hotaks444
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इधर
किशन अपने कमरे में अधीर इधर उधर घूम रहा था ,तभी उसे सुमन की आहट मिली उसका दिल धक कर रह गया ,सुमन की सांसे फूली हुई थी वो छत से दौड़ाते हुए सीधे वहां आयी थी ,दोनो की नजर मिली ,सुमन अभी भी उसी खयालो में थी लेकिन उसे अब अपनी गृहस्थी सम्हालना था और इन सब बातो का कोई अर्थ अब नही रह गया था ,सोचने के लिए बहुत देर हो चुकी थी ,वो अपने होठो में मुस्कुराहट लाती है ,किशन उसे देखकर मुस्कुराता है ,वो उससे बिना कुछ कहे ही अपने कपड़े पकड़कर बाथरूम में घुस जाती है वो फ्रेश होकर एक नाइटी पहन लेती है जिसे किशन की बहनों ने उसके लिए शादी के तोहफे के रूप में लिया था ,वो सफेद रंग की झीनी सी नाइटी थी ,जो काफी हद तक पारदर्शी थी ,उसके जांघ उसमे साफ दिख रहे थे,ऐसी ही नाइटी इस घर की सभी लडकिया पहनती थी लेकिन सुमन के लिए ये पहली बार था,वो सवाली सी थी ,निधि या सोनल की तरह उसके जांघो का भराव भी उतना नही था लेकिन फिर भी उसके आत्मविस्वास में कोई कमी नही आयी ,वो एक बार फिर से अपने को दर्पण में देखती है ,थोड़ा घूम घूम कर उसके कूल्हों का वजन अभी उतना ज्यादा नही था लेकिन फिर भी वो साफ साफ भरे हुए देख रहे थे,वो खुद ही शर्मा जाती है,उसके स्तनों की बीच की घाटी साफ और उत्तेजक प्रतीत हो रही थी ,लेकिन अब भी उसे लगा की कुछ कमी है उसे अपने मांग के सिंदूर की याद आयी ,चहरा धोने से उसके मांग का सिंदूर थोड़ा सा फीका पड़ गया था,वो बाहर आयी ,किशन अपना मुह फाडे उसे निहार रहा था ,लेकिन सुमन ने उसकी ओर देखा भी नही वो अपने ड्रेसिंग के पास पहुची और अपनी मांग में गढ़ा सिंदूर लगाया,नए दुल्हन जैसे उसके हाथ अब भी चूड़ियों से सजे हुए थे ,उसने अपने बालो को पूरा खोला और कंघी से थोड़ा सीधा किया ,वो उसे खुला ही रहने दी ,अपने माथे की पुरानी बिंदिया निकल कर उसने नई बिंदिया लगाई ,अब फिर से उसने अपने को देखा लेकिन वो इतनी हसीन लग रही थी की वो खुद को भी नही देख पा रही थी ,वो शर्म से मरी जा रही थी ,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो किशन के पास कैसे जाए ,
उसकी हालत और सुंदरता देख किशन को अपने किश्मत पर गुमान हुआ वो उठा और सुमन के पास गया ,सुमन अब भी सर नीचे किये खड़ी थी ,उसने उसे पीछे से जकड़ लिया ,दोनो के ही अंग अंग में एक झुनझुनाहट सी दौड़ गई ,दोनो ही सिहर गए …
किशन ने उसके गले पर अपने होठो को टिकाया ,उसके कोमल होठ के स्पर्श से ही सुमन का बदन अकड़ गया ,
“आह “वो धीरे से आह लेने लगी ,इतने देर के मानसिक तनाव से उस एक स्पर्श ने मुक्ति दिला दी वो समझ गई की यही उसकी नियति है और किशन को प्यार देना और उससे प्यार पाना ही उसके लिए सौभाग्य की बात है,उसने अपने को पूरी तरह से किशन के लिये समर्पित करने की कसम खाई और पलट कर किशन के होठो में अपने होठों को मिला लिया ,ये किशन के लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि अभी तक वो इतना शर्मा चुकी थी की किशन उससे पहल की उम्मीद ही नही कर रहा था ,लेकिन वो खुश था बहुत खुस ,दोनो के होठ मिले और सिलसिला शुरू हो गया,किशन ने उसे ले जाकर बिस्तर में पटक दिया और उसके ऊपर आकर उसके होठों की गहराइयों में अपने जीभ को ले गया ,दोनो ही मस्ती में डूबे हुए थे ,दोनो ही दुनिया के अहसास को भूल कर बस एक दूजे में खोये हुए थे,जब दोनो ही थक गए तो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए
“तो आज क्या प्लान है “किशन ने सुमन के कानो में कहा और जवाब में सुमन ने उसे अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो को फिर से चूमने लगी ,किशन के लिए इतना इशारा ही काफी था,वो धीरे से अपने हाथो को उसके जांघो पर सहलाता है और सुमन के होठो से सिसकारियां निकलने लगती है ,उसके लिए ये सब पहला अहसास था,उसके योनि से धार छूटनी शुरू हो चुकी थी ,किशन ने देर नही करते हुए अपने कपड़े निकाल फेके लेकिन सुमन अब भी वैसे ही थी किशन का लिंग सुनम के पेंटी को भेदता हुआ सीधे उसके योनि पर वार कर रहा था,जो अब सुमन के लिए भी सहना मुश्किल ही रहा था ,वो बेचैनी में छटपटाई और आखिर में खुद ही अपने हाथो को नीचे कर किशन के लिंग को पकड़कर अपने योनि में जोरो से रगड़ने लगी ,किशन उसके इस व्यव्हार से हक्का बक्का रह गया ,वो जोरो जोरो से सिसकिया लेते हुई झड़ गई ,वो हफते हुए थोड़ी शान्त हुई तो उसकी नजर किशन पर गई,उसे अपने किये की याद आयी और वो बुरी तरह से शर्मा कर अपने मुह को छुपाने लगी लेकिन इससे पहले ही किशन उसके ऊपर कब्ज़ा जमा चुका था और इस बार वो सुमन के हर एक अंग को चुम रहा था ,उसके होठ सुनम के एक एक अंगों को नाप रहे थे और गीला कर रहे थे ,सुमन फिर से गर्म होने लगी थी ,वो किशन के बालो को पकड़े हुए बस आहे ले रही थी ,किशन उसके कपड़ो को अभी तक नही निकाला था वो उसके जांघो तक आ गया और ऊपर जाने लगा ,वो उसके पेंटी के किनारे पर था ,दोनो जांघो के बीच कसे हुए पेंटी को ही चाट रहा था ,और उसे इधर सुमन उसके बालो को और भी जोरो से कसे जा रही थी ,अंत में फिर से उससे नही रहा गया और वो किशन के सर को अपने योनि में दबाने लगी ,किशन के चहरे में एक मुस्कान आ गई और वो जोर लगा कर उठ खड़ा हुआ ,सुमन उसे अजीब से खा जाने वाली निगाह से देख रही थी ,किशन उसके ऊपर आकर उसकी पेंटी को निकालने लगा ,उसे पता था की सुमन वर्जिन है और यही सही मौका है जब वो बेहद गर्म है वो उसे झरने नही देना चाहता था ,किशन ने अपनी एक उंगली उसके योनि के अंदर डाली वो अंदर से बेहद गर्म थी लेकिन गीली भी थी ,सुमन ने एक जोरो की आह ली और किशन के बालो को पकड़कर झूल गई ,किशन ने अपने होठो को उसके होठो से मिलाया और उसके योनि में अपने उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ,वो पास से ही एक क्रीम पकड़ लाया और उसे अपनी उंगली में लगा कर उसे अपने लिंग के लिए तैयार करने लगा ,वो फिर थोड़ी थोड़ी देर में ही रुक जाता जिससे सुमन का ओर्गास्म ना हो ,सुमन बेहद ही चिढ़ गई थी जिससे किशन को हँसी आ रही थी ,वो अब तैयार थी वो फिर से उसके होठो को चूसने लगा और अपने लिंग की ऊपरी चमड़ी को पीछे कर उसके योनि में रगड़ने लगा ,सुमन बस सिसकिया ले रही थी ,क्रीम का प्रभाव ,योनि का गीलापन और सुमन के तन में फैली सेक्स की गर्मी ने किशन का काम आसान कर दिया था ,वो पहली बार में अपना आधा लिंग उसके अंदर डाल दिया ,सुमन जोरो से चीखी लेकिन उसकी चीख किशन के होठो में ही घुट गई ,थोड़ी देर के किस ने उसे फिर से राहत दी और किशन धीरे धीरे धक्के मरता हुआ सुमन के योनि में अपना स्थान बनाने लगा ,थोड़ी ही देर में किशन का लिंग पूरी तरह से सुमन के योनि के अंदर था ,एक ही झटके के साथ सुमन फिर से अपने चरम सुख पर पहुच गई और ढेर हो गई ,किशन भी हालात को समझता हुआ रुक गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसे सुस्ताने का मौका देने लगा ,सुमन के घने बाल पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुके थे ,उसका सिंदूर फैल गया था और वो बेहद ही सेक्सी लग रही थी ,उसकी कुछ चूड़ियां टूट गई थी जिसे किशन ने बाजू में ही फेक दिया था ,किशन का लिंग अब भी उसके अंदर था,सुमन इन एक मदहोश आंखों से उसे देखा ,वो इतने मजे से गुजरी थी की पूरी दुनिया ही भूल गई थी ,किशन पर उसे इतना प्यार आ रहा था की उसका दिल किया की अभी उसके लिये अपनी जान दे दे ,वो झुककर उसके होठो पर अपने होठो को रखती है और चूसने लगती है ,दोनो की आंखे अभी आधी खुली और आधी बंद थी ,दोनो ही मदहोशी के आलम में गुम थे,सुमन ने अपने कमर को थोड़ा हिलाया उसे अपने भरे होने का अहसास हुआ ,वो किशन के लिए और भी प्यार से भर गई ,किशन का लिंग उसकी योनि में मजबूती से समाया हुआ था और सुमन की योनि भी उसे मजबूती से कसे हुए थी ,वो इतनी गीली थी लिंग आराम से अंदर बाहर हो रही था,लेकिन अब किसी को कोई भी जल्द बाजी नही थी ,सुमन आराम से कभी कभी अपने कमर को हिला कर उसे अपने अंदर खिंचती या बाहर निकलती वही कभी कभी किशन धक्के देता लेकिन वो अभी एक दूजे के होठो का रस पान कर रहे थे,वो एक दूसरे के शरीर से खेल रहे थे,अब सेक्स गौण हो गया था और अहसास ही सब कुछ रह गया था,पता नही कितने देर तक ये ही चलता रहा ,किशन का वीर्य कब निकल कर सुमन को भर गया उन्हें पता ही नही चला ,लिंग अब भी नही मुरझाया था और अब भी वो खेल जाती था ,वीर्य योनि से निकलकर बिस्तर को गीला कर रहा था ,लेकिन परवाह किसे थी वो ऐसे ही घंटो तक एक दूसरे के बांहो में पड़े रहे और नीद के आगोश में समा गए …
किशन अपने कमरे में अधीर इधर उधर घूम रहा था ,तभी उसे सुमन की आहट मिली उसका दिल धक कर रह गया ,सुमन की सांसे फूली हुई थी वो छत से दौड़ाते हुए सीधे वहां आयी थी ,दोनो की नजर मिली ,सुमन अभी भी उसी खयालो में थी लेकिन उसे अब अपनी गृहस्थी सम्हालना था और इन सब बातो का कोई अर्थ अब नही रह गया था ,सोचने के लिए बहुत देर हो चुकी थी ,वो अपने होठो में मुस्कुराहट लाती है ,किशन उसे देखकर मुस्कुराता है ,वो उससे बिना कुछ कहे ही अपने कपड़े पकड़कर बाथरूम में घुस जाती है वो फ्रेश होकर एक नाइटी पहन लेती है जिसे किशन की बहनों ने उसके लिए शादी के तोहफे के रूप में लिया था ,वो सफेद रंग की झीनी सी नाइटी थी ,जो काफी हद तक पारदर्शी थी ,उसके जांघ उसमे साफ दिख रहे थे,ऐसी ही नाइटी इस घर की सभी लडकिया पहनती थी लेकिन सुमन के लिए ये पहली बार था,वो सवाली सी थी ,निधि या सोनल की तरह उसके जांघो का भराव भी उतना नही था लेकिन फिर भी उसके आत्मविस्वास में कोई कमी नही आयी ,वो एक बार फिर से अपने को दर्पण में देखती है ,थोड़ा घूम घूम कर उसके कूल्हों का वजन अभी उतना ज्यादा नही था लेकिन फिर भी वो साफ साफ भरे हुए देख रहे थे,वो खुद ही शर्मा जाती है,उसके स्तनों की बीच की घाटी साफ और उत्तेजक प्रतीत हो रही थी ,लेकिन अब भी उसे लगा की कुछ कमी है उसे अपने मांग के सिंदूर की याद आयी ,चहरा धोने से उसके मांग का सिंदूर थोड़ा सा फीका पड़ गया था,वो बाहर आयी ,किशन अपना मुह फाडे उसे निहार रहा था ,लेकिन सुमन ने उसकी ओर देखा भी नही वो अपने ड्रेसिंग के पास पहुची और अपनी मांग में गढ़ा सिंदूर लगाया,नए दुल्हन जैसे उसके हाथ अब भी चूड़ियों से सजे हुए थे ,उसने अपने बालो को पूरा खोला और कंघी से थोड़ा सीधा किया ,वो उसे खुला ही रहने दी ,अपने माथे की पुरानी बिंदिया निकल कर उसने नई बिंदिया लगाई ,अब फिर से उसने अपने को देखा लेकिन वो इतनी हसीन लग रही थी की वो खुद को भी नही देख पा रही थी ,वो शर्म से मरी जा रही थी ,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो किशन के पास कैसे जाए ,
उसकी हालत और सुंदरता देख किशन को अपने किश्मत पर गुमान हुआ वो उठा और सुमन के पास गया ,सुमन अब भी सर नीचे किये खड़ी थी ,उसने उसे पीछे से जकड़ लिया ,दोनो के ही अंग अंग में एक झुनझुनाहट सी दौड़ गई ,दोनो ही सिहर गए …
किशन ने उसके गले पर अपने होठो को टिकाया ,उसके कोमल होठ के स्पर्श से ही सुमन का बदन अकड़ गया ,
“आह “वो धीरे से आह लेने लगी ,इतने देर के मानसिक तनाव से उस एक स्पर्श ने मुक्ति दिला दी वो समझ गई की यही उसकी नियति है और किशन को प्यार देना और उससे प्यार पाना ही उसके लिए सौभाग्य की बात है,उसने अपने को पूरी तरह से किशन के लिये समर्पित करने की कसम खाई और पलट कर किशन के होठो में अपने होठों को मिला लिया ,ये किशन के लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि अभी तक वो इतना शर्मा चुकी थी की किशन उससे पहल की उम्मीद ही नही कर रहा था ,लेकिन वो खुश था बहुत खुस ,दोनो के होठ मिले और सिलसिला शुरू हो गया,किशन ने उसे ले जाकर बिस्तर में पटक दिया और उसके ऊपर आकर उसके होठों की गहराइयों में अपने जीभ को ले गया ,दोनो ही मस्ती में डूबे हुए थे ,दोनो ही दुनिया के अहसास को भूल कर बस एक दूजे में खोये हुए थे,जब दोनो ही थक गए तो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए
“तो आज क्या प्लान है “किशन ने सुमन के कानो में कहा और जवाब में सुमन ने उसे अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो को फिर से चूमने लगी ,किशन के लिए इतना इशारा ही काफी था,वो धीरे से अपने हाथो को उसके जांघो पर सहलाता है और सुमन के होठो से सिसकारियां निकलने लगती है ,उसके लिए ये सब पहला अहसास था,उसके योनि से धार छूटनी शुरू हो चुकी थी ,किशन ने देर नही करते हुए अपने कपड़े निकाल फेके लेकिन सुमन अब भी वैसे ही थी किशन का लिंग सुनम के पेंटी को भेदता हुआ सीधे उसके योनि पर वार कर रहा था,जो अब सुमन के लिए भी सहना मुश्किल ही रहा था ,वो बेचैनी में छटपटाई और आखिर में खुद ही अपने हाथो को नीचे कर किशन के लिंग को पकड़कर अपने योनि में जोरो से रगड़ने लगी ,किशन उसके इस व्यव्हार से हक्का बक्का रह गया ,वो जोरो जोरो से सिसकिया लेते हुई झड़ गई ,वो हफते हुए थोड़ी शान्त हुई तो उसकी नजर किशन पर गई,उसे अपने किये की याद आयी और वो बुरी तरह से शर्मा कर अपने मुह को छुपाने लगी लेकिन इससे पहले ही किशन उसके ऊपर कब्ज़ा जमा चुका था और इस बार वो सुमन के हर एक अंग को चुम रहा था ,उसके होठ सुनम के एक एक अंगों को नाप रहे थे और गीला कर रहे थे ,सुमन फिर से गर्म होने लगी थी ,वो किशन के बालो को पकड़े हुए बस आहे ले रही थी ,किशन उसके कपड़ो को अभी तक नही निकाला था वो उसके जांघो तक आ गया और ऊपर जाने लगा ,वो उसके पेंटी के किनारे पर था ,दोनो जांघो के बीच कसे हुए पेंटी को ही चाट रहा था ,और उसे इधर सुमन उसके बालो को और भी जोरो से कसे जा रही थी ,अंत में फिर से उससे नही रहा गया और वो किशन के सर को अपने योनि में दबाने लगी ,किशन के चहरे में एक मुस्कान आ गई और वो जोर लगा कर उठ खड़ा हुआ ,सुमन उसे अजीब से खा जाने वाली निगाह से देख रही थी ,किशन उसके ऊपर आकर उसकी पेंटी को निकालने लगा ,उसे पता था की सुमन वर्जिन है और यही सही मौका है जब वो बेहद गर्म है वो उसे झरने नही देना चाहता था ,किशन ने अपनी एक उंगली उसके योनि के अंदर डाली वो अंदर से बेहद गर्म थी लेकिन गीली भी थी ,सुमन ने एक जोरो की आह ली और किशन के बालो को पकड़कर झूल गई ,किशन ने अपने होठो को उसके होठो से मिलाया और उसके योनि में अपने उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ,वो पास से ही एक क्रीम पकड़ लाया और उसे अपनी उंगली में लगा कर उसे अपने लिंग के लिए तैयार करने लगा ,वो फिर थोड़ी थोड़ी देर में ही रुक जाता जिससे सुमन का ओर्गास्म ना हो ,सुमन बेहद ही चिढ़ गई थी जिससे किशन को हँसी आ रही थी ,वो अब तैयार थी वो फिर से उसके होठो को चूसने लगा और अपने लिंग की ऊपरी चमड़ी को पीछे कर उसके योनि में रगड़ने लगा ,सुमन बस सिसकिया ले रही थी ,क्रीम का प्रभाव ,योनि का गीलापन और सुमन के तन में फैली सेक्स की गर्मी ने किशन का काम आसान कर दिया था ,वो पहली बार में अपना आधा लिंग उसके अंदर डाल दिया ,सुमन जोरो से चीखी लेकिन उसकी चीख किशन के होठो में ही घुट गई ,थोड़ी देर के किस ने उसे फिर से राहत दी और किशन धीरे धीरे धक्के मरता हुआ सुमन के योनि में अपना स्थान बनाने लगा ,थोड़ी ही देर में किशन का लिंग पूरी तरह से सुमन के योनि के अंदर था ,एक ही झटके के साथ सुमन फिर से अपने चरम सुख पर पहुच गई और ढेर हो गई ,किशन भी हालात को समझता हुआ रुक गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसे सुस्ताने का मौका देने लगा ,सुमन के घने बाल पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुके थे ,उसका सिंदूर फैल गया था और वो बेहद ही सेक्सी लग रही थी ,उसकी कुछ चूड़ियां टूट गई थी जिसे किशन ने बाजू में ही फेक दिया था ,किशन का लिंग अब भी उसके अंदर था,सुमन इन एक मदहोश आंखों से उसे देखा ,वो इतने मजे से गुजरी थी की पूरी दुनिया ही भूल गई थी ,किशन पर उसे इतना प्यार आ रहा था की उसका दिल किया की अभी उसके लिये अपनी जान दे दे ,वो झुककर उसके होठो पर अपने होठो को रखती है और चूसने लगती है ,दोनो की आंखे अभी आधी खुली और आधी बंद थी ,दोनो ही मदहोशी के आलम में गुम थे,सुमन ने अपने कमर को थोड़ा हिलाया उसे अपने भरे होने का अहसास हुआ ,वो किशन के लिए और भी प्यार से भर गई ,किशन का लिंग उसकी योनि में मजबूती से समाया हुआ था और सुमन की योनि भी उसे मजबूती से कसे हुए थी ,वो इतनी गीली थी लिंग आराम से अंदर बाहर हो रही था,लेकिन अब किसी को कोई भी जल्द बाजी नही थी ,सुमन आराम से कभी कभी अपने कमर को हिला कर उसे अपने अंदर खिंचती या बाहर निकलती वही कभी कभी किशन धक्के देता लेकिन वो अभी एक दूजे के होठो का रस पान कर रहे थे,वो एक दूसरे के शरीर से खेल रहे थे,अब सेक्स गौण हो गया था और अहसास ही सब कुछ रह गया था,पता नही कितने देर तक ये ही चलता रहा ,किशन का वीर्य कब निकल कर सुमन को भर गया उन्हें पता ही नही चला ,लिंग अब भी नही मुरझाया था और अब भी वो खेल जाती था ,वीर्य योनि से निकलकर बिस्तर को गीला कर रहा था ,लेकिन परवाह किसे थी वो ऐसे ही घंटो तक एक दूसरे के बांहो में पड़े रहे और नीद के आगोश में समा गए …