Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत - Page 2 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

अब राज नेहा को दीवार से सटाए हुए ही उसके गले पर चूमने लगता है। ये नेहा के लिए बिल्कुल नया था। राज बड़ा होकर भी जवानों वाली हरकतें कर रहा था। उसकी मुख्य वजह ये भी थी की वो पोर्न भी देखता था। शायद वहीं से ये सब सीखा हो। अब राज नेहा को चूमते हुए उसकी चूचियों पर आ जाता है और एक-एक करके निपल मुँह में लेकर चूसने लगता है।
नेहा- "अहह.. तुम्म...'
राज- में क्या मेरी जान?" बोलकर वो नेहा की कांख के पास पहुँचता है, और उसका एक हाथ उठता है, तो वहाँ बाल नहीं थे। नेहा साफ किए हुए थी। नेहा सोचती हैं अब ये क्या करेगा? तभी राज नेहा की कांख चाटने लगता है।
कांख पर चाटा
नेहा- "हे.. ये क्या कर रहे हो?" नेहा को अजीब लग रहा था क्योंकी उसके पति ने कभी उसे नहीं था।
राज- मेरी जान ये मेरा प्यार करने का तरीका है।
नेहा- आह्ह... नीचे उतारो मुझे।
राज- "थोड़ा रुक जाओ... औत राज दूसरा हाथ उठाकर भी कांख चाटने लगता है।
नेहा को अपने कांख पर राज की जुबान एक अलग ही अहसास दे रही थी। राज का ये पागलपन पता नहीं क्यों उसे पागल बना रहा था। ओड़ी देर बाद राज नेहा को उठाए हुए उधर बिछाए हुए कम्बल के पास जाता है। उसे वहीं लिटा देता है, और खुद उसके ऊपर आ जाता है। नेहा एकटक राज को देखे जा रही थी। राज अब थोड़ा नीचे जाकर नेहा की चूत देखने लगता है। नेहा की गुलाबी चूत जिसे देखकर लग रहा था की उसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हुआ है।
राज- आहह... क्या चूत है तेरी मेरी जान."
नेहा को तभी होश आता है की उसकी चूत राज के सामने हैं। वो जल्दी से अपने हाथ नहीं ले जाती हैं। लेकिन तभी राज नेहा के गोरे हाओं को पकड़ लेता है। अब वो नेहा का एक हाथ अपने हाथ में लेकर मजबूती से पकड़ लेता है, और दूसरे हाथ को पकड़कर अपने मैंह की तरफ ले जाता है। और उसकी गोरी उंगलियों को अपने मेंह में डालकर चाटने लगता है। नेहा को अजीब लगा रहा था की ये कैसा आदमी है की सब कुछ चाट रहा है।
राज एक-एक करके नेहा की गोरी उंगलियां चाट रहा था। नेहा बस अपनी आँखें बंद करके सब देख रही औ।
अब राज वो हाथ छोड़कर दूसरे हाथ की उंगलियां भी चाटने लगता है। राज नेहा की उंगलियां ऐसा चाट रहा था जैसे उनपर मधु लगा हो।
भोड़ी देर चाटने के बाद वो अब उसके दोनों हाओं को पकड़ हए ही नेहा की चूत के पास जाता है। नेहा वा देखकर, नेहा को पता आ की राज अब क्या करेगा। वो कुछ नहीं कर सकती थी। वो जानती थी की उसे अब राज को रोकना असम्भव है। राज अब नेहा को गुलाबी चूत के पास मैंह लेजाकर एक बार संघता है।
राज- आह्ह... क्या खुश्व है मेरी जान तेरी चूत की।
नेहा ये सुनकर शर्मा जाती है।
अब राज चूत फर हल्के से अपनी जुबान रख देता है।
नेहा- "अहह..." करती है
नेहा के जिम में राज की जुबान अपनी चत पर लगते ही जैसे 440 वोल्ट का झटका लगता है। अब राज अपनी पूरी जीभ लेहा की चूत पर रख देता है और वहाँ धीरे-धीरे फेरने लगता है।
नेहा- "अहह... अहह... उम्म्म्म
... आह्ह..." की सिसकारियां निकलने लगती हैं।
राज ने नेहा के दोनों पैर पकड़े हुए थे, और उसकी चूत चाटने में लगा हुआ था। नेहा को गुलाबी चूत के होंठों को वो अपने गंदे मुँह से चाट रहा था। इस घर को जवान बहू की, एक काला हा जो की ड्राइवर है, चूत चाट रहा था। ओड़ी देर में राज पागलों की तरह चूत चाटने लगता है।
नेहा- आह्ह... तुम्म रुको अहह... उम्म्म्म ... अहह... और राज का ये पागलपन जल्द ही नेहा को झड़ने पर मुझबूर कर देता है। नेहा बुरी तरह से झड़ी थी।
राज नेहा की चूत का पानी भी काफी हद तक चाट जाता है। नेहा जिसे देखकर शर्म से लाल हो गई थी। अब राज खड़ा हो जाता है, और अपना काला मोटा लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगता है। नेहा शर्मा जाती है। वो राज से नजर नहीं मिला पा रही थी, क्योंकी राज के मैंह पर झड़ी थी। और राज ने उसकी चूत का पानी
भी चाटा था।
राज- "अब मेरी बारी मेरी जान..
नेहा को कुछ समझ में नहीं आता की कीम कैसी बारी की बात कर रहा है:
राज- चला अब मेरा लण्ड चूस।
नेहा को लण्ड चूसने की बात सुनकर घिन आती हैं। राज का इतना गंदा लण्ड देखकर पहले से ही उसे घिन
आ रही थी। अब राज उसे उस गंदे लण्ड को मुँह में लेकर चसने को बोल रहा था। नेहा राज से बात करने की हालत में जहाँ थी। नेहा अब जा में गर्दन हिलाती है। जिसे देखकर राज को गुस्सा आता है।
राज मन में- "साली ने खुद मजे ले लए। चूत का पानी निकाल लिया, अब लण्ड चसने से मना कर रही हैं..."
राज- क्या बुलबुल तूने तो मजे लेलीए अब मेरी बार आई तो माना कर रही हैं।
नेहा के राज की ये बात सुनकर ही शर्मा जाती है। राज जानता था की नेहा को शर्म नहीं गई है।
राज मन में- "साली आज नहीं तो कल, तुझे मेरा लौड़ा चूसना ही होगा.."
नेहा की नजर राज के लण्ड पर जा रही थी। कैसे कीम काला बड़ा लण्ड हिलाते हए, उसकी चमड़ी ऊपर-नीचे हो रही थी, और उसके टेनिस बाल्स जैसे गोटियां हिल रही थी। लण्ड के आस-पास सफेद काली झांटें भरी पड़ी थी। अब राज नीचे बैठ जाता है, और नेहा के पैर दोनों हाथों से पकड़कर नेहा की तरफ देखने लगता है। नेहा अपनी गर्दन हिलाकर ऐसा ना करने को बोल रही थी। अब राज नेहा की गुलाबी चूत के मुहाने पर अपना काला गंदा लण्ड ख देता है। राज का लण्ड चूत पर लगते ही नेहा की चुत कॉनने लगती है।
 
कड़ी_11
राज अब नेहा की चूत पर अपना लण्ड घिसने लगता है। नेहा की गुलाबी चूत पर राज का काला गंदा झांटों से भरा हुआ लण्ड। राज को मजा आ रहा था मैं गुलाबी चूत पर हमला करने में। उसके लिए ये सपने से कम नहीं था। इधर राज के लिए मजा आ तो नेहा के लिए बेचैनी भी। उसे अब खुद पर काबू नहीं था। अब वो यह भूल चुकी औ की वो एक बड़े घर की बहु है, इतनी खूबसूरत और अमीर है। वो भूल चुकी भी की वो इस वक़्त किसके साथ ये सब कर रही है? एक काला बूटा जिसकी हासयत कुछ भी नहीं है। जिसकी उमर उससे दुगनी है,
वो एक बूटा है। नेहा की आँखें ठीक तरह से खुल नहीं रही थी। उसे अजीब सा नशा हो गया था।
राज- "डाल दूं अंदर मेरी जान?" बोलकर वो नेहा की चूत की दीवार पर ऊपर से लेकर नीचे तक एक बार घिसता हैं।
नेहा- "अहह... और नेहा के पास राज के सवाल का जवाब नहीं आ। वो तो बस नशे में खो गई औ।
नेहा जिसे कल तक बुरा भला कहती थी, हमेशा उसपर गुस्सा करती थी। उसी ने आज नेहा को इस हालत में ला खड़ा किया था। नेहा को उस दिन का पछतावा था जब उसने राज को सिगरेट पीने पर बुरा भला कहा था। उस दिन से राज उसके पीछे पड़ा है, और उसको इस हालत में लाया है।

इधर राज नेहा को तड़पाकर मजे ले रहा था। अब राज से भी नहीं रहा जा रहा था, नेहा की मासूम गुलाबी चूत को लण्ड के लिए तड़पता देखकर। अब वो अपने लण्ड से नेहा की चूत पर दबाव डालने लगता है।
नेहा- अहह... उम्म्म्म
... करती है। राज का लण्ड बड़ा था इसलिए नेहा को दर्द होना लाजमी था।
राज अब एक बार अपने लण्ड पर थूक लगाकर फिर से उसकी चूत पर रख देता है। वो धक्का लगाने ही वाला था की तभी दरवाजे से कुछ आवाज आती है। राज झट से दरवाजे की तरफ देखता है। दरवाजा पर खड़े सहश को देखकर राज इर जाता है।
नेहा जो तब से होश में नहीं थी वो भी दरवाजा पर के सखश को देखकर बिल्कुल डर जाती है। राज और नेहा को जैसे सौंप संघ गया था। दरवाजे पर खड़ा सरश भी इन दोनों को इस हालत में देख हैरान और चकित था।
वो और कोई नहीं सौरभ की पत्नी रिया थी। उसने अपने मुँह पर हाथ रख हुए थे। जैसे उसने कोई बहुत ही अजीब चीज देखी हो। अजीब चीज़ हो तो थी। नेहा यहीं पा लेटी हुई थी और अदा ड्राइवर राज उसकी चूत पर लण्ड रखे हए था।
रिया- "दीदी ये आप...
नेहा अब होश में भी- "रिया ऊहह..."
लेकिन रिया अब वहाँ से जाने लगती हैं। वो राज को एक बार गुस्से से देखता है, और भागकर चली जाती हैं। नेहा अब डर के मारे एकदम पशीला-पशीना हो गई थी। अब वो जल्दी से उठ जाती है।

राज उसे रोकने की कोशिश भी नहीं करता। उसे भी पता था की वो और नेहा पकड़े गये हैं। अब रिया जाकर सबको बताएगी।
नेहा इरी-इरी मी जल्दी से अपने कपड़े पहने लगती हैं, जो इधर-उधर पड़े हुए थे। पहले बी अपने पेंटी पहनती हैं, फिर घाघरा, फिर ब्रा पहनने लगती है। ब्रा पहनते हुए वो हाथ पीछे ले जाती हैं तो आगे से उसकी चूचियां मस्त दिख रही औं। फिर वो ब्लाउज़ पहनकर साड़ी भी पहन लेती है। वो राज की तरफ देख भी नहीं रही थी। वो जल्दी से वहीं से निकल जाती है।
इधर राज जैसे भीगी बिल्ली की तरह बैठा हुआ था। उसका लण्ड अब सिकुड़ गया था ये सोचकर की अब इस
घर वाले उसका क्या हाल करेंगे? आखोरकार, उसने इस घर की इज्जत पर हाथ डाला है।
राज- साला दरवाजा बंद करना भूल हो गया था। पूरा काम बिगड़ गया। साली वो रंडी जाकर सबको बता देगी। पता नहीं क्या हाल होगा मेरा अभी? इधर से भाग जाना ही ठोक लग रहा है, वरना मैं तो गया।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
इधर नेहा जल्दी से बाहर आती है। उसे बाहर आकर इर लग रहा था की कहाँ रिया ने सबको बता तो नहीं दिया? हा अब रिया की ट्रॅटने लगती हैं। वो सब तरफ देखती है, वो नहीं थी। फिर वो रिया के रूम में जाती हैं। वहीं पर भी रिया नहीं नजर आती उसे। फिर वो मायस होकर जाने लगती हैं। तभी उसे वाशरूम से पानी की आवाज आती हैं। वो समझ जाती है की रिया अंदर होगी। अब नेहा रिया का इंतजार करने लगती हैं। वो कर रही भी की वो रिया से क्या बात करेगी? क्योंकी रिया ने उसे और उस काले बढे को नंगी देखा है।
ओड़ी देर बाद रिया वाशरूम से निकलती है। रिया नेहा को यहाँ देखकर ज्यादा साइज नहीं होती, क्योंकी उसे पता था की नेहा यहाँ जरूर आएगी।
नेहा- "रया आज तुमने जो भी देखा आज......."
रिया बड़ी ही उत्मकता से नेहा को देखने लगती है। आगे ना बोलता देखकर रिया बोली- "जो देखा वो क्या था
दीदी? आप कैसे उस गंदे आदमी के साथ ये सब कर सकती है। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है। आप जैसी पढ़ी लिखी औरत कैसे उस गंदे आदमी के साथ छी..."
नेहा- रिया ऐसी कोई बात नहीं है। वो मैं बहक गई थी।
रिया- बहक गई थी... ऐसे कैसे दीदी? वो तो कोई हैंडसम भी नहीं हैं, एक गंदा बढ़ा है।
नेहा को भी अहसास होने लगता है की कैसे वो एक बटे के साथ सब कुछ कर रही थी?
रिया- जरूर उस बटे ने आप्नसे जबरदस्ती की होगी। मैं अभी सबको बता देती है।
नेहा मन में- "अगर रिया ने सबको बता दिया तो मेरी इज्जत पर सब उंगली उठाएंगे। क्या करूं?"
नेहा बोली- "रिया देख ऐसा मत कर। वरना मेरी क्या इज्जत रह जाएगी?"
रिया कुछ सोचती है, और कहती हैं- "दादी जो भी हो, ताली एक हाथ से नहीं बजती। जरूर आपकी तरफ से भी कुछ होगा..."
नेहा को अब शर्म आने लगती है, कहती है- "नहीं रिया, ऐसा कुछ नहीं है। उसने ही सब किया। मैं अब इसके बाद कभी उसको पास भी नहीं आने दगी..."
रिया- वैसे उसने कुछ किया तो नहीं ना दीदी?
नेहा- नहीं रिया।
रिया- "ठीक है दीदी। लेकिन उस गंदे आदमी को यहां से निकलना होगा। में अभी जाकर उसकी खबर लेती हूँ.." इतना बोलकर वो जाने लगती है।
नेहा कुछ सोच रही थी। रिया के जाने का अहसास होते ही नेहा बोली- "रिया, रुक्क रिया.."
लेकिन तब तक रिया जा चुकी थी।
नेहा मन में- "ये रिया वहां क्यों चली गई? पता नहीं ये वहां जाकर क्या करेंगी? या फिर राज ही इसके साथ कुछ करेगा। रिया को वहीं नहीं जाना चाहिए था..." नेहा सिर्फ सोच रही औ। लोकिल रिया वहाँ जा चुकी थी। पता नहीं रिया का क्या होगा। क्या उसने राज से पंगा लेकर ठीक किया या अपने लिए मुसीबत बुला ली।
रिया नौकर क्वार्टर पहुँच जाती है। वो अंदर देखती है की राज अपने कपड़े भर रहा था एक बैग में।
रिया- "हे... तुम्म क्या कर रहे हो?
राज रिया को यहाँ देखकर डर जाता है। राज का गला सूख गया था ये सोच कर की कहीं इसने पोलिस तो तो नहीं बुला लो? राज बोला- "वो कुछ नहीं बस..."
रिया- "तुमने जो दीदी के साथ किया ना वो बिल्कुल ठीक नहीं था। तुमको इसकी सजा मिलेगी। मैं सबको बता
राज मन में- "इस रंडी को क्या पड़ी है सबको बताने की? साली रंडी कहीं की."
राज बोला. "क्यों गरीब को तकलीफ देती हो छोटी मालकिन?"
रिया- "तकलीफ... और जो तुम दीदी के साथ कर रहे थे वो ठीक है?"
राज- मैंने क्या किया?
रिया- क्या किया? बेशर्म कहाँ के।
राज- बताइए ना मालकिन क्या किया?
रिया को बताने में शर्म आ रही भी। लेकिन गुस्से में बोली- "बेशर्म.. मुझे नहीं पता.."
राज. पता नहीं तो क्यों मुझपर इल्ज़ाम लगा रही हो छोटी मालकिन?
रिया- "बकवास बंद करो। बहुत झूठ बोल रहे हो। लगता है सबको बताना ही पड़ेगा..." और ऐसा ओलकर वो जाने
लगती है।
तभी राज को अहसास होता हैं की रंडी से माफी मांगनी पड़ेगी। रिया जा ही रही थी की राज उसके पैर पकड़ लेता है। रिया ने साड़ी पहनी हुई थी। उसकी गोरी कमर दिख रही थी। उसका ब्लाउज़ भी काफी हद तक छोटा था। एकदम मस्त लग रही थी। ऊपर से उसका प्यारा चेहरा बस कयामत टा रहा था।
रिया- है, ये क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।
राज- छोटी मालोकन ऐसा मत कीजिये। मुझे वो मार डालेंगे। मेहरबानी कर दो।
रिया- बदतमीज छोड़ो मुझे।
राज- प्लीज... छोटी मालकिन माफ कर दो।
रिया मन में- "बदा गलती करके माफी माँग रहा है। कमीना कहीं का.."
रिया- तुम छोड़ो मुझे।
राज- जब तक आप माफ नहीं करती मैं नहीं छोडूंगा।
--
रिया मन में- "बहुत जिद्दी है। बूढ़ा कहीं का.."
राज अब उसी पोजीशन में थोड़ा ऊपर देखता है। कृपर देखते ही उसकी नजर रिया की गोरी कमर पर जाती है।
उधर नेहा अपने रूम में आ गई थी। उसे दिमाग में बहुत से खयाल आ रहे थे राज के बारे में। कुछ देर पहले राज का काला लण्ड उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था। वो नीचे हाथ लगाती है, तो उसकी चत पानी छोड़ रही भी, राज के काले लण्ड के अहसास से ही। वो जल्दी से वाशरूम जाकर पैटी बदल लेती है और आकर बेड पर लेट जाती है।
 
इधर रिया की कमर पर राज की नजर जाती हैं। एक 23 साल की औरत की कमसिन कमर देखकर राज के
लण्ड में हरकत होने लगती है। राज उधर बैठे हुए रिया के जिम की खुशबू लेने लगता है।

रिया- छोड़ो मुझे।

राज अब खड़ा हो जाता है और जाकर रिया के पीछे खड़ा हो जाता है। रिया को अपने पीछे कुछ चुभने लगता है। रिया हैरान थी को इस बूढ़े की इतनी हिम्मत की वो मुझसे चिपके रिया कुछ बोलने ही वाली थी की उसे एक और झटका लगता है। राज अब अपने हाथ उसकी कमर में दोनों तरफ से हाथ डालकर उससे चिपक जाता हैं। रिया को राज की बड़ी-बड़ी हथेलियों का अहसास होते ही उसे अपने जिंघम में 440 वोल्ट के झटके का अहसास होता है। ऐसा अहसास उसने कभी महसूस नहीं किया था। लेकिन रिया अपना कंट्रोल नहीं खाना चाहती थी।

रिया- है... छोड़ो मुझे। क्या कर रहे हो?

राज- छोटी मालकिन एक बार माफ कर दो मझें।

रिया समझ नहीं पा रही थी की ये कौन सा माफी मांगने का तरीका है? रिया बोली- "पहले छोड़ो मुझे.."

राज- नहीं पहले माफ कीजिये।

रिया के पास कोई रास्ता नहीं था। राज की पकड़ काफी मजबूत थी। राज का लण्ड उसकी पेंट में झटके खा रहा था, जो रिया अब अपनी गाण्ड पर महसूस कर रही थी। उसे अपनी गाण्ड मा राज का बड़ा लण्ड महसूस हो रहा था। राज अब पीछे हरकत कर रहा था। मतलब अपनी कमर चला रहा था रिया के पीछे। राज को मजा आ रहा था ये एक 23 साल की औरत से ऐसे चिपक के। रिया अपनी गाण्ड पर इतना बड़ा लण्ड रगड़ता महसूस करके अब राज से गुस्सा हो रही थी।

रिया- मैंने कहा छोड़ो मुझे।

राज मन में. "साली में बहुत दम हैं। बहुत आवाज़ कर रही हैं। साली भड़वे जय को बोला था मैंने की इस रंडी को फंसाएग लेकिन साले से कुछ नहीं होता। अब मुझे ही कुछ करना होगा.." अब राज रिया की नाभि पर
अपनी उंगली घुमाता है।

रिया एकदम उछल पड़ती है- "अहह... छोड़ो..."

राज- माफी दे दो मालकिन।

रिया अब ये सब रोकना चाहती भी। इसलिये कहा- "ठीक है माफ किया, छोड़ो मुझे.."

राज- सच में?

रिया- हाँ माफ किया।

रिया उतना बोली ही थी की उसे एक झटका लगता है पीछे से। राज ने रिया की कमर अच्छी तरह से पकड़
कर उसकी गाण्ड पर एक धक्का लगाया था। जिसमें रिया को अपनी गाण्ड पर राज के बड़े लण्ड का एक झटका लगा ।

रिया चिल्लाई- "छोड़ कमीने बटे छोड़..."

लेकिन राज ने उसे अभी तक छोड़ा नहीं था। तभी राज एक बार और झटका मारता है। इस बार रिया की कमर थोड़ा झक जाती है राज की तरफ। इस बार राज ने जरा जोर से धक्का लगाया था।

रिया- छोड़ो मुझे।

इस बार रिया की आवाज में कुछ अजीब था। गुस्सा नहीं था। सिमकारी जैसी लग रही थी। रिया दूसरे झटक से
संभल भी नहीं पाई भी की राज फिर से झटका मारता है। इस बार तो लगा की जैसे राज का लण्ड पैट फाड़कर रिया की गाण्ड में घुस जाएगा।

रिया- "अहह.." करती हैं।

राज पीछे से मुश्कुरा रहा था। उसके चेहरे पर एक हौतानी स्माइल भी। रिया अब विरोध करना छोड़ रही थी। उसको तीन ऐसे झटके लगे थे की उसमें जैसे जान ही नहीं बची भी। अब राज रिया को छोड़ देता है। रिया जैसे नीचे गिरने ही वाली थी की वो खुद को संभाल लेती हैं और एक बार राज को देखते हुए वहीं से भाग जाती है।

राज अपना बड़ा काला लण्ड पेंट के ऊपर से मसलते हुए- "क्या रंडी हैं। साली मुझे इराने आई भी। साली अब
तो मुझे तेरी चूत और गाण्ड दोनों चाहिए। मेरा लौड़ा अब इस घर की दोनों बहुओं की फरमाइश कर रहा है। मजा आएगा..." ऐसा बोलकर वो हैंसने लगता है, और अपने कपड़े जो पैक किए थे, उसे वापस रख देता है।

रिया इधर भागकर अपने रूम में चली आती है। दरवाजा बंद करके खड़ी हो जाती है- "कमीना बूढ़ा कहाँ का.."

रिया को यकीन नहीं हो रहा था जो अभी-अभी उसके साथ हुआ। कैसे एक बड़े ड्राइवर ने उसके साथ ये हरकत
की। वो अब वाशरूम चली जाती है। वहां वो फ्रेश होने लगती है। तभी उसे अहसास होता है की उसकी चूत गीली हो गई है। लेकिन क्यों? क्या राज की हरकत से?

रिया- "नहीं नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा नहीं हो सकता। उस बूढ़े की वजह से मैं क्यों झड़ेंगी? छो.... गंदा बला कहीं का... फिर वो फ्रेश होकर बेड पर लेट जाती हैं।

इस वक्त इस बड़े घर की दोनों खूबसूरत बहनें एक काले बुझ्टे के हाओं मसली गई थी। रिया तो राज को सबक सिखाने गई थी , लेकिन उल्टा राज ने ही उसकी गरम करके भेज दिया।

नेहा की आँख शाम में खुलती है। वो उठकर फ्रेश हो जाती है और नीचे चली आती है। नेहा देखती है की रिया पहले से ही टेबल पर बैठकर चाय पी रही है। नेहा नीचे देखते हुए वहां जाकर बैठ जाती है। रिया वहाँ से नेहा को आते हुए देखती है, और चुपचाप चाय पीने लगती हैं।

नेहा- रिया।

रिया- हौं दीदी।

नेहा- तुम वहीं गई थी क्या? क्या हुआ वहां?

रिया बता भी नहीं सकती थी की क्या हुआ वहीं। क्या बताती की राज ने उसके साथ क्या करके भेजा है? रिया बोली. "कुछ नहीं दीदी..."

नेहा को ये बात सुनकर ओड़ा अच्छा लगता है। कहती है- " तुम वहाँ मत जाना इसके बाद। रिया वो आदमी ठीक नहीं है..."

रिया को इस बात से अजीब लगता है। रिया मन में- "दीदी खुद वहां जाती है और मेरी फिकर कर रही है..."

रिया- "दीदी, फिर आप क्यों वहां जाती है?"

नेहा ये बात सुनकर चौंक जाती है। नेहा नीचे देखने लगती है। उसे नहीं पता चला रहा था की क्या जवाब दें। वहीं अब खामोशी छा जाती है। ओड़ी देर बाद दोनों वहाँ से अपने रूम में चली जाती हैं।
 
इधर राज बाहर मार्केट में आया था, कुछ खरीदने। इधर-उधर घूमकर वो वापस आ जाता है। रूम में अपनी पैंट निकालकर अपना लण्ड तेल से मालिश करता है।

राज- "साला आज तो नेहा की चूत मार ही ली थी। लेकिन साली वो रंडी बीच में आ गई। कोई बात नहीं। दोनों के लिए ही तो अपना लण्ड तैयार कर रहा हैं... तेल लगाने की वजह से राज का काला मोटा लण्ड चमक रहा था। उसकी काली सफेद झांटें तेल की वजह से भीग गई थी। एकदम गंदा लग रहा था उसका लण्ड।

रात में आफिस गये हए सब लोग वापस आ जाते हैं। विशाल और सौरभ अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। खाना खाने के बाद सब बाहर हाल में बैठकर बातें कर रहे थे। सब लोग अपने खयालों में थे। लेकिन नेहा और रिया किसी और ही खयालों में मशगल औं। दोनों को राज का खयाल आ रहा था, जो भी हुआ उनके साथ दोपहर में। नौकर क्वार्टर्स में जय भी आ गया था। उन दोनों के बीच कुछ बातें चल रही थी।

राज- अबे यू अचानक क्यों जा रहा है?

जय- क्या कर औरत बुला रही है।

राज- अब लगता है याद आ रही हैं उसे?

जय- लगता तो वहीं हैं। मैं एक हफ्ते में आ जाऊँगा।

राज- चल ठीक है भाभी से मिल आ।

जय- " फिर जय तैयार होकर चला जाता है।

अब रात के 10:00 बजे थे। सब अपने-अपने रूम में जा रहे थे। सौदी चढ़ने से पहले विशाल नेहा को रोकता है।

नेहा- क्या है?

विशाल- चलो कहीं घूमकर आते हैं।

नेहा- इस वक्त। लेकिन कहाँ?

विशाल- "तुम चली तो.." फिर वो दोनों चले जाते हैं, दरवाजे से निकलकर जाने लगते हैं।

नेहा- कार से जाना है ना?

विशाल- नहीं तो चलते हुए।

नेहा- चलते हए क्यों?

विशाल- ऐसे ही चलो ना।

नेहा- ठीक हैं बाबा।

दोनों जाने लगते हैं। वो दोनों बाहर रोड पर ठंडी-ठंडी हवा का मजा लेते हुए जा रहे थे, हाओं में हाथ डाले हुए। इस बात से अंजान के कोई उन दोनों का पीछा करते हुए आ रहा है। दोनों बातें करते हुए जा रहे थे। आगे जाकर एक तरफ आइसक्रीम की दुकान थी।

नेहा- जान वहीं जाते हैं ना।

विशाल- क्यों नहीं मोहतरमा।

फिर वो दोनों वहीं जाते हैं। इधर ये सहा दूर से खड़े होकर दोनों को देख रहा था। आइसक्रीम खाने के बाद विशाल और नेहा घर के लिए निकलते हैं। जाते वक़्त वो सखश रोड पर दूसरी साइड खड़ा हो जाता हैं। विशाल की नजर उस पर नहीं जाती। लेकिन नेहा जैसे ही उस सहा को देखती है बौखला जाती है। नेहा जल्दी से अपने विशाल का का कंधा पकड़ लेती है।

विशाल- क्या हुआ?

नेहा- कुछ नहीं आप चलिए।

दोनों चलने लगते हैं। वो सहशा उनके पीछे पीछे आ रहा था। नेहा कभी-कभी पीछे देख रही थी उस इंसान को। वो इंसान और कोई नहीं राज आ। जो तब से उन दोनों के पीछे आ रहा था, जब से यह दोनों घर से निकले थे। नेहा राज को देखकर घबरा गई भी क्योंकी विशाल साथ में था। राज पीछे-पीछे चल रहा था।

नेहा का डर लाजमी था। क्योंकी जिसने उसको नंगी करके अपना लण्ड उसकी चूत तक ले गया था, वही आदमी इस वक्त उसके पीछे आ। शोड़ी देर बाद नेहा और विशाल घर पहुँच जाते हैं। राज भी पीछे पीछे जाता है। दरवाजे से विशाल और नेहा जा रहे थे। नेहा जानती भी की राज उसके पीछे आ रहा होगा। वो बस विशाल के साथ-साथ चल रही थी। सीढ़ियां चढ़कर दोनों जा ही रहे थे की विशाल के मोबाइल पर किसी का काल आता है। विशाल काल अटेंड करता है।
 
कड़ी_12

विशाल- "नेहा तुम जाओ में आता हूँ..'

नेहा- "लेकिन विशाल्ल.."

विशाल- "अभी आ रहा है जाओ ना.."

नेहा को मजबरन जाना पड़ता है। विशाल मोबाइल पर बात करते हुए बाहर आता है।

इधर राज दरवाजे के पीछे छुपा हआ, अब सीढ़ियां चढ़कर जाने लगता है नेहा के रूम की तरफ। रूम के पास पहुँचकर राज अंदर झांकता है। वो देखता है की नेहा मिरर के सामने बैठी हुई थी। अपने बाल सवांर रही थी। एकदम मस्त लग रही थी नेहा उस वक्त। खूबसूरत चेहरा, उसके गुलाबी होंठ, आहह... क्या मस्त माल लग रही हैं नेहा। राज नेहा को देखे जा रहा था। यही औरत है जिसे उसने दोपहर में नंगी करके उसकी चूत पर लण्ड रखा आ। राज अब देरी ना करते हुए दरवाजा खोलकर अंदर चला जाता है। नेहा दरवाजे की ओर देखते ही
अचानक खड़ी हो जाती है।

नेहा- "तुम्म... यहाँ क्या कर रहे हो? प्लीज़्ज़.. यहाँ से जाओ मेरे पति अभी आते होंगे."
-
राज नेहा की तरफ बढ़त हुए. "क्या मेरी जान... दोपहर का काम तो रह ही गया, उसे पूरा करने आया हूँ."

नेहा की नजर काम का नाम सुनकर झक जाती है। उसे पता था की राज किस बारे में बात कर रहा है। नेहा कहती है- "नहीं नहीं बिल्कुल नहीं। तुम जाओ यहां से...

राज. "क्या हुआ तुझे मेरी बुलबुल दोपहर को तो सब कुछ करने दे रही भी.."

नेहा- देखो जो भी हुआ वो गलत था। आगे से वैसे कभी नहीं होगा।

राज मन में- "साली उस रंडी ने पूरा बिगाड़ दिया। इस माल को फिर से गरम करना पड़ेगा.."

राज- "क्या तू भी... मेरी जान्न क्यों इतना इरती है?" बोलकर वो आगे बढ़ने लगता है।

नेहा- देखो तुम दूर रहो।

तभी राज नेहा के पास पहुँच जाता है।

नेहा- प्लीज़... चले जाओ यहाँ से।

राज- "इतनी आसानी से नहीं मेरी जान... और राज नेहा के दोनों कंधों को पकड़ लेता हैं।

नेहा राज की छुवन से ही एक अजीब सा अहसास महसूस करती हैं। तभी राज नेहा को गले लगा लेता है। नेहा की बड़ी-बड़ी चचियां राज की छाती में धंस जाती हैं। नेहा की आँखें एक वक्त के लिए बंद हो जाती हैं। लेकिन राज को तो बहुत मजा आया था। इतनी मस्त औरत की चूचियां अपनी छाती पर महसूस करके। हालांकी वो नेहा को फटी जंगी देख चुका था। लेकिन इसकी बात ही अलग औ।

राज को अपनी छाती में नेहा के निपल भी चुभ रहे थे। जिसका मतलब आ की हा उत्तेजित महसूस कर रही हैं राज के आने से। लेकिन हर की वजह से खुलकर नहीं बता पा रही है। लेकिन राज था माहिर खिलाड़ी, वो नेहा को फी तरह बेशर्म बनाने की सोच चका था।

अब राज के काले हाथ नेहा की खुली गोरी पीठ पर घूम रहे थे। राज के हाओं का अहसास नेहा को उत्तेजित कर रहा था।

इन सब बातों से अंजान नेहा का पति घर के बाहर किसी के पास बात कर रहा था। बिना में जाने की उसकी बीवी को यहीं ये काला मुस्लिमहा चोदने की फिराक में है। वैसे कहा जा सकता है की इसमें नेहा की कोई गलती नहीं है। वो तो राज को गलत काम से रोक रही थी। जब राज सिगरेट पी रहा था तो नेहा ने सिर्फ उसकी भलाई के लिए उसे रोका था। भलाई दिखाने के चक्कर वहाँ गंदा इंसान उसे चोदने के चक्कर में हैं।
 
इधर राज नेहा की पीठ पर हाथ घुमाते हुए अब उसके ब्लाउज़ की छोरी जो एक ही थी, उसे खींच देता है। जिसकी वजह से नेहा का ब्लाउज़ पीछे से खुल जाता है।

नेहा को नहीं पता चलता। वो किसी और हो दनियां में भी, राज ने उसे ऐसे कंट्रोल किया हआ था। लेकिन नेहा को महसूस होता है की राज के हाथ उसकी पूरी पीठ पर घूम रहे हैं, तो उसे होश आता है की उसका ब्लाउज पीछे से पूरा खुल हुआ है। तभी वो झट से राज से अलग हो जाती हैं।

नेहा- ये क्या किया तुमने? क्यों मेरे साथ ये सब कर रहे हो? मेरे पति आते होंगे।

राज. तेरा पति तो आता होगा। लेकिन तेरा आयफ्रेंड तो अभी यहाँ है ना... मुझे कुछ करने नहीं देगी।

नेहाचुप रहो कमीने कहीं के।

राज- अब तेरा जैसी हसीना के लिए जानेमन कमीना तो बनना पड़ेगा ना।

नेहा अब अपना हाथ पीछे लेजाकर अपने ब्लाउज़ की डोरी लगाने लगती है। लेकिन वो हो नहीं रही थी उससे।

राज- क्या हो गया मेरी जान? मैं कुछ मदद करें।

नेहा- कोई जरूरत नहीं है।

लेकिन राज फिर भी नेहा के पास पहुँच जाता है, और उसके ब्लाउज़ की डोरी पकड़ लेता है।

नेहा- दूर हटो मुझसे।

राज- अरे बम जानेमन हो गया। बस डोरी लगा रहा हैं।

नेहा कुछ नहीं बोलती।

राज अब डोरी लगाने के बहाने नेहा की गोरी कमर और पीठ देखने लगता है। राज मन में- "अहह... ही साली क्या माल है? क्या फिगर हैं इसका? क्या मस्त कमर है इसकी? क्या कातिलाना अदाएं हैं?" अब वो ब्लाउज़ की डोरी लगाने के बजाए वहीं हाथ फेरने लगता है।

नेहा फिर से उसके खुरदरे हाथ अपनी गोरी कोमल पीठ पर पाकर उतावली होने लगती हैं- "ये तुम क्या कर रहे हो? डोरी नहीं बांधनी तो हटो मुझसे दूर...
तभी राज नेहा की कमर में दोनों तरफ से हाथ डालते हुए उसे अपनी तरफ खींचता है।

नेहा अचानक हुए इस हमले से एकदम राज के कप चिपक जाती है। उसकी नंगी पीठ राज की छाती से चिपक जाती है, और राज का खड़ा लण्ड एक बार के लिए नेहा को अपनी गाण्ड के छेद पर महसूस होता हैं।

नेहा- अहह... कमीने।

इस बार राज ने नेहा को एक अजीब अंदाज से पकड़ा था। नेहा की अदाएं और नेहा का जिश्म दोनों उसको पागल बना रही थी। पता नहीं वो कैसे खुद को रोके हुए था। वरना जिस आदमी को नेहा जैसी मस्त जवान औरत की चूत पर लण्ड रखकर चोदले ला मिले। ऐसा आदमी तो मेंटल हो हो जायगा। लेकिन राज नेहा को तड़पाने के चक्कर में था, और ऊपर से रिया ने उसे डिस्टर्ब किया था।

राज अब नेहा के गले को चूमने लगता है अपने गंदे होंठों से। उसके गंदे होंठ नेहा की गोरी गर्दन पर अक छोड़ रहे थे। नेहा राज को रोकना तो चाह रही थी, लेकिन राज की हरकतें उसे गरम कर रही थी। गले को चमते हुए अब राज नेहा का बल्लाउज़ जो पीछे से खुल्ला आ, उधर से हाथ अंदर डालता हैं और उसकी ब्रा के ऊपर से नेहा की चचियां मसलने लगता है।

नेहा- "अहह... अहह... छोड़ो मुझे."

ब्लाउज़ के अंदर राज के हाथ नेहा की मस्त बड़ी-बड़ी चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसल रहे थे। नेहा के निप्पल भी अब बिल्कल सख्त हो चके थे जिसे बीच-बीच में राज दबा रहा था। जब भी वो ऐसा करता उसकी आहह... निकल जाती। नेहा पर दोहरा वार हो रहा था। उसकी गाण्ड में राज अपना बड़ा काला लण्ड रगड़ रहा था। उसका लण्ड नेहा की गाण्ड के छेद पर रगड़ खा रहा था साड़ी के ऊपर से। जिसकी वजह से नेहा की आँखें बार बार बंद हो रही थी।
 
नेहा महसूस कर सकती थी की राज का लण्ड काफी बड़ा है। लेकिन उसे ये भी पता है की कभी भी राज उसके बड़े काले लण्ड से उसकी अटी हालत कर सकता है। जो भी आ इस घर की खूबसूरत बहुओं को इस राज के काले गंदे लण्ड का सामना करना था। उन्होंने पंगा जो लिया था राज से।

इधर राज अब चूचियां दबाकर, अपना हाथ अब उधर से हटाकर बाहर से नीचे ले जाने लगता है। उसके हाथ नेहा की नाभि तक पहुँच जाते हैं। राज की काली बड़ी हथेली नेहा की गोरी पतली कमर पर थी। ये बहुत हाट दृश्य बन रहा था। एक जवान औरत को एक काला बढ़ा इस तरह पकड़े हए खड़ा था। अब राज नेहा के पीछे से उसकी गाण्ड पर ही हलचल करने लगता है। अपने चूतड़ इधर-उधर हिला रहा था नेहा की गाण्ड के ऊपर।

नेहा को जैसे राज की पकड़ से छूट पाना मुश्किल लग रहा था। नेहा की साड़ी राज के बड़े लण्ड को नेहा की गाण्ड के छेद पर चुभने से नहीं बचा पा रही थी। राज को बहुत मजा आ रहा था मैं नेहा की गाण्ड की गर्मी बढ़ाने में। वो जानता था नेहा बहुत जल्दी गरम हो जाती है। उसे बस सही टाइम का इंतेजार करना था। अब राज ऊपर नेहा की चूचियां छोड़कर अपने हाथ नीचे ले आता है। और नेहा की चूत साड़ी के ऊपर से पकड़कर मसलता है एक बार।

नेहा- "आह्ह.. मम्मी.." करती है।

नेहा के लिए ये बहुत था। एक तो राज उसकी गाण्ड पर अपना बड़ा काला लण्ड मसल रहा था और अब आगे से उसकी चूत

नेहा में अब विरोध करने की भी ताकत नहीं बची थी। इसलिए वो दीली पड़ने लगती है, जिसका अहसास राज को भी होता है।

तभी राज नेहा को अपनी तरफ घुमाकर दीवार से सटा देता है। नेहा जो विरोध करके थक चुकी थी अपनी
आँखें ठीक तरह से खोल भी नहीं पा रही थी। तभी राज नेहा के मासूम खूबसूरत चेहरे को देखते हुए उसे किस करने की सोचता है। वो अपना बदसूरत चेहरा नेहा के चेहरे के पास बढ़ाता ही है की सौदियों से किसी के आने की आवाज आती है। जिसे सुनकर राज कहता है।

राज- "साला कौन सा हरामी अब आ गया, मुझे और मेरी गर्लफ्रेंड को डिस्टर्ब करने। इस घर के लोग साले हरामी ठीक तरह से मजा भी नहीं लेने देते... राज बोल तो ऐसा रहा था जैसे वो इस घर का जमाई हो।

इधर नेहा सीदियों से आवाज सुनकर राज को धकेलकर दूर जाकर बड़ी हो जाती हैं। राज अब छुपने की जगह टूट रहा था। नेहा भी डरी हुई भी की अगर राज को किसी ने उसके कमरे में देख लिया तो क्या सोचेगा? विशेष रूप से उसका पति। राज बेड़ के नीचे छुप जाता है।

दरवाजा खुलता हैं तो वहीं विशाल था। नेहा इरी हुई बेड के साइड खड़ी थी।

विशाल- अरे तुम सोई नहीं?

नेहा- वो बस आपका इंतजार कर रही थी।

विशाल- अरे वाह क्या बात है? क्या इरादा है मेहम आज आपका?

नेहा राज के रूम में होने के डर से ठीक तरह से बात नहीं कर पा रही थी- "ऐसा कुछ नहीं है.."

विशाल अब दरवाजा लाक कर देता है। जिसे देखकर नेहा और डर जाती हैं। विशाल अब नेहा के पास आकर उसको बेड पर बिठा देता है। नेहा मिक्स्ड एमोशन्स से विशाल को देख रही थी। अब विशाल नेहा के बाल कान से पीछे कर देता है, और फिर उसे बेड पर लिटा देता है। अब विशाल अपनी शर्ट उतार देता है। नेहा जानती भी की विशाल क्या करने वाला है। लेकिन चुदाई इस वक्त।
एक काला बढ़ा उन दोनों के कमरे आ। नेहा को अजीब सा डर लग रहा था।
 
शार्ट निकालने के बाद विशाल नेहा के ऊपर आ जाता है, और उसके गले को चूमने लगता है। इधर राज बेड के नीचे छुपा हुआ उम्मीद कर रहा था की विशाल को कुछ पता ना चले। राज थोड़ा भी आवाज नहीं कर रहा था। इधर विशाल गले को चूमकर अब नेहा की चूचियों की तरफ आता है जिसे अभी ओड़ी देर पहले राज मसल रहा था।

विशाल नेहा की चचियों पर अपना मह रखता है ब्लाउज़ के ऊपर से, और ऊपर से ही खेलने लगता है। थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद अब विशाल नेहा की साड़ी उतारने लगता है। नेहा विशाल को जा भी नहीं बोल सकती औ। आखीरकार, पति जो टहरा। सारी ऊपर से निकलते ही नेहा अब सिर्फ दलाउज़ और पेटीकोट में थी।

नेहा के बेड पर लेटे होने की वजह से उसकी चूचियां ब्लाउज़ के ऊपर से उभर कर दिख रही थी, और उसकी नंगी पतली कमर बम कहर ढा रही थी। अब विशाल अपनी पैंट और अंगवेर भी निकालकर नंगा हो जाता है। नेहा ज्यादा ध्यान नहीं दे रही भी उधर। उसे तो इस बात का टेन्शन था की इस कमरे उन दोनों के अलावा एक काला बूदा ड्राइवर भी है।

विशाल अब पूरा नंगा नेहा के ऊपर चढ़ जाता है, और उसके गले को चूमने लगता है। थोड़ी देर बाद विशाल
भोड़ा नीचे जाकर नेहा का पेटीकोट उठाता है। जिसकी वजह से नेहा की ब्लैक पैटी नजर आने लगती हैं। विशाल देरी ना करते हुए पैटी भी निकाल देता है। विशाल को इस बात की हैरानी होती है की नेहा की चूत गीली कैसे? वो समझता है शायद उसी की बजह से। लेकिन वजह कुछ और ही भी। वजह भी राज, राज की वो हरकतें। नेहा की चूत गीली होने से नहीं रोक पाई थी। अब विशाल एक उंगली नेहा की चूत पर रखता है। उसे अहसास होता है के नेहा की चूत भट्टी की तरह गरम है।

नेहा- "अहह... करि... विशाल्ल..."

नेहा के मुँह से राज शब्द निकल ही रहा था की नेहा ने संभाल लिया। नेहा की गरम चूत देखकर राज भी अब जोश में आ चुका था। वो अब जल्दी से खुद को सेट करता हैं नेहा की टांगों के बीच और फिर अपना छोटा लण्ड नेहा की चूत पर सेट करता है।

हा- "आइ, विशाल्ल..."

तभी विशाल एक धक्का लगाता है। विशाल का लण्ड छोटा था फिर भी नेहा को तकलीफ होती ही ओड़ी। लेकिन चूत गीली होने की वजह से उसका लण्ड अंदर चला जाता है। ज्यादा अंदर नहीं बस थोड़ा सा। अब विशाल धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "आहह... आह आह .. उम्म्म्म ... आह्ह.."

विशाल उसके ऊपर झक कर धक्के लगा रहा था। नेहा इन सब में भी इधर-उधर देख रही थी की कहाँ राज विशाल को दिख ना जाए।

इतनी देर तक राज को बेड के नीचे से ये तो पता चल गया था की विशाल और नेहा चुदाई कर रहे हैं। राज मन में- "साला ये हरामी मुझं डिस्टर्ब करके मेरी गर्लफ्रेंड को चोद रहा है। इसकी तो मैं........

इधर ओड़ी देर तक चुदाई करने के बाद विशाल शांत हो जाता है। वो साइड में ही लेट जाता है। नेहा भी वहीं लेटी हुई थी। वो भी अकी हुई थी। उसे खयाल नहीं था की राज अभी भी वहीं पर है। वो ऐसे ही थोड़ी देर लेटी रहती है। लेकिन अचानक उसे याद आता है की राज रूम में है बेड के नीचे। वो बेड से उतारकर नीचे देखने के लिए झकती है, तो राज वहाँ पर लेटा हुआ था।

नेहा देखती है की उसका काला मोटा लण्ड उसकी पैंट से बाहर था। एकदम गंदा लग रहा था। लण्ड देखते ही जैसे ही नेहा वापस खड़ी होने लगती है।

राज का एक हाथ उसके हाथ को पकड़ लेता है। राज नेहा को एक बार के लिए खींचता है। नेहा वहीं पर गिर जाती है। राज जल्दी से नेहा को भी बेड के नीचे खींच लेता है। अब नेहा नीचे और राज उसके ऊपर आ गया आ। नेहा इनरी हुई थी। बेड के नीचे अंधेरा आ तो राज का बदसूरत चेहरा और बदसूरत लग रहा था। नेहा राज को देखे जा रही थी। उसको राज की आँखों में हवस नजर आ रही थी।

नेहा धीरे से- "छोड़ो मुझे..."

राज- ऐसे कैसे मेरी जान? तेरा पति का तो हो गया अब मेरी बारी।

यह बात सुनकर नेहा शर्मा जाती है। नेहा को अहसास होता है की अगर उसकी आवाज विशाल ने सुन ली तो वो जाग जाएगा।

नेहा- प्लीज़्ज़... तुम यहाँ से चले जाओ, और मुझे छोड़ो।

राज- "तू ऐसे नहीं मानेंगी?' राज अब जोर से- "मैं मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई करने यहाँ आया हूँ... और यह
बात राज ने बहुत जोर से बोली थी।

नेहा डर जाती है, और वो झट से राज के मैंह पर अपना एक हाथ रख देती है- "प्लीज़... ऐसा मत करो..."

राज के बदसूरत चेहरे पर नेहा का गोरा कोमल हाथ था। तभी राज नेहा के हाथ को अपने गंदे होंठों से चमता है। जिस पर नेहा झट से अपना हाथ हटा लेती है। राज अब थोड़ा नीचे होकर नेहा के और करीब आ जाता है। अब दोनों के बीच कुछ दो इंच का फासला होगा। दोनों के चेहरे आमने सामने। दोनों की साँसें आपस में टकरा रही थी। दोनों एक दूसरे को देख रहे थे। जैसे दोनों सदियों से एक दूसरे का इंतजार कर रहे हों। नेहा का मासूम खूबसूरत चेहरा राज के बदसूरत चेहरे के बिल्कुल नीचे था।

नीचे राज का लण्ड किसी रोड की तरह खड़ा था अभी, जो नेहा को नीचे से चभ रहा था। नेहा ने बेड से उत्तर हुए अपने कपड़े तो ठीक किए थे। लेकिन साड़ी पहना भूल गई थी। अब वो इस वक्त ब्लाउज और पेटीकोट में भी। नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी तेज धड़कनों के साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे। उसकी नाजक कमर तो बस दृश्य को ज्वाला की तरह गरम बना रही थी। नेहा का मासूम चेहरा तो बस कयामत टा रहा था। इतने बड़े घर
को बह इस वक्त उसी के रूम में उसी के बेड़ के नीचे एक बूढ़े काले ड्राइवर के नीचे भी।

नेहा राज को साइड में धकेलती हुई- "प्लीज़्ज़... हटो मेरे ऊपर से.."

लेकिन राज नहीं हटता। बकी वो अब और नेहा के करीब होता है। अब दोनों के होंठ कभी-कभी छू रहे थे। क्योंकी राज उतना करीब आ गया था नेहा के। अब तो नेहा की चूचियों मा राज की छाती का दबाव पड़ रहा था। नेहा की चूचियां दबी हुए औं राज की छाती से। नेहा जितना भी राज को मना कर ले, उसे पता था की ये श्रद्धा बहुत जिद्दी है। उसकी बात कभी नहीं मानेगा। ऐसे ही उसकी गर्लफ्रेंड बोलता फिरता है।
 
नीचे भी राज का लण्ड अब पेटीकोट के ऊपर से नेहा को अपनी चत पर चुभने लगा। नेहा पहले ही थकी हुई थी। उसकी आँखें अब राज की हरकतों से बंद होने लगती हैं। लेकिन तभी राज उसे ऊपर से एक झटका देता है। जिसकी वजह से उसका लण्ड कपड़े के ऊपर से ही ओड़ा सा नेहा की चूत में चला जाता है।

नेहा- "अहह.." करकर चिल्लाकर अपने मुँह पर हाथ रखती है। नेहा राज की तरफ देखती है। उसकी आँखों में रिक्वेस्ट भी की ऐसा ना करो।

लेकिन आज राज किसी मकसद से यहाँ आया था। अब राज नेहा के चेहरे से नजर हटाते हुए उसकी चूचियों पर आ जाता है। जो बहुत देर से ऊपर-नीचे हो रही थी। अब राज नेहा की चूचियों का ब्लाउज़ के ऊपर से मुंह रख देता है। राज का मुँह लगते ही नेहा की आँखें बंद हो जाती हैं।

नेहा- "ह्ह... उम्म...

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

राज दोनों चूचियों को पकड़े हुए अपना मुँह लगा रहा था। दोनों चूचियों को एक साथ साइड से दबाते हुए अपने मुँह में डाल रहा था। नेहा का ब्लाउज़ राज की शूक से गीला हो रहा था। नेहा ने आँखें बंद कर ली थी। उसे पता था अब विरोध करने का कोई फायदा नहीं है। राज मस्त होकर नेहा की चूचियां दबा और चूस रहा था ब्लाउज़ के ऊपर से।

थोड़ी देर बाद वो चूचियां छोड़ देता है और नीचे चला जाता है। अब वो पेटीकोट कम करने लगता है। नेहा को उसका अहसास होता है और वो आँखें खोलकर राज को रोकने लगती है। लेकिन राज नेहा के दोनों हाथ पकड़ लेता है, और एक हाथ से उसका नेटीकोट ऊपर कर देता है। नेहा ने पेंटी नहीं पहनी थी। नेहा की गुलाबी चूत अब राज के सामने थी। जिसे देखकर वो नेहा की तरफ शैतानी स्माइल करता है। वो नेहा की चूत देख रहा था जो अब पानी छोड़ रही थी। राज जानता था की नेहा की चूत पानी उसी की वजह से छोड़ रही है। अब राज उसकी चूत के नजदीक जाकर अपनी जुबान बाहर निकालकर वहाँ रख देता है।

नेहा- "अहह.." करके सिसकती है। नेहा की चूत पर जैसे एक 440 वोल्ट का झटका लगा हो।

राज नेहा की चूत अब चाटने लगता है। उसकी गुलाबी मस्त चूत को राज चाट रहा था। राज ने नेहा का हाथ पकड़ रखे थे तो वो कुछ नहीं कर पा रही थी। उसकी आँखें बंद खुल रही थी। कपर विशाल बड़े आराम से सो रहा था बिना ये जाने के उसकी बीवी को वहीं बेड के नीचे एक काला बूटा क्या कर रहा है।

इधर राज नेहा की चत ओड़ी देर बाद छोड़ देता है। नेहा अब आँखें खोलकर राज को देखने लगती है। राज अब अपना लण्ड अपने हाथ से मसल रहा था। अब वो भोड़ा ऊपर आता है। अब दोनों के चेहरे फिर से आमने सामने थे। इस बार नेहा राज को एक अजीब नजर से देख रही थी। राज अब नीचे से उसकी चूत पर अपना काला लण्ड लगा देता है। नेहा की गरम चूत को छूते ही राज को अपने लण्ड पर एक अलग ही अहसास होता हैं। अब राज नेहा के चेहरे पर देखते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगता है।

नेहा- "अहह.." करती है।

राज का काला मोटा गंदा लण्ड जिसपर फूी जिल्द थी, वो नेहा को गुलाबी चूत को चूम रहा था। इस समय नेहा राज को रोकने की हालत में बिलकुल नहीं थी। वो बस अपनी चूत पर राज का काला बड़ा लण्ड घिसता हुआ महसूस कर रही औ। अब कम दबाव डालने लगता है। लेकिन लण्ड अंदर नहीं डालता, वैसे ही दबाब डालकर वापस कर लेता है लण्ड।

नेहा पर तो जैसे जुल्म हो रहा था। राज को पता था की जरर नेहा तड़प रही होगी लण्ड अंदर लेने के लिए। लेकिन राज नेहा को बिल्कुल बेशर्म बनाना चाहता था। राज ऐसे ही अपना लण्ड नेहा की चूत पर काफी देर तक घिसता रहता है। थोड़ी देर बाद वो अपना काला मोटा लण्ड ठीक नेहा की चत के ऊपर रखता है। चूत से लगाकर नहीं बस उसके थोड़ा ऊपर। नेहा की आँखें नशीली हो गई थी। वो अपनी आँखें खोलकर राज को देखने लगती है। इस बार उसकी आँखों में प्यास भी। राज के लण्ड की प्यास। राज नेहा की आँखों में देखते हए अब एक बार लण्ड चूत पर छूता है और फिर पीछे ले लेता है।

"नेहा- अहह.." करती ।

नेहा के चेहरे पर कुदन साफ दिख रही थी राज को। वहीं हो रहा था जो वो चाहता था। नेहा उसका लण्ड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी। अब राज फिर से नेहा की चूत पर लण्ड छूता है। इस बार जैसे ही अपनी गुलाबी चूत पर राज का काला मोटा लण्ड टच होता है, नेहा कंट्रोल नहीं कर पाती और वो खुद अपनी गाण्ड राज के लण्ड पर उछालती हैं। नेहा के ऐसा करने से राज का लण्ड ओड़ा सा नेहा की चूत में चला जाता है।

लेकिन अगले ही पल राज फिर से अपना लण्ड पीछे ले लेता है। नेहा फिर से निराश हो जाती है। उसे समझ नहीं आ रहा था के राज ऐसा क्यों उसे तड़पा रहा है। नेहा राज के बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल देख रही थी। ओड़ी देर बाद अब राज फिर से नेहा की तरफ देखते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर टिका देता है। उसका लण्ड टिका ही था की नेहा ने नीचे से एक जोर का झटका लगाया। जैसे ही नेहा ने नीचे से अपनी गाण्ड ऊपर उछाली राज का काला लण्ड उसकी चूत में एक चौथाई तक चला गया।

नेहा- "ओहहहह... लण्ड जितना भी गया था। लेकिन इस बार नेहा को भीड़ा सकन मिला था।

नेहा की इस हरकट से राज हैरान था। अब राज लण्ड ोड़ा बाहर खींचकर फिर एक झटका मारता है। इस बार आधा लण्ड नेहा की चुत में चला जाता है। नेहा अपने मुंह पर हाथ रखकर अपनी चीख को रोकने की कोशिश करती हैं। राज का काला मोटा लण्ड जो उसकी गुलाबी मासूम चूत में गया था।

नेहा धीरे आवाज में- "मुआह .. बाहर निकालो इसे आह्ह... दर्द हो रहा है."

राज नेहा के कान के करीब जाकर बोला- "भोड़ी देर रुक जा फिर मजा आने लगेगा। लगता है तेरे पति ने तेरी चूत ठीक तरह से नहीं मारी, इसलिए दर्द हो रहा है। तू फिकर मत कर... मैं हूँ ना। तेरी चूत की में क्या हालत करता हूँ देखती जा." ऐसा बोलकर वो फिर लण्ड बाहर निकलकर एक और झटका मारता है। ऐसे ही दो-तीन धक्के मारकर बो ोड़ा सकता है। दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे।

दोनों की आँखों में एक तड़प थी, एक नशा था। नेहा की गुलाबी चूत में राज का काला झांटों से घिरा हुआ लण्ड। अहह... क्या दृश्य है? अब राज एक और धक्का मारता है। जिसकी वजह से उसका लण्ड और अंदर चला जाता है नेहा की चूत में।

नेहा- अहह... उम्म्म.." और नेहा अपना मुँह बंद कर लेती है अपने हाथ से।

राज नेहा को स्माइल दे रहा था। लेकिन नेहा दर्द में लग रही थी। करीब % राज का काला लण्ड नेहा की चूत में था अब। ये नेहा के लिए बहुत था। एक काले बूटे ड्राइवर का काला गंदा लण्ड उसकी मासूम गुलाबी चूत में घुसा पड़ा था। ओड़ी देर तक के राज एक बार लण्ड बाहर निकलकर फिर जोर से धक्का लगाता है। नेहा की तो जैसी जान ही निकल गई थी। वो चिल्लाना तो बहुत चाहती थी, लेकिन उसने आपको मुँह से पकड़कर रोक लिया। नेहा को अहसास नहीं था की राज का पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका है।

राज नेहा को देख रहा था। नेहा की आँखों से आँसू निकल रहे थे। नेहा ठहरी एक अमीर घर की बहू। उसके पति का लण्ड छोटा । फिर भी उसे दर्द होता था सेक्स के टाइम पर। लेकिन आज जो नेहा की हालत है। एक गंदा काला बट्टा जो आवारा आदमी है। उसका काला झांटों से भरा हुआ लण्ड नेहा की चूत में है। दर्द होना तो लाजमी था। राज थोड़ी देर सकता है, वैसे ही लण्ड नेहा की चूत रखे रहा

थोड़ी देर बाद नेहा थोड़ा शांत हो जाती है। तभी राज एक बार लण्ड बाहर निकालकर फिर से धक्का लगाता है लेकिन इस बार थोड़ा धीरे।

नेहा- "अहह.."

राज अबलण्ड बाहर निकालता है। ऐसे ही धीरे-धीरे वो नेहा को चोदने लगता है। बेड के नीचे राज नेहा की चुदाई कर रहा था और विशाल ऊपर मस्त होकर सो रहा था। नीचे अब राज लगातार नेहा को चोदने लगता है। उसका काला लण्ड नेहा की चूत में मस्त होकर अंदर-बाहर हो रहा था। लेकिन नेहा को अभी भी दर्द हो रहा था। नेहा के चेहरे पर वो दर्द साफ नजर आता था।

राज अब थोड़ा झक कर नेहा के ब्लाउज़ पर हाथ रखकर चूचियां दबाने लगता है। राज चूचियां दबाने के साथ-साथ नेहा के निपल भी दबा रहा था। नेहा के लिए ये सब नया आ। उसका पति कभी ऐसा वाइल्ड सेक्स नहीं करता था, और उसने कभी सोचा भी नहीं था की उसकी जिंदगी में कभी राज जैसा जानवर भी आएगा। जो उसके जिश्म को सिर्फ और सिर्फ अपना बनाना चाहता है। नेहा दर्द से कराह रही थी, और राज चचियां दबाने और चोदने में बिजी था।

राज थोड़ी देर बाद चदाई बंद करता है। जिसपर नेहा को ओड़ी राहत मिलती है। वो राज की तरफ देखने लगती है। उसे पता था ये जानवर इतने जल्दी सकने वालों में से नहीं हैं, जिश्म का प्यासा एक गंदा बट्टा। इतनी खूबसूरत औरत को सिर्फ 5 मिनट चोदकर चुप नहीं बैठने वाला। तभी नेहा की गुलाबी चूत में से राज अपना काला झांटों से घिरा हुआ लण्ड बाहर निकालता है। लण्ड बाहर निकलते ही नेहा को ऐसा लगता है जैसे कोई चीज उसके जिम से अलग कर दी गई हो। कोई बड़ी चीज, इतनी देर से जो घुसी हुई थी उसके अंदर। इतना बड़ा लण्ड वो कभी लेगी उसने जिंदगी में क्या सपने में भी नहीं सांच होगा।

राज अब बेड़ के नीचे सरकते हए बाहर निकलने लगता है। थोड़ा सा बाहर निकलकर वां नेहा को भी बाहर खींचता है। दोनों अब बाहर आ जाते हैं। राज खड़ा होकर नेहा को भी खड़ी करता है। दोनों आमने सामने नेहा का ब्लाउज़ अस्त व्यस्त आ। एक चूचा तो जैसे बाहर ही आया हुआ था ब्लाउज़ से। नेहा के बाल भी शिखरे हए थे। उसका हाल देखकर कोई भी बता सकता था की वो अभी-अभी चुदी है। राज तो बस एकदम गंदा बटा जैसा वो हैं वैसा लग रहा था, बदसूरत सा चेहरा। नेहा तभी जल्दी से अपनी पेंटी पहन लेती हैं।

राज- मेरी जान उसकी जररत अभी नहीं पड़ेगी। देख तेरा पति कैसे सो रहा है घोड़े बेच कर।

नेहा विशाल की तरफ देखने लगती है। विशाल आराम से सो रहा था बिना किसी फिकर के। नेहा विशाल की तरफ देख ही रही भी की राज उसे गोद में उठा लेता है। नेहा अचानक हुए इस हमले से ओड़ा डर जाती है।
-
नेहा- नीचे उतारो मुझे, क्या कर रहे हो?

राज- चुप रह मेरी जान । बस देखती जा मैं क्या करता हूँ।

नेहा बस सोचने लगती है के ये बदा अब् आगे क्या करने वाला हैं उसके साथ? हा वैसे ही राज को देखती रहती हैं। तभी राज दरवाजे की तरफ जाने लगता है।

नेहा- "कहां ले जा रहे हो मुझे? नीचे उतारो मुझे.."

नेहा पीछे अपने पति को देखने लगती है। उसे डर था की अगर उसका पति जाग गया और उसको इस गंदे डाइका की बाहों में देख लिया तो अच्छा नहीं होगा। लेकिन तभी राज दरवाजा खोल देता है और नेहा को बाहर ले आता है, और दरवाजा लाक कर देता हैं बाहर से। नेहा अब और भी डर जाती है की आखीर कार, ये
आदमी उसे कहीं ले जा रहा है? उसे ये भी डर आ की अगर घर के किसी और मेंबर ने उसे इस हालत में देखा तो पता नहीं क्या होगा?

नेहा- प्लीज़... मुझे नीचे उतारो।

लेकिन राज कहीं उसकी सुनने वाला था। वो अब उसको लेकर सीदियां उतरने लगता है धीरे-धीरे। एक काला जूदा गंदा हाइवर इस घर की खूबसूरत बह को उठाकर ले जा रहा था कहीं पर। सिर्फ एक मकसद से, और वो था चुदाई। सीढ़ियों से उतरते हुए नेहा का हर और बढ़ रहा था। कहीं किसी घर वाले उन दोनों को इस तरह देख ना लें।
 
Back
Top