के पूछती है..

लड़की :- कितने का है ये??

जेठालाल :- बॅस 30000 का...

लड़की :- ओहकक....फीचर तो अच्छे हैं ना इसके...

जेठालाल :- जी बिल्कुल...बे फिकर हो जाइए.....सबसे बढ़िया है...

लड़की फोन के डमी को देख रही होती है...और तभी उसके हाथ से वो नीचे गिर जाता है...

लड़की :- आइ आम सॉरी...

जेठालाल :- कोई बात नही...वो तो डमी है...रुकिये में उठा देता हूँ..

लड़की :- नही आप रहने दीजिए...में उठा देती हूँ...

और वो नीचे झुक जाती है उठाने के लिए...जैसा कि पहले बताया था मेने...उसने बहुत छोटी से मिनी स्कर्ट टाइप पहनी हुई थी...जैसे वो नीचे बैठी...घुटनो के बल....उसकी टाँगे खुल जाती है...और जेठालाल को अंदर का नज़ारा दिख जाता है...

वो उस लड़की की रेड कलर की पैंटी देख के पगल हो जाता है....उसका लंड अब उसके अंडरवेर के अंदर समा नही रहा था....वो बाहर आने को बेताब था..लेकिन सुबह से वो सिर्फ़ अंदर ही रह जाता था......जब लड़की की नज़र उपर गई तो उसने देखा कि जेठालाल क्या देख रहा है....

जब उसे पता चला कि वो उसकी पैंटी की तरफ देख रहा है ....तो वो उपर उठती हुई उसको स्माइल दी..बदले में जेठालाल ने भी स्माइल दे दी....

जेठालाल जानता था...अगर इस लड़की ने कुछ बोल दिया तो...सारी जगह उसकी बदनामी हो जाएगी....

फिर वो लड़की बोली....

लड़की :- मुझे ये फोन पसंद है और में इसे खरीदना चाहती हूँ....

जेठालाल :- जी बिल्कुल .... अभी देता हूँ इसका एक पीस....और फिर जेठालाल एक ओरिजिनल पीस निकाल के उसे दे देता है...

लड़की :- क्या आप मुझे इसके फीचर्स भी बता देंगे...

जेठालाल :- खुश होते हुए....चलो कम से कम थोड़ी देर और इसके साथ रहने का मौका मिलेगा....

वैसे जेठालाल कभी किसी कस्टमर के साथ ऐसा नही कर सकता था...लेकिन बेचारा क्या करता...उसकी सुबह से जो हालत थी...उसे वो कंट्रोल नही कर पा रहा था....

तभी वो लड़की वो एक चेयर पे बिठा देता है....और खुद उसके बगल में बैठ जाता है...उसको फीचर्स समझाने के लिए....

अब देखते हैं....कि वो उसको फीचर्स बताता है..या फिर कुछ औरर्र......!!!!!

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
..........................................................
 
जेठालाल और वो लड़की दोनो अपनी अपनी चेयर पे चिपके के बैठे थे....

लड़की :- अच्छा तो आप इसके फीचर्स बता दीजिए प्लीज़्ज़ज्ज्ज....

जेठालाल :- लार टपकाते हुए..उसकी तरफ एक टक देख रहा था....जी बिल्कुल...क्यूँ नही...ये तो मेरा काम है...आप जैसों को अच्छी तरह से समझाना...

लड़की :- मुस्कुराते हुए...क्या मतलब..

जेठालाल :- मतलब..फीचर्स समझाना ...

लड़की :- ओके...तो बताइए ना...

जेठालाल अब फीचर्स बताने लगता है....वो एक एक फीचर को ऐसे बता रहा था जिससे काफ़ी टाइम लगे.....

अब वो उस लड़की के बेहद चिपक के बैठा था....जिसकी वजह से उसका एक हाथ उसके बड़ी बड़ी चुचियों पे लग रहा था....

जेठालाल का हाथ उसकी चुचियों पर लगता है...उसका लंड लोहे जैसा कड़क होके खड़ा हो गया..क्यूँ कि...वो बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थी...जिसकी वजह से उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था....

उधर लड़की को जेठालाल का हाथ अपनी चुचियों पे महसूस हो रहा था...जिसकी वजह से वो भी धीरे धीरे गरम हो रही थी.....अब वो लड़की जान बुझ के अपने चुचों को आगे पीछे कर रही थी...जिसकी वजह से जेठालाल का हाथ और उसकी चुचियों पे चिपक रहा था....

अब जेठालाल की हिम्मत बढ़ चुकी थी...अब वो भी अपनी कोहनी को और अंदर दबा रहा था....जिसकी वजह से उस लड़की के चुचे और ज़्यादा अंदर धन्स रहे थे....

तभी जेठालाल को एक झटका लगा....क्यूँ की उस लड़की ने अपना एक हाथ..जेठालाल की पैंट के उपर से उसके लंड पे रख दिया था...जो पहले से अकडा पड़ा हुआ था...और पैंट में से आज़ाद होने के लिए तड़प रहा था...

जेठालाल सवालिया नज़रों से उस लड़की को देख रहा था....वो लड़की उसकी तरफ देख कर मुस्कुरई...और बोली...

लड़की :- क्या हुआ...अच्छा नही लग रहा है क्या...

तभी.जेठालाल का फोन बज उठता है...और वो होश में आता है..और अपने हाथ से उस लड़की के हाथ को झटका देता है....

वो फोन की तरफ देखता है...तो दया का फोन होता है....

जेठालाल फोन उठा के..

जेठालाल :- हाँ दया बोल.....

दया :- टप्पू के पापा...क्या कर रहे हो..

जेठालाल :- दया कैसी नॉनसेन्स जैसी बात कर रही है...दुकान में हूँ काम कर रहा हूँ...

दया :- ओह्ह हाँ..सोरररययी....अच्छा ये बताइए कि आप रात में क्या खाएँगे...

जेठालाल मन में सोचते हुए...कि दया मुझसे कितना प्यार करती है..और में यहाँ ग़लत काम कर रहा था...

दया :- हेलो...टप्पू के पापा...आप हो..

जेठालाल :- हाँ हाँ भाई...तू जो चाहे वो बना ले...चलो..ज***********

दया :- ठीक है...ज*************.....

फिर जेठालाल पीछे मुड़ता है और उस लड़की की तरफ देखता है....

लड़की :- आइए ना मुझे फीचर बताइए ना....

जेठालाल जैसे ही बोलने वाला होता है...उधर से नटू काका की आवाज़ आती है...

नटू काका :- सेठ जी...में पेमेंट ले आया..

जेठालाल हश्ह्ह्ह....

नटू काका :- क्या अपने कुछ कहा मुझसे...

जेठालाल :- कुछ नही...एक काम करो..इन मेडम का फोन पॅक कर के बिल बना दो...
 
लड़की थोड़ी सी निराश हो जाती है...और नटू काका के पास चली जाती है...

जेठालाल उससे पैसे लेता है....और फिर...लड़की उसे अपना एक कार्ड दे देती है...और बोलती है...

लड़की :- ये लीजिए...मेरा कार्ड...कभी ज़रूरत पड़ी तो...

बॅस इतना ही बोलती है...

जेठालाल उस कार्ड को ले लेता है...बिना कुछ बोले..क्यूँ कि अगर कुछ बोलेगा तो नटू काका...फिर उससे पंचायत करेंगे...और वो कार्ड लेके...फैंक देता है......

जेठालाल मन में.....आज जो में करने जा रहा था वो था तो ग़लत...लेकिन में अपने इस बम्बू को कैसे समझाऊ...ये तो कहीं भी फुदक पड़ता है....परेशान कर रखा है सुबह से..क्या करूँ....और फिर से अपने लंड पे हाथ मार कर...अबे ओये..शांत बैठ जा...हमेशा मेढक की तरह उछल जाता है....

नटू काका :- आपने मुझसे कुछ कहा??

जेठालाल :- अरे नही भईई अपना काम करो ना....

रात के 9 बाज चुके थे.....

जेठालाल के घर पे....

जेठालाल :- वाहह दया..क्या खाना था...मज़ा आ गया...

बापूजी :- हाँ बहू सच में आज बढ़िया खाना बना था...तभी तो इस जेठिया ने...डबल खाया है..

जेठालाल :- हाँ बापूजी..क्या करूँ...क्रांट्रोल नही हो रहा था...

बापूजी :- ये क्रांट्रोल वाली...इतना खाएगा तो एक दिन पेट फट जाएगा...

जेठालाल अपना मुँह बनाते हुए...

बापूजी :- कम खयाआआआ कार्रररर....चिल्लाते हुए बोलते हैं...

जेठालाल :- ठीक है बापूजी..अगली बार से कम खवंगा...घबराते हुए बोलता है...

अच्छा दया में सोडा पीने जा रहा हूँ...

दया :- हाँ तो में भी चल रही हूँ...

जेठालाल :- तू भी सोडा पिएगी...

दया :- हाहहहहः......नही बाबा...वो नीचे सारी लॅडीस मिलने वाली है ना...तो में वहाँ जाउन्गी...

जेठालाल :- अच्छा चल....

और दोनो नीचे चल देते हैं...
 
नीचे पहुँचते ही....जेठालाल की नज़र बबीता जी पर पड़ती है...और सुबह वाली घटना याद आ जाती है...और याद आते ही फिर से उसका लंड अकड़ने के लिए तैयार हो जाता है..लेकिन इस बार वो अपने आप पर कंट्रोल करता है...

जेठालाल :- बबीता जी गुड नाइट...

सब चौंकते हुए...

बबीता जी :- गुड नाइट नही जेठा जी...गुड ईव...

जेठालाल :- तो ये रखो...गुड ईव...बबीता जी...

और सबको भी गुड ईव बोलता है...

जेठालाल :- बबीता जी...आपका ये ड्रेस तो बहुत सुंदर लग रहा है...

उस वक़्त बबीता जी ने...नाइट सूट पहना हुआ था...एक टाइट सा उपर शर्ट..जिसमे उसके बूब्स बहुत ही ज़्यादा बड़े लग रहे थे और नीचे पहना था..पाजामा...जिसमे उसकी गान्ड बहुत ही ज़्यादा मस्त लग रही थी..

बबीता :- थॅंक यू जेठा जी...

जेठालाल :- वैसे आपका सुबह वाला काम पूरा हो गया था...

जेठालाल का मतलब था...कि सुबह अपना पानी निकल गया था..चूत में से...

बबीता :- समझ गई थी...उसने स्माइल देते हुए कहा....हाँ जी कर लिया था...

तभी पीछे से दया आते हुए...अरे टप्पू के पापा आप गये नही सोडा पीने..

जेठालाल :- हाँ भाई जा रहा हूँ..

गुड नाइट बबीता जी...गुड नाइट...अब तो ठीक है ना बबीता जी...

बबीता :- जी हाँ ....गुड नाइट...

और जेठालाल सोडा की शॉप की तरफ निकल पड़ता है...

उधर सोडा की शॉप पर सब हंस रहे थे और आपस में बात कर रहे थे...

में आपको बता दूं..कि कौन कैसे खड़ा था अब्दुल की दुकान पर...

दुकान के अंदर अब्दुल..उसकी बगल में सोढी बैठा था...और उसके साइड में पोपटलाल खड़ा था...

नीचे बाहर की तरफ थोड़ी ज़मीन पर डॉक्टर हाथी बैठे थे...उसके जहाँ ड़कटोर हाथी बैठे थे उनकी लेफ्ट साइड में मेहता साहब खड़े थे...और राइट साइड में भिड़े और अईयर....

सोढी :- क्या बात है मेहता साहब..आज अपना जेठा प्रा नही आया अभी तक्क..

मेहता साहब बोलते इतने में भिड़े बोल पड़ा...

भिड़े :- अरे सोढी..जेठालाल सो गया होगा अभी तक...उसको सिर्फ़ दो कम आते हैं सोना और खाना....उसके अलावा उसे कुछ नही आता..

अईयर :- हाँ आत्माराम तुम बिल्कुल सही बोल रहे हो...

तभी एक आवाज़ आती है....तुम को क्यूँ इतनी चपली है भिड़े...हर वक़्त दूसरो में क्यूँ इतना दिमाग़ लगाते हो
 
तभी एक आवाज़ आती है....तुम को क्यूँ इतनी चपली है भिड़े...हर वक़्त दूसरो में क्यूँ इतना दिमाग़ लगाते हो...जी हाँ जेठालाल पीछे खड़ा सब सुन रहा था....

तभी मेहता साहब हंस देते हैं...

पोपटलाल :- मेहता साहब आप क्यूँ हंस रहे हैं..

तारक :- भाई मुझे पता था कि जेठालाल पीछे ही खड़ा था..

भिड़े :- तो अपने मुझे बताया क्यूँ नही..

जेठालाल :- हाँ तो पता चलना चाहिए ना..कि तुम क्या सोचते हो...चपली कहीं के...और चलते चलते मेहता साहब के पास आकर खड़ा हो जाता है..

और अईयर भाई आपको हाँ में हाँ मिलाना बहुत आता है...चुप रहा करो..

अईयर बोलने लगता है..लेकिन मेहता साहब उसे रोक देते हैं...और बोलते हैं..

तारक :- देखिए मुझे आपसे कुछ बात करनी है..

सभी बोलते हैं..बोलिए मेहता साहब..

ह्म्म्म देखते हैं...अब क्या बात होती है अब्दुल की दुकान पार....

हाँ तो मेहता साहब अब्दुल की दुकान पर कुछ बताने जा रहे थे...

तारक :- हाँ तो भाई जेठालाल बता दिया जाए...सबको...

सुबह से जेठालाल का मूड कुछ ठीक नही था..तो उसको याद भी नही था..तभी उसने पूछा..

जेठालाल :- क्या मेहता साहब...क्या कहना है...

तारक :- अरे भाई भूल गयी वो सुबह लेटर वाली बात..

जेठालाल :- दिमाग़ की बत्ती जलाते हुए...अरे हां...में तो भूल ही गया था...हाँ बिकलूल बताइए..

पोपटलाल :- हाँ मेहता साहब बताइए...क्या बात है..

तारक :- हाँ पोपटलाल बताता हूँ....बात ये है कि....जेठालाल को सुबह एक लेटर आया था..जिसमे उसको पार्टी के लिए इन्वाइट किया गया है...और उसमे ये भी लिखा था कि वो 5 या 6 जनों को अपने साथ ले जा सकता है...

सोढी :- अरे क्या बात कर रहे हो...मेहता साहब..पार्टी शार्टी....मज़ा आ जाएगा...

अईयर :- हाँ सोढी...मज़ा आ जाएगा..वैसे भी काफ़ी दिन हो गये हैं...

भिड़े :- पार्टी ..... मज़ा आएगा..

जेठालाल :- क्यूँ भिड़े अब क्या हुआ...अभी तो कुछ और ही बोल रहे थे...

भिड़े :- वो तो बस ऐसे ही जेठालाल....आइ आम सॉरी..

जेठालाल :- क्या सॉरी...तुझे नही लेके जाउन्गा पार्टी में..

भिड़े :- अरे जेठालाल सॉरी बोला ना तुझे...

तारक :- हँसता हुआ....अरे भाई भिड़े जेठालाल मज़ाक कर रहा है...

डॉक्टर. हाथी :- जेठा भाई खाने का भी प्रोग्राम हो गया ना...

जेठालाल :- हान्फते हुए...जी बिल्कुल होगा..

पोपटलाल :- अच्छा तो पार्टी है कब??

जेठालाल :- अभी डेट तो नही आई है..जिस दिन आ जाएगी..में मेहता साहब को बता दूँगा..वो तुम सबको बता देंगे...

 
उधर महिला मंडल आपस में मिल के बातें कर रही थी..और हंस रही थी...

कोमल :- इनको तो बस सारा दिन खाने को चाहिए...

माधवी :- हाँ तभी तो उनका इतना वजन है....

और सब हँसने लगते हैं...

रोशन :- क्या बात है भिड़े बहेन...आप आज बहुत खुश लग रही हैं...

दया :- हाँ भिड़े बहेन...आप बहुत ज़्यादा खुश हैं..

माधवी :- शरमाते हुए...अरे नही ऊई बाबा कोई बात नही है..

बबीता :- नही कोई बात तो ज़रूर है...तभी आप इतना शर्मा रही हैं...
कहीं भिड़े भाई ने तो आज कुछ नही किया आपके साथ...

सभी एक साथ माधवी को छेड़ने लगते हैं...

माधवी :- शरमाते हुए....हाँ बस ... वो दोपहर को ही...बॅस इतना ही बोल पाती है...

कोमल :- अरे दोपहर को क्या...बताइए ना...उसमे क्या है..

माधवी :- हाँ आज सुबह सुबह इन्होने..किचेन में मेरे साथ कर दिया...में तो आचार बना रही थी..पता नही पीछे से कब आ गये..और...

दया :- और क्या....हाहहहहहह....भिड़े बहेन देखो कितना शर्मा रही है..खुल के बताइए...

माधवी :- धत्त...दया भाभी आप भी ना..

रोशन :- बताइए ना बावा...

माधवी :- अरे हुआ यूँ..ये पानी पीने अंदर आए किचेन में..में स्लिप पे खड़ी आचार का काम कर रही थी...पीछे से आए...और मेरी चूत मार ली..बॅस

सभी एक साथ ओहूऊ क्या बात है...

लेकिन ये बात सुन के दो जने बहुत गरम हो गये थे...एक थी बबीता और दूसरी दया...

दोनो ही नही चुदे थे...काफ़ी दिनो से..

बबीता :- आपके तो मज़े हैं..माधवी भाभी..भिड़े भाई आपका कितना ख्याल रखते हैं...

माधवी :- हाँ वो तो है..बस एक ही दिक्कत है..

अंजलि :- क्या??

माधवी :- ये बहुत ही ज़्यादा जल्दी झड जाते हैं..

अंजलि :- ओहू..तो आप फिर उन्हे करेले का जूस पिलाए...में तारक को देती हूँ ना...

दया :- तभी तो मेहता साहब देर तक करते होंगे...और हंस देती है...

और बाकी के भी सब हंस देते हैं....

अंजलि :- क्या दया भाभी आप भी..

माधवी :- अंजलि भाभी..अगर ऐसा है तो ट्राइ करूँगी....
 
रात के 10 :30 बजे.....

जेठालाल के घर पे....

जेठालाल पलंग पे बैठा था...उसका मूड कुछ अच्छा हो गया था...और उधर दया किचेन से कमरे में आई..नीचे की ही बातों से वो काफ़ी गरम थी और आज अच्छे से चुदना चाहती थी...लेकिन उसने जेठालाल से कुछ बोला नही...और बगल में आके लेट गई...

दया पलंग पे आके..जेठालाल की तरफ पीठ कर के लेट गई...

जेठालाल को थोडा अजीब लगा...उसे लगा शायद दया नाराज़ है..कि इतने दीनो से उसकी जम कर चुदाई नही की है...चलो आज सही मौका है...मेरा भी बुरा हाल है..सुबह से परेशान हूँ...पता नही किसकी पनौती लग गई है....वो सारी भडास आज दया के उपर निकाल देता हुन्न्ं.....

जेठालाल :- दया....दया...मेरी रानी...नींद आ गई क्या..

लेकिन दया कोई जवाब नही देती....

फिर जेठालाल सोचता है..कि बोलने से क्या फ़ायदा....शुरू कर देता हूँ..अपना काम...अपने आप ठीक हो जाएगी...

और फिर जेठालाल हाथ बढ़ा कर...दया की गान्ड को अपने हाथ से दबा देता है...दया थोड़ी कसमसाती है..लेकिन कुछ नही बोलती है...

जब दया को लगता है..कि उससे कोई फरक नही पड़ा...तो वो एक अजीब सी हँसी हब्साता है..और गान्ड को इस बार कस के दबा देता है...

इस बार दया सिसक उठती है....और वो मूड कर..जेठालाल की तरफ देखती है...और बोलती है..

दया :- अब क्यूँ कर रहे हैं आप

जेठालाल :- दया तुझे तो पता है ना...कि कुछ दिनो से क्या हाल थे सोसाइटी के ..टाइम ही कहाँ मिला..तू ही बता मेरी क्या ग़लती है..

जेठालाल की बात सुन के...थोड़ा सोचके बोलती है...

दया :- हाँ टप्पू के पापा आप ठीक बोल रहे हैं...सॉरी..

जेठालाल :- अरे सॉरी क्या इसमे डोबी..अब छोड़ बोलने पर टाइम वस्ती मत कर...और उसकी गान्ड को और ज़ोर से निचोड़ देता है...

दया हल्की सी चिल्लाते हुई...उईइ माआ....आराम से टप्पू के पापा...

जेठालाल :- दया आज तेरा कचूमर बना दूँगा....देखती जा बसस्स...

दया :- अच्छा...हँसती हुई...हर बार में ही निकालती हूँ....

जेठालाल :- चल आज देख लेते हैं..कौन किसका कचूमर निकालेगा...

और फिर जेठालाल दया को अपने उपर लेटा लेता है....और उसके बाल खोल देता है...और उसके बालों के अंदर हाथ फैरने लगता है...

जेठालाल :- दया...आज में तुझे अब तक की सबसे बड़ी चुदाई दूँगा...

दया :- शरमाते हुए..अच्छा...में भी कब से इंतेज़ार कर रही थी...बॅस इतना ही बोल पाती है..और जेठालाल उसके होंठ अपने होंठ से चिपका लेता है...

और उसके होंठो को चूसना शुरू कर देता है...दोनो के होंठ ऐसे जुड़े थे..जैसे फेवीकॉल लगा दी हो..थोड़ी ही देर में..ससयरृूप्प्प्प्प जैसी आवाज़ें आनी शुरू हो जाती है...

फिर कुछ देर बाद..जेठालाल अपनी जीभ दया के मुँह के अंदर डाल देता है...और फिर दोनो एक दूसरे के मुँह का रस पान करने लगते हैं...

कुछ 3 मिनट तक ऐसा ही चलता रहता है...फिर दया अपने आप को छुड़ाते हुए...

दया हान्फते हुई...

दया :- बसस्स करिए....साँस नही आ रहा था मुझे....

जेठालाल :- हाहहः क्या हुआ..मेने कहा था ना आज तेरा कचूमर निकाल दूँगा....

दया :- मेने भी मादरचोद का पानी पिया है....अभी तो बहुत कुछ बाकी है मेरे दोस्त...

जेठालाल :- अच्छा चल...एक शर्त लगाते हैं..

दया :- कैसी शर्त?

जेठालाल :- देखते हैं....कि कौन किसका पानी सबसे पहले निकालेगा.....

दया :- ठीक है...चलो...देखते हैं..

जेठालाल :- लेकिन सिर्फ़ 5 मिनट ही मिलेंगे...नही तो कोई भी निकाल देगा...

दया :- हुह...5 मिनट तो बहुत है..में तो आपका 2 मिनट ही निकाल दूँगी....

जेठालाल :- चल जा ना...देखते हैं...

बस इतना बोलती है..और जेठालाल को झटका लगता है...क्यूँ कि...वो जेठालाल के लंड को पाजामे के अंदर से निकाल के...हाथ में पकड़ लेती है...

जेठालाल दया की इस फुर्ती हो देख के दंग रह जाता है...

दया उसकी आँखों में देख के....अपनी जीभ बाहर निकाल के..पूरे लंड को उपर से नीचे तक चाट देती है...जिससे जेठालाल का पूरा का पूरा शरीर हिल जाता है.....

फिर से एक बार दया...अपनी जीभ बाहर निकालती है...और इस बार...उसके लंड के बॉल्स से लेकर ऊपर लंड के सुपाडे तक फिर से चाट देती है...इस बार जेठालाल की आधी पीठ हवा में झूल जाती है....

जेठालाल :- आहह दयाया.....मज़ा आ गया....

और फिर दया अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती है...और अपनी ब्लाउस के बटन को खोल देती है...

जब जेठालाल की नज़र उस पर पड़ती है..तो उसका लंड और ज़्यादा अकड़ जाता है....वो घड़ी की तरफ देखता है...अभी तो सिर्फ़ 1 मिनट ही बीता होता है..और जेठालाल का बुरा हाल हो जाता है...

अब दया अपने हाथ से लंड को हिला रही थी..और लंड का मूठ मार रही थी...कुछ देर ऐसे करने के बाद...दया अपने मुँह को खोल के...जेठालाल का लंड थोडा सा मुँह में लेके चूसना शुरू कर देती है...

जेठालाल :- आहह ओह्ह्ह्ह...ह्म...दया....बहुत अच्छा लग रहा है...करती रह....

अब दया अपना पूरा ब्लाउस..उतार के फेंक देती है....अब वो सिर्फ़ ब्रा में होती है उपर से...जेठालाल का और ज़्यादा बुरा हाल हो जाता है....

जेठालाल :- ये तो चीटिंग है दया..
 
अब दया अपना पूरा ब्लाउस..उतार के फेंक देती है....अब वो सिर्फ़ ब्रा में होती है उपर से...जेठालाल का और ज़्यादा बुरा हाल हो जाता है....

जेठालाल :- ये तो चीटिंग है दया..

दया लंड को निकाल के....

दया :- इसमे क्या चीटिंग...है...अपने दिखाए डिस्ट्रब मत कीजिए..टाइम ख्तम हो जाएगा....

और फिर से लंड को मुँह में लेकर चूसने लगती है...

अभी 3 मिनट बीत चुके थे...अब दया को थोड़ी टेन्षन हो गई थी..कि..अब क्या होगा....लेकिन फिर भी वो हिम्मत नही हारती....और अब लंड को तेज़ी से चूसने लगती है...

अब पूरे कमरे में घड़ी की आवाज़ के अलावा...पूछ पुचह,.....जैसी आवाज़ें आ रही थी.....

4 मिनट बीत गये थे...अब सिर्फ़ 1 मिनट बचा था...जेठालाल कुछ होते हुए....

जेठालाल :- डाययययययाअ आहह....ओह सिरफफ़्फ़ 1 मिन्न्न्न् बचा है....आहह....

दया जेठालाल की बात सुनती है..लेकिन कुछ बोलती नही...बस अब वो सिर्फ़ लंड चूसने में लगी रहती है....

लेकिन अब सिर्फ़ 30 सेक बाकी थे....दया को कुछ जल्दी सोचना था....और उसने सोचा....उसने वो किया कि ..किसी का भी लंड से पानी छूट जाए.......

दया ने अपना मुँह बाहर निकाला 1 सेक के लिए जेठालाल की शक्ल देखी और फिर.....

अपना मुँह खोल के पूरा का पूरा लंड अंदर ले लिया...और बड़ी तेज़ी से उसे अंदर बाहर करने लगी....

जेठालाल इस प्रहार से पागल हो गया....वो ना चाहते हुए भी..दया के सर के पीछे हाथ ले जाके ... लंड पे दबा रहा था....दया पूरे जोश से पूरे लंड को मुँह में लेती और बाहर कर देती.....अब जेठालाल का निकलने वाला था...जब उसको याद आया..कि ये शर्त है ..उसने बड़ी मुश्किल से हाथ हटाया....

लेकिन दया रुकी नही....वो ऐसे करती रही...बससस्स..अब जेठालाल से कंट्रोल नही हो रहा था...उसने टाइम देखा.....

टाइम पूरा हो चुका था..5 मिनट हो चुके थे...उसने दया के सर को पकड़ा और झटके से बाहर निकाला....

उसने सर को इतनी ज़ोर से पीछे पटका..कि दया पीछे की तरफ़ गिर गई...

जेठालाल :- बसस्सस्स...हान्फते हुए...बससस्स...टाइम पूरा हो गया...

दया :- हान्फते हुई...अहहहहः...हांफे जा रही थी...देखा निकाल दिया ना..

जेठालाल :- अभी भी हाँफ रहा था...आई डोबी..नही निकला अभी..देख...वो तो अच्छा है टाइम देख लिया मेने...नही तो में हार ही जाता..

दया थोड़ा मायूस होते हुए...

दया :- ओफूऊ...ये कैसे...मेने तो अपना सबसे बड़ा हथियार इस्तेमाल किया था...

जेठालाल :- हाहहः...दया ..ये ब**** के रहने वाले का लंड है..ऐसे थोड़ी छोड़ेगा...हार गई ना तू...
 
दया :- आहानन्न....अभी कहाँ से हार गई...अभी तो आपकी बारी है...देखते हैं...कि आप क्या करते हैं....और पलंग पे लेट जाती है...

जेठालाल :- देखते हैं....आज तो तेरा रस निकाल के छोड़ूँगा..और सारा पी भी जाउन्गा....

और फिर जेठालाल...दया की तरफ़ बढ़ने लगता है.......!!!!!!!

दया शर्त के मुताबिक...5 मिनट में जेठालाल के लंड से उसका रस नही निकाल पाई थी...अब जेठालाल की बारी थी..

दया पलंग पे लेट गई थी....जेठालाल उसकी तरफ बढ़ता हुआ....

दया :- हाँ तो आपका टाइम शुरू होता है..

जेठालाल :- आई...अभी कहाँ...अभी तो तेरा पेटिकॉट और पैंटी नीचे करूँगा...उसके बाद मेरा टाइम शुरू होगा....लुच्ची चीटिंग करती है....

दया :- उई माँ...ठीक है...

और फिर जेठालाल फटाफट साड़ी को उपर कमर तक कर देता है...और पैंटी नीचे खीच देता है..और उसकी चूत को देखने लगता है...जो कि पूरी की पूरी गीली पड़ी थी....ऐसा लग रहा था जैसे दया कब का अपना रस बहा चुकी है.....

जेठालाल :- दया...तेरी चूत इतनी गीली...कहीं तू पहले से ही तो पानी नही छोड़ चुकी....

दया :- शरमाते हुए...क्या आप भी..जल्दी शुरू करिए में टाइम स्टार्ट कर रही हूँ...

दया भी चाहती थी...कि टप्पू के पापा अब जल्दी से मेरी चूत चूस डालो...क्यूँ कि उससे भी रहा नही जा रहा था.....

और तभी जेठालाल अपना मुँह उसकी चूत पे रख देता है...और दया टाइम भी देख लेती है...

जेठालाल दया की चूत पे जीभ रख के...ज़रा सा उसे चाट देता है...दया के शरीर में हल्का सा करेंट लगता है और उसके मुँह से..हल्की सी अह्ह्ह्ह..निकल जाती है...

जेठालाल सोचता है..इसका तो में आज काम तमाम कर दूँगा 5 मिनट से पहले...और फिर से अपना मुँह उसकी चूत पे रख देता है...और चुंबनों की बौछार कर देता है....

दया :- आअहह ओह..टप्पूउ के पपपप्पा...अहह...

जेठालाल के मुँह पे दया का पानी लग जाता है..जिसे वो चाट रहा होता है....टाइम देखता है तो अभी 1 मिनट ही बीता था...

और फिर वो अपनी उंगलियों से उसकी चूत की फांकों को खोलता है...और अपनी जीभ अंदर डाल के..उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगता है...

दया :- पागलों की तरह सिसकियाँ ले रही थी....अहह...ओह्ह्ह्ह...
माआआआ.....माररर्ररर गैिईईई....हन्ंननणणन्......ओह...

 
जेठालाल अब बहुत तेज़ी से चूत के अंदर उसे चाट रहा था...दया का बुरा हाल हो रहा था...उसकी सिसकियाँ ख़तम ही नही हो रही थी...वो अभी भी तेज़ तेज़ सिसकियाँ ले रही थी...आहह ओह्ह....उसका भी हाथ जेठालाल के सर के पीछे चला गया था..और अपनी चूत के अंदर दबा रहा था...

इतने सुखद आनंद मिलने की वजह से .. दया को शर्त का याद ही नही रहता....

जब जेठालाल को लगा कि दया झड क्यूँ नही रही है..वो पीछे हटा...उसने देखा सिर्फ़ 2 मिनट ही बच्चे हैं..

दया उसकी तरफ देख के मुस्कुराइ और बोली..

दया :- मदहोशी में...क्या हुआ टप्पू के पापा....मज़ा आ रहा था....रुक क्यूँ गयी...और वो टाइम की तरफ़ देखते हैं...2 मिनट से कम बचे थे....ओह्ह्ह अच्छा....हाहहहः...मेने कहा था कि में नही झडुन्गी...

जेठालाल उसकी बात को सुन के जोश में आ जाता है...और अपनी एक उंगली की बजाए...एक साथ 3 उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा देता है...

दया इसके लिए तैयार नही थी....और चिल्लाते हुए बोलती है...

दया :- ओह अहहहहहहाहा....अहह...टॅपू.. के पापपपप....ये तो चीटिंग...हाईईइ......

जेठालाल :- क्या चीटिंग...तूने भी तो यही किया था...और जेठालाल अपनी उंगलियों की स्पीड बढ़ा देता है....उसकी उंगलियाँ चूत के रस से भीगी पड़ी थी....वो अब बहुत तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था...अजीब अजीब आवाज़ें आ रही थी....

दया ने अपने आप को कैसे कंट्रोल कर रखा था बस वही जानती थी....

जब जेठालाल ने टाइम देखा तो सिर्फ़ 40 सेक रह गये थे..उसने फ़ौरन उंगलियाँ बाहर निकाली..और सोचने लगा...तभी उसको एक आइडिया आता है...वो फिर से उसकी चूत पे मुँह लगा के बैठ गया....

और कुछ खोजने लगा....दया को लगा अब तो में जीत ही जाउन्गी......
याभी वो ज़ोर से चिल्लाई...ओह......उईईईईईईईईईईईई.... म्माआआ....मररर्ररर गैिईईईईई....

उसकी चिल्लाने की वजह ये थी .... कि जेठालाल ने दया की चूत के क्लिट को अपने मुँह में ले लिया था..और उसे खीच रहा था.....

दया :- टप्पू के पापा वहाँ नही...प्लस्स नही.....छोड़िईईईई अहह ओह्ह्ह.....
और वो टाइम देखती है..बस 5 सेक रह गये होते हैं...वो अपना हाथ जेठालाल के सर के पीछे ले जाती है...और फिर...

 
Back
Top