hotaks444
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एक बार ऊपर आ जाईए न भैया--1
स्वीटी मेरी सगी बहन है मुझसे लगभग ८ साल छोटी। मेरा नाम गुड्डू है, उम्र २६ साल। मेरे पिताजी चावल और दाल के थोक व्यापारी थे। उनके गुजर जाने के बाद अब मैं उस काम को देखता हूँ। हम किशनगंज बिहार में रहते हैं। मम्मी की मृत्यु चार साल पहले हीं हो गई थी। घर में स्वीटी के अलावे मेरी दो और बहने हैं, २३ साल की प्रभा और २० साल की विभा। प्रभा की शादी हाल हीं में हुई है, विभा अभी बी०ए० कर रही है, जबकि स्वीटी बारहवीं पास की है। १८ साल की स्वीटी पढ़ाई में बहुत तेज है और शुरु से ईंजीनियर बनना चाहती थी। मैं भी उसे प्रोत्साहित करता रहता था सो वो इधर-ऊधर कम्पटीशन देते रहती है। यह कहानी मेरे स्वीटी के बीच हुए चुदाई की शुरूआत की बात आप सब को बताएगी, कैसे और किन हालात में हम दोनों एक दूसरे को चोदने लगे।
पहले मैं अब स्वीटी के बारे में आपको बताऊँ। स्वीटी ५’ की छरहरे बदन की गोरी लड़की है। सुन्दर है, जवान है और खुब जवान है। पढ़ाई के चक्कर में आँखों पर चश्मा लग गया है, फ़िर भी आकर्षक दिखती है और राह चलते लोग एक बार जरूर उसको गौर से देखते हैं हालाँकि वो कभी किसी को लिफ़्ट नहीं देती है। एक साईकिल ले कर वो दिन भर कभी ट्युशन तो कभी कोचिंग में हीं लगी रहती है। खैर कई सोच-विचार के बाद उसका नाम कोचीन के एक ईंजीनियरींग कौलेज की सूची में आ गया और अब हमें एक सप्ताह के भीतर वहाँ उसका नाम लिखवाना था। करीब ३५०० कि०मी० का सफ़र था, एक दिन और दो रात का। शाम को ५ बजे ट्रेन पर बैठिए तो वो रात, फ़िर दिन और फ़िर रात के बाद अगली सुबह करीब ४ बजे पहुँचिए। आनन-फ़ानन में किसी तरह हम लोग को एक आर०ए०सी और एक वेटिन्ग का टिकट मिला ट्रेन में, यानी हम दोनों को एक हीं बर्थ था और हम दूसरे टिकट के लिए इंतजार भी नहीं कर सकते थे।
विभा प्रभा के घर गई हुई थी तब, सो सारी तैयारी भी मुझे हीं करानी पड़ी। सच बताउँ तो इसी तैयारी के समय मुझे पता चला कि मेरी सबसे छोटी बहन कितनी मौड और स्मार्ट है। मेरे लिए वो घर पे हमेशा एक बच्ची जैसी ही थी। स्वीटी का सपना सच होने जा रहा था और वो बहुत खुश थी। दो दिन उसने बाजार से सामान खरीदने में लगाए। एक दिन मैं भी साथ था। उस दिन स्वीटी ने जो सामान खरीदे उसी से मुझे अहसास हुआ कि मेरी सबसे छोटी बहन भी जवान हो गई है।
ऐसा नहीं है कि मैं भोला-भाला हूँ, इस उम्र तक मैं ७-८ लड़की को चोद चुका था। कुछ दोस्त थी, और २ कौल-गर्ल...। पर घर पर बहनों पर कभी ऐसी नजर नहीं डाली थी। कभी सोचा भी नहीं कि बाकी की दुनिया मेरी बहनों के नाम पर मूठ भी मारती होगी। मैंने हमेशा अपनी बहनों को सती-सावित्री हीं माना था। आज की खरीदारी के साथ हीं मैंने अपनी बहन को अब एक मर्द की नजर से देखा तो लगा कि यार यह तो अब पूरा माल हो गई है, १८ साल की उमर, और सही उभारों के साथ एक ऐसा बदन जो किसी भी मर्द को अपना दीवाना बना सकता था। उसकी उस रोज की खरीदारी में लिपिस्टीक, काजल जैसे हल्के मेकअप के सामान के साथ सैनिटरी नैपकिंस और अंडरगार्मेन्ट्स भी था। मैंने स्वीटी को पहले वैसे कुछ मेकअप करते देखा नहीं था, पर अब जब उसका सच सच होने जा रहा था तो अब शायद वो भी एक लड़की की तरह जीना चाहती थी, पहले वो एक पढ़ाकू लड़की की तरह जीती थी। उसी दिन उसने तीन सेट ब्रा-पैन्टी भी खरीदी जौकी की दूकान से। ८० साईज की लाल, गुलाबी और नीली ब्रा और फ़िर उसी से मौच करता हुआ पैंटी भी। इसके अलावे उसने एक पैकेट स्ट्रींग बीकनी स्टाईल की पैन्टी खरीदी, जिसमें लाल, काली और भूरी ३ पैंटी थी। मुझे तो पता भी नहीं था कि पैंटी की भी इतनी स्टाईल हमारे किशनगंज जैसे शहर में मिलती है। घर लौटते हुए रास्ते में स्वीटी ने वीट हेयर-रिमुवर क्रीम की दो पैक लीं। मैंने टोका भी कि दो एक साथ क्या करोगी, तो उसने कहा कि एक तो यहीं खोल कर युज कर लेगी और बाकि विभा के लिए छोड़ देगी और नया पैक साथ ले जाएगी।
अगली शाम हमें ट्रेन पकड़ना था, और मैं दुकान की जिम्मेदारी स्टाफ़ को समझा चुका था। मैं अपना पैकिंग कर चुका था और बैंक के काम से निकलने वाला था कि स्वीटी आई और मेरे शेविंग किट के बारे में पूछी। मैं एक-दो दिन छोड़ कर शेव करता था सो मैंने किट को सामान में पैक कर दिया था। मैंने झल्लाते हुए पूछा कि वो उसका क्या करेगी, तो बड़ी मासूमियत से स्वीटी ने अपने हाथ ऊपर करके अपने काँख के बाल दिखाए कि यही साफ़ करना है रेजर से। वो एक स्लीवलेस कुर्ती पहने हुए थी। मेरे कुछ कहने से पहले बोली, "इतना बड़ा हो गया है कि क्रीम से ठीक से साफ़ नहीं होगा, सो रेजर से साफ़ करना है, फ़िर इतना बड़ा होने हीं नहीं देंगे। दीदी की शादी के समय साफ़ किए थे अतिंम बार, फ़िर पढ़ाई के चक्कर में मौका हीं नहीं मिला इस सब के लिए।" मैंने भी मुस्कुराते हुए अपना शेविंग किट उसे दे दिया।
स्वीटी मेरी सगी बहन है मुझसे लगभग ८ साल छोटी। मेरा नाम गुड्डू है, उम्र २६ साल। मेरे पिताजी चावल और दाल के थोक व्यापारी थे। उनके गुजर जाने के बाद अब मैं उस काम को देखता हूँ। हम किशनगंज बिहार में रहते हैं। मम्मी की मृत्यु चार साल पहले हीं हो गई थी। घर में स्वीटी के अलावे मेरी दो और बहने हैं, २३ साल की प्रभा और २० साल की विभा। प्रभा की शादी हाल हीं में हुई है, विभा अभी बी०ए० कर रही है, जबकि स्वीटी बारहवीं पास की है। १८ साल की स्वीटी पढ़ाई में बहुत तेज है और शुरु से ईंजीनियर बनना चाहती थी। मैं भी उसे प्रोत्साहित करता रहता था सो वो इधर-ऊधर कम्पटीशन देते रहती है। यह कहानी मेरे स्वीटी के बीच हुए चुदाई की शुरूआत की बात आप सब को बताएगी, कैसे और किन हालात में हम दोनों एक दूसरे को चोदने लगे।
पहले मैं अब स्वीटी के बारे में आपको बताऊँ। स्वीटी ५’ की छरहरे बदन की गोरी लड़की है। सुन्दर है, जवान है और खुब जवान है। पढ़ाई के चक्कर में आँखों पर चश्मा लग गया है, फ़िर भी आकर्षक दिखती है और राह चलते लोग एक बार जरूर उसको गौर से देखते हैं हालाँकि वो कभी किसी को लिफ़्ट नहीं देती है। एक साईकिल ले कर वो दिन भर कभी ट्युशन तो कभी कोचिंग में हीं लगी रहती है। खैर कई सोच-विचार के बाद उसका नाम कोचीन के एक ईंजीनियरींग कौलेज की सूची में आ गया और अब हमें एक सप्ताह के भीतर वहाँ उसका नाम लिखवाना था। करीब ३५०० कि०मी० का सफ़र था, एक दिन और दो रात का। शाम को ५ बजे ट्रेन पर बैठिए तो वो रात, फ़िर दिन और फ़िर रात के बाद अगली सुबह करीब ४ बजे पहुँचिए। आनन-फ़ानन में किसी तरह हम लोग को एक आर०ए०सी और एक वेटिन्ग का टिकट मिला ट्रेन में, यानी हम दोनों को एक हीं बर्थ था और हम दूसरे टिकट के लिए इंतजार भी नहीं कर सकते थे।
विभा प्रभा के घर गई हुई थी तब, सो सारी तैयारी भी मुझे हीं करानी पड़ी। सच बताउँ तो इसी तैयारी के समय मुझे पता चला कि मेरी सबसे छोटी बहन कितनी मौड और स्मार्ट है। मेरे लिए वो घर पे हमेशा एक बच्ची जैसी ही थी। स्वीटी का सपना सच होने जा रहा था और वो बहुत खुश थी। दो दिन उसने बाजार से सामान खरीदने में लगाए। एक दिन मैं भी साथ था। उस दिन स्वीटी ने जो सामान खरीदे उसी से मुझे अहसास हुआ कि मेरी सबसे छोटी बहन भी जवान हो गई है।
ऐसा नहीं है कि मैं भोला-भाला हूँ, इस उम्र तक मैं ७-८ लड़की को चोद चुका था। कुछ दोस्त थी, और २ कौल-गर्ल...। पर घर पर बहनों पर कभी ऐसी नजर नहीं डाली थी। कभी सोचा भी नहीं कि बाकी की दुनिया मेरी बहनों के नाम पर मूठ भी मारती होगी। मैंने हमेशा अपनी बहनों को सती-सावित्री हीं माना था। आज की खरीदारी के साथ हीं मैंने अपनी बहन को अब एक मर्द की नजर से देखा तो लगा कि यार यह तो अब पूरा माल हो गई है, १८ साल की उमर, और सही उभारों के साथ एक ऐसा बदन जो किसी भी मर्द को अपना दीवाना बना सकता था। उसकी उस रोज की खरीदारी में लिपिस्टीक, काजल जैसे हल्के मेकअप के सामान के साथ सैनिटरी नैपकिंस और अंडरगार्मेन्ट्स भी था। मैंने स्वीटी को पहले वैसे कुछ मेकअप करते देखा नहीं था, पर अब जब उसका सच सच होने जा रहा था तो अब शायद वो भी एक लड़की की तरह जीना चाहती थी, पहले वो एक पढ़ाकू लड़की की तरह जीती थी। उसी दिन उसने तीन सेट ब्रा-पैन्टी भी खरीदी जौकी की दूकान से। ८० साईज की लाल, गुलाबी और नीली ब्रा और फ़िर उसी से मौच करता हुआ पैंटी भी। इसके अलावे उसने एक पैकेट स्ट्रींग बीकनी स्टाईल की पैन्टी खरीदी, जिसमें लाल, काली और भूरी ३ पैंटी थी। मुझे तो पता भी नहीं था कि पैंटी की भी इतनी स्टाईल हमारे किशनगंज जैसे शहर में मिलती है। घर लौटते हुए रास्ते में स्वीटी ने वीट हेयर-रिमुवर क्रीम की दो पैक लीं। मैंने टोका भी कि दो एक साथ क्या करोगी, तो उसने कहा कि एक तो यहीं खोल कर युज कर लेगी और बाकि विभा के लिए छोड़ देगी और नया पैक साथ ले जाएगी।
अगली शाम हमें ट्रेन पकड़ना था, और मैं दुकान की जिम्मेदारी स्टाफ़ को समझा चुका था। मैं अपना पैकिंग कर चुका था और बैंक के काम से निकलने वाला था कि स्वीटी आई और मेरे शेविंग किट के बारे में पूछी। मैं एक-दो दिन छोड़ कर शेव करता था सो मैंने किट को सामान में पैक कर दिया था। मैंने झल्लाते हुए पूछा कि वो उसका क्या करेगी, तो बड़ी मासूमियत से स्वीटी ने अपने हाथ ऊपर करके अपने काँख के बाल दिखाए कि यही साफ़ करना है रेजर से। वो एक स्लीवलेस कुर्ती पहने हुए थी। मेरे कुछ कहने से पहले बोली, "इतना बड़ा हो गया है कि क्रीम से ठीक से साफ़ नहीं होगा, सो रेजर से साफ़ करना है, फ़िर इतना बड़ा होने हीं नहीं देंगे। दीदी की शादी के समय साफ़ किए थे अतिंम बार, फ़िर पढ़ाई के चक्कर में मौका हीं नहीं मिला इस सब के लिए।" मैंने भी मुस्कुराते हुए अपना शेविंग किट उसे दे दिया।