hotaks444
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और उसे बुझाने वाला बाहर बैठा हुआ था।
एक बार लड़की खुल जाये तो उसे जल्द से जल्द लंड चाहिए। अगर ना मिले तो वो पागल सी हो जाती है।
देवा तो अपने घर जा के चैन की नींद सो जाता है मगर रश्मि रात भर जागती रहती है । उसे रह रह के बस देवा और उसका वो ज़ालिम लंड याद आ रहा था।
दूसरे दिन सुबह देवा अपने खेत में चला जाता है थोड़ा बहुत काम निपटाने के बाद जब वो अपने घर की तरफ जाने लगता है तो उसे पप्पू मिलता है।
देवा;अरे कहाँ जा रहा है ।
पप्पू;देवा भाई तू घर चला जा मेरे।
देवा;क्यूँ सब ठीक तो है न।
पप्पू;नहीं रश्मि को बहुत तेज़ बुखार चढा है।
माँ और बापु भी घर पे नहीं है।
देवा;नीलम कहाँ है।
पप्पू;वो भी माँ के साथ गई है उसे चूडियां और पता नहीं क्या क्या लेना था शादी के लिये।
देवा;तू भी चल न ।
पप्पू;नहीं मुझे खेत में काम है समझ ना भाई ।
देवा;हंस देता है और बड़े बड़े कदम भरता हुआ रश्मि के घर पहुँच जाता है।
रश्मी को उसकी चूत की आग इतना सता रही थी की वो सुबह से दो बार अपने बदन पे ठण्डा ठण्डा पानी डाल चुकी थी मगर आग थी की बढ़ती ही जा रही थी।
देवा;घर में चला जाता है और कुन्डी लगा देता है।
वो जैसे ही रश्मि के कमरे में पहुँचता है उसे रश्मि गीले कपडो में लिपटी हुए बिस्तर पे बैठी हुई दिखाई देती है।
देवा;मैंने सुना है तुझे बहुत तेज़ बुखार आया हुआ है।
रश्मी;आया है तुझे क्या । मै जिऊँ या मरु।
देवा;मेरे पास तेरा इलाज है।
रश्मी;मुझे नहीं करवाना तुझसे इलाज जा यहाँ से।
देवा;रश्मि के कमरे का दरवाज़ा बंद कर देता है और रश्मि के सुलगते हुई ऑखों में देखते हुए पहले अपना शर्ट फिर पेंट उतार देता है।
रश्मी की ऑंखों के सामने वो था जिसे सोच सोच के वो रात भर सो नहीं पाई थी ।
वो दौड के आती है और देवा की छाती से चिपक जाती है।
देवा;उसे अपने बदन से चिपका लेता है।
एक बार लड़की खुल जाये तो उसे जल्द से जल्द लंड चाहिए। अगर ना मिले तो वो पागल सी हो जाती है।
देवा तो अपने घर जा के चैन की नींद सो जाता है मगर रश्मि रात भर जागती रहती है । उसे रह रह के बस देवा और उसका वो ज़ालिम लंड याद आ रहा था।
दूसरे दिन सुबह देवा अपने खेत में चला जाता है थोड़ा बहुत काम निपटाने के बाद जब वो अपने घर की तरफ जाने लगता है तो उसे पप्पू मिलता है।
देवा;अरे कहाँ जा रहा है ।
पप्पू;देवा भाई तू घर चला जा मेरे।
देवा;क्यूँ सब ठीक तो है न।
पप्पू;नहीं रश्मि को बहुत तेज़ बुखार चढा है।
माँ और बापु भी घर पे नहीं है।
देवा;नीलम कहाँ है।
पप्पू;वो भी माँ के साथ गई है उसे चूडियां और पता नहीं क्या क्या लेना था शादी के लिये।
देवा;तू भी चल न ।
पप्पू;नहीं मुझे खेत में काम है समझ ना भाई ।
देवा;हंस देता है और बड़े बड़े कदम भरता हुआ रश्मि के घर पहुँच जाता है।
रश्मी को उसकी चूत की आग इतना सता रही थी की वो सुबह से दो बार अपने बदन पे ठण्डा ठण्डा पानी डाल चुकी थी मगर आग थी की बढ़ती ही जा रही थी।
देवा;घर में चला जाता है और कुन्डी लगा देता है।
वो जैसे ही रश्मि के कमरे में पहुँचता है उसे रश्मि गीले कपडो में लिपटी हुए बिस्तर पे बैठी हुई दिखाई देती है।
देवा;मैंने सुना है तुझे बहुत तेज़ बुखार आया हुआ है।
रश्मी;आया है तुझे क्या । मै जिऊँ या मरु।
देवा;मेरे पास तेरा इलाज है।
रश्मी;मुझे नहीं करवाना तुझसे इलाज जा यहाँ से।
देवा;रश्मि के कमरे का दरवाज़ा बंद कर देता है और रश्मि के सुलगते हुई ऑखों में देखते हुए पहले अपना शर्ट फिर पेंट उतार देता है।
रश्मी की ऑंखों के सामने वो था जिसे सोच सोच के वो रात भर सो नहीं पाई थी ।
वो दौड के आती है और देवा की छाती से चिपक जाती है।
देवा;उसे अपने बदन से चिपका लेता है।