hotaks444
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मैंने अपने कपडे उतारने शुरू किये और जल्दी ही मेरे कसरती बदन पर मात्र एक फ्रेंची ही थी , जिसमे मेरे लंड का उभार साफ़ दिख रहा था मैंने देखा सुमन की नजरे कुछ पलो तक उस पर ही ठहरी रही फिर मैं नदी के पानी में उतरने लगा , वो दोनों सहेलिया बाते करने लगी वही बैठ के
सुमन- सुनीता, तेरा भतीजा काफी जवान हो गया है
चाची – हां, अब चढ़ती उम्र है
सुमन- तूने देखा फ्रेंची में उसका हथियार कितना मोटा लग रहा था
चाची- तुझे पसंद आ गया क्या और उसकी तरफ आँख मार दी
सुमन, सकपका गयी और बोली- क्या यार मैं तो ऐसे ही बोल रही थी
चाची- नहीं कोई बात नहीं , अगर तेरे मन में उसका लेने की है तो ट्राई कर ले वैसे भी चूत को तो लंड की खवाहिश रहती ही है
सुमन- चुप कर , आजकल बहुत बेशर्म हो गयी है तू
चाचीसुमन को अपनी बातो में उलझाने लगी और बोली-देख यार, अब तू को नादान तो है नहीं दुनियादारी को अच्छे से समझती है , जब मर्द लोग अभी भूख कही भी मिटा सकते है तो क्या हम औरतो का हक़ नहीं बनता की थोडा बहुत मजा हमे भी मिलना चाहिए
सुमन- कह तो तू सही रही है
चाची- अब देख , तेरा पति क्या बाहर मुह नहीं मारता होगा तू क्या इस बात की गारंटी ले सकती है , अब मुझे ही देख मेरे होते हुए भी मेरे पति ने मुझे धोखा दिया तो क्या मैं अपने जिस्म की आग को ऐसे ही सुलगने दू , क्या मेरा मन नहीं करता सेक्स के लिए
सुमन- सुनीता तू एक दम सही कह रही है , कितनी ही राते बिस्तर पर करवट बदलते हुए कट जाती है आखिर ये मान- मर्यादा के झूठे आडम्बर हम औरतो के लिए ही क्यों है
चाची- देख, सुमन, इतनी सी जिंदगी है इसको चाहे रोके गुजार ले या फिर मस्ती करके और फिर मान ले अगर तू एक आध बार और किसी से मजा ले भी ले तो किसको क्या पता चलने वाला है , अब मुझे देख मरे पति ने मुझे धोखा दिया तो मैं अपने भतीजे से लग गयी हु
सुमन- क्या बात कर रही है
चाची- सच कह रही हु, तभी तो तुझे कह रही हु की इतना मत सोच , तेरी चूत में भी तो आग लगती है ना मैंने देखा तू उसके लौड़े को कितनी प्यास भरी निगाहों से देख रही थी अगर तेरा दिल कर रहा है तो आजा वैसे भी हम कुछ दिन रहेंगे यहाँ तो तू भी कुछ रात रंगीन कर ले
सुमन- पर याद किसी को पता चल गया तो
चाची- क्या पता चलेगा, तू अकेले तो रहती है न तू किसी को कहेगी और हम तो चले जाने ही है फिर , तू सोच ले अपनी बहन मानती हु तुझे इसलिए बोल रही हु , आजा बस एक बार शर्म आएगी और फिर तू खुद उसके लंड पर कूदेगी , चल मैं नहा के आती हु तू सोच और नहाना है तो आजा
चाची ने फिर अपने कपडे उतारे और ब्रा-पेंटी में ही मेरी और चल दी , सुमन की निगाह चाची के गदराये हुस्न पर जम गयी चाची पानी में उतर कर मेरे पास आ गयी
मैं- क्या हुआ
वो- समझ ले तेरा काम हो ही गया
मैं- तो यही पेल दू
वो-नहीं , वो थोडा झिझक रही है पर इतना पक्का है की दे देगी
फिर मैं और चाची पानी में अठखेलिया करने लगे चाची मेरे पास खड़ी थी उन्होंने निचे हाथ ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उस से खेलने लगी , मैंने देखा सुमन हमे ही घूर रही है तो मैं भी चाची की ब्रा के ऊपर से उनके बोबे मसलने लगा कुछ देर हम लोग ऐसे ही अठखेलिया करते रहे अब मैं पानी में खड़े होकर चाची को चूम रहा था चाची मेरी मुठ मार रही थी फिर वो मुझसे अलग हो गयी और सुमन को नहाने के लिए बुलाने लगी पहले तो वो मन करती रही फिर वो मान गयी और जल्दी ही मैंने सुमन को ब्रा और पेंटी में हमारी और आते देखा , मेरे लंड को झटके लगने लगे
गुलाबी ब्रा-पेंटी में क्या मस्त लग रही थी सुमन , जल्दी ही वो हमारे पास पानी में थी गर्दन तक पानी में डूबी हुई पर वो थोडा सा सकुचा रही थी तो चाची बोली- सुमन इस से क्या शर्मना जैसे ये मेरा भतीजा है वैसे ही तेरा
चाची ने उसका हाथ मेरे हाथ में दे दिया तो मैंने उसके हाथ को हलके से दबाया तो वो शर्मा गयी चाची उसके बोबो पर हाथ रखते हुए बोली- क्या सुमन यार तू तो ऐसे शर्मा रही है जैसे की पहले कभी तूने कुछ किया ही नहीं हो , अच्छा तू शायद मेरी शर्म कर रही है अच्छा एक काम करो तुम दोनों थोडा टाइम साथ बिताओ मैं दूसरी तरफ जाके मछलिया पकडती हु , सुमन कुछ कहती उस से पहले ही चाची पानी से बाहर निकल गयी और किनारे की दूसरी तरफ चल पड़ी
रह गए हम दोनों सुमन अपनी नजरे झुकाए खड़ी थी , मैंने उसके हाथ को हल्का सा दबाया तो उसने मेरी और देखा
मैं थोडा सा उसकी और आगे को हुआ तो वो पीछे को होने लगी मैंने उसकी कमर में हाथ डाला और अपने सीने से लगा लिया उसको मेरा तना हुआ लंड सुमन की चूत पर रगड खाने लगा , मेरे स्पर्श से ही उसकी हालात खराब होने लगी
मैं- कुछ परेशानी है क्या
वो- नहीं , कुछ नहीं
मैं- तो फिर आप घबरा क्यों रहे हो देखो मैं आपसे जबरदस्ती तो कर नहीं सकता , चाची ने जो बताया तो मेरी तोइतनी ही इच्छा है की कुछ ख़ुशी के पल आपको दे सकू ,लाइफ में ऐसे मौके बेहद कम होते है जब हम लोग अपनी मर्ज़ी से कुछ ख़ास पलो को जी पाते है आज भी एक ऐसा ही पल सामने है इसे ऐसे बेकार मत करो
मैं आगे बढा और सुमन के होंठो पर अपने होठ रख दिया और किस करने लगा साथ ही मैं उसके दोनों चूतडो को अपने हाथो से भीचने लगा तो वो कसमसाने लगी , अब इतने दिनों में मैं इतना तो अच्छे से समझ ही गया था की औरतो को हैंडल कैसे करना है तो दो मिनट में ही सुमन का मुह खुल गया और हम समूंच करने लगे , एक बार जो मैं चालु हुआ तो फिर रुकना मुश्किल था मैंने अपने लंड पर उसका हाथ रख दिया और फिर से उसको किस करने लगा एक के बाद एक कई किस किये मैंने सुमन को
सुमन- सुनीता, तेरा भतीजा काफी जवान हो गया है
चाची – हां, अब चढ़ती उम्र है
सुमन- तूने देखा फ्रेंची में उसका हथियार कितना मोटा लग रहा था
चाची- तुझे पसंद आ गया क्या और उसकी तरफ आँख मार दी
सुमन, सकपका गयी और बोली- क्या यार मैं तो ऐसे ही बोल रही थी
चाची- नहीं कोई बात नहीं , अगर तेरे मन में उसका लेने की है तो ट्राई कर ले वैसे भी चूत को तो लंड की खवाहिश रहती ही है
सुमन- चुप कर , आजकल बहुत बेशर्म हो गयी है तू
चाचीसुमन को अपनी बातो में उलझाने लगी और बोली-देख यार, अब तू को नादान तो है नहीं दुनियादारी को अच्छे से समझती है , जब मर्द लोग अभी भूख कही भी मिटा सकते है तो क्या हम औरतो का हक़ नहीं बनता की थोडा बहुत मजा हमे भी मिलना चाहिए
सुमन- कह तो तू सही रही है
चाची- अब देख , तेरा पति क्या बाहर मुह नहीं मारता होगा तू क्या इस बात की गारंटी ले सकती है , अब मुझे ही देख मेरे होते हुए भी मेरे पति ने मुझे धोखा दिया तो क्या मैं अपने जिस्म की आग को ऐसे ही सुलगने दू , क्या मेरा मन नहीं करता सेक्स के लिए
सुमन- सुनीता तू एक दम सही कह रही है , कितनी ही राते बिस्तर पर करवट बदलते हुए कट जाती है आखिर ये मान- मर्यादा के झूठे आडम्बर हम औरतो के लिए ही क्यों है
चाची- देख, सुमन, इतनी सी जिंदगी है इसको चाहे रोके गुजार ले या फिर मस्ती करके और फिर मान ले अगर तू एक आध बार और किसी से मजा ले भी ले तो किसको क्या पता चलने वाला है , अब मुझे देख मरे पति ने मुझे धोखा दिया तो मैं अपने भतीजे से लग गयी हु
सुमन- क्या बात कर रही है
चाची- सच कह रही हु, तभी तो तुझे कह रही हु की इतना मत सोच , तेरी चूत में भी तो आग लगती है ना मैंने देखा तू उसके लौड़े को कितनी प्यास भरी निगाहों से देख रही थी अगर तेरा दिल कर रहा है तो आजा वैसे भी हम कुछ दिन रहेंगे यहाँ तो तू भी कुछ रात रंगीन कर ले
सुमन- पर याद किसी को पता चल गया तो
चाची- क्या पता चलेगा, तू अकेले तो रहती है न तू किसी को कहेगी और हम तो चले जाने ही है फिर , तू सोच ले अपनी बहन मानती हु तुझे इसलिए बोल रही हु , आजा बस एक बार शर्म आएगी और फिर तू खुद उसके लंड पर कूदेगी , चल मैं नहा के आती हु तू सोच और नहाना है तो आजा
चाची ने फिर अपने कपडे उतारे और ब्रा-पेंटी में ही मेरी और चल दी , सुमन की निगाह चाची के गदराये हुस्न पर जम गयी चाची पानी में उतर कर मेरे पास आ गयी
मैं- क्या हुआ
वो- समझ ले तेरा काम हो ही गया
मैं- तो यही पेल दू
वो-नहीं , वो थोडा झिझक रही है पर इतना पक्का है की दे देगी
फिर मैं और चाची पानी में अठखेलिया करने लगे चाची मेरे पास खड़ी थी उन्होंने निचे हाथ ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उस से खेलने लगी , मैंने देखा सुमन हमे ही घूर रही है तो मैं भी चाची की ब्रा के ऊपर से उनके बोबे मसलने लगा कुछ देर हम लोग ऐसे ही अठखेलिया करते रहे अब मैं पानी में खड़े होकर चाची को चूम रहा था चाची मेरी मुठ मार रही थी फिर वो मुझसे अलग हो गयी और सुमन को नहाने के लिए बुलाने लगी पहले तो वो मन करती रही फिर वो मान गयी और जल्दी ही मैंने सुमन को ब्रा और पेंटी में हमारी और आते देखा , मेरे लंड को झटके लगने लगे
गुलाबी ब्रा-पेंटी में क्या मस्त लग रही थी सुमन , जल्दी ही वो हमारे पास पानी में थी गर्दन तक पानी में डूबी हुई पर वो थोडा सा सकुचा रही थी तो चाची बोली- सुमन इस से क्या शर्मना जैसे ये मेरा भतीजा है वैसे ही तेरा
चाची ने उसका हाथ मेरे हाथ में दे दिया तो मैंने उसके हाथ को हलके से दबाया तो वो शर्मा गयी चाची उसके बोबो पर हाथ रखते हुए बोली- क्या सुमन यार तू तो ऐसे शर्मा रही है जैसे की पहले कभी तूने कुछ किया ही नहीं हो , अच्छा तू शायद मेरी शर्म कर रही है अच्छा एक काम करो तुम दोनों थोडा टाइम साथ बिताओ मैं दूसरी तरफ जाके मछलिया पकडती हु , सुमन कुछ कहती उस से पहले ही चाची पानी से बाहर निकल गयी और किनारे की दूसरी तरफ चल पड़ी
रह गए हम दोनों सुमन अपनी नजरे झुकाए खड़ी थी , मैंने उसके हाथ को हल्का सा दबाया तो उसने मेरी और देखा
मैं थोडा सा उसकी और आगे को हुआ तो वो पीछे को होने लगी मैंने उसकी कमर में हाथ डाला और अपने सीने से लगा लिया उसको मेरा तना हुआ लंड सुमन की चूत पर रगड खाने लगा , मेरे स्पर्श से ही उसकी हालात खराब होने लगी
मैं- कुछ परेशानी है क्या
वो- नहीं , कुछ नहीं
मैं- तो फिर आप घबरा क्यों रहे हो देखो मैं आपसे जबरदस्ती तो कर नहीं सकता , चाची ने जो बताया तो मेरी तोइतनी ही इच्छा है की कुछ ख़ुशी के पल आपको दे सकू ,लाइफ में ऐसे मौके बेहद कम होते है जब हम लोग अपनी मर्ज़ी से कुछ ख़ास पलो को जी पाते है आज भी एक ऐसा ही पल सामने है इसे ऐसे बेकार मत करो
मैं आगे बढा और सुमन के होंठो पर अपने होठ रख दिया और किस करने लगा साथ ही मैं उसके दोनों चूतडो को अपने हाथो से भीचने लगा तो वो कसमसाने लगी , अब इतने दिनों में मैं इतना तो अच्छे से समझ ही गया था की औरतो को हैंडल कैसे करना है तो दो मिनट में ही सुमन का मुह खुल गया और हम समूंच करने लगे , एक बार जो मैं चालु हुआ तो फिर रुकना मुश्किल था मैंने अपने लंड पर उसका हाथ रख दिया और फिर से उसको किस करने लगा एक के बाद एक कई किस किये मैंने सुमन को