desiaks
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ऋतू तो जैसे मरने के कगार पर पहुँच गयी....अयान का कद काफी लम्बा था, 6 फुट से भी ज्यादा का होगा वो.. इसलिए ऋतू उसके कंधे तक ही आ पा रही थी...इसलिए उसने ऋतू को अपनी गोद में उठाने के लिए उसकी गांड को पकड़ा और ऋतू उचल कर अपनी टाँगे लपेट कर चढ़ गयी उसके घोड़े पर... और अपनी चूत के नीचे ठोकर मार रहे लंड को निशाना बनाकर बैठ गयी उसके लम्बे और पतले लंड पर.... घप्प से वो लम्बा लंड ऋतू की रसीली चूत के अन्दर सरकते हुए उसके गर्भाशय से जा टकराया..
स्स्सस्स्स्सस्स्स म्म्मम्म्म्मम्म आःह्ह्ह अयाआआआन हम्मम्मम्म क्या लंड है तुम्हारा.......मजा आ गया...
इतना अन्दर तो आज तक कोई भी नहीं गया....और उसने अपनी बाहें लपेट दी अयान के गले में और उछल कर घुड़सवारी करने लगी....
"अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ओफ्फ्फ ऑफ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ म्मम्म और तेज मारो अयान.... अह्ह्ह्ह हां ऐसे ही....म्म्मम्म्म्मम्म हाआन्न्न फुक्क्क्क मीई हार्ड.........अह्ह्हह्ह्ह्ह " उसने अपना मुंह आगे करके अयान के होंठों पर कब्ज़ा किया और उन्हें चूसने लगी...
अयान ने ऋतू की गांड के छेद में अपनी ऊँगली डाली और उसे अन्दर बाहर करने लगा....
ऋतू के तो जैसे कुत्ते फेल हो गए अयान की इस हरकत से, उसकी रसीली चूत में लम्बे लंड की थिरकन से और अपनी गांड में उसकी लम्बी ऊँगली की चुभन से वो झड़ने लगी हवा में ही......
उसने अपना सर पीछे हवा में लटका दिया और झूल गयी अयान की बाँहों में....और उसके गोल मटोल से चुचे हवा में तन से गए और जैसे अयान को कह रहे हो...आओ न ..पी लो मुझमे से मेरा दूध........
और अयान ने किया भी ऐसा ही...अपना सर नीचे किया और मुंह लगा कर मेरी बहन का दूध पीना लगा...चपर चपर...करके...
ऋतू झड चुकी थी अयान के लंड के ऊपर ही...पर अयान था की उसे जैसे कोई शक्ति मिली हुई थी जल्दी ना झड़ने की... वो तो लगा हुआ था और धपा धप मार रहा था ऋतू की चूत को हवा में ही...
मैं भी उसकी इच्छा शक्ति देखकर दंग रह गया....जल्दी ही वो थक गया और उसने ऋतू को नीचे उतारा और उसे बेड पर लिटा दिया....अपनी बहन सुरभि के साथ, सुरभि तो घोड़े बेचकर, नींद की गोली लेकर सो रही थी....बेसुध सी..उसने टी शर्ट और स्किर्ट पहना हुआ था...जो उसकी जाँघों के ऊपर चड़ा हुआ था और टी शर्ट भी उसके पेट को नंगा करे ऊपर चड़ी हुई थी... अपनी अर्धनग्न बहन को उसी बिस्तर पर लेटे देखकर अयान के लंड ने एक दो और झटके मारे और ऋतू की चूत में फिर से घुसने के बाद वो चल पड़ा फिर से एक नयी राह पर...
ऋतू का ओर्गास्म हो चूका था...उसका पूरा शरीर पसीने से लथपथ हुआ पड़ा था अयान के सामने.. पर अयान की ताक़त के आगे और अपनी चूत में होती लगातार घिसाई के द्वारा उसका ओर्गास्म फिर से बनने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी...
हाआन्न्न्न मारो मेरी चूत अयान.....इसी तरह...बड़ा लम्बा लंड है तुम्हारा.....मजा आ गया...हा ..... ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़.......चोदो मुझे ....अपने लम्बे और प्यारे लंड से.....अह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ....म्मम्मम और तेज...भाई...हननं ऐसे..ही....अह्ह्हह्ह ..... ओह्ह्ह्ह अयांन्न...मैं तो गयी रे.......अह्ह्हह्ह्ह्ह ....
अपने सामने जवानी के ज्वर भाटे में तड़पती ऋतू को देखकर अब अयान के लंड का पारा भी अपने चरम स्तर पर पहुँच गया...और उसके अन्दर से गरमा गर्म रस निकलने लगा ऋतू की चूत में.....
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऋतू....दीदी......मैं तो गया.....अह्ह्हह्ह .............और वो हुंकारता हुआ ऋतू के पसीने से भीगे मुम्मो पर लुडक गया...
दीपा आंटी की चूत में से मानो बरसात हो रही थी अपने बेटे का लंड देखकर और उसकी जबरदस्त चुदाई को देखकर....
उन्होंने मेरी तरफ देखा....और फिर बेड पर लेटे मम्मी और पापा की तरफ...और बोली....मैं जा रही हूँ....अपने बेटे का लंड लेने... और वो निकल गयी मेरे कमरे से ऋतू के कमरे की तरफ...
मैं और मम्मी पापा दोनों भी दीपा आंटी की हिम्मत देखकर हैरान रह गए..कहाँ तो वो डर रही थी की उनके बच्चे क्या सोचेंगे उनके बारे में और कहाँ ये अब खुद ही चुदने के लिए चल पड़ी है अपने बेटे के लम्बे लंड से..
मैंने मम्मी पापा की तरफ देखा और मुस्कुरा दिया और फिर से देखने लगा छेद से की क्या होता है दुसरे कमरे में.. अयान और ऋतू एक दुसरे को चूम रहे थे.
ऋतू : "वाह अयान कमाल का लंड है तुम्हारा...झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था..साला...." और उसने नीचे झुककर उसके लम्बे लटके हुए लंड को चूम लिया..
अयान : "मैंने भी इतनी सुन्दर लड़की की चूत आज तक नहीं मारी...मेरी क्लास में एक लड़की है जिसके साथ मैंने सेक्स किया है... पर जितना मजा तुम्हारे साथ आया है उतना आज तक नहीं आया...
सच में ऋतू तुम मजे लेना भी जानती हो और देना भी.." और ये कहकर वो दोनों फिर से एक दुसरे के होंठों को चूसने लगे.. तभी बाहर का दरवाजा खुला और दीपा आंटी नंगी अन्दर आई.
उन्हें देखते ही अयान चोंक गया..ऋतू बड़े आराम से लेटी हुई उन्हें देखने लगी.
अयान : "मम्मी......आप....यहाँ....क्या कर रही है...."
दीपा : "मैंने सब देख लिया है अयान...और तुमने भी नीचे लगभग सब कुछ देख लिया था...इसलिए अब मुझे नहीं लगता की हमें एक दुसरे के सामने कोई पर्दा रखना चाहिए..." ये कहते हुए वो मटकते हुए आगे आने लगी.. जैसे जैसे वो पास आ रही थी, उसके मोटे चुचे ज्यादा साफ़ दिखाई देने लग रहे थे..
अयान ऋतू के सामने अपने घुटनों के बल बैठा था बेड पर, और उसका लंड लटक रहा था, उसके सामने, उसकी नजर अपनी माँ के मोटे उरोजों पर टिकी हुई थी, अपनी माँ के मोटे चुचों की थिरकन को देखकर उसके लटके हुए लंड में फिर से जान आने लगी...
ऋतू उसके लंड के नीचे बैठी हुई हैरत से देख रही थी की कैसे उसका लंड हवा में उठता चला जा रहा है...अपनी नंगी माँ को देखकर...यही तो सच्चा प्यार होता है माँ बेटे का.
दीपा : "बेटा मुझे गलत मत समझना...मुझे माफ़ कर दो...पर परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती चली गयी की मैं नीचे वो सब....कर रही थी...." और उन्होंने अपनी आँखें झुका ली.
अयान आगे आया और अपनी माँ के कंधे को पकड़कर बोला : "अरे ....नहीं माँ...आप ऐसा क्यों बोल रही है....मैं सब समझता हूँ .... मैंने कई बार आपके और पापा के कमरे से छुप कर आप दोनों की बातें सुनी है...और मैं जानता हूँ की आप कैसे रातों में तड़पती रहती हैं...और पापा आपको पूरा सुख नहीं दे पाते..."
उसकी बात सुनकर दीपा आंटी के साथ-२ मैं भी अचरज में आ गया...यानी उसका लोडू पति न सिर्फ लंड के मामले में छोटा है बल्कि ...चूत मारने में भी ढीला है.
दीपा : "अगर तुम्हे वो सब पता ही है तो तू अब अच्छी तरह समझ सकता है न ..... "
अयान : "हाँ मा....मैं समझता हूँ...और मैं वादा करता हूँ की मैं अब आपको कभी दुखी नहीं होने दूंगा..." और उसने आगे बढकर अपनी नंगी माँ को गले लगा लिया.
दीपा आंटी उसके निप्पल तक आ रही थी, थोड़ी छोटे कद की थी वो..और अयान का लंड लगभग उनके लटके हुए स्तनों को छु रहा था.. दीपा आंटी ने भी अपनी बाहें अपने बेटे की कमर में लपेट दी और उसकी छाती को चूम लिया.
स्स्सस्स्स्सस्स्स म्म्मम्म्म्मम्म आःह्ह्ह अयाआआआन हम्मम्मम्म क्या लंड है तुम्हारा.......मजा आ गया...
इतना अन्दर तो आज तक कोई भी नहीं गया....और उसने अपनी बाहें लपेट दी अयान के गले में और उछल कर घुड़सवारी करने लगी....
"अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ओफ्फ्फ ऑफ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ म्मम्म और तेज मारो अयान.... अह्ह्ह्ह हां ऐसे ही....म्म्मम्म्म्मम्म हाआन्न्न फुक्क्क्क मीई हार्ड.........अह्ह्हह्ह्ह्ह " उसने अपना मुंह आगे करके अयान के होंठों पर कब्ज़ा किया और उन्हें चूसने लगी...
अयान ने ऋतू की गांड के छेद में अपनी ऊँगली डाली और उसे अन्दर बाहर करने लगा....
ऋतू के तो जैसे कुत्ते फेल हो गए अयान की इस हरकत से, उसकी रसीली चूत में लम्बे लंड की थिरकन से और अपनी गांड में उसकी लम्बी ऊँगली की चुभन से वो झड़ने लगी हवा में ही......
उसने अपना सर पीछे हवा में लटका दिया और झूल गयी अयान की बाँहों में....और उसके गोल मटोल से चुचे हवा में तन से गए और जैसे अयान को कह रहे हो...आओ न ..पी लो मुझमे से मेरा दूध........
और अयान ने किया भी ऐसा ही...अपना सर नीचे किया और मुंह लगा कर मेरी बहन का दूध पीना लगा...चपर चपर...करके...
ऋतू झड चुकी थी अयान के लंड के ऊपर ही...पर अयान था की उसे जैसे कोई शक्ति मिली हुई थी जल्दी ना झड़ने की... वो तो लगा हुआ था और धपा धप मार रहा था ऋतू की चूत को हवा में ही...
मैं भी उसकी इच्छा शक्ति देखकर दंग रह गया....जल्दी ही वो थक गया और उसने ऋतू को नीचे उतारा और उसे बेड पर लिटा दिया....अपनी बहन सुरभि के साथ, सुरभि तो घोड़े बेचकर, नींद की गोली लेकर सो रही थी....बेसुध सी..उसने टी शर्ट और स्किर्ट पहना हुआ था...जो उसकी जाँघों के ऊपर चड़ा हुआ था और टी शर्ट भी उसके पेट को नंगा करे ऊपर चड़ी हुई थी... अपनी अर्धनग्न बहन को उसी बिस्तर पर लेटे देखकर अयान के लंड ने एक दो और झटके मारे और ऋतू की चूत में फिर से घुसने के बाद वो चल पड़ा फिर से एक नयी राह पर...
ऋतू का ओर्गास्म हो चूका था...उसका पूरा शरीर पसीने से लथपथ हुआ पड़ा था अयान के सामने.. पर अयान की ताक़त के आगे और अपनी चूत में होती लगातार घिसाई के द्वारा उसका ओर्गास्म फिर से बनने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी...
हाआन्न्न्न मारो मेरी चूत अयान.....इसी तरह...बड़ा लम्बा लंड है तुम्हारा.....मजा आ गया...हा ..... ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़.......चोदो मुझे ....अपने लम्बे और प्यारे लंड से.....अह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ....म्मम्मम और तेज...भाई...हननं ऐसे..ही....अह्ह्हह्ह ..... ओह्ह्ह्ह अयांन्न...मैं तो गयी रे.......अह्ह्हह्ह्ह्ह ....
अपने सामने जवानी के ज्वर भाटे में तड़पती ऋतू को देखकर अब अयान के लंड का पारा भी अपने चरम स्तर पर पहुँच गया...और उसके अन्दर से गरमा गर्म रस निकलने लगा ऋतू की चूत में.....
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऋतू....दीदी......मैं तो गया.....अह्ह्हह्ह .............और वो हुंकारता हुआ ऋतू के पसीने से भीगे मुम्मो पर लुडक गया...
दीपा आंटी की चूत में से मानो बरसात हो रही थी अपने बेटे का लंड देखकर और उसकी जबरदस्त चुदाई को देखकर....
उन्होंने मेरी तरफ देखा....और फिर बेड पर लेटे मम्मी और पापा की तरफ...और बोली....मैं जा रही हूँ....अपने बेटे का लंड लेने... और वो निकल गयी मेरे कमरे से ऋतू के कमरे की तरफ...
मैं और मम्मी पापा दोनों भी दीपा आंटी की हिम्मत देखकर हैरान रह गए..कहाँ तो वो डर रही थी की उनके बच्चे क्या सोचेंगे उनके बारे में और कहाँ ये अब खुद ही चुदने के लिए चल पड़ी है अपने बेटे के लम्बे लंड से..
मैंने मम्मी पापा की तरफ देखा और मुस्कुरा दिया और फिर से देखने लगा छेद से की क्या होता है दुसरे कमरे में.. अयान और ऋतू एक दुसरे को चूम रहे थे.
ऋतू : "वाह अयान कमाल का लंड है तुम्हारा...झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था..साला...." और उसने नीचे झुककर उसके लम्बे लटके हुए लंड को चूम लिया..
अयान : "मैंने भी इतनी सुन्दर लड़की की चूत आज तक नहीं मारी...मेरी क्लास में एक लड़की है जिसके साथ मैंने सेक्स किया है... पर जितना मजा तुम्हारे साथ आया है उतना आज तक नहीं आया...
सच में ऋतू तुम मजे लेना भी जानती हो और देना भी.." और ये कहकर वो दोनों फिर से एक दुसरे के होंठों को चूसने लगे.. तभी बाहर का दरवाजा खुला और दीपा आंटी नंगी अन्दर आई.
उन्हें देखते ही अयान चोंक गया..ऋतू बड़े आराम से लेटी हुई उन्हें देखने लगी.
अयान : "मम्मी......आप....यहाँ....क्या कर रही है...."
दीपा : "मैंने सब देख लिया है अयान...और तुमने भी नीचे लगभग सब कुछ देख लिया था...इसलिए अब मुझे नहीं लगता की हमें एक दुसरे के सामने कोई पर्दा रखना चाहिए..." ये कहते हुए वो मटकते हुए आगे आने लगी.. जैसे जैसे वो पास आ रही थी, उसके मोटे चुचे ज्यादा साफ़ दिखाई देने लग रहे थे..
अयान ऋतू के सामने अपने घुटनों के बल बैठा था बेड पर, और उसका लंड लटक रहा था, उसके सामने, उसकी नजर अपनी माँ के मोटे उरोजों पर टिकी हुई थी, अपनी माँ के मोटे चुचों की थिरकन को देखकर उसके लटके हुए लंड में फिर से जान आने लगी...
ऋतू उसके लंड के नीचे बैठी हुई हैरत से देख रही थी की कैसे उसका लंड हवा में उठता चला जा रहा है...अपनी नंगी माँ को देखकर...यही तो सच्चा प्यार होता है माँ बेटे का.
दीपा : "बेटा मुझे गलत मत समझना...मुझे माफ़ कर दो...पर परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती चली गयी की मैं नीचे वो सब....कर रही थी...." और उन्होंने अपनी आँखें झुका ली.
अयान आगे आया और अपनी माँ के कंधे को पकड़कर बोला : "अरे ....नहीं माँ...आप ऐसा क्यों बोल रही है....मैं सब समझता हूँ .... मैंने कई बार आपके और पापा के कमरे से छुप कर आप दोनों की बातें सुनी है...और मैं जानता हूँ की आप कैसे रातों में तड़पती रहती हैं...और पापा आपको पूरा सुख नहीं दे पाते..."
उसकी बात सुनकर दीपा आंटी के साथ-२ मैं भी अचरज में आ गया...यानी उसका लोडू पति न सिर्फ लंड के मामले में छोटा है बल्कि ...चूत मारने में भी ढीला है.
दीपा : "अगर तुम्हे वो सब पता ही है तो तू अब अच्छी तरह समझ सकता है न ..... "
अयान : "हाँ मा....मैं समझता हूँ...और मैं वादा करता हूँ की मैं अब आपको कभी दुखी नहीं होने दूंगा..." और उसने आगे बढकर अपनी नंगी माँ को गले लगा लिया.
दीपा आंटी उसके निप्पल तक आ रही थी, थोड़ी छोटे कद की थी वो..और अयान का लंड लगभग उनके लटके हुए स्तनों को छु रहा था.. दीपा आंटी ने भी अपनी बाहें अपने बेटे की कमर में लपेट दी और उसकी छाती को चूम लिया.