hotaks444
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अब ये और एक नया पंगा हो गया था इधर मामी झल्लाई पड़ी थी दूसरी तरफ सरोज भी तुड़ाई माँग रही थी पर हथियार ही घायल पड़ा था तो मैं भी क्या करता 5-6 दिन लग गये पूरी तरह से ठीक होने मे जून शुरू हो गया था स्कूल की छुट्टिया पड़ गयी थी तो मामा भी बस दो-चार दिन मे आने ही वाले थे और मामी के बच्चे भी तब मामी चुदाई नही कर पाती मुझसे तो पूरे टाइम उनका मूड उखड़ा उखड़ा ही रहता था मैं खुद भी परेशान ही था मामी दिन मे तीन टाइम लंड की नारियल तेल से मालिश करती थी जख्म भर तो गया था पर मैं एक दो दिन और भी रुकना चाहता था ऐसे ही एक दिन वो मेरे लंड पे तेल मल रही थी मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ उनके हाथ मे था मामी की आँखो मे वासना के डोरे तैर रहे थे वो बोली आज तो कुछ कर्लो ना
तो मैं बोला हाँ कई दिन हो गये है आज कुछ तूफ़ानी करते है मामी के चेहरे पे एक गहरी मुस्कान आ गयी मामी खड़ी हुई और अपने सारे कपड़े उतार के नंगी हो गयी मैने भी ऐसा ही किया मैं सोफे पे बैठ गया तो वो आके मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बिना किसी ओपचारिकता के मेरे चिकने लंड को अपनी चूत पे लगाया और उसपे बैठती चली गयी पूरा लंड एक बार मे ही अंदर हो गया मामी ऐसे मुस्काई जैसे कोई किला फ़तेह कर लिया मामी बोली आज मुझे थोड़ा चैन मिला है मैं थोड़ी पीछे की ओर हो गया मामी अपनी कमर उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके कंधो पे रख दिए और चुदाई का आनंद लेने लगा मामी पूरी तरह से चुदासी हो रही थी फिर उन्होने अपने होंठ आगे किए जिनको मैने अपनो से मिला लिया मामी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी
मैने कहा नीचे आ जाओ पर उन्होने मना किया और अपनी कमर उचकाती र्है मेरा तेल मे सना लंड उनकी चूत मे घमासान मचाए हुए था 15मिनट तक मामी मेरे लंड पे बैठी रही मैने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया था आज मैं उनको नही बल्कि वो मुझे चोद रही थी काफ़ी देर तक वो बस कूदती ही रही फिर ऐसे ही वो झाड़ गयी उनकी चूत से बहता हुआ रस मेरे अंडकोषो तक को भिगो चुका था झड़ने के बाद भी मामी कुछ देर तक लंड पे ही बैठी रही फिर मैने उन्हे अपने उपर से उतारा और सोफे पे उल्टी कर के लिटा दिया पास रखी तेल की कटोरी से थोड़ा तेल उनकी गान्ड पे लगाया और लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी का शरीर एक बार टाइट हुआ पर तुरंत ही नॉर्मल हो गया मामी वैसे भी अपनी गान्ड ज़्यादा चुदवाती थी
उन्हे क्या फरक पड़ना था मैने अपनी हाथो से सोफे की पुष्ट को पकड़ लिया और मामी की गान्ड मारने लगा मामी भी अपनी चुतडो को हिलाने लगी कोई दस मिनट तक उनकी गान्ड मारने के बाद मैं भी ढह गया और उनको लिए लिए ही पसर गया कुछ देर बाद हम अलग हुए मामी ने अपनी कच्छि से अपनी गान्ड और चूत को पोन्छा और अपने कमरे मे चली गयी मैने भी अपने कपड़ो को पहन लिया और सोफे पे लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि बाहर से मम्मी मम्मी की आवाज़े आई मैने दरवाजा खोला तो बाहर मनीषा दी और राकेश खड़े थे मामी के बच्चे आ गये थे वो मुझे देखत ही बोल वाउ भैया आप भी आए हुए वो कितने दिनो बाद मिले है अब छुट्टियाँ मस्त बीतेंगी मामी उनको देखके भावुक गयी फिर रात ऐसे ही बातो बातो मे कट गयी
मामी ने चुप के से मुझे बता दिया था कि वो बच्चो के सामने कोई रिस्क नही लेंगी फिर पहले भी हमे बड़ी मामी ने पकड़ लिया था तो मैं भी कुछ रिस्क नही चाहता था फिर मेरे पास सरोज के रूप मे ऑप्षन भी था तो काम तो चलना ही था अगले दिन मैने सोचा एक राउंड उसी बगीचे की तरफ मार लू क्या पता वो लड़की मुझे फिर मिल जाए तो मैं उसी समय के आस पास्स चल पड़ा काफ़ी तलाशा पर वो मिली ही नही तो मैं वापिस आ गया जब मैं आ रहा था तो गली मे एक आइस्क्रीम वाला खड़ा था मैने एक खरीदी और उसे चुँसने लगा और आइस्क्रीम खाते खाते सरोज के घर पहुँच गया उसने गेट खोला और मैं अंदर उसके दोनो बच्चे घर ही थे मैं उस से बाते करने लगा वो बोली कल मेरा पति और बच्चे मेरी बहन के यहा जाएँगे
मैं बहाना कर के रुक जाउन्गि फिर पूरी रात हमारी ही होंगी मैने कहा देख लो वो बोली तुम चिंता मत करो कल रात तुम्हारी अच्छी तरह से खातिरदारी करूँगी रात को हम सब भाई बहन घर के बाहर अपनी अपनी खाटो पे पड़े थे मैं अपना फेव. प्रोग्राम लव गुरु सुन रहा था तभी राकेश बोला भाई आपने कभी लव किया है क्या मैं बोला मुझे नही पता लव क्या होता है तो मनीषा दी बोली भाई बताओ ना आजकल तो सभी लोग लव करते है अगर आप किसी से लव नही करते हो तो फिर ये लव गुरु क्यो सुनते हो मैं बोला यार तुम लोग भी कुछ भी बकवास करते रहते हो काफ़ी देर तक वो लोग ऐसे ही मुझे छेड़ते रहे उनकी बातों से मुझे मिता की याद आ गयी थी अब नींद तो नही आनी थी बस करवटें ही बदलनी थी रात्रि के लास्ट पहर मे जाके आँख लगी पर नींद मे भी मिता के ही सपनो मे खोया रहा सुबह थोड़ा लेट उठा
तो मैं बोला हाँ कई दिन हो गये है आज कुछ तूफ़ानी करते है मामी के चेहरे पे एक गहरी मुस्कान आ गयी मामी खड़ी हुई और अपने सारे कपड़े उतार के नंगी हो गयी मैने भी ऐसा ही किया मैं सोफे पे बैठ गया तो वो आके मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बिना किसी ओपचारिकता के मेरे चिकने लंड को अपनी चूत पे लगाया और उसपे बैठती चली गयी पूरा लंड एक बार मे ही अंदर हो गया मामी ऐसे मुस्काई जैसे कोई किला फ़तेह कर लिया मामी बोली आज मुझे थोड़ा चैन मिला है मैं थोड़ी पीछे की ओर हो गया मामी अपनी कमर उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके कंधो पे रख दिए और चुदाई का आनंद लेने लगा मामी पूरी तरह से चुदासी हो रही थी फिर उन्होने अपने होंठ आगे किए जिनको मैने अपनो से मिला लिया मामी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी
मैने कहा नीचे आ जाओ पर उन्होने मना किया और अपनी कमर उचकाती र्है मेरा तेल मे सना लंड उनकी चूत मे घमासान मचाए हुए था 15मिनट तक मामी मेरे लंड पे बैठी रही मैने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया था आज मैं उनको नही बल्कि वो मुझे चोद रही थी काफ़ी देर तक वो बस कूदती ही रही फिर ऐसे ही वो झाड़ गयी उनकी चूत से बहता हुआ रस मेरे अंडकोषो तक को भिगो चुका था झड़ने के बाद भी मामी कुछ देर तक लंड पे ही बैठी रही फिर मैने उन्हे अपने उपर से उतारा और सोफे पे उल्टी कर के लिटा दिया पास रखी तेल की कटोरी से थोड़ा तेल उनकी गान्ड पे लगाया और लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी का शरीर एक बार टाइट हुआ पर तुरंत ही नॉर्मल हो गया मामी वैसे भी अपनी गान्ड ज़्यादा चुदवाती थी
उन्हे क्या फरक पड़ना था मैने अपनी हाथो से सोफे की पुष्ट को पकड़ लिया और मामी की गान्ड मारने लगा मामी भी अपनी चुतडो को हिलाने लगी कोई दस मिनट तक उनकी गान्ड मारने के बाद मैं भी ढह गया और उनको लिए लिए ही पसर गया कुछ देर बाद हम अलग हुए मामी ने अपनी कच्छि से अपनी गान्ड और चूत को पोन्छा और अपने कमरे मे चली गयी मैने भी अपने कपड़ो को पहन लिया और सोफे पे लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि बाहर से मम्मी मम्मी की आवाज़े आई मैने दरवाजा खोला तो बाहर मनीषा दी और राकेश खड़े थे मामी के बच्चे आ गये थे वो मुझे देखत ही बोल वाउ भैया आप भी आए हुए वो कितने दिनो बाद मिले है अब छुट्टियाँ मस्त बीतेंगी मामी उनको देखके भावुक गयी फिर रात ऐसे ही बातो बातो मे कट गयी
मामी ने चुप के से मुझे बता दिया था कि वो बच्चो के सामने कोई रिस्क नही लेंगी फिर पहले भी हमे बड़ी मामी ने पकड़ लिया था तो मैं भी कुछ रिस्क नही चाहता था फिर मेरे पास सरोज के रूप मे ऑप्षन भी था तो काम तो चलना ही था अगले दिन मैने सोचा एक राउंड उसी बगीचे की तरफ मार लू क्या पता वो लड़की मुझे फिर मिल जाए तो मैं उसी समय के आस पास्स चल पड़ा काफ़ी तलाशा पर वो मिली ही नही तो मैं वापिस आ गया जब मैं आ रहा था तो गली मे एक आइस्क्रीम वाला खड़ा था मैने एक खरीदी और उसे चुँसने लगा और आइस्क्रीम खाते खाते सरोज के घर पहुँच गया उसने गेट खोला और मैं अंदर उसके दोनो बच्चे घर ही थे मैं उस से बाते करने लगा वो बोली कल मेरा पति और बच्चे मेरी बहन के यहा जाएँगे
मैं बहाना कर के रुक जाउन्गि फिर पूरी रात हमारी ही होंगी मैने कहा देख लो वो बोली तुम चिंता मत करो कल रात तुम्हारी अच्छी तरह से खातिरदारी करूँगी रात को हम सब भाई बहन घर के बाहर अपनी अपनी खाटो पे पड़े थे मैं अपना फेव. प्रोग्राम लव गुरु सुन रहा था तभी राकेश बोला भाई आपने कभी लव किया है क्या मैं बोला मुझे नही पता लव क्या होता है तो मनीषा दी बोली भाई बताओ ना आजकल तो सभी लोग लव करते है अगर आप किसी से लव नही करते हो तो फिर ये लव गुरु क्यो सुनते हो मैं बोला यार तुम लोग भी कुछ भी बकवास करते रहते हो काफ़ी देर तक वो लोग ऐसे ही मुझे छेड़ते रहे उनकी बातों से मुझे मिता की याद आ गयी थी अब नींद तो नही आनी थी बस करवटें ही बदलनी थी रात्रि के लास्ट पहर मे जाके आँख लगी पर नींद मे भी मिता के ही सपनो मे खोया रहा सुबह थोड़ा लेट उठा