poonam.sachdeva.11
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deeppreeti said:कीमत वसूल
UPDATE 135
हम सब कार में बैठ गये। मैंने कार स्टार्ट की और चल दिए। अनु मेरे साथ ही बैठी थी। थोड़ी देर बाद मैंने ऋतु से कहा- "क्या बात है तुम कुछ अपसेट लग रही हो?"
उसने कोई जवाब नहीं दिया और बाहर देखती रही। मैंने अनु की तरफ देखा। उसने मुझे इशारा किया की में इस बारे में कोई बात ना करूं। मैं फिर कुछ नहीं बोला।
थोड़ी देर बाद मैंने चुप्पी को तोड़ते हुए अनु से कहा- "कैसा लगा यहां आकर?"
अनु ने मुश्कुराकर कहा- "मुझे तो बड़ा मजा आया। मेरा तो मन ही नहीं कर रहा था वहां से आने का.."
मैंने मिरर में ऋतु को देखा तो उसने बुरा सा मुँह बनाया हुआ था। जैसे उसको अनु की बात अच्छी ना लगी हो। मैं उसको ऐसा करते देख कर कुछ बोला नहीं। मैं अनु से ही बातें करता रहा। हम दोनों आपस में ही मस्त हो गये थे।
काफी देर बाद ऋतु ने कहा- "मुझे टायलेट जाना है। प्लीज कहीं कार रोक देना..."
मैंने कहा- "ओके... कोई सही जगह आने दो रोकता है."
थोड़ी दर चलने के बाद एक ढाबा नजर आया। मैंने वहां कार रोक दी और ऋतु से कहा- "जाओ..."
ऋतु कार से निकालकर जोर से दरवाजा बंद करते हुए चली गई।
अनु ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- "देखा आपने?"
मैने कहा. "ऋतु का मूड़ क्यों अपसेट है?"
अनु ने कहा- "इसका कल रात का गुस्सा है."
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मैंने कहा- "चलो कोई बात नहीं। घर जाकर इसका मूड अपने आप ठीक हो जाएगा.."
अनु बोली- "आपको लगता है पर मुझे नहीं। ये तो अब घर जाकर भी मुझे उल्टा सीधा बोलेगी."
मैंने कहा- "अगर ऋतु कुछ कहे तो तुम इसकी बात का बुरा नहीं मानना। मुझे बता देना। मैं उसको समझा दूंगा अपने तरीके से..."
अनु बोली- "मैं आपको कैसे बताऊँगी? मेरे पास तो अपना सेल भी नहीं है। और ऋतु ने मुझे अपने सेल से बात ना करने दी तो?"
मैंने अनु को कहा- "तुम्हें सेल मैं अभी दे दूँगा?"
अनु बोली- "पर कैसे? नहीं-नहीं रहने दीजिए, ऋतु को और गुस्सा आएगा.."
मैंने अनु को कहा- "उसकी चिता तुम मत करो.."
इतने में ऋतु आ गई। कार में बैठकर बोली- "अब चलिए, यहां भी रुकने का इरादा है क्या?"
मैंने कहा- "तुम्हारे लिए ही तो सका था.." मैंने रास्ते में ही अपने आफिस फोन कर दिया। मैंने अपने स्टाफ का एक लड़का है उसको कहा- "सुनो नीरज, तम आफिस के पास जो मोबाइल स्टोर है वहां चले जाना और मेरी बात करवा देना..."
जारी रहेगी
please aagey likho,bahut hot hai,abhi to kai ghodiyaan baki hain