Jawan Ladki Chudai कच्ची कली - Page 3 - SexBaba
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Jawan Ladki Chudai कच्ची कली

बाहर बहुत ज़ोरो की बरसात शुरू हो गई थी में सीता आंटी को अपनी 
तरफ टर्न कर के किस करने लगा और हम दोनो एक दूसरे की टंग्स 
को चूस रहे थे और में सीता आंटी की नंगी चुचियों को मसल रहा 
था और निपल्स को उंगलिओ से निचोड़ रहा था आअहह क्या वंडरफुल और 
टाइट चुचियाँ थी सीता आंटी की लगता था के उनके हज़्बेंड शरमा जी 
सीता आंटी की चुचियों को मसलते ही नही थे और शो केस मे रखी 
कोई खूबसूरत चीज़ समझ के हाथ भी नही लगाते थे. सीता आंटी 
की मस्त 36 द साइज़ की मलाई जैसी गोरी गोरी और चिकनी चुचियों को 
मसल्ने लगा तो उनके मूह से आआहह निकाल गया और में उनके गुलाबी 
निपल्स को मसल्ने लगा और आंटी को थोडा से नीचे झुका के उनकी 
चुचियों को मूह मे ले के चूसने लगा उनकी मलाई जैसी चुचियाँ 
चूसने से लग रहा था जैसे सच में मलाई खा रहा हू और उनके 
रोज़ी पिंक निपल्स को काटने लगा तो आंटी की सिसकारियाँ निकलने लगी 
आआहह राअज्जजज्ज बहुत अच्छा लग रहा है बहुत मज़ा आ रहा है 
ऐसे ही चूसूऊ आआहह. आंटी के कान मे धीरे से बोला के 
बेडरूम मे चले ?? तो उन्हो ने बस अपना सर हा मे हिला दिया और में 
झुक के उनको अपनी गोदी मे उठा लिया और हम दोनो नंगे ही उनके बेड 
रूम मे आ गये और में आंटी को बेड पे ऐसे पोज़िशन में लिटाया के 
उनकी गान्ड बेड के एड्ज पे थी और उनकी टाँगें चारपाई से नीचे झूल 
रही थी फ्लोर पे थी जैसे आधी बेड पे और आधी नीचे. में नीचे 
फ्लोर पे बैठ गया और आंटी की नंगी और चिकनी रेशमी चूत पे 
किस किया तो उनके मूह से निकला आआआआआआहह 
राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज यह किया कार्रररर रहीई हूऊऊओ आअहह बोूततत 
माज़ाआअ आअहह और मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत में घुसाने 
लगी और अपनी टाँगें मेरे नेक पे लप्पेट ली और अपनी गान्ड उठा उठा 
के मेरे सर को अपनी चूत के अंदर घुसेड के रगड़ने लगी उनके मूह 
से आआअहह ऊऊहह निकल रहा था और मस्ती में अपना सर 
दाएँ बाएँ पटक रही थी. में उनकी चूत को अपने मूह में ले कॅ 
काटने लगा और हाथ बढ़ा के उनकी चुचियों को मसलने लगा उनकी 
गीली चूत में से मीठा मीठा जूस निकल रहा था जिसे में बहुत 
मज़े से पी रहा था और मेरा लौडा तो जोश में स्प्रिंग की तरह से हिल 
रहा था. 

सीता आंटी की चूत बहुत ही गीली हो चुकी थी और वो मेरे मूह में 
अपनी चूत को रॅगड रही थी. उनकी चूत के अंदर अपनी टंग डाल के 
ऊपेर नीचे किया और चूत के दाने को दाँतों से रगड़ने लगा और उनकी 
पूरी चूत को अपने मूह में ले के ऐसे चबा ने लगा जैसे पान 
चबाते हो तो उनके मूह से आआआअहह 
उूुुुुुुुुुुुउऊहह राअज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आईीईसीईए हीईीईई 
करूऊऊऊओ आआअहह बूओहूओत मज़ाआआ आआआआ रहााआअ 
हाईईईई आअहह एसस्स्सस्स ऊऊऊऊ मेरे नेक को टाँगो से ज़ोर से 
पकड़ा हुआ था और गान्ड उठा के मेरे मूह को चोद रही थी और उनकी 
ग्रिप टाइट हो गायी और मेरे सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत में 
घुसा लिया आआहह राआज्जजज्ज्ज आइ आम कमिंग कमिंग आअहह मैईईईई 
एयाया राआहियीईई हुउऊउउ राज्ज्जज्ज्ज आऐईयईईईईईईईईईई उनकी आँखें 
बंद हो गई और उनका बदन काँपने लगा और उनकी चूत से जूस निकल 
ने लगा और वो झड़ने लगी में उनके जूस को चाटने लगा और धीरे 
धीरे उनकी ग्रिप लूज हुई और टागें मेरे नेक से नीचे स्लिप हो 
गई तो में अपनी जगह से उठा. मेरे लंड में इतना पॉवेरफूल एरेक्षन 
था के मेरा लंड मेरे नेवल एरिया से चिपका हुआ था में उनकी टाँगो को 
अपने बॅक पे लपेट लिया और आंटी अपने हाथो से मेरा लंड को पकड़ लिया 
और अपनी चूत के पंखुड़ियो के अंदर ऊपेर नीचे रगड़ने लगी और 
अपने चूत के दाने को भी लंड के सुपाडे से रगड़ने लगी और फिर 
लंड के सुपाडे को अपनी चूत के सुराख में टीका दिया और में उनके 
बदन पे झुक गया और अपने हाथ उनके बगल से निकाल के शोल्डर्स को 
पकड़ लिया मेरे लंड में से प्री कम तो निकल ही रहा था और उनकी 
चूत भी समंदर जैसे गीली हो चुकी थी लंड के सुपाडे को बस एक 
दो टाइम ही अंदर बाहर किया और एक बहुत ही ज़ोर का धक्का मारा के 
आंटी की आँखें ऊपेर चढ़ गई और उसी समय बाहर बहुत ज़ोर से 
बिजली भी चमकी और ऐसे लगा जैसे वो बिजली आकाश से उतर के 
आंटी के बदन पे गिरी और वो ज़ोर से चिल्लाइ 
 
उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउऊहह और उनका मूह 
खुला का खुला रह गया मेरे बदन से चिपक गई मुझे ज़ोर से पकड़ 
लिया इतनी ज़ोर से पकड़ा के में चोद भी नही सका उनकी चूत में मेरा 
लंड पूरा जड़ तक घुस के उनकी बच्चे दानी से टकराया और चूत के 
अंदर ही अटक गया और अब मेरा लंबा मोटा लंड उनकी चूत को पूरा 
खोल के अंदर तक घुस चुका था.सीता आंटी की चूत भट्टी जितनी 
गरम थी जिस्मै मेरा लंड घुसा पड़ा था. 
- में सीता आंटी के मूह में अपनी जीभ डाल के किस 
करने लगा और आंटी अपनी ही चूत के जूस का स्वाद मेरे मूह से ले 
रही थी और जीभ को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी लगता था के उन्हे 
उनकी चूत का जूस बहुत टेस्टी लगा होगा. थोड़ी ही देर में उनकी ग्रिप 
लूज होने लगी और में अपनी गान्ड उठा के लंड को चूत से बाहर करके 
के चोदने लगा उनके शोल्डर्स को टाइट पकड़ा हुआ था उनके पैर मेरे 
बॅक पे थे और में सीता आंटी की टाइट चूत को चोद रहा था बहुत 
ही टाइट चूत थी सीता आंटी की जब लंड उनकी टाइट चूत से बाहर 
निकालता तो लंड के डंडे से उनकी चूत के अन्द्रुनि पतली झिल्ली जैसे 
लाल दीवार भी बाहर निकल आती और लंड अंदर चला जाता तो वो 
दीवार भी लंड से लगे लगे अंदर चली जाती. आंटी की चूत मे लंड 
घुसेडे घचा घच चोद रहा था उनकी चूत बहुत ही गीली हो गई 
थी और चुदाई की प्प्पाक्च प्पाआककचह की आवाज़ें आ रही थी और 
वो भी मस्ती में आँखें बंद किए चुदाई का मज़ा लेने लगी और उनके 
मूह से निकल रहा था आअहह राज्ज्जज्ज कच्चोद्दद्ड डाल्लूऊऊ 
मुझीईई ऊऊओह फुक्कककककककक मे फुक्ककककककककक मीईई डीईईप 
आआआअहह हााआअर्र्द्द्दद्ड फ़ाआअद्ड डाााल्लूऊ मेरिइई 
चूऊऊथ कूऊव राआआजजजज्ज्ज्ज ऊओिईईई आअहह तेरे मस्त लंड 
से फ़ाआआद डााल्ल्ल मेरी चूऊऊथतत सस्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊीीईईई 
आअहह चूड़ूऊऊओ अओउर्र्ररर ज़ूओरर्र्रर सीईई आअहह 
आईसस्सीईए हहिईीईईईईईईई आआहह ज़ूओररर्र सस्सीईए में अपने लंड 
को पूरा सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के ज़ोर का झटका मारता तो सीता 
आंटी का बदन ज़ोर ज़ोर से हिलने लगता और उनके चुचियाँ डॅन्स करने 
लगती में ऐसे ही घका घच चुदाई कर रहा था और मेरा लंड चूत 
के अंदर उनकी बच्चे दानी से टकरा रहा था और मेरी ज़ोर से चुदाई के 
झटको से उनकी आवाज़ बिखर रही थी और अब अपनी गान्ड उठा के मस्ती 
में चुदवा रही थी. सीता आंटी के चुचियाँ मेरे धक्को से आगे 
पीछे डॅन्स कर रहे थे दोनो चुचियों के बीच में उनका मंगल सूत्र 
भी चुचियों के साथ डॅन्स कर रहा था कभी एक साइड तो कभी दूसरे 
साइड होने लगता. में आंटी के डॅन्स करते चुचियों को पकड़ के 
मसलने लगा तो वो मस्ती में कार्ाआह उठी आआआआआआहह 
राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज और में चुचिओ को मसल के अपने मूह में ले लिया 
और चूसने लगा और निपल्स को काटने लगा तो आंटी मेरे लंड को 
चूत के अंदर ले के अपने चुचियाँ मेरे मूह में दे के मस्त हो चुकी 
थी और चुदाई का मज़ा ले रही थी. 
 
ऐसे ही चोदते चोदते में सीता आंटी को पीछे पुश कर के बेड के 
सेंटर में लिटा दिया और अपने पैरों को बेड के पैरो वाली वुड ( 
लकड़ी ) से टीका के मस्त चुदाई कर रहा था. मेरे पैर स्ट्रेट थे 
और आंटी के पैर मेरे बॅक से लिपटे हुए थे में अपनी गान्ड उठा उठा 
के लंड को पूरा सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के ज़ोर से उनकी चूत 
में घुसेड देता तो उनके मूह से मस्ती भरी आआआआहह 
राआआअजजजज्ज्ज बोहूऊवटतत्त मज़ाआआ आआआ रहाआ हाऐईयईईई 
आईसीई हीईिइ चूओडूऊ अपणीईीई औंतीईए कूऊव फ़ाआआद 
डााल्लूऊ आआज्जजज यहह चूऊत कूऊऊ आआहह. मेरे चुदाई 
के धक्को से उनकी चुचियाँ फिर से डॅन्स करने लगी तो में ने चुचियों 
को पकड़ के मसलना शुरू कर दिया और झुक के पूरी चुचियों को मूह 
मे ले के चूसने लगा तो आंटी मस्ती में आ गई और आआअहह 
ऊऊऊहह करने लगी. मेरे पैर पीछे स्ट्रेट थे और उनकी 
टाँगें अभी भी मेरे बॅक पे लिपटी हुई थी और मस्ती में चुदवा रही 
थी मेरे झटके फास्ट होने लगे उनके मूह से भी मज़े की सिसकारियाँ 
निकाल रही थी और मेरे मूह में अंपनी टंग को घुसेड दिया जिसे में 
चूसने लगा उनकी चूत समंदर जैसी गीली हो चुकी थी और चुदाई 
फुल स्पीड से हो रही थी अब मेरे बॉल्स में हलचल शुरू हो चुकी 
थी जैसे क्रीम बाय्ल हो रही हो सीता आंटी की आँखें बंद हो चुकी 
थी उनका बदन ऐसे काँपने लगा जैसे बिजली के झटके लग रहे हो 
मुझे टाइट पकड़ लिया और बोली आआहह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आइ आम कमिंग 
ई आम कमिंग आअहह में एयाया राआहहिईीई हहुउऊुुुुउउ 
राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआहह आईईसईईई हीईीईई 
चूड़ूऊऊऊओ उूुुुुुुुुुुुुुुुुउऊहह माऐईयईईईई एयेए 
राहि हुउऊउ मैईईईईईईईईईई आआआआआऐययईईईईईईईईईई आआआहह एयेए 
गाईईईईई आआआअहह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आअहह ईईहह कैसाआआ 
मज़ाआअ हाऐईयईईई राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आआहह और वो झड़ने लगी. 
में अपने लंड को पूरा हेड तक बाहर निकाल निकाल के ज़ोर से धक्के 
मार मार के चोद रहा था और एक फाइनल झटका इतनी ज़ोर से मारा के 
बच्चे दानी के अंदर लंड घुस गया और आंटी की अंदर की साँस अंदर 
और बाहर की साँस बाहर रह गई और उनकी आँखें ऊपेर चढ़ गई 
मूह खुला का खुला रह गया और आँखों में से पानी निकाल के उनके 
चीक्स पे से रोल हो के नीचे बेड पे गिरने लगे और मेरे लंड में से 
मलाई की पिचकारियाँ निकालने लगी और निकालती ही चली गई फिर भी 
लंड उनकी जूस से फुल चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर हो रहा था 
जिस से प्प्पकक्चह्क्कककक प्प्पकक्चछक्क की आवाज़ें निकाल रही थी. धीरे 
धीरे मेरे धक्के भी ख़तम हो गये. मेरे बदन पे सीता आंटी के 
बदन पे ही कोलॅप्स हो के गिर गया और उनकी की ग्रिप लूज हो गई थी 
और मेरा लंड अभी भी आकड़ा हुआ था और चूत के अंदर ही था हम 
दोनो गहरी गेँरी साँसें ले रहे थे. अब आंटी की गरम चूत शांत 
हो गई हो यह भी एक अजीब नॅचुरल थिंग है के गरम चूत की गर्मी 
मस्त चुदाई के बाद गरम गरम मलाई के चूत के अंदर गिरने से गरम 
चूत ठंडी हो जाती है. - 
गरम चूत की गर्मी को गरम मलाई ठंडा करती है. बेडरूम मस्त 
चुदाई की सुगंध से महेक उठा था. सीता आंटी की आँखें बंद हो 
गई थी गहरी गहरी साँस ले रही थी उनके बॉल बेड पे स्प्रेड हो गये 
थे वो नंगी स्प्रेड बालो से लेती बहुत सुंदर लग रही थी और लग 
रहा था के आंटी की ऐसी चुदाई आज से पहले कभी नही हुई वो मस्त 
हो चुकी थी गहरी गहटी साँस से उनके मस्त चुचियाँ ऊपेर नीचे हो 
रहे थे और उनके चुधीोन पे पड़ा हुआ मंगल सूत्र भी समंदर की 
लहरो की तरह ऊपेर नीचे हो रहा था.. 

मेरा आकड़ा हुआ लंड अभी भी सीता आंटी की चूत के अंदर था और में 
आंटी के ऊपेर पड़ा था दोनो गहरी गेँरी साँसें ले रहे थे. सीता 
आंटी मेरे फेस पे किस की बूशार करने लगी और बोली के आअहह 
राज यू आर अमेज़िंग यू आर वंडरफुल आइ लव यू वेरी मच 
राज यू आर फॅंटॅस्टिक. में भी आंटी के सुंदर फेस पे किस करने 
लगा और बोला के आंटी यू आर वेरी वेरी ब्यूटिफुल आंड सेक्सी आपको 
देख के कोई नही कह सकता के आप बेड में इतनी मस्त कंपनी देती हो 
आपको चोदने में जो मज़ा आज आया पहले कभी नही आया आपकी चूत 
अभी भी बहुत ही टाइट है अभी भी मेरे लंड को ऐसे टाइट ग्रिप से 
पकड़ी है जैसे कोई 14 या 15 साल की लड़की की टाइट चूत हो तो आंटी 
अपनी चूत के तारीफ सुन के शरमा गई और मस्ती में मुस्कुराने लगी. 
लंड अभी तक चूत के अंदर ही दोनो की मिक्स क्रीम से लूटपुट पड़ा था 
जिसे सीता आंटी की टाइट चूत के मसल्स टाइट और रिलॅक्स हो के चूस 
रहे थे. 

थोड़ी देर तक में ऐसे ही लेटा रहा और फिर एक ही मूव्मेंट में में 
पलट गया और मेरी टाँगें सीता आंटी के हेड के दोनो तरफ कर लिया 
और में झुक के उनकी चूत को किस करने और चाटने लगा. मेरे लंड 
से हम दोनो की मिली जुली मलाई के ड्रॉप्स निकाल के आंटी के लिप्स पे 
टपकने लगी जिसे आंटी ने अपनी टंग फिरा के चटखारा ले के चट 
लिया और मेरी गान्ड पे हाथ रख के मुझे झुकाया और मेरे लंड को किसी 
आइस क्रीम की तरह से चूसने लगी और में उनकी चूत को चूसने लगा 
और हम दोनो एक दूसरे की क्रीम्स और जूसज़ का टेस्ट करने लगे. सीता 
आंटी बोली आअहह राज्ज्ज किया मज़े दार क्रीम है शहद ( हनी ) से 
भी स्वीट है वो चटखारे लेते हुए बोली आइ हॅव नेवेर टेस्टेड सच 
स्वीट थिंग में ने कभी किसी की मलाई नही टेस्ट की आज किया तो सच 
में अच्छी लग रही है एक दम से मीठी स्वादिष्ट. वो मेरे लंड को ज़ोर 
ज़ोर से चूस रही थी सीता आंटी नीचे लेटी थी और में ऊपेर था. 
आंटी की गान्ड के नीचे हाथ रख के उनकी चूत को थोड़ा ऊपेर उठा 
के में अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर डाल के दोनो पंखुड़ियो के अंदर 
ऊपेर नीचे करने लगा जिस से आंटी फुल मस्ती में आ गई और मेरे 
लंड को लॉली पोप की तरह से ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी में भी अपनी 
गान्ड उठा उठा के सीता आंटी के मूह को चोदने लगा और वो अपनी गान्ड 
उठा के अपनी चूत को मेरे मूह से रगड़ती रही. में उनकी पूरी चूत 
को अपने दाँतों से पान जैसा चबाने लगा तो आंटी और सहन ना 
करसकी और उनका बदन थर्र थर्र काँपने लगा और वो 
आआाागगगगगगगघह की आवाज़ें निकालते हुए झड़ने लगी में 
उनकी चिकनी चूत का मीठा अमृत पीने लगा और वो भी मस्ती में 
मेरे लंड को बहुत तेज़ी से चूसने लगी में भी अब और सहन नही कर 
पा रहा था अपने लंड को आंटी के हलक के अंदर तक घुसेड दिया और 
एक दम से मेरे लंड में से गरम गरम मलाई ली गाढ़ी पिचकारी निकाल 
के आंटी के हलाक में डाइरेक्ट गिरने लगी और में आंटी की मलाई को 
चाटने लगा दोनो बहुत देर तक झड़ते रहे मेरा लंड आंटी के मूह 
में ही था और मेरे मूह में उनकी चूत जिसको में चूस रहा था. दोनो 
के झड़ने के कुछ देर तक तो हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे जैसे दोनो के 
बदन में जान ही ना हो. मेरा लंड थोड़ा सा नरम होने लगा था जिसे 
आंटी फिर से चूस के सख़्त करने लगी और में भी आंटी की चूत को 
चूस चूस के फिर से गरम करने लगा. 
 
मेरे लंड को अकड़ने में सिर्फ़ एक ही मिनिट लगा और लंड फिर से खड़ा 
हो गया और जोश में हिलने लगा और आंटी की चूत में भी गर्मी आने 
लगी और मेरे लंड को चूसने के स्टाइल से ही में समझ गया के अब 
आंटी की मस्त रसीली चूत चुदवाने के लिए फिर से रेडी हो गई है. 
ऐसे ही चूस्ते रहे एक दूसरे को फिर में आंटी के साइड में ऐसे लेटा 
के हम दोनो एक दूसरे की ओर मूह कर के लेते थे और में आंटी की 
चुचियों को अपने मूह में ले के चूसने लगा और उनके निपल्स को 
काटने लगा जिस से आंटी फुल मूड में आ गई और आंटी ने अपनी एक 
टांग उठा के मेरे थाइ पे रख दी और मेरे फुल्ली एरेक्ट लंड के डंडे 
को पकड़ उसके सुपाडे को अपनी चूत मे ऊपेर नीचे घुमाने लगी और 
बोली के राज तुम्हारा लंड बहुत शानदार है कहा छुपा के रखा 
था इतने दिनो से तो में बोला के आंटी यह आप का ही है जब चाहिए 
ले लेना तो वो हंस के कहने लगी के मुझे तो यह डेली चाहिए बोली 
दोगे तो में ने कहा आंटी यह लंड आज से आपका हुआ जब चाहे ले लेना 
आइ आम आट यौर सर्विस आप को जब चाहिए जीतने टाइम चाहिए में 
चोदुगा तो आंटी बोली के ठीक है में जब भी मौका मिलेगा तुम्हें 
बुला लुगी और अपनी चूत की भूक को मिटा लूँगी तो में ने कहा कोई बात 
नही आंटी में आ जाउन्गा और मुझे आपकी चूत तो बहुत ही प्यारी लगी 
इतनी टाइट के बस मुझे तो इसे चोदने में बहुत ही मज़ा आ गया. मेरे 
लंड से प्री कम भी निकल ने लगा था लंड को आंटी अपनी चूत के 
दाने पे रगड़ती तो उनके मूह से सिसकारी निकल जाती आआआहह 
राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज तुम्हारा लंड तो मूसल जैसा लंबा मोटा और लोहे जैसा 
सख़्त है और में ने आंटी को पकड़ के टर्न किया और अपने ऊपेर खेच 
लिया अब में नीचे लेटा और सीता आंटी को अपने ऊपेर कर लिया और उनको 
ऊपेर की ओर खेच के अपने मूह पे बिठा लिया और उनकी चूत को चूमने 
लगा – 

सीता आंटी के दोनो पैर मेरे सर के दोनो तरफ थे अपने घुटने मोड़ के 
बैठी थी और अपनी चूत को मेरे मूह पे रगड़ रही थी चूत में 
दाँत लगने से मस्ती भरी सिसकारी निकलती. अब आंटी सामने झुक गई 
और बेड पे हाथ रख के मेरे मूह पे अपनी गान्ड उठा उठा के अपनी 
रसीली चिकनी चूत को मेरे मूह पे ऐसे मारने लगी जैसे मेरे मूह को 
चोद रही हो में हाथ पीछे कर के उनकी मस्त चुचियों को पकड़ के 
मसल्ने लगा. जब आंटी फुल मूड में आ गई तो में उनको पीछे पुश 
किया आंटी थोड़ा सा ऊपेर उठी और मेरे लंड को जो मेरे पेट से चिपका 
पड़ा था पकड़ के अपने हाथ से पकड़ के उठा लिया और बोला के वाउ 
राज तुम्हारा लंड तो ख़तना वाला (सरकम्साइज़्ड) कटा हुआ है तो में 
बोला के आंटी लंड कटा हुआ नही है इसके ऊपेर का एक्सट्रा स्किन कटा 
हुआ है जब में पैदा हुआ था तो डॉक्टर ने किसी कन्फ्यूषन की वजह से 
ख़तना कर दिया था इसी लिए उसका आके का फॉरेस्किन कटा हुआ है तो 
आंटी बोली के इसी लिए शाएद तुम्हारे लंड का टोपा सामने से शार्प है 
और इसी लिए शाएद मुझे चुदाई में इतना मज़ा आया के आज से पहले 
कभी नही आया था. इतना कहते हस आंटी ने मेरे लंड के डंडे को 
पकड़ के अपनी चूत के सुराख में अड्जस्ट कर के बैठने लगी. मेरा 
लंबा मोटा आकड़ा हुआ रॉकेट जैसा शार्प लंड उनकी चूत को चीरता हुआ 
भट्टी जैसी गरम चूत में धीरे धीरे घुसता जा रहा था और 
आंटी आआआअहह राआआआआअजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज कर रही थी अपनी 
चूत में लंड के घुसने का मज़ा ले रही थी. में नीचे से पानी गान्ड 
उठा के एक धक्का मारा तो मेरा पूरे का पूरा लंड सीता आंटी की 
चूत में जड़ तक घुस गया उूुुुुुुुुुुउउ 
आआआआआआआआआहह उनके मूह से निकला और में अपनी गान्ड 
उठा उठा के चोदने लगा. सीता आंटी मेरे लंड को हेड तक बाहर 
निकाल के उचक उचक के चुदवा रही थी जंपिंग ऑन माइ लंड जिस से 
उनकी चुचियाँ उछल उछल के डॅन्स करने लगी और साथ में ही उनका 
मंगल सूत्र भी उछल उछल के नाचने लगी और हमारी चुदाई का मज़ा 
लेने लगा. में आंटी को झुका के उनकी चुचियों को चूसने लगा और 
उनकी चुदाई करने लगा. 
 
इतनी चुदाई के बाद मेरे लंड से क्रीम तो अभी निकलने वाली नही थी 
इसी लिए आंटी के शोल्डर्स को पकड़ के अपने लंड पे जो उनकी चूत 
में जड़ तक घुस चुका था बिठा लिया और चोद्नना कुछ देर के लिए 
रोक दिया. 

सीता आंटी मेरे लंड पे बैठी रही और उनका उछलना बंद हो गया 
और वो मेरे लंड को अपनी चूत में रखे शांत हो के बैठ गई और 
हम इधर उधर की बातें करने लगे. में पूछा के आंटी शरमा जी 
का लंड कैसा है और वो कैसे चुदाई करते है तो उनके मूह लाल हो 
गया और बोली राज तुम ने ऐसे टाइम पे उनकी याद दिला के मेरे 
चुदाई के रंग में भंग डाल दिया इतना मज़ा आया था मुझे और तुम ने 
सारा मज़ा किर कीरा कर दिया. अब तुम ने पूछ ही लिया है तो सुनो उनका 
लंड तुम्हारे तगड़े लौडे का 1/4त भी नही है और मोस्ट ऑफ दा टाइम 
उनका लौडा पूरी तरह से अकड़ता भी नही और कभी थोड़ा सा अकड़ भी 
जाता है तो चूत के अंदर जाने से पहले ही उनका पतला पानी निकाल 
जाता है और मुझे गरम करके पलट के सो जाते है. शादी के बाद 
कभी कभी ही उनका लौडा मेरी चूत के अंदर तक घुस पाया था और 
उसी में प्रेग्नेन्सी ठहर गई थी और गीता पैदा हो गई. उसके पैदा 
होने के बाद से आज तक कभी भी उनका लंड चूत के अंदर अच्छी तरह 
से नही घुस पाया और वो मुझे कभी भी सॅटिस्फाइ नही कर पाए और 
मुझे कभी भी चुदाई का मज़ा नही आया. फिर आप किया करती हो आंटी 
तो बोली के किया कर सकती हू उनका पानी निकाल जाने के बाद पलट के अपनी 
ही उंगली से अपनी चूत का मसाज करके अपनी क्रीम निकाल के सो जाती 
हू. में बोला के अब फिकर ना करो आंटी अब तो में हू में आपको हमेशा 
ही सॅटिस्फाइ करूगा यू डॉन'ट वरी और सीता आंटी झुक के मुझे किस 
करने लगी और बोली के हा राज अब तुम आ गये हो तो मुझे भी आज 
लगा जैसे में आज ही अच्छी तरह से चुदि हू और आज तक किसी ने मेरी 
इतने टाइम चुदाई नही की थी और मेरी चूत में से भी इतना जूस 
कभी नही निकला था. में आंटी को झुका के उनको चोदने लगा और सीता 
आंटी किस करने और मेरी जीभ को चूसने लगी. 

अब फिर सीता आंटी मेरे लंड पे उछल उछल के चुदवाना शुरू कर दिया 
उनकी मस्त चुचियाँ डॅन्स कर रही थी इतना डीप पेनेट्रेशन था के 
मेरा लंड उनके बच्चे दानी को पार कर के पेट में घुस चुका था. 
सीता आंटी की आँखे बंद हो चुकी थी उनके बॉल हवा में ऐसे उड़ 
रहे थे जैसे कोई शॅमपू के अड्वर्टाइज़्मेंट में मॉडेल लड़की के उड़ते 
है वो बहुत ही सेक्सी सीन था. आंटी मस्त हो के मज़े से चुदवा रही 
थी जैसे वो सब भूल गई हो बॅस चुदाई ही याद हो. मुझे लगा के 
अब फिर से आंटी को नीचे लिटा के उनकी चूत को एक बार फिर से फुल 
पावर से चोद्नना चाहिए तो में आंटी को पलटा के नीचे पेट के बल 
लिटा दिया और उनकी टाँगें लंबी थी में अपने दोनो टाँगो को उनकी दोनो 
टाँगो के बीच में रख के अपनी टाँगो से उनकी टाँगो को फैला दिया जिस 
से उनकी चूत नारंगी (ऑरेंज) की फाँक की तरह खुल गई में उनके 
ऊपेर था उनकी मक्खन जैसी चिकनी गान्ड मेरे नवल एरिया से टच 
कर रही थी मेरा लंड तो मेरे नवल से ही चिपका रहता था पॉवेरफूल 
एरेक्षन की वजह से तो में उनके पैरों को अपने पैरों से फैला के 
उनकी कमर में हाथ डाल के उनको थोड़ा उठा लिया और उनकी चूत में 
पीछे से अपना लंड घुसेड दिया उनकी गान्ड थोड़ी उठ गई थी में उनके 
नीचे हाथ लगा के उनकी चुचियों को मसल रहा था उनकी चुचियाँ 
मसलते हुए मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ में मक्खन हो 
इतनी मस्त चुचियाँ थी सीता आंटी की. में अपनी गान्ड उठा उठा के उनकी 
चूत में अंदर तक अपना लंड पेल रहा था वो मेरे नीचे पेट के बल 
लेटी थी उनकी चुचियाँ बेड से लग के चिपक गई थी. उनकी चूत बहुत 
ही गीली हो चुकी थी लगता था के वो झाड़ चुकी है पर मेरा लंड तो 
रेलवे एंजिन के शॅफ्ट की तरह अंदर बाहर घुस घुस के चुदाई 
कर रहा था उनके जूस से मेरे लंड गीला हो गया था झड़ जाने की 
वजह से आंटी का बदन पूरी तरह से शांत हो गया था. 

मेरे झटके स्पीड पकड़ने लगे लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल 
के चोद रहा था एक टाइम ऐसे ही जब लंड फुल बाहर निकला तो लंड एक 
झटके से हिला और लंड चूत का निशाना मिस कर के एक ही पावरफुल 
धक्के में उनकी रिलॅक्स गान्ड में पूरी ताक़त से घुस गया और आंटी 
बेड पे उछल पड़ी ऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईई म्म्म्म्ममममाआआआआआआ 
ययइईईई कििय्ाआआआआ कार्रर्र्ररर डीईईय्ाआआआ ईएहह 
राज्ज्जज्ज्ज में सीता आंटी को टाइट पकड़ लिया उनको उछलने नही दिया ज़ोर 
से बेड पे दबा दिया और उनका बदन एक दम से टाइट हो गया पर अब क्या 
हो सकता था
 
लंड एक ही झटके में उनकी बहुत छोटी सी टाइट मक्खन 
जैसी गान्ड को फाड़ के अंदर जड़ तक घुस ही चुका था. में बिना 
धक्को के थोड़ी देर तक उनको टाइट पकड़े ऐसे ही लेटा रहा फिर जब 
उनकी गान्ड के मसल्स थोड़े रिलॅक्स हुए तो में उनके शोल्डर्स को पकड़ 
के उनकी गान्ड मारने लगा आअहह किया वंडरफुल टाइट गान्ड थी आंटी 
की मस्त टाइट गान्ड मारने में बहुत मज़ा आ रहा था. – 
- अब आंटी भी अपनी गान्ड में मेरा लंड 
ले के मज़े से गान्ड मरवा रही थी और में उनकी गान्ड फुल स्पीड से 
मार रहा था. मेरी मलाई निकलने ही वाली थी तो में आंटी से पूछा 
के मलाई कहा निकालु गान्ड में या चूत में तो बोली के राज्ज्ज मेरी 
चूत बहुत सालो से प्यासी है अपनी गरम मलाई मेरी चूत में ही 
डाल के उसकी प्यास को बुझा दो तो में अपने लंड को उनकी गान्ड से बाहर 
खेच के निकाल लिया और आंटी को एक ही झटके में सीधा कर दिया और 
उनकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेट के एक ही झटका मारा और मेरा मिज़ाइल 
जैसा लंड उनकी गीली गरम चूत में जड़ तक पेल दिया सीता आंटी के 
बदन में एक तनाव आ गया और वो मुझ से ज़ोर से लिपट गई में अपने 
मूसल लंड को पूरा सुपाडे तक चूत से बाहर निकाल के एक बहुत ही 
पावरफुल चूत फाड़ धक्का मारा और उनके मूह से ऊऊऊऊऊऊओ 
उूुुुुुुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और मेरे लोहे 
जैसे सख़्त और मोटे लंड में से मलाई की मोटी धार वाली पिचकारिया 
निकल निकल के उनकी चूत को भरने लगी. सीता आंटी की चूत में मेरी 
मलाई की पिचकारी लगते ही उनका बदन फिर से थॅर थॅर काँपने लगा 
और वो फिर से झड़ने लगी दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे में 
आंटी के ऊपेर ही पड़ा रहा मेरा लंड उनकी गीली चूत में ही नरम 
होने लगा था और थोड़ी ही देर में प्लॉप की आवाज़ के साथ ही उनकी चूत 
से बाहर निकल गया और हमारी मिक्स मलाई उनकी चूत से ओवरफ्लो हो के 
नीचे बेडशीट पे गिरने लगी. 
- सीता आंटी की चूत इतनी मस्त और फुल चुदाई से गुलाब के 
फूल की तरह खिल उठी थी. सीता आंटी मेरे से लिपट गई और बोली 
के राज यू आर जस्ट वंडरफुल कमाल का चोदते हो तुम आज ज़िंदगी 
में पहली बार इतना चुदि हू और इतने टाइम झड़ी हू के में गिनती ही 
भूल गई और मेरी प्यासी चूत की आज प्यास मिट गई हो और मेरा बदन 
बिल्कुल ही हल्का लग रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में आकाश 
में उड़ी जा रही हू इतने टाइम चुदाई तो में कभी ख्वाब में भी नही 
सोच सकती थी आई नीड युवर इनक्रेडिबल लंड इन माइ चूत ऑल्वेज़ राज 
में चाहती हू के तुम मुझे हमेशा चोदते ही रहो ऐसी मस्त चुदाई की 
तो कोई लड़की सिर्फ़ कल्पना ही कर सकती है और आज मेरी बरसो की 
ख्वाहिश पूरी हो गई है और तुम्हारा लंड चूत से बाहर निकालने के 
बाद ऐसा लग रहा है जैसे मेरी चूत एक दम से खाली हो गई हो. 
मेरे लंड को अपने हाथो में पकड़ के बोली के यह सरकम्साइज़्ड लंड तो 
बहुत ही लाजवाब है और किसी छुरी (नाइफ) की तरह तेज़ भी है 
गीता के पापा का फॉरेस्किन वाला है इसी लिए शाएद मुझे उतना मज़ा 
नही आता जितना तुम्हारे लंड से आया है और बोली के मेरी एक ऑफीस 
की फ्रेंड है जिसका नाम नेहा है वो भी बता रही थे के उसका कोई 
मुस्लिम फ्रेंड है जिसने उसको चोदा है तो वो भी बता रही थी के 
सरकम्साइज़्ड लंड से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है जिसका मुझे आज 
पता चला राज तुम्हारा लंड तो सच में वंडरफुल यह तो किसी की 
चू त में घुस के धूम मचा देगा. 

में उनके बदन से साइड में लुढ़क गया और हम दोनो एक दूसरे से 
लिपट गये सीता आंटी बोली के प्लीज़ राज्ज मुझे कभी नही छोड़ना 
हमेशा मेरे साथ ही रहना आइ लव युवर मूसल लंड और मेरे लंड को 
अपने नाज़ुक हाथो से पकड़ के दबाने लगी और बोली के यह शैतान आज 
मेरी कुवारि गान्ड भी मार चुका है आज तक में ने किसी से भी गान्ड 
नही मरवाई थी मुझे पता नही था के गान्ड मरवाने का अपने एक अलग 
ही स्वाद है. हम दोनो हँसते हुए एक दूसरे से लिपटे रहे और पता नही 
कब नींद आ गई और हम एक दूसरे से लिपटे लिपटे ही सो गये. 

सुबह मेरी आँख सब से पहले खुली मुझे समझ में नही आ रही थी 
के में कहा हू अपने दिमाग़ पे ज़ोर दिया के में कहा हू तो मुझे सीता 
आंटी साइड में लेटी दिखाई दी और फॉरन ही मुझे हमारी चुदाई की 
रात याद आ गई देखा तो में उनके बेड पे ही था आंटी मेरे साइड में 
गहरी गेँरी सांस लेते हुए सो रही थी हम दोनो नंगे थे. मुझे याद 
आया के हम दोनो के कपड़े तो टीवी रूम में ही पड़े है तो में आहिस्ता 
से बेड पे से उठा और टीवी रूम की तरफ जाने लगा. विंडो पे और डोर 
पे थिक कर्टन्स की वजह से लग रहा था जैसे अभी रात ही है जब 
के दिन के 10 बज चुके थे. में बिना आंटी को डिस्टर्ब किए रूम से 
नंगा ही बाहर आया मेरा लंड मेरे रानो के बीच में लटक रहा था 
रात आंटी की इतनी मस्त टाइट चूत की चुदाई के बाद मेरा लंड भी 
मस्त हो गया था. में टीवी रूम के सेंटर में आ गया अपने कपड़े उठाने 
के लिए झुका ही था के उसी समय सामने के रूम में से गंगा बाहर 
निकली और मुझे देखते ही उसके मूह से वाउ निकल गया और करीब आ के 
थोड़ा सा झुक के अपने हाथ जोड़ के मेरे लंड की तरफ देखते हुए 
प्रणाम किया और मुझे देखते हुए राज बाबू कहा यह सब ऐसे लग रहा 
था जैसे वो मेरे लंड को देखते हुआ मुझे प्रणाम कर रही हो बट 
उसने पहले मेरे लंड को प्रणाम किया और मुझे ( सब मिला के बन गया 
प्रणाम राज बाबू ) कहा तो में गड़बड़ा गया और अपने कपड़े उठा ने 
लगा. मेरी समझ में नही आया के उस से क्या बोलू. मुझे लगा जैसे 
गंगा पहले ही हमारे कपड़े टीवी रूम में देख चुकी थी और शाएद वेट 
कर रही थी के कौन पहले रूम से बाहर निकलता है कपड़े लेने के 
लिए ताके वो उसको रंगे हाथो पकड़ के तमाशा देख सके उसकी 
किस्मत अच्छी थी के उसके दर्शन मेरे मूसल लंड से हुए और अगर पहले 
सीता आंटी नंगी बाहर निकल जाती तो पता नही आंटी को कितनी 
एंबरस्सेमेंट होती.
 
वो मेरी तरफ शरारत से एक आँख बंद करके बोली के रात कैसी गुज़री 
राजा बाबू मेब साहेब तो ठीक है ना यह उसने मेरे लंड की तरफ 
देखते हुए कहा तो में धीरे से मुस्कुरा दिया और बोला के हा ठीक 
है और गंगा से बोला के सुनो गंगा प्लीज़ सीता आंटी को नही बताना 
के तुम्हें यह पता चल गया है के में आंटी को चोद चुका हू तो वो 
एक आँख बंद करके शरारत से बोली के मुझे क्या मिलेगा बाबूजी तो 
में अपने लंड की ओर इशारा कर के बोला के यह मिलेगा तो वो हँसने लगी 
और बोली के बाबूजी यह मुझे मिलेगा तो में किसी से कुछ नही कहुगी 
मुझे तो पता ही है के आप सीता और गीता दोनो मा बेटी को चोद 
चुके हो. में ने कुछ नही कहा और ऐसे ही खड़ा गंगा की ओर देखता 
रहा तो गंगा बोली के राजा बाबू किया में इसे हाथ में ले के देख सकती 
हू तो में ने कहा ठीक है देखो और उस के करीब आने से पहले ही 
मेरा लंबा मोटा लंड हाथी (एलिफेंट) की सूंड की तरह उठ के मेरे 
पेट से लग गया जैसे गंगा की चूत को प्रणाम कर रहा हो गंगा की 
आँखें मेरे लंड का पावरफुल एरेक्षन देख के फैल गई और गौर से 
देखने लगी और बोली वाउ क्या मस्त हथ्यार पाया है राज बाबू आप ने 
और बीबीजी तो मस्त हो गई होगी इस मूसल से चुद्वके और फिर वो मेरे 
सामने घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले के 
गौर से ऊपेर नीचे देखने लगी फिर अपने हाथो से लंड को दबाया और 
किस करने लगी और देखते ही देखते अपना मूह खोल के लंड के टोपे को 
चूसने लगी तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली उसके सर पे चला गया और 
में एक मिनिट की देर किए बिना ही उसके मूह को चोदने लगा. गंगा बोली 
के बाबूजी यह तो मस्त टेस्टी है तो में समझ गया के कल रात को 
चुदाई के बाद लंड को बिना वॉश किए ही सो गया था और गंगा मेरे 
लंड पे लगी मेरी और सीता आंटी की मिक्स क्रीम को टेस्ट कर रही है. 
गंगा मेरी गान्ड पे हाथ रख के मुझे अपनी ओर खेच के मेरे लंड को 
लॉली पोप की तरह अपने हलक (थ्रोट) के अंदर तक ले ले के चूसने 
लगी.- – गंगा का मूह 
मस्ती में बहुत गरम था और में उसके मूह की गर्मी को ज़ियादा देर तक 
सहन नही कर पाया और उसके हलक के अंदर तक अपना लंड घुसेड दिया 
और मलाई की मोटी मोटी पिचकारीओं की धार निकलने लगी और उसके 
थ्रोट में से डाइरेक्ट उसके पेट में गिरने लगी वो मेरी सारी मलाई मज़े 
से खा गई. गंगा को उठाया और उसकी चुचियों को मसलते हुए उसकी 
चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ के ज़ोर से मसल दिया तो उसके मूह से 
सिसकारी निकली उूुुुुुउऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स 
बबुउुुुुुुुुुुुुउउ वो मेरे लंड को देख के उसको चूस के मस्त तो हो 
ही चुकी थी मेरे मुट्ठी में उसकी चूत आते उसने अपनी दोनो जांघों से 
मेरे हाथ को ज़ोर से दबा के पकड़ लिया और उसके बदन में जैसे 
एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो ज़ोर से 
काँपने लगी और झड़ने लगी. 

में दोनो के कपड़े उठा के सीता आंटी के बेडरूम में आया और उनकी 
नाइटी बेड पे रख दिया वो अभी भी गहरी नींद सो रही थी उनकी नंगी 
चुचियाँ समंदर की लहरो की तरह से ऊपेर नीचे हो रही थी और 
साथ में उनका मंगल सूत्र जो राइट साइड की निपल से चिपका हुआ था 
वो भी ऊपेर नीचे होने लगा. में अपने कपड़े पहेन के रूम के बाहर 
निकल गया और गंगा को फिर से बोला के देखो सीता आंटी को पता ना 
चलना चाहिए गंगा तो उसने अपना सर हा में हिलाया और बोली के राज 
बाबू में आज शाम में आपके पास आउन्गि आपको काम वाली चाहिए ना तो 
उसी बारे में बात करना चाहती हू और काम देखना चाहती हू और आज 
पहली तारीख भी है ना तो में आज से ही आपका काम सुरू करदेना 
चाहती हू तो में खुश हो गया और कहा के ओह गंगा में बहुत खुश 
हू के तुम मेरे घर काम करने को रेडी हो गई हो तुम यहा का काम 
ख़तम करके मेरे घर पे आ जाना तुम्हें पता तो है ना मेरे घर का 
तो उसने कहा के हा आपका घर देखा है और हँसते हुए बोली के पर 
अंदर से नही देखा आज देख लुगी तो में भी हँसने लगा और बोला के 
में तुम्हारा वेट करूगा और बाहर निकल के अपनी बाइक स्टार्ट करके अपने 
घर की ओर चल दिया रास्ते में गंगा की चूत और चुदाई का सोचते 
सोचते घर पहुँच गया और गरम गरम पानी का शवर लिया और बेड पे 
लेट ते ही गहरी नींद सो गया. 
 
सीता आंटी की आँख खुली तो 11 बज चुके थे. उनका सर भारी लग 
रहा था अपने आप को देखा तो पता चला के वो तो नंगी है फिर उनको 
रात की चुदाई याद आई और सीता आंटी के होंठो पे ऑटोमॅटिकली एक 
सेक्सी मुस्कान आ गई. कपड़े उनके पास ही पड़े थे वो कपड़े पहेन के 
बाहर निकली तो गंगा किचन में सफाई कर रही थी तो सीता आंटी ने 
पूछा कब आइ तो गंगा बोली के बस अभी अभी आइ हू बीबी तो सीता 
आंटी ने इम्तमिनान का सांस लिया और सोचा के शाएद राज के चले जाने के 
बाद ही गंगा आई होगी और उसको पता नही चला होगा के रात राज 
मेरे साथ ही सोया था. गंगा ने कहा बीबी रात बहुत बारिश हुई ना तो 
सीता आंटी ने कहा हा बहुत बारिश हुई और बिजली भी तो बहुत ज़ोर से 
कड़क रही थी. सीता आंटी समझी नही के गंगा का मतलब कौन सी 
बारिश से था गंगा का मतलब था के बहुत चुदाई हुई और चूत में 
मलाई की खूब बारिश हुई पर सीता आंटी को गंगा की बात समझ में 
नही आई थी. सीता आंटी गंगा से बोली के गंगा आज मेरा सारा बदन 
टूट रहा है एक बढ़िया सी कड़क चाइ बना दो में अभी शवर ले के 
आती हू. गंगा ने बोला के ठीक है बीबी हो सकता है के बारिश की 
वजह से आप को गहरी नींद आई होगी तो सीता आंटी ने कहा हा गंगा 
में बहुत थक्क गई थी और फिर बहुत बारिश भी हुई ना तो में बहुत 
गहरी नींद सो गई और देर से भी उठी इसी लिए शाएद बदन टूट रहा 
है गंगा ने कहा अगर आप कहो बीबी तो में आपके बदन की मालिश 
कर दूं तो सीता आंटी कुछ सोचने लगी फिर बोली के अभी नही फिर कभी 
कर देना अभी तो सिर्फ़ चाइ ही पिल दो तो गंगा ने कहा ठीक है अभी 
चाइ बना के लाती हू बीबी और किचन में जाते जाते उसके होटो पे एक 
मुस्कुरहट थी पता नही यह मुस्कुराहट सीता आंटी की चुदाई को जान 
के हुई थी या आज राज के लंबे मोटे लंड से चुदवाने का ख़याल आ 
गया था. – 

शाम 3 बजे के करीब जब गंगा काम ख़तम करके जाने को रेडी हो 
रही थी तो फिर से हल्की हल्की बारिश स्टार्ट हो गई थी. सीता आंटी ने 
गंगा से कहा गंगा आज से राज के घर जाओगी क्या तो गंगा ने कहा 
हा बीबी आज पहली तारीख है ना तो में राज बाबू के घर काम करने 
को तैयार हू और वही जा रही हू और उनका काम भी देख लुगी और आज 
से काम भी चालू कर दुगी उनके घर के करीब ही तो बस स्टॉप भी है 
वहाँ से अपने घर चली जाउन्गि. गंगा ने पूछा राजा बाबू को यहा आने 
के लिए बोलू क्या बीबीजी? तो सीता आंटी एक मिनिट के लिए कुछ सोचने 
लगी फिर बोली नही रहने दो आज छुट्टी है ना तो हो सकता है राज 
आराम कर रहा होगा और अभी तो में भी सोने जा रही हू पता नही 
राज फ्री होगा या नही तुम जाओ राज को में बाद में फोन कर लुगी तो 
गंगा अपनी सारी संभालती हुई बाहर निकल के सड़क पे आगई. सीता 
आंटी के घर से मेरा घर ऑलमोस्ट 15 मिनिट की वॉकिंग डिस्टेन्स पे 
था. गंगा अभी आधा ही रास्ता आई थी के बारिश तेज़ी से होने लगी 
और देखते ही देखते बहुत ही ज़ोर से होने लगी और गंगा का बदन 
पूरी तरह से भीग गया पर बारिश का ठंडा पानी भी गंगा के 
गरम बदन को ठंडा नही कर सका और वो मुस्कुराती मेरे घर की ओर 
बढ़ती रही जैसे बारिश में नही चाँदनी रात में आराम से टहल 
रही हो. 
 
में गहरी नींद सो रहा था डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी तो मेरी 
आँख खुल गई पहले तो मेरी समझ में नही आया के यह क्या आवाज़ आ 
रही है थोड़ी देर बाद गौर से सुना तो पता चला के कोई बेल बजा 
रहा है तो में बेड से खड़ा हो गया घड़ी देखा तो 4 बजने के करीब 
था. बाहर के आवाज़ से मालूम हो रहा था के अभी बारिश बहुत ज़ोर से 
हो रही है. में बेड से नीचे उतर के खड़ा हो गया अपने आप को 
अलमारी के मिरर मे देखा तो पाया के में नंगा हू पास पड़ा हुआ 
टवल उठा के अपने बदन पे लपेट लिया और डोर की तरफ चला गया. 
डोर खोला तो देखा के गंगा खड़ी है एक दम से गीली बारिश में 
पूरी तरह से भीग चुकी है उसके बदन और कपड़ो से पानी टपक 
रहा है उसका ब्लाउस उसके बदन से चिपका हुआ था जिस्मै से उसकी 
चुचियों की गोलियाँ और उभरे हुए निपल सॉफ नज़र आ रहे थे. में 
ने उसका हाथ पकड़ के जल्दी से डोर के अंदर खेच लिया और डोर बंद 
कर दिया बारिश बाहर बहुत ज़ोर से हो रही थी और गहरे बादल छाए 
हुए थे जिस से बाहर ऑलमोस्ट अंधेरा हो गया था. अफ गंगा तुम तो 
बिल्कुल भीग चुकी हो तुम्हें सर्दी लग जाएगी एक मिनिट ठहरो में 
अभी टवल ले के आता हू तुम तब तक अपने कपड़े उतार लो में कुछ लेके 
आता हू तुम कपड़े चेंज कर लेना और में दौड़ता हुआ अपने कमरे की 
तरफ चला गया और एक नया टवल हाथ में ले के आ गया इतनी देर 
में गंगा अपने कपड़े उतार के वही फ़राश पे डाल चुकी थी और नंगी 
खड़ी थी. उसके सारे बदन से पानी टपक रहा था निपल्स पे भी दो 
ड्रॉप्स पानी के चमक रहे थे. गीली गंगा बहुत सुंदर लग रही थी. 
खुलता हुआ सवला रंग, गीले बॉल पीछे पड़े हुए थे चुचियाँ ऊपेर 
नीचे हो रही थी. उसकी मस्त रानो के बीच में उसकी चूत जिसपे 
बहुत थोड़े से काले काले झांट थे और झतो के नोक पे भी पानी के 
ड्रॉप्स ऐसे चमक रहे थे जैसे हीरे (डाइमंड) हो मेरे सामने गीली 
गंगा खड़ी हुई थी और मुझे घूर घूर के ऐसे देख रही थी जैसे 
मुझे कचा ही खा जाएगी. – . 

में उसके करीब आ गया और उसको टवल दिया और बोला के अपने बदन को 
पौंछ लो वो कुछ नही बोली बॅस मेरी तरफ ही घूर घूर के अपनी 
नशेली नज़रो से ऐसे देख रही थी जैसे कोई जानवर अपने शिकार को 
देखता है और मेरे हाथ से टवल को ले के दूर रखी चैर पे फेक 
दिया और मेरे करीब आके मेरा टवल भी खेच के निकाल लिया और बोली 
के सुबह से तुम्हारे लंड ने मुझे पागल किया हुआ है बाबू जब से 
तुम्हारा लंड का दर्शन हुआ है मेरी चूत में आग लगी हुई है बहुत 
तडपाया है तुम्हारे मूसल ने मुझे और बोली के में तो ऊपेर और अंदर 
से पूरी तरह से गीली हू बाबू और मुझ पे भूकि शेरनी की तरह 
झपट पड़ी मुझे दबा के पकड़ लिया और मेरे कुछ सोचने और समझने 
से पहले ही मेरे होटो पे अपने होन्ट टीका दिए और मेरे होन्ट काटने 
लगी और मेरा मूह ऑटोमॅटिकली खुल गया और हम मस्ती भरा किस 
करने लगे एक दूसरे की जीभ चूस्टे रहे और उसी समय मेरा लंड एक 
झटका मार के खड़ा हो गया और स्प्रिंग की तरह से मेरे पेट से जा 
लगा. 

उसका गीला बदन भी बहुत गरम था शाएद वासना की आग में जल रहा 
होगा. गंगा मुझ पे दीवानो की तरह झपट पड़ी और मुझे अपनी बाँहों 
में पकड़ लिया और मुझे पलटा के दीवार से लगा के दबा दिया और ज़ोर 
ज़ोर से किस करने लगी और अपने बदन को मेरे बदन से रगड़ने लगी. 
मेरे मूह में अपनी जीभ घुसेड डाली जिसे में भी ज़ोर ज़ोर से चूसने 
लगा और फिर मेरी जीभ को वो भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. मेरा 
लंड हम दोनो के बदन के बीच में सॅंडविच बन गया था. गंगा की 
नाभि के पास मेरे लंड का सुपाडा था और वो अपने बदन को मेरे बदन 
से रगड़ रही थी. मेरे लंड से प्री कम के ड्रॉप्स निकलना शुरू हो 
गये थे. गंगा इतनी गरम हो गई थी के उसका बदन एक ही मिनिट के 
अंदर ड्राइ हो चुका था. वो मेरी ज़बान को कुछ इस तरह से चूस रही 
थी जैसे मेरी ज़बान को खाज़ाएगी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरे सीने से 
चिपक के दब्ब गई थी. 
 
मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के अपनी गीली गरम चूत के 
फांको के बीचे में रगड़ने लगी ऊपेर से नीचे तक और अपनी 
क्लाइटॉरिस को मेरे लंड के हेड से रगड़ती रही और सिसकारिया लेती 
रही. आआहह बाआबुउुुुुुउउ ऊऊऊहह इस ने मुझे बहुत 
तडपाया है आअहह बबुऊ कहा छुपा रखा था इतना मस्त मूसल 
लंड को. वो तो जैसे दीवानी हो चुकी थी और अपनी दीवानगी से मुझे 
भी दीवाना बना रही थी और लंड के डंडे को पकड़ के अपनी चूत 
में ऊपेर से नीचे ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी उसका हाथ बहुत फास्ट 
चल रहा था और फिर मेरे लंड पे उसकी ग्रिप मेरे लंड के डंडे पे 
सख़्त हो गई उसकी आँखें बंद हो गई और उसके हाथ की मूव्मेंट्स 
स्लो होने लगी आागगज्घह उूुुुउऊहह जैसी आवाज़ निकलने लगी 
और उसका बदन झकता खाने लगा और वो मेरे लंड के सुपाडे पे ही 
झड़ने लगी जिस से सुपाडा और ज़ियादा चिकना और स्लिपरी हो गया. 

में एक ही झटके में पलट के उसको दीवार से टीका दिया और उसकी चूत 
में लंड घुसेड़ने की कोशिश करने लगा. उसके चिकने चूतड़ में हाथ 
दिया तो वो उचक गई और उछाल के अपने दोनो पैर मेरे बॅक पे लपेट 
लिए जिस से उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और मेरे गर्दन में 
अपने हाथ डाल के मुझ से लिपट गई और. अब गंगा मेरे बदन से झूल 
रही थी उसके मस्त बूब्स मेरे मूह के सामने लटक रहे थे तो में मूह 
खोल के उसकी चुचियों को चूसने लगा और निपल्स को काटने लगा तो 
उसकी मस्ती भारी लाल चूत समंदर जैसे गीली हो चुकी थी. मेरे 
लंड से भी प्री कम निकल के चूत को और ज़ियादा चिकना बना रहा था. 
में अपने लंड को उसकी चूत के सुराख में रख के एक ज़बरदस्त झटका 
मारा तो उसके मूह से चीख निकल गई ऊऊऊीीईईईईईई म्म्म्मा आआआ 
ऊऊऊऊऊऊओ मीईईईई मरीईईईई और उसका मूह खुला का खुला 
रह गया उसकी आँखें बाहर को निकल गई और वो मुझसे बहुत ज़ोर से 
लिपटा के पकड़ लिया. एक ही झटके में मेरा लोहे जैसे सख़्त मूसल 
लंड उसकी चिकनी गीली और टाइट चूत को फाड़ के अंदर तक घुस 
चुका था और उसकी बच्चे दानी को टक्कर मार रहा था और उसी समय 
गंगा के मूह से एक अजीब सी आाअगगगगगघह 
ब्बाआआआअब्बुउुुुुुुुुुुुुुुउउ ऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईई 
म्म्म्मअमममममममममममाआआआआआआ जैसी आवाज़ निकली उसका बदन हिलने लगा 
और 
अभी में ने सही तरीके से चोन्दना भी नही शुरू किया था और मेरे 
लंड के एक ही झटके में उसका बदन काँपने लगा मुझ से ज़ोर से 
लिपट गई और आँख बंद हो गई और वो झड़ने लगी. 

गंगा मुझ से लिपटी रही थोड़ी देर के बाद उसकी ग्रिप मेरे बदन पे 
थोड़ी ढीली हुई तो में तेज़ी से धक्के मार मार के उसकी चुदाई करने 
लगा. उसके चुचियाँ मेरे मूह के सामने हिल रहे थी और चूसने की 
दावत दे रही थी तो उनको मूह में ले के चूसने लगा. मोसंबी जैसे 
मस्त चुचियाँ थी उसकी एक दम से कड़क और उस पे छोटे छोटे से मस्त 
लाइट ब्राउन कलर के निपल. उसके निपल्स को में काटने लगा और 
चुचियों को चूसने लगा तो उसके मूह से मस्ती की सिसकारिया निकलने 
लगी आअहह राआजाअ बाआआअब्ब्बुउुुुुुउउ आआआअहह 
आऐईइसस्सीईए हहिईीईई कचहूओद्दूऊऊ आआहह 
आऐईीइसस्सीई हीईीईई आआहह पफहाआााद्द्ड़ डााआाअल्ल्लूऊऊ 
आआआजजज इसस्स्स्सस्स चूऊऊऊथतत कूऊऊऊ आअहह उूुुउऊहह 
बाआआब्ब्बुउुुुुुउउ और उसका बदन सूखे पत्ते की तारह से काँपने 
लगा और वो एक बार फिर झड़ने लगी. मेरे लंड पे उसकी क्रीम लगने 
लगी और उसकी चूत और भी गीली और चिकनी हो गई और में उसको 
दीवार से टिकाए टिकाए ज़बरदस्त तरीके से थपा ठप चोदने लगा. 
 
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