hotaks444
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आकांक्षा: बता रही थी सब कुछ.. भैया भाभी हनिमून को गये हैं बोली. बहुत लंबी बात चली हमारी.. मुझे ना मम्मी आपने बड़ी बेहन देनी चाहिए थी..ये यूस्लेस जानवर दे दिया..
मे: हाँ मम्मी… मैं भी कयि बार ऐसा ही सोचता हूँ.. ये यूस्लेस जानवर कहाँ से दे दिए आपने मुझे.. हमारे ख़यालात काफ़ी मिलते हैं.. हैं ना जानवर??
वो मूह बनाते हुए मेरी ओर देखने लगी और बोली;
आकांक्षा: अब ऐसे लड़के से कौन बात करेगा आप ही बताओ?
मे: हू केर्स…? बात ना भी करे तो मेरा क्या जा रहा है…
मम्मी: अच्छा ये अब नेवेर एंडिंग वॉर ख़त्म करो और पानी वानी लो..चलो जल्दी..
हम खाना खाते हुए बाते करने लगे..
मम्मी: तू खुद ही कॉल कर लेना उसे?
मे: अर्ररे यार..अब ये क्या नया नाटक हैं? इतनी पीछे क्यो लगी हैं? अब मेरा कोई कॉंटॅक्ट नही हैं. क्या बात करूँ उससे? वैसे भी रिलेटिव्स से बात करना मुझे नही आता.. कुछ सूझता ही नही हैं..
पापा: सिर्फ़ रिलेटिव्स से बात करते वक़्त ही नही सूझता हैं ऐसा नही हैं सम्राट..
आकांक्षा: हाहहहाहा….
मे: हहा.. आपकी ही कमी थी.. आ जाओ आप भी मैदान मे.. आंड ओये..तू क्या हँस रही? खाना खा चुप चाप से..
पापा: देख बेटा.. अब उसने तेरे बारे मे पूछा तेरी मम्मी से.. और नंबर भी लिया तेरा.. मतलब वो बात करना चाहती हैं. बेहन हैं तेरी. रिश्तो को ऐसे नही तोड़ते रहते बेटा.
मे: पापा..उसने मेरा नंबर लिया? करेक्ट?
पापा: हाँ..तो?
मे: तो नंबर क्या दिन भर देखते रहती हैं क्या? इस पागल को अगर वो कॉल कर सकती हैं तो क्या मुझे नही?
मम्मी: अर्रे..अककु छोटी हैं उससे..तू तो बड़ा हैं ना..?
मे: ओके..अगर मैं कह दूं कि मैं उसे कॉल करूगा तो क्या आप लोग मेरी जान खाना छोड़के खाना खाओगे?
मम्मी: हाँ..ठीक हैं.
पापा: नही.. नही..
मे: हुहह? नही क्या नही? अब क्या हुआ? कह तो दिया कॉल करने के लिए..और क्या चाहिए?
पापा: बेटा..मैं बाप हूँ तेरा..मुझे ही टोपी पहनाएगा.
मे: अभी तो नही पहना रहा..यूष्यूयली आइ डू..
पापा: अच्छा??
मे: हाँ बट अब क्यू नही कहा?
पापा: जब तू कॉल करेगा तब हम तेरी जान खाना छोड़ेगे..
मे: मुझे समझ नही आता.. इससे पहले तो किसी और को कॉल करने के लिए आपने नही ऐसा फोर्स किया..अब क्या हुआ??इसमे ऐसा क्या हैं?
पापा: वेल..टू बी ऑनेस्ट.. तेरी मम्मी कह रही हैं..बॅस..
मम्मी ने पापा को थोड़ा लुक दिया..
पापा: मे ,…मेरा मतलब हैं कि मम्मी कह रही हैं इसलिए ही बॅस नही.. करना चाहिए तूने कॉल..
आकांक्षा: हहहे…स्मार्ट पापा..
मे: तुझे तो हहेहहे करने के लिए ही पैदा किया हैं बस. और कुछ काम की नही..
मम्मी: अरे बॅस भी करो अब तुम लोग..और सम्राट..
मे: हां माताजी..मैं धरती माँ की सौगंध खाता हूँ कि मैं कल कॉल करूगा?
आकांक्षा: किसे?
पापा: गुड क्वेस्चन बेटा..
मे: अरे वोही..चैत्राली को..खुश? खाना खाओ अब शांति से सब..
मैने टेबल के नीचे से आकांक्षा को एक लात मारी और कहा;
मे: तू तो रुक..बताता हू तुझे मैं..देख ना तू.
वो मुझे जीभ दिखाती हुई चिढ़ाने लगी..
खाना ख़ाके मैं रूम मे चला गया.. और सोचने लगा कि क्या नया झोल हैं साला ये? क्या घंटा बात करू मैं उससे? एक तो रिलेटिव,उसमे भी लड़की.. कुछ हैं ही नही बात करने के लिए मेरे पास उससे..? जहा तक मुझे याद था बचपन मे बोहोत ही ज़्यादा हद तक बोरिंग लड़की थी वो. कुछ नही कहेगी? बॅस पागल जैसी एक जगह बैठी रहेगी..
मे: फक ब्बीयी..
मैं अपना काम करने लगा..उतने मे ही मसेज आया वाट्सॅप पे.. पायल का था.
‘हे’
मैने एक घुस्से वाला एमो सेंड कर दिया..
मे:
पायल:ओई?? ये क्या?
मे:तुझे मीनिंग नही सम्ज़ा इस एमो का
पायल:अरे..वो पता हैं..बट ये???
मे:व्हाई?? कहाँ मर गयी तू?
पायल:अरे मरे मेरे ढहूऊस्समन..
मैं क्यू मारने लगी??
मे:लग तो ऐसा ही रहा हैं? कल कितने मेसेज किए तुझे..नो रिप्लाइ.नो मसेज..अम्तंग.
पायल:अरे बताया था ना..नासिक आई थी
नेटवर्क का झोल हैं वहाँ.
मे:और उसके बाद.??
पायल:अरे..काम मे थी..तेरे जैसी नही मैं....
मे:हाँ हाँ..दुनिया मे एक तुझे ही काम रहते हैं ना.
पायल:अरे बॅस ना अब..फ्री होते ही तुझे.मसेज की मैने..सी!!
मे:हाँ..आपका बोहोत बोहोत शुक्रिया मेसेज करने का..
पायल:इतना क्या भड़क रहा तू..शांत होज़ा..वस्सूप
मे:नतिंग..जस्ट हॅड डिन्नर..यू?
पायल:मी टू.
मे:ह्म्म्मय…
पायल:क्या ह्म्म्म ?? भड़क तो ऐसे रहा हैं तू..जैसे 1000 बाते करनी थी मुझसे..
मे: हाँ तो करनी ही थी..नोट एग्ज़ॅक्ट्ली बाते..बट 1000 बार करना हैं ना कुछ..
पायल:क्या करना हैं?द
मे:अरे वोही..जो करने मे बोहोत मज़ा आता हैं..हम दोनो को..
पायल:ऐसा क्या हैं जो करने मे दोनो को मज़ा आता हैं??
मे:सोच ना तू ही..
पायल:उम्म्म..नही तो ..ऐसा तो कुछ नही जो करने मे हम दोनो को मज़ा आता हैं.
मे:सीरियस्ली? कुछ नही याद आ रहा ?
पायल:नही नाअ.नोथनग..
मे:हिंट दूं?
पायल:हाँ दे ना.
मे:वो करते वक़्त हम ने कपड़े नही पहने होते हैं.
पायल:ओह्ह…कमीना..समझ गयी..तू ना…
मे: वोही…
पायल:ह्म..वो तो हो गया कबका!!
मे:हुहह??हो गया?? कैसे हो गया?अकेले कैसे की??
पायल:अरे? उसमे क्या हैं? अकेले ही करती हूँ वो मैं.
मे:वोही तो पूछ रहा??
पायल:अरे..बोहोत मज़ा आया..सीरियस्ली.. बड़ा सुकून मिला मुझे तो वो करके!
मे:तू क्या कह रही??
पायल:तू नहाने की ही बात कर रहा ना??
मे:अर्रे उल्लू की दूंम..मरजा कही ..मर जा कही जाके तू..
पायल:अब्बे?? मैं क्यू मरूं? मैने क्या किया..??
मे:ग्न..म स्लीपिंग..
पायल:ओये…
हेलो??
मे: हाँ मम्मी… मैं भी कयि बार ऐसा ही सोचता हूँ.. ये यूस्लेस जानवर कहाँ से दे दिए आपने मुझे.. हमारे ख़यालात काफ़ी मिलते हैं.. हैं ना जानवर??
वो मूह बनाते हुए मेरी ओर देखने लगी और बोली;
आकांक्षा: अब ऐसे लड़के से कौन बात करेगा आप ही बताओ?
मे: हू केर्स…? बात ना भी करे तो मेरा क्या जा रहा है…
मम्मी: अच्छा ये अब नेवेर एंडिंग वॉर ख़त्म करो और पानी वानी लो..चलो जल्दी..
हम खाना खाते हुए बाते करने लगे..
मम्मी: तू खुद ही कॉल कर लेना उसे?
मे: अर्ररे यार..अब ये क्या नया नाटक हैं? इतनी पीछे क्यो लगी हैं? अब मेरा कोई कॉंटॅक्ट नही हैं. क्या बात करूँ उससे? वैसे भी रिलेटिव्स से बात करना मुझे नही आता.. कुछ सूझता ही नही हैं..
पापा: सिर्फ़ रिलेटिव्स से बात करते वक़्त ही नही सूझता हैं ऐसा नही हैं सम्राट..
आकांक्षा: हाहहहाहा….
मे: हहा.. आपकी ही कमी थी.. आ जाओ आप भी मैदान मे.. आंड ओये..तू क्या हँस रही? खाना खा चुप चाप से..
पापा: देख बेटा.. अब उसने तेरे बारे मे पूछा तेरी मम्मी से.. और नंबर भी लिया तेरा.. मतलब वो बात करना चाहती हैं. बेहन हैं तेरी. रिश्तो को ऐसे नही तोड़ते रहते बेटा.
मे: पापा..उसने मेरा नंबर लिया? करेक्ट?
पापा: हाँ..तो?
मे: तो नंबर क्या दिन भर देखते रहती हैं क्या? इस पागल को अगर वो कॉल कर सकती हैं तो क्या मुझे नही?
मम्मी: अर्रे..अककु छोटी हैं उससे..तू तो बड़ा हैं ना..?
मे: ओके..अगर मैं कह दूं कि मैं उसे कॉल करूगा तो क्या आप लोग मेरी जान खाना छोड़के खाना खाओगे?
मम्मी: हाँ..ठीक हैं.
पापा: नही.. नही..
मे: हुहह? नही क्या नही? अब क्या हुआ? कह तो दिया कॉल करने के लिए..और क्या चाहिए?
पापा: बेटा..मैं बाप हूँ तेरा..मुझे ही टोपी पहनाएगा.
मे: अभी तो नही पहना रहा..यूष्यूयली आइ डू..
पापा: अच्छा??
मे: हाँ बट अब क्यू नही कहा?
पापा: जब तू कॉल करेगा तब हम तेरी जान खाना छोड़ेगे..
मे: मुझे समझ नही आता.. इससे पहले तो किसी और को कॉल करने के लिए आपने नही ऐसा फोर्स किया..अब क्या हुआ??इसमे ऐसा क्या हैं?
पापा: वेल..टू बी ऑनेस्ट.. तेरी मम्मी कह रही हैं..बॅस..
मम्मी ने पापा को थोड़ा लुक दिया..
पापा: मे ,…मेरा मतलब हैं कि मम्मी कह रही हैं इसलिए ही बॅस नही.. करना चाहिए तूने कॉल..
आकांक्षा: हहहे…स्मार्ट पापा..
मे: तुझे तो हहेहहे करने के लिए ही पैदा किया हैं बस. और कुछ काम की नही..
मम्मी: अरे बॅस भी करो अब तुम लोग..और सम्राट..
मे: हां माताजी..मैं धरती माँ की सौगंध खाता हूँ कि मैं कल कॉल करूगा?
आकांक्षा: किसे?
पापा: गुड क्वेस्चन बेटा..
मे: अरे वोही..चैत्राली को..खुश? खाना खाओ अब शांति से सब..
मैने टेबल के नीचे से आकांक्षा को एक लात मारी और कहा;
मे: तू तो रुक..बताता हू तुझे मैं..देख ना तू.
वो मुझे जीभ दिखाती हुई चिढ़ाने लगी..
खाना ख़ाके मैं रूम मे चला गया.. और सोचने लगा कि क्या नया झोल हैं साला ये? क्या घंटा बात करू मैं उससे? एक तो रिलेटिव,उसमे भी लड़की.. कुछ हैं ही नही बात करने के लिए मेरे पास उससे..? जहा तक मुझे याद था बचपन मे बोहोत ही ज़्यादा हद तक बोरिंग लड़की थी वो. कुछ नही कहेगी? बॅस पागल जैसी एक जगह बैठी रहेगी..
मे: फक ब्बीयी..
मैं अपना काम करने लगा..उतने मे ही मसेज आया वाट्सॅप पे.. पायल का था.
‘हे’
मैने एक घुस्से वाला एमो सेंड कर दिया..
मे:
पायल:ओई?? ये क्या?
मे:तुझे मीनिंग नही सम्ज़ा इस एमो का
पायल:अरे..वो पता हैं..बट ये???
मे:व्हाई?? कहाँ मर गयी तू?
पायल:अरे मरे मेरे ढहूऊस्समन..
मैं क्यू मारने लगी??
मे:लग तो ऐसा ही रहा हैं? कल कितने मेसेज किए तुझे..नो रिप्लाइ.नो मसेज..अम्तंग.
पायल:अरे बताया था ना..नासिक आई थी
नेटवर्क का झोल हैं वहाँ.
मे:और उसके बाद.??
पायल:अरे..काम मे थी..तेरे जैसी नही मैं....
मे:हाँ हाँ..दुनिया मे एक तुझे ही काम रहते हैं ना.
पायल:अरे बॅस ना अब..फ्री होते ही तुझे.मसेज की मैने..सी!!
मे:हाँ..आपका बोहोत बोहोत शुक्रिया मेसेज करने का..
पायल:इतना क्या भड़क रहा तू..शांत होज़ा..वस्सूप
मे:नतिंग..जस्ट हॅड डिन्नर..यू?
पायल:मी टू.
मे:ह्म्म्मय…
पायल:क्या ह्म्म्म ?? भड़क तो ऐसे रहा हैं तू..जैसे 1000 बाते करनी थी मुझसे..
मे: हाँ तो करनी ही थी..नोट एग्ज़ॅक्ट्ली बाते..बट 1000 बार करना हैं ना कुछ..
पायल:क्या करना हैं?द
मे:अरे वोही..जो करने मे बोहोत मज़ा आता हैं..हम दोनो को..
पायल:ऐसा क्या हैं जो करने मे दोनो को मज़ा आता हैं??
मे:सोच ना तू ही..
पायल:उम्म्म..नही तो ..ऐसा तो कुछ नही जो करने मे हम दोनो को मज़ा आता हैं.
मे:सीरियस्ली? कुछ नही याद आ रहा ?
पायल:नही नाअ.नोथनग..
मे:हिंट दूं?
पायल:हाँ दे ना.
मे:वो करते वक़्त हम ने कपड़े नही पहने होते हैं.
पायल:ओह्ह…कमीना..समझ गयी..तू ना…
मे: वोही…
पायल:ह्म..वो तो हो गया कबका!!
मे:हुहह??हो गया?? कैसे हो गया?अकेले कैसे की??
पायल:अरे? उसमे क्या हैं? अकेले ही करती हूँ वो मैं.
मे:वोही तो पूछ रहा??
पायल:अरे..बोहोत मज़ा आया..सीरियस्ली.. बड़ा सुकून मिला मुझे तो वो करके!
मे:तू क्या कह रही??
पायल:तू नहाने की ही बात कर रहा ना??
मे:अर्रे उल्लू की दूंम..मरजा कही ..मर जा कही जाके तू..
पायल:अब्बे?? मैं क्यू मरूं? मैने क्या किया..??
मे:ग्न..म स्लीपिंग..
पायल:ओये…
हेलो??