hotaks444
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उस समय आरती सिर्फ़ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थीं और कहने के बाद पेट के बल हो कर उल्टी लेट गई। आरति ने अपने ब्लाऊज़ का सिर्फ़ एक हुक छोड़ कर सारे हुक खोले हुए थे और अपना पेटीकोट भी कुछ
ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ नज़र आ रही थी। कमल के सामने वो चूतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही उसका लंड खड़ा हो जाता था और आरती तो अपना पूरा बदन उस को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी। कमल बिना देर करे चुपचाप आरती के साईड में बैठ कर धीरे-धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही उसका लंड तन कर खड़ा हो गया। जब पेटीकोट के ऊपर से आरती के चूतड़ दबाये तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही आरती के चूतड़
दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकय में बहुत गदरायी हुई और ठोस है।
थोड़ी देर बाद आरती बोली, अरे कमल,
जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।
कमल ने कहा, चाची तेल से आपका ब्लाऊज़
खराब हो जायेगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।
आरती बोली, कमल मैं तो लेटी हूँ,
तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में
कर दे।
कमल बड़े धीरे-धीरे से उनके ब्लाऊज के हुक खोले और अब आरती की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे। कमल ने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर आरती की पीठ पर मलना चालू किया पर बार-बार आरती की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे। कमल ने आरती को बोला कि चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालिश करने में भी दिक्कत हो रही है।
तब आरती बोली कि तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।
आरती के मुँह से यह सुन कर उसका लंड तो झटके लेने लगा। उसने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। कमल उस नंगी पीठ पर धीरे-धीरे तेल से
मालिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद आरति बोली,कमल जरा मेरे नीचे भी मालिश कर दे।
कमल ने कहा, चाची कहाँ करूँ?
तो आरती बिना किसी शरम के बोलीं की
मेरे चुतड़ों की और किसकी।
कमल ने कहा, पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।
तब आरती बोली, जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।
कमल जल्दी से जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा आरती पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक पैंटी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाय, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। कमल तेल लेकर धीरे-धीरे आरती की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने गदराये चूतड़ों की मालिश चालू कर दी।
मालिश करते-करते जब कमल आरती की जाँघों पर पहुँचा तो उसके हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर से आरती की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो उसे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे। कमल को पता नहीं क्या सूझा, उसने आरती की पैंटी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अंदर डाली और आरती की चूत पर उंगली फेरने लगा। आरती की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की आरती शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करी थीं।
तभी अचानक आरती सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा कमल के गाल पर मार दिया और बोली, मादरचोद, तुझे शरम नहीं आती मेरी चूत में उंगली डालते हुए।
कमल समझ गया कि आरती अपनी कोई फैंटेसी पूरी कर रही है तो उसने भी वैसे ही नाटक करते हुए साथ देने की सोची।
जब आरती उठी उस समय उसे अपनी काली ब्रा का ध्यान नहीं रहा और ब्रा के हुक पहले से ही खुले होने के कारण आरती की वो मस्त गोरी-गोरी चूचीयाँ जिसपे भूरे रंग के बड़े से निप्पल थे, कमल के सामने पूरी नंगी हो गई और कमल चाँटे की परवाह किये बिना आरती की मस्त चूचीयाँ देखता रहा। आरती ने भी उन्हें छुपाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि एक और चाँटा मारते हुए बोलीं, मादरचोद, बहन के लौड़े,
तू मुझे क्या चूतिया समझता है, कल रात को
मेरी पैंटी और ब्रा तेरे तकिये पर कैसे पहुँच गई,
बता सच-सच मदरचोद, मैने मना किया था ना कि कुछ दिन रुक जा फिर मेरी पैंटी और ब्रा के साथ क्या कर रहा था?
आरती इस तरह की भाषा में उसके साथ बात करेगी ये उम्मीद कमल ने नही की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर उसने डरते-डरते बताया कि, कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं, आप उस समय
इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।
इस पर आरती ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुए अब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखा,मैं देखूँ तो सही आखिर कितनी आग लगी है तेरे लंड में!
उस समय आरती की चूचियाँ देख कर कमल का लंड पूरा तना हुआ था। आरती ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और कमल का
पायजामा खोल दिया और उसका सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा आरती की आँखों के सामने झूलने लगा। आरती की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का,अभी तक छुपा के क्यो रखा था, पहले क्यों नहीं दिखाया, इस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!
ये बोलते-बालते उसके लंड को आरती ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी।।
इस से पहले कि कमल कुछ बोल पाता, उसके लंड से पिचकारी निकली और आरती के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया
निकला,मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा। पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी, पर क्या करूँ इतने साल से मेरी ख्वाइस थी कि मेरी चुदाई फोर्सली होती, असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है, तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ, तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है,चल और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?
कमल की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। कमल पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में उसने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में रोल प्ले करते हुए कहा, चाची! जब से मै इस घर मे आया हु हमेशा आपको चोदने की सोचता हूं, मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता
था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!
आरती बोलीं, कमल अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी
पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था।
आरती ने कहा, आज से तू
और मैं जब भी अकेले होंगे, तू मुझे सिर्फ़ आरती बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!
ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ नज़र आ रही थी। कमल के सामने वो चूतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही उसका लंड खड़ा हो जाता था और आरती तो अपना पूरा बदन उस को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी। कमल बिना देर करे चुपचाप आरती के साईड में बैठ कर धीरे-धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही उसका लंड तन कर खड़ा हो गया। जब पेटीकोट के ऊपर से आरती के चूतड़ दबाये तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही आरती के चूतड़
दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकय में बहुत गदरायी हुई और ठोस है।
थोड़ी देर बाद आरती बोली, अरे कमल,
जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।
कमल ने कहा, चाची तेल से आपका ब्लाऊज़
खराब हो जायेगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।
आरती बोली, कमल मैं तो लेटी हूँ,
तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में
कर दे।
कमल बड़े धीरे-धीरे से उनके ब्लाऊज के हुक खोले और अब आरती की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे। कमल ने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर आरती की पीठ पर मलना चालू किया पर बार-बार आरती की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे। कमल ने आरती को बोला कि चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालिश करने में भी दिक्कत हो रही है।
तब आरती बोली कि तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।
आरती के मुँह से यह सुन कर उसका लंड तो झटके लेने लगा। उसने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। कमल उस नंगी पीठ पर धीरे-धीरे तेल से
मालिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद आरति बोली,कमल जरा मेरे नीचे भी मालिश कर दे।
कमल ने कहा, चाची कहाँ करूँ?
तो आरती बिना किसी शरम के बोलीं की
मेरे चुतड़ों की और किसकी।
कमल ने कहा, पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।
तब आरती बोली, जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।
कमल जल्दी से जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा आरती पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक पैंटी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाय, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। कमल तेल लेकर धीरे-धीरे आरती की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने गदराये चूतड़ों की मालिश चालू कर दी।
मालिश करते-करते जब कमल आरती की जाँघों पर पहुँचा तो उसके हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर से आरती की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो उसे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे। कमल को पता नहीं क्या सूझा, उसने आरती की पैंटी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अंदर डाली और आरती की चूत पर उंगली फेरने लगा। आरती की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की आरती शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करी थीं।
तभी अचानक आरती सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा कमल के गाल पर मार दिया और बोली, मादरचोद, तुझे शरम नहीं आती मेरी चूत में उंगली डालते हुए।
कमल समझ गया कि आरती अपनी कोई फैंटेसी पूरी कर रही है तो उसने भी वैसे ही नाटक करते हुए साथ देने की सोची।
जब आरती उठी उस समय उसे अपनी काली ब्रा का ध्यान नहीं रहा और ब्रा के हुक पहले से ही खुले होने के कारण आरती की वो मस्त गोरी-गोरी चूचीयाँ जिसपे भूरे रंग के बड़े से निप्पल थे, कमल के सामने पूरी नंगी हो गई और कमल चाँटे की परवाह किये बिना आरती की मस्त चूचीयाँ देखता रहा। आरती ने भी उन्हें छुपाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि एक और चाँटा मारते हुए बोलीं, मादरचोद, बहन के लौड़े,
तू मुझे क्या चूतिया समझता है, कल रात को
मेरी पैंटी और ब्रा तेरे तकिये पर कैसे पहुँच गई,
बता सच-सच मदरचोद, मैने मना किया था ना कि कुछ दिन रुक जा फिर मेरी पैंटी और ब्रा के साथ क्या कर रहा था?
आरती इस तरह की भाषा में उसके साथ बात करेगी ये उम्मीद कमल ने नही की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर उसने डरते-डरते बताया कि, कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं, आप उस समय
इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।
इस पर आरती ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुए अब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखा,मैं देखूँ तो सही आखिर कितनी आग लगी है तेरे लंड में!
उस समय आरती की चूचियाँ देख कर कमल का लंड पूरा तना हुआ था। आरती ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और कमल का
पायजामा खोल दिया और उसका सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा आरती की आँखों के सामने झूलने लगा। आरती की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का,अभी तक छुपा के क्यो रखा था, पहले क्यों नहीं दिखाया, इस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!
ये बोलते-बालते उसके लंड को आरती ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी।।
इस से पहले कि कमल कुछ बोल पाता, उसके लंड से पिचकारी निकली और आरती के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया
निकला,मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा। पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी, पर क्या करूँ इतने साल से मेरी ख्वाइस थी कि मेरी चुदाई फोर्सली होती, असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है, तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ, तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है,चल और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?
कमल की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। कमल पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में उसने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में रोल प्ले करते हुए कहा, चाची! जब से मै इस घर मे आया हु हमेशा आपको चोदने की सोचता हूं, मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता
था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!
आरती बोलीं, कमल अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी
पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था।
आरती ने कहा, आज से तू
और मैं जब भी अकेले होंगे, तू मुझे सिर्फ़ आरती बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!