Hindi Kamuk Kahani एक खून और - Page 6 - SexBaba
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Hindi Kamuk Kahani एक खून और

क्रिसपिन के जाने के बाद, एमीलिया बैठी-बैठी शून्य में ताकने लगी। उसकी अन्तरात्मा उसे झकझोर रही थी। पुलिस को फोन करके बता दे कि उसका बेटा हत्यारा था और एक और हत्या करने वाला था! वह फोन करने लायक मुनासिब हौसला नहीं जुटा सकी।
आखिर में उसने खुद को तसल्ली देने की कोशिश की। रेनाल्ड्स नाकारा और शराबी था। उसे अपने रास्ते से हटाने के बाद शायद क्रिसपिन सामान्य ढंग से रहने लगे और इन भयानक हत्याओं की सरगर्मी भी खत्म हो जाए। उसने जानबूझकर इस बारे में नहीं सोचा कि रेनाल्ड्स की लाश को क्रिसपिन कैसे ठिकाने लगाएगा?
उसे याद आया।
केनड्रिक नाम के किसी आदमी ने क्रिसपिन को फोन किया था और पुलिस को बात कही थी।
पुलिस!
एमीलिया लड़खड़ाती हुई उठ गई। अब वह एक पल भी इस घर में नहीं रहेगी। वह स्पेनिश बे होटल में जा ठहरेगी और तब वापिस लौटेगी जब यह भयानक सिलसिला खत्म हो जाएगा।
थके-थके कदमों से वह अपने बैडरूम में पहुंची। सूटकेस में कपड़े वगैरा रखते समय रेनाल्ड्स याद आ गया। हमेशा वही उसका सामान पैक किया करता था। ठीक उसी समय, जब वह सूटकेस बंद कर रही थी, क्रिसपिन आ पहुंचा।
“तुम बहुत समझदार हो, मां“—वह मुस्कराया—“कहां ठहरोगी?”
“स्पेनिश बे होटल”—एमीलिया फंसी-सी आवाज में बोली— “तुम्हारी टेलीफोन वार्ता मेरे कानों में भी पड़ गई थी। केनड्रिक नाम का वह आदमी पुलिस के बारे में क्या कह रहा था?”
“आओ, मां”—अचानक क्रिसपिन का स्वर कठोर हो गया—“मैं तुम्हारा सूटकेस उठाता हूं। तुम रॉल्स ले जाओ। फिलहाल मुझे उसकी जरूरत नहीं है।”
“क्रिसपिन!” एमीलिया ने अन्तिम क्षीण-सा प्रयास किया—“मेरे बेटे! मेहरबानी ....।”
“चलो मां”—क्रिसपिन की आंखों में वहशियाना चमक थी— “मैं तुम्हें यहां से भेजना चाहता हूं। और याद रखना किसी से कुछ नहीं कहना है।”
पराजित और भयभीत एमीलिया घर से बाहर आ गई। क्रिसपिन ने राल्स की डिग्गी में सूटकेस रख दिया और फिर ड्राईविंग सीट पर बैठ गई।
“मैं एक-आध दिन में तुम्हें फोन करूंगा”—क्रिसपिन आगे झुककर बोला—“तुम्हारे लिए नौकर का इंतजाम कर दूंगा। किसी से कुछ मत कहना। फिक्र करने की कोई बात नहीं है।”
कांपते हाथों से इन्जिन स्टार्ट करते समय वह रेनाल्ड्स के बारे में ही सोच रही थी।
¶¶
केनड्रिक अपने अपार्टमेंट के बड़े लिविंग रूम में सोचपूर्ण ढंग से चहलकदमी कर रहा था और क्रोध से उफनता कुर्सी पर बैठा लुइस खा जाने वाली नजरों से उसे घूर रहा था। केनड्रिक के आकस्मिक और तुरन्त बुलाने के कारण उसे खूबसूरत छोकरे को भी अपने घर से भगाना पड़ा था।
“मैंने सोचा मि. ग्रेग को स्थिति से अवगत कराना ठीक रहेगा”—केनड्रिक बोला—“लेकिन वह बेहद नाराज़ हो गया था। कह रहा था अगर मैंने पुलिस को उसका नाम बताया तो वह मेरा धंधा चौपट कर देगा। वह धनवान है, ऐसा कर भी सकता है।”
“उसके दिल में चोर था वरना ऐसी धमकी देता ही क्यों?”—लुइस ने कहा।
“मुमकिन है वह कुछ छुपाना चाहता हो। खैर, कुछ भी सही। कल जब लेपस्कि आएगा तो हम उसे कुछ नहीं बताएंगे।”
“दो लाख डालर के इनाम की घोषणा मैं रेडियो पर सुन चुका हूं”—लुइस चीखकर बोला—“तुम उसे कुछ भी नहीं समझते?”
“बेवकूफ!”—केनड्रिक की आंखों में कठोरता थी और स्वर में पैनापन—“एक बार पुलिस का मुखबिर बनने का मतलब होता है हमेशा के लिए मुखबिर बन जाना। अगर हमने पुलिस को बता दिया कि यह बेहूदा पेंटिंग ग्रेग ने बनाई थी तो बात जरूर फूटेगी और फिर भविष्य में कोई भी आदमी हमसे धंधा नहीं करेगा।”
“तुम पागल हो!”—लुइस पुनः चीखा—“यह नहीं समझते कि लेपस्कि से झूठ बोलने का मतलब होगा एक खूनी, एक कातिल की मदद करना।”
“हम नहीं जानते कि ग्रेग का इन हत्याओं से कोई रिश्ता है भी या नहीं।”—केनड्रिक भी उसी के स्वर में बोला—“जब हम लेपस्कि को उसका नाम बताएंगे तो पुलिस जरूर ग्रेग से पूछताछ करेगी। ऐसे में ग्रेग समझ जाएगा कि हमने उसका नाम पुलिस को बताया होगा और इन्क्वायरी में मान लो, पुलिस उसके खिलाफ कुछ साबित नहीं कर सकी, तो उस सूरत में ग्रेग वाकई हमारा धंधा चौपट कर देगा। इसलिए—अक्ल से काम लो। लेपस्कि को कुछ न बताने में ही हमारी भलाई है।”
“मैं अपने आप को इसमें इनवाल्व नहीं करूंगा”—लुइस तुरन्त उछलकर खड़ा हो गया और पांव पटकता हुआ चीखा—“जो कुछ कहना है....तुम्हीं लेपस्कि से कह देना।”
मगर चीखने-चिल्लाने की बात और थी और आखिरकार तो लुइस को केनड्रिक की बात माननी ही थी।
¶¶
 
केन ब्रेन्डन ने देखा कि उसकी पहली सेक्रेटरी मैरी गूडाल, आफिस के बाहर प्रतीक्षारत थी। वर्तमान मनःस्थिति में, अधेड़ उम्र की मोटी किंतु बेहद कार्यकुशल मैरी, उसे भगवान का दिया कोई उपहार सी प्रतीत हुई।
अभिवादन प्रत्याभिवादन के पश्चात् केन ने आफिस खोला। दोनों अन्दर दाखिल हो गये।
मैरी ने बाहरी आफिस का निरीक्षण करते हुए पूछा—“जज लेसी का क्या हाल है?”
“चमत्कार ही समझो कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है। डाक्टरों का कहना है कि अगर बहुत ज्यादा एहतियात बरती जाए तो वह कुछ अर्सा और जिंदा रह सकता है।”
“और बेट्टी कैसी है?”
“ठीक है। वह भी कल रात मेरे साथ ही वापिस आ गई थी।”—आफिस के निरीक्षणोपरांत उसकी भाव भंगिमा को लक्ष्य करके केन बोला—“हैड-ऑफिस के मुकाबले में यह जगह कबाड़खाना है, मगर तुम्हें यहां पाकर मुझे वाकई खुशी हो रही है।”
“कल मिस्टर स्टर्नवुड की सेक्रेटरी ने मुझसे फोन पर यहां काम करने के लिए बोला था”—मैरी ने मुंह बिसूरा फिर मुस्कराई—“जगह भी मेरी उम्मीद से तो बेहतर है”—और फिर उसकी मुस्कराहट लुप्त हो गई—“कितनी भयानक घटना हुई है! बेचारे मि. स्टर्नवुड को अपनी बेटी से बहुत ज्यादा लगाव था।”
केन सिहर गया और कॉरेन की डेस्क के पास जाकर वह वहां पड़े खतों और कागजात को देखने लगा।
“इस खौफनाक पागल का जल्दी-से-जल्दी पकड़ा जाना जरूरी है”—मैरी कह रही थी—“मिस्टर स्टर्नवुड द्वारा घोषित दो लाख डालर का इनाम जरूर रंग लाएगा।”
कॉरेन के भयानक अंत का मात्र विचार भी केन को असह्य प्रतीत हुआ।
“मेरा भी यही ख्याल है।”—उसने धीरे से कहा और खतों तथा कागजात को उठाकर अपने आफिस की ओर बढ़ा—“मैं उन्हें देखता हूं मैरी। तुम फाइलों वगैरा से यहां के काम का आइडिया ले लो।” और अपने आफिस में डेस्क पर आ बैठा!
इतवार का दिन कितना मनहूस साबित हुआ था! लू बून की हत्या के बारे में वह पेपर में पढ़ चुका था और ब्लैकमेलिंग से निजात पा जाने की वजह से राहत भी महसूस हुई थी। लेकिन कॉरेन की हत्या ने उसे बुरी तरह बौखला दिया था। उसने संवेदना प्रकट करने के लिए स्टर्नवुड को फोन किया। लेकिन स्टर्नवुड की बजाए उसकी सेक्रेटरी से बातें हो सकी थीं। सेक्रेटरी ने ही जानकारी दी थी कि सोमवार से सीकाम्ब आफिस में कॉरेन के स्थान पर मेरी गूडाल काम करेगी।
जज लेसी की दशा में आश्चर्यजनक रूप से सुधार आने और डॉक्टरों के आश्वासनों से संतुष्ट होकर वह बेट्टी सहित दोपहर बाद के प्लेन से वहां से रवाना हो गया था।
प्लेन में वह और बेट्टी बराबर-बराबर सीटों पर बैठे थे। वहीं गोल्फ बॉल बटन का रहस्य भी खुल गया था। सिगरेट की तलाश में अपने हैंडबैग में हाथ मारती हुई बेट्टी हंसी और बटन निकाल लिया।
“देखो डार्लिंग। करामाती चीज की तरह मैं इसे अपने पास रखती हूं”—उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर बोली—“यह तुम्हारा है।”
बटन सम्बन्धी सारे हंगामे को याद करके केन जबरन मुस्करा दिया।
अब अपने डेस्क पर बैठा यह सोच रहा था कि कॉरेन और लू बून की मौत के साथ ही उसके विवाहित जीवन की इस शर्मनाक घटना का भी अन्त हो गया था।
आइन्दा इस गलती को हरगिज नहीं दोहराएगा।
उसी वक्त शहर के दूसरे सिरे पर अपनी आर्ट गैलरी में केनड्रिक लेपस्कि से कह रहा था:
“मि. लेपस्कि, मेहरबानी करके जरा समझने की कोशिश करो। मुझे अपने क्लायन्ट्स को गोपनीय रखना पड़ता है। तुम पेंटिंग के आर्टिस्ट का नाम मुझसे पूछ रहे हो। तुम्हारे पुलिस बिजनेस की दृष्टि से यह सवाल है भी ठीक, लेकिन इस कलाकार ने मुझसे अपना नाम गुप्त रखने का वादा लिया था—मुमकिन है तुम्हें यह बात अजीब लगे मगर बहुत से कलाकार खुद को गुमनाम ही रखना चाहते हैं।”
“इसका मतलब तुम उसे जानते हो?”
“हां, मि. लेपस्कि। मैं कलाकार का नाम जानता हूं।”— केनड्रिक थोड़ा आगे झुककर बोला—“अगर तुम मुझे यकीन दिला दो कि इस कलाकार का वाकई इन हत्याओं से रिश्ता है और तुम्हारे पास उसके विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण हैं, तब मैं यकीनन तुम्हें उसका नाम बता दूंगा।”
लेपस्कि ने बेचैनी से पहलू बदला। उस शराबखोर बुढ़िया मेहिताबेल बेसिंगर के क्लूज—लाल चांद, काला समुद्र और संतरी सागर तट—के बारे में वह उसे और टेरेल को कैसे बता सकता था?
“मि. लेपस्कि, बेहतर होगा कि तुम इस बारे में चीफ टेरेल से बातें करो”—लेपस्कि की हिचकिचाहट को भांपकर केनड्रिक बोला—“अगर चीफ जरूरी समझता है तो मुझसे बातें कर ले। मैं उसे बता दूंगा।”
“ओके केनड्रिक”—लेपस्कि पराजित भाव से उठता हुआ बोला—“मुझे यह बात याद रहेगी कि तुमने सूचना देने से इंकार कर दिया था।” और पांव पटकता हुआ गैलरी से बाहर निकल गया।
बाहर खड़ा लुइस सब कुछ सुन रहा था।
लेपस्कि के जाते ही वह अन्दर दाखिल हुआ।
“देखा तुमने”—केनड्रिक मुस्करा कर बोला—“यह बेवकूफ पुलसिया ब्लफ मार रहा था।”
¶¶
 
केन ब्रेन्डन को डेस्क पर मौजूद कागजातों से निपटते-निपटते साढ़े दस बज गये। अब वह नए क्लायन्टों की तलाश में जाना चाहता था। वह कुर्सी से उठने ही वाला था कि लेपस्कि ने अन्दर कदम रक्खा।
“हाय, मि. ब्रेन्डन”—वह मित्रवत ढंग से मुस्कराया—“मैं तुम्हारी जैकेट वापिस देने आया हूं।”
“थैंक्यू”—केन जबरन मुस्कराया—“अब और कोई नया झंझट तो नहीं है?”
“नहीं”—लेपस्कि ने जैकेट डेस्क पर रख दी—“डुप्लीकेट बटन जैकेट की जेब में हैं। मुझे अफसोस है कि तुम्हें नाहक परेशान होना पड़ा।”
“नेवर माइन्ड, मि. लेपस्कि। अगर बुरा न मानो तो मुझे अब काम से जाना है।”
“मेरा ख्याल है कि तुम मेरी कुछ मदद कर सकते हो।”— लेपस्कि ने कहा—“देर नहीं लगेगी। क्या तुम साइरस ग्रेग के नाम से वाकिफ हो?”
“आफकोर्स”—केन ने उसे घूरा—“वह मेरा क्लायन्ट था। चन्द माह पहले उसकी मौत हो गई थी।”
“तुमने उसका बीमा किया था?”
“हां।”
“उसके बेटे के बारे में तुम कुछ जानते हो?”
“नहीं, उससे मेरा कभी कोई मतलब नहीं पड़ा। लेकिन तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो?”
“बताता हूं।”—लेपस्कि निश्वास लेकर बोला—“जिस स्थान पर जैनी बैंडलर की हत्या हुई थी, वहां हमें एक गोल्फ बॉल बटन मिला था। हमने पता लगाया कि उन खास बटनों वाली केवल चार जैकेट इस शहर में बेची गई थीं। तुम्हारी जैकेट समेत तीन जैकेटों को हम चैक कर चुके हैं और उनके मालिकों से संतुष्ट हैं। चौथी जैकेट का मालिक था मि. ग्रेग। मिसेज ग्रेग ने हमें बताया कि मि. ग्रेग के अन्य कपड़ों के साथ वह जैकेट साल्वेशन आर्मी को दे दी थी लेकिन साल्वेशन आर्मी वालों का कहना है, जैकेट उन्हें नहीं दी गई थी। हमारा ख्याल है कि मिसेज ग्रेग ने हमसे झूठ बोला था। और जैनी बैंडलर की हत्या की रात उसके बेटे ने अपने बाप की जैकेट पहन रक्खी थी। हमारे पास उस आदमी का हुलिया है जो उस जैकेट को पहने देखा गया था। वह आदमी ऊंचे कद, और सुनहरी बालों वाला था। उसने गक्की शूज पहन रक्खे थे। हमारे पास यह भी सूचना है कि उक्त आदमी एक कलाकार है और प्राकृतिक दृश्यों की विचित्र प्रकार की पेंटिंग बनाता है। यह आदमी न केवल जेनी बैंडलर बल्कि लू बून और मिस स्टर्नवुड की हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार है। तुम समझ रहे हो ना?”
“समझ तो मैं रहा हूं लेकिन इन सब बातों का मुझसे क्या ताल्लुक है?”
“ये सारी बातें हमारा अनुमान हैं। हम यकीन के साथ नहीं कह सकते कि जिस आदमी की हमें तलाश है, वह ग्रेग का बेटा ही है। मिसेज ग्रेग इस शहर की प्रभावशाली औरत है। मेयर से उसके घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। हम इस बात का सबूत चाहते हैं कि उसका बेटा कलाकार है, वह ऊंचे कद और सुनहरी बालों वाला है और वह गक्की शूज पहनता है। अगर हमें ये तथ्य प्राप्त हो जाएं तो हम उससे पूछताछ कर सकते हैं।”
“यह तो सीधी सी बात है”—केन ने कहा—“मिसेज ग्रेग के निवास स्थान पर जाकर उसके बेटे से मिल लो।”
“अगर यह काम इतना ही आसान होता तो मैं तुम्हारा वक्त जाया नहीं करता।”—लेपस्कि ने कहा—“दरअसल मिसेज ग्रेग अजीब किस्म की औरत है। मान लो उसके बेटे का इन हत्याओं से कोई रिश्ता नाता न हो? मान लो, वह अपने बेटे से मिलवाने से इंकार दे? या फिर पूछ बैठे कि हम क्यों उससे मिलना चाहते थे? क्योंकि हमारे पास ठोस सबूत नहीं हैं इसलिए हम उस पर दबाव भी नहीं डाल सकते। मि. ब्रेन्डन, मैं चाहता हूँ कि तुम वहां जाकर उसके बेटे से मिलो। तुम कह सकते हो कि तुम उसकी बहुमूल्य पेंटिंग्स का बीमा करना चाहते हो। इस तरह हमें पता लग जायेगा कि वह एक कलाकार है और हमारे पास उपलब्ध हुलिए से मिलता है।”
“यह पुलिस का धन्धा है।”—केन दृढ़तापूर्वक बोला—“मैं इस बखेड़े में नहीं पडूंगा।”
“देखो, मि. ब्रेन्डन”—लेपस्कि ने पहलू बदलते हुए कहा—“मुमकिन है हम गलती पर हों और ग्रेग हत्यारा न हो। उस सूरत में ग्रेग परिवार का धूर्त वकील खामाखाह हमारी जान को बवाल खड़ा कर देगा। तुम्हें सिर्फ इतना करना है कि ग्रेग को एक निगाह देख लो। अगर वह इस हुलिए से नहीं मिलता है तो तुम उसे बीमा पॉलिसी बेच सकते हो। और अगर उसका हुलिया यही है, तब हम उसे गिरफ्तार कर लेंगे।”
“नहीं, मैं इस झमेले में नहीं पङूंगा।”
“तुम एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात को भूल रहे हो, मि. ब्रेन्डन”—लेपस्कि ने धूर्ततापूर्वक मुस्कराते हुए अपना तुरुप का पत्ता फेंका—“अगर ग्रेग हत्यारा है और हमारे लिए तुम उसकी शिनाख्त कर देते हो तो मि. स्टर्नवुड द्वारा घोषित दो लाख डालर का इनाम पाने के हकदार भी बन जाओगे।”
“दो लाख डालर?” केन हैरानी से बोला—“मैं हकदार? जरूर तुम मुझे बहका रहे हो?”
“नहीं, मि. ब्रेन्डन। अगर ग्रेग हत्यारा है और तुम उसकी शिनाख्त कर देते हो तो मैं यकीन दिलाता हूं कि इनाम तुम्हें ही मिलेगा।”
दो लाख डालर!
केन ने उत्तेजना सी महसूस की।
वह इस खूबसूरत रकम से खरीदी जा सकने वाली सुख-सुविधाओं की मधुर कल्पना में खो सा गया।
उस पर नजरें जमाए लेपस्कि देख रहा था कि वह जाल में फंस चुका था।
“अगर ग्रेग की शिनाख्त करने से मुझे वाकई इनाम मिल सकता है तो मैं तैयार हूं।”—केन ने सहमति दे दी।
“बशर्ते कि तुम्हारे प्रमाण ग्रेग को गिरफ्तार करा दें और उस पर हत्या का अभियोग साबित किया जा सके”—लेपस्कि मुस्कुराया—“मैं गारंटी करता हूं कि उस सूरत में इनाम तुम्हीं को मिलेगा।”
“ओके”—केन ने गहरी सांस ली। दो लाख डालर के विचार ने उसके दिमाग को चकरघिन्नी बना दिया—“मुझे क्या करना होगा?”
लेपस्कि ने जानबूझकर ब्रेन्डन को यह नहीं बताया कि उसका साबिका एक खतरनाक हत्यारे से पड़ सकता था। उसे भय था कि खतरे से डरकर कहीं वह पीछे न हट जाए। अलबत्ता उसकी सुरक्षा के विषय में जरूर उसने निश्चय कर लिया।
लेपस्कि ने रिसीवर उठाकर पुलिस हैडक्वार्टर्स में जेकोबी से सम्बन्ध स्थापित किया और उसे तुरन्त सीकाम्ब स्थित ब्रेन्डन के आफिस में पहुंचने के लिए कह दिया। फिर सम्बन्ध विच्छेद करके मुस्कुराया और केन से बोला—“नो प्रॉबलम। तुम ऐसा करोगे....।”
दो लाख डालर खर्च करने के विचारों में फंसा केन लेपस्कि का प्रोग्राम सुनने लगा।
¶¶
 
जेकोबी सहित अपनी कार में बैठा लेपस्कि एकेशिया ड्राइव की ओर जाती केन की कार का पीछा कर रहा था।
“तुम जानते हो कि तुम क्या कर रहे हो?” जेकोबी चिन्तित स्वर में बोला—“अगर कोई गड़बड़ हो गई तो चीफ हमारी खालें खिंचवा देगा। तुम्हें पहले चीफ को रिपोर्ट देनी चाहिए थी।”
“क्यों मरे जा रहे हो?”—लेपस्कि बोला—“तुम अच्छी तरह जानते हो कि अगर मैं चीफ को रिपोर्ट देता तो उसने दुनिया भर की फच्चर डाल देनी थीं। अब हम इस केस को निपटाकर ही रहेंगे, मैक्स।”
“ब्रेन्डन का क्या होगा?” जेकोबी ने पूछा—“मान लो, वह मुसीबत में फंस गया? मान लो, ग्रेग ही वास्तविक हत्यारा है? हम जानते हैं कि हत्यारा पागल है। अगर उसने ब्रेन्डन की हत्या कर दी तब? हमारा क्या हश्र होगा?”
“तुम फिक्र मत करो”—स्वयं लेपस्कि भी कम चिन्तित नहीं था, मगर प्रगट में बोला—“हम ब्रेन्डन की रक्षा करेंगे। इसीलिए मैंने तुम्हें बुलाया है।”
“क्या तुमने ब्रेन्डन को सावधान कर दिया था कि वह परेशानी में पड़ सकता था?”
“देखो, मैक्स, ब्रेन्डन इनाम के चक्कर में हमारे साथ सहयोग कर रहा है।”—लेपस्कि ने कहा, हालांकि वह जानता था, ब्रेन्डन को सचेत कर देना चाहिए था—“अगर वह ग्रेग की शिनाख्त कर देता है तो दो लाख डालर पा जाएगा।”
“हां, बशर्ते पहले ही मारा न गया।”—जेकोबी बोला—“वैसे उसे गोल्फ बॉल जैकेट पहनाने का तुम्हारा आइडिया भी कम जोरदार नहीं है।”
“अगर ग्रेग हत्यारा है तो जैकेट देखते ही उखड़ जाएगा”— लेपस्कि ने कहा—“वरना जैकेट का उस पर कोई असर नहीं होगा। ये पागल मानसिक दबाव पड़ने पर आसानी से बोल जाते हैं और फिर दो लाख डालर हासिल करने के लिए कुछ रिस्क भी तो दरकार है।”
“तुमने ब्रेन्डन को सावधान कर दिया था?” जेकोबी ने पुनः पूछा।
“मैंने उसे समझा दिया था कि कोठी के अन्दर न जाए”— लेपस्कि ने बेचैनी से पहलू बदला—“बस दरवाजे में खड़ा रहे ताकि हम उसे बराबर वॉच कर सकें।”
अब तक वे एकेशिया ड्राइव पहुंच चुके थे और योजनानुसार ग्रेग की कोठी से करीब सौ गज पहले केन ने कार रोक दी।
“आओ चलें।”—लेपस्कि ने कहा और जेकोबी सहित अपनी कार से उतरकर केन की कार की ओर बढ़ गया।
“जाओ, मि. केन”—उसकी कार की खिड़की से झांककर लेपस्कि बोला—“याद रखना कि तुम्हें कोठी के अन्दर नहीं जाना है। बटलर से कहना तुम मि. ग्रेग से बस दो बातें करना चाहते हो। अगर वह तुम्हें अन्दर आने के लिए कहे तो बता देना कि तुम्हारी कार गलत जगह पार्क्ड है। बस एक मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा। तुम्हें सिर्फ गौर से ग्रेग को देखना भर है। ओके?”
स्टियरिंग पर रखे केन के हाथों में कंपकंपाहट थी।
“ग्रेग खतरनाक साबित हो सकता है?” उसने फंसे स्वर में पूछा।
“ओह, तुम घबराओ मत।”—लेपस्कि ने बेचैनी से पहलू बदला—“बस दरवाजे में ही खड़े रहना, ताकि हमें दिखाई देते रहो।”
“मान लो, मुझे अन्दर जाना पड़ गया।”—केन को पसीना छूटने लगा था।
“तुम अंदर नहीं जाओगे।”—लेपस्कि उच्च स्वर में बोला—“अगर ग्रेग वही आदमी है जिसकी हमें तलाश है तो अपनी मां और बटलर की मौजूदगी में वह कुछ नहीं करेगा। तुम्हें दो लाख डालर हासिल हो सकते हैं।”—कार की खिड़की में हाथ डालकर उसने केन का कंधा थपथपाया—“तुम फिक्र मत करो, मिस्टर ब्रेन्डन। हम ठीक तुम्हारे पीछे रहेंगे।”
केन हिचकिचाया, फिर इनाम के बारे में सोचा और फिर विवशतापूर्वक मुस्करा दिया।
“ओके….मैं जा रहा हूँ।”
वह ग्रेग की कोठी की ओर कार ड्राइव करने लगा। ड्राईविंग मिरर में, लेपस्कि और जेकोबी पैदल ही कार के पीछे आते दिखाई दिए। न चाहने के बावजूद भी लेपस्कि के आग्रह पर उसे गोल्फ बॉल जैकेट पहननी पड़ी थी। कोठी के बाहर कार पार्क करके वह नीचे उतरा और धीरे-धीरे ड्राइव-वे की ओर चल दिया। उसने पीछे नजर डाली। दोनों डिटेक्टिव अंदर आकर फूलों की झाड़ के पीछे छुपते दिखाई दे गए।
कोठी के दरवाजे पर पहुंचकर उसने हौसला जुटाते हुए डोरबैल बटन पुश कर दिया।
अन्दर कहीं घंटियां बजने की आवाज सुनाई दी। गर्म धूप में खड़ा वह धड़कते दिल से प्रतीक्षा करने लगा। अन्दर से किसी हलचल का आभास न पाकर उसने व्याकुलता पूर्वक पीछे देखा, लेकिन डिटेक्टिव नजर नहीं आए। डरते-डरते उसने दुबारा घंटी का बटन दबा दिया। घंटी की आवाज के अलावा पूरी कोठी में गहरी निस्तब्धता व्याप्त थी।
उसने रूमाल निकालकर चेहरे से पसीना पोंछा और राहत महसूस करते हुए सोचा कि शायद घर में कोई नहीं था।
वह निराश-सा हो गया।
दो लाख डालर का सपना टूटने लगा।
इन्तजार में ऊबने के बाद ठीक उस वक्त जबकि वह पलटकर अपनी कार की तरफ लौट रहा था—दरवाजा खुला।
फूलों की बाड़ के पीछे छुपे लेपस्कि और जेकोबी ने केन को सीढ़ियों से उतरते, फिर रुककर मुड़ते देखा। उन्होंने देखा कि दरवाजा खुल गया था लेकिन इससे ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दिया। केन मुड़कर वापिस ऊपरी सीढ़ी पर जा खड़ा था और उसकी चौड़ी पीठ ही उन्हें नजर आ रही थी।
केन को सबसे पहले पालिश से चमकते दो गक्की शूज दिखाई दिए। फिर निगाहें ऊपर उठाईं।
सामने ऊंचे कद और सुनहरी बालों वाला एक युवक खड़ा मुस्करा रहा था।
ऊँचा कद।
सुनहरी बाल।
गक्की शूज।
इसी आदमी की तो तलाश थी पुलिस को।
केन का मुंह सूख गया। उसके अन्तर्मन ने चेतावनी दी कि पलटकर भाग खड़ा हो, लेकिन वह स्तब्ध खड़ा रह गया।
सम्मोहित-सा।
“कहिए”—क्रिसपिन नम्रतापूर्वक बोला।
“तकलीफ देने के लिए माफी चाहता हूं”—केन ने स्वयं को संयत करके पूछा—“तुम मिस्टर ग्रेग हो?”
“जैकेट तो बढ़िया पहन रखी है तुमने”—क्रिसपिन ने कहा—“मेरे पिता के पास भी ऐसी ही एक जैकेट थी। खैर....चाहते क्या हो तुम?”
“मैंने खामाखाह तुम्हें डिस्टर्ब कर दिया।”—केन ने सूखे होंठों पर जुबान फिराई—“अब नहीं। फिर कभी आऊंगा”—और एक कदम पीछे हटा, फिर ठिठक गया।
क्रिसपिन के हाथ में पिस्तौल थी, जिसका रुख सीधा उसी की ओर था।
“अगर मरना नहीं चाहते हो तो अन्दर आ जाओ।”— क्रिसपिन चुभती आवाज में बोला और थोड़ा पीछे हट गया।
 
आतंकित खड़े केन ने, छुपकर वाच करते दोनों डिटेक्टिव और कोठी में दाखिल न होने की चेतावनी के बारे में सोचा, मगर पिस्तौल के सामने वह आदेश पालन के लिए विवश था। भारी कदमों से लाबी में दाखिल हो गया।
“समझदार आदमी हो।”—क्रिसपिन ने कहा—“अब दरवाजा बन्द करके कुंडी लगा दो।”
केन ने धड़कते दिल से बाहर नजर दौड़ाई मगर दोनों डिटेक्टिव में से कोई भी नजर नहीं पड़ा।
उसने दरवाजा बन्द कर दिया और फिर कांपते हाथ से ऊपर-नीचे की मोटी सिटकनियां भी चढ़ा दीं।
“अब सीढ़ियां चढ़ो।”—क्रिसपिन ने आदेश दिया।
कांपती टांगों को सहारा देने के लिए केन बेनिस्टर थामकर सीढ़ियां चढ़ गया।
क्रिसपिन पीछे था।
“दाईं ओर मुड़कर अन्दर चले जाओ।”
केन, क्रिसपिन के विलासपूर्ण लिविंग रूम में आ गया।
“बैठो।”—क्रिसपिन ने पिस्तौल से एक कुर्सी की ओर संकेत किया।
केन बैठ गया।
पसीने से तर अपने हाथ घुटनों पर रख लिए।
“पिस्तौल के लिए माफी चाहता हूं।”—क्रिसपिन डेस्क के सिरे से सटकर बोला—“दरअसल मुझे किडनेप किए जाने का डर रहता है, इसीलिए सावधानी बरतता हूं। तुम कौन हो?”
इस दौलतमंद शख्स की यह आशंका केन को ठीक ही लगी।
“मेरा नाम ब्रेन्डन है”—स्वर को सामान्य बनाए रखने का प्रयत्न करता हुआ वह बोला—“मैं पैराडाइज सिटी एश्योरेंस का रिप्रेजेन्टेटिव हूं। तुम्हारे पास यह सोचकर आया हूं कि शायद तुम अपनी पेंटिंग्स का बीमा करना चाहोगे। मेरा यकीन करो, मि. ग्रेग, मैं एकदम हानि रहित इन्सान हूं।”
“मेरी पेंटिंग्स का बीमा करने? तुम्हें कैसे पता चला कि मैं कलाकार हूं?”—क्रिसपिन ने उसे घूर कर पूछा—“क्या केनड्रिक ने बताया था?”
केन पुनः घबरा गया।
लेपस्कि ने उससे कहा कि ग्रेग के पेंटर होने की पुष्टि कर ले। क्रिसपिन के इन शब्दों ने, लेपस्कि द्वारा बताए गए हुलिए से हूबहू मिलते, इस आदमी के पागल हत्यारा होने की बात सत्य सिद्ध कर दी थी।
केन को अपने चेहरे से खून निचुड़ता महसूस हुआ।
उस पर नजरें जमाए क्रिसपिन ने पुनः पूछा—“क्या तुम्हें केनड्रिक ने बताया था?”
केनड्रिक से केन के व्यापारिक सम्बन्ध थे।
उसने केनड्रिक की कुछ कलाकृतियों का बीमा किया था।
“हां”—वह फंसी-सी आवाज में बोला—“केनड्रिक ने बताया था कि तुम्हारे पास बहूमूल्य पेंटिंग्स थीं।”
“पेंटिंग्स वाकई बेशकीमती हैं”—क्रिसपिन ने पिस्तौल जेब में रख ली—“माफ करना मि. ब्रेन्डन। मैं तुम्हारी तलाशी लेना चाहूंगा। आजकल अजनबी अतिथि खतरनाक हो सकते हैं।”
“आफकोर्स”—केन फिर राहत महसूस करने लगा—“मि. ग्रेग, तुम अपनी पेंटिंग्स का बीमा कराना चाहोगे?”
“क्या उनका मूल्यांकन किया जाएगा?”
“जरूरी नहीं है। तुम उनका मूल्य बता दो और हम उतना ही स्वीकार कर लेंगे।”
“शायद तुम मेरी कुछ पेंटिंग्स देखना चाहोगे?” क्रिसपिन ने कहा और उठकर खड़ा हो गया।
“मैं इस मामले में बिल्कुल अनाड़ी हूं।”—केन भी उठकर खड़ा हो गया—“मैं तुम्हारा और वक्त बरबाद नहीं करूंगा।”— अब वह इस कोठी से निकल जाना चाहता था—“तुम अपनी पेंटिंग्स की कोई अंदाजन कीमत मुझे बता दो। मैं प्रीमियम की कोटेशन भेज दूंगा।” वह दरवाजे की ओर बढ़ा।
“इसमें देर नहीं लगेगी”—क्रिसपिन बोला—“मैं एक खास किस्म की पेंटिंग बना रहा हूं और तुम्हें दिखाना चाहता हूं।” केन को घूरते समय उसकी उंगलियां सुलेमान पैन्डेन्ट को टटोलने लगी थीं। वह मुस्कराकर रह गया।
“मुझे किसी से मिलने जाना है”—केन निराश भाव से बोला—“मैं फिर कभी देख लूंगा, मि. ग्रेग। मैं कल आ जाऊंगा। फिलहाल तो तुम अपनी पेंटिंग्स की कीमत मुझे बता दो, मैं कोटेशन दे दूंगा।”
ज्योंहि केन ने दरवाजा खोला, क्रिसपिन की आंखों में अचानक ही वहशत भरी खौफनाक चमक दौड़ गई।
¶¶
 
फूलों की बाड़ के पीछे जेकोबी सहित छुपे लेपस्कि ने केन को कोठी में दाखिल होते हुए देखा।
“बेवकूफ!”—लेपस्कि बम की तरह फटा—“अन्दर चला गया! मैंने उसे बाहर ही ठहरने के लिए कहा था।”
“अब क्या किया जाए?”—जेकोबी ने सतर्क स्वर में पूछा।
“बिल्कुल घामड़ है। मैंने कहा था....हरगिज भी अन्दर नहीं जाना है।”
दोनों डिटेक्टिव के देखते ही देखते विला का दरवाजा बन्द हो गया।
“अब क्या किया जाए?”—जेकोबी ने पुनः पूछा।
“हम कर ही क्या सकते हैं? हो सकता है द्वार खोलने वाली मिसेज ग्रेग हो। इसीलिए ब्रेन्डन को भीतर जाना पड़ा हो।”
“मान लो, दरवाजा खोलने वाला खुद ग्रेग था। बेहतर होगा कि हम कुछ करें।” जेकोबी आशंकित स्वर में बोला—“मुझे लग रहा है कि मामला गड़बड़ होने वाला है।”
“शायद ग्रेग कातिल न हो”—लेपस्कि क्षीण स्वर में बोला—“शायद ब्रेन्डन चन्द मिनट बाद खुद ही बाहर आ जाए। इस बीच अगर हमने अपनी टांग अड़ा दी—हासिल तो कुछ नहीं होगा। उल्टे मुसीबत गले पड़े सकती है।”
“अगर ग्रेग ही कातिल हो?”—जेकोबी ने कहा—“अगर उसने ब्रेन्डन का खून कर दिया? बेहतर होगा कि हम कुछ करें।”
“हूं”—लेपस्कि तन कर खड़ा हो गया—“मैं इससे निपटता हूं। तुम यहीं ठहरो”—उसने अपना सर्विस रिवाल्वर निकाल लिया—“अगर अन्दर कुछ गड़बड़ हुई तो मैं फायर कर दूंगा। तुम फौरन दौड़ आना। ठीक है?”
“लेकिन करना क्या चाहते हो?”
“मैं कहूंगा कि दुबारा गोल्फ बॉल जैकेट के बारे में पूछताछ करने आया हूं।”—लेपस्कि ने कहा, और जेकोबी को वहीं छोड़कर तेजी से लान पार करके विला के दरवाजे पर पहुंच गया। रिवाल्वर वापिस होल्स्टर में डालकर उसने डोरबैल बटन पुश कर दिया।
ज्योंहि, क्रिसपिन आंखों में वहशत भरी खौफनाक चमक सहित केन की ओर बढ़ा, उसके डेस्क पर रखे टेलीफोन की घंटी बजने लगी।
वह तुरन्त ठिठक गया।
दरवाजे से दूर पड़ी एक कुर्सी की ओर संकेत करके बोला—
“जरा देर के लिए इधर बैठो, मि. ब्रेन्डन।”—उसकी आवाज के पैनेपन और चेहरे पर व्याप्त भावों ने, अब तक पूरी तरह भयभीत हो चुके केन को, तुरन्त बैठने पर विवश कर दिया।
केन पर निगाहें जमाए क्रिसपिन डेस्क के पास पहुंचा।
“यस”—रिसीवर उठाकर बोला—“कौन है?”
“सार्जेण्ट बेगलर फ्राम सिटी पुलिस। इज दैट मि. ग्रेग?”
केन पर नजरें जमाए क्रिसपिन का चेहरा गुर्राहटपूर्ण मुद्रा में खिंच गया।
“यस। व्हाट इज इट?”
“मि. ग्रेग तुम्हारी मां का एक्सीडेंट हो गया है। तुम फौरन पैराडाइज सिटी हॉस्पिटल पहुंचो।”
“मेरी मां का एक्सीडेंट!”
“हां, कार उससे बेकाबू होकर एक ट्रक से जा टकराई।”
“क्या उसे ज्यादा चोट आई है?”—क्रिसपिन ने पूछा।
“मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि वह अस्पताल पहुंचते ही मर गईं।”
क्रिसपिन के होंठों पर अजीब-सी मुस्कराहट उभरी, जिसने केन के समूचे जिस्म में सर्द लहर दौड़ा दी।
“थैंक्यू!”—क्रिसपिन ने कहा—“कृपया मेरे अटार्नी मि. लेवीसन को सूचित कर दो। वह सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर देगा।”—और सम्बन्ध विच्छेद कर दिया। केन की ओर मुखातिब होकर प्रसन्नतापूर्वक मुस्कुराया—“मुझे अभी-अभी एक शानदार खबर मिली है। मेरी मां सड़क दुर्घटना में मर गई। आखिरकार मैं उससे आजाद हो ही गया।”
“मि. ग्रेग”—आतंकित केन खड़ा हो गया—“मैं चलता हूं।”
“लेकिन पहले तुम्हें मेरी कला देखनी होगी।”—क्रिसपिन ने उसे घूरा—“तुम मिस कॉरेन स्टर्नवुड को जानते थे?”
केन ने धीरे से सर हिलाकर सहमति दे दी।
“मैं उसका पोर्ट्रेट बना रहा हूं। अभी सिर्फ स्कैच ही बना है लेकिन मैं तुम्हारी राय जानना चाहता हूं।”
केन के दिमाग में सिर्फ एक ही विचार था कि बाहर निकले और इस पागल से दूर भाग जाए।
“मैं माफी चाहूंगा, मि. ग्रेग”—केन मिमियाता सा बोला— “मुझे फौरन किसी जरूरी काम से जाना है।”
क्रिसपिन के चेहरे पर पैशाचिक मुस्कान पुत गई।
“मैं तुमसे नाराज होना नहीं चाहता, मि. ब्रेन्डन”—वह सुलेमान पैन्डेन्ट को टटोलता हुआ बोला—“और जो लोग मुझे नाराज कर देते हैं, उनसे मैं बहुत बुरी तरह पेश आता हूं।”— उसने कमरे के आखिरी सिरे पर बने द्वार की ओर हाथ से संकेत किया—“अहेड, प्लीज।”
केन अच्छी तरह समझ चुका था कि वह भयानक खतरे में था।
 
संकेत किए गए दरवाजे की ओर बढ़ते हुए विला में कहीं गूंजती डोरबैल की आवाज उसने सुनी, ठिठककर फौरन क्रिसपिन पर नजर डाली।
लेपस्कि? केन ने सोचा। हे भगवान! काश वही हो।
“अब, यह कौन हो सकता है?”—क्रिसपिन ने मानो स्वयं से कहा, फिर बोला—“खैर कोई भी सही। वह अन्दर नहीं आ सकेगा। तुमने सिटकनी ठीक से लगा दी थी ना, मि. ब्रेन्डन? चलो, अब मैं तुम्हें उस घटिया वेश्या का स्कैच दिखाना चाहता हूं।”—उसने गौर से केन को देखा—“वह घटिया किस्म की वेश्या थी ना?”
डोरबैल पुनः बजी।
“जो कुछ मैं कहता हूं, वही करो।”—केन को हिचकिचाहट में पड़ा देखकर क्रिसपिन गुर्राया। क्रिसपिन के चेहरे पर व्याप्त पैशाचिकता से कांपते हुए केन ने दरवाजा खोला और स्टूडियो में आ गया।
बाहर, विला के दरवाजे पर खड़ा लेपस्कि, घंटी के जवाब में किसी को न आता पाकर तनिक घबरा गया।
उसने दाएं-बाएं नजरें दौड़ाईं।
ग्राउंड फ्लोर के सभी कमरों की खिड़कियों पर मोटी-मोटी सलाखें लगी हुई थीं।
दरवाजे को खुलता न देखकर, जेकोबी भी फूलों की बाड़ के पीछे से निकला और लेपस्कि के पास आ गया।
“कोई आ ही नहीं रहा है।”—लेपस्कि ने कहा।
“दरवाजा तोड़ दें?”
“बगैर सर्च वारंट के हम ऐसा नहीं कर सकते।”—लेपस्कि ने फिर घंटी बजा दी।
अचानक दरवाजा खुला और उनके सामने ऊंचे कद की एक नीग्रो औरत प्रगट हो गई। वह इतनी डरी हुई थी कि आतंक से उसकी आंखें फटी जा रही थीं। मुंह पर हाथ रखकर उसने हैरानी से खड़े दोनों डिटेक्टिव को खामोश रहने का इशारा किया और पागलों की तरह संकेत हुए उन्हें अन्दर बुलाने लगी। औरत इस कदर भयभीत थी कि लॉबी में कदम रखते ही लेपस्कि और जेकोबी ने अपने रिवाल्वर निकाल लिए।
वह मुंह से धीमी-धीमी अजीब-सी आवाज़ निकालती हुई उन्हें गलियारे के आखिरी सिरे पर बने द्वार की ओर जाने का इशारा कर रही थी।
जेकोबी को औरत के पास छोड़कर लेपस्कि वहां पहुंचा और दरवाजा खोल दिया।
सामने मौजूद नजारे को देखते ही उसकी सांस रुक-सी गई।
बिस्तर पर एक मानव शरीर इस बुरी तरह क्षत-विक्षत स्थिति में पड़ा था कि लेपस्कि बड़ी मुश्किल उसे शराबी बटलर रेनाल्ड्स के रूप में पहचान सका।
रेनाल्ड्स मर चुका था। लेपस्कि का दिमाग पुनः ब्रेन्डन की ओर पलटा।
वह कहां था?
धीरे-धीरे कराहती हुई क्रिस्सी, जेकोबी की बांह हिला-हिलाकर उसे सीढ़ियों द्वारा ऊपर जाने का इशारा कर रही थी। अचानक आश्चर्यजनक शक्ति का परिचय देते हुए उसने जेकोबी को एक ओर धकेला और विला से बाहर दौड़ती चली गई।
“ऊपर चलो।”—जेकोबी फुसफुसाया।
लेपस्कि सीढ़ियां चढ़ने लगा।
जेकोबी उसके पीछे था।
सीढ़ियों के ऊपरी छोर पर लेपस्कि रुका। जेकोबी ने एक घुटना जमीन में टिकाकर लेपस्कि को कवर कर लिया।
स्टूडियो के दरवाजे से क्रिसपिन की आवाज आ रही थी।
“इसके बारे में तुम्हारी क्या राय है, मि. ब्रेन्डन? क्या मैं उसका स्कैच बनाने में सफल हो सका हूं?”
केन बड़ी मुश्किल से कॉरेन स्टर्नवुड के उस स्कैच पर निगाह डाल सका जिसे क्रिसपिन ने पकड़ रखा था। वह आतंकित-सा खड़ा लू बून के सर की पेंटिंग, जेनी बैंडलर की खौफनाक पेंटिंग और मिसेज ग्रेग के पोर्ट्रेट को घूर रहा था। फिर उसकी आंखें दीवार पर लटके विचित्र कैनवासों की ओर घूम गईं।
“शायद तुम मेरे आर्ट को देख रहे हो?”—क्रिसपिन ने कहा—“लेकिन कृपया पहले इसे देखकर बताओ कि घटिया वेश्या के मेरे इस स्कैच के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?”
लेपस्कि ने जेकोबी की ओर सहमति सूचक सर हिलाया, फिर चार लम्बे डगों में स्टूडियो के दरवाजे पर पहुंचकर भड़ाक् से उसे खोल दिया और फिर कठोर स्वर में चेतावनी दी—“हिलना मत! पुलिस!”—उसकी रिवाल्वर क्रिसपिन को कवर कर चुकी थी।
केन ने मीलों लम्बी सांस ली।
वह धीरे-से दरवाजे की ओर हट गया और हांफता हुआ बोला—“इसकी जेब में पिस्तौल है।”
क्रिसपिन पूर्णतया निश्चिंत प्रतीत हुआ।
उसने समर्पण के भाव में हाथ ऊपर उठा दिए।
“आफकोर्स, क्रिस्सी ने तुम्हें अन्दर आने दिया है। मेरी बेवकूफी थी कि मैं क्रिस्सी के बारे में भूल गया।”—वह मुस्कराया—“हां, मेरी जेब में पिस्तौल है। ये मेरे पिता की थी।”
“मैक्स, पिस्तौल निकाल लो।”—लेपस्कि ने कटुतापूर्वक कहा—“हिलना मत, ग्रेग।”
लेपस्कि की रिवाल्वर क्रिसपिन को कवर किए रही। जेकोबी उसकी जेब से पिस्तौल निकालकर पीछे हट गया।
 
“तुम दोनों मामूली तनख्वाह पाने वाले डिटेक्टिव हो। और मि. ब्रेन्डन, तुम साधारण वेतन पाने वाले सेल्समैन।”—क्रिसपिन पूर्ववत् मुस्कराया—“क्यों न हम आपस में समझौता कर लें। अगर तुम लोग इस बखेड़े को भूल जाओ तो मैं तुम तीनों को बीस लाख डालर दे सकता हूं। बोलो, क्या ख्याल है?”
“तुम्हारा खेल खत्म हो चुका है।”—लेपस्कि बोला—“अब तुम्हारी दौलत भी तुम्हें नहीं बचा सकेगी।”
“तीस लाख डालर?”—क्रिसपिन ने उसी तरह मुस्कराकर पूछा।
क्रिसपिन पर नजरें जमाए लेपस्कि ने कहा—“मैक्स, होमीसाइड वालों और एम्बुलेंस को बुलाओ।”
जेकोबी जैसे ही टेलीफोन की ओर बढ़ा, क्रिसपिन ने अपनी पेंटिंग्स की ओर हाथ हिलाया।
“मेरी आर्ट के बारे में तुम्हारी क्या राय है?”—उसने लेपस्कि से पूछा और धीरे से थोड़ा आगे बढ़ गया—“मेरा ख्याल है कि मार्डन आर्ट की समझ न रखने वाले लोग मुझे पागल समझेंगे। लेकिन तुम्हारा क्या ख्याल है?”
लेपस्कि की नजरें स्टुडियो में घूमने लगीं और जो कुछ उसने देखा उससे वह न सिर्फ बौखलाया बल्कि असावधान भी हो गया।
तभी उसे एहसास हुआ कि क्रिसपिन उसके बहुत पास आ चुका था।
“जहां हो वहीं ठहरो।”—वह दहाड़ा और रिवाल्वर ऊपर उठाया।
“घबराओ मत।”—क्रिसपिन ने कहा, उसकी आंखों में वशहत भरी खौफनाक चमक थी—“मेरे पास कोई हथियार नहीं है।”—वह अभी भी मुस्करा रहा था, उसकी उंगली ने सुलेमान पैन्डेंट का माणिक पत्थर दबा दिया, और फिर आगे बढ़कर उसने लेपस्कि पर वार किया।
तभी लेपस्कि ने उस पर फायर झोंक दिया।
¶¶
दो दिन बाद, जेकोबी ने पैराडाईज क्लीनिक के प्राइवेट रूम में प्रवेश किया जहां विलासपूर्ण वातावरण में हैरान लेटा लेपस्कि अपनी हालत पर खुद अफसोस कर रहा था।
“क्या हाल है, टॉम।”—लेपस्कि ने जानना चाहा—“मुझे यहां क्यों लाया गया है?”
“यह स्टर्नवुड की जिद थी कि तुम्हें वी.आई.पी. ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। यहां का सारा खर्चा वही कर रहा है। तुम हीरो हो, टॉम।”—जेकोबी मुस्कराया—“कैसी तबीयत है, तुम्हारी?”
“बच जाऊंगा।”—लेपस्कि कराहता-सा बोला—“उस हरामजादे ने तो मुझे करीब-करीब मार ही डाला था।”
“फिक्र मत करो। तुमने उसे मार डाला था। प्रेस रिपोर्टर्स तुम्हारा इंटरव्यू लेने के लिए बेताब हैं। पैट हेमिल्टन तुम्हें टी.वी. पर पेश करने के लिए मरा जा रहा है।”
लेपस्कि खुश हो गया।
“और चीफ?”
“उसे मैंने पुड़िया दे दी है। मैंने कह दिया, मैं और तुम गोल्फ बॉल जैकेट के बारे में पूछताछ करते-करते वहां जा पहुंचे थे। ब्रेन्डन का कहना है, वह इंश्योरेन्स के सिलसिले में ग्रेग के पास गया था। अचानक उसने हत्यारे के रूप में ग्रेग को पहचान लिया। कोई दिक्कत नहीं है, टॉम। तुम फटाफट ठीक हो जाओ। ज्योंही तुम यहां से जाओगे, हैडक्वार्टर्स में तुम्हें शानदार पार्टी दी जाएगी।”
“मैं चीफ से सिफारिश करूंगा कि तुम्हें तरक्की दे दे।” लेपस्कि मुस्कराया—“तुम वाकई बेहतरीन दोस्त हो।”
“यह तो पहले ही हो चुका है।”—जेकोबी ने मुस्कराकर कहा—“कल से मैं सेकेंड ग्रेड डिटेक्टिव होऊंगा।”
“और ब्रेन्डन?”
“उसे इनाम मिलेगा।”
“वह सचमुच इसका हकदार है। उसे खौफनाक घड़ियों से गुजरना पड़ा था।”
“वह तुम्हें भी पार्टी देना चाहता है।”—जेकोबी दरवाजे की ओर बढ़ता हुआ बोला—“कारोल बाहर इन्तजाम कर रही है, टॉम!”
“तुम्हें सिर्फ यह बताने आया था कि तुम्हारे सामने कोई दिक्कत नहीं है।”
दो मिनट बाद, फूलों के गुच्छों और फलों की टोकरी सहित कारोल भीतर दाखिल हुई।
उसकी आंखें डबडबा रही थीं।
“ओह, टॉम, डार्लिंग।”
“हये, हनी!”—लेपस्कि चहका—“खूब जंच रही हो। जी चाहता है तुम्हें बिस्तर में खींच लूं।”
“बेकार की बातें मत करो।”—कारोल बोली—“मुझे बताया गया था कि तुम मौत के करीब ही जा पहुंचे थे।”
“तो क्या हुआ? मरा तो नहीं हूं। तुम्हारे सामने सही सलामत मौजूद हूं।”
“टॉम, अखबारों ने सुर्खियों में तुम्हारा नाम छापा है। तुम्हें टी.वी. पर भी पेश किया जाएगा। मुझे तुम पर बेहद गर्व है।”
“फाइन।” लेपस्कि पुनः चहका—“इस सप्ताहान्त तक मुझे यहां से छुट्टी मिल जाएगी। तब मैं और तुम इस अवसर को सेलिब्रेट करेंगे फिर हम स्पेनिश ग्रिलरूम में जायेंगे, और खूब मौज करेंगे।”
“हम स्पेनिश बे को अफोर्ड नहीं कर सकते, डार्लिंग। वह बहुत ही ज्यादा महंगी जगह है।”
“तब क्या हुआ? दौलत होती किसलिए है? हम स्पेनिश बे में ही सेलिब्रेट करेंगे....वादा रहा।”
“टॉम, मैं एक बात पूछना चाहती हूं। क्या मेहिताबेल बेसिंगर के क्लूज ने तुम्हारी मदद की थी?”
लेपस्कि हिचकिचाया, फिर सोचा झूठ बोलने से कीमती लिकर की दूसरी बोतल बचाई जा सकती थी।
“अरे, वह शराबखोर बुढ़िया। उसे भूल जाओ, हनी। उसके क्लूज महज नशे की बहक थे।”
“ओह, टॉम! मैंने तो सोचा था....”
“उसे दिमाग से ही निकाल दो।”—लेपस्कि बोला—“जाओ, दरवाजा लॉक कर दो। मैं तुम्हारे सामने साबित करना चाहता हूं कि मैं उतनी बुरी तरह जख्मी नहीं हुआ हूं जितना कि समझा जा रहा है।”
कारोल, हिचकिचाने के बाद, आगे बढ़ी और दरवाजा लॉक कर दिया।
—समाप्त—
 
वक्त गुजरता रहा।
ठीक दस बजे लिफ्ट ऊपर की तरफ सरकनी शुरू हुई और जल्द ही वो मेरी नजरों से ओझल हो गयी।
जरूर तिलक ने ऊपर से इंडीकेटर पैनल में लगा बटन दबाया था।
मैंने फौरन पिस्तौल की नाल ग्लास—विण्डो की झिरी से बाहर निकाल दी।
मेरी व्याग्रता बढ़ गयी।
तिलक अब नीचे आने वाला था।
उस क्षण मुझे अपनी सांस गले में घुटती अनुभव हो रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरे हाथ—पांव ठण्डे पड़ते जा रहे हों।
मेरी निगाह लिफ्ट के लाल इंडीकेटर पर जाकर ठहर गयी।
वह अब बुझ चुका था।
कुछ देर इंडीकेटर पर कोई हरकत न हुई।
फिर एकाएक इंडीकेटर की सुर्ख लाइट पुनः जल उठी।
उसके बाद पैनल पर बड़ी तेजी के साथ नम्बर जलने—बुझने शुरू हुए।
नौ।
आठ।
सात।
छः।
लिफ्ट नीचे की तरफ आ रही थी।
मेरी उंगली सख्ती से रिवॉल्वर के ट्रेगर पर जाकर कस गयी।
मेरी निगाह अपलक इंडीकेटर को घूर रही थी।
तभी झटके के साथ लिफ्ट नीचे आकर रुकी। उसमें तिलक मौजूद था। वह सफेद कोट—पैंट पहने था और ब्लू कलर की फूलदार टाई लगाए था, जिसमें उसका व्यक्तित्व काफी खूबसूरत दिखाई पड़ रहा था।
वह लिफ्ट का दरवाजा खोलकर बाहर निकला।
तभी मैंने पिस्तौल का ट्रेगर दबा दिया।
गोली चलने की ऐसी तेज आवाज हुई, मानो तोप से गोला छूटा हो। साथ ही तिलक राजकोटिया की अत्यन्त हृदयग्राही चीख भी वहां गूंजी।
गोली चलते ही मैंने ग्लास विण्डो बंद की और फौरन दरवाजे की तरफ भागी।
दरवाजे तक पहुंचते—पहुंचते मैं पिस्तौल वापस कोट की जेब में रख चुकी थी।
मैंने दरवाजा खोला और बाहर झांका।
तिलक लिफ्ट के पास औंधे मुंह पड़ा हुआ था।
मैं तुरन्त कमरे से बाहर निकल गयी।
दरवाजे को मैंने पहले की तरह ही मास्टर—की से लॉक भी कर दिया।
•••
 
गोली चलने की आवाज इतनी तेज हुई थी कि वो दूर—दूर तक प्रतिध्वनि हुई।
जो गलियारा अभी तक बिल्कुल सुनसान पड़ा हुआ था, एकाएक उस गलियारे की तरफ कई सारे कदमों के दौड़कर आने की आवाज सुनाई पड़ी।
मैं तब तक तिलक राजकोटिया के पास पहुंच चुकी थी।
मैंने देखा- गोली उसके कंधे में लगी थी और वहां से बुरी तरह खून रिस रहा था। दर्द से उसका बुरा हाल था।
“तिलक!” मैंने तिलक राजकोटिया को बुरी तरह झंझोड़ा—”तिलक!”
“म... मैं ठीक हूं।” तिलक अपना कंधा पकड़े—पकड़े कंपकंपाये स्वर में बोला—”म... मुझे कुछ नहीं हुआ।”
तभी तीन आदमी दौड़ते हुए गलियारे में आ पहुंचे।
उनमें से एक होटल का मैनेजर था और बाकी दो बैल ब्वॉय थे।
तिलक राजकोटिया की हालत देखकर उन तीनों की आंखें भी आतंक से फैल गयीं।
“किसने चलाई गोली?” होटल का मैनेजर चिल्लाकर बोला—”किसने किया यह सब?”
“म... मालूम नहीं, कौन था।” तिलक अपना कंधा पकड़े—पकड़े खड़ा हुआ—”मैं जैसे ही लिफ्ट से बाहर निकला- ब... बस फौरन धांय से गोली आकर लगी।”
“मैंने देखा था- जिसने गोली चलायी।” एकाएक मैं शुष्क स्वर में बोली।
तुरन्त मैनेजर की गर्दन मेरी तरफ घूमी।
“वह कोट—पैंट पहने आदमी था।” मैं बोली—”लेकिन वो शक्ल से बदमाश नजर आ रहा था। मैंने उसे उस तरफ भागते देखा था।”
मैंने गलियारे में दूसरी तरफ उंगली उठा दी।
तत्काल दोनों बैल ब्वॉय उसी तरफ दौड़ पड़े।
“गोली आपके कंधे के अलावा तो कहीं और नहीं लगी तिलक साहब?” मैनेजर बहुत गौर से तिलक राजकोटिया को देखता हुआ बोला।
“नहीं।”
“चलो- शुक्र है।”
तभी कुछ दौड़ते कदमों की आवाज और हमारे कानों में पड़ी, जो उसी गलियारे की तरफ आ रहे थे।
मैनेजर के चेहरे पर अब चिंता के भाव दौड़ गये।
“लगता है!” वह थोड़ा आंदोलित होकर बोला—”गोली की आवाज कुछ और लोगों ने भी सुन ली है और अब वो इसी तरफ आ रहे हैं। अगर यह बात ग्राहकों के बीच फैल गयी कि होटल में किसी बदमाश ने गोली चलाई है, तो इससे होटल की रेपुटेशन पर बुरा असर पड़ेगा।”
“फिर हम क्या करें?” मेरी आवाज में बैचेनी झलकी।
“एक तरीका है।”
“क्या?”
“आप फौरन तिलक साहब को लेकर ऊपर पैंथ हाउस में चली जाएं मैडम, मैं अभी यहां के हालात नार्मल करके ऊपर आता हूं।”
“ठीक है।”
मैंने फोरन तिलक राजकोटिया को कंधे से कसकर पकड़ लिया और फिर उसके साथ लिफ्ट में सवार हो गयी।
मैंने जंगला झटके के साथ बंद किया।
तभी दोनों बैल ब्वॉय दौड़ते हुए वहां आ पहुंचे।
“क्या हुआ?” मैनेजर ने उनसे पूछा—”क्या उस बदमाश का कहीं कुछ पता चला?”
“नहीं साहब- वह तो इस तरफ कहीं नहीं है।”
“जरूर साला भाग गया होगा।”
मैंने लिफ्ट के पैनल में लगा एक बटन दबा दिया।
तुरन्त लिफ्ट बड़ी तेजी से ऊपर की तरफ भागने लगी।
“मैं तुमसे क्या कहती थी!” लिफ्ट के स्टार्ट होते ही मैं तिलक से सम्बोधित हुई—”अब तुम्हें सावधान रहने की जरूरत है- क्योंकि सावंत भाई के इरादे ठीक नहीं हैं। वह बुरी तरह हाथ धोकर तुम्हारे पीछे पड़ चुका है।”
तिलक राजकोटिया धीरे—धीरे स्वीकृति में गर्दन हिलाने लगा।
•••
 
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