Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता - Page 9 - SexBaba
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Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

मैंने थोडी देर उसकी गाँड मे जीभ घुमाने के बाद उसकी खुली हुयी गाँड को जीभ से चोदना शुरु कर दिया अपनी जीभ अंदर ले जाता और फिर बाहर निकाल लेता। मैं अपना सर हिला कर रीमा की मस्तानी गाँड चोद रहा था। रीमा मस्ती मे पगला कर बडबडा रही थी। ओह मेरे गाँडू बेटे गाँड के मतवाले अपनी छिनाल रंडी माँ की गाँड को क्या चाट रहा है मादरचोद ऐसे ही मार अपनी रंडी माँ की गंदी गाँड माँ के भडवे साले चोद रे क्या मजा दे रहा है मेरी चूत तो मस्ता गयी तेरी हरकतो से साली इसका पानी तो रुक ही नंही रहा पता नंही क्या खजाना लुटा रही है तेरे लंड की माँ तेरे हरकतो पर मेरे चूतडो के दुलारे बेटे। माँ खुद अपने चूत के दाने को कुरेदते हुये मस्ती मैं मजा ले रही थी। और खूब खुश थी। मेरी जीभ भी गाँड गीली होने के वजह से आराम से गाँड में फिसल रही थी। उसके मोटे खुले चूतडो के नजारा ही मुझे उसकी गाँड चोदने को मजबूर कर रहा था। और वह भी अपनी गालियो से मुझे उत्तेजित कर रही थी। और उसकी गाँड भी मेरी जीभ को गपागप लील रही थी। रीमा की अतृत बदन को मजा देने में मुझे जो आंनद की प्राप्ति हो रही थी वह तो श्याद मुझे उसको चोद कर भी प्राप्त नंही हुयी थी।

चोद मेरी गाँड बहन चोद मार मेरे गाँड मजा आ गया मेरे लाडले क्या मार रहा है ओह गीली कर दे सारी एक दम गीली कर दे मेरी गाँड अपनी जीभ से चोद चोद कर साले क्या पता तेरी ये कुतिया माँ तेरे इस प्यार से प्रंसन्न हो कर अपनी गाँड मारने दे तेरे को बडी ही किमती है मेरी गाँड सस्ते में नंही मिलती तेरे को फ्री मे मिलगी अगर माँ को अच्छे से मजा देगा गाँडू मार और मार। माँ की उत्तेजना बढती ही जा रही थी और मेरी चुदायी साले बडा मजा दे रहा है तू मेरी खुजली अच्छी मिटा रहा है ऐसे ही चोदता रह मेरे चूतड खोल कर मेरी गाँड साले खुजली मिटा मेरी। फिर मेरे लिये रीमा के चूतड पकड कर रखना मुशकिल हो गया क्योकी रीमा उन्को मेरे लंड पर घुमा कर खुद ही अपनी गाँड मारना चाहाती थी। पर मैंने उसके चूतड नंही छोडे और उसकी गाँड मारता रहा। मैं करीभ ५-७ मिनट तक रीमा की गाँड मारता रहा और रीमा गाली बकती हुये मुझसे गाँड मराती रही। फिर मैंने अपनी जीभ रीमा की गाँड से निकाली और उसकी गाँड को जबरदस्त चूमना शुरु कर दिया थोडी देर चूम कर मैंने रीमा से कहा माँ अब बहुत देरे तुम्हारी गाँड मार ली अब मुझे अपनी छाती और पेट जमे पसीने को भी तो पीने तो। मैं ऐसे तुम्हारी गाँड मार मार कर थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारे पसीने का प्रसाद चाहिये ताकि मुझमे फिर से ताकत आ सके पसीनी पीने के बाद मैं तुम्हारी चूत चाट कर झडा दूंगा माँ।

तू भी साला गाँडू कंही का जब देखो मेरे मजे को किरकिरा करता रहाता है बडा आंनद ले रही थी मैं तेरे जीभ का साले पर फिर तू रुक गया तुझे अपनी रंडी माँ से प्यार नंही है कहाँ तो चूतड गाँड कहता रहता था और अब थोडी देर मे थक गया। नंही माँ मुझे तो तुम्हारा एक एक अंग पंसद है अगर तुम कहो तो मैं अभी भी तुम्हारी गाँड चाटाता रहूंगा जब तक तुम मना न करो पर मेरा अब तुम्हारे मस्ताने मोटे बदन पर लगी इन चूचीयो पर जमे पसीने को चाटने का मन कर रहा है मैं इसलिये आपका ये गुलाम आपसे विनती कर रहा है मुझे अपने पसीने का प्रसाद दो माँ। माँ के भडवे साले पसीना पियेगा मेरा चल तू भी क्या याद करेगा पीला देती हूँ तुझको अपने बदन का पसीना। वैसे भी मेहनत करके काफी पसीना जमा हो गया है मेरी छातियो और पेट पर और मैं अपने इस अमृत से भी किमती पसीने को बर्बाद होने नंही दे सकती गाँड का क्या है पसीना पीने के बाद फिर से तेरे मुँह पर चढ कर बैठ जाऊगी और तब तक नंही उठूंगी जब तक की तू मेरी गाँड चाट चाट कर पूरी तरह से तृप्त नंही कर देता समझा रंडी की औलाद। मैंने अभी भी रीमा की जाँघ पेट और चूचीयो के पसीने का सेवन नंही किया था। मैंने एक आखरी बार रीमा की गाँड का चुम्बन लिया और रीमा उठ कर खडी हो गयी और उठ कर सोफे पर बैठ गयी। रीमा ने अपना सरे सोफे पर टिका लिया।
 
रीमा का आगे का पूरा हिस्सा पसीने से सराबोर था बदन के एक एक हिस्से पर पसीने की बूंदे जमा था यंहा तक की उसके चेहरे पर भी बहुत पसीना था। जिसे देख कर पहले चेहरे का पसीना साफ करने की मैंने सोची। मैं रीमा के चेहरे पास सोफे के पीछे आ गया। यंहा क्या कर रहा है रे भडवे तेरे को तो मेरा बदन चाटना था। माँ पहले मैं तुम्हारे चेहरे पर जमे पसीने को चाटूंगा देखो पसीने की कितनी बूंदे जमा है तुम्हारे चेहरे पर फिर मैं तुम्हरे बदन को चाटूंगा। अच्छा चेहरा भी चाटेगा तो ले चाट ले मैं आँख बंद करके मजा लेती हूँ कह कर रीमा आँखे बंद करके लेट गयी। मैंने एक पल रीमा के चेहरे को निहारा फिर मैंने रीमा के माथे पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीना शुरु कर दिया रीमा के पूरे माथे को चूम और एक एक पसीने की बूद को पिया फिर मैंने रीमा की बंद आँखो को चूमा जिसे चूमने से रीमा के मुँह से एक आह निकल गयी। दोनो आँखो को मैंने बहुत ही प्यार भरे भाव से चूमा जैसे एक प्रेमी के मन मे अपनी प्रेमिका के लिये होते है। रीमा मेरी माँ भी थी और मेरी प्रेमिका भी। रीमा की आँखे चूमने के बाद मैंने रीमा की गालो को चूमना शुरु कर दिया गाल पर लगे पसीने के एक एक मोती को मैंने पीया फिर रीमा की ठूठी को भी चूमा। अब रीमा के सिर्फ कान और होंठ बचे थे।

फिर मैंने सोफे की पीछे जाकर रीमा के होंठो पर अपने होंठ रख दिये। रीमा के वासना से तपते होंठो पर होंठ रखते ही मेरा लंड विचलित हो चला। अभी कुछ देरे पहले इंही होंठो ने मेरे लंड को चूमा था और अपने अंदर समा लिया था। मेरे लंड को चूस कर मुझे जंन्नत का मजा दिया था। होंठो पर होंठ रख कर पहले तो मैंने एक दो बार उसे चूमा फिर उसके उपरी होंठ को अपने होंठो के मे लेकर जबर्दस्त चूसने लगा। रीमा ने भी खुद अपनी मोटी बाहो को बढा कर मेरे सिर को पकड लिया और वह खुद भी मेरे होठो को चूस रही थी। उसके रसीले होंठो के चूसने से मेरे लंड मे जबरदस्त हरकत हो रही थी और मैं जोर जोर से उसके होंठो का रस पी रहा था। रीमा भी पूर्ण रूप से मस्त होकर अपने होंठ चुसा रही थी। वह गर्म तो थी ही इससे और भी गर्म हो गयी और अपनी चूत को अपनी उंगली से रगडने लगी उसकी उंगली जोर जोर से उसकी चूत के दाने पर चल रही थी। होंठ चूसते हुये वह अपने मुँह मे थूक भरकर अपने होंठो के तरफ कर देती और मैं उसके थूक को उसके होंठो पर लगा कर चूसता और फिर पी जाता। रीमा का थूक पीना मुझे और मेरे लंड को बहुत भा रहा था। अब तो लंड के दर्द में मुझे मजा आ रहा था। हम दोनो थोडी देर एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और रीमा मुझे अपना थूक पीलाती रही। फिर मैंने एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के होंठ छोड दिये और बोला माँ आपके थूक में तो कुछ जादू है देखो मेरा लंड तो और भी मोटा हो गया।

बेटे माँ के थूक मे ही नंही माँ की हर चीज मे मस्ती है तू एक बार चख कर तो देख मैं रीमा का इशारा समझ गया था जरुर चखूंगा तुम्हारे वापस जाने से पहले जरूर चखूंगा। अभी तो पसीना चखना है। मैं भी तुझे बडे प्यार से चखाऊंगी अपनी हर एक चीज। मैंने अपनी जीभ निकाली और रीमा का चेहरा चाटने लगा। रीमा के माथे गाल ठोठी सब कुछ चाट कर मैंने थूक से गीला कर दिया और फिर रीमा के कानो मैं अपनी जीभ घुसेड कर उसके कान चाटने लगा। कान चाटने के बाद मैंने रीमा की गर्दन पर से भी पसीना पी लिया। रीमा का पूरा चेहरा और गर्दन मेरे थूक मे नहा गये थे। फिर मैंने रीमा के होंठो के एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के सामने आ गया। रीमा बोली चल गाँडू अब मेरे पेट को चाट फिर मेरी ये मतवाली चूचीयो का सेवन करने को तुझको मिलेगा। रीमा अपनी टाँगे खोल कर चूत दिखाती हुये सोफे पर पसर कर बैठी थी। मैं रीमा की टाँगो के बीच आकर बैठ गया और रीमा का मोटा माँस से भरा पसीने के रस से भरपूर पेट मेरे सामने था। जो कि पूरा पसीने से लथपथ था। मैंने अपना चेहराआगे बढाया और माँ के चूचीयो के नीचे के हिस्से पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीने लगा रीमा मुझे अपने बदन को चूमते हुये देख रही थी। उसकी आँखो मे वासना और प्यार दोनो दिखायी दे रहा था। इसमे कोई शक नंही था कि कुछ ही घंटो में हम दोनो एक दूसरे को बहुत पंसद करने लगे थे। और एक दूसरे को मजा देने के लिये कुछ भी कर सकते थे। मैंने पहले प्यार से रीमा के पेट और उसकी नाभी के आस पास जमी सारी पसीने की बूंदो को पिया।

रीमा ने अपने हाथो की उंगलियाँ मेरे बालो मे चलानी शुरु कर दी वह इस बात का इजहार कर रही थी की पेट चुमवाना रीमा को कितना अच्छा लग रहा था। पेट के एक एक पसीने की बूद पीने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाल कर रीमा का पेट चाटाना शुरु कर दिया औरत का बदन चाटाना मेरा सपना था और आज वह सपना पूरा हो रहा था और रीमा के का थूल थूल पेट मेरे को बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मैं अपने पूरे मन के साथ रीमा का पेट चाटने मे जुटा हुया था। अच्छे रीमा के पेट को चाट कर मैंन रीमा की नाभी कि और रुख किया जिसे मैंने अभी तक छुया भी नंही था। पहले रीमा की नाभी पर कुछ चुम्बन लिये रीमा ने मेरे चेहरे को अपनी नाभे पर हल्के से दबा कर अपने मजे का इजहार किया और उसके मुँह से हल्की से करहा भी निकल रही थी। अच्छे से नाभे चूमने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक रीमा की गहरी नाभी के चारो और गोल गोल घुमाने लगा। रीमा एक दम मस्ती मैं मचल उठी और जोर जोर से आह ओह्ह की आवाज निकालने लगी जैसे रंडीयाँ निकालती है अपने ग्राहक को उत्तेजित करने और अपनी मस्ती का इजहार करने के लिये। और फिर मैं कभी नाभी चूमता तो कभी जीभ की नोक चारो और घुमाता।
 
रीमा मेरे हरकतो से बहुत ही उत्तेजित हो रही थी वह पहले से ही अपनी गर्म गाँड चटावा कर गर्म हो चुकी थी पर मेरी जीभ ने तो उसकी चूत की हालत ही खराब कर दी थी। मैंने अपनी जीभ के नोक रीमा की नाभी में घुसेडी और उसकी गहरी नाभि को अपनी जीभ से चातने लग. मैन उसकी नाभी मे अप्नी जीभ घुसता और उस्की नाभी की चूसता रीमा के मुँह से करहाने के आवाज बराबर आ रही थी इसका मतलब यही था कि उसे बहुत ही मजा आ रहा था अपनी नाभी चुम्वाने में। मैं कभी रीमा की नाभी मे जीभ घुसेडता तो कभी अपनी जीभ रीमा की नाभी के चारो और आ रहा था रीमा प्यार से मेरे बालो को सहला रही थी। हाय रे मेरे लाल चाट ले मेरी नाभी मेरे प्यारे मेरे दलाल ऐसे ही जीभ घुसेड घुसेड कर पी मेरा पसीना मेरी नाभी में से पी जा सारा रस मेरे बदन का अपनी माँ के बदन के प्यासे गाँडू साले खेल मेरी नाभी चूस प्यार से चूस ऐसे ही मेरी नाभी। रीमा मुझे बार बार उत्तेजित कर रही थी अपनी नाभी को चूसने के लिये।

मैने अपने हाथ रीमा के कुल्हो पर रखे और उन्को मसलते हुये रीमा की नाभी को चूसने मे तन्लीन हो गया। मैं करीब ५ मिनट तक रीमा की नाभी को चूसता रहा माँ तुम्हारी नाभी चूसने मे बहुत ही मजा आया ये तो बहुत ही गहरी है ऐसा लगता है जैसे चूत हो। अच्छा गाँड चूत की याद आ रही है तेरे को चूत का प्रसाद भी दूंगी तेरे को पहले मेरे इन पहाड जैसे मम्मो की तो जरा देखभाल कर अब बस मेरा सीना ही बचा है तेरे जीभ से यंहा भी बहुत पसीना जमा है जरा इसका भी तो सेवन कर मेरे चोदू बेटे। मैं उठा और रीमा के बाँयी तरफ बगल मैं सोफे पर बैठ गया रीमा की गोल मोटी चूचीयाँ मेरी आँखो के सामने थी। मैंने आगे झुक कर रीमा की बाँयी घुंडी अपने होंठो के बीच दबा ली और अपनी जीभ की नोक से रीमा की घुंडी कुरेदने लगा। आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह म्म्म्म्म रीमा के मुँह से आवाज निकल पडी। रीमा आँखे बंद करके मस्ती से भरपूर चूची चुसवाने का मजा ले रही थी। मैं अपनी जीभ उसकी घुंडी के चारो और फेरता और कभी अपने होंठो से उसे चूस लेता। मेर एक हाथ रीमा के पेट और कमर पर चल रहा था मैं उसकी पेट और कमर हो सहला कर उसे अपने प्यार का अहसास करा रहा था।

घुंडी चूसते चूसते मैं कभी रीमा की कमर भी मसल देता था तो रीमा के मुँह से और भी जोर से आवाज निकल जाती थी। थोडी देर रीमा की घुंडी चूसने के बाद मैंने रीमा की चूची पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर उठाना शुरु कर दिया। मेरे होंठो का हल्का स्पर्श रीमा को अपने बदन के सबसे संवेदनशील अंग पर बहुत ही भा रहा था। वैसे भी रीमा की चुचीयाँ रीमा की चूत का सुईच थी जिसको छेडने से रीमा की चूत की मस्ती का मीटर ऑन हो जाता था। और मेरे होंठो का स्पर्श ऐसा ही कुछ असर दिखा रहा था रीमा की चूत पर। मैंने बहुत ही प्यार से चूमते हुये रीमा की बाँयी चूची पर जमी पसीने की बूंदो को उठाया ऐसा करने मे मुझे थोडी देर लगी पर इसका बहुत ही अच्छा असर रीमा की चूत पर हुया। पहले से ही गर्म चूत मेरे चूची प्रणय के कारण चूत रस से लबा लब भर गये। कितने प्यार से खेल रहा है मेरे लाल मेरी चूचीयो से मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे तू सितार बजा रहा हो वासाना की मस्ती का और मेरी चूत तेरे वासाना की मस्ती का संगीत सुन कर मंत्र मुग्ध हो गयी है और अपना किमती चूत रस की प्यार भरी वर्षा तेरे लिये कर रही है ताकि तू खूद चूत से इस चूत के प्रसाद को ग्रहण करे और तेरे लंड को और भी ताकत प्राप्त हो।

हाँ माँ मुझे भी तुम्हारे चूत रस का चस्का लग गया है अब तो मैं इसके बिना बिल्कुल भी नंही रह सकता इसलिये ऐसी हरकते करके ज्यादा से ज्यादा रस निकाला चाहाता हूँ तुम्हारी चूत से ताकि मैं उसका सेवन कर संकू और अपनी भूख मिटा संकू। मेरा बस चले तो तेरे मुँह को मैं अपनी चूत पर चिपक कर रख लूँ तू चूत चुसता रह और मैं तुझसे चूत चुसवाती रही। पर क्या करू तेरे लंड का ख्याल आ जाता है तो मान जाती हूँ। चल अब चाट चूत बाद मैं मिलेगी चूसने को मैंने रीमा की बाँयी चूची को जीभ निकाल कर एक कुत्ते की भांति चाटाना शुरु कर दिया। मैं उसकी चूची को नीचे से चाटता हुया उसकी घुंडी तक ले जाता और अपनी जीभ को उसकी घुंडी के चारो और घुमाता और फिर जीभ की नोक से उसकी घुंडी कुरेदता। और कभी कभी उसकी घुंडी मुँह मे भर कर चूसने लगता। रीमा ने अपना हाथ अपनी चूत पर ले जाकर अपनी चूत के दाने को अपनी उंगलियो से सहलाना शुरु कर दिया था। और दुसरा हाथ मेरे सर पर फेर रही थी और साथ ही साथ उसके मुँह से करहाने के आवाजे आ रही थी। मैं चूची चाटते चाटते कभी चूची पर थूक देता और फिर अपने ही थूक को चाट लेता मैं रीमा की चूची को अपने थूक से नहला देना चाहाता था। जिससे वह कमरे की रोशनी मे चमा चम चमके।

रीमा की चूची हो मैं चाटता रहा और थोडी ही देर मे मैंने उसकी चूची हो अपने थूक से चमका दिया। थूक से सनी उसकी मोटी बडी चूची बहुत ही सुन्दर लग रही थी। कोई भी चुदक्कड औरत उसकी चूची को देखकर मेरी काम कला का एक नमूना ही बताती। लो माँ तुम्हारी बाँयी चूची तो चाट कर मैंने एक दम चमका दी है देखो कैसे चमक रही है। अरे मेरे भडवे तू बिल्कुल मेरा दल्ला बनने लायक है जो मेरे बदन से इतना प्यार करता हो वही मेरे बदन की अच्छी किमत दिला सकता है। चल मस्त कर दिया तूने अपनी माँ को अब दूसरी चूची भी चाट मादरचोद भडवे। हाँ माँ जरुर कह कर मैं रीमा के दूसरी और आकर बैठ गया। मैंने दाँयी चूची को भी पहले प्यार से चूमना शुरु किया और उस पर जमे पसीने की बूंदे पीने लगा। मैं अपने हाथ की उंगलियो से रीमा की बाँयी चूची पर चलाने लगा। रीमा का एक हाथ लगातार अपनी चूत पर चल रहा था। थोडी देर उसकी चूची सहलाने के बाद मैंने उसे अपने हाथ मे पकडा और मसलने लगा। बहुत ही प्यार से मसल रहा था मैं रीमा की बाँयी चूची और साथ ही साथ दूसरी चूची से पसीने की बूंदे चूम चूम कर उठा रहा था। रीमा का दूसरा हाथ अब मेरी पीठ पर चल रहा था वह अपने कोमल हाथ से मेरी पीठ को सहला कर मुझे उत्तेजित कर रही थी और साथ ही साथ मस्ती मे करहा भी रही थी।

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थोडी देर प्यार से रीमा की चूची मसलने के बाद मैंने उसकी चूची को हाथ मे पकडा और जोर जोर से मसलने लगा जैसे कोई आटा गूधता है। ओह माँ मार डालेगा क्या गाँडू मादर चोद क्या कर रहा है कुतिया की औलाद इतनी जोर से मसल रहा है मेरा माल एक तो पहले ही चूत मे आग लगी और तू उसे और भडका रहा है गाँडू। साले पहले तेरी जीभ ने मेरा जीना हराम कर रखा है और अब तू मसलने भी लगा आज तो लगता है सारा चूत का रस निकाल कर मेरी चूत सुखा कर ही दम लेगा तू लगता है बहनचोद। ओह्ह्ह म्म्म्म्म मरी रे कोई ओ बचाओ मेरे बेटे से मुझे रीमा ने मुझे उकसाते हुये कहा। मैंने उसकी चूची हो कस के मसलते हुये उसकी दाँयी चूची को जीभ से चाटना शुरु कर दिया जैसा पहली चूची के साथ किया था। जैसे की सबको पता है रीमा बहुत गोरी थी मेरे चूची मसलना शुरु करते ही रीमा की गोरी मोटी भारी भरकम चूची का रंग बदल कर गुलाबी होना शुरु हो गया। और उसकी चूत से चूत रस का नल खोल दिया। मैंने रीमा की बाँयी चूची मसलते हुये उसकी दाँयी चूची का हाल वही किया और बाँयी का किया था एक दम थूक से चमका दी बेटा अब तूने मेरा सारा बदन चाट कर मुझे जो मजा दिया है मैं उसको कभी नंही भूल सकती लेकिन तेरी जीभ बडी खराब है देख इसने मेरी चूत को फिर से रुला दिया।

चूत रस का सागर बह निकला है मेरी चूत से कितनी बार तो चटा चूकी हूँ मे तेरे से अब बस नंही रहा जाता फिर से झडा दे मेरे ला अपनी माँ की चूत को और पी ले इसका माल पी ले मेरे प्यारे बेटे झडा अपनी माँ को मादर चोद। मैं कहा ठीक है माँ कह कर मैं रीमा की दोनो चूची को एक और प्यार से चूमा और फिर उठ कर रीमा की टाँगो के बीच आकर बैठ गया। रीमा भी खिसक कर आगे को होकर सोफे के किनारे पर अपने चूतड टिका कर बैठ गयी। जिस्से उसकी नंगी झाँटो वाली चूत बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने आ गायी मैं तीन तरफ से रीमा की मोटी मख्खन दार जाँघो और भरपूर सुंदर चूत से घिर गया। मैं रीमा के गीली चूत को निहारने लगा रीमा की चूत मुझे बहुत सुंदर लगती थी और उसको देख कर ही मैं मंत्रमुग्ध हो जाता था। रीमा ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और मेरे बालो मे हाथ फेरते हुये बोली क्या देख रहा है बेटा अपनी माँ की चूत जिसको तूने अभी थोडी देर पहले लंड डाल कर चोदा था और मजा लिया था अच्छी लगती है न तेरे को माँ की चूत दिवाना है न तू अपनी माँ की चूत का सोच रहा होगा ना की तेरी सगी माँ की चूत भी इतनी ही सुंदर होगी कि नंही वह भी इतना मजा देगी कि नंही बोल मेरे लाल मेरी चूत के जने।

हाँ माँ तुम्हारी चूत देख कर तो मैं पागल हो जाता हूँ और अपनी सगी माँ की चूत के बारे में भी सोचता हूँ। अरे फ्रिक मत कर मैं हूँ न तुझे तेरी सगी माँ कि चूत भी दिलवाऊंगी और न जाने कितनी चूतो से तेरा परिचय करवाऊंगी। जनता है न तेरे माँ रंडी है तो बहुत सी रंडीयो से मेरी जान पहचान है सब तेरे जैस मस्त जवान छोरे के नीचे बिछने को एक दम तैयार हो जायेगी। अब तू देखता जा और अपनी इस रीमा माँ की सेवा करता जा। चल अब चाट कि ऐसी ही घूरता रहेगा अपनी प्यारी माँ के छिनाल चूत। मेरे गाल पर प्यार से एक चपत लगाते हुये रीमा ने कहा। मैंने रीमा की मोटी जाँघो को देखा उस पर भी काफी पसीना जमा हुया था। मैंने रीमा की गोरी मोटी जाँघ को चूमना शुरु कर दिया और उसकी जाँघ पर जभी बूंदो को पीने लगा। एक एक बूंद को बडे प्यार से मैंने अपने होंठो से उठायी और पी लिया। थोडे से जाँग के हिस्से को चूम कर पसीने की बूंदे उठा कर पी और फिर उसे जीभ निकाल कर चाटा

ऐसे मैंने दोनो जाँघो के साथ किया पहले एक जाँघ के थोडे हिस्से को चाटता फिर दूसरी जाँघ के उसी हिस्से को। और ऐसे धीरे धीरे मैं अपने मंजिल तक बढने लगा यानि कि रीमा की चूत। रीमा एक हाथ से अपनी चूचीयो से खेल रही थी कभी एक चूची को पकड कर मस्लती तो कभी अपनी घुंडी पकड कर मसल देती और कभी सिर्फ प्यार से अपनी मोटी चूची को सहलाती। और रीमा का दूसरा हाथ बराबर मेरे सर पर चल रहा था और वह प्यार से मेरे बालो पर अपने हाथ फिराते हुये मुझे घूर रही थी और मेरी हरकते उसकी चूत मे चूत रस की बढौतरी कर रही थी। जिसे चूस कर अभी थोडी देर मैं मैं उस चूत रस का सेवन करने वाला था। जैसे जैसे मैं रीमा की चूत के पास आता जा रहा था उसकी चूत से निकलने वाली चूत रस की गंध मुझे जल्दी से जल्दी उसकी चूत में मुँह घुसाने को मजबूर कर रही थी। धीरे धीरे मैंने उस्की दोनो मोटी माँसल जाघो पर जमे पसीने को भी चाट कर पी लिया अब रीमा की चूत की बारी थी जो अपने द्वार खोल कर मुझे आमंत्रित्र कर रही थी
 
इतना ही नंही रीमा की चूत का चूत रस उसकी चूत से बाहर निकल कर बह रहा था जो मुझे और भी अपनी और बुला रहा था। बेटा अब तो तुने मेरे बदन के एक एक हिस्से से पसीने का सेवन कर लिया अब तो मेरी चूत पर थोडी रहम कर दे मेरे लाल अब तो मेरी चूत भी भोग ले अपने मुँह से मेरे प्यारे लाडले अब तेरी माँ बहुत तडप चुकी अब तो और न तडपा अपनी इस नंगी माँ को देख एक माँ कैसे बेशर्म होकर तेरे सामने चूत खोल कर पडी है अपने मादर चोद बेटे के सामने। अब भोग भी ले अपनी माँ को। हाँ माँ अब मैं भी तुमसे दूर नंही रह सकता चिंता मत करो तुम मैं अभी तुम्को चूस कर झडा देता हूँ। वैसे तो मेरा लंड काफी देर से नाडे मे बंधा था और अब तो मुझे इसकी आदत भी हो चली थी पर जब भी रीमा प्यार से मुझसे कुछ मांगती थी तो लंड जोर जोर से हिलने लगता था जैसे नाडे की कैद से आजाद होना चाहाता हो। फिर मैने अपना चेहरा एक दम रीमा की चूत के पास कर दिया रीमा की चूत की मदहोश बनाने वाली गंध मेरी नाक मे घुसी जिससे मेरी हालत खराब होने लगी।

मैने अपनी नाक रीमा की चूत पर रखी और सूघने लगा रीमा की चूत की गंध मुझे बहुत प्यारी लगी फिर मैंने अपनी नाक रीमा की चूत के चारो और फिराने शुरु कर दी। हाय लाल ये कया करे है रे मादरचोद मेरे और आग क्यो भडका रहा है इसे बुझाने का कुछ उपाय कर मेरे लाल। रीमा की बातो से पता चल रहा था की वह कितनी अधीर है चूत चटवाने के लिये। मैने फिर रीमा की को चूमना शुरु कर दिया उसकी चूत के एक एक इंच को चूमा मेरे होंठो का स्पर्श चूत पर होते ही रीमा को थोडी राहत मिली और उसके अपने मुँह से एक कराह निकाल कर इसका इजहार किया। साथ ही साथ चुम्बनो से उसकी चूत की गर्मी और भी बढा दी अब रीमा से बिल्कुल भी नंही रहा गया और उसने एक हाथ मेरे सर के पीछे रखा और कस के मेरा चेहरा अपनी चूत पर दबा दिया। और खुद ही अपनी चूत मेरे होंठो पर घिसने लगी। मेरे होंठ रीमा की चूत की पुत्तियो से टकरा रहे थे और कभ कभे उसके चूत के दाने पर भी रगड खाते रीमा बहुत ही गर्म थी इसीलिये अपनी गर्मी को शांत करने का बिडा रीमा के अपने ही हाथ मे ले लिया था। थोडी देर अपनी चूत मेरे होंठो पर रगडने के बाद मैंने रीमा की हाथ पकड कर उसकी पकड को ढीला किया और अपना चेहरा रीमा की चूत से हटाया और बोला अरी माँ क्यो इतना उतावली हो रही हो तुम चिंता मत कर देता हूँ मै तुम्को मजा तुम तो सिर्फ चूतड सोफे के किनारे पर टिका कर चूत खोल कर चूत चटवाने का मजा लो।

मुझे पता है कि तुम्को चूत चटवाना कितना पंसद है और तुम्हारा ये बेटा तुम्हारी चूत को हमेशा ऐसे ही चाट कर तुम्हारी चूत की भूख मिटाता रहेगा लाओ अब मैं तुम्हारी चूत झडा ही देता हूँ। कह कर मैंने फिर से अपना मुँह रीमा की चूत मैं खुसेड दिया। रीमा कुछ ज्यादा ही गर्म थी। तो मैंने उसकी चूत को खलास करने का निश्चय लिया और सीधा उसकी चूत का दाना मुँह मे भर कर चूसना शुरु कर दिया। चूत के दाने के चुसायी से रीमा बहुत खुश हुयी और एक हाथ से मेरे बालो मे प्यार से उंगलिया फिराने लगी। और दूसरा हाथ अपनी चूचीयो पर लेजाकर अपनी चूची मसलने लगी। उसकी चूची मेरे थूक से सने थी इसलिये उसके हाथ अपनी चूची पर फिसल रहे थे। पर फिर भी रीमा अपनी चूची मसलने मे लगी हुयी थी और अपनी घुंडी भी मसल देती थी मस्ती मे। मैंने अपनी एक उंगली रीमा की गीली चूत मे डाली और जोर जोर से उसकी चूत उंगली से चोदने लगा। और साथ ही रीमा की चूत के दाने को चूस रहा था। कभी मैं चूत का दाना मुँह में भर कर चूसता तो कभी होंठो के बीच दबा कर अपनी जीभ से चूत के दाने को कुरेदता और कभी तो ज्यादा से चूत मुँह मे भर कर चूस लेता। चूत मे उंगली भरी होने के करण पूरी चूत तो मुँह में नही ले पता पर ज्यादा से ज्यादा चूत मुँह मे भरने के कोशिश करता

रीमा उत्तेजना में गालियाँ बकते हुये चूत चुसवा रही थी। चूस साले बहनचोद चूस अपनी माँ की चूत बहुत तडपाता है रे तू चूस ले खा जा मेरी चूत साली चैन ही नंही लेने देती निगोडी जब देखो तब लंड चाहिये साली को चूस ले कुत्ते भोसडी की औलाद चूस ले रे। आह ओह्ह्ह म्म्म्म्म मस्त चूस रहा है रे चूस म्म्म्म ओह्ह्ह इसी तरह चूस रे मेरे लाल मेरे राजा बेटे चूस ले रे। मजा दे गाँडू झडा मेरी चूत अपनी घुंडी को एक दम अपनी चूची से खिचती हुये रीमा ने कहा। मैं जोर जोर से रीमा की चूत चूस रहा था अब रीमा कभी भी झड सकती थी मैंने रीमा की चूत मे तीन उंगली घुसा रखी थी। रीमा एक दम अपनी टाँगे खोल कर बैठी थी जिस्से उसकी चूत के साथ साथ उसकी गाँड भी खुली पडी थी। मैं कभी कभी उसकी चूत चूसते हुये उसकी गाँड भी चाट लेता था जिससे उसकी गाँड भी मेरे थूक से गीली हो गयी थी। रीम तो किसी दूसरे जहान में ही खो गयी थी और अपनी चूचीयाँ मस्लते हुये झडने की तरफ बढ रही थी।

मैने अपने दूसरे हाथ से अपनी ऊगली थूक से गीली की और रीमा की गाँड पर फिराने लगा। और रीमा की गाँड उगली डालते ही मचल उठी और रीमा खुद प्यार से धीरे धीरे अपने चूतड मेरी उंगली पर फिराने लगी। मैने फिर रीमा की गाँड पर अपनी उंगली रखी और जोर लगा कर अपनी आधी उंगली रीमा के मतवाली गाँड के अंदर उतार दी। गाँड मे उंगली जाते ही रीमा चिहुक उठी रीमा की चूत और गाँड दोनो ने दबा कर मेरी उंगलीयो को अपने अंदर जकडने की कोशिश की इसका साफ अर्थ था की रीमा के ये बहुत पंसद आया। फिर मैंने अपनी पूरी उंगली रीमा की गाँड मे घुसेड दी और गोल गोल घुमाने लगा। उम्म्म आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह के मस्ती भरी आवाजो के साथ रीमा ने भी उंगली का स्वागत किया। फिर उसकी गाँड का ज्याजा उंगली से लेने के बाद मैंने उसकी चूत और गाँड अपनी उंगली से चोदते हुये अपने होंठ रीमा की चूत के दाने पर लगा कर जोर जोर से चूसने लगा। तीन तरफ से वार होने पर रीमा मचल उठी मर गयी रे मार डाला मुझे मेरे बेटे ने ही मार डाला रे कोई तो बचाओ चोद मादर चोद और जोर से चोद झडा साली अपनी माँ को कुत्ते और जोर से हाँ अब मेरे बस आने ही वाला है कभी भी मेरा पानी झूट सकता है। चोद रे चूतिये चोद मेरी चूत और गाँड एक साथ मैं जोर जोर से उसकी चूत और गाँड चोदता हुया चूत चुस रहा था फिर मैंने उसकी चूत के दाने को कस के अपने दाँतो से पकडा और कस के काट लिया जिसको रीमा बर्दाशत न कर सकी और जोर से चिलायी अरे मादरचोद गय्य्य्य्य्य्य्यी रे।

मेरे काटने को रीमा की चूत सहन नंही कर सकी और उसकी चूत जबर्दस्त झडने लगी। उसकी चूत ने रस की झडी लगा दी उसका बदन एक दम कडा होकर थम सा गया जैसे उसमे कोई जान ही न हो। और उसकी गाँड ने मेरी ऊगली को कस के जकड लिया था और उसकी चूत से चूत रस रिस रहा था जो के मैं अपना मुँह चूत पर लगा कर पीता जा रहा था। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाल ली थी मेरी उंगलीयो मे भी चूत रस लगा हुया था पर पहले मैं उसकी चूत का रस पी राहा था जो की पानी के झरने की तरह उसकी चूत से बह रहा था। रीमा चूत रस बरसाती रही और मैं पीता रहा धीरे धीरे रीमा का बदन भी ढीला पडना शुरु हो गया। मैंने रीमा की चूत से निकला एक एक बूद चूत रस पी लिया अबकी बार रीमा ने काफी रस मुझे पिलाया। जब रीमा को थोडा होश आया तो मेरे सर पर हाथ फिराते हुये बोली अरे मेरे लाल मजा आ गया बहुत अच्छा चूसे तुम बहुत मजा आया आज तो पहले तो मेरा पूरा बदन तुम्हारे थूक से नहा गया और फिर साथ ही तुमने अपनी जीभ से मेरी चूत का अच्छा ख्याल रखा।
 
माँ मुझे भी तुम्को अपनी जीभ से नहलाने मे बहुत मजा आया तुम्हारे बदन के एक एक इंच को जीभ से चाट कर मुझे बहुत ही आंनद प्राप्त हुया। और तुम्हारा चूत रस का तो मुझे चस्का लग गया है जितना भी तुम पिलाओगी उतना कम है। मेरा बस चले तो २४ घंटे तुम्हारी चूत पर मुँह लगाये पडा रहूँ और तुम्हारा चूत रस पीता रहूँ। अरे पगले इतना पंसद है रे तेरे को माँ माँ से इतना प्यार करता है तू जैसे मैं बोलती हूँ तू तो बिल्कुल वैसा ही करता है तेरे लिये मेरी चूत मे हमेशा रस रहेगा देख खूब दूगी तेरी चूत को अपनी चूत का पानी। मेरे रसीया मेरे प्यारे बेटे एक बार तू मेरे साथ आकर तो रह रोज तेरे थूक से ही नहाउंगी सुबह शाम दो बार तेरी जीभ को बस इसी लिये रख छोडूगी मे मेरे लाल और तेरे इस रसीले टमाटर जैसे लाल सुपाडे का रोज सेवन करूगी में देखना। तेरा ले लालीपॉप चूसने मे भी मुझे बहुत मजा आता है मेरे लाल। फिर मैंने अपनी उंगलीयाँ जिस पर रीमा का चूत रस लगा था मुँह बे भर लिया और चूसने लगा। अपनी जीभ को उंगलियो के बीच घुसा कर भी मैंने एक एक बूंद चूत रस पी लिया।

तेरी यही बात तेरी माँ को बहुत भाती है मेरे मादरचोद बेटे की तू अपनी माँ की चूत की मलाई की एक बूंद भी बर्बाद नंही होने देता। अरे मैं ऐसा कैसे होने दे सकता हूँ माँ तेरी मलाई तो जाँहा कही भी लगी हो वह मैं पी लूंगा बिल्कुल छोडूंगा नंही। चल देखगें तू ऐसा करेगा की नंही रीमा ने मुस्कुरा कर कहा। मैं नीचे रीमा की टाँगो के बीच से उठ कर रीमा के बगल मे बैठ गया ओर बोला माँ अब तो मेरा नाडा खोल दो मेरा लंड चूस लो न अब मेरा मन भी कर रहा है झडने का अरे गाँडू बडा कहता है की आप जैसा कहोगी वैसा ही करूंगा क्या माँ के लिये एक दिन बिना झडे नंही रह सकता मादरचोद तेरी इस माँ ने तुझे अपनी चूत चोदने का इतना बडा उपहार दिया क्या तू माँ को बिना झडे खुश नंही रख सकता। मेरा मन तो यही कहता है माँ की आपकी भरपूर सेवा करूं पर मेरा लंड साला मानता ही नंही इसको झडने का मन करता है। अरे मेरे प्यारे बेटे मेरी चूत के मजे लेने है तो तुझे अपने लंड को भूलना पडेगा क्योकी मेरी चूत तभी मजा देगी तुझको जब वह पूरी तरह से संतुष्ट हो जायेगी और अभी मेरे चूत पूरी तरह से संतुष्ट नंही हुयी।

ठीक है माँ जैसा तुम कहो। अरे मेरे लाल उदास क्यो होता है मैं हूँ न पूरा मजा दूंगी तेरे को अरे तेरे को बेटा माना है तो क्या तेरे मजा का ख्याल नंही रखूगी क्या पर तेरे जैसे जवान छोरो की यही एक कमी है बस झडने के लिये तरसते रहते है अरे मेरे प्यारे मादरचोद जब बुरी तरह तडप के देर से झडेगा ना तो इतना मजा आयेगा कि तुझे ऐसा लगेगा कि तू स्वर्ग मे है। मुझ पर भरोसा है न तेरे को बस तू मेरी बात मानता जा तुझसे वादा करती हूँ अच्छा ईनाम दूंगी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर मसलते हुये रीमा ने कहा। ठीक है माँ जैसा तुम कहो। तेरे थूक से नहा कर मेरा बदन वैसे तो बहुत चमक गया है अच्छा साफ किया है तूने पर जो मैंने तेरे लिये आगे सोचा है उसके लिये मुझे नहाना होगा। क्या सोचा है माँ मुझे भी तो बताओ अरे अनाडी अगर बता दिया तो फिर काहे का मजा। चल तू मेरे लिये बाथरूम मे जाकर पानी बाथ टब मे मिला अब हम दोनो मिल कर नहायेगे। तू जाकर पानी मिला तब तक मैं रात के डिनर का ऑडर कर देती हूँ अभी हमे खाना भी तो खाना है। नाहा कर पेट पूजा करके हम दोनो मजा करेंगे। मैं वहाँ से चलने लगा तो रीमा बोली अरे जरा रुक तेरा नाडा तो खोल दूँ थोडी हवा मिलने दे तेरे लंड को मेरे लंड को हाथ में पकड कर सहलाते हुये रीमा ने कहा।
 
फिर रीमा ने मेरा नाडा खोल दिया और बोली खबरदार जो लंड से खेला और झडने की कोशिश की अभी कमरे से निकाल दूंगी तुझे वह भी नंगा फिर मत कहना मुझे कुछ समझ गया मादरचोद हाँ माँ बिल्कुल। नाडा खुलने से मेरे लंड में जैसे जान आ गयी हो मेरा लंड का सुपाडा टमाटर जैसा लाल हो गया था। अपने सुपाडे को देख कर मन किया अभी मुठ मार लूँ मैंने बडी मुशकिल से अपने आप को रोका। फिर मैंने रीमा के गाल कर एक बार चुम्बन लिया और बाथरूम मे पानी भरने चला गया। मैंने जाकर गर्म और ठंडा पानी मिला कर बाथटब भर दिया। मुझे पानी मिलाने मे थोडा टाईम लगा क्योकी मैंने इससे पहले कभी टब मे नहाया नंही था तो मुझे पता नंही था की कैसे क्या करना है। मैं पानी मिला कर रीमा के आने का इंतजार करने लगा। फिर रीमा दरवाजा खोल कर अपने भारी बदन को मटकाते हुये आयी। जब वह चल रही थी उसकी मोटी मख्खन मालाईदार चूचीया उसकी मस्तानी चाल की वजह से हिल रही थी और उसका कुल्हे मटक रहे थे। मैंने अपने मन मे कल्पना की इस वक्त उसके मोटे चूतड किस मतवाले ढंग से मटक रहे होंगे वह सोच कर ही मेरे बदन मस्ती की एक लहर दौड गयी।

रीमा ने मुझे मुस्कुराते हुये देखा और टॉयलट पॉट की सीट को खोला। मैं समझ गया की रीमा क्या करने जा रही थी। एक दम से मेरे विकृत दिमाग की बत्ती जल उठी। मैंने न जाने कितनी कहानीयो के इस बारे मे पढा था और उसको पढ कर न जाने कितनी बार मुठ मारी थी और बार बार कहानी की उस हिस्से को पढता था। यहाँ तक की रीमा के साथ भी चाट पर बात करते वक्त मैंने न जाने कितनी बार यह कार्य किया था अब मेरा लंड भी मस्त खडा था और मस्ती मे मेरा दिमाग सिर्फ मेरे लंड की सुनता था। और लंड कह रहा था कि कह दे रीमा से और जो सपना तूने दिन रात देखा है वह पूरा कर ले। कर ले अपने मन की अभीलाषा पूरी और पता नंही कही मेरा मन भी कह रहा था कि रीमा भी यही चाहाती है। और वह पूरे जोश के साथ मेरा साथ देगी और उसे खुद यह करने में बहुत उत्तेजना होगी। मैं अपने आप को बिल्कुल भी नंही रोक पा रहा था मेरे लंड ने मेरे तन मन सब पर काबू कर लिया था मैंने भी मस्ती में मस्त होकर लंड की बात मानने की सोची।

मैंने रीमा से कहा माँ तुम क्या करने जा रही हो अरे बेटा इसमे पूछने की क्या बात है तुझे दिख नंही रहा रीमा ने पीछे मुड कर कहा। पर माँ मैं सोच रहा था कि पर आगे मैं कह नंही पाया क्या सोच रहा था बेटा क्या हुया एक दम से तेरे को कुछ बात है तो बता अपनी माँ को बोल रे न। वह मैं सोच रहा था माँ की हमने कितनी बार इस बारे में बात कि है क्यो न आज इसको करके भी देखे बात करने में तो कितनी उत्तेजना होती थी श्याद करने में भी उतना ही मजा आयेगा। किसमे बेटा क्या मजा आयेगा फिर एक दम से रीमा को समझ मे आया की मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हूँ ये सोच कर रीमा मेरी तरफ पल्टी उसकी आँखो मे एक अजीब सी चमक थी जैसे उसे कोई नायाब हीरा मिल गया हो। क्या कह रहा है सच में बेटा क्या तू वही चाहाता है जो मैं सोच रही हूँ सच बता मजाक तो नंही कर रहा नंही माँ मैंने न जाने कितनी बार तुम्को ये मेरे साथ करते सोच कर मुठ मारी है और आज मुझे जब मौका मिला है तो मैं मजाक क्यो करूंगा माँ। मैं बिल्कुल सच कह रहा हूँ माँ।

हाय रे मैं मर जाउं तेरे साथ बाते करते वक्त मैं पूरी गर्म हो जाती पर मैंने सोचा था कि ये तो बस कहने के लिये है हम लोग कभी भी ये नंही करेगें मैं सिर्फ कहानियो मैं ही पढा था पर आज तो तूंने मुझे मस्त ही कर दिया आज मुझे मेरे औरत होने पर गर्व है और इस बात पर भी कि मैं तुझे अपना बेटा मानती हूँ क्योकी ऐसा करने के लिये दो लोगो के बीच बहुत प्यार होना जरूरी है हाँ माँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। रीमा मेरे पास आयी और मुझे गले से लगा लिया और बोली सच बता तैयार है हाँ माँ मैं तैयार हूँ तो एक बार अपने मुँह से बोल न तुझे क्या चाहिये मैं तेरे मुँह से एक बार सुनना चाहाती हूँ कि तुझे क्या चाहिये वैसे भी ये इतनी किमती चीज है तू अपने मुँह से माँगेगा तभी दूगी। मैं समझ गया कि रीमा बहुत उत्तेजित हो गयी है और मेरे मुँह से सुनाना चाहाती है कि मैं उससे क्या चाहाता हूँ ताकि वह कार्य करने से पहले वह पूर्ण रूप से उत्तेजित हो सके और पूरा मजा ले सके। मैंने रीमा की आँखो के आँखे डाल कर देखा और उसके गदराये हुये कुल्हो पर अपने एक हाथ रख कर उसके नंगे बदन को अपने पास लाकर अपने लंड को रीमा की चिकनी गोरी माँसल जाँघो से चिपका कर उसकी मस्ती मैं तक कर खडी चूचीयो को अपने सीने से लगा कर और अपने दूसरे हाथ से रीमा के पहाड जैसे उंचे और मोटे चूतड को सहलाते हुये कहा।

माँ तुम्हारा ये मादरचोद बैटा तुम्हारे चूत से निकलने वाले शरबत को पीना चाहाता है तुम्हारे ये चूत जो शरबत रूपी मूत बनाती है मैं उसको पीना चाहाता हूँ तुम्हारे मूत का स्वाद लेना चाहाता हूँ तुम्हारे मूत का सेवन करना चाहाता हूँ। तुम्हारी चूत का ये पीला शरबत मेरे लिये तो किसी अमृत से कम नंही है। मैं तुम्हारे इस अमृत को पीकर हमारा ये वासाना से भरपूर माँ बेटे का ये नापाक रिश्ता और भी मजबूत बना देना चाहाता हूँ। तुम्हारा ये मूत पीकर मैं तुम्को ये दिखला देना चाहाता हूँ कि तुम्हारा ये बेटा जो आज तुम्हारी इसी चूत को चोद कर मादरचोद बना है तुम्को और तुम्हारी चूत को कितना प्यार करता है कि इस चूत से निकलने वाली मूत को भी ग्रहण करने को तैयार है। और मेरा ये लंड तन कर अपनी माँ का मूत पीकर और भी मोटा होकर अपनी माँ को भरपूर मजा देगा। जब मैं रीमा से यह कह रहा था रीमा के चेहरे पर मस्ती के भाव थे और उसकी आँखो मे एक गहरी चमक। और मेरे हाथ बराबर रीमा के कुल्हो और उसके चूतडो को सहला रहे थे। और मेरा लंड वासना मैं अंधा होकर कुछ भी करने को मजबूर कर रहा था।
 
ओह मेरे लाल सच सच कह रहा है तू मेरा मूत पीयेगा मेरा लाल मेरी चूत से निकलने वाला मूत पीला शरबत पियेगा मेरा मादरचोद बेटा। ओह मेरे लाल मेरी चूत तो यह सुन कर ही गीली हो गयी और पूरे गर्व से भी भर गयी कि उसे इतना प्यार करने वाला कोई मिला जो उसके मूत को ग्रहण करने को तैयार है मेरे चूतड को पकड मेरे बदन को अपने बदन से सटाती हुये रीमा ने कहा। लेकिन एक बात सोच ले मेरा ये मूत बहुत ही किमती है एक बूंद मेरे मूत की बर्बाद नंही होनी चाहिये एक एक बूंद पीने पडेगी तेरे और और इतना ही नंही अब जब तक तू यंहाँ है रोज मैं तेरे मुँह मे ही मूतूंगी जितनी बार भी मूतूंगी हर बार तुझे मेरा मूत पीना पडेगा। पर तू चिंता मत कर मुझे पता है कि मेरे बेटे को मेरा मूत कितना पंसद है मैं बहुत पानी पियूंगी जिससे ज्यादा से ज्यादा मूत पीला संकू अपने लाल को मुझे पूरा यकिन है तुझे अपनी माँ का मूत बहुत पंसद आयेगा। हाँ माँ मैं अब तो रोज पीयूंगा तुम्हारा मूत मेरे लिये तो ये किसी अमृत से कम नंही है वैसे भी माँ तुम कहती हो कि औरत के जिस्म मैं बनने वाले सारे पर्दाथ मर्दो के लिये कितने लाभकारी है तो फिर तुम्हारा मूत भी मेरे लिये बहुत अच्छा होगा। और मैं तुम्हारे मूत की एक बूंद भी बर्बाद नंही होने दूंगा जब मैंने तुम्हारे चूत रस की एक भी बूंद बर्बाद नंही होने दी तो फिर मूत की कैसे होने दे सकता हूँ।

मै तो मूत को चूत रस से भी किमती मानता हूँ माँ ओह मेरे लाल तूने तो मेरी चूत मैं फिर से आग भडका दी साले पता नंही तेरे में क्या जादू है तू जो भी करता है मैं उससे उत्तेजित हो जाती हूँ। तू इतने दिनो तक कंहा था मेरे लाल मैं तेरे प्यार से कितना वंचित रही हूँ मै तेरे को बता नंही सकती। आ जा मेरे लाल आज तक जो सिर्फ कहानियो में पढा था अब हम करते है चल मैं तेरे को अपना मूत पीलाती हूँ नंही तो तेरा ये मुसल जो मेरी चूत के पास खडा है चूत के छेद का रास्ता ढूंढ लेगा और एक बार अगर ये मेरी इस गर्म चूत मे घुस गया तो फिर मेरी चूत को अच्छे से चोद कर ही निकलेगा और तो और फिर मेरे लिये भी बडा ही मुश्किल हो जायेगा अपने आप को रोकना। चल तेरा ये पहली बार है तू नीचे लेट जा मैं तेरे मुँह पर बैठ कर तुझको मूत पीलाती हूँ। तू मेरा मूत पीते हुये मेरी खुली चूत भी देख सकता है। ठीक है माँ चलो अब और न तडपाओ मुझे अपना मूत पीला ही दो रीमा के गुदाज चूतडो को दबाते हुये मैंने कहा। पर देख एक बात बता देती हूँ मूत पीने की उत्तेजना मैं कंही तू अपने लंड से ज्यादा खेला और झडा तो बस हमारा रिश्ता यंही खत्म हो जायेगा ये तेरा इंम्तहान है अपने पर काबू करने का बिना नाडा बांधे समझ गया बिल्कुल माँ।

मैं पूरा ख्याल रखूंगा मुझे भी पता है तुम्हारे जैसी नायाब औरत रोज रोज नंही मिलती माँ और मैं अपने लंड के मजे के सामने तुम्को नंही खोना चाहाता। और अगर मैं तुम्को खुश रखूंगा तो तुम मेरे बिना कहे मेरे लंड को खुश रखोगी। बडा ही समझदार है तू चल अब लेट जा यंहाँ पॉट के बगल मैं जिससे मुझे लगे मैं पॉट मे ही मूत रही हूँ क्योकी अब तो तू मेरा चलता फिरता प्यारा सा बाथरूम बनने वाला है जिससे मैं रोज मूतूंगी मेरे चूतड पर एक प्यार भरी चपत लगाते हुये रीमा ने कहा। मैंने रीमा के चूतड को दबा कर उसके होंठो का एक हल्का सा चुम्बन लिया और हम दोनो अलग हो गये। मैंने पॉट के बगल में चित लेट गया रीमा के पीठ मेरी तरफ थी और उसके हौदे जैसे चूतड मेरी आँखो के सामने थे जिनको देख कर मस्ती मे तडपता मेरा लंड हिलने लगा। जब मैं लेट गया रीमा पलट कर खडी हो गयी। इस रूप मैं वह मुझे कोई वासना की देवी लग रही थी जो अब अपने भक्त को उसकी भक्ती से प्रंसन्न होकर अमृत रूपी मूत प्रसाद के तौर में दे रही थी। ओह्ह मेरे लाल मैं तो बहुत ज्यादा ही मस्त हो गयी हूँ मेरे शरीर का रोम रोम खडा हो गया है तुम्हारे को मूत पिलाने का सोच कर। मैंने पहले भी अपने किसी प्रिय को अपना मूत पिलाया था पर आज इतने दिना बाद तुझे मूत पिलाने का आंनद मुझे प्राप्त हो रहा है।
 
चल तू अब अपने हाथ अपने बदन से जोड ले ताकि मुझे आसानी हो तेरे मुँह पर बैठने के लिये। मैंने अपने हाथ जोड लिये। रीमा आकर मेरे कंधे के दोनो और पैर करके खडी हो गयी और उसकी झाँटो भरी चूत मेरी चेहरे की बिल्कुल उपर थी। रीमा अपने हाथ अपनी चूचीयो तक ले गयी और प्यार से अपनी मस्ती में खडी घुडी को सहलाते हुये बोली तैयार है बेटा हाँ माँ पूरी तरह तैयार हूँ मैंने कहा। रीमा धीरे धीरे नीचे बैठने लगी उसकी चूत हौले हौले मेरे चेहरे के नजदीक आने लगी। रीमा मेरे चेहरे के सामने उकडू होकर बैठ गयी जैसी औरते नाली मैं मूतने के लिये बैठती है फर्क सिर्फ इतना था कि मेरा मुँह रीमा की नाली थी जिसमे वह मूतने वाली थी। रीमा की चूत एक दम मेरे चेहरे के सामने थी। ऐसे बैठने से रीमा की चूत एक दम खुल गयी थी। उसकी चूत के अंदर का लाल भाग साफ दिखायी दे रहा था जो वासना की गर्मी से गीला हो गया था। उसके उपर रीमा की चूत का दाना मस्त होकर चूत से बाहर उभर कर आ गया था। और उसके उसी चूत के दाने के उपर था रीमा का मूत का छेद। जिसमे से वह अभी थोडी ही देर में मेरे मुँह में मूतने वाली थी।

ले बेटा बैठ गयी तेरी माँ और देख ले ध्यान से मेरी चूत और मेरे मूत का छिद्र इसी मूत के छिद्र से मैं तेरे मुँह मे मूतूंगी। हाँ माँ तुम्हारा मूत की छिद्र बहुत ही सुंदर है और तुम्हारे इस मूत के छिद्र से निकलने वाले मूत को मैं पीने के लिये बैताब हूँ। अब तो तुझे रोज मेरे इस छिद्र को देखना है क्योकी मैं इतना मूत बनाऊंगी अपने अंदर की तुझे पानी की जरुरत ही न पडे मेरा मूत ही तेरे पानी की जरुरत को पूरा कर दे। रीमा की बात सुनकर मस्ती मे मेरा बदन सिहर गया और लंड नयी जान से उछलने लगा। फिर रीमा ने खुद अपनी चूत के द्वार अपने हाथो से खोल कर और भी चौडे कर दिये ले बेटा अब तैयार हो जा अब मैं मूतूंगी मेरे मूत के छिद्र को अपने होंठो में कैद कर ले पहले मैं थोड सा मूतूंगी तेरे मुँह में तू उसका स्वाद का मजा ले जब तेरे मुँह मे मेरा स्वाद बस जायेगा तब थोडा थोडा मूत मुँह मे लेकर मजे लेकर पीना और अपने गले को गीला करना।मैं जानती ही तू बहुत ही गर्म मर्द है और मुझे पता है तुझे मेरे मूत का स्वाद बहुत पंसद आयेगा और जितना भी मूत मैं तुझे पिलाऊंगी उससे तेरा मन नंही भरेगा देख लेना तू। तो माँ अब तडपा क्यो रही हो मूत दो न मेरे मुँह मे देखो मेरा लंड भी अपनी माँ से विनती कर रहा है मेरे मुँह मे मूतने के लिये मूतो न मेरी माँ बरसाओ अपना प्यार अपने बेटे के मुँह मे।

तो फिर तू लगा अपने होंठ मैं मूतती हूँ। मैंने झट से रीमा के मूत के छिद्र को अपने होंठो मे कैद कर लिया। जैसे ही मेरे होंठो ने रीमा की मूत छिद्र को कैद किया रीमा के मुँह से मस्ती भरी आह निकली ओह्ह्ह ले बेटा आया मेरा मूत कह कर रीमा ने अपनी बदन को जरा सा जोर लगाया और रीमा का थोडा सा मूत मेरे मुँह मे गिर गया। रीमा ने झट से अपने चूतडो को सिकोड कर मूत के प्रवाह को रोक लिया। जैसे ही रीमा का गर्म मूत मेरी जीभ पर पडा मैं अपने गले को बंद कर लिया जिससे कंही मूत मेरे गले मे न उतर जाये क्योकी मैं मूत के स्वाद का मजा लेना चाहाता था। रीमा का मूत गर्म और खारा था। पर उसका वह खारा स्वाद दुनिया के किसी भी मिठायी के स्वाद से बढिया था। रीमा ने बहुत थोडा सा ही मूता था जिस्से मैं सिर्फ स्वाद का अहसास ले सकूं मैं मूत को अपनी जीभ पर लेकर ऐसे ही रीमा के मूत के छिद्र को होंठो मे बंद करके रुका रहा जब रीमा के मूत का स्वाद पूरी तरह से मेरी जीभ मे समा गया और मेरी लार भी रीमा के मूत मे मिल गयी मैं उस जरा से मूत को अपने गले के नीचे उतारा। जब रीमा ने देखा की मैंने रीमा का मूत अपने गले के नीचे उतार लिया है तो उसने पूछा बोल बेटा कैसा लग तुझे अपनी माँ का मूत अच्छा है न पंसद आया और मूतू तेरे मुँह मे कि बस।
 
नंही माँ ऐसा जुल्म मत करना मुझे तुम्हारा मूत बहुत ही पंसद आया मुझे नंही लगता इससे अच्छा कुछ हो सकता है इस दुनिया में तुम और मूतो और मूतो मेरे मुँह में मुझे तुम्हारा पूरा मूत पीना है मैं तुम्हारे मूत की एक भी बूंद बर्बाद नंही होने देना चाहाता। पता नंही बेटा क्या पता मूत से भी स्वादिष्ट कुछ हो वह तो जब तू ग्रहण करगा तभी तुझे पता चलेगा की मूत से अच्छा क्या है। मेरा लंड मस्ती मैं पूरा तन गया था और मेरे लंड का सुपाडा फूल कर मोटा हो गया था। मैंने अपने लंड को खुश करने के लिये प्यार से अपनी उंगलियो से सहलाया। और फिर से अपने होंठ रीमा के मूत के छिद्र पर लगा दिये रीमा ने थोडा अपने चूतड को ढीला छोड कर मेरे मुँह मे मूता अबकी बार रीमा ने थोडा ज्यादा मूता था इतना की मेरा मुँह रीमा के मूत से भर गया। रीमा फिर रुक गयी। अपने अपने हाथ रीमा की मोटे चूतडो पर रखे और उसके चूतडो को मसलते हुये अपने मुँह मे रीमा के मूत को घुमाने लगा। रीमा का वह पीला अमृत तो मुझे पागल बनाये दे रहा था। मैंने थोडा थोडा मूत अपने गले के नीचे उतरना शुरु कर दिया मेरा गला रीमा के मूत से तर होता जा रहा था। मूत पीने के साथ साथ मैं रीमा की चूतडो को सहला और मसल भी रहा था जिससे रीमा और भी मस्त होती जा रही थी। उसकी आँखे भरपूर वासना से भरी हुयी थी। वह मस्ती मे पूरी पागल हो रही थी। मैंने अपना मुँह खोल कर रीमा को अपना मूत से भरा हुया मुँह दिखाया तो रीमा जैसे पागल ही हो गयी।

ओह मेरे गाँडू बेटे पी ना देख तेरा मुँह कैसे मेरे मूत से भरा हुया है ओह्ह्ह तूने तो मुझे बहुत गर्म कर दिया है रे पी ना मेरी जान पी जा मेर मूत। रीमा के कहते ही मैं गटागट रीमा का मूत पी गया। मान गयी रे तुझे मेरे लाल तू मुझे खुश करने के लिये कुछ भी कर सकता है पर बेटा अब मैं और नंही रूक सकती मेरी चूत अब और देर तक अपना ये शरबत अपने अंदर नंही रख सकती अब मैं पूरे जोर से धडाधड मूतूंगी तू अपने होंठ मेरे मूत के छेद पर लगा ज्लदी से। मैं फट से रीमा के मूत का छेद अपने होंठो मे बंद कर लिया। और अपने हन्थो से रीमा के मोटे चूतडो को जोर जोर से दबाने लगा। रीमा ने अपने बदन को थोडा ढीला छोडा और रीमा के मूत की धार उसके मूत के छिद्र से निकल कर सीधा मेरे मुँह मे गिरने लगी। रीमा के मूत से मेरा मुँह भरने लगा मैं रीमा का मूत गटागट अपने गले के नीचे उतरता चला जा रहा था। रीमा ने अभी भी अपने मूतने के रफतार को इस तरह काबू मे किया था कि मूत मेरे मुँह मे गीरे और मैं उसे पी सकूं जरा सा भी मूत मेरे मुँह से निकल कर बाहर न आये। मैं रीमा के चूतडो पर हाथ फेरने के साथ साथ उसकी चूतड की खुली हुयी दरार में भी अपनी उंगलियाँ फिरा रहा था जिस्से कभी कभी मेरी उंगलियाँ उसकी गाँड से भी टकरा जाती और मैं अपनी उंगली से उसकी गाँड कुरेद देता था। पर रीमा तो इस समय सब कुछ भूल कर मुझे अपना मूत पीलाने का आंनद उठा रही थी। और मैं भी पूरी तनलीनता से रीमा का गर्मा गर्म मूत पी रहा था।

रीमा का मूत पीने से मेरा लंड मस्ती में फडफडा रहा था और पागल हुया जा रहा था। रीमा ने कुछी देरे पहले अपने मूत को शरबत कहा था मेरे मन मे विचार आया की शर्बत तो ठंडा पीना चाहिये पर रीमा का ये शरबत तो गर्म था मैंने सोचा अगली बार मैं रीमा से अपना मूत जग मे रख कर फ्रिज में रख कर ठंडा करने को कहुंगा ताकि मैं पूरा चुसकियाँ लेकर मूत का मजा ले सकूं अबकी बार तो रीमा को जल्दी होने की वजह से मैं मूत का पूरा मजा नंही ले पा रहा था। लगता था रीमा को बहुत देर से मुतास लगी थी तभी तो बहुत देर हो गयी थी और रीमा रुकने का नाम ही नंही ले रही थी मेरा पेट भी इतना सारा मूत पीकर भरता जा रहा था। और रीमा बराबर मूत रही थी ओह मेरे लाल बहुत जयादा मूत भरा था मेरे पेट मे बस अब खत्म हुया समझो साला तू गाँडू भी पूरा पीता जा रहा है एक बूंद भी नंही गिराया अभी तक तूने। फिर धीरे धीरे रीमा का बदन थोडा ढीला हो गया और रीमा के मूत की रफतार कम होती हुयी बिल्कुल धीमी हो गयी और फिर एक दम से रुक गयी। रीमा का सारा मूत मेरे पेट मे चला गया। अंत मे थोडा सा जोर लगा कर कुछ और धार मेरे मुँह मे डाली और फिर उसके अपने चूतड को एक दम से ढीला छोड दिया रीमा पूरा मूत चुकी थी और मैंने उसका सारा मूत ग्रहण कर लिया था। ओह मेरे लाल बता कैसा लगा मूत पीना अच्छा लगा न अबकि बार मुझे थोडे जल्दी इसलिये पूरे स्वाद लेकर तुझको मूत नंही पीला सकी पर चिंता मत कर अगली बार पूरा स्वाद लेकर पीना बिल्कुल धीरे धीरे मूतूंगी पूरा समय लेकर तेरे मुँह में।
 
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