Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 8 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

रानी;फिर से देवा का हाथ अपने ब्रैस्ट पे रख के उसे दबाती है जिससे देवा के हाथ में फँसे हुए परी के ब्रैस्ट भी दबने लगते है।

देवा;के लंड में हलचल से होने लगती है मरद खुद को कितना भी कण्ट्रोल रखने के कोशिश कर ले। पर जब सामने वाली खुले आम चूत परोस रही हो तो कौन नहीं बहकना चाहेगा।

रानी;अपना गाल देवा के गाल पे रगडते हुए धीरे धीरे अपनी ब्रैस्ट मसलवाने लगती है।

देवा;मालकिन मालिक मुझे जान से मार देंगे अगर उन्हें पता चला की......

रानी;आहह कुछ नहीं होंगा तुम्हें। जब तक मै हूँ बस तुम आहः

देवा;नहीं नहीं मालकिन ये गलत है और देवा रानी को अपने गोद में से उठाके साइड में बैठा देता है।

रानी को यक़ीन नहीं होता की मछली चारा मुंह में लेने के बाद उगल गई
वो चुप चाप बैठ जाते है और देवा कार हवेली की तरफ दौड़ा देता है।

रास्ते में रानी ज़ोर से चीखती है ।

देवा;घबरा के कार रोक देता है।क्या हुआ मालकिन

रानी; आहह मुझे कोई चीज़ काट रही है आहह माँ लगता है बिच्छु है।

देवा;कहाँ मॉल्किन

रानी;इशारे से अपनी जांघ के पास इशारा करती है।

देवा; हम हवेली चलते है आप को वहां देख लेंगे।

रानी;कैसे इंसान हो तुम मै यहाँ दर्द से मर रही हूँ और तुम मुझे देख भी नहीं रहे मुझे बहुत दर्द हो रहा है आहः

देवा;अपना हाथ रानी के जांघ पे रख के देखने लगता है यहाँ दर्द हो रहा है क्या।

रानी;आहह नहीं ऊपर आहह जल्दी कुछ करो न। माँ.....

देवा;क्या करू क्या करुं

रानी;अरे मेरी शलवार उतार के देखो कही ज़हर न चढ़ जाये मुझे आहः

देवा;नहीं कुछ नहीं होंगा मालकिन आप को। देवा काँपते हाथों से रानी की शलवार का नाड़ा खोल देता है।
 
रानी;झट से अपनी शलवार नीचे उतार देती है और दोनों पैर खोल देती है आहह देखो ।

देवा;झुक के जांघ के आस पास देखने लगता है यहाँ तो कुछ भी नहीं है मालकिन।

रानी;के पतली ट्रांसपेरेंट पेंटी उसकी चूत से एकदम चिपकी हुई थी जिससे चूत के दोनों लिप्स देवा को साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे।

देवा;एक नज़र उस पे डाल के बिच्छु देखने लगता है
बिच्छु था नहीं तो दिखता कैसे।

जब कुछ नहीं दिखता तो देवा रानी के चेहरे को देखने लगता है।

देवा;कुछ भी नहीं है।

रानी;सब कुछ तो है तुम देखो तो सब दिखेंगा
और ये कहते हुए परी अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल के अपनी चूत को सहलाने लगती है आहह लगता है वो अंदर चला गया देवा आहः



देवा;समझ जाता है की रानी झूठ बोल रही थी वो बिना कुछ कहे कार हवेली की तरफ बढा देता है।

हवेली पहुँच के देवा जल्दी से कार से उतरता है और बिना रानी को कुछ कहे अपने घर की तरफ चला जाता है।

रानी;उसे आवाज़ देती रह जाते है पर देवा कुछ नहीं सुनता।

देवा रानी को ले के परेशान तो बहुत था पर उसके लंड का बुरा हाल था।
ज़रा ज़रा सी बात पे खड़ा हो जाने वाला देवा का लंड आज कितना ज़ुल्म सहके भी चुप था उसने उफ़ तक नहीं किया था। पर जब वो देवा के पेंट में चिल्ला रहा था वो ज़ोर ज़ोर से देवा से कह रहा था मुझे नरम बिस्तर चाहिए जल्द से जल्द।

देवा;जानता था अगर ये जग गया तो उसे सुलाना बहुत मुश्किल हो जायेगा।वो अपने लंड को पेंट में एडजस्ट करता हुआ घर की तरफ जाने लगता है की तभी उसे पदमा का ख्याल आता है और वो पदमा के घर के सामने रुक जाता है।
 
पदमा घर के आँगन में भैंस को चारा खिला रही थी वो सामने देवा को खड़ा देख एक पल के लिए ठिठक जाती है पर अगले हे पल ग़ुस्सा दिखाते हुए घर के अंदर चली जाती है।

देवा;पदमाँ के घर के अंदर चला जाता है।

उसी वक़्त शालु की बेटी रश्मि अपने सहेली के घर से आ रही थी वो देवा को पदमा के घर में जाता देख हैरत में पड़ जाती है।

रश्मी;सोचने लगती है की ये देवा पदमा काकी के घर करने क्या गया है चलो चल के देखती हूँ और वो दबे पांव पदमा के घर के पीछे बनी खिडकी के पास चुप जाती है।यहाँ से उसे पदमा और देवा दोनों साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे।

देवा;घर के अंदर जाके दरवाज़ा बंद कर देता है।

पदमा;दरवाज़ा खोल और चला जा यहाँ से । मैं कही थी न तुझसे यहाँ मात आना। क्यों आया है।

देवा;काकी गलती हो गई थी मुझसे । माफ़ी दे दो काकी आइंदा ऐसी गलती नहीं होंगी।

पदमा: मैं कुछ सुनना नहीं चाहती। निकल मेरे घर से वरना मै गांव वालो को बुलाऊँगी।

देवा;को एक तो पेंट में लंड परेशान कर रहा था। ऊपर से पदमा अलग भाव दिखा रही थी। उसके सबर का प्याला टूट जाता है और वो एक ज़ोरदार थप्पड पदमा के मुंह पे जड़ देता है।

पदमा;दूर जाके गिरती है उसे दिन में तारे नज़र आ जाते है।

देवा;कब से देख रहा हूँ तुझे मै। साली बड़ा भाव खा रही है चल उठ वो उसके बाल पकड़ के उसे खड़ा कर देता है।

पदमा के आँखों में आंसू आ जाते है। निकल जा यहाँ से अभी के अभी।

देवा;चला जाऊँगा पहले कुछ खा पी तो लेने दे।
देवा पदमा के दोनों ब्रैस्ट को अपने हाथो में ले के कस कस के मसलने लगता है और पीछे से उसकी गाँड में अपना लंड चुभाने लगता है।

पदमा;आहह छोड दे हरामी आहह नहीं करने दूंगी तुझे मै कुछ भी आहः

देवा;तू सिर्फ बोल रही है पदमा। मै जानता हूँ तेरी चूत क्या चाहती है ।

पदमा;कुछ नहीं चाहती हूँ मै नहीं करने दूंगी मतलब नहीं करने दूंगी आहह्ह्ह।
 
देवा;पदमा को दिवार से खड़ा कर देता है और उसे पीछे से दबा के खड़ा हो जाता है।फिर वो अपनी पेंट को खोल के नीचे गिरा देता है और साथ में अंडरवियर भी।

पदमा अभी भी नहीं नहीं कर रही थी।

देवा;दोनों हाथों से पदमा के ब्रैस्ट मसलते हुए उसका ब्लाउज एक झटके में फाड़ देता है वो अंदर ब्रा नहीं पहनती थी। दोनों ब्रैस्ट अब सीधे देवा के मज़बूत हाथो में आ जाते है ।

पदमा;के नहीं अब बंद हो चुकी थी वो बस उन्हह आहह करने लगती है।

देवा;उसकी साडी भी खोल देता है और दोनों बिलकुल नंगे हो जाते है।

पदमा;के कमर पीछे की तरफ थी देवा उसमें अपना लंड रगडने लगता है।

पदमा;आहह क्या कर रहा है छोड़ आहः

देवा;बोल अच्छे से देगी या ज़बर्दस्ती करुं।

पदमा;नहीं दूंगी आहह कुछ भी नहीं दूंगी मैं।

देवा;पदमा के बाल पकड़ के अपने लंड पे झुका देता है
खोल मुंह और चूस इसे साली।

पदमा;झट से अपना मुंह खोल के लंड को मुंह में गटक जाती है गलप्प गलप्प।



हलक के अंदर चले जाने की वजह से उसकी साँस घुटने लगती है। देवा अपने लंड को जैसे ही बाहर निकालता है । पदमा झट से उसे फिर से अपने मुँह के अंदर खिंच लेती है। उसे इस सब में बहुत मजा आ रहा था।



पदमा;गलप्प आहह ज़ालिम आग लगा के चला गया था न तो अब नहीं जाने दूंगी । आहह चल चोद ले जितना चोदना चाहता है आहह ।

देवा;पदमा को लिटा के उसके दोनों पैर एक हाथ में पकड़ लेता है और चूत पे लंड रगडता हुआ सट से अंदर पेल देता है।

पदमा;आहह मर गई रे आह.......
 
पदमा;आहह चूत में डालना था तूने तो गाण्ड में ठोक दिया आहह माँ बहुत दर्द हो रहा है देवा। आहह निकाल ले बेटा आहह चूत में दे ना मुझे आह।

देवा;चुप कर छिनाल आहह थोडी देर तो मारने दे आह।

पदमा;आहह बाद मे मार ले । पहले चूत में डाल ना रे।

देवा;गांड में से लंड निकाल के चूत के मुंह पे रख देता है और पदमा उसका मुंह थोड़ा सा चूत के अंदर डाल देती है।
देवा का धक्का सीधा पदमा के चूत को चीर देता है और दोनों का मिलन हो जाता है आअह्हह्हह्हह।

देवा;ऐसे चाहिए न तुझे पदमा। है न।



पदमा; हाँ ऐसे ही आह।

वो कमर उछाल उछाल के लंड लेने लगती है और देवा गपा गप लंड को पदमा के चूत में घुसा के पेलने लगता है ।

दोनो अपने चुदाई में मस्त थे और बाहर खड़ी रश्मि का बुरा हाल था।



वो शलवार नीचे करके अपनी चूत को सहलाने लगती है।

कुछ देर बाद तीनो का पानी एक साथ निकलने लगता है देवा का पानी पदमा के चूत में और रश्मि का पानी पेंटी पे।
 
अपडेट 13




तीनो का पानी एक साथ निकलने लगता है।

पदमा की चूत देवा के पानी से पूरी तरह भर चुकी थी। चूत के किनारे तक आ चुका पानी पदमा के करवट लेने से बाहर बहने लगता है और गाण्ड को गीला करते हुए ज़मीन पे गिरने लगता है।

देवा की छाती ऊपर नीचे हो रही थी जिस पे पदमा अपना सर रख देती है।

पदमा;देवा बहुत ज़ालिम है तू । मै तुझे बोलती रही धीरे कर पर तू अपनी कर के ही रहता है।

देवा;पदमा एक बार तेरी चूत में जाने के बाद दिल धीरे धीरे करने को नहीं कहता रानी।

पदमा;अच्छा ये बात है ।
वो अपने होंठ देवा के होठो से मिला देती है।

देवा के हाथ पदमा की पीठ और कमर पे नाचने लगते है और पदमा अपनी चूत के घुंघराले बालो में देवा के लंड को फँसा लेती है।

कुछ ही पलों में देवा का लंड पहले सलामी देता है और इस ईशारे को समझते हुए पदमा देवा की छाती को चुमती हुई नीचे उतरती चली जाती है। उसके होंठ देवा के लंड के पास थे और ज़ुबान देवा के सुपाडे को चाटने को बेताब थे।

देवा;आहह मुंह में ले।

पदमा अपना मुंह खोल लेती है और देवा का लंड पदमा के हलक में जाके अटक जाता है । वो आज बडी चुदासी महसूस कर रही थी । इसीलिए चूत को सहलाते हुए लंड को बड़े प्यार से चुसने लगती है।गलप्प गल्प।



देवा;के लंड का सुपाडा जैसे जैसे पदमा के जुबान को छूता है वैसे वैसे उसमें जान आने लगती है और पूरी तरह टाइट हो जाता है।

पदमा;जितनी ज़ोर से चूत को रगड रही थी उतनी ही ज़ोर से वो लंड भी चूसने लगती है गलप्प गल्प।



पदमा;गलप्प आहह बहुत बड़ा है रे देवा तेरा । ना चूत में पूरा जाता है और न गलप्प मुंह में गलप्प।

देवा;देख तेरी गाण्ड में पूरा कैसे उतार देता हूँ साली अब।

पदमा;गलप्प पहले थोड़ा तेल लगा ले रे गलप्प.....

देवा;पदमा को अपने पास खीच लेता है और अपने लंड पे थूक लगा के पदमा की गाण्ड पे घीसने लगता है।
नही काकी आज बिना तेल के पेलूँगा ।

पदमा;आहह नहीं न दर्द होता है रे।

देवा;होने दे साली।
 
देवा जैसे ही सुपाडा पदमा की गाण्ड पे लगाता है पदमा को पिछली चुदाई याद आ जाती है ।

पदमा;आहह आराम से घुसाना देवा।

देवा;हाँ काकी बिलकुल धीरे से पेलूँगा।

वो पदमा के दोनों पैरों को ऊपर उठाके अपने लंड को पदमा की गांड के सुराख़ पे रख देता है और धीरे से लंड का सामने का हिस्सा अंदर डाल देता है।
उसका सुपाडा ही इतना मोटा था की पच की आवाज़ के साथ गाण्ड का सुराख़ खुल जाता है और पदमा का बदन थरथरा जाता है।

देवा का दुसरा धक्का इतनी ज़ोर से अंदर पड़ता है की पदमा पूरी तरह हिल जाती है।

पदमा;आहह तू कभी तो मेरी सुना कर आहह धीरे कर आह्ह्ह्ह्ह्हहः

देवा;तीसरे झटके में पूरा का पूरा लंड पदमा काकी की गाण्ड में उतार देता है कुछ पल रुकने के बाद वो अपनी अवकात पे आ जाता है और सटा सट कमर पकड़ के पदमा की गाण्ड को अंदर तक खोलते चला जाता है।

पदमा;चिल्लाने लगती है गीड गिडाने लगती है आहह ज़ालिम आहह मत कर इतने ज़ोर आहह सी माँ।

देवा;आहह देख पदमा तेरी गाण्ड कैसी खुल गई है आहह उसे भी पूरा लंड चाहिए आह साली कितनी गरम और टाइट गांड है तेरी....

पदमा;माँ को पुकारने लगती है पर उस वक़्त सिवाये रश्मि के कोई वहां नहीं था।

रश्मी;की चूत का पानी लगतार बहने लगता है वो अपनी चूत को सहलाना छोड देती हैम बिना सहलाये ही उसकी कुँवारी चूत के दोनों लिप्स फड़ फड़ा रहे थे।
उसकी चूत का पानी जांघ से बहता हुआ अब पैर के पंजे तक पहुँच चूका था। रश्मि की चूत पहली मर्तबा इतनी बुरी तरह किसी की चूत और गाण्ड की चुदाई होते देख रही थी।

पदमा;आहह पानी छोड दे गाण्ड में देवा अहह और उसे मत फाड़ माँ वाह क्या लंड है आहः

देवा;थोडी देर पदमा आहह बस थोडी देर और आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।

वो थोडी देर और 20 मिनट तक चलते रही पदमा का पूरा जिस्म निढाल हो चुका था। गाण्ड एकदम सुन्न पड़ चुकी थी। पर देवा था की पदमा की गण्ड से लंड निकालने को तैयार नहीं था।
 
पदमा;आहह मार देगा आज तो मुझे आहः

देवा;ज़ोर दार झटके मारने लगता है और कुछ पलो बाद पदमा के गाण्ड को भी अपने पानी से भर देता है।

पदमा बेसुध ऑखें बंद किये अपनी गाण्ड की जलन को कम होने का इंतज़ार करने लगती है और देवा उठके कपडे पहनने लगता है
ताभी उसके नज़र खिडके के तरफ जाते है और उससे वहां रश्मि खड़ी नज़र आती है।

रश्मी भी देवा को देख लेती है और वो अपनी शलवार ऊपर चढा के वहां से भागना चाहती है पर देवा बिजली की रफ़्तार से उसका हाथ पकड़ लेता है।

रश्मी;छोड मेरा हाथ वो नज़रें नीचे करके अपना हाथ छुड़ाने लगती है।

देवा;अभी भी नंगा था उसका लंड लटक रहा था जिसपे रश्मि की नज़र टिकी हुई थी।

देवा;रश्मि को अपने छाती से चिपका लेता है।
ईधर देख मेरी तरफ।

रश्मी;आहह छोड दे मुझे वरना मै चिल्लाऊँगी।

देवा;उसे और अपनी बाहों में कस लेता है।
इसका मतलब तूने सब देख लिया है ना । बोल...

रश्मी;हाँ देख लिया है मैंने और मै जाके तेरी माँ को भी बता दूंगी की तू .....

देवा;माँ को बतायेगी क्या बतायेगी।
वो अपने मज़बूत हाथों से रश्मि के नरम ब्रैस्ट मसलने लगता है।

रश्मी; चुदाई देख के इतनी गरम हो चुकी थी की वो देवा को ऐसा करने से मना भी नहीं कर पाई। बस देवा की बाँहों में मचलने लगती है।

देवा;मुझे पता है तू माँ को कुछ नहीं बतायेगी। पता है क्यूं।

रश्मी;सवालियां नज़रों से देवा के चेहरे को देखने लगती है।

देवा;क्यूँकि तू खुद मेरा हिला चुकी है और आज जो कुछ तूने देखा वो सब करने का तेरा भी दिल कर रहा है।

रश्मी;नहीं मेरा कुछ दिल नहीं कर रहा । छोड दे मुझे कमीने मै कभी नहीं करुँगी तेरे साथ।
 
देवा;रश्मि की चूत के पास हाथ लगा के देखता है उसकी शलवार गीली थी। चूत का चिप चिपा पानी जब देवा के हाथ को लगता है तो देवा समझ जाता है की रश्मि झूठ बोल रही है।

शर्म के मारे रश्मि की ऑखें बंद हो जाती है।

देवा;उसके कान में धीरे से कहता है झूठी तेरी चूत तो कुछ और ही कह रही है।

रश्मी;आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;उसके इतने क़रीब था और इस हालत में था की उससे रहा नहीं जाता और वो रश्मि के नीचले होंठ को मुंह में लेके चुसने लगता है गलप्प गल्प।

रश्मी;देवा के छाती पे मुक्के बरसाती जाती है।
पर देवा पूरा रस पी जाने के बाद ही रश्मी को छोडता है।

देवा;जा अब जाके माँ को ये भी बता देना की मैंने तेरे साथ क्या किया।

रश्मी;देवा के टेस्टीस पे ज़ोर से हाथ मार के हँसते हुए वहां से भाग जाती है।
मै माँ को बता दूंगी देवा की तू बड़ा कमीना है।

देवा; लंड को हाथ में पकड़ के बैठ जाता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।

उधर हवेली में सन्नाटा पसरा हुआ था।

हिम्मत राव अपनी कार लेके पास के गांव गया हुआ था जहाँ रहती थी बिंदिया।



बिंदिया; एक बहुत ही खूबसूरत औरत थी माँ बाप उसके इस दुनिया में थे नहीं जिसकी वजह से उसकी शादी नहीं हुई थी।गरीब होने की वजह से कोई रिश्तेदार उसे सहारा देने को तैयार नहीं था।

हिम्मत राव; का दिल बिंदिया पे कई साल पहले आ गया था ।
उसने बिंदिया को न सिर्फ सहारा दिया बल्कि उसे दुनिया के हर ऐशो आराम की चीज़ ला के दिया था बदले में बिंदिया ने हिम्मत राव को अपना जिस्म दिया था।

पिछले कई सालो से वो हिम्मत राव के रखेल के रूप में ज़िन्दगी गुज़ार रही थी पर उसका असल मक़सद हवेली की मालकिन बनने का था। हिम्मत राव बिंदिया की मोहब्बत में इस कदर गिरफ्तार हो चुका था की वो बिंदिया के हर जायज़ नजायज़ माँग पूरी करता था।
 
हफ्ते में चार पांच दिन हिम्मत राव बिंदिया के साथ गुजारता था।

आज भी वो इसी के लिए यहाँ आया हुआ था।

बिंदिया ; हिम्मत राव को देख दरवाज़ा खोल के उसे अंदर ले लेती है।

रोज पहले शराब का दौर चलता और उसके बाद शबाब का।

बिंदिया नखरे करने में माहिर थी।

वो हिम्मत राव को अपने छाती से लगा लेती है और उसके होठो को अपने मुंह में लेके चुसने लगती है।

हिम्मत राव;बिस्तर पे बैठ जाता है।
आज पीलाओगी नहीं जानेमन।

बिंदिया;पिलाऊंगी भी और लुंगी भी सरकार।

हिम्मत राव; बिंदिया के हाथों से शराब के जाम पे जाम खाली करता चला जाता है और कुछ ही देर में पूरी बोतल खाली कर देता है।

बिंदिया; हिम्मत राव की क़मीज़ उतार के उसके छाती पे अपना सर रख देती है।

हिम्मत राव;नशे में बात बढाये जा रहा था।

बिंदिया;मालिक आप मुझे दुल्हन बनाके हवेली कब ले जा रहे है।

हिम्मत राव;बस कुछ दिन की बात है बिंदिया। हमारे बीच का कांटा हटने ही वाला है।

बिंदिया; और आपकी बेटी......

हिम्मत राव :रानी अगर उसकी माँ अपनी सारी जायदाद उसके नाम करके ना गई होती तो कब का उसे भी उसके माँ के पास पहुंचा देता।
पर तू फिकर मत कर एक बार रुक्मणी का काम होने दे उसके बाद रानी भी मरेगी।

बिंदिया; मुस्कुराते हुए हिम्मत का पजामा उतार देती है और दोनों की रास लीला शुरू हो जाती है।
 
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