hotaks444
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वक़्त के हाथों मजबूर--10
थोड़ी देर में रामू काका भी कुछ स्नॅक्स कोफ़ी वगेरह लेकर वहाँ पर आते हैं और राहुल और राधिका को हंसता देखकर कहते हैं.
रामू- देखा बेटी तुम्हारे कदम इस घर पर क्या पड़े, आज साहब को कितने अरसे के बाद मैने हंसते हुए देखा है.
राधिका- तो क्या जनाब कभी हंसते नही थे क्या.
रामू- हाँ मालकिन ये ड्यूटी से घर आते और खाना खाकर अपने रूम में सो जाते और सुबह फिर नाश्ता करके बाहर निकल जाते. इनका रोज़ का यही रुटीन है.
राधिका- देखिएगा रामू काका अब मैं आ गयी हूँ ना अब ट्रेन बिल्कुल पटरी पर दौड़ेगी. इतना कहकर रामू काका , राधिका और राहुल ज़ोर से हंसते हैं.
थोड़ी देर के बाद दोनो नाश्ता करते हैं. नाश्ता करने के बाद राहुल राधिका को अपने पर्सनल रूम मे ले जाता है.
राधिका- वाह!!! कितना बेहतरीन कमरा है. सब कुछ वेल फर्निश्ड. राधिका एक टक राहुल के रूम को देखने लगती हैं. वही डबल बेड के उपर राहुल की बचपन की तस्वीर थी और उसके माता पिता की भी साथ में थी. राधिका वो फोटो उठा कर देखने लगती हैं.
राहुल- ये ही हैं मेरे मोम, डॅड, इनकी रोड आक्सिडेंट में डेत हो गयी थी. तब से मैं अकेला.....................
राहुल ये शब्द आगे बोल पाता उससे पहले राधिका अपना हाथ राहुल के मूह पर रखकर चुप करा देती है. राहुल भी आगे कुछ नही बोल पाता.
राधिका- किसने कहा कि तुम दुनिया में अकेले हो. अब मैं हूँ ना तुम्हारे साथ. मेरी कसम आज के बाद तुम कभी आपने आप को अकेला मत कहना.
राहुल- ठीक है नही कहूँगा प्रॉमिस इतना कहकर राहुल राधिका का हाथ पकड़ लेता है..
राधिका- हाँ तुम मुझसे कुछ कहने चाहते थे ना अपने दिल की बात ज़रा मैं भी तो सुनू कि तुम्हारे दिल में क्या है.
राहुल- राधिका सच कहु मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा कि तुम अब मेरी हो. लग रहा है कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ. मैने तुम्हारे जिस्म से प्यार नही किया है बल्कि मैं तुम्हारी उस आत्मा को चाहता हूँ. तुम अब मेरी रूह में समा चुकी हो. राधिका ये मेरी खुसकिस्मती है कि अब तुम्हारा प्यार मेरे साथ है. जानती हो मैने एक गीत जो मैं बचपन से सुनता चला आ रहा हूँ उस गीत में मैने सिर्फ़ तुम्हें देखा हैं. वो गीत जो मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. जिसमे मैने पल पल सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें महसूस किया है.
राहुल नज़दीक में सीडी प्लेयर को ऑन करता है और एक बहुत ही पुराना गीत बजने लगता है. वो गीत है.............
चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैने सोचा था............
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था...................
जिसे राधिका भी सुनकर लगभग खो सी जाती है. जैसे ही वो गीत ख़तम होता है राहुल राधिका के एक दम नज़दीक आकर उसके हाथ अपने हाथ में लेकर चूम लेता है.
इस गीत में मैने तुम्हें पाया है. जैसी मैने कल्पना की थी सच में तुम उससे भी बढ़कर हो. और इतना कहकर राहुल राधिका को अपने सीने से लगा लेता है. कुछ देर तक वो एक दूसरे से यू ही सटे रहते हैं. फिर राधिका आगे बढ़कर अपने लब धीरे धीरे राहुल के लब से चिपका लेती है. और फिर दोनो आँख बंद कर के एक दूसरे में खोते चले जाते हैं.
राधिका धीरे धीरे राहुल के होंठो को अपने होंठो से चिपका कर ऐसे चुसती है जैसे कोई दूध पीता बच्चा अपनी मा का दूध पीता है.दोनो की धड़कनें एक दम तेज़ हो जाती है. राधिका धीरे धीरे अपने होंठ पूरा खोल देती है और राहुल भी अपने होंठ धीरे धीरे राधिका के मूह में लेकर चूस्ता है. पहले वो राधिका के उपर के लिप्स को अच्छे से चूस्ता है फिर धीरे धीरे नीचे के लिप्स को बड़े प्यार से अपने दाँत से दबाकर हल्का सा काटने लगता है. राधिका भी अब पूरी तरह से राहुल में खो जाती है. राधिका और राहुल को कोई होश ही नही रहता कि वो किस दुनिया में हैं.
फिर राधिका धीरे धीरे अपना हाथ राहुल के हाथों में देती है और फिर उसका दाया हाथ अपने हाथ में पकड़कर धीरे धीरे अपने कंधे पर रखकर अपने हाथों से उसे नीचे अपनी सीने की तरफ बढ़ाती है. राहुल का हाथ भी जैसे राधिका घुमाति है वो वैसे ही घूमता है. कुछ देर में वो राहुल का हाथ धीरे धीरे सरकाते हुए अपने लेफ्ट सीने पर रख देता है और अपने हाथ को ज़ोर से राहुल पर प्रेशर करती है.
थोड़ी देर में रामू काका भी कुछ स्नॅक्स कोफ़ी वगेरह लेकर वहाँ पर आते हैं और राहुल और राधिका को हंसता देखकर कहते हैं.
रामू- देखा बेटी तुम्हारे कदम इस घर पर क्या पड़े, आज साहब को कितने अरसे के बाद मैने हंसते हुए देखा है.
राधिका- तो क्या जनाब कभी हंसते नही थे क्या.
रामू- हाँ मालकिन ये ड्यूटी से घर आते और खाना खाकर अपने रूम में सो जाते और सुबह फिर नाश्ता करके बाहर निकल जाते. इनका रोज़ का यही रुटीन है.
राधिका- देखिएगा रामू काका अब मैं आ गयी हूँ ना अब ट्रेन बिल्कुल पटरी पर दौड़ेगी. इतना कहकर रामू काका , राधिका और राहुल ज़ोर से हंसते हैं.
थोड़ी देर के बाद दोनो नाश्ता करते हैं. नाश्ता करने के बाद राहुल राधिका को अपने पर्सनल रूम मे ले जाता है.
राधिका- वाह!!! कितना बेहतरीन कमरा है. सब कुछ वेल फर्निश्ड. राधिका एक टक राहुल के रूम को देखने लगती हैं. वही डबल बेड के उपर राहुल की बचपन की तस्वीर थी और उसके माता पिता की भी साथ में थी. राधिका वो फोटो उठा कर देखने लगती हैं.
राहुल- ये ही हैं मेरे मोम, डॅड, इनकी रोड आक्सिडेंट में डेत हो गयी थी. तब से मैं अकेला.....................
राहुल ये शब्द आगे बोल पाता उससे पहले राधिका अपना हाथ राहुल के मूह पर रखकर चुप करा देती है. राहुल भी आगे कुछ नही बोल पाता.
राधिका- किसने कहा कि तुम दुनिया में अकेले हो. अब मैं हूँ ना तुम्हारे साथ. मेरी कसम आज के बाद तुम कभी आपने आप को अकेला मत कहना.
राहुल- ठीक है नही कहूँगा प्रॉमिस इतना कहकर राहुल राधिका का हाथ पकड़ लेता है..
राधिका- हाँ तुम मुझसे कुछ कहने चाहते थे ना अपने दिल की बात ज़रा मैं भी तो सुनू कि तुम्हारे दिल में क्या है.
राहुल- राधिका सच कहु मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा कि तुम अब मेरी हो. लग रहा है कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ. मैने तुम्हारे जिस्म से प्यार नही किया है बल्कि मैं तुम्हारी उस आत्मा को चाहता हूँ. तुम अब मेरी रूह में समा चुकी हो. राधिका ये मेरी खुसकिस्मती है कि अब तुम्हारा प्यार मेरे साथ है. जानती हो मैने एक गीत जो मैं बचपन से सुनता चला आ रहा हूँ उस गीत में मैने सिर्फ़ तुम्हें देखा हैं. वो गीत जो मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. जिसमे मैने पल पल सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें महसूस किया है.
राहुल नज़दीक में सीडी प्लेयर को ऑन करता है और एक बहुत ही पुराना गीत बजने लगता है. वो गीत है.............
चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैने सोचा था............
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैने सोचा था...................
जिसे राधिका भी सुनकर लगभग खो सी जाती है. जैसे ही वो गीत ख़तम होता है राहुल राधिका के एक दम नज़दीक आकर उसके हाथ अपने हाथ में लेकर चूम लेता है.
इस गीत में मैने तुम्हें पाया है. जैसी मैने कल्पना की थी सच में तुम उससे भी बढ़कर हो. और इतना कहकर राहुल राधिका को अपने सीने से लगा लेता है. कुछ देर तक वो एक दूसरे से यू ही सटे रहते हैं. फिर राधिका आगे बढ़कर अपने लब धीरे धीरे राहुल के लब से चिपका लेती है. और फिर दोनो आँख बंद कर के एक दूसरे में खोते चले जाते हैं.
राधिका धीरे धीरे राहुल के होंठो को अपने होंठो से चिपका कर ऐसे चुसती है जैसे कोई दूध पीता बच्चा अपनी मा का दूध पीता है.दोनो की धड़कनें एक दम तेज़ हो जाती है. राधिका धीरे धीरे अपने होंठ पूरा खोल देती है और राहुल भी अपने होंठ धीरे धीरे राधिका के मूह में लेकर चूस्ता है. पहले वो राधिका के उपर के लिप्स को अच्छे से चूस्ता है फिर धीरे धीरे नीचे के लिप्स को बड़े प्यार से अपने दाँत से दबाकर हल्का सा काटने लगता है. राधिका भी अब पूरी तरह से राहुल में खो जाती है. राधिका और राहुल को कोई होश ही नही रहता कि वो किस दुनिया में हैं.
फिर राधिका धीरे धीरे अपना हाथ राहुल के हाथों में देती है और फिर उसका दाया हाथ अपने हाथ में पकड़कर धीरे धीरे अपने कंधे पर रखकर अपने हाथों से उसे नीचे अपनी सीने की तरफ बढ़ाती है. राहुल का हाथ भी जैसे राधिका घुमाति है वो वैसे ही घूमता है. कुछ देर में वो राहुल का हाथ धीरे धीरे सरकाते हुए अपने लेफ्ट सीने पर रख देता है और अपने हाथ को ज़ोर से राहुल पर प्रेशर करती है.