hotaks444
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"अरमान...."इस नाम ने वहाँ बाइक स्टॅंड पर बैठे सभी लोगो की ज़िंदगी मे खलबली मचा कर रखी थी....उन सबको ये हजम नही हो रहा था कि कल का आया हुआ लौंडा उनकी छमियो के साथ ऐसा बर्ताव करे.....वरुण अपने बाइक पर टेक दिए किसी शानशाह की तरह बैठा हुआ था, लेकिन उस वक़्त उसे ये नही मालूम था कि आज उसकी शानशाह की गद्दी ज़मीन मे गिरने वाली थी......
"औन, कम वित मी ,बिग्गेस्ट चूतियास ऑफ दिस कॉलेज यहाँ बैठे है अपनी गान्ड पसार कर...बहन के लोडो जाकर पढ़ाई करो ,वरना इस साल भी फैल हो जाओगे....."मैने बोला और जोश - जोश मे अरुण भी बोल पड़ा "और तू वरुण, साले तुझसे बड़ा गधा मैने अपनी पूरी ज़िंदगी मे नही देखा, साले तुझे शरम नही आती क्या जो 7 साल से फैल होता आ रहा है, बक्चोद ,म्सी ,बीसी, फ्सी, ए टू Z सी"
"ये सब मुझसे बोल रहा है क्या..."वरुण एक झटके मे खड़ा हो गया,
मैं जानता था कि अब यदि उसने मुझे धर लिया तो ज़िंदा नही छोड़ेगा..लेकिन मैं क्या करता रिस्क तो लेना ही था क्यूंकी ये सब हमारे प्लान का हिस्सा था और वैसे भी एमरान हाशमी ने कहा है कि जो रिस्क नही लेता उसका सबकुछ रिस्की हो जाता है.....
" वरुण ,तू एक बात बता ,तू हर साल फैल हो जाता है तो तेरे घरवाले तुझे गालियाँ नही देते क्या, साले तेरी शादी के लिए जब लड़कीवाले आएँगे तब तू क्या बोलेगा कि तूने 8 साल इंजिनियरिंग की लेकिन फिर भी इज़ीनियरिंग. कंप्लीट नही कर पाया....अबे चोदु एन्वाइरन्मेंट जैसे सब्जेक्ट मे तू फैल हुआ है , उस सब्जेक्ट मे तो अगर मैं दाए की बजाए बाए हाथ से भी लिखता तो पास हो जाता...."
अरुण लगातार वरुण के सर पर डंडे मारे जा रहा था और उसका असर भी वरुण पर होने लगा था , वो अपने दोस्तो के साथ गुस्से से मेरी तरफ भागा, और वहाँ मैं और अरुण भी भाग दिए.....मैं और अरुण आगे और वरुण और उसके दोस्त पीछे थे,...
"यार अरुण यदि , सीडार भाई वाला प्लान काम नही किया तो..."
"अबे डरा मत, तेरे चक्कर मे आके मैने भी वरुण को इतनी गालियाँ दे दी है कि, अब वो मुझे भी ज़िंदा नही छोड़ेगा...."
"चल और तेज भाग ,वरना ये साले पकड़ लेंगे...."
भागते-भागते मैं और अरुण ठीक उसी ग्राउंड पर पहुचे जहाँ कुछ दिनो पहले मेरी इज़्ज़त की खाल उतारी गयी थी....वहाँ ग्राउंड पर पहुच कर हम दोनो रुक गये.....
"ला तो बे, बात देना...आज इसकी सारी चर्बी उतार देता हूँ, बीसी हमसे पंगा लेगा...."
"सब मेरे पैर पकड़ कर माफी माँग लो, वरना ऐसी पेलाइ होगी कि महीनो मूठ मारने के काबिल नही रहोगे....."
सबसे पहले वरुण आगे बढ़ा लेकिन तभी सीडार पूरे हॉस्टिल वालो को लेकर वहाँ आ पहुचा जिन्हे देखकर वरुण और उसके दोस्त की हालत खराब हो गयी....मेरी तरफ बढ़ते हुए वरुण के कदम वही रुक गये और वो कभी मेरी तरफ देखता तो कभी सीडार की तरफ तो कभी हॉस्टिल के लड़को की तरफ.....
"तुझे बोला था ना, अपनी औकात मे रहना...."सीडार ने आते ही एक लात वरुण को जमा दी....
"सीडार, ये तेरा मामला नही है..."
"क्या बोला था मैने....हॉस्टिल वालो को हाथ तक मत लगा देना, लेकिन तू नही माना...."
"अबे ओये सीडार....आज इतने सारे लौन्डे तेरे साथ है इसीलिए उचक रहा है....भूल मत मैं तेरा सूपर सीनियर हूँ...."
"बीसी बोलता बहुत है....."ना जाने अरुण को क्या हुआ और उसने एक थप्पड़ वरुण के गाल पर धर दिया"उस दिन बाइक स्टॅंड का हिसाब चुकता हुआ..."
"अबे देख क्या रहे हो, मारो सालो को..."वरुण ने वहाँ मौजूद अपने दोस्तो से कहा....
वरुण और उसके दोस्त हमसे भीड़ पड़े, लेकिन हम उनसे कयि गुना ज़्यादा थे इसलिए चन्द मिनट मे ही हमने उन सबको बुरी तरह मारा, लात से, हाथ से उन सबको फूटबाल की तरह धोया और कुछ देर मे ही वरुण और उसके दोस्त ज़मीन पर लेटे कराह रहे थे......
"क्या हाल है गधे..."जहाँ वरुण लेटा हुआ था, उसके पास जाकर मैने कहा और पूरी ताक़त के साथ एक झापड़ उसके गाल पर दे मारा....साला क्या पॉवर थी उसके गाल पर खून जम गया....और उसका फेस रंग बिरंगा हो गया, एक तरफ का गाल सफेद तो दूसरी तरफ का एक दम लाल......
"चल पुश अप कर...."आराम से वहाँ बैठकर मैने वरुण से कहा.....
"आइ कॅन'ट..."रोते हुए उसने कहा....
"आ जाओ भाई लोग...."
आज भी वही होने वाला था जो कुछ दिन पहले इसी ग्राउंड पर हुआ था ,लेकिन फरक सिर्फ़ इतना सा था कि आज ग्राउंड पर मेरी जगह मुझे लिटाने वाला लेटा हुआ था और उसके उपर कूदने की बारी मेरी थी....और यदि टेक्निकल लॅंग्वेज मे बोला जाए तो इसे "थियरी ऑफ रेलेटिविटी ऑर फ्रेम ऑफ रेफरेन्स "भी कह सकते है ,
"सॉरी...."वरुण ने मरी सी आवाज़ मे कहा, उस दिन की तरह ही आज उसके मुँह से खून निकल रहा था...उस दिन की तरह ही आज उसका शरीर वहाँ की धूल मे सना हुआ था....
"रुक क्यूँ गये सब पेलो सबको...आख़िर थियरी ऑफ रेलेटिविटी का प्रिन्सिपल जो प्रूव करना है...."
"तुझे छोड़ूँगा नही..."
"सॉरी वरुण सर, आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते....मार तो आपको ही खाना पड़ेगा "
"मैं चलता हूँ, नेक्स्ट क्लास अटेंड करनी है..."सीडार भाई ने अपनी घड़ी मे देखते हुए कहा और अपने कपड़े को ठीक किया...
"पर अभी तो रिसेस ख़तम होने मे बहुत टाइम है...."
"होड ने आज पहले बुलाया है, मैं चलता हूँ , तुम लोग ऐश करो...."इतना कहकर सीडार वहाँ से चला गया....
"बीसी , रुक क्यूँ गया , पुश अप कर..."पिछवाड़े पर एक ज़ोर की लात मारकर मैने वरुण से कहा, और मेरी देखा सीखी मे बाकियो के भी पिछवाड़े पर लात पड़े.....
"बस , अब और नही...."हान्फते हुए वरुण बोला....
वरुण के दोस्त तो कब के सरेंडर कर चुके थे और उन सबका मार खा के बुरा हाल भी था, उन सबकी हालत देख कर मन मे आया की छोड़ दूं, लेकिन तभी अरुण मेरे पास आया और मेरे कान मे कुछ ऐसा कहा ,जिसे सुनकर मैं फ़ौरन वरुण के पास पहुचा....
"चल जल्दी कर अभी 100 बार और उपर नीचे होना है...."
"ना, अब हिम्मत नही है..."पसीने से भीगा हुआ वरुण ज़मीन पर लेट गया और लंभी लंभी साँसे लेने लगा....
"एक शर्त मे छोड़ूँगा तुझे..."
"हहाआंन्न...."
"उन पाँचो चुदैलो को यहा कॉल करके बुला...."
मेरा अंदेशा जानकार वरुण ने सॉफ मना कर दिया और उसी वक़्त अरुण ने पास पड़ा हुआ एक मोटा सा डंडा उठाकर वरुण के सर पर निशाना लगाया और ज़ोर से डंडे को उसके सर पर ना मारकर ज़मीन पर दे मारा....वरुण ने सोचा कि अरुण उसे मारने वाला है ,इसीलिए वो ज़ोर से चिल्लाता हुआ बोला कि वो तैयार है उन पाँचो चुदैलो को यहा बुलाने के लिए......
"पानी दो वरुण सर को...."वरुण जब हान्फते हुए उठकर वहाँ बैठा तब मैने अपने ही क्लास वाले एक लड़के से कहा और भीड़ की झुंड मे से किसी ने बोला कि वरुण को पानी नही अपना मूत पिला दे....खैर मैने ऐसा कुछ भी नही किया और वरुण को बोतल वाला पानी ही पिलाया.....
"विभा, कहाँ हो...."वरुण ने विभा को कॉल किया और मैने उसे लाउडस्पिकर ऑन करने का इशारा किया...
"कब से ढूँढ रही हूँ तुझे....चूत मे खुज़ली हो रही है...कहाँ हो तुम...."
"ग़ज़ब...."मैं धीरे से बोला और सबको इशारा किया कि कोई नही हँसेगा.....
"मैं, वो ग्राउंड पर हूँ...."वरुण मेरी तरफ देखते हुए विभा से बोला"यहीं आ जाओ..."
"उसी ग्राउंड पर ना जहाँ कुछ दिन पहले हमने फर्स्ट एअर के एक लड़के की रॅगिंग ली थी...."
मोबाइल का लाउडस्पिकर अब भी ऑन था और मैं सब कुछ सुन रहा था, "आजा चुड़ैल , तू आजा एक बार "मैने खुद से बोला....
"हाँ, उसी ग्राउंड पर मैं हूँ..."
" ,यहाँ मेरी चूत जली जा रही है और तुम वहाँ क्या कर रहे हो....तुमने तो कहा था कि रिसेस मे बाइक स्टॅंड पर मिलना, और जब मैं वहाँ पहुचि तो ना तो तुम वहाँ थे और ना ही तुम्हारा कोई दोस्त...."
"तू अपनी चूत मे उंगली डाल और सीधे ग्राउंड पहुच...वरना बहुत बुरी तरह गान्ड मारूँगा अगली बार....समझी"
"ओके , आइ आम कमिंग...कॉंडम है ना इस बार, याद है लास्ट टाइम बहुत प्राब्लम हुई थी..."
"सब है, तू आजा जल्दी से..."
"फ्लेवर कौन सा है, आइ लाइक स्ट्रॉबेरी वाला कॉंडम...."
वरुण ने अपना सर पीटकर कॉल डिसकनेक्ट कर दी और फिर मेरी तरफ देखने लगा, जाने उसे ऐसा क्यूँ लगने लगा कि मैं उसे और उसकी महबूबा को वहाँ से सही-सलामत जाने दूँगा.... हम मे से सभी सीनियर्स वहाँ से चले गये और ग्राउंड पर उस वक़्त फर्स्ट एअर के 20-25 लड़के मौजूद थे....हम सब अलग-अलग जगह पर छिप गये थे और वरुण को वापस से पुश अप करने के लिए बोल दिया था और उसे ये भी बोला था कि यदि वो इस बीच कहीं रुका तो हम सब उसे पागल कुत्ता समझ कर उसपर पत्थर फेकेंगे....
"वरुण..व्हाट दा फक ?"अपनी स्कूटी से उतरकर विभा ,वरुण की तरफ भागी और उसी बीच मैं बाहर निकला और वरुण के पास खड़े हो गया....
"सुन बे झक़लेट , यदि तू एक पल्स के लिए भी रुका तो सब के सब मिलकर मारेंगे तुझे...ना ही रुकना और ना ही कुछ बोलना...."मैं धीरे से बोला...
विभा जब वरुण और मेरे एकदम करीब आ गयी तो मैने अपना दाया पैर उठाया और पुश अप कर रहे वरुण के उपर रख दिया,...,जिससे वरुण रुक गया.
"आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते, अब उपर उठे हो तो नीचे तो जाना पड़ेगा ड्यू टू ग्रॅविटी..."वरुण के पीठ पर पाँव से दबाव बना कर मैने कहा......
"औन, कम वित मी ,बिग्गेस्ट चूतियास ऑफ दिस कॉलेज यहाँ बैठे है अपनी गान्ड पसार कर...बहन के लोडो जाकर पढ़ाई करो ,वरना इस साल भी फैल हो जाओगे....."मैने बोला और जोश - जोश मे अरुण भी बोल पड़ा "और तू वरुण, साले तुझसे बड़ा गधा मैने अपनी पूरी ज़िंदगी मे नही देखा, साले तुझे शरम नही आती क्या जो 7 साल से फैल होता आ रहा है, बक्चोद ,म्सी ,बीसी, फ्सी, ए टू Z सी"
"ये सब मुझसे बोल रहा है क्या..."वरुण एक झटके मे खड़ा हो गया,
मैं जानता था कि अब यदि उसने मुझे धर लिया तो ज़िंदा नही छोड़ेगा..लेकिन मैं क्या करता रिस्क तो लेना ही था क्यूंकी ये सब हमारे प्लान का हिस्सा था और वैसे भी एमरान हाशमी ने कहा है कि जो रिस्क नही लेता उसका सबकुछ रिस्की हो जाता है.....
" वरुण ,तू एक बात बता ,तू हर साल फैल हो जाता है तो तेरे घरवाले तुझे गालियाँ नही देते क्या, साले तेरी शादी के लिए जब लड़कीवाले आएँगे तब तू क्या बोलेगा कि तूने 8 साल इंजिनियरिंग की लेकिन फिर भी इज़ीनियरिंग. कंप्लीट नही कर पाया....अबे चोदु एन्वाइरन्मेंट जैसे सब्जेक्ट मे तू फैल हुआ है , उस सब्जेक्ट मे तो अगर मैं दाए की बजाए बाए हाथ से भी लिखता तो पास हो जाता...."
अरुण लगातार वरुण के सर पर डंडे मारे जा रहा था और उसका असर भी वरुण पर होने लगा था , वो अपने दोस्तो के साथ गुस्से से मेरी तरफ भागा, और वहाँ मैं और अरुण भी भाग दिए.....मैं और अरुण आगे और वरुण और उसके दोस्त पीछे थे,...
"यार अरुण यदि , सीडार भाई वाला प्लान काम नही किया तो..."
"अबे डरा मत, तेरे चक्कर मे आके मैने भी वरुण को इतनी गालियाँ दे दी है कि, अब वो मुझे भी ज़िंदा नही छोड़ेगा...."
"चल और तेज भाग ,वरना ये साले पकड़ लेंगे...."
भागते-भागते मैं और अरुण ठीक उसी ग्राउंड पर पहुचे जहाँ कुछ दिनो पहले मेरी इज़्ज़त की खाल उतारी गयी थी....वहाँ ग्राउंड पर पहुच कर हम दोनो रुक गये.....
"ला तो बे, बात देना...आज इसकी सारी चर्बी उतार देता हूँ, बीसी हमसे पंगा लेगा...."
"सब मेरे पैर पकड़ कर माफी माँग लो, वरना ऐसी पेलाइ होगी कि महीनो मूठ मारने के काबिल नही रहोगे....."
सबसे पहले वरुण आगे बढ़ा लेकिन तभी सीडार पूरे हॉस्टिल वालो को लेकर वहाँ आ पहुचा जिन्हे देखकर वरुण और उसके दोस्त की हालत खराब हो गयी....मेरी तरफ बढ़ते हुए वरुण के कदम वही रुक गये और वो कभी मेरी तरफ देखता तो कभी सीडार की तरफ तो कभी हॉस्टिल के लड़को की तरफ.....
"तुझे बोला था ना, अपनी औकात मे रहना...."सीडार ने आते ही एक लात वरुण को जमा दी....
"सीडार, ये तेरा मामला नही है..."
"क्या बोला था मैने....हॉस्टिल वालो को हाथ तक मत लगा देना, लेकिन तू नही माना...."
"अबे ओये सीडार....आज इतने सारे लौन्डे तेरे साथ है इसीलिए उचक रहा है....भूल मत मैं तेरा सूपर सीनियर हूँ...."
"बीसी बोलता बहुत है....."ना जाने अरुण को क्या हुआ और उसने एक थप्पड़ वरुण के गाल पर धर दिया"उस दिन बाइक स्टॅंड का हिसाब चुकता हुआ..."
"अबे देख क्या रहे हो, मारो सालो को..."वरुण ने वहाँ मौजूद अपने दोस्तो से कहा....
वरुण और उसके दोस्त हमसे भीड़ पड़े, लेकिन हम उनसे कयि गुना ज़्यादा थे इसलिए चन्द मिनट मे ही हमने उन सबको बुरी तरह मारा, लात से, हाथ से उन सबको फूटबाल की तरह धोया और कुछ देर मे ही वरुण और उसके दोस्त ज़मीन पर लेटे कराह रहे थे......
"क्या हाल है गधे..."जहाँ वरुण लेटा हुआ था, उसके पास जाकर मैने कहा और पूरी ताक़त के साथ एक झापड़ उसके गाल पर दे मारा....साला क्या पॉवर थी उसके गाल पर खून जम गया....और उसका फेस रंग बिरंगा हो गया, एक तरफ का गाल सफेद तो दूसरी तरफ का एक दम लाल......
"चल पुश अप कर...."आराम से वहाँ बैठकर मैने वरुण से कहा.....
"आइ कॅन'ट..."रोते हुए उसने कहा....
"आ जाओ भाई लोग...."
आज भी वही होने वाला था जो कुछ दिन पहले इसी ग्राउंड पर हुआ था ,लेकिन फरक सिर्फ़ इतना सा था कि आज ग्राउंड पर मेरी जगह मुझे लिटाने वाला लेटा हुआ था और उसके उपर कूदने की बारी मेरी थी....और यदि टेक्निकल लॅंग्वेज मे बोला जाए तो इसे "थियरी ऑफ रेलेटिविटी ऑर फ्रेम ऑफ रेफरेन्स "भी कह सकते है ,
"सॉरी...."वरुण ने मरी सी आवाज़ मे कहा, उस दिन की तरह ही आज उसके मुँह से खून निकल रहा था...उस दिन की तरह ही आज उसका शरीर वहाँ की धूल मे सना हुआ था....
"रुक क्यूँ गये सब पेलो सबको...आख़िर थियरी ऑफ रेलेटिविटी का प्रिन्सिपल जो प्रूव करना है...."
"तुझे छोड़ूँगा नही..."
"सॉरी वरुण सर, आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते....मार तो आपको ही खाना पड़ेगा "
"मैं चलता हूँ, नेक्स्ट क्लास अटेंड करनी है..."सीडार भाई ने अपनी घड़ी मे देखते हुए कहा और अपने कपड़े को ठीक किया...
"पर अभी तो रिसेस ख़तम होने मे बहुत टाइम है...."
"होड ने आज पहले बुलाया है, मैं चलता हूँ , तुम लोग ऐश करो...."इतना कहकर सीडार वहाँ से चला गया....
"बीसी , रुक क्यूँ गया , पुश अप कर..."पिछवाड़े पर एक ज़ोर की लात मारकर मैने वरुण से कहा, और मेरी देखा सीखी मे बाकियो के भी पिछवाड़े पर लात पड़े.....
"बस , अब और नही...."हान्फते हुए वरुण बोला....
वरुण के दोस्त तो कब के सरेंडर कर चुके थे और उन सबका मार खा के बुरा हाल भी था, उन सबकी हालत देख कर मन मे आया की छोड़ दूं, लेकिन तभी अरुण मेरे पास आया और मेरे कान मे कुछ ऐसा कहा ,जिसे सुनकर मैं फ़ौरन वरुण के पास पहुचा....
"चल जल्दी कर अभी 100 बार और उपर नीचे होना है...."
"ना, अब हिम्मत नही है..."पसीने से भीगा हुआ वरुण ज़मीन पर लेट गया और लंभी लंभी साँसे लेने लगा....
"एक शर्त मे छोड़ूँगा तुझे..."
"हहाआंन्न...."
"उन पाँचो चुदैलो को यहा कॉल करके बुला...."
मेरा अंदेशा जानकार वरुण ने सॉफ मना कर दिया और उसी वक़्त अरुण ने पास पड़ा हुआ एक मोटा सा डंडा उठाकर वरुण के सर पर निशाना लगाया और ज़ोर से डंडे को उसके सर पर ना मारकर ज़मीन पर दे मारा....वरुण ने सोचा कि अरुण उसे मारने वाला है ,इसीलिए वो ज़ोर से चिल्लाता हुआ बोला कि वो तैयार है उन पाँचो चुदैलो को यहा बुलाने के लिए......
"पानी दो वरुण सर को...."वरुण जब हान्फते हुए उठकर वहाँ बैठा तब मैने अपने ही क्लास वाले एक लड़के से कहा और भीड़ की झुंड मे से किसी ने बोला कि वरुण को पानी नही अपना मूत पिला दे....खैर मैने ऐसा कुछ भी नही किया और वरुण को बोतल वाला पानी ही पिलाया.....
"विभा, कहाँ हो...."वरुण ने विभा को कॉल किया और मैने उसे लाउडस्पिकर ऑन करने का इशारा किया...
"कब से ढूँढ रही हूँ तुझे....चूत मे खुज़ली हो रही है...कहाँ हो तुम...."
"ग़ज़ब...."मैं धीरे से बोला और सबको इशारा किया कि कोई नही हँसेगा.....
"मैं, वो ग्राउंड पर हूँ...."वरुण मेरी तरफ देखते हुए विभा से बोला"यहीं आ जाओ..."
"उसी ग्राउंड पर ना जहाँ कुछ दिन पहले हमने फर्स्ट एअर के एक लड़के की रॅगिंग ली थी...."
मोबाइल का लाउडस्पिकर अब भी ऑन था और मैं सब कुछ सुन रहा था, "आजा चुड़ैल , तू आजा एक बार "मैने खुद से बोला....
"हाँ, उसी ग्राउंड पर मैं हूँ..."
" ,यहाँ मेरी चूत जली जा रही है और तुम वहाँ क्या कर रहे हो....तुमने तो कहा था कि रिसेस मे बाइक स्टॅंड पर मिलना, और जब मैं वहाँ पहुचि तो ना तो तुम वहाँ थे और ना ही तुम्हारा कोई दोस्त...."
"तू अपनी चूत मे उंगली डाल और सीधे ग्राउंड पहुच...वरना बहुत बुरी तरह गान्ड मारूँगा अगली बार....समझी"
"ओके , आइ आम कमिंग...कॉंडम है ना इस बार, याद है लास्ट टाइम बहुत प्राब्लम हुई थी..."
"सब है, तू आजा जल्दी से..."
"फ्लेवर कौन सा है, आइ लाइक स्ट्रॉबेरी वाला कॉंडम...."
वरुण ने अपना सर पीटकर कॉल डिसकनेक्ट कर दी और फिर मेरी तरफ देखने लगा, जाने उसे ऐसा क्यूँ लगने लगा कि मैं उसे और उसकी महबूबा को वहाँ से सही-सलामत जाने दूँगा.... हम मे से सभी सीनियर्स वहाँ से चले गये और ग्राउंड पर उस वक़्त फर्स्ट एअर के 20-25 लड़के मौजूद थे....हम सब अलग-अलग जगह पर छिप गये थे और वरुण को वापस से पुश अप करने के लिए बोल दिया था और उसे ये भी बोला था कि यदि वो इस बीच कहीं रुका तो हम सब उसे पागल कुत्ता समझ कर उसपर पत्थर फेकेंगे....
"वरुण..व्हाट दा फक ?"अपनी स्कूटी से उतरकर विभा ,वरुण की तरफ भागी और उसी बीच मैं बाहर निकला और वरुण के पास खड़े हो गया....
"सुन बे झक़लेट , यदि तू एक पल्स के लिए भी रुका तो सब के सब मिलकर मारेंगे तुझे...ना ही रुकना और ना ही कुछ बोलना...."मैं धीरे से बोला...
विभा जब वरुण और मेरे एकदम करीब आ गयी तो मैने अपना दाया पैर उठाया और पुश अप कर रहे वरुण के उपर रख दिया,...,जिससे वरुण रुक गया.
"आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते, अब उपर उठे हो तो नीचे तो जाना पड़ेगा ड्यू टू ग्रॅविटी..."वरुण के पीठ पर पाँव से दबाव बना कर मैने कहा......