desiaks
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श्वेता कुछ बोल नहीं पा रही थी. बस कामुक सिसकारियां निकाल करके चुदाई का मजा ले रही थी. उसका सिर सतीश की तरफ उठा हुआ था और आँखें बंद थीं. श्वेता बस गांड में लंड का मजा ले रही थी. श्वेता के माथे पर हल्की सी शिकन थी लेकिन श्वेता के चेहरे से लग रहा था कि उसे मजा आ रहा है.
उसी अवस्था में सतीश ने उसे खड़ा करवाया और पास रखी कुर्सी पर एक पैर रखवा कर दोनों हाथ ऊपर करवा दिए. श्वेता दोनों हाथ ऊपर किये हुए कुर्सी पर पैर रख कर सतीश का लंड अपनी गांड में लिए हुए खड़ी थी. सतीश उसकी पीठ से चिपक गया. हाथ से श्वेता के स्तनों को दबाते हुए श्वेता के कान, गर्दन तथा कंधों के भाग में किस करते हुए उसकी गांड चुदाई करने लगा. इस पोज़ में श्वेता ज्यादा ही कामुक लग रही थी. सतीश उत्तेजित हो कर जोर-जोर से झटके लगाने लगा.
श्वेता देर तक टिक नहीं पाई और स्खलित हो गई. उसकी चूत का रस बह कर उसकी जांघों से होता हुआ टांगों पर आ रहा था. सतीश श्वेता के रस को चखना चाहता था लेकिन इस पोज़ में संतुलन बनाने के लिए उसे पकड़े रहना जरूरी था.
श्वेता एकदम गर्म हो चुकी थी. किसी रंडी की तरह सतीश को गालियां बक रही थी- “चोद बहनचोद … भड़वे, जब देखो मेरी गांड के पीछे पड़ा रहता था. आज मिली है, फाड़ दे इसे … चोद अहह .. आहहह .. आहह … और जोर से चोद … फाड़ दे मेरी गांड”!
श्वेता के मुंह से निकलने वाले ऐसे शब्द सतीश को उत्तेजित कर रहे थे. सतीश ने श्वेता के मुँह के पास उंगली ले जाकर उसे चुप करने का इशारा किया. पहले तो वह सतीश के इशारे को नजरअंदाज करने लगी. फिर सतीश ने उसकी गांड में एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड जड़ तक अंदर घुसा कर फिर से श्वेता के चेहरे के पास उंगली ले जाकर अपने होंठों पर रख कर समझाने की कोशिश की.
अबकी बार उसने सतीश की तरफ ध्यान से देखा. सतीश ने अपने होंठों पर उंगली रखी हुई थी. सतीश का लंड उसकी गांड में फंसा था.
सतीश श्वेता के कानों में बोला- “रिमेम्बर … टूडे यू आर माय स्लट”? (तुम्हें याद है न तुम मेरी रखैल हो आज …)
श्वेता मुस्करा कर चुप हो गयी और गांड चुदाई का मजा लेने लगी.
कुछ देर इसी पोज में चोदने के बाद सतीश ने उसे डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया और उसकी चूत से बह रहे रस को पीने लगा. श्वेता आंख बंद करके चूत चटाई का मजा लेने लगी. सतीश उठा और उसी पोज़ में उसकी एक टांग को उठाये एक ही झटके में अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया.
इस झटके से उसका मुंह खुल गया. सतीश ने मौके का फायदा उठा कर अपनी जीभ डाल कर उसका मुंह टटोल लिया. बड़े ही उत्तेजक तरीके से किस करते हुए उसकी चूत चुदाई करने लगा.
श्वेता भी सतीश का पूरा साथ दे रही थी. आँखें बंद करके होंठ चुसाई का मजा ले रही थी. श्वेता इतने उत्तेजक तरीके से सतीश का होंठ चूस रही थी कि सतीश रोमांचित हो गया था. सतीश ने धक्के तेज कर दिए. सतीश श्वेता के उछलते हुए मम्मों को अपने सीने पर महसूस कर सकता था.
चोदते-चोदते सतीश ने उसे गोद में उठा लिया. श्वेता भी सतीश के गले में बांहें डाले सतीश से एकदम चिपक गयी. उसे वैसे ही लेकर सतीश कुर्सी पर बैठ गया. श्वेता सतीश के गले में बांहें डाले हुए थी. उसने सतीश के चेहरे को अपने स्तनों में दबा लिया और खुद उचक-उचक के चुदने लगी. सतीश श्वेता के स्तनों को अपने चेहरे पर महसूस कर सकता था.
श्वेता के स्तनों से नाश्ते के दौरान लगाए गए जैम की खुशबू आ रही थी जो उसने सतीश को नाश्ते में खिलाया था. यह पोज़ काफी उत्तेजक था.
आप समझ सकते हैं कि सतीश के चेहरे पर श्वेता के स्तन थे जिनमें से मादक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी. श्वेता का कोमल बदन रौंदने के चलते सतीश उसकी कोमलता को पूरे मजे के साथ महसूस करने लगा था. एक तरफ सतीश का मुंह श्वेता के स्तनो पर लगा था और नीचे की तरफ सतीश का लंड उसकी चूत को चोद रहा था.
ऐसी स्थिति में जो आनंद सतीश को आ रहा था आप लोगों को यहाँ पर शब्दों में बता नहीं सकता. उस वक्त ऐसा लग रहा था कि श्वेता कितनी मादक है जो अपने भाई को इतना मजा दे रही है. अगर दुनिया में कोई मजा है तो वह बहन की चुदाई करने में ही है. ऐसा लग रहा था सतीश को उसकी चूत को चोदते हुए.
उसी अवस्था में सतीश ने उसे खड़ा करवाया और पास रखी कुर्सी पर एक पैर रखवा कर दोनों हाथ ऊपर करवा दिए. श्वेता दोनों हाथ ऊपर किये हुए कुर्सी पर पैर रख कर सतीश का लंड अपनी गांड में लिए हुए खड़ी थी. सतीश उसकी पीठ से चिपक गया. हाथ से श्वेता के स्तनों को दबाते हुए श्वेता के कान, गर्दन तथा कंधों के भाग में किस करते हुए उसकी गांड चुदाई करने लगा. इस पोज़ में श्वेता ज्यादा ही कामुक लग रही थी. सतीश उत्तेजित हो कर जोर-जोर से झटके लगाने लगा.
श्वेता देर तक टिक नहीं पाई और स्खलित हो गई. उसकी चूत का रस बह कर उसकी जांघों से होता हुआ टांगों पर आ रहा था. सतीश श्वेता के रस को चखना चाहता था लेकिन इस पोज़ में संतुलन बनाने के लिए उसे पकड़े रहना जरूरी था.
श्वेता एकदम गर्म हो चुकी थी. किसी रंडी की तरह सतीश को गालियां बक रही थी- “चोद बहनचोद … भड़वे, जब देखो मेरी गांड के पीछे पड़ा रहता था. आज मिली है, फाड़ दे इसे … चोद अहह .. आहहह .. आहह … और जोर से चोद … फाड़ दे मेरी गांड”!
श्वेता के मुंह से निकलने वाले ऐसे शब्द सतीश को उत्तेजित कर रहे थे. सतीश ने श्वेता के मुँह के पास उंगली ले जाकर उसे चुप करने का इशारा किया. पहले तो वह सतीश के इशारे को नजरअंदाज करने लगी. फिर सतीश ने उसकी गांड में एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड जड़ तक अंदर घुसा कर फिर से श्वेता के चेहरे के पास उंगली ले जाकर अपने होंठों पर रख कर समझाने की कोशिश की.
अबकी बार उसने सतीश की तरफ ध्यान से देखा. सतीश ने अपने होंठों पर उंगली रखी हुई थी. सतीश का लंड उसकी गांड में फंसा था.
सतीश श्वेता के कानों में बोला- “रिमेम्बर … टूडे यू आर माय स्लट”? (तुम्हें याद है न तुम मेरी रखैल हो आज …)
श्वेता मुस्करा कर चुप हो गयी और गांड चुदाई का मजा लेने लगी.
कुछ देर इसी पोज में चोदने के बाद सतीश ने उसे डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया और उसकी चूत से बह रहे रस को पीने लगा. श्वेता आंख बंद करके चूत चटाई का मजा लेने लगी. सतीश उठा और उसी पोज़ में उसकी एक टांग को उठाये एक ही झटके में अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया.
इस झटके से उसका मुंह खुल गया. सतीश ने मौके का फायदा उठा कर अपनी जीभ डाल कर उसका मुंह टटोल लिया. बड़े ही उत्तेजक तरीके से किस करते हुए उसकी चूत चुदाई करने लगा.
श्वेता भी सतीश का पूरा साथ दे रही थी. आँखें बंद करके होंठ चुसाई का मजा ले रही थी. श्वेता इतने उत्तेजक तरीके से सतीश का होंठ चूस रही थी कि सतीश रोमांचित हो गया था. सतीश ने धक्के तेज कर दिए. सतीश श्वेता के उछलते हुए मम्मों को अपने सीने पर महसूस कर सकता था.
चोदते-चोदते सतीश ने उसे गोद में उठा लिया. श्वेता भी सतीश के गले में बांहें डाले सतीश से एकदम चिपक गयी. उसे वैसे ही लेकर सतीश कुर्सी पर बैठ गया. श्वेता सतीश के गले में बांहें डाले हुए थी. उसने सतीश के चेहरे को अपने स्तनों में दबा लिया और खुद उचक-उचक के चुदने लगी. सतीश श्वेता के स्तनों को अपने चेहरे पर महसूस कर सकता था.
श्वेता के स्तनों से नाश्ते के दौरान लगाए गए जैम की खुशबू आ रही थी जो उसने सतीश को नाश्ते में खिलाया था. यह पोज़ काफी उत्तेजक था.
आप समझ सकते हैं कि सतीश के चेहरे पर श्वेता के स्तन थे जिनमें से मादक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी. श्वेता का कोमल बदन रौंदने के चलते सतीश उसकी कोमलता को पूरे मजे के साथ महसूस करने लगा था. एक तरफ सतीश का मुंह श्वेता के स्तनो पर लगा था और नीचे की तरफ सतीश का लंड उसकी चूत को चोद रहा था.
ऐसी स्थिति में जो आनंद सतीश को आ रहा था आप लोगों को यहाँ पर शब्दों में बता नहीं सकता. उस वक्त ऐसा लग रहा था कि श्वेता कितनी मादक है जो अपने भाई को इतना मजा दे रही है. अगर दुनिया में कोई मजा है तो वह बहन की चुदाई करने में ही है. ऐसा लग रहा था सतीश को उसकी चूत को चोदते हुए.