hotaks444
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पर दादाजी को सिर्फ़ कंचन की गांड दिख रही थी । मुकेश के द्वारा कंचन की गांड चुदाई देखकर वह बहुत गरम हो गए थे।वो कुछ सुन नही रहे थे और जल्दी जल्दी कंचन को नंगा कर रहे थे.जब कंचन पूरी नंगी हो गई तो उन्होंने कही से एक क्रीम की बॉटल निकाल ली और दोनो हाथों में क्रीम डाल के अपने लंड पे लगा लिया. फिर वो थोड़ी और क्रीम हाथों में ले कर कंचन की गांड पे मसलने लगे. एक मिनिट में कंचन की गांड क्रीम से चमकने लगी.
‘हाई क्या मस्त गांड हैं तेरी बिटिया। इसमें लंड घुसाने में बहुत मज़ा आएगा।’दादाजी ने यह कहकर कंचन को कुतिया बना दिया। और उसकी गांड की भूरी छेद को मसलने लगे।
कुछ देर ऐसे गांड मसलने के बाद उन्होंने थोड़ी क्रीम अपनी दो उंगलियों में लेकर अचानक कंचन की गांड में घुसेड दी.
अचानक उनकी मोटी उंगलियाँ गांड में जाने से कंचन चीख पड़ी ‘आऐईयईई…’ ठंडा ठंडा क्रीम कंचन की गांड में बहुत महसूस हो रहा था. दादाजी ने दो मिनिट तक ऐसे ही अपनी उंगलिया कंचन की गांड में अंदर बाहर की. फिर उन्होंने अपनी उंगलियाँ निकाल दी.
‘बहुत क्रीम हो गया बेटी. अब मेरे लंड की बारी है’ ये कह के दादाजी ने अपना मोटा लौडा कंचन की गांड के छेद पे रख दिया…..
कुछ देर तक वो अपना लंड कंचन की गांड पर रगड़ते रहे। जब उन्होंने देखा की लौंडिया थोड़ा नॉर्मल हो गई हैं तो दादाजी ने एक करारा झटका लगाया उसका 3 इंच तक लंड कंचन की गान्ड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया । कंचन के मुँह से चीख निकल गई क्योंकि उसके दादाजी का लंड उसके पिता से ज्यादा मोटा था।
मररर्र्ररर गैईईइ हाइईईईईईईईईई मेरिइईईईईई फाद्द्दद्ड दीईईईई बचाऊऊऊओ।
दादाजी ने फिर दूसरा झटका मारा अब 5 इंच लंड कंचन की गांड के अंदर था । पर दादाजी का लंड इतना मोटा था कि क्रीम लगाने के बावजूद पूरा अंदर जा नहीं रहा था.
‘लगता हैं थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ेगा’ कह के दादाजी ने अपना लंड गान्ड के छेद से 3-4 इंच पीछे ले कर ज़ोर से आगे धकेला. उनका मोटा लंड कंचन के गान्ड के छोटे से छेद को चीरता हुआ 7 इंच तक अंदर घुस गया.
‘आआआआऐययईईईईईईईईईईई’ कंचन ज़ोर से चिल्ला बैठी. कंचन को ऐसा लगा कि किसी ने उसके गांड के अंदर चाकू घुसेड दिया हो।
‘आआआहह…. कितनी टाइट हैं और गरम गांड है तेरी आआआआहह….’ करके दादाजी मज़ा ले रहे थे।
दादाजी अपने पूरे शरीर का वज़न नीचे की ओर धकेल रहे थे और अपने लंड को पूरे ज़ोर से कंचन की गान्ड में और ज़्यादा घुसेडने की कोशिश कर रहे थे. उनका लंड बहुत ही धीरे धीरे कंचन की गान्ड को फैला के आगे जा रहा था. कंचन दर्द के मारे छटपटा रही थी, उसकी आँखों से दर्द झलक रहा था।
‘हाई क्या मस्त गांड हैं तेरी बिटिया। इसमें लंड घुसाने में बहुत मज़ा आएगा।’दादाजी ने यह कहकर कंचन को कुतिया बना दिया। और उसकी गांड की भूरी छेद को मसलने लगे।
कुछ देर ऐसे गांड मसलने के बाद उन्होंने थोड़ी क्रीम अपनी दो उंगलियों में लेकर अचानक कंचन की गांड में घुसेड दी.
अचानक उनकी मोटी उंगलियाँ गांड में जाने से कंचन चीख पड़ी ‘आऐईयईई…’ ठंडा ठंडा क्रीम कंचन की गांड में बहुत महसूस हो रहा था. दादाजी ने दो मिनिट तक ऐसे ही अपनी उंगलिया कंचन की गांड में अंदर बाहर की. फिर उन्होंने अपनी उंगलियाँ निकाल दी.
‘बहुत क्रीम हो गया बेटी. अब मेरे लंड की बारी है’ ये कह के दादाजी ने अपना मोटा लौडा कंचन की गांड के छेद पे रख दिया…..
कुछ देर तक वो अपना लंड कंचन की गांड पर रगड़ते रहे। जब उन्होंने देखा की लौंडिया थोड़ा नॉर्मल हो गई हैं तो दादाजी ने एक करारा झटका लगाया उसका 3 इंच तक लंड कंचन की गान्ड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया । कंचन के मुँह से चीख निकल गई क्योंकि उसके दादाजी का लंड उसके पिता से ज्यादा मोटा था।
मररर्र्ररर गैईईइ हाइईईईईईईईईई मेरिइईईईईई फाद्द्दद्ड दीईईईई बचाऊऊऊओ।
दादाजी ने फिर दूसरा झटका मारा अब 5 इंच लंड कंचन की गांड के अंदर था । पर दादाजी का लंड इतना मोटा था कि क्रीम लगाने के बावजूद पूरा अंदर जा नहीं रहा था.
‘लगता हैं थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ेगा’ कह के दादाजी ने अपना लंड गान्ड के छेद से 3-4 इंच पीछे ले कर ज़ोर से आगे धकेला. उनका मोटा लंड कंचन के गान्ड के छोटे से छेद को चीरता हुआ 7 इंच तक अंदर घुस गया.
‘आआआआऐययईईईईईईईईईईई’ कंचन ज़ोर से चिल्ला बैठी. कंचन को ऐसा लगा कि किसी ने उसके गांड के अंदर चाकू घुसेड दिया हो।
‘आआआहह…. कितनी टाइट हैं और गरम गांड है तेरी आआआआहह….’ करके दादाजी मज़ा ले रहे थे।
दादाजी अपने पूरे शरीर का वज़न नीचे की ओर धकेल रहे थे और अपने लंड को पूरे ज़ोर से कंचन की गान्ड में और ज़्यादा घुसेडने की कोशिश कर रहे थे. उनका लंड बहुत ही धीरे धीरे कंचन की गान्ड को फैला के आगे जा रहा था. कंचन दर्द के मारे छटपटा रही थी, उसकी आँखों से दर्द झलक रहा था।