desiaks
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अभी मैने यह कहा ही था कि किसी ने बाहर दरवाज़ा खटखटाना शुरू कर दिया, दरवाज़े की खटक-खट-हाट एक बॉम्ब की तरह हमारे दिमाग़ पर लगी और हम दोनो का चेहरा डर और ख़ौफ़ से पीला पड़ गया, चन्द लम्हे तो समझ ही मे नही आया कि क्या हुआ और क्या करूँ, फिर घबराहट और ख़ौफ़ से बिजली की तरह अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए,
मैने कपड़े पहनते हुए नजमा से कहा कि वो बिस्तर पर इस तरह लेट जाए जैसे बहुत देर से सो रही हो, इतनी देर मे दो तीन बार दरवाज़ा खटखटाया गया, मैं कपड़े पहनते ही बाहर दरवाज़ा खोलने भागा यह देखे बगैर कि नजमा क्या कर रही है, जैसे ही दरवाज़ा ख़ूला बाहर मम्मी को देख कर एकदम हक्का-बक्का रह गया, मम्मी के पूरे कपड़े मिट्टी और गंदगी से भरा हुआ था, वो दरवाज़ा ख़ूलते ही गुस्से से अंदर आते हुए बोली,
"कहाँ मर गये थे दरवाज़ा क्यूँ नही खोल रहे थे",
मुझे फ़ौरन बहाना सूझ गया और खुद भी गुस्सा देखते हुए बोला,
"आप मुझ पर क्यूँ नाराज़ हो रही हैं, अपनी लाडली (नजमा) को तो कुछ नही कहेंगी जो अभी तक सो रही है, मैं तो बाथ रूम मे था दरवाज़ा कैसे खोलता, अरे मगर यह क्या हुआ आपको, आपके कपड़े किचड और गंदगी से क्यूँ भरे हुए है",
मेरे गुस्से की आक्टिंग और फौरी बहाने ने काम कर दिखाया और मम्मी का गुस्सा भी एक दम ख़तम हो गया साथ ही उनकी तवाज्जा भी बँट गयी और वो अपने कपड़ों की तरफ देखते हुए मूँह बना कर बोली,
"अरे क्या बताऊं वॉटर पंप पर जहाँ रिक्शे(थ्री वीलर मोटर टॅक्सी) रुका था वहाँ रास्ते मे पानी और किचड था मैं उसपर फिसल कर गिर गयी थी इसी लिए तो फ़ौरन भाग कर आ गयी,"
मम्मी मुझ से यह बोल कर अपने कमरे से टवल और अपने कपड़े लिए और फ़ौरन बाथ रूम मे नहाने चली गयी, मैने अंदाज़ा लगाया कि वो बाथ रूम से आधे [½] घंटे से पहले नहीं निकलेंगी और सीधा नजमा के कमरे की तरफ भागा, वहाँ जा कर देखा कि नजमा बिस्तर की चादर बदल रही है, मुझे देख कर उसका चेहरा शरम से लाल हो गया और वो एकदम दोनो हाथों से अपना चेहरा छुपा कर फूस-फूसी आवाज़ मे बोली, "तुम जाओ मुझे बहुत शरम आरहि है"'
मैने कपड़े पहनते हुए नजमा से कहा कि वो बिस्तर पर इस तरह लेट जाए जैसे बहुत देर से सो रही हो, इतनी देर मे दो तीन बार दरवाज़ा खटखटाया गया, मैं कपड़े पहनते ही बाहर दरवाज़ा खोलने भागा यह देखे बगैर कि नजमा क्या कर रही है, जैसे ही दरवाज़ा ख़ूला बाहर मम्मी को देख कर एकदम हक्का-बक्का रह गया, मम्मी के पूरे कपड़े मिट्टी और गंदगी से भरा हुआ था, वो दरवाज़ा ख़ूलते ही गुस्से से अंदर आते हुए बोली,
"कहाँ मर गये थे दरवाज़ा क्यूँ नही खोल रहे थे",
मुझे फ़ौरन बहाना सूझ गया और खुद भी गुस्सा देखते हुए बोला,
"आप मुझ पर क्यूँ नाराज़ हो रही हैं, अपनी लाडली (नजमा) को तो कुछ नही कहेंगी जो अभी तक सो रही है, मैं तो बाथ रूम मे था दरवाज़ा कैसे खोलता, अरे मगर यह क्या हुआ आपको, आपके कपड़े किचड और गंदगी से क्यूँ भरे हुए है",
मेरे गुस्से की आक्टिंग और फौरी बहाने ने काम कर दिखाया और मम्मी का गुस्सा भी एक दम ख़तम हो गया साथ ही उनकी तवाज्जा भी बँट गयी और वो अपने कपड़ों की तरफ देखते हुए मूँह बना कर बोली,
"अरे क्या बताऊं वॉटर पंप पर जहाँ रिक्शे(थ्री वीलर मोटर टॅक्सी) रुका था वहाँ रास्ते मे पानी और किचड था मैं उसपर फिसल कर गिर गयी थी इसी लिए तो फ़ौरन भाग कर आ गयी,"
मम्मी मुझ से यह बोल कर अपने कमरे से टवल और अपने कपड़े लिए और फ़ौरन बाथ रूम मे नहाने चली गयी, मैने अंदाज़ा लगाया कि वो बाथ रूम से आधे [½] घंटे से पहले नहीं निकलेंगी और सीधा नजमा के कमरे की तरफ भागा, वहाँ जा कर देखा कि नजमा बिस्तर की चादर बदल रही है, मुझे देख कर उसका चेहरा शरम से लाल हो गया और वो एकदम दोनो हाथों से अपना चेहरा छुपा कर फूस-फूसी आवाज़ मे बोली, "तुम जाओ मुझे बहुत शरम आरहि है"'