Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 31 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

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नुतन ; माँ और तेरे भाई ने मेरी रातों की नींद उड़ा के रख दिए है।
ममता ; क्या मतलब।
नुतन ; थोडी देर बाद जिस कमरे में मै और माँ सो रहे हैं ना उसके पीछे वाली खिडकी के पास चली जाना सब कुछ समझ में आ जायेंगा।
ये कहते हुए नूतन अपनी माँ देवकी के पास सोने चली जाती है।
और ममता;नूतन की बात को ले के परेशान हो जाती है
आखीर बात क्या है नूतन ऐसा क्यों कह रही थी।
पता तो लगाना पडेगा।
शालु अपने पति के बूढ़े लंड से चुदाई में लगी हुई थी।
लंड चूत में जाने से उसे कोई एहसास नहीं हो रहा था। उसकी चूत से तो पप्पू के उस चुम्बन से पानी छोड रही थी जो आज उसने लिया था।
शालु;ऑंखें बंद कर लेती है और उसके ऑखों के सामने रश्मि और देवा की चुदाई घुमने लगती है।
नीलम;अपने रूम में देवा के सपने देख रही थी और रश्मि अपने भाई पप्पू के साथ उसके रूम में बैठी हुई थी।
पप्पू;दो दिन बाद तू चली जाएँगी रश्मि।
रश्मी; तो क्या हुआ वापस भी तो आऊँगी न अभी तो यही हूँ करो न जल्दी जल्दी।
तुम्हारा दोस्त तो आग लगा के चला जाता है। सुलगती मै रहती हूँ और तुम हो की बातें ज़्यादा करते हो काम कम्।
पप्पू;मुस्कुरा देता है और दोनों भाई बहन के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
रश्मी;अपने हाथ में पप्पू के लंड को ले के हिलाने लगती है और पप्पू अपनी बहन की मस्त चूचियां मसलने लगता है।
रश्मी; आहह गलप्प गप्प्प भाई करो न जल्दी से आह्ह्ह्ह्ह्ह।
पप्पू;रश्मि का मुँह अपने लंड पे झुका देता है और रश्मि एक समझदार बहन की तरह अपने भाई के लंड को मुँह में ले के चुसने लगती है।
रश्मी; गलप्प गलप्प।
पप्पू; आह्ह्हह ओह्हन रश्मि आह्ह्ह्ह।
रश्मी;के होठो की ठण्डक पाते ही पप्पू के लंड में कड़कपन आने लगता है और देखते ही देखते उसका लंड आकार लेने लगता है।
रश्मी;अपनी चूत को मसल मसल के पप्पू के लंड को चुसती जाती है।
थोड़ी देर बाद दोनों भाई बहन इतने गरम हो जाते है की उनसे रहा नहीं जाता और पप्पू अपने बहन रश्मि को उल्टा करके पोछे से अपने लंड को उसके चूत में उतारने लगता है।
रश्मी;आहह भाई आपके लंड में देवा जैसी बात तो नहीं आहह मगर पता नहीं क्यों मेरे रौंगटे खड़े हो जाते है आह्ह आपके लंड को अंदर लेते ही । आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मा...
पप्पू;मेरा भी यही हाल है रश्मि आह्ह्ह्ह कितनी गरम चुतत्त्त्त् है तेरीईईईईईईईईई।
रशमी;भाई ज़ोर ज़ोर से करो न मुझे आअह्हह्हह्हह।और जोर से पेलो....
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मेरी बहन आह्ह्ह्ह।
रश्मी;भाई उन्ह मेरे भाई।
दोनो अपनी चुदाई में बिजी हो जाते है।
इधर रतना के घर में सन्नाटा पसर जाता है।
रत्ना;को छोड के हर कोई जग रहा था।
नुतन अपनी जगह पर ऑंखें बंद किये पड़ी हुई थी।
देवकी देवा का इंतज़ार कर रही थी।
और ममता खिडकी के बाहर चुपचाप खड़ी थी।
की अचानक देवकी के रूम का दरवाज़ा खुलता है और देवा अंदर दाखिल होता है।
देवा को रूम में घुसता देख ममता की ऑखें फटी की फटी रह जाती है।
देवकी अपनी बाहें खोल के देवा को अपने ऊपर खीच लेती है।
बडी देर कर दी तुमने बेटा।
देवा;माँ सोई नहीं थी ना।
अपने हाथों को देवकी के पेट पर रख के देवा देवकी के पेट को सहलाते हुए उसके होठो का रस पीने लग जाता है और नूतन अपने ऑखें थोडी सी खोल लेती है।
देवकी बहुत तड़पाता है तू मुझे । बस रात में तेरा लंड खा पाती हूँ और सारा दिन मचलती रहती हूँ गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी लुंगी खोल देता है और एक हाथ से देवकी की साडी जो उसने सामने खोंस रखी थी खीच देता है।
देवकी;आहह थोड़ा रुक जा बेटा।
वो उठके बैठ जाती है और अपना ब्लाउज निकाल देती है ब्लाउज निकलते ही देवा नूतन और ममता की ऑंखों के सामने मोटे मोटे चमकते हुए देवकी की चूचियां आ जाती है।
देवा से रहा नहीं जाता हालाँकि वो कुछ देर पहले रश्मि को चोद के आया था मगर उसे देवकी की पके हुए आमों का चस्का लग गया था।
वो दोनों ब्रैस्ट को मुँह में लेके चुसने लगता है ।गलप्प गलप्प।
देवकी;आहह बेटा नूतन जग न जाये आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा;जानता था ये सब देवकी की बातें है नूतन जग रही होंगी ये भी देवा को पता था वो और ज़ोर से निप्पल काट काट के देवकी की चूचि चुसने लगता है । गलप्प गलप्प....
देवकी;अपनी चूचि देवा के मुह से निकाल देती है और जल्दी से देवा के लंड को अपने मुँह में ले के चुसने लगती है।
इधर देवकी देवा के लंड को मुह में लेती है और उधर निचे नूतन के मुँह में पानी आने लगता है।
खिड़की के बाहर खड़ी ममता का मुँह खुला का खुला रह जाता है।
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देवकी;देवा के लंड को पत्थर की तरह कड़क कर देती है।
आह आजा मेरे राजा।
देवा;मुझे तो चुसने दे तेरी चूत मामी।

देवकी;चुसाई बाद में पहले चुदाई कर दे तू मेरी। सारी रात पड़ी है तेरे पास उसके बाद तो जो कहेगा मै वो करुँगी राजा।
देवा;मुस्कुराता हुआ देवकी की दोनों टाँगें खोल देता है और अपने लंड को देवकी की चूत पे घीसने के बाद उसे जड़ तक एक झटके में घूस्सा देता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवकी सिसक पडती है मगर वो भी जानती थी देवा अब रुकने वाला नहीं है।
देवा;अपने उसी तेज़ रफ़्तार में सटा सट देवकी की चूत में लंड उतारते चला जाता है और नूतन अपनी चूत को घिसती चली जाती है।
देवकी; उन्हह मार डाल मुझे इस लंड की मार से देवा आह्हह्हह्हह्हह।
देवा;मार दूंगा तुझे मामी तो तेरी बेटी को चोदना पड़ेगा मुझे।
आह।
देवकी;वो भी तो तेरी है बेटा उन्हह।
देवा;दोनों हाथों में देवकी की चूचि को लेके उसके होठो को चुमते हुए अपने लंड को देवकी के अंदर बाहर करने लगता है।
देवकी की चूत से पानी बहने लगता है । जोश की वजह से उसका ये हाल हुआ था वो देवा को लंड बाहर निकालने का कहती है और झट से बाथरूम में घुस जाती है।
देवा;कहाँ जा रही हो।
देवकी;अभी आई।
देवा;अपने लंड को हाथ में लिए खड़ा था की अचानक उसकी नज़र नूतन पर पडती है।
नुतन झट से अपनी ऑखें बंद कर लेती है।
देवा उसी हालत में नूतन के पास पहुँचता है कुछ देर उसके चेहरे को देखने के बाद देवा अपने लंड को नूतन के गाल पे रगडने लगता है।
नुतन के दिल की धड़कने तेज़ हो जाती है कोई पहली बार उसके गाल पे अपना लंड घिस रहा था।
देवा अचानक अपने लंड का सुपाडा नूतन के होठो के पास लाता है और उसे नूतन के होठो पे लगा देता है।
कुछ पलों बाद नूतन अपना मुँह खोल देती है और देवा का लंड नूतन के मुँह में चला जाता है।
देवा को यक़ीन नहीं होता की नूतन ऐसा भी कर सकती है।
तभी उसे बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आती है और देवा एक झटका अंदर मार के अपना लंड वापस बाहर खीच लेता है।
इस तरह अचानक ठसका लग जाता है।
मगर वो खुद को सँभाल के फिर से ऑंखें बंद कर लेती है और देवा वापस देवकी की बाहों में चला जाता है।
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देवा वापस देवकी के पास चला जाता है।
देवकी बिस्तर पे पैर पसारे देवा को अपनी तरफ बुलाती है।
मगर देवा देवकी के बाल पकड़ के उसे अपने लंड पे झुका देता है।
देवकी;देवा के लंड को नीचे से ऊपर तक चाटने लगती है गलप्प गलप्प गलप्प्पप्पप्पप्प।
देवा अपनी गरदन मोड के नूतन की तरफ देखता है।
नुतन की ऑखें पूरी तरह खुली हई थी और वो अपनी माँ को देवा के लंड को चूसते हुए देख अपने नीचले होंठ को दाँतो में दबाने लगती है।
देवा के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है और वो देवकी के सर को पकड़ के और अंदर तक झटके मारने लगता है।
आह मामी तू इतनी मस्त है तो नूतन कैसी होगी।
एक बार उसकी मुझे मिल जाये बस आह्ह्ह्ह्ह्।
देवकी;अपने मुँह में से लंड बाहर निकाल के ज़ोर से देवा के जांघ पे काट लेती है शह्ह्ह्ह्ह्ह्।
देवकी: मामी से दिल भर गया क्या गलप्प गलप्प....
देवा;आहह जवान चूत की बात ही कुछ और होती है आह्ह।
देवकी;ममता भी तो जवान हो गई है बेटा गलप्प गलप्प
देवा;आहह उसकी भी लुँगा बस वो अपनी मर्ज़ी से मुझे दे दे तो आहह धीरे कर....
ममता के पैर काँपने लगते है उसे खड़ा रहा नहीं जा रहा था । उसकी चूत की पानी पूरी पेंटी गीली कर चुकी थी।
और देवा के वो शब्द की उसकी भी ले लूंगा अगर वो अपनी मर्ज़ी से दे दे तो....
जब ये शब्द उसके कानो में पहुँचती है तो एक पानी का फब्वारा ममता की चूत से बहता हुआ ज़मीन पे गिरने लगता है।
वो मुँह पे हाथ रख के अपने रूम में चली जाती है।
देवा का लंड तो नूतन के मुँह में ही कड़क हो चुका था। बस वो तो नूतन को दिखाने के लिए देवकी के मुँह में अपने लंड को गीला करना चाहता था।
थोड़ी ही देर बाद देवकी के दोनों पैर खुल जाते है और देवा खड़े खड़े ही अपने लंड को उसकी चूत में घुसा देता है आह।
देवकी की चीख़ नूतन के कानों तक पहुँच जाती है और इधर नूतन का हाथ अपनी चूत तक पहुँच जाता है।
देवकी; बेटा आहह बच्चेदानी को चीर देगा तेरा लंड आहह धक्के धीरे मार रे जालिम्म्मम्मम्मम्म।
देवा;सोच तेरा ये हॉल है तो नूतन का क्या होगा जब मै उसकी चूत में गाण्ड में लंड डाल के उसे पूरी नंगी करके चोदूँगा आआआहह्ह्ह्हह्ह।
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ईधर पच पच की आवाज़ उसके कानो में गूँजने लगती है
देवा;नूतन की तरफ देख के उसकी ऑखों में ऑखें डाल के देवकी को पेलने लगता है।
देवकी;उन्हह बेटा अभी नूतन को कुछ मत करना एक बार उसकी मँगनी पप्पू से हो जाये । उसके बाद जो करना है कर मै आहह कुछ नहीं बोलूँगी उहंन।
नुतन; देवकी को दिल ही दिल में गलियां देने लगती है।
खूद तो पैर खोल के चुदा रही हो माँ और मेरी चूत की दुश्मन बनी हुई हो।
देवा;मामी तेरी चूत पे सुलाके तेरी बेटी की गाण्ड माँरूँगा मै आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवकी;वहां नहीं वहां नहीं रे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;अपने लंड को निचे सरका देता है और उसकी दोनों टाँगें हवा में करके लंड सीधा देवकी की गाण्ड के सुराख़ में घूसाने लगता है।लंड धीरे धीरे देवकी की गांड में घुसने लगता है।

देवकी;माँ मेरा बेटा आहह रामु भी इतने अंदर तक नहीं पहुँचता आहह तू मुझे मेरे घर बहुत याद आएगा आहह ख़ुशनसीब है रत्ना।
आहह जिस दिन उसे तेरा लंड मिल जाएगा। न आहहह वो धन्य हो जाएँगी रे उई माँ धीरे धीरे आह्ह्ह्ह्ह्।
लंड के झटके गाण्ड फाड़ देने वाले थे। मगर देवकी एक चुदक्कड़ औरत थी। अपनी चूत में दोनो उँगलियाँ डालके वो अपनी कमर को और चौड़ा कर देती है जिससे देवा का लंड आसानी से अंदर तक घुस सके।

देवा;पसीने में सराबोर हो चुका था। अपनी माँ रत्ना की गांड को अपनी ऑंखों में बसाके वो दना दन देवकी की गाण्ड मारने लगता है।
देवकी;के चूत से गाण्ड से हर तरफ से पानी निकलने लगता है।
देवा;का पानी उसकी गाण्ड से बहता हुआ बिस्तर पे गिरने लगता है और देवकी अपनी चूत को घिसती चली जाती है।
जब दोनों बुरी तरह हाँफने लगते है तो देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है उसका पानी देवकी की गाण्ड में ही निकल गया था और देवकी की गाण्ड का सुराख़ बहुत बड़ा हो चुका था।
अपनी गाण्ड को मलते हुए देवकी तो वही सो जाती है।कुछ देर बाद उसके खराटे गूंजने लगते है।
देवा कुछ देर उसके पास लेटने के बाद नूतन के पास आता है।
नुतन; घबराके अपनी ऑंखें बंद कर लेती है हालाँकि उसकी चूत उसे ऐसा करने से मना कर रही थी।
देवा;नूतन की गरदन पकड़ के उसे उठाके बैठा देता है।
साली मुझे देख के ऑखें बंद करती है।
चल मुँह खोल।
नुतन ; ना में सर हिलाती है।
देवा;नहीं खोलेगी तो कभी नहीं करुंगा।
नुतन ; अपनी ऑखें खोल के देवा के लंड को चूम लेती है।
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नुतन ; बस लंड को चूम रही थी अपना मुँह खोलने में उसे शर्म आ रही थी।
उसकी शर्म देवा दूर कर देता है।
नुतन के बाल को वो ज़ोर से खीचता है दर्द के मारे नूतन का मुँह जैसे ही खुलता है देवा का लंड उसके मुँह में चला जाता है।
देवा;नूतन मेरी बहन आहह जैसे तेरी माँ चूसती है वैसे चूस न तुझे मेरी कसम आह्ह्ह्ह्ह्।
नुतन; अपनी ऑखें बंद कर लेती है और जैसे देवकी को उसने लंड चूसते देखी थी उसी तरह वो भी देवा के लंड को हलक में उतारते हुए उसे चूसने लगती है गलप्प गलप्पप्प गलप्प।
देवा;नूतन की कमीज की चैन पीछे से खोल देता है और उसे निचे गिरा देता है।
नुतन;कुछ नहीं कहती। उसे लंड चूसने में इतना मजा आ रहा था की उसे कुछ होश नहीं था। ममता की चूत में भी वो बात नहीं थी जो देवा के लंड में थी। ममता की चूत खारा नमकीन थी और देवा का रस भरा लंड मीठा मीठा था जिसकी मिठास में नूतन मन्त्रमुग्ध हो जाती है।
उसे तब होश आता है जब देवा अपने दोनों हाथ उसके नंगी चूचियों पर रख के उन्हें मसलने लगता है।
नुतन; के मुँह से लंड बाहर निकल जाता है और वो बिस्तर पर गिर जाती है।
देवा;अपनी ज़ुबन उसके पेट पे घुमाते हुए उसके पेट को चाटने लगता है गलप्प गलपप।
नुतन के लिए ये अनुभव स्वर्ग से कम नहीं था उसे ऐसे महसूस होने लगता है जैसे उसके पंख निकल आये हो और वो हवा में उड़ रही हो।
देवा;धीरे धीरे ऊपर सरकते हुए उसके निप्पल्स तक पहुँच जाता है और दोनों ब्रैस्ट को हाथों में ले के मसलने लगता है।


नुतन अपनी ऑखें खोल रही थी और न कुछ बोल पा रही थी वो बस चाहती थी की हर काम देवा करता जाए।।
देवा;नूतन के गुलाबी निप्पल्स को अपने मुँह में जैसे ही लेता है।
नुतन';भाई काट काट के खाओ जाओ इन्हें बहुत परेशान करके रखे है मुझे मेरी चूचि ने आहह काटो न भाई अहह ऐसे ही हाँ भाई आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा; निप्पल को चुमते हुए हल्के हल्के काटने भी लगता है । नूतन के जिस्म के पूरे बाल खड़े हो जाते है। चूत की पंखुड़ी आपस में फड़ फडाने लगती है और हाथ देवा के बालों में घुमने लगते है।
नुतन ; मुझे कुछ हो रहा है भाई बस करते रहो ऐसे ही आहह आह्ह्ह्ह।
अपने कमर को ऊपर तक उठाके दो तीन बार निचे पटकने के बाद नूतन शांत हो जाती है और देवा की ऑखों में देखने लगती है।
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दोनो एक दूसरे को चुमते हुए मुस्कुराने लगते है।
नुतन का तो मन ही नहीं कर रहा था देवा को छोड़ने के लिए मगर देवा को देवकी की बात याद आ जाती है। जब तक नूतन की मँगनी नहीं हो जाती...
वो नूतन के ऊपर से उठके अपने कमरे में चला जाता है।

उधर ममता अपने पूरे कपडे निकल के फ़ेंक देती है और अपने पूरे जिस्म को देखते हुए सोचने लगती है।
आखीर मै भी तो जवान हूँ खूबसूरत हूँ फिर भाई मुझे कुछ क्यों नहीं करता।
वो मामी के पीछे क्यों पड़ा है मुझे ही कुछ ऐसा करना होंगा जिससे वो मेरी तरफ खीचा चला आये।
हाय क्या चोदता है देवा भाई औरत को जब वो मेरी चूत में भी अपना मुसल लंड डालेगा तो कैसा लगेगा।
उसकी उँगलियाँ उसकी जवान कुँवारी फूली हुई चूत से खेलने लगती है और देखते ही देखते ममता की चूत भी बिस्तर भिगोने लगती है।


सुबह;देवा जल्दी उठके अपने खेत में चला जाता है।
ममता जब नूतन का हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है तो बिना कुछ बोले दोनों के होंठ एक दूसरे से मिलते है और फिर दोनों की चूचियां एक दूसरे से रगडने लगती है।
ममता ; हाय दैया जो मैंने रात में देखा मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा था की देवा भाई मामी के साथ।
नुतन; मैं तो पहले ही कही थी की मेरी रातों की नींद उड़ा के रख दिए हैं माँ और भाई न।
ममता ; बहुत खुश नसीब है मामी।
पता नहीं हमारे नसीब में वो दिन कब आएगा।
नुतन; आएंगा ज़रूर आएगा।
दोनो एक दूसरे को देख के हँस देती है।
दोनो एक दूसरे के राज़ जानती थी मगर दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बात छुपा भी रही थी जहाँ नूतन ममता को ये नहीं बताना चाहती थी की मंगनी के बाद देवा उसके साथ क्या करने वाला है । वही ममता भी नूतन को ये नहीं बताना चाहती थी की वो भी देवा से पीसना चाहती है।
ममता को पता था की अगर उसने नूतन से अपने दिल की बात बता दी तो हो सकता है वो देवकी को बता दे और देवकी के पेट में तो कोई बात नहीं रहती। कही वो रत्ना के सामने अपना बड़ा सा मुँह न खोल दे।
ममता; देवा के दिवानी भी हो गई थी उसे भोग भी लगाना चाहती थी मगर दुनिया से छुपके ।

देवा;अपने खेत में सूर्य फूल की कटाई कर रहा था।
शादी के दूसरे दिन उसने शहर जाने का सोचा था।
पप्पू;देवा के खेत में चला आता है।
पप्पू काफी परेशान सा लग रहा था।
देवा;उसे देख उसके पास जाके बैठ जाता है।
क्या हुआ पप्पू परेशान सा लग रहा है।
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देवा;हम्म बहन बिदा होने वाली है ना तेरी इसलिए ऐसा लग रहा होंगा तुझे।
पप्पू;वो बात नहीं है भाई।
देवा;तो फिर क्या बात है।
पप्पु; देवा को सारी बात बता देता है वो बात जो उसके और शालु के बीच हुई थी।
देवा;क्या बात कर रहा है तुझमें इतनी हिम्मत कहाँ से आ गई याररररररर।
पप्पू;पता नहीं बस मैंने कह दिया माँ से।
देवा;तो काकी ने क्या कहा तुझे।
पप्पू;वो नाराज़ है मुझसे बात भी नहीं कर रही।
देवा;अब्बे ढक्कन वो सोच रही है अभी । तू भी न तूने अपने मन की बात काकी को बता के बहुत अच्छा किया । तू देख शादी हो जाने दे काकी खुद तेरे पास चलके आएंगी।
पप्पू;चल के आ भी गई तो क्या गाण्ड पे लात मारके घर से बाहर निकाल देगी।
देवा;क्या मतलब।
पप्पू;अब्ब तुझे तो सब पता है ना यार। ये छोटे पप्पू से क्या बनेगा माँ का।
देवा;खिलखिलाके हँस पड़ता है।
बेटा दोस्त किस दिन काम आएगा तेरा।
पप्पू;हाँ बस तुम तो अपनी सोचो। मेरे बारे में तुमने तो सोचना ही बंद कर दिया है।
देवा के दिमाग की बत्ती जल जाती है।
और उसे सारा माजरा समझ में आ जाता है।
अब्बे समझा साले गांडु । जानता हूँ तू परेशान किस बात से है।
पप्पू;सवालियां नज़रों से देवा की तरफ देखता है।
और देवा पप्पू को झुका के अपना हाथ उसके कमर पे फेरने लगता है।
चिंगारियाँ पप्पू के गाण्ड से उड़ने लगती है।
पप्पू;आहह देवा भाई आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा;अपने हाथ की पकड़ पप्पू के कमर पर बढा देता है।
साले तेरी कमर लड़की जैसे है एकदम नरम।
पप्पू की ऑखें बंद हो जाती है।
देवा;सट से उसकी कमर पर थप्पड मार देता है।
अभी नहीं रात में अभी मुझे काम करने दे।
पप्पू; मुँह ही मुँह में बडबडाता हुआ अपने घर के तरफ निकल जाता है।
शालु के घर मेहमान आने लगे थे। सारे रिश्तेदार शालु के घर जमा होने से जगह की कमी महसूस होने लगती है।
रत्ना अपने पडोसी होने का फ़र्ज़ निभाते हुए शालु के यहाँ के कुछ मेहमानो को अपने घर में रुकने का इन्तज़ाम कर देती है।
जब देवा खेत से वापस घर आता है तो उसे घर में ममता और नूतन बैठी हुई मिलती है।
देवा;ममता से रत्ना के बारे में पूछता है।
ममता;भाई वो तो काकी के यहाँ गई है। हम दोनों घर में अकेले है।
देवा;उसके इस तरह इतराने पे उसे गौर से देखने लगता है और ममता भी बडी चालाकी से अपना दुपट्टा निकाल के दूबारा ओढने के बहाने देवा को अपनी संतरे दिखा देती है।
देवा की ऑखों की रौशनी में इजाफ़ा हो जाता है और वो नूतन और ममता को देखता हुआ घर के अंदर चला जाता है।
ममता भाई हम दोनों शालु काकी के यहाँ जा रहे है।
देवा;ठीक है।
उनके जाने के बाद देवा सोचने लगता है।
की आखिर ममता को हो क्या गया है कही उसने कुछ देख तो नहीं लिया।
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ममता और नूतन के शालु के घर जाने के बाद देवा नहाने के के लिए बाथरूम में चला जाता है।
उसे बस एक ही चिंता सता रही थी।
कैसे रश्मि की ख्वाहिश पूरी करे।
वो नहाके जब बाहर आता है तो उसे देवकी ऑंगन में बैठी दिखाई देती है।
देवकी;क्या लड़कियों के जैसा नहाता है देवा तू भी। कबसे आई हुई हूँ वो तो मै अंदर आने वाली थी फिर सोची तेरी माँ अगर आ गई तो...
देवा;अंदर आ जाना था न मामी । दोनों मिलके नहा लेते।
वो वैसे ही टॉवल लपेटे हुए देवकी के पास बैठ जाता है।
देवकी;अपना हाथ देवा के लंड पे रख देती है।
वो तो मै तुझे खाना देने आई थी मगर अब सोच रही हूँ कुछ करके ही वापस शालु के घर जाऊं।
देवा;देवकी की चूचि मसल देता है।
साली की चूत दिन रात बस एक ही चीज़ मांगती रहती है।
देवकी;बहुत तरसती हूँ बेटा मै ऐसी ज़िन्दगी के लिए। तेरी मामा तो बहुत जल्दी बूढ़े हो गये थे।
देवा;रामु है ना घर पे फिर किस चीज़ की चिंता।
देवकी;जवान चूत का दिवाना हो गया है तेरा भाई रामु। अब तो ठीक से करता भी नही।
देवा;के चेहरे पे परेशानी साफ़ झलक रही थी जिसे देवकी भाँप जाती है और बोलते बोलते चुप हो जाती है।
देवकी;क्या बात है देवा तू परेशान दिख रहा है किसी ने कुछ कहा तुझसे।
देवा;नहीं मामी बस ऐसे ही।
देवकी;सच बता तुझे मेरी कसम।
वो देवा का हाथ अपने सर पर रख देती है।
देवा;देवकी का हाथ अपने हाथ में पकड़ के उसे सारी बात बता देता है।
देवकी; हाय दैया रश्मि इतनी बडी कमिनी है मुझे तो यक़ीन नहीं आ रहा।
अपनी शादी के दिन भला कोई बाहर वाले से ऐसे कर सकता है क्या।
तू जानता है ना अगर तुम दोनों पकडे गए तो गांव निकाला हो सकता है तुम दोनों का।
देवा;मुझे खुद समझ नहीं आ रहा मामी मै क्या करुं।
देवकी;अपने मामी के होते हुए तुझे चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है । मै हूँ न मै करुँगी रश्मि और तेरे सुहागरात का इन्तज़ाम बस तू देखते जा।
देवा;खुश हो जाता है और देवकी के होठो को चुमते हुए उसकी दोनों चूचियां मसलने लगता है।
देवकी;बस कर कोई आ जाएंगा मैं तो ऐसे ही कही थी। तू तो सचमूच में ऊपर चढ़ने लग गया मेरे । चल खाना खा ले।
देवा;मुस्कुराता हुआ खाना खाने बैठ जाता है।
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इसलिए देवा और देवकी को अलग अलग जगह सोना पडा।


शादी वाले दिन;
सुबह से ही शालु के घर में गहमा गहमी थी हर कोई सजने सँवरने में लगा हुआ था।
नीलम नूतन और ममता रश्मि के पास बैठी उसे मेहँदी लगा रही थी।
मगर रश्मि की निगाहें दरवाज़े के तरफ थी।
तभी पप्पू के साथ देवा उनके पास आ जाता है।
देवा को देख रश्मि की ऑखें चमक उठती है । आज उसकी शादी थी मगर उसके चेहरे पे अभी तक दुल्हन वाली ख़ुशी नज़र नहीं आ रही थी मगर जैसे ही वो देवा को देखती है ऐसा लगता है जैसे किसी बिछडे हुए को कोई अपना मिल गया हो।
पप्पू;अरे वाह मेंहदी तो बहुत अच्छी आई है रश्मि तेरे हाथों पर।
रश्मी;अपने हाथों की मेंहदी देवा और पप्पू को दिखाने लगती है।
और मौके का फायदा उठाते हुए देवा रश्मि को आँख मार देता है।
उन सभी लड़कियों में सबसे ज़्यादा दिल उस वक़्त नीलम का धड़क रहा था देवा उसके एकदम पास खड़ा था।
देवा;अरे नीलम तूने मेंहदी नहीं लगाई क्या।
नीलम;बिना कुछ बोले अपने हाथ देवा को दिखा देती है।
ममता;क्यों री नीलम की बच्ची हम कबसे तुझे कह रहे है हमे मेंहदी दिखा तो दिखा नहीं रही थी । भाई ने सिर्फ पूछा तो उसे दिखा भी दी ऐसा क्यूं.....
नीलम;बुरी तरह घबरा जाती है। वो तो उसी वक़्त शालु और देवकी वहां आ जाते है।
शालु;अरे तुम अभी तक ऐसे ही बैठी हो। रश्मि को तैयार कौन करेंगा।
देवकी;अरे शालु बहन इन बच्चीयों को क्या पता दुल्हन को कैसे तैयार करते है। तुम चिंता मत करो रश्मि को मै तैयार कर देती हूँ।।
बस तुम जल्दी से इसके सारे कपडे गहने यहाँ ला के दे दो मुझे।
शालु: मैं अभी लाती हूँ।
नीलम चल ज़रा मेरे साथ।
और तुम दोनों को कोई काम नहीं है क्या या फिर हाथों में मेंहदी लगाना है। चलो जाओ बाहर जब देखो शहद के मखियों की तरह यहाँ वहां मँडराते रहते हो।
सभी लड़कियां देवा और पप्पू पे हंसने लगती है।
देवा;एक नज़र रश्मि की तरफ देखता है।
रश्मी की ऑंखें देवा से बस एक बात कह रही थी
मत जाओ।
शालु नीलम और नूतन को लेके सामान लेने चली जाती है और ममता वही रश्मि के पास बैठी रहती है।
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