desiaks
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पायल की बात समझते हुए रहेश झट से उर्मिला को ज़मीन पर बिठा देता है और एक पैर रसोई के शेल्फ पर रख कर दुसरे पिअर का घुटना मोड़ के लंड उसके मुहँ में डाल देता है. रमेश अपनी कमर हिलाते हुए उर्मिला के मुहँ को जोर जोर से चोदने लगता है जैसे उसकी बूर चोद रहा हो.
उधर सोनू पायल की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर पायल के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.
पायल : उफ़ सोनू...!!
सोनू अब अपनी जीभ को पायल के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू पायल की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. पायल को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. पायल पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पायल के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा पायल की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे पायल की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. पायल दर्द से चिल्ला उठती है...
पायल : हाय रे बहनचोद.....ये क्या कर रहा है?
सोनू पायल के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. पायल एक बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है. पायल का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में पायल का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.
पायल : ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?
सोनू : (डरता हुआ) अ..अ...आई एम सॉरी दीदी....अब नहीं करूँगा...
पायल : (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना...दर्द होता है...
पायल अब सीधा हो कर लेट जाती है...
पायल : अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे ..."भैया" ?
पायल के मुहँ से "भैया" सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.
सोनू : ओह दीदी...मेरी प्यारी दीदी.... (बोलता हुआ पायल के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)
अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर पायल के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए पायल की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. पायल सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा पायल के मुहँ में पा रहा था.
उधर बाबूजी उर्मिला के मुहँ में अपना मोटा लंड सटा-सट अन्दर बाहर कर रहे है. ऐसा तो शायद बाबूजी ने कभी किसी बूर की भी चुदाई नहीं की होगी जैसी आज वो उर्मिला के मुहँ की कर रहे थे. बाबूजी की कमर को पकडे उर्मिला भी उनके लंड से अपना मुहँ चुदवा रही थी.
रमेश : हाय बहुरानी...!! तेरा मुहँ बहुत मज़ा दे रहा है. बीच बीच में जो तू मेरे टोपे पर अपनी जीभ घुमा देती है ...वाह...!! दिल करता है की अपनी बहूँ को यहीं पटक के उसकी बूर चोद दूँ...
उर्मिला : (लंड से मुहँ हटा के)हाँ बाबूजी...जरुर चोदीयेगा ..... (फिर से लंड मुहँ में ले कर चुदवाना शुरू कर देती है)
रमेश : हाँ बहु....और वो पायल भी खूब चुदेगी एक दिन मुझसे....अपने बड़े-बड़े दूध लिए घर में जो "पापा-पापा" करते हुए घुमती है ना....एक दिन पापा पकड़ के उसकी बूर चोद लेंगे...
रमेश अपने होश खो कर अनाप-शनाप बोले जा रहा था जिसका मजा उर्मिला पूरा उठा रही थी.
उर्मिला : (लंड निकल कर) हाँ बाबूजी...एक दम कसी हुई बूर है पायल की....लंड डालोगे तो कसावट के साथ धीरे-धीरे जायेगा अन्दर....
उर्मिला की उस बात ने रमेश के लंड में जोश भर दिया. वो अब पूरे जोश में उर्मिला का मुहँ चोदने लगता है.
रमेश : अरे...मेरी पायल की बूर....आह्ह्ह....!! कितनी भी...आह...कसी हुई...हो..! पापा का मोटा...लंड...पूरी फैला देगा...आह्ह्ह्ह....!!!
इतना कहते ही रमेश के लंड से गाड़े सफ़ेद पानी की पिचकारिया उर्मिला के मुहँ के अन्दर छुटने लगती है. उर्मिला एक ही सांस में सारा पानी पीने लगती है. बाबूजी अपने लंड को पकडे सारा पानी उर्मिला के मुहँ में निचोड़ने लगते है. कुछ ही क्षण में एक-एक बूँद उर्मिला के मुहँ में गिराने के बाद बाबूजी अपना लंड बाहर निकाल लेते है.
रमेश : बहु...बहहुत मज़ा आया. अब बताओ अपनी बूर कब दे रही हो?
उर्मिला : जल्द ही दूंगी बाबूजी. जब कोई रोकने-टोकने वाला ना हो तो आप मेरी बूर में अच्छे से लंड पेल देना. अब आप जाइये बाबूजी...मम्मी जी कभी भी उठ सकती है.
रमेश : हाँ बहु...अब मुझे चलना चाहिए...
अपनी धोती ठीक करते हुए बाबूजी वहां से चल जाते है और उर्मिला भी अपना मुहँ पोंछ कर काम में लग जाती है.
उधर सोनू पायल के मुहँ की जम के चुदाई कर रहा है. उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड पायल के मुहँ से निकाला तो पायल ने धीरे से कह दिया, "ओह मेरे भैया". इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से पायल के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से "ओह मेरी बहना" निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड पायल के मुहँ से बाहर निकालता तो पायल "ओह मेरे भैया" कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो "ओह मेरी बहना" कह देता. ६-७ बार दोनों इस "भैया" और "बहना" के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही "ओह मेरी बहना" कह कर लंड ठूंसता है, पायल दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है. सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. पायल की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े पायल उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. पायल उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे पायल के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.
दोनों भाई-बहन एक दुसरे को देख रहे है. सोनू की आखों में देखते हुए पायल धीरे से कहती है, "भैया मेरे....राखी के बंधन को निभाना". सोनू भी पायल को प्यार से देखने लगता है. दोनों एक दुसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देख रहे है और आने वाले रक्षाबंधन के भाई-बहन के प्यार के सपनो को संजोने लगते है.
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उधर सोनू पायल की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर पायल के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.
पायल : उफ़ सोनू...!!
सोनू अब अपनी जीभ को पायल के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू पायल की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. पायल को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. पायल पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पायल के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा पायल की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे पायल की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. पायल दर्द से चिल्ला उठती है...
पायल : हाय रे बहनचोद.....ये क्या कर रहा है?
सोनू पायल के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. पायल एक बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है. पायल का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में पायल का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.
पायल : ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?
सोनू : (डरता हुआ) अ..अ...आई एम सॉरी दीदी....अब नहीं करूँगा...
पायल : (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना...दर्द होता है...
पायल अब सीधा हो कर लेट जाती है...
पायल : अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे ..."भैया" ?
पायल के मुहँ से "भैया" सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.
सोनू : ओह दीदी...मेरी प्यारी दीदी.... (बोलता हुआ पायल के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)
अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर पायल के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए पायल की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. पायल सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा पायल के मुहँ में पा रहा था.
उधर बाबूजी उर्मिला के मुहँ में अपना मोटा लंड सटा-सट अन्दर बाहर कर रहे है. ऐसा तो शायद बाबूजी ने कभी किसी बूर की भी चुदाई नहीं की होगी जैसी आज वो उर्मिला के मुहँ की कर रहे थे. बाबूजी की कमर को पकडे उर्मिला भी उनके लंड से अपना मुहँ चुदवा रही थी.
रमेश : हाय बहुरानी...!! तेरा मुहँ बहुत मज़ा दे रहा है. बीच बीच में जो तू मेरे टोपे पर अपनी जीभ घुमा देती है ...वाह...!! दिल करता है की अपनी बहूँ को यहीं पटक के उसकी बूर चोद दूँ...
उर्मिला : (लंड से मुहँ हटा के)हाँ बाबूजी...जरुर चोदीयेगा ..... (फिर से लंड मुहँ में ले कर चुदवाना शुरू कर देती है)
रमेश : हाँ बहु....और वो पायल भी खूब चुदेगी एक दिन मुझसे....अपने बड़े-बड़े दूध लिए घर में जो "पापा-पापा" करते हुए घुमती है ना....एक दिन पापा पकड़ के उसकी बूर चोद लेंगे...
रमेश अपने होश खो कर अनाप-शनाप बोले जा रहा था जिसका मजा उर्मिला पूरा उठा रही थी.
उर्मिला : (लंड निकल कर) हाँ बाबूजी...एक दम कसी हुई बूर है पायल की....लंड डालोगे तो कसावट के साथ धीरे-धीरे जायेगा अन्दर....
उर्मिला की उस बात ने रमेश के लंड में जोश भर दिया. वो अब पूरे जोश में उर्मिला का मुहँ चोदने लगता है.
रमेश : अरे...मेरी पायल की बूर....आह्ह्ह....!! कितनी भी...आह...कसी हुई...हो..! पापा का मोटा...लंड...पूरी फैला देगा...आह्ह्ह्ह....!!!
इतना कहते ही रमेश के लंड से गाड़े सफ़ेद पानी की पिचकारिया उर्मिला के मुहँ के अन्दर छुटने लगती है. उर्मिला एक ही सांस में सारा पानी पीने लगती है. बाबूजी अपने लंड को पकडे सारा पानी उर्मिला के मुहँ में निचोड़ने लगते है. कुछ ही क्षण में एक-एक बूँद उर्मिला के मुहँ में गिराने के बाद बाबूजी अपना लंड बाहर निकाल लेते है.
रमेश : बहु...बहहुत मज़ा आया. अब बताओ अपनी बूर कब दे रही हो?
उर्मिला : जल्द ही दूंगी बाबूजी. जब कोई रोकने-टोकने वाला ना हो तो आप मेरी बूर में अच्छे से लंड पेल देना. अब आप जाइये बाबूजी...मम्मी जी कभी भी उठ सकती है.
रमेश : हाँ बहु...अब मुझे चलना चाहिए...
अपनी धोती ठीक करते हुए बाबूजी वहां से चल जाते है और उर्मिला भी अपना मुहँ पोंछ कर काम में लग जाती है.
उधर सोनू पायल के मुहँ की जम के चुदाई कर रहा है. उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड पायल के मुहँ से निकाला तो पायल ने धीरे से कह दिया, "ओह मेरे भैया". इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से पायल के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से "ओह मेरी बहना" निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड पायल के मुहँ से बाहर निकालता तो पायल "ओह मेरे भैया" कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो "ओह मेरी बहना" कह देता. ६-७ बार दोनों इस "भैया" और "बहना" के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही "ओह मेरी बहना" कह कर लंड ठूंसता है, पायल दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है. सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. पायल की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े पायल उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. पायल उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे पायल के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.
दोनों भाई-बहन एक दुसरे को देख रहे है. सोनू की आखों में देखते हुए पायल धीरे से कहती है, "भैया मेरे....राखी के बंधन को निभाना". सोनू भी पायल को प्यार से देखने लगता है. दोनों एक दुसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देख रहे है और आने वाले रक्षाबंधन के भाई-बहन के प्यार के सपनो को संजोने लगते है.
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