desiaks
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#83
लाश को देख कर कुछ सेकेंड के लिए तो मैं बिल्कुल जड़ सा हो गया था ……फिर मुझे होश आया कि मैं इस समय पार्किंग में खड़ा हूँ … और यहाँ किसी भी समय , कोई भी आ सकता है..
मैने कार की डिग्जी बंद कर दी ……..और फिर कार को पार्किंग एरिया के एक कोने (कॉर्नर ) में ले जाकर खड़ा कर दिया ……….यह
सब इसलिए कि अगर मैं कार की डिग्जी को खोल कर देखना चाहूं तो किसी की निगाह ना पड़े …………
कार को वहीं पार्किंग में छ्चोड़ कर , मैं फिर से वापस अपने फ्लॅट में आ गया ……मेरे दिल की धड़कने बहुत ज़्यादा तेज़ दौड़ रही थी और शरीर पसीने से बिल्कुल तार हो चुका था …………….
फ्लॅट में आकर मैने एक गिलास ठंडा पानी पिया और फिर एक कुर्सी पर बैठ कर सोचना शुरू किया ……….मेरे ऊपर अचानक ही
यह मुसीबत आ गयी थी , और मुझे इस से जल्द ही निकलने का कोई इंतेज़ाम करना होगा …………
तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजने लगी ………मैं फुर्ती के साथ अपने मोबाइल तक पहुँचा और नंबर देखा ………इस बार भी एक अननोन नंबर था , पहली दोनो बार से अलग…………मैने कॉल रिसीव कर ली ………..
“हेलो …………….” इस समय मेरी आवाज़ बोलते समय भी काँप रही थी ……..
“ हमारा दूसरा तोहफा भी आपको मिल ही गया होगा राजीव साहब ………………अब बताइए , यह भी पसंद आया या नही …………………” उधर से एक आवाज़ आई …….पिछली बार से कुछ अलग थी यह आवाज़
“यू बस्टर्ड ……………….क्या चाहते हो तुम लोग ……..क्यों कर रहे हो यह सब ? “ मैं चीखता हुआ बोला ………
“अर्रे , अर्रे ……….गाली क्यों दे रहे हो मेरे भाई …………..हमने तो तुम्हारा काम ही आसान किया है ……….तुम भी तो चाहते थे ना कि तुम्हारे और नेहा के बीच का काँटा हमेशा के लिए निकल जाए …………अब हमने निकाल दिया तो तुम नाराज़ हो रहे हो …” उधर से आती आवाज़ कुछ धीमी सी थी ………
मैं चुप ही रह गया ………समझ ही नही पा रहा था कि क्या बोलूं …….इतना तो मुझे मालूम ही था कि वो कुछ ना कुछ डिमॅंड करने वाले हैं …….पर क्या ? …….यह तो वो लोग ही बता सकते हैं …
“ चुप क्यों हो गये राजीव बाबू ? ……………… और गालियाँ नही देंगे क्या ? “ उसने हंसते हुए कहा …………
“ देखो ……तुम जो भी हो , इतना समझ लो कि तुम मुझे किसी झूठे मामले मैं फँसा नही सकते हो ……..” मैं धमकी सी देता हुआ बोला ..
“हा हा हा हा ….”वो फिर हंसते हुए बोला “ क्यों बेवकूफो वाली बातें कर रहे हो राजीव …………..हमारे पास तुम्हारी फोटो हैं जिसमें तुम और नेहा रंग-रेलियाँ मना रहे हो ……और उसके बाद तुमने नीरज के ऊपर रिवॉल्वार ताना हुआ है ………फिर रिवॉल्वार के ऊपर
तुम्हारी उंगलियों के निशान , और तुम्हारी कार में उसकी लाश …….तुम समझ सकते हो कि पोलीस के लिए यह बिल्कुल सीधा-सादा केस होगा……….ओपन & शूट…………….”
कुछ देर चुप रहकर उसने आगे कहा “ हमें अगर तुम्हे किसी मामले में ही फाँसना होता तो तुम्हे फोन ना करते , बल्कि पोलीस को इनफॉर्म किया होता ……..”
“तो फिर क्या चाहते हो मुझ से “ इस बार मैं कुछ हद तक शांत आवाज़ में बोला ……
“ फिलहाल तो इतना कि तुम जल्द से जल्द इस लाश से छुटकारा पाओ ………..अब यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम यह काम कैसे करोगे ………..और हां , मुझे कहने की ज़रूरत नही है की पोलीस को इनफॉर्म करने की ग़लती मत करना ……मैं फिर से फोन करूँगा “ कह कर उसने फोन डिसकनेक्ट कर दिया …………..
मैं कुछ देर के लिए बिल्कुल चुप-चाप बैठा रहा ……..समझ में नही आ रहा था कि क्या करूँ ………..जो कुछ उस आदमी ने अभी फोन पर कहा था ,बिल्कुल सच था……….यह पोलीस के लिए बिल्कुल ओपन & शट केस था ………इस लाश का मेरी गाड़ी में होना ही मेरे
लिए एक बड़ी मुसीबत का समान था ……….पर अगर मैं इस लाश को ठिकाने लगाता हूँ तो ज़रूर एक और नयी मुसीबत में फँस
जाऊँगा …….मेरे लिए स्तिथि एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ खाई वाली हो गयी थी ……
कुछ देर यूँ ही बैठ कर मैं सारी कंडीशन पर गौर करता रहा ……….फिर मैने डिसाइड किया कि मुझे एक बार तो रिस्क लेना ही पड़ेगा और मेरे लिए आसान यह रहेगा कि मैं पोलीस को इनफॉर्म कर दूँ ……
यह ख़याल दिमाग़ में आते ही मैने अपना मोबाइल उठाया और कमल का नंबर लगा दिया …………काफ़ी देर तक बेल बजती रही और फिर उसने कॉल रिसीव कर ली …
“हेलो ………..”
“हेलो कमल …………मैं राजीव …” मैं अपनी आवाज़ को नॉर्मल रखने की कोशिश करता हुआ बोला ………
“ हां राजीव ……….मैने तुम्हारा नंबर पहचान लिया था दोस्त ………….बताओ , आज मुझे कैसे याद किया ? “ उसने कहा …….
“क्या तुम मेरे घर आ सकते हो कमाल ? “ मैने धीरे से कहा …
“अभी ..?? “ उसने चौंकते हुए पूछा ……..
“हां अभी ……….जितनी जल्दी हो सके , उतनी “ मैं फिर बोला ……..ना चाहते हुए भी मेरी आवाज़ में कंप-कपाहट सॉफ महसूस हो रही थी ……….
“क्या बात है राजीव .?? सब कुछ ठीक तो है ना …..?? तुम कुछ परेशान लग रहो हो ? “ उसने पूछा , कुछ उत्तेजित सी आवाज़ में ………
“ हाँ ………….कुछ ऐसा ही समझ लो कमल ……….तुम यहाँ आओ तो मैं बताता हूँ …….” मैने कहा …….
“मुझे कुछ देर लग सकती है राजीव ……..शायद 2 घंटे के आस-पास ……पर मैं जल्द से जल्द पहुँचने की कोशिस करूँगा ……..और अगर कोई एमर्जेन्सी है तो मैं किसी और को भेज देता हूँ …….”वो बोला ……….
“नही ………किसी और को नही भेजना , तुम खुद ही आ जाओ ……..मैं तुम्हारा वेट कर रहा हूँ ….”मैने कहा और फिर फोन डिसकनेक्ट कर दिया ………….
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लाश को देख कर कुछ सेकेंड के लिए तो मैं बिल्कुल जड़ सा हो गया था ……फिर मुझे होश आया कि मैं इस समय पार्किंग में खड़ा हूँ … और यहाँ किसी भी समय , कोई भी आ सकता है..
मैने कार की डिग्जी बंद कर दी ……..और फिर कार को पार्किंग एरिया के एक कोने (कॉर्नर ) में ले जाकर खड़ा कर दिया ……….यह
सब इसलिए कि अगर मैं कार की डिग्जी को खोल कर देखना चाहूं तो किसी की निगाह ना पड़े …………
कार को वहीं पार्किंग में छ्चोड़ कर , मैं फिर से वापस अपने फ्लॅट में आ गया ……मेरे दिल की धड़कने बहुत ज़्यादा तेज़ दौड़ रही थी और शरीर पसीने से बिल्कुल तार हो चुका था …………….
फ्लॅट में आकर मैने एक गिलास ठंडा पानी पिया और फिर एक कुर्सी पर बैठ कर सोचना शुरू किया ……….मेरे ऊपर अचानक ही
यह मुसीबत आ गयी थी , और मुझे इस से जल्द ही निकलने का कोई इंतेज़ाम करना होगा …………
तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजने लगी ………मैं फुर्ती के साथ अपने मोबाइल तक पहुँचा और नंबर देखा ………इस बार भी एक अननोन नंबर था , पहली दोनो बार से अलग…………मैने कॉल रिसीव कर ली ………..
“हेलो …………….” इस समय मेरी आवाज़ बोलते समय भी काँप रही थी ……..
“ हमारा दूसरा तोहफा भी आपको मिल ही गया होगा राजीव साहब ………………अब बताइए , यह भी पसंद आया या नही …………………” उधर से एक आवाज़ आई …….पिछली बार से कुछ अलग थी यह आवाज़
“यू बस्टर्ड ……………….क्या चाहते हो तुम लोग ……..क्यों कर रहे हो यह सब ? “ मैं चीखता हुआ बोला ………
“अर्रे , अर्रे ……….गाली क्यों दे रहे हो मेरे भाई …………..हमने तो तुम्हारा काम ही आसान किया है ……….तुम भी तो चाहते थे ना कि तुम्हारे और नेहा के बीच का काँटा हमेशा के लिए निकल जाए …………अब हमने निकाल दिया तो तुम नाराज़ हो रहे हो …” उधर से आती आवाज़ कुछ धीमी सी थी ………
मैं चुप ही रह गया ………समझ ही नही पा रहा था कि क्या बोलूं …….इतना तो मुझे मालूम ही था कि वो कुछ ना कुछ डिमॅंड करने वाले हैं …….पर क्या ? …….यह तो वो लोग ही बता सकते हैं …
“ चुप क्यों हो गये राजीव बाबू ? ……………… और गालियाँ नही देंगे क्या ? “ उसने हंसते हुए कहा …………
“ देखो ……तुम जो भी हो , इतना समझ लो कि तुम मुझे किसी झूठे मामले मैं फँसा नही सकते हो ……..” मैं धमकी सी देता हुआ बोला ..
“हा हा हा हा ….”वो फिर हंसते हुए बोला “ क्यों बेवकूफो वाली बातें कर रहे हो राजीव …………..हमारे पास तुम्हारी फोटो हैं जिसमें तुम और नेहा रंग-रेलियाँ मना रहे हो ……और उसके बाद तुमने नीरज के ऊपर रिवॉल्वार ताना हुआ है ………फिर रिवॉल्वार के ऊपर
तुम्हारी उंगलियों के निशान , और तुम्हारी कार में उसकी लाश …….तुम समझ सकते हो कि पोलीस के लिए यह बिल्कुल सीधा-सादा केस होगा……….ओपन & शूट…………….”
कुछ देर चुप रहकर उसने आगे कहा “ हमें अगर तुम्हे किसी मामले में ही फाँसना होता तो तुम्हे फोन ना करते , बल्कि पोलीस को इनफॉर्म किया होता ……..”
“तो फिर क्या चाहते हो मुझ से “ इस बार मैं कुछ हद तक शांत आवाज़ में बोला ……
“ फिलहाल तो इतना कि तुम जल्द से जल्द इस लाश से छुटकारा पाओ ………..अब यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम यह काम कैसे करोगे ………..और हां , मुझे कहने की ज़रूरत नही है की पोलीस को इनफॉर्म करने की ग़लती मत करना ……मैं फिर से फोन करूँगा “ कह कर उसने फोन डिसकनेक्ट कर दिया …………..
मैं कुछ देर के लिए बिल्कुल चुप-चाप बैठा रहा ……..समझ में नही आ रहा था कि क्या करूँ ………..जो कुछ उस आदमी ने अभी फोन पर कहा था ,बिल्कुल सच था……….यह पोलीस के लिए बिल्कुल ओपन & शट केस था ………इस लाश का मेरी गाड़ी में होना ही मेरे
लिए एक बड़ी मुसीबत का समान था ……….पर अगर मैं इस लाश को ठिकाने लगाता हूँ तो ज़रूर एक और नयी मुसीबत में फँस
जाऊँगा …….मेरे लिए स्तिथि एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ खाई वाली हो गयी थी ……
कुछ देर यूँ ही बैठ कर मैं सारी कंडीशन पर गौर करता रहा ……….फिर मैने डिसाइड किया कि मुझे एक बार तो रिस्क लेना ही पड़ेगा और मेरे लिए आसान यह रहेगा कि मैं पोलीस को इनफॉर्म कर दूँ ……
यह ख़याल दिमाग़ में आते ही मैने अपना मोबाइल उठाया और कमल का नंबर लगा दिया …………काफ़ी देर तक बेल बजती रही और फिर उसने कॉल रिसीव कर ली …
“हेलो ………..”
“हेलो कमल …………मैं राजीव …” मैं अपनी आवाज़ को नॉर्मल रखने की कोशिश करता हुआ बोला ………
“ हां राजीव ……….मैने तुम्हारा नंबर पहचान लिया था दोस्त ………….बताओ , आज मुझे कैसे याद किया ? “ उसने कहा …….
“क्या तुम मेरे घर आ सकते हो कमाल ? “ मैने धीरे से कहा …
“अभी ..?? “ उसने चौंकते हुए पूछा ……..
“हां अभी ……….जितनी जल्दी हो सके , उतनी “ मैं फिर बोला ……..ना चाहते हुए भी मेरी आवाज़ में कंप-कपाहट सॉफ महसूस हो रही थी ……….
“क्या बात है राजीव .?? सब कुछ ठीक तो है ना …..?? तुम कुछ परेशान लग रहो हो ? “ उसने पूछा , कुछ उत्तेजित सी आवाज़ में ………
“ हाँ ………….कुछ ऐसा ही समझ लो कमल ……….तुम यहाँ आओ तो मैं बताता हूँ …….” मैने कहा …….
“मुझे कुछ देर लग सकती है राजीव ……..शायद 2 घंटे के आस-पास ……पर मैं जल्द से जल्द पहुँचने की कोशिस करूँगा ……..और अगर कोई एमर्जेन्सी है तो मैं किसी और को भेज देता हूँ …….”वो बोला ……….
“नही ………किसी और को नही भेजना , तुम खुद ही आ जाओ ……..मैं तुम्हारा वेट कर रहा हूँ ….”मैने कहा और फिर फोन डिसकनेक्ट कर दिया ………….
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