hotaks444
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रचना चूत भींच कर झड़ने लगी, कभी चूत खोलती कभी भींचती… अमर भी चूत की गर्मी से बच ना सका और स्पीड से दो-तीन झटके मार कर झड़ने लगा।
अमर- अई आह अई लो आ मेरा भी अई आ पानी निकल गया…!
झड़ने के बाद अमर बेड पर लेट गया और रचना भी वहीं उसके पास ढेर हो गई थी।
दोस्तो, रचना की गाण्ड का तो मुहूर्त हो गया, चलो अब ललिता का भी देख लें.. शरद उसके सवालों का क्या जवाब देता है..? आप भी सोच रहे होंगे कि अब क्या होगा तो चलो उनके रूम में चलते हैं क्या हो रहा है…!
शरद बीयर की पूरी बोतल एक साथ पी गया।
ललिता- क्या हुआ शरद.. किस सोच में पड़ गए हो तुम.. बताओ न.. सच क्या है प्लीज़ यार…!
शरद- जान मैं तुमको सरप्राईज देना चाहता था, पर तुम हो कि नहीं मानोगी…! तुमने सही कहा वो आदमी रूम में आया था और जानती हो वो कौन है…!
ललिता- मैंने कहा था न.. किसी को देखा है पर आप मुझे टाल रहे थे.. अब बताओ कौन है वो और क्यों आया था यहाँ पर और कैसा सरप्राईज…!
शरद- जान वो सचिन था, जिस फिल्म में रचना काम कर रही है उसका सेकेंड हीरो, उसके लिए मैंने तुम्हें हिरोइन चुना है और तुम हो कि शक कर रही हो…!
ललिता- क्या रियली वो हीरो था.. ओह माई गॉड आप मुझे भी चान्स दे रहे हो फिल्म में.. थैंक्स थैंक्स थैंक्स…!
दोस्तो, इसे कहते है बेवकूफ़ इंसान, पता नहीं इन दोनों बहनों को फिल्म का इतना क्या क्रेज है कि अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही हैं पर इनके दिमाग़ में यह बात नहीं आ रही कि शरद इनके साथ क्या खेल खेल रहा है।
ये बात सुनकर ललिता एकदम खुश हो गई और शरद से लिपट गई। शरद उसके बाल पकड़ कर उसके होंठों पर चुम्बन कर देता है और उसे बाँहों में लेकर बेड पर लेट जाता है।
ललिता- आ…हह..आ.. शरद- आप कितने अच्छे हो…!
शरद उसके होंठों को पागलों के जैसे चूसने लगता है। उसके मम्मों को दबाने लगता है।
ललिता- आ…हह..आ.. उफ्फ उई… आराम से आ करो न.. उफ अई आउच उफ़फ्फ़…!
शरद पाँच मिनट तक उसको चूसता रहता है, वो एकदम गर्म हो जाती है। शरद- जानेमन देखो मेरा लौड़ा कैसे झटके खा रहा है… आ जाओ इसको चूसो न…उस समय तो नशे में थीं.. पर अब पूरे होश में लौड़ा चूसो, मज़ा आएगा।
ललिता- हाँ मेरे साजन… अभी लो, आप भी मेरी चूत चाटो न… बहुत दर्द कर रही है।
शरद- ओके मेरी रानी… आ जाओ तुम लौड़ा चूसो मैं चूत को चाट कर इसका दर्द कम करता हूँ।
दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि इस कमरे में 4 कैमरे लगे हैं, एक जो मेन कैमरा था उसको शरद ने बन्द कर दिया था। बाकी तीन चालू थे, ये सब रेकॉर्ड हो रहा था। अब उसको मास्क की जरूरत नहीं थी। क्योंकि बाकी के वीडियो उसके काम के नहीं थे। उसको तो बस ललिता की सील टूटने का वीडियो चाहिए था, तो आप ये सोचेंगे अब मास्क क्यों नहीं लगाया है। आप कहानी पढ़ते रहिए, सब साफ़ हो जाएगा। दोनों 69 के पोज़ में आ जाते हैं।
ललिता बड़े प्यार से लौड़ा चूसने लगती है। हालांकि उसके मुँह में लौड़ा नहीं के बराबर जा रहा था, पर फिर भी वो चूस रही थी और शरद अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था, जो सूजी हुई थी। ललिता को दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था। दस मिनट की इस चुसाई के कारण ललिता अपना आपा खो बैठी, वो बहुत गर्म हो गई थी। उसने लौड़ा मुँह से निकाला।
ललिता- आ…हह..आ.. उफ शरद आ…हह..आ.. मेरी चूत में आग लग रही है… उफ जल्दी से इसे ठंडा करो न… आ…हह..आ.. प्लीज़ उफ..!
शरद उसकी हालत समझ जाता है और उसे लेटा कर दोनों पैर कंधे पर रख लेता है।
शरद- जान बस एक बार और दर्द सह लो अबकी बार चूत को पूरा लूज कर दूँगा, उसके बाद मज़े ही मज़े हैं।
ललिता- आ…हह..आ.. आ…हह..आ.. डाल दो उफ अब जो होगा एयेई हो जाएगा आ…हह..आ…..!
शरद का लौड़ा ललिता ने चूस-चूस कर पूरा गीला कर दिया था। शरद ने चूत पर टोपी टिकाई और धीरे से लौड़ा अन्दर सरका दिया। 3″ लौड़ा तो आराम से घुस गया, पर ललिता को दर्द भी बहुत हुआ।
ललिता- अएयाया एयाया उ मा.. आ…हह..आ.. शरद अईए बस ऐसे ही धीरे-धीरे डालना दर्द तो हो रहा है, पर मज़ा भी आ रहा है।
शरद 3″ लौड़े को आगे-पीछे करने लगा, जैसे ही ललिता मस्ती में आती, वो थोड़ा और अन्दर कर देता। फिर उतने से चोदता फिर थोड़ी देर बाद ललिता का दर्द कम होता गया। वो और आगे डाल देता, ऐसा करते-करते पूरा 9″ लौड़ा चूत में समा गया। अब शरद आराम से आगे-पीछे हो रहा था।
ललिता- आ आ…हह..आ.. उ शरद उफ्फ कितना बड़ा है तुम्हारा… आ…हह..आ.. चूत की तो जान निकाल दी इसने… आ…हह..आ.. उई हाँ ऐसे ही आ…हह..आ.. धीरे-धीरे आ…हह..आ.. मज़ा आ रहा है… उफ्फ आ…हह..आ.. थोड़ा और डाल दो आ…हह..आ.. अब दर्द कम है आ…हह..आ.. उई…!
शरद- जान मैंने पूरा डाल दिया है, अब और कहाँ से डालूँ उहह उहह हा..अब तो बस स्पीड बढ़ा सकता हूँ उहह उहह…!
ललिता- आआ आआ उईईइ सच में आ…हह..आ.. पूरा चला गया अई आ आ…हह..आ.. कितने आराम से डाला आ…हह..आ.. मुझे दर्द तो है आ आआ आआ पर इतना नहीं जितना पहले हुआ था… उफ्फ.. अब तो मज़ा भी आ आआ आ रहा है आ…हह..आ.. बढ़ाओ स्पीड उफ्फ आह…!
शरद अब स्पीड से झटके मारने लगा था। लौड़ा अब भी टाइट ही जा रहा था। ललिता को दर्द तो हो रहा था, पर वो ओर्गज्म पर आ गई थी। वो दर्द को भूल कर चुदाई का मज़ा ले रही थी।
ललिता- आआ एयाया आआ फास्ट…फास्ट अई आ आ उ आ ई व्हाट ए बिग कोक आ…हह..आ.. सो हॉट यू फक मी.. शरद आ फास्ट आ…हह..आ.. मेरी चूत आह उ बहुत गुदगुदी आआ आआ हो रही है अई म म एमेम मेरा अई प्प पानी अई नि निकलने ओ वा..वाला है उफ्फ…!
अमर- अई आह अई लो आ मेरा भी अई आ पानी निकल गया…!
झड़ने के बाद अमर बेड पर लेट गया और रचना भी वहीं उसके पास ढेर हो गई थी।
दोस्तो, रचना की गाण्ड का तो मुहूर्त हो गया, चलो अब ललिता का भी देख लें.. शरद उसके सवालों का क्या जवाब देता है..? आप भी सोच रहे होंगे कि अब क्या होगा तो चलो उनके रूम में चलते हैं क्या हो रहा है…!
शरद बीयर की पूरी बोतल एक साथ पी गया।
ललिता- क्या हुआ शरद.. किस सोच में पड़ गए हो तुम.. बताओ न.. सच क्या है प्लीज़ यार…!
शरद- जान मैं तुमको सरप्राईज देना चाहता था, पर तुम हो कि नहीं मानोगी…! तुमने सही कहा वो आदमी रूम में आया था और जानती हो वो कौन है…!
ललिता- मैंने कहा था न.. किसी को देखा है पर आप मुझे टाल रहे थे.. अब बताओ कौन है वो और क्यों आया था यहाँ पर और कैसा सरप्राईज…!
शरद- जान वो सचिन था, जिस फिल्म में रचना काम कर रही है उसका सेकेंड हीरो, उसके लिए मैंने तुम्हें हिरोइन चुना है और तुम हो कि शक कर रही हो…!
ललिता- क्या रियली वो हीरो था.. ओह माई गॉड आप मुझे भी चान्स दे रहे हो फिल्म में.. थैंक्स थैंक्स थैंक्स…!
दोस्तो, इसे कहते है बेवकूफ़ इंसान, पता नहीं इन दोनों बहनों को फिल्म का इतना क्या क्रेज है कि अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही हैं पर इनके दिमाग़ में यह बात नहीं आ रही कि शरद इनके साथ क्या खेल खेल रहा है।
ये बात सुनकर ललिता एकदम खुश हो गई और शरद से लिपट गई। शरद उसके बाल पकड़ कर उसके होंठों पर चुम्बन कर देता है और उसे बाँहों में लेकर बेड पर लेट जाता है।
ललिता- आ…हह..आ.. शरद- आप कितने अच्छे हो…!
शरद उसके होंठों को पागलों के जैसे चूसने लगता है। उसके मम्मों को दबाने लगता है।
ललिता- आ…हह..आ.. उफ्फ उई… आराम से आ करो न.. उफ अई आउच उफ़फ्फ़…!
शरद पाँच मिनट तक उसको चूसता रहता है, वो एकदम गर्म हो जाती है। शरद- जानेमन देखो मेरा लौड़ा कैसे झटके खा रहा है… आ जाओ इसको चूसो न…उस समय तो नशे में थीं.. पर अब पूरे होश में लौड़ा चूसो, मज़ा आएगा।
ललिता- हाँ मेरे साजन… अभी लो, आप भी मेरी चूत चाटो न… बहुत दर्द कर रही है।
शरद- ओके मेरी रानी… आ जाओ तुम लौड़ा चूसो मैं चूत को चाट कर इसका दर्द कम करता हूँ।
दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि इस कमरे में 4 कैमरे लगे हैं, एक जो मेन कैमरा था उसको शरद ने बन्द कर दिया था। बाकी तीन चालू थे, ये सब रेकॉर्ड हो रहा था। अब उसको मास्क की जरूरत नहीं थी। क्योंकि बाकी के वीडियो उसके काम के नहीं थे। उसको तो बस ललिता की सील टूटने का वीडियो चाहिए था, तो आप ये सोचेंगे अब मास्क क्यों नहीं लगाया है। आप कहानी पढ़ते रहिए, सब साफ़ हो जाएगा। दोनों 69 के पोज़ में आ जाते हैं।
ललिता बड़े प्यार से लौड़ा चूसने लगती है। हालांकि उसके मुँह में लौड़ा नहीं के बराबर जा रहा था, पर फिर भी वो चूस रही थी और शरद अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था, जो सूजी हुई थी। ललिता को दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था। दस मिनट की इस चुसाई के कारण ललिता अपना आपा खो बैठी, वो बहुत गर्म हो गई थी। उसने लौड़ा मुँह से निकाला।
ललिता- आ…हह..आ.. उफ शरद आ…हह..आ.. मेरी चूत में आग लग रही है… उफ जल्दी से इसे ठंडा करो न… आ…हह..आ.. प्लीज़ उफ..!
शरद उसकी हालत समझ जाता है और उसे लेटा कर दोनों पैर कंधे पर रख लेता है।
शरद- जान बस एक बार और दर्द सह लो अबकी बार चूत को पूरा लूज कर दूँगा, उसके बाद मज़े ही मज़े हैं।
ललिता- आ…हह..आ.. आ…हह..आ.. डाल दो उफ अब जो होगा एयेई हो जाएगा आ…हह..आ…..!
शरद का लौड़ा ललिता ने चूस-चूस कर पूरा गीला कर दिया था। शरद ने चूत पर टोपी टिकाई और धीरे से लौड़ा अन्दर सरका दिया। 3″ लौड़ा तो आराम से घुस गया, पर ललिता को दर्द भी बहुत हुआ।
ललिता- अएयाया एयाया उ मा.. आ…हह..आ.. शरद अईए बस ऐसे ही धीरे-धीरे डालना दर्द तो हो रहा है, पर मज़ा भी आ रहा है।
शरद 3″ लौड़े को आगे-पीछे करने लगा, जैसे ही ललिता मस्ती में आती, वो थोड़ा और अन्दर कर देता। फिर उतने से चोदता फिर थोड़ी देर बाद ललिता का दर्द कम होता गया। वो और आगे डाल देता, ऐसा करते-करते पूरा 9″ लौड़ा चूत में समा गया। अब शरद आराम से आगे-पीछे हो रहा था।
ललिता- आ आ…हह..आ.. उ शरद उफ्फ कितना बड़ा है तुम्हारा… आ…हह..आ.. चूत की तो जान निकाल दी इसने… आ…हह..आ.. उई हाँ ऐसे ही आ…हह..आ.. धीरे-धीरे आ…हह..आ.. मज़ा आ रहा है… उफ्फ आ…हह..आ.. थोड़ा और डाल दो आ…हह..आ.. अब दर्द कम है आ…हह..आ.. उई…!
शरद- जान मैंने पूरा डाल दिया है, अब और कहाँ से डालूँ उहह उहह हा..अब तो बस स्पीड बढ़ा सकता हूँ उहह उहह…!
ललिता- आआ आआ उईईइ सच में आ…हह..आ.. पूरा चला गया अई आ आ…हह..आ.. कितने आराम से डाला आ…हह..आ.. मुझे दर्द तो है आ आआ आआ पर इतना नहीं जितना पहले हुआ था… उफ्फ.. अब तो मज़ा भी आ आआ आ रहा है आ…हह..आ.. बढ़ाओ स्पीड उफ्फ आह…!
शरद अब स्पीड से झटके मारने लगा था। लौड़ा अब भी टाइट ही जा रहा था। ललिता को दर्द तो हो रहा था, पर वो ओर्गज्म पर आ गई थी। वो दर्द को भूल कर चुदाई का मज़ा ले रही थी।
ललिता- आआ एयाया आआ फास्ट…फास्ट अई आ आ उ आ ई व्हाट ए बिग कोक आ…हह..आ.. सो हॉट यू फक मी.. शरद आ फास्ट आ…हह..आ.. मेरी चूत आह उ बहुत गुदगुदी आआ आआ हो रही है अई म म एमेम मेरा अई प्प पानी अई नि निकलने ओ वा..वाला है उफ्फ…!