Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी - Page 2 - SexBaba
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Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी

अजब प्रेम की गजब कहानी --4

गतान्क से आगे......

स्वीटी- पर यह तो सच है ना कि तुम्हे तुम्हारी दीदी बहुत अच्छी लगती है

अवी- अपना सर नीचे झुका कर मुस्कुराते हुए हाँ वो तो है

स्वीटी- क्या अच्छा लगता है तुम्हे उसमे

अवी- स्वीटी की ओर देखने लगता है

स्वीटी- अरे अब मुझसे क्यो घबरा रहे हो अब मैं आज से तुम्हारी भी दोस्त हू मुझसे कह सकते हो

अब बोलो क्या अच्छा लगता है डिंपल मे तुम्हे

अवी- स्वीटी के पीछे इशारा करता है और स्वीटी अपने पीछे देखती है तो डिंपल वापस आ रही थी

स्वीटी- अवी को देख कर मुस्कुराती हुई अपने होंठो पर उंगली रख कर मुस्कुराती है और अवी उसको देख कर मुस्कुराते

हुए उठ कर अपने रूम की ओर चला जाता है

डिंपल- हाँ डियर अब बोल वो पास मे वेर्मा जी रहते है उनकी बीबी थी बेचारी अकेली है उसके कोई बच्चा है नही और उसके

पति सुबह ही दुकान पर चले जाते है तो कभी-कभी मेरे पास बैठने आ जाती है

स्वीटी- अच्छा वो तो ठीक है पर यह बता तू तो कहती थी तेरा भाई घर पर टिकता ही नही है और दिनभर आवारा गार्दी

करता है पर यह बेचारा तो मैं जब से आई हू घर पर ही है और अब अपने बेडरूम मे चला गया

डिंपल- अरे अब तुझे क्या बताऊ मैं तो खुद हैरान हू, रोज 10 बजे सो कर उठने वाला लड़का आज 6 बजे उठ कर नहा

धोकर तैयार हो गया, स्कूल गया और टाइम से घर भी आ गया, ना जाने इसमे एक ही दिन मे इतना चेंज कहा से आ गया

है, कल से ही बहुत शांत -शांत और गुम्सुम सा लग रहा है और कही बाहर भी नही जा रहा है, और तो और रात को पढ़ाई

भी कर रहा था,

स्वीटी- मेरे ख्याल से तू पढ़ा रही होगी उसे

डिंपल- हाँ मैं ही पढ़ा रही थी

स्वीटी- सुबह जब स्कूल गया था तब तुझसे भी पूछा होगा कि तू कब तक वापस आएगी

डिंपल- आश्चर्या से हाँ पूछा तो था पर तुझे यह सब कैसे पता है

स्वीटी- डिंपल मुझे तो ऐसा लगता है तेरा भाई किसी खास बात की वजह से ही अचानक चेंज हो गया है क्योकि ऐसे एक

दम से कोई नही बदलता और यह भी हो सकता है यह हमारा भ्रम हो और वह एक दो दिन मे फिर से अपने रुटिन पर आ

जाए और फिर आवारगार्दी शुरू कर दे

डिंपल- हाँ तू कह तो ठीक रही है पर काश ऐसा ना हो वरना मैं परेशान हो जाउन्गि

स्वीटी- कुछ सीरीयस होते हुए पर डिंपल मुझे तो लगता है भगवान करे वह वापस वैसा ही हो जाए जैसा था वरना

उसके बदल जाने से तू ज़्यादा परेशान हो जाएगी

डिंपल- मैं तेरा मतलब नही समझी

स्वीटी- वक्त आने पर सब समझ जाएगी

डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा लाकर स्वीटी को देखते हुए, स्वीटी ये क्या उल्टी सीधी बात कर रही है साफ-साफ क्यो नही

बताती तू क्या कहना चाहती है

स्वीटी- मुस्कुराते हुए अरे यार कुछ बात हो तो ना मैं तुझसे कुछ कहु, वैसे तूने आज बहुत दिनो बाद अच्छी चाइ

बनाई थी, लगता है किचन मे खड़ी-खड़ी चाइ घोतते हुए कही खो गई थी इसीलिए चाइ अच्छी बन गई

डिंपल- मुस्कुराते हुए तुझे अच्छी लगी ना अभी और रखी है एक कप और लाउ क्या

स्वीटी- नही यार बस बहुत हुआ अब मैं चलती हू

डिंपल- अरे तू अकेली है एक काम कर खाना हमारे यहाँ ही खा ले फिर चली जाना

स्वीटी- नही यार मैं खाना वाना तो बहुत लेट खाती हू तू आराम कर मैं कल फिर सुबह जल्दी आ जाउन्गि अगर तुझे कोई

प्राब्लम ना हो तो

डिंपल- मुस्कुराते हुए उसकी पीठ पर मार कर अच्छा अब तेरे आने से मुझे प्राब्लम होगी क्या, मैं सुबह चाइ पर तेरा

वेट करूँगी ओके बाइ
 
अवी- स्वीटी की आँखो के सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को देखने लगता है और स्वीटी उसकी नज़रो को समझ जाती है

और अपने मन मे सोचती है डिंपल तो इसे बहुत सीधा बता रही थी और यह तो मेरे सामने ही मेरे दूध को ऐसे घूर

रहा है जैसे खा जाएगा,

स्वीटी- और अवी कुछ और भी बताओ अपने बारे मे तुम्हे कौन सा गेम पसंद है कौन सा सॉंग पसंद है कौन सा आक्टर

पसंद है

अवी- स्वीटी कुछ काम के सवाल पूछो यह सब तो बेकार की बाते है

स्वीटी- अच्छा तो कौन सी बाते तुम्हे ज़्यादा पसंद है

अवी- कुछ डिफ़्फरेंट सवाल

स्वीटी - मुस्कुराते हुए, अच्छा तो यह बताओ मैं ज़्यादा खूबसूरत हू या डिंपल

अवी - उसको मुस्कुरा कर देखता हुआ, अपने मन मे साली बड़ी बदमाश है फसाने वाले सवाल पूछ रही है

स्वीटी- मुस्कुरा कर क्या हुआ तुम तो मेरे किसी भी सवाल का जवाब नही दे पा रहे हो

अवी- नही ऐसी बात नही है तुम्हारे सवाल का जवाब है मेरे पास

स्वीटी- तो फिर चुप क्यो हो बताओ मैं तुम्हे ज़्यादा खूबसूरत लगती हू या तुम्हारी दीदी

अवी- चेहरे से मेरी दीदी ज़्यादा खूबसूरत लगती है और फिगुर से तुम ज़्यादा खूबसूरत लगती हो

स्वीटी- क्यो डिंपल का फिगर खूबसूरत नही है क्या, लगता है तुमने अपनी दीदी को अच्छे से देखा नही है अगर उसे ठीक

से देखते तो ऐसी बात नही करते, वो क्या है ना वह ज़्यादातर तुम्हारे सामने सलवार कमीज़ मे ही नज़र आई है इसलिए तुम

ऐसा कह रहे हो, एक बार अपनी दीदी को अच्छे से उपर से नीचे तक देखो तब तुम्हे पता चलेगा कि तुम रोज रात को एक हुस्न की मालिका के साथ सोते हो

अवी- स्वीटी की बात सुन कर अवी दम सन्न रह जाता है और अपने मन मे सोचता है स्वीटी जैसी दिखती है उससे कही ज़्यादा बदमाश और चालाक है, मौका लगने पर यह मेरे बहुत काम आ सकती है इससे मुझे अपने रीलेशन और गहरे कर लेना चाहिए,

अवी- अरे स्वीटी माना कि मेरी दीदी का फिगुर भी अच्छा है लेकिन मुझे तो तुम ही ज़्यादा अच्छी लगती हो

स्वीटी- अपने मन मे मुस्कुराते हुए स्पचती है लड़का इतना सीधा तो लगता नही जितना डिंपल समझती है, यह बहुत सोच

समझ कर जवाब दे रहा है ज़रूर इसके मन मे बहुत सी बाते चल रही है,

स्वीटी- अरे अवी तुम तो झूठी तारीफ करने लगे, कही तुम यह तो नही कहना चाहते की मैं बहुत सेक्सी नज़र आती हू

अवी- मुस्कुराते हुए उसके मोटे-मोटे दूध उसकी आँखो के सामने ही देखते हुए पता नही पर तुम लगती अच्छी हो

स्वीटी- उसकी नज़रो को अपने मोटे-मोटे दूध पर चुभते हुए उसकी आँखो मे देखती है और उसके चेहरे से हसी गायब

हो जाती है और वह अपने मन मे सोचती है यह तो बड़ा कमीना है मेरी आँखो के सामने ही मेरे दूध ऐसे देख रहा

है जैसे अभी उन्हे पकड़ कर खा जाएगा, मुझे तो नही लगता यह डिंपल को छोड़ता होगा, रात को जब डिंपल गहरी नींद

मे होती होगी तो यह ज़रूर उसके दूध दबाता होगा,

अवी- मुस्कुराते हुए क्या सोचने लगी

स्वीटी- उससे अपनी नज़रे हटा कर दूसरी ओर देखती हुई कुछ नही

कुछ पॅलो तक उन दोनो के बीच शांति छाई रहती है तभी दूसरी और से डिंपल चाइ लेकर आती है और

डिंपल- क्या बात है तुम दोनो बहुत खामोश बैठे हो,

अवी- मुस्कुराते हुए अरे नही दीदी हमने तो बहुत सारी बाते इतनी देर मे कर डाली

डिंपल- अच्छा, क्या-क्या बाते हो गई तुम्हारे बीच ज़रा मुझे भी तो बताओ

स्वीटी- कुछ नही अवी कह रहा था कि उसकी दीदी इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है

अवी- अपनी आँखे निकाल कर स्वीटी की ओर देखने लगता है और स्वीटी उसको देख कर मुस्कुराते हुए डिंपल की ओर

देखने लगती है,

डिंपल- मुस्कुरा कर और क्या कह रहा था अवी मेरे बारे मे

स्वीटी- अवी को देख कर मुस्कुराते हुए और सब मे तुझे बाद मे बताउन्गि

डिंपल- ऐसा क्या कह रहा था अवी जो तू मुझे बाद मे बताएगी क्यो अवी

अवी- अरे दीदी मैं कुछ नही कह रहा था, स्वीटी तो मज़ाक कर रही है

तीनो की आपस मे बाते होती रहती है और तभी पड़ोस की कोई आंटी डिंपल को बाहर बुला कर बात करने लगती है डिंपल के जाते ही

अवी- अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए, क्यो स्वीटी क्या बकवास कर रही थी तुम दीदी के सामने

स्वीटी- उसे मुस्कुरा कर देखते हुए अब मैने क्या किया है

अवी- तो फिर दीदी से मेरे बारे मे झूठ क्यो कह रही थी

स्वीटी- मैने ऐसा क्या कह दिया जो तुम नाराज़ हो रहे हो

अवी- तो फिर दीदी से क्यो कह रही थी कि दीदी मुझे बहुत अच्छी लगती है

स्वीटी- तुम्ही ने तो कहा था ना कि तुम्हे तुम्हारी दीदी सबसे सुंदर लगती है

अवी- हा कहा था मगर

स्वीटी- मुस्कुराते हुए मगर क्या, लगता है तुम नही चाहते कि तुम अपनी दीदी को जितना लाइक करते हो उसे उस बात का पता ना चले

अवी- अपना सर झुका कर मेरा मतलब वह नही था, पर तुम्हे यह सब दीदी से कहने की ज़रूरत क्या है, आगे से मैं तुमसे

कोई फालतू बात नही करूँगा, तुम चाहे जहाँ बोल देती हो

स्वीटी- अच्छा बाबा नाराज़ क्यो होते हो मुझे क्या पता था कि यह बात डिंपल से नही करना है, और स्वीटी अपने गले को

हाथ लगाकर, अब नही बोलूँगी प्रोमिस, ओके

अवी- मुस्कुराते हुए ओके

क्रमशः........
 
स्वीटी- जानेमन बाइ-बाइ

स्वीटी अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चल देती है और रास्ते भर अवी के बारे मे सोचती रहती है, अवी के मन मे कुछ तो उल्टा

सीधा चल रहा है, उससे मुझे पता तो करना होगा लेकिन कैसे, पर यह तो पक्का है वह नॉर्मल नही लग रहा था और

उसके चेंज होने मे कुछ तो बात है इस तरह अचानक इंसान के इतना चेंज होने के पीछे तो सिर्फ़ एक ही रीज़न होता है

और वह है लव, पर किससे, कही अवी अपनी दीदी, अरे नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, पर कुछ तो है खेर देखा जाएगा,

और फिर स्वीटी अपने घर पहुच जाती है और इधर डिंपल अवी के पास जाकर

डिंपल-क्या बात है अवी और पढ़ाई, देख कर यकीन नही होता

अवी- मुस्कुराता हुआ किताब बंद करके, क्या दीदी तुम भी उस पकाऊ स्वीटी को लेकर आ गई दो घंटे से बोर कर दिया उसने

डिंपल- मुस्कुरा कर क्यो वह तुझे अच्छी नही लगती क्या, पर मेरी तो सबसे खास सहेली है तुझे पता है मुझ पर जान

देती है, मुझसे बहुत प्यार करती है

अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर, मुझसे भी ज़्यादा

डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, अब मुझे क्या पता तू अपनी दीदी से कितना प्यार करता है

अवी- तो फिर तुम्हे यह कैसे पता कि स्वीटी तुमसे बहुत प्यार करती है

डिंपल- इसलिए कि वह मेरी हर बात मनती है और मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है

अवी- पर दीदी तुमने अपने भाई को अभी तक आजमाया ही कहाँ है

डिंपल- अच्छा, तो तू क्या कर सकता है मेरे लिए

अवी- एक बार कह कर तो देखो अपनी जान भी दे सकता हू

डिंपल- उसको देखती हुई, बहुत बड़ी-बड़ी बाते करने लगा है, चल किताब खोल कर पढ़ाई कर

अवी- अच्छा दीदी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो

डिंपल- कुछ सोच कर अपनी नज़रे इधर उधर मतकाती हुई, पता नही, शायद बहुत

अवी- मुस्कुराते हुए अपने मन मे पर दीदी शायद तुम नही जानती कि मैं तुम्हे कितना चाहने लगा हू, तुम मुझे

बहुत-बहुत अच्छी लगती हो दिल करता है तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर इतना चुमू, इतना चुमू कि तुम मेरे प्यार मे

पागल हो जाओ, फिर अपने मन मे गुस्सा करते हुए, पर पता नही तुम कुछ समझती क्यो नही

डिंपल- अब क्या सोच रहा है अवी चल किताब खोल कर पढ़ाई कर और डिंपल वही बेड पर लेट जाती है और अवी उसको उपर से

नीचे तक देखता है और उसे स्वीटी की बात याद आ जाती है

अवी- दीदी तुम ये रोज-रोज सलवार कमीज़ क्यो पहन लेती हो

डिंपल- उसको देखते हुए, तो और क्या पहनु

अवी- कुछ डिफ़्फरेंट ड्रेस पहना करो ना

डिंपल- जैसे

अवी- अब मैं क्या बटाऊ और इधर उधर देखने लगता है

डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्यो मैं तुझे सलवार कमीज़ मे अच्छी नही लगती क्या

अवी- मुस्कुरकर नही दीदी तुम तो हर ड्रेस मे अच्छी लगती हो पर

डिंपल- पर क्या, क्या तू मुझे किसी और ड्रेस मे देखना चाहता है

अवी- दीदी अगर तुम स्कर्ट और टीशर्त या फिर जीन्स और टीशर्त भी पहनॉगी तब भी बहुत अच्छी लगोगी

डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्या बात है आज कल तू मुझ पर बहुत ध्यान देने लगा है, और मैने सुना है तूने मेरे लिए

किसी लड़के को मारा था

अवी- तुमसे किसने कहा

डिंपल- किसी ने भी कहा हो पर मारा था ना

अवी- हाँ मारा था

डिंपल- क्यो मारा था,

अवी- वो-वो तुम्हारे बारे मे ग़लत बात कर रहा था

डिंपल- क्या ग़लत बात कर रहा था

अवी- अब जाने भी दो ना दीदी उस बात को बीते काफ़ी समय हो गया है

डिंपल- उसने मेरे बारे मे सिर्फ़ कुछ बात कह दी तो तूने उसे चैन से मारा, कल को कोई मेरा हाथ पकड़ लेगा तो तू तो ना

जाने क्या करेगा

अवी- अपने चेहरे पर गुस्सा लाते हुए मैं उसे जान से मार दूँगा

डिंपल- पर क्यो

अवी- बस ऐसे ही मुझसे बर्दास्त नही होता की कोई तुम्हे हाथ भी लगाए

डिंपल- मुस्कुराते हुए, इतना ख्याल है अपनी दीदी का

अवी- इससे भी ज़्यादा

डिंपल- और अगर कोई लड़का तुझसे यह कहे कि वह मुझसे शादी करना चाहता है तो

अवी- तब भी मैं उसे जान से मार दूँगा

डिंपल- आश्चर्या से क्यो क्या तू नही चाहता कि तेरी दीदी की शादी हो

अवी- नही

डिंपल- चौक्ते हुए, पर क्यो

अवी- मैं नही जानता, और आगे से मुझसे ऐसी फालतू बात करने की ज़रूरत नही है और अवी उठ कर बाहर आ जाता है और

डिंपल उसे आश्चर्या से देखने लगती है
 
थोड़ी देर बाद डिंपल बाहर आकर अवी के पास बैठते हुए,

डिंपल- इस तरह नाराज़ होकर क्यो आ गया ऐसा क्या कह दिया मैने

अवी- मैं नही चाहता कि तुम मुझे छ्चोड़ कर जाओ

डिंपल- मुस्कुराते हुए उसका गाल खींच कर अरे बुद्धू मैं कहाँ तुझे छ्चोड़ कर जा रही हू

अवी- उसको घूर कर देखता हुआ, एक बात याद रखना दीदी अगर तुम मुझे छ्चोड़ कर भी जाना चाहोगी तो मैं जाने नही

दूँगा

डिंपल- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा मत जाने देना, अब तो खुश, चल अब मुस्कुरा दे

अवी- डिंपल की बात सुन कर मुस्कुरा देता है और डिंपल टीवी ऑन करके सोफे से टिक कर उसके पास बैठ जाती है, अवी उठ कर

डिंपल के ठीक सामने वाले सोफे पर बैठ जाता है और डिंपल को देखने लगता है

डिंपल टीवी देखती हुई बीच-बीच मे अवी की ओर देखती है और जब वह अवी को देखती है तो अवी उसकी ओर से नज़रे हटा लेता

है

डिंपल- वहाँ जा कर क्यो बैठ गया

अवी- मुझे टीवी नही देखना है

डिंपल- टीवी देखने लगती है और अवी डिंपल को उपर से नीचे तक देखता है और उसकी नज़रे डिंपल के मोटे-मोटे उठे हुए

दूध पर जाकर ठहर जाती है और वह उसके मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ सोचने लगता है काश दीदी मुझे अपने सीने

से चिपका ले तो मैं दीदी को बहुत प्यार करूँगा वाकई स्वीटी सच कह रही थी मैने अभी तक दीदी को गौर से देखा ही

नही था, अगर दीदी टीशर्त और जीन्स या स्कर्ट पहनेगी तो कितनी खूबसूरत और सेक्सी लगेगी, रवि जब उसके मोटे-मोटे दूध

को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था तब डिंपल उसे अपने दूध देखते हुए देख लेती है और अचानक अवी उसकी

आँखो मे देखता है, और ना जाने क्यो उसको इस बार डिंपल से डर नही लगता है और वह डिंपल की आँखो मे बेखौफ़

देखता जाता है और मजबूरन डिंपल झेंप कर अपनी नज़रे फिर से टीवी की ओर लगा देती है, उसकी इस प्रतिक्रिया से अवी का उत्साह

कुछ बढ़ जाता है और वह फिर से अपनी दीदी के मस्त उठे हुए कठोर दूध को देखने लगता है और डिंपल अपनी तिर्छि

नज़रे जब अवी की ओर डालती है तो उसे बड़ा आश्चर्या होता है अवी उसके मोटे-मोटे दूध को घूर कर देख रहा था और

डिंपल को यह एहसास हो जाता है कि अवी उसे दूसरी नज़रो से देखने लगा है और वह थोड़ा गुस्सा करती हुई टीवी बंद कर देती

है और उठ कर अवी को घूर कर देखती हुई रूम की ओर जाने लगती है,

अवी का जो डर अपनी दीदी के लिए था वह ना जाने कहा गायब हो जाता है और वह अपनी दीदी को अपने मस्ताने चूतादो को मटका कर जाते हुए देखने लग जाता है, अचानक डिंपल अवी को पलट कर देखती है और उसकी नज़रे अपने मोटे-मोटे

चूतादो पर देख कर डिंपल उसे घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखती है और अवी धीरे से उसे देख कर मुस्कुरा देता

है, डिंपल सीधे अपने बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट जाती है और अवी की हरकत को सोच कर मन ही मन खूब गुस्सा होने

लगती है, और अपने मन मे शैतान कही का ना जाने कहा से ऐसे गुण सीख कर आया है अपनी बहन को कोई ऐसी नज़रो से

देखता है,
 
गुस्सा तो ऐसा आ रहा है की जाकर एक थप्पड़ कस कर गाल पर जमा दू, बेशरम कही का,

अवी- बैठा-बैठा सोचता है, लगता है दीदी मुझ से नाराज़ हो गई है पर मैं भी क्या करू कहा तक मैं छुपाऊ की मैं उसे

कितना चाहता हू वह तो ऐसे समझने को तैयार ही नही है, अब कुछ भी हो जाए मैं दीदी को अपनी बाँहो मे लेकर रहूँगा

मैं उसके बिना नही रह सकता, वह चाहे बुरा माने या अच्छा मैं उससे अपने प्यार का एहसास करा कर रहूँगा, मैं उससे

अभी जाकर साफ कह देता हू कि मैं उससे बहुत प्यार करता हू और मैं उसे अपनी बाँहो मे भर कर बहुत-बहुत प्यार करना

चाहता हू, उसने मुझे पागल कर दिया है, वह दिन रात मेरे दिल को तड़पाती रहती है, उसे क्या पता कि मैं उसको अपनी बाँहो

मे भर कर उसे उपर से नीचे तक चूमने के लिए कितना तड़प रहा हू, फिर वह अपने मन मे सोचता है, नही-नही

मुझे इतनी जल्दिबाजी नही करना चाहिए कही वह मुझसे ज़्यादा नाराज़ हो गई तो मैं उसके बिना कैसे रह पाउन्गा, मैं उसे

नाराज़ नही करना चाहता,

कुछ देर तक अवी वही बैठा रहता है जब उससे नही रहा जाता तो वह उठ कर डिंपल के पास रूम मे आ जाता है और

डिंपल छत की ओर आँखे खोले देखती रहती है और अवी को देख कर अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर करवट ले लेती है

अवी- तोड़ा घबराते हुए, दीदी क्या हुआ तुम ऐसे अचानक क्यो चली आई

डिंपल- उसकी बातो का कोई जवाब नही देती है

अवी- दीदी कुछ बोलती क्यो नही

डिंपल- पलट कर उसकी आँखो मे देख कर क्या है, क्या काम है तुझे मुझसे

अवी- काम तो कुछ भी नही है, पर क्या मैं भी तुम्हारे पास लेट जाउ

डिंपल- उसकी बात सुन कर दूसरी ओर सरक जाती है और अवी मुस्कुराता हुआ उसके पास लेट जाता है और अपना मूह डिंपल की ओर

करके करवट ले लेता है, डिंपल फॅन की ओर देखती हुई सीधी लेटी रहती है

अवी- दीदी इतनी चुप-चुप क्यो हो

डिंपल- उपर देखते हुए, ऐसे ही

अवी- डिंपल का हाथ पकड़ कर इधर देख कर बात करो ना

डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए उसकी और गुस्से से देखती हुई बिना छुए बात नही कर सकता क्या

अवी- बिल्कुल मासूम बन कर मैने तो आज पहली बार तुम्हे छुआ है

डिंपल- उसको देख कर थोड़ा मुस्कुराते हुए अवी तू बहुत शैतान हो गया है

अवी- अपनी दीदी को मुस्कुराते देख कर फिर से आत्मविश्वास से भर जाता है और, दीदी एक बात कहु तुम जब मुस्कुराती हो तो

बहुत खूबसूरत लगती हो

डिंपल- मुस्कुरकर उसे देखती हुई, अच्छा

अवी- दीदी एक और बात कहु,

डिंपल- क्या

अवी-दीदी जब तुम गुस्से मे होती हो तो मुझे सबसे ज़्यादा खूबसूरत लगने लग जाती हो, तुम जब गुस्से से देखती हो तो मेरा

दिल करता है कि

डिंपल की हसी अवी की बात सुन कर एक दम से गायब हो जाती है और

डिंपल- उसकी आँखो मे देख कर क्या दिल करता है तेरा

अवी- इधर उधर नज़रे नचाते हुए, कुछ नही

डिंपल- अभी तो तू कुछ कह रहा था

अवी- रहने दो तुम फिर नाराज़ हो जाओगी

डिंपल- ऐसा क्या कहने वाला था तू कि मैं नाराज़ हो जाउ

अवी- अब छोड़ो भी दीदी

डिंपल- कुछ सीरीयस होकर अवी तू जानता है ना कि मैं तेरी बहन हू

अवी- तो

डिंपल- तो तू यह भी जानता होगा कि अपनी बहन के प्रति तुझे कैसा रवैया रखना चाहिए

अवी- दीदी तुम कहना क्या चाहती हो

डिंपल- मैं जो कहना चाहती हू वह तू अच्छी तरह समझ रहा है

अवी- दीदी जब तुम खुद नही समझ पा रही हो कि मैं क्या चाहता हू तो फिर मैं कैसे समझ जाउ कि तुम क्या कहना चाहती

हो

डिंपल- क्या चाहता है तू

अवी- कुछ नही

डिंपल- साफ-साफ बात क्यो नही करता है तू, और अभी क्या कह रहा था कि गुस्से मे मैं बहुत खूबसूरत लगती हू और तेरा दिल

क्या करता है, कही तू अपनी दीदी के बारे मे कुछ ग़लत तो नही सोचता है, और अगर सोचता है तो यह बहुत ग़लत बात है

और तुझे आगे से इन बातो का ध्यान रखना चाहिए

अवी- गुस्सा करते हुए, दीदी मैं तुम्हारा भासन सुनने नही आया हू और एक बात मेरी भी कान खोल कर सुन लो, आगे से

मुझे समझाने की कोशिश मत करना,

डिंपल- गुस्सा करती हुई अब तू इतना बड़ा हो गया कि अपनी दीदी से बहस करने लगा है,

अवी- बेड से खड़ा होकर, डिंपल को देखता हुआ, कोई इतनी बड़ी भी नही हो मुझसे की मुझे जब देखो भाषण देने लगो,

सिर्फ़ एक ही साल बड़ी हो मुझसे और कोई भी देखेगा तो यही कहेगा कि मैं ही तुमसे बड़ा दिखता हू

अवी की बाते सुन कर डिंपल का मूह खुला का खुला रह जाता है और अवी वहाँ से पेर पटकता हुआ बाहर निकल जाता है और

गुस्से मे अपने जूते पहन कर घर से बाहर निकल जाता है, कुछ देर तक डिंपल बेड पर लेटी हुई अवी के बारे मे सोचती

रहती है और फिर सोचती है कि अवी भी अब जवान हो गया है इसलिए उसने गुस्से मे सब बाते कह दी,

लेकिन अवी मे इन दो दिनो

मे बहुत बदलाव आ गया है, कही उसके बदलने का कारण मैं ही तो नही, क्या अवी को मैं, उफ्फ मैं भी क्या-क्या सोचने लग

जाती हू, अभी जाकर उसे मना लेती हू और फिर डिंपल उठ कर बाहर जाती है और अवी को ना पाकर घर के बाहर तक उसे देखने की कोशिश करती है पर अवी नज़र नही आता है और फिर वह वापस कुछ सोचते हुए वापस बेड पर आकर पेट के बल लेट जाती है और उसकी नज़र दूर अलमारी मे रखी हुई अवी की तस्वीर पर पड़ती है और उसके कानो मे स्वीटी की बाते

गूंजने लगती है "डिंपल तेरा भाई तो बहुत हॅंडसम है- और चिकना भी कितना है जब यह हमारे कॉलेज मे आएगा तो

देखना लड़कियो की लाइन लग जाएगी उसे फसाने के लिए"

डिंपल स्वीटी की बात याद करते हुए अवी की तस्वीर देख कर मंद-मंद मुस्कुराने लगती है और फिर वही लेटे-लेटे उसकी

नींद लग जाती है,

क्रमशः........
 
अजब प्रेम की गजब कहानी --5

गतान्क से आगे......

अवी- और क्या रघु भाई क्या हो रहा है

रघु- अरे आओ अवी भैया, अच्छा हुआ तुम आ गये हम तो आज सुबह से तुमको ही याद कर रहे थे

अवी- क्यो रघु भाई ऐसी क्या बात है

रघु- अरे अवी भैया उसको जानते हो ना जो सामने वाले मकान मे छत पर खड़ी हो कर पानी की नली से पेड़ पौधो को

पानी देती रहती है और अपनी मोटी गदराई गंद मटका-मटका कर झुक-झुक कर अपने भारी-भारी चूतड़ हमारी ओर दिखाती

रहती है,

अवी- कौन शीला आंटी की बात कर रहे हो क्या

रघु- अरे हाँ वही जिसे हम शीला की जवानी के नाम से पुकारते है

अवी- हाँ उसकी गंद तो बहुत मोटी और उठी हुई है उसे देख कर तो मेरा लंड तुरंत खड़ा हो जाता है

रघु- अरे अवी भैया आज जानते हो वह जब पौधो को पानी डाल रही थी तो उसने अपनी साडी को उपर तक चढ़ा कर बिल्कुल

छत के किनारे खड़ी होकर पानी दे रही थी और मैं जब उसके घर के पास वाली दुकान से समान लेने गया तो उसकी गोरी-गोरी

पिंदलिया देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैने जैसे ही उपर नज़र मारी कसम से उसकी मोटी-मोटी जंघे तक नज़र

आ गई क्या माल है अवी भैया एक बार चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाएगा

अवी- यार रघु भाई एक बात बताओ अगर किसी लड़की से प्यार हो जाए तो उसे कैसे बताया जाय कि मैं उससे कितना प्यार करता हू

रघु- अरे इसमे क्या है उससे सीधे कह दो कि मैं तुमसे प्यार करता हू

अवी- अरे यह तो मैं कितनी बार कह चुका हू पर वह उसे मज़ाक मे ले लेती है

रघु- तो फिर उसके मस्त बदन को उसके सामने ही खूब अच्छे से देखो तो वह समझ जाएगी कि तुम उसे चोदना चाहते

हो और बस फिर वह भी तुम्हे पास आने का रास्ता दे देगी

अवी- अरे रघु भाई मैं उसके बदन को भी देख चुका हू पर वह कोई रिप्लाइ नही देती है अब बताओ क्या करे

रघु- अवी भैया ऐसी कौन सी लड़की है जिसके तुम दूध और गंद को उसी के सामने देखते हो और वह कुछ नही कहती, इसका

मतलब तो यही हुआ कि उसे भी तुम्हारा देखना अच्छा लगता है नही तो अभी तक तो तुम्हे कुछ ना कुछ कह ही देती

अवी- क्या सचमुच उसे अच्छा लगता होगा

रघु- अरे अवी भैया तुम लड़कियो को नही जानते कोई एक बार उनके दूध को घूर कर देख लेता है तो वह उस बात को कम से

कम दिन भर मे 50 बार सोचती है और 90 पर्सेंट लड़किया सोच-सोच कर खुश होती है और कई लड़किया तो गरम भी हो

जाती है
 
अवी- यार रघु भैया तुम बात तो बिल्कुल ठीक कह रहे हो, पर इसके भी आगे बढ़ने के लिए क्या करना चाहिए,

रघु- क्या वह लड़की ज़्यादा नखरा दिखा रही है क्या, मेरा मतलब है तुम्हे मना भी नही कर रही होगी और तुम्हे

अपने पास भी नही आने दे रही होगी

अवी- बिल्कुल ठीक कह रहे हो रघु भाई मैं उसे हर तरह से बता चुका हू पर पता नही वह जान भुज कर अंजान बन रही

है या फिर मेरे पास आना ही नही चाहती

रघु- अवी भैया फिर तो एक ही बात हो सकती है वह सोचती होगी कि तुम ही पहल करके उसे अपनी बाँहो मे भर लो, जब तक

तुम उसे यहाँ वहाँ हाथ नही लगाओगे वह ऐसे ही नखरा करती रहेगी, थोड़ा बहुत उसे छुओगे तब ही तो उसके भी बदन

मे करेंट दौदेगा, एक बार तुमने थोड़ा सा करेंट उसके बदन मे दौड़ा दिया तो फिर वह खुद ही तुम्हारे आस पास

मंडराने लगेगी ताकि तुम उसे फिर से थोड़ा करेंट लगाओ और उसे मज़ा आए

अवी- खुश होते हुए क्या बात है रघु भैया, तुमने एक दम पते की बात कही है, बिना उसके करीब जाए उसे पिघलाना

आसान नही होगा जब मैं उसके करीब जाकर उसे थोड़ा चूऊंगा तब ही तो उसे भी एहसास होगा कि किसी मर्द के साथ चिपकने

मे कैसा लगता है,

रघु- पर अवी भैया वह है कौन

अवी-अरे रघु भाई तुम उसे नही जानते हो पर वह मुझे इतनी प्यारी लगती है कि मैं उसे दिन रात अपनी बाँहो मे लेकर

चूमते रहना चाहता हू

रघु- मुस्कुराते हुए केवल चूमना ही चाहते हो या उसे चोदना भी चाहते हो

अवी- रघु की बात सुन कर एक दम से उत्तेजित हो जाता है और अपने मन मे सोचता है क्या मे सचमुच अपनी दीदी को

चोदना चाहता हू

रघु- अरे कहाँ खो गये अवी भैया लगता है अपनी जान को ख्यालो मे ही चोदने लगे हो क्या

अवी- रघु भाई एक ज़रूरी काम याद आ गया मैं बाद मे तुम्हारे पास आता हू

रघु- अरे अवी भैया बस 5 मिनिट और रुक जाओ फिर चले जाना, क्या कोई बहुत खूबसूरत अप्सरा को पटाने मे लगे हो, मैं तो कहता हू अवी भैया अब तुम बड़े भी हो गये हो और सुंदर भी दिखते हो, जल्दी से उसे पटा कर उसे अपनी बाँहो मे भर लो, सच अवी भैया आज तक तुमने किसी लड़की को चोदा नही है ना

अवी- नही रघु भाई किसी को नही चोदा है

रघु- और किसी को नंगी देखा है कि नही

अवी- फोटो और मूवी मे देखा है पर वास्तविक मे नही देखा है

रघु- अरे अवी भैया जब तुम उसे पूरी नंगी करके अपने सीने से चिपकाओगे ना तब तुम यही कहोगे कि इससे ज़्यादा मज़ा दुनिया मे किसी भी चीज़ मे नही है, और फिर एक बात और कहु अवी भैया, लड़कियो को चोदने मे तो बहुत मज़ा आता है पर अगर हम उस लड़की को चोदे जिसे हम सच्चे दिल से प्यार भी करते है तब अवी भैया वह मज़ा 100 गुना से भी ज़्यादा बढ़ जाता है क्योकि उस समय तुम उसे सच्चे दिल से अपनी बाँहो मे भर कर उसे प्यार करते हो

अवी- रघु भैया आप यह बात तो बिल्कुल सही कह रहे हो, पर मैने उसे कभी चोदने के बारे मे सोचा नही है

रघु- अवी भैया जिस दिन वह तुम्हे अपना मान लेगी ना तो सब से पहले वह तुमसे चुदने के लिए ही तड़पेगी, और तुम उसे जिस दिन अपने सीने से लगा लोगे ना उस दिन से तुम उसे पूरी नंगी करके अपने बदन से चिपकाने के लिए तड़पने लगॉगे, यह होता है प्यार और सेक्स मे, जब प्यार और सेक्स दोनो एहसास मिल जाते है तो दुनिया के हर सुख उसके आगे फीके नज़र आते है

क्या तुम उसे नंगी देखने के लिए नही तड़प्ते हो

अवी- हाँ रघु भैया मैं उसे पूरी नंगी करके अपनी बाँहो मे भर कर उसे खूब प्यार करना चाहता हू

रघु-मुस्कुराते हुए और उसे चोदना चाहते हो या नही

रघु की बात सुन कर अवी का लंड खड़ा हो जाता है और उसकी आँखो के सामने बस उसकी दीदी का ही चेहरा घूमने लगता है

अवी- हाँ रघु भैया मैं उसे चोदना भी चाहता हू, मैं उसे बहुत प्यार करता हू रघु भैया बस तुम दुआ करो कि वह जल्दी से मेरी बाँहो मे आ जाए

रघु- मैं अपने दोस्त के लिए सच्चे दिल से कामना करता हू कि तुम्हे जल्दी ही तुम्हारा सच्चा प्यार हासिल हो जाए

अवी- अच्छा रघु भाई अब मैं जाता हू फिर आउन्गा

रघु- अवी भैया ऐसे ही आ जया करो तुम आते हो तो बड़ा अच्छा लगता है

अवी- क्यो नही रघु भैया, अच्छा अब मैं जाता हू फिर मिलेंगे

रघु-अच्छा अवी भैया फिर आना

अवी सीधा अपने घर की ओर चल देता है और उसका दिल अपनी दीदी को जल्द से जल्द देखने के लिए मचलने लगता है

वह घर पहुचता है और दरवाजा बजाता है थोड़ी देर बाद डिंपल दरवाजा खोल कर

डिंपल-कहाँ गया था

अवी- बस यही पास मे ही था दीदी

डिंपल- बोल के नही जा सकता था, मैं अंदर थी और तू चुपचाप चला गया

अवी- मुस्कुराते हुए डिंपल के गाल को अपने हाथो से छूकर अपने हाथो को अपने मूह से चूमता हुआ, दीदी तुम गुस्से

मे बहुत खूबसूरत लगती हो और फिर अवी घर के अंदर आ जाता है और डिंपल अपना मूह फाडे उसे देखती रहती है फिर

मंद-मंद मुस्कुराते हुए वापस दरवाजा लगा देती है, और वापस आकर अवी के पास आकर बैठ जाती है

अवी डिंपल को घूर कर देखने लगता है और डिंपल उसकी ओर देख कर

डिंपल-ऐसे क्या देख रहा है
 
अवी- मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़ कर, अपनी खूबसूरत दीदी को देख रहा हू

डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए, तुझे और कोई काम है मुझे देखने के अलावा

अवी- दीदी एक बात बोलू

डिंपल- कौन सी बात

अवी- उसके गालो को अपने हाथो से छूकर, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो

डिंपल- मुस्कुरकर मुझे लगता है तू एक दो दिन से पागल हो गया है

अवी- डिंपल के सामने ही उसके भरे हुए बदन पर नज़र मारते हुए उसकी बाँहो मे अपनी उंगली उपर से लेकर नीचे की ओर

चला कर, जिसकी इतनी खूबसूरत दीदी हो वह पागल नही तो क्या होगा

डिंपल-मुस्कुरा कर उठते हुए, मैं जा रही हू तू बैठ यहा

अवी-अपनी दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खिचता है और वह एक दम से उसकी गोद मे गिरते हुए बैठ जाती है और फिर जल्दी

से उठने की कोशिश करती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर, दीदी कहाँ जा रही हो

डिंपल- अपनी आँखे दिखा कर खड़ी हो जाती है और अवी तू पागल हो गया है यह क्या कर रहा है

अवी -उसका हाथ पकड़ कर दीदी मैं तुम्हारी पप्पी लेना चाहता हू

डिंपल- अपना हाथ छुड़ा कर, छोड़ मुझे और मुस्कुराते हुए जाने लगती है और पलट कर अवी तू सचमुच पागल हो गया

है

अवी- बैठे-बैठे मुस्कुराता हुआ, दीदी प्लीज़ एक पप्पी दे दो ना

डिंपल- मुस्कुराते हुए पलट कर बड़ा आया पप्पी लेने वाला और अपने बेडरूम मे घुस जाती है

अवी उसे देख कर मुस्कुराता रहता है और फिर थोड़ी देर बाद ही डिंपल वापस बाहर आती है और अवी को देख कर मुस्कुराते

हुए किचन मे चली जाती है और फिर वापस आकर अवी के सामने बैठ कर एक बुक उठा कर पढ़ने लगती है, अवी उसको

देख कर मुस्कुराता है और डिंपल भी उसे देख कर मुस्कुराने लगती है, अवी कुछ देर तक डिंपल के खूबसूरत चेहरे को

देखता रहता है फिर कुछ सोच कर दीदी चलो मार्केट चले

डिंपल- मगर क्यो

अवी- तुम भूल गई पापा ने कहा था कि मोबाइल खरीद लेना

डिंपल- हाँ कहा तो था पर

अवी- उसका हाथ पकड़ कर उठाते हुए जल्दी उठो ना

डिंपल- अब ज़रा रुक जा तेरे सर पर तो एक दम से भूत सवार हो जाता है, मुझे अपने कपड़े तो चेंज करने दे

अवी- अच्छा ठीक है चलो जल्दी कर लो

डिंपल- उठ कर अपने रूम की ओर जाती है और अवी उसके पीछे-पीछे रूम मे पहुच जाता है, डिंपल अपने आप से ज़ोर से

बतियाते हुए क्या पहनु, क्या पहनु

अवी- दीदी जीन्स और टीशर्ट पहन लो

डिंपल- मुस्कुरा कर चल तू कहता है तो पहन लेती हू और फिर डिंपल अपना जीन्स और टीशर्ट निकाल कर अवी को देखती हुई तू

यहाँ खड़ा-खड़ा मेरा मूह क्या देख रहा है मुझे कपड़े पहनना है

अवी- तो पहनो ना जल्दी से

डिंपल- उसे घुरती हुई तू बाहर जाएगा तब ना पहनूँगी

अवी- उसकी बात को सुन कर उसके जिस्म को अपनी निगाहो से उपर से नीचे तक देखता हुआ उसकी आँखो मे देखता है और डिंपल

उसकी नज़रो को देखने लगती है और अवी अपनी दीदी की आँखो मे देखता हुआ धीरे-धीरे उसकी ओर जाने लगता है दोनो के

चेहरे पर सीरीयस भाव थे लेकिन दोनो की नज़रे बिना पालक झपकाए एक दूसरे की आँखो मे देख रही थी, अवी जैसे-जैसे

डिंपल के करीब जा रहा था डिंपल कुछ बेचैन होती जा रही थी और अवी जब उसके एक दम से करीब पहुच जाता है तो

डिंपल की साँसे कुछ तेज हो जाती है,
 
दोनो एक दूसरे के बिल्कुल करीब खड़े हुए एक दूसरे की आँखो मे देखते है तभी

अवी- उसके गोरे गालो पर अपना हाथ फेर कर सहलाता हुआ, दीदी जब तुम मुझे अपनी ऐसी निगाहो से देखती हो तो मेरा दिल करता

है कि मैं तुम्हे, और फिर अवी कहते हुए एक दम से रुक जाता है और पलट कर रूम से वापस आने लगता है और डिंपल

एक बुत की तरह उसे देखती रहती है और अपने मन मे खुद ही कुछ सवाल करने लगती है और अपने आप को ही धोखा देते

हुए यह सोचती है कि पता नही अवी ऐसी बाते क्यो कर रहा है जबकि उसका दिल सच्चाई के काफ़ी करीब होता है और वह अवी

की हर्कतो को समझने लग जाता है, अवी की बातो पर डिंपल को कभी गुस्सा आता है और कभी उसे उसकी हरकते अच्छी भी

लगने लग जाती है, डिपेंड करता है कि उसका मन कैसा है,

डिंपल जैसे ही बाहर आती है अवी उसको देख कर सन्न रह जाता है क्यो की वह डिंपल को पहले बहुत कम टीशर्ट और जीन्स

मे देख पाया था, उनका टाइमिंग ही ऐसा था कि अवी सुबह से शाम तक गायब रहता था और डिंपल कभी जीन्स टीशर्ट कॉलेज पहन कर जाती भी तो शाम को आने के बाद उतार देती थी,

डिंपल का भरा हुआ बदन और खूबसूरती देख कर अवी एक दम से पागल हो जाता है और जब उसकी नज़रे डिंपल के कसे

हुए मोटे-मोटे दूध जो टशहिर्त से साफ नज़र आ रहे थे को देख कर एक दम से उसके मोटे-मोटे दूध को घूर्ने लगता

है और डिंपल बड़े आश्चर्या से उसकी नज़रो को अपने दूध पर गढ़ाए देख कर मन ही मन बहुत गुस्सा होती है पर

पता नही अवी को कुछ कह क्यो नही पाती है, अवी इसी वजह से बिना डरे जब तक उसका मन करता है डिंपल के दूध को

निहारता रहता है और फिर आख़िर मे डिंपल को ही मजबूरन उसे कहना पड़ता है, अवी क्या देख रहा है अब चल भी

अवी- उसकी आँखो मे खुश होता हुआ देख कर, दीदी तुम नही जानती तुम कितनी खूबसूरत हो

डिंपल- उसके मूह से अपनी तारीफ सुन कर पता नही अंदर ही अंदर कुछ खुश हो जाती है और चल अब ज़्यादा झूठी तारीफ मत

कर मेरी और यह ले लॉक दरवाजे पर लगा दे

अवी उसके हाथ से लॉक ले लेता है और डिंपल उसके साइड से घर के बाहर जाने लगती है और अवी जब अपनी दीदी के गदराए हुए

मोटे-मोटे चूतादो को जो जीन्स मे पूरी तरह कसे हुए एक अलग ही अंदाज मे थिरक रहे थे को देखता ही रह जाता है

और डिंपल थोड़ा आयेज जाकर उसकी ओर पलट के देखती है तो अवी को अपने चूतादो को देखता पाकर अपने चेहरे पर गुस्सा

लाते हुए अपने मन मे अवी तू कितना गंदा है अपनी सग़ी बहन को ही इस तरीके से देख रहा है पता नही दूसरी लड़कियो के साथ क्या करता होगा,

अवी- डोर को लॉक करके डिंपल के पास आकर उसके गले मे हाथ डाल कर चलो दीदी

डिंपल- उसका हाथ हटाते हुए, उसको घूर कर देखती हुई बाहर तो कम से कम तमीज़ से चलो

अवी- मुस्कुराता हुआ, तुम तो ऐसी बात कर रही हो दीदी जैसे मैं घर मे तुम्हारे साथ बदतमीज़ी करता हू

डिंपल- अपने मन मे, तो कौन सा मुझे तमीज़ की नज़र से देखता है, तेरी हरकते मैं बराबर दो दिन से देख रही हू

अपने आप को ज़्यादा ही स्मार्ट समझने लगा है,

डिंपल- अरे अवी कोई रिक्शा तो लेकर आ

अवी- अरे दीदी चलो पाँव-पाँव ही चलते है घूमना फिरना भी हो जाएगा

डिंपल- उसे घूर कर देखती है और अवी मुझे पाँव-पाँव नही जाना है तू जल्दी से कोई रिक्शा ले कर आ

अवी- अच्छा बाबा गुस्सा क्यो करती हो कहो तो तुम्हे अपनी गोद मे उठा कर ले चलु

डिंपल- ज़्यादा स्मार्ट मत बन और कोई रिक्शे को हाथ दे और अवी एक रिक्शे को रोकता है और फिर दोनो उसमे सवार हो जाते है

अवी आगे की ओर झुक कर डिंपल के खूबसूरत मुखड़े को घूर्ने लगता है और डिंपल बिल्कुल करीना केपर की स्टाइल मे उसे गुस्से से घूर कर देखने लगती है

तभी अवी की नज़रे अपनी दीदी के मोटे-मोटे टीशर्ट मे कसे हुए दूध पर चली जाती है और डिंपल उसे अपने दूध को

घूरते हुए देख लेती है और अपने हाथ आगे लेजा कर दोनो हाथो को अपने मोटे-मोटे दूध पर बाँध लेती है और

सामने देखने लगती है, अवी उसके गुस्से से लाल चेहरे को देखता रहता है और अपने मन मे सोचता है दीदी तुम नही जानती

तुम्हारे इस गुस्से से लाल चेहरे को चूमने के लिए मैं कितना तड़प रहा हू, लगता है मैं तुम्हारी मोहब्बत मे पागल हो

जाउन्गा,

डिंपल- अवी को लगातार अपनी और घूरते देख कर, धीरे से कहती है, अवी कम से कम यहाँ तो मुझे इस तरह मत घूर

अवी- क्यो घर मे, मैं तुम्हे घूरता हू क्या

डिंपल- उसको आँखे दिखाती हुई ज़्यादा स्मार्ट मत बन

अवी- मुस्कुरकर दीदी कही ऐसा होता कि यह रिक्शा जिंदगी भर ऐसे ही चलता रहता और मैं तुम्हे ऐसे ही बैठे-बैठे

देखता रहता,

डिंपल- उसकी बात सुन कर अपनी मुस्कान रोक नही पाती है और, अवी तू कितनी ही कोशिश कर ले तेरी कोई भी इच्छा कभी पूरी

होने वाली नही है,

अवी- दीदी मेरी जिंदगी मे चाहे कोई भी इच्छा पूरी ना हो, पर बस एक इच्छा मैं चाहता हू की ज़रूर पूरी हो जाए

डिंपल- उसको देखती हुई कौन सी इच्छा

अवी- अपने चेहरे पर सीरीयस भाव लाता हुआ डिंपल की आँखो मे देखने लगता है और डिंपल कुछ देर तक उसकी आँखो

को देखती है और अवी जैसे ही अपनी नज़रे एक बार अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध पर डाल कर वापस डिंपल की आँखो मे

देखता है, डिंपल कुछ झेप्ते हुए अपनी नज़रे दूसरी ओर करके बाहर देखने लगती है,

अवी अपने शर्ट की जेब से पेन निकालता है और अपनी नज़रे नीचे करके अपनी हथेली को खोलता है और डिंपल उसकी और देख कर

उसकी हथेली को देखने लगती है, अवी पेन से अपनी हथेली पर एक खड़ी लाइन खिचता है और फिर पेन से खड़ी लाइन के उपर

के हिस्से से उल्टा सी बनाता हुआ उसे उस लाइन के नीचे के हिस्से से मिला कर डी बना देता है और धीरे से अपनी मुट्ठी बंद

करके जैसे ही डिंपल की ओर देखता है डिंपल एक दम से अपना मूह दूसरी ओर घुमा लेती है और उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से

धड़कने लगता है, अवी डिंपल से वापस अपनी नज़रे हटा कर अपनी मुट्ठी की ओर देखता है और डिंपल उसको अपना मूह

सामने किए हुए उसकी हथेली की ओर तिर्छि नज़रो से देखती है और अवी उस डी को अपने पेन से गहरा करता हुआ उसके आगे आइ

लव यू लिख कर वापस अपनी मुट्ठी को बंद करके जैसे ही डिंपल की ओर देखता है डिंपल की साँसे एक दम से चढ़ जाती है

और वह अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर अपनी आँखे बंद कर लेती है,

क्रमशः........
 
अजब प्रेम की गजब कहानी --6

गतान्क से आगे......

डिंपल अभी भी दूसरी ओर देख रही थी और अवी उसको देखता हुआ अपने मन मे, दीदी अवी ने अगर तुम्हे अपने प्यार मे

पागल नही कर दिया तो मेरा नाम भी अवी नही और अवी अपनी हथेली को खोल कर अपने होंठो से उसे चूम लेता है,

कुछ देर बाद अवी रिक्शे वाले को रोकने को कहता है और फिर उतर कर रिक्शे वाले को पैसे देते हुए डिंपल की ओर देखता

है और डिंपल उसकी ओर देखती है और

अवी- डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, रिक्शे वाले से कहता है, तुम भी आज मेरी लाइफ के एक यादगार पल के हिस्से बन गये हो भैया

रिक्षेवला- मैं कुछ समझा नही बाबू जी

अवी- डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, समझदार के लिए इशारा काफ़ी है भैया और फिर अवी डिंपल की ओर चल देता है

और डिंपल अपनी नज़रे नीचे करते हुए सामने की ओर चल देती है, डिंपल का चेहरा पूरी तरह सीरीयस था और उसका माइंड

काम नही कर रहा था, अवी की हर्कतो ने उसे पूरी तरह सोचने पर मजबूर कर दिया था, दोनो चुपचाप चलते हुए

मोबाइल गॅलरी पर पहुच जाते है और फिर शॉपकीपर से मोबाइल दिखाने के लिए कहते है,

शॉपकीपर- देखिए सर कौन सा पसंद है

अवी- अरे भैया मेरी नही इनकी पसंद का लेना है, और डिंपल की ओर देख कर दीदी देखो तुम्हे कौन सा अच्छा लग रहा

है

डिंपल- उसे देखती हुई तुझे जो पसंद हो ले ले

अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर मुझे क्या पसंद है दीदी वह तुम अच्छी तरह जानती हो

डिंपल- उसको घूर कर देखती हुई एक मोबाइल उठा कर ये वाला दे दो भैया

शॉपकीपर- अच्छा मेडम अभी पॅक कर देता हू और फिर अवी उसको पैसे देकर मोबाइल ले लेता है और दुकान से बाहर आ

जाते है,

डिंपल- अब चले

अवी- अरे दीदी केवल जिस्म से काम नही चलेगा, इस मोबाइल का दिल तो लिया ही नही

डिंपल- उसको देखती हुई क्या मतलब

अवी- अरे दीदी जिस तरह दिल के बिना शरीर बेजान होता है उसी तरह सिम के बिना यह मोबाइल भी तो बेजान है

डिंपल- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर एरटेल का सिम लेने के लिए दूसरी दुकान पर जाने

लगता है और डिंपल अपना हाथ छुड़ा कर उसको घूर कर देखती हुई उसके साथ चल देती है, अवी एक सिम पर्चेस करके

वहाँ से वापस आकर

अवी-दीदी कुछ खाना है क्या

डिंपल- नही
 
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