desiaks
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“आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह।” हम सिसक उठे। वह समझ गया कि अब हमारा दर्द कम हो गया।
वह बड़े प्यार से हमें चूमता हुआ बोला, “ओह मेरी जान, अब ठीक लग रहा है ना?”
“हां, हां, अब ठठठठठीक हहहहैऐऐऐ।” हम शरमा के उसकी छाती पर सिर रख दिए।
“अय हय मेरी प्यारी रानी, ऐसे शरमाओगी तो हम मर ही जाएंगे।” वह मुझे चूमते हुए बोला। अब धीरे धीरे हमें ऊपर उठाने लगा, उसका लंड हमारे गांड़ से बाहर निकल रहा था। वह हमारे लिए एकदम नया अनुभव था। बड़ा अच्छा लग रहा था। अभी उसका लंड पूरा बाहर निकला भी नहीं था कि भचाक से फिर बैठा दिया अपने लंड पर।
“आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह,” हम चीख पड़े फिर दर्द से। इस बार थोड़ा कम था दर्द। “दर्द हो रहा है आह।”
“बोला न, चिल्ला मत हरामजादी कुतिया।” एक झांपड़ और पड़ा मेरे गाल पर।
“मारो मत ना।” हम फिर रोने लगे।
“ओय ओय मेरी रानी। रो मत मेरी जान।” पुचकारते हुए हमसे बोलने लगा।
“तुम मारते हो तो।”
“अच्छा नहीं मारेंगे।” हमें चूमते हुए बोला। “मगर तुम चिल्लाओगी नहीं अब।” उसकी बातों से हमें थोड़ी राहत मिली।
“अच्छा नहीं चिल्लाएंगे।” हम सिसकते हुए बोले। अब धीरे धीरे वह अपना लंड हमारी गांड़ में अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर में हमें मजा आने लगा। अब दर्द के जगह थोड़ा जलन हो रहा था, लेकिन फिर भी मजा आ रहा था। हम खुद को लड़की के समान समझने लगे अब। धीरे धीरे उसका स्पीड बढ़ने लगा। दनादन कमर चलाने लगा और हमारे गांड़ में गपागप लंड पेलने लगा।
“आह आह आह ओह ओह ओह अम्मा अम्मा, ओह राजा ओह राजा, चोद, चोद।” मह मस्ती में भर के बोलने लगे।
“आह आह अब आया न मजा मेरी रानी। अब देख हम कैसे चोदते हैं तुझे।” इतना कहकर अब हमें कुत्ती की तरह झुका दिया और पीछे से मेरी गांड़ में लंड डालने लगा। मेरी कमर पकड़ कर फिर से किसी कुत्ते की तरह मेरी गांड़ चोदना शुरू किया।
“आह मेरे रज्ज्ज्ज्जा्आ्आ्आ्आह, ओह ओह ओह चोद मेरी गांड़, ओह आह अपनी रानी बना ले मेरे रज्ज्ज्जा, चोद हमें चोद।” हम पगला गये थे उस समय। गांड़ उछाल उछाल के लंड खाने लगा। वह मेरा लंड भी पकड़ कर हिलाता जा रहा था। मेरी छाती भी दबाता जा रहा था। हमें बड़ा ही सुख मिल रहा था। करीब पंद्रह बीस मिनट तक चोदने के बाद वह मेरी छाती को जोर से दबा कर हमसे चिपक गया। ऐसा लगा हमारी सांस रुक जाएगी। तभी ऐसा लगा कि मेरी गांड़ में पिचकारी छूटा हो। गरमागरम पानी मेरी गांड़ में फर्र फर्र छूटने लगा।
“आह ओह आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह मेरी रानी्ई्ई्ई्ई्ई, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी रंडी्ई्ई्ई्ई्ई।” कहते हुए चिपका रहा हमसे। तभी मेरा लंड भी टाईट हो गया और हम कांपने लगे। हमारे ढाई इंच लंड से भी सफेद सफेद गोंद जैसा फचफचा के कुछ निकलने लगा।
“आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह,” ऐसा लगा जैसे हम हवा में उड़ रहे हों। बहुत आनंद आ रहा था। कुछ ही सेकेंड में मेरा बदन ढीला हो गया। उधर हमारे ऊपर से रोहित भी लुढ़क गया।
“बहुत मजा आया मेरी रानी। बहुत मस्त गांड़ है रे तेरा। चोद के दिल खुश हो गया। आज से तू हमारी रानी हो गयी।” वह बहुत खुश था। हम भी जिंदगी में पहली बार इतने खुश हुए।
“हां मेरे राजा। तुम बड़े अच्छे हो। बहुत मजा आया। आज से हम तेरी रानी बन गये। बस तेरी हो गयी, अब तू हमें रंडी बना या कुत्ती बना।” हम उससे लिपट कर चूमने लगे। बड़ा प्यार आ रहा था हमें उस पर। उस दिन पहली बार गांड़ चुदवा कर जो मजा मिला कि हम फिदा हो गये उस पर।
“यह किताब हमें दे दो।” हम बोले।
“ले ले मेरी रानी, ले ले।” कहते हुए उसनें वह किताब हमारे बैग में डाल दिया। उसके बाद हम अपने कपड़े पहन कर उस खंडहर से निकले। चलने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी। गांड़ जल रहा था लेकिन फिर भी अच्छा लग रहा था। हमारी जिंदगी बदल गयी थी उस दिन। उस दिन के बाद रोहित हमको रोज उसी खंडहर में ले जा कर चोदता रहता था। धीरे धीरे यह हमारा आदत बन गया। अब बिना गांड़ चुदवाए हमको चैन नहीं मिलता था।
एक दिन रोहित स्कूल नहीं आया तो हमको बहुत खराब लग रहा था। बड़ा बेचैन था। हमको कुछ सूझ नहीं रहा था। फिर हमारी नजर सबसे पीछे बैठने वाले हमारे क्लास के ही रोहित की उमर के ही आस पास का एक लड़के शाहिद पर पड़ी। वह मुसलमान था, रोहित की तरह ही मजबूत लड़का था। वह पांच फुट लंबा काला लड़का था। वह भी हमें छेड़ने में पीछे नहीं रहता था। अंतिम पीरियड में हम भी पीछे चले गये और शाहिद के बगल में बैठ गये।
“क्या बात है चिकने। आज हमारे साथ?” वह मेरे गाल को नोचता हुआ बोला।
“हां, सोचा आज पीछे बैठ के देखें।” हम उसके जांघ पर हाथ रखते हुए बोले। वह हमको देखा और मुस्कुरा उठा।
“अबे, यहां काहे हाथ रख रहा है, यहां रख।” कहकर उसने मेरा हाथ अपने पैंट पर ठीक लंड के ऊपर रख दिया। हमनें भी बेशरम होकर पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ लिया। उसका लंड टाईट होने लगा। वह मुस्कुरा उठा।