desiaks
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अपडेट 23
मैं- ओह क्या बात… तो क्या तुमने तौलिया में ही दरवाजा खोल दिया था… फिर तो अंकल को रात वाला सीन याद आ गया होगा… हा हा हा…
सलोनी- अररर्र… रे… वो ओऊ… तो आप ये सब सोच रहे हो… अरे मैं तो सब भूल गई थी… हाँ शायद मैं वैसे ही थी… पर उनको देख लगा नहीं कि वो… हाय राम वो क्या सोच रहे होंगे…
मैं- ओह क्या यार… तुम भी ना इस सबसे मजा लो… मैं तो चाहता हूँ कि उनकी लाइफ भी मजेदार हो जाए… तुम तो भाभी को भी अपनी तरह सेक्सी बना देना…अब लगता था कि सलोनी भी मुझसे थोड़ा मजा लेना चाहती थी…
सलोनी- हाँ, फिर मेरी एक चिंता और बढ़ जाएगी…
मैं- वो क्या??
सलोनी हँसते हुए- हा हा… कि मेरा जानू कहीं भाभी से भी तो रोमांस नहीं कर रहा…
मैं- हा हा तो क्या हुआ जान… कुछ मजा हम भी ले लेंगे… तुमको कोई ऐतराज?सलोनी- अरे नहीं मुझे क्या ऐतराज होगा… जिसमे मेरे जानू को खुशी मिले… उसी में मेरी ख़ुशी है…उसने बहुत ही गर्म तरीके से मेरे लण्ड को चूमा…मुझे लगा कि अगर मैंने इसको नहीं रोका तो अभी मेरा लण्ड बगावत कर देगा… और सलोनी को अभी ही चोदना पड़ेगा…मैंने उससे कहा- चलो फिर आज प्रणव के सामने इतना सेक्सी दिखना कि वो अपनी रुचिका को भूल जाये.. साला हर वक्त उसकी तारीफ़ ही करता रहता है… चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ……
सलोनी भी मेरी बातों से अब मस्त हो गई थी… उसका डर धीरे धीरे निकल रहा था…वो भी तैयार होते ही बात कर रही थी- जानू बताओ ना, फिर आज मैं क्या पहनू???
मैं- जान तुम बिना कपड़ों के ही रहो… देखना साला प्रणव जलभुन मरेगा…सलोनी मुस्कुराते हुए- हाँ और अगर उसने कुछ कर दिया तो…
मैं- अच्छा तो तुम क्या ऐसे भी रह लोगी… हा हा हा… फिर रुचिका होगी तो बदला लेने के लिए…
सलोनी- हाँ मैं आपके मुँह से यही तो सुनना चाहती थी… आप तो बस अपना ही फ़ायदा देख रहे हैं ना… आप तो बस रुचिका के ही बारे में ही सोच रहे होंगे ना?उसने अब अपना मुँह फुला लिया.
मैं- अरे नहीं मेरी जान वो सब तो बस थोड़ा मजा लेने के लिए… वरना मेरी जान जैसी तो इस पूरे जहान में नहीं है…
सलोनी- हाँ हाँ मुझे सब पता है… याद है जब हमारी पहली पार्टी में… प्रणव भाई ने मेरे साथ वो सब हरकतें करी थीं, तब आपने कौन सा उससे कुछ कहा था…
मैं- अरे जान, वो उस दिन नशे में था… वैसे वो तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता है…
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है… सभी मर्द एक जैसे ही होते हैं… जरा सा छूट मिली नहीं कि…
मैं- हा हा हा हा… अच्छा तो क्या मैं भी ऐसा ही हूँ?
सलोनी- और नहीं तो क्या… यह तो आपकी सेक्रैटरी भी जानती है…
मैं- हाँ… तुम तो बात कहाँ से कहाँ ले जाती हो… अच्छा आज इसे पहन लो…मैंने उसको एक मिडी की ओर इशारा किया… वो रॉयल ब्लू कलर की बहुत सेक्सी ड्रेस थी…
सलोनी- हाँ, मैं भी यही सोच रही थी… पर आज मैं इसके मैचिंग की कच्छी नहीं ला पाई… और यह दूसरे रंग की बहुत खराब दिखेगी…
मैं- अरे, तो यार, बिना कच्छी के पहनो ना… मजा आ जायेगा…
सलोनी- हाँ… तुम लोगों को ही ना… और यहाँ मैं कोई काम ही नहीं कर पाऊँगी… बस कपड़े ही सही करती रहूँगी…दरअसल उसकी यह मिडी उसके उसके विशाल चूतड़ों को ही ढक पाती थी बस… शायद चूतड़ों से 3-4 इंच नीचे तक ही पहुँच पाती होगी और सलोनी जरा भी हिलती डुलती थी तो अंदर की झलक मिल जाती थी… अगर झुककर कोई काम करती थी तब तो पूरा प्रदेश ही दिखता था…हम अभी कपड़ेही चुन ही रहे थे कि…एक बार फिर…ट्रिन्न्न्न… ट्रिनन्न्न्न्न…कोई आ गया था… जो घंटी बजा रहा था…
कहानी जारी रहेगी.
मैं- ओह क्या बात… तो क्या तुमने तौलिया में ही दरवाजा खोल दिया था… फिर तो अंकल को रात वाला सीन याद आ गया होगा… हा हा हा…
सलोनी- अररर्र… रे… वो ओऊ… तो आप ये सब सोच रहे हो… अरे मैं तो सब भूल गई थी… हाँ शायद मैं वैसे ही थी… पर उनको देख लगा नहीं कि वो… हाय राम वो क्या सोच रहे होंगे…
मैं- ओह क्या यार… तुम भी ना इस सबसे मजा लो… मैं तो चाहता हूँ कि उनकी लाइफ भी मजेदार हो जाए… तुम तो भाभी को भी अपनी तरह सेक्सी बना देना…अब लगता था कि सलोनी भी मुझसे थोड़ा मजा लेना चाहती थी…
सलोनी- हाँ, फिर मेरी एक चिंता और बढ़ जाएगी…
मैं- वो क्या??
सलोनी हँसते हुए- हा हा… कि मेरा जानू कहीं भाभी से भी तो रोमांस नहीं कर रहा…
मैं- हा हा तो क्या हुआ जान… कुछ मजा हम भी ले लेंगे… तुमको कोई ऐतराज?सलोनी- अरे नहीं मुझे क्या ऐतराज होगा… जिसमे मेरे जानू को खुशी मिले… उसी में मेरी ख़ुशी है…उसने बहुत ही गर्म तरीके से मेरे लण्ड को चूमा…मुझे लगा कि अगर मैंने इसको नहीं रोका तो अभी मेरा लण्ड बगावत कर देगा… और सलोनी को अभी ही चोदना पड़ेगा…मैंने उससे कहा- चलो फिर आज प्रणव के सामने इतना सेक्सी दिखना कि वो अपनी रुचिका को भूल जाये.. साला हर वक्त उसकी तारीफ़ ही करता रहता है… चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ……
सलोनी भी मेरी बातों से अब मस्त हो गई थी… उसका डर धीरे धीरे निकल रहा था…वो भी तैयार होते ही बात कर रही थी- जानू बताओ ना, फिर आज मैं क्या पहनू???
मैं- जान तुम बिना कपड़ों के ही रहो… देखना साला प्रणव जलभुन मरेगा…सलोनी मुस्कुराते हुए- हाँ और अगर उसने कुछ कर दिया तो…
मैं- अच्छा तो तुम क्या ऐसे भी रह लोगी… हा हा हा… फिर रुचिका होगी तो बदला लेने के लिए…
सलोनी- हाँ मैं आपके मुँह से यही तो सुनना चाहती थी… आप तो बस अपना ही फ़ायदा देख रहे हैं ना… आप तो बस रुचिका के ही बारे में ही सोच रहे होंगे ना?उसने अब अपना मुँह फुला लिया.
मैं- अरे नहीं मेरी जान वो सब तो बस थोड़ा मजा लेने के लिए… वरना मेरी जान जैसी तो इस पूरे जहान में नहीं है…
सलोनी- हाँ हाँ मुझे सब पता है… याद है जब हमारी पहली पार्टी में… प्रणव भाई ने मेरे साथ वो सब हरकतें करी थीं, तब आपने कौन सा उससे कुछ कहा था…
मैं- अरे जान, वो उस दिन नशे में था… वैसे वो तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता है…
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है… सभी मर्द एक जैसे ही होते हैं… जरा सा छूट मिली नहीं कि…
मैं- हा हा हा हा… अच्छा तो क्या मैं भी ऐसा ही हूँ?
सलोनी- और नहीं तो क्या… यह तो आपकी सेक्रैटरी भी जानती है…
मैं- हाँ… तुम तो बात कहाँ से कहाँ ले जाती हो… अच्छा आज इसे पहन लो…मैंने उसको एक मिडी की ओर इशारा किया… वो रॉयल ब्लू कलर की बहुत सेक्सी ड्रेस थी…
सलोनी- हाँ, मैं भी यही सोच रही थी… पर आज मैं इसके मैचिंग की कच्छी नहीं ला पाई… और यह दूसरे रंग की बहुत खराब दिखेगी…
मैं- अरे, तो यार, बिना कच्छी के पहनो ना… मजा आ जायेगा…
सलोनी- हाँ… तुम लोगों को ही ना… और यहाँ मैं कोई काम ही नहीं कर पाऊँगी… बस कपड़े ही सही करती रहूँगी…दरअसल उसकी यह मिडी उसके उसके विशाल चूतड़ों को ही ढक पाती थी बस… शायद चूतड़ों से 3-4 इंच नीचे तक ही पहुँच पाती होगी और सलोनी जरा भी हिलती डुलती थी तो अंदर की झलक मिल जाती थी… अगर झुककर कोई काम करती थी तब तो पूरा प्रदेश ही दिखता था…हम अभी कपड़ेही चुन ही रहे थे कि…एक बार फिर…ट्रिन्न्न्न… ट्रिनन्न्न्न्न…कोई आ गया था… जो घंटी बजा रहा था…
कहानी जारी रहेगी.