Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक - Page 2 - SexBaba
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Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक

वो मुझसे लिपट गई और मैं उससे,जिस्म में कोई आग तो नही थी बस अहसास था एक दूसरे के होने का अहसास...मैं उसके बालो को हल्के हल्के ही सहला रहा था वही वो आंखे बंद किये मेरे कंधे पर ही लेटी थी...हमारे रिश्ते में आगे क्या होने वाला था इस बात की गारेंटी दोनो में कोई नही दे सकता था,मैंने उसे आजादी दी थी और उसने उस आजादी का सही उपयोग अपने केरियर को आगे बढ़ाने के लिए किया था,लेकिन मेरे मन में आने वाली भविष्य को लेकर कई दुविधा थी,क्योकि मैं कही ना कही ये जानता था की हमारे रिश्ते का ये नजरिया मोना को शिखर में भी पहुचा सकता है या एक रंडी की उपाधि भी दिला सकता है,क्योकि मेरे दिमाग में कल होने वाली पार्टी की बाते चल रही थी जिसमे मंत्री जी द्वारा मुझे इनवाइट किया गया था,आउर मैं जानता था की ये ना सिर्फ मेरे केस के लिए बल्कि हमारे रिश्ते के लिए भी एक टर्निंग पॉइंट होगा,अगर हम सम्हाले तो जीत सकते है वरना मैं सब कुछ हार भी सकता हु………
जासूस होने का यही फायदा था और यही नुकसान की आपको कई ऐसी चीजे भी पता होती है जो की पता होनी नही चाहिए…...

मोना को सुबह ही मैंने जल्दी आने को कहा और मंत्री जी की पार्टी की बात बतलाई ,
वो बहुत एक्साइटेड थी ,वैसे भी मैं काम में इतना मसरूफ था की उसे कही घूमने भी नही ले जा पाता था,
शाम उसने एक नील रंग की साड़ी पहनी ,उसकी जवानी उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेकरार लग रही थी और नीला रंग उसके गोरी त्वचा पर बेहद फब रहा था,माथे में लगा गहरा सिंदूर उसके सुहाग की निशानी थी और हाथो की घनी चूड़ियां उसे और भी प्यारा बना रहे थे,,उसने अपने घने वालो को खुला ही रखा और जो उसके कमर को छू रहे थे,कमर में उसने मेरी सुहागरात में दिया हुआ पतला चांदी का करधन पहना,जो की उसके पतले और साड़ी से झांकते पेट को और भी मादक बना रहा था,..
कुल मिलाकर वो किसी भी मर्द को आकर्षित कर देने को तैयार थी,हल्की गंध वाली परफ्यूम से महकती हुई वो मेरे पास आयी …
“किस पर जादू चलाने वाली हो “
उसकी आंखे चंचलता में मचली ..
“सभी पर “वो खिलखिलाई और मैंने उसे जोरो से जकड़ लिया उसके होठो को चूसने लगा,थोड़ी देर के बाद ही उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा
“पूरी लिपिस्टिक ही खराब कर दी “
वो फिर से टचअप करने लगी,मैं भी अपनी तैयारी करने लगा,मैंने वो फाइल उठा ली और एक बार फिर से उसे सरसरी निगाहों से पढ़ा..और फिर अपने बेग में डालकर चलने लगा..
“इतना काम मत किया करो “
वो फिर से मेरे गले लग गई..
“बस थोड़ी और जानकारी फिर काम हो गया,लेकिन सबसे मुश्किल काम यही है “
वो मुस्कुराई
“आप पर मुझे पूरा भरोषा है ..”

*************
 
पार्टी एक होटल के गार्डन में रखी गई थी, मेरे सभी ऑफिसर वँहा मौजूद थे ,मुझे मंत्री ने इस्पेसली बुलाया था ,
मैं जानता था की क्यो,शायद मुझे धमकाने के लिए या सौदा करने के लिए …?
हम सभी से मिल रहे थे,सभी मुझसे ज्यादा तज्जवो मोना को दे रहे थे,
“आओ अभी केस कैसा चल रहा है”
SP साहब भी मिल गए..उन्होंने भी मोना को ऊपर से नीचे तक देखा लेकिन मेरा लिहाज रखा ..उसे बस हाय बोलकर मेरी ओर देखने लगे..
“बस नजदीक हु सर ,लेकिन मंत्री जी ..”
sp साहब ने आंखों में ही मुझे चुप करा दिया ..
“पागल हो गए हो क्या ,ये उनकी ही पार्टी है भूलो मत ...मुख्यमंत्री भी आये हुए है ,कुछ उल्टा सीधा का तो तुम सीधे सस्पेंड समझे,सम्हाल कर बोलना जो भी बोलना है “
मोना उनकी बातो से जरा सहमी लेकिन मेरे लिए ये कोई नई बात तो नही थी ..
आखिर मंत्री साहब भी मिल ही गए ,
“आओ आओ अभिषेक कैसे हो ,ओह हाय ये हसीना कौन है “
उन्होंने मेरी ओर बढ़ रहे अपने हाथो को मोना की ओर बड़ा दिया,मोना के चहरे में मुस्कान खिल गई लेकिन मेरी गांड ही जल गई,उन्होंने मोना का हाथ पकड़ा और एक हल्की सी किस उसके हाथो में किया ,
“ये इनकी बेगम साहिबा है हुजूर …”
एक जानी पहचानी आवाज मेरे कानो में पड़ी,और उसे देखते ही मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..
“तू यंहा ..”मेरी आवाज में थोड़ा क्रोध था ,
अब्दुल में मोना को नमस्ते किया ,दोनो की आंखे मिली लेकिन अचानक मोना की आंखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दी ,वही चमक अब्दुल की आंखों में भी था ..वो मेरी ओर मुड़ा
“क्या करे अभिषेक साहब मंत्री जी ने आपसे ज्यादा अच्छा ऑफर दे दिया “वो हंसा लेकिन मेरे चहरे में बस गुस्से का भाव था वही मंत्री के चहरे में भी एक कुटिल मुस्कान थी ..
वो मुझे मोना से थोड़ा अलग ले गया..
“बेटा जो खेल तुम खेल रहे हो ना हमे उस खेल में महारत हासिल है,तुम्हारे जैसे कितने पुलिस वाले आये और गए हमारा कुछ भी नही उखाड़ पाए ,हा किया है घोटाला,खाया है पैसा मल्टीनेशनल वालो से ,मरवाये है कई पुलिस वाले और आदिवासी ..उखाड़ ले जो उखाड़ना है,तेरे सभी सबूतों की कागज पर मैं भजिया रख कर खाऊंगा और तू कुछ भी नही कर पायेगा,अच्छा है की मेरे साथ मिल जा ,थोड़ा पैसा भी मिल जाएगा,ऐसे भी मेरा झांट भी तो नही उखाड़ सकता तू,इतनी हसीन बीवी है खुदा ना करे की उसे कुछ हो जाए ,तू सस्पेंड हो जाएगा बीवी किसी और की हो जाएगी तो क्या रह जाएगा तेरे जीवन में ,मेरी बात को सोचना आज फोकट की दारू पी और खाना खाकर घर जा …”
वो शैतानी मुस्कान के साथ मुझे देखता हुआ पलटा,मेरे पंजे बंधे हुए थे,मन कर रहा था की उसे अभी एक घूंसा मार दु..
वो फिर से मेरी ओर पलटा इस बार उसकी वही शैतानी मुस्कान और भी ज्यादा थी ..
“ऐसे तेरी बीवी पर मेरा दिल आ गया है,बचा के रखना “
वो अब जोरो से हंसा और वँहा से चला गया,मेरा चहरा गुस्से से लाल हो चुका था…
“क्या हुआ जान आप ठीक तो हो ना “मोना मेरे पास आ चुकी थी..
“कुछ नही बेबी बस ..ठीक हु ,तुम कुछ लोगी ..”
“एक दो ड्रिंक हो जाए ..”वो मुस्कुराई और हम ड्रिंक्स के पास चले गए दो पैक हम दोनो ने लगा लिया था ,मेरा ध्यान पूरे समय बस मंत्री और अब्दुल पर ही था,उन दोनो में कुछ बात हुई और वो होटल की ओर बड़े ,मैं भी मोना से थोड़ा बिदा लेकर उनके पीछे गया,
 
“साहब क्या करना है उसका ..”
“उसकी चिंता मत कर ,जब तक वो फाइल मेरे पास है हमे कोई चिंता नही है ,वो कुछ भी नही कर सकता,लेकिन मैंने तुझे दूसरे काम से बुलाया है ..”
“क्या ..”
वो दोनो ज्यादा दूर नही गए थे,थोड़े अकेले वाले जगह में पेड़ो के पास ही खड़े थे,मैं दोनो की बातो को पेड़ की ओढ़ लेकर सुन रहा था ..
“वो साली उसकी बीवी कमाल की है ,और तुझे देखकर वो अजीब सा एक्सप्रेशन क्यो दे रही थी “
अब्दुल हंसा
“बस साहब है कुछ पुराना “
“वाह साले तू तो खिलाड़ी निकला बे,हमारा कुछ जुगाड़ कर “
दोनो ही हंसे और मेरी अंदर तक जल गई
“आप पहुँचो वही कमरा नंबर 144 में मैं कुछ जुगाड़ चलाता हु “
“ये हुई ना बात “
दोनो ही फिर से चले गए ,कमरा नंबर 144 मैंने कई लोगो से इसके बारे में सुन रखा था ,मैं जल्दी से भागा और अपने कार तक पहुचा तुरंत ही फाइल निकाली और उसे अपने कोट में डाल कर वापस आया ,लेकिन ये क्या मोना कही भी दिखाई नही दे रही थी …………..

मेरी धड़कने तेज थी और माथे में पसीना था,अभी 15 मिनट ही हुए थे और ऐसा लगा जैसे कई युग बीत चुके हो ,
मैं बहुत तेजी से कमरा नंबर 144 में पहुचना चाहता था लेकिन फिर भी मैं आराम से जा रहा था ताकि किसी को भी कोई शक ना हो ,5th माले पर वो एक ही कमरा था,जब मैं लिफ्ट में घुसा तो एक वेटर पहले से एक ट्राली में एक शेमपीएन की बोतल और कुछ स्ट्राबेरी के साथ मौजूद था,मेरे बटन दबाने से पहले ही उसने 5th फ्लोर का बटन दबा दिया ,मैं जानबूझकर 4th का बटन दबाया और उतरकर तेजी से सीढ़ियों से दौड़ता हुआ ऊपर पहुचा ,वेटर के अंदर जाने तक मैंने इंतजार किया और उसके जाते ही मैं कमरे के दरवाजे के पास पहुचा,वँहा से कुछ आवाजे तो आ रही थी लेकिन मैंने अपना काम किया,अभी दरवाजा खुला हल्का खुला हुआ था.मैंने एक रबर का टुकड़ा दरवाजे में लगा दिया ताकि जब वेटर जाए तो दरवाजा पूरा बंद ना होने पाए ,थोड़ी ही देर में वेटर वहां से चला गया और मैं फिर से दरवाजे के पास आया और रबर के टुकड़े के कारण दरवाजा लॉक नही था,मैं अंदर की आवाजे सुनने लगा …
“क्या कर रहे हो थोड़ा तो सब्र करो “
ये एक आवाज मेरी धड़कने रोकने को काफी थी,ये मोना की आवाज थी,साथ ही एक जोरो से हँसने की आवाज सुनाई दी ,दो लोग वँहा मौजूद थे ,
“अरे रानी जब से तुम्हे देखा है मैं तो पागल ही हो गया हु,मुझे तो अब भी अपने किस्मत पर यकीन नही आ रहा की तुम मेरे पास हो ,मान गए तुमको अब्दुल तुम तो यार कमाल ही निकले ..”मंत्री फिर से हंसा साथ ही मोना और अब्दुल भी ..
“अरे मंत्री जी अब तो हमारा नजराना दे दो “
“कमाल करते हो अभी काम पूरा कहा हुआ है अभी तो वो अभिषेक जिंदा है “
“क्या वो मेरे पति है “
मोना की आवाज में चिंता थी ..
“अरे मोना रानी अब छोड़ भी दो ,मंत्री जी के साथ रहो जीवन भर ऐश करो उस कंगाल में क्या रखा है …”
थोड़ी देर तक कमरे में कोई आवाज नही आयी ..
“लेकिन वो मेरा पति है कम से कम मेरे सामने तो ऐसा मत बोला करो “मोना ने बड़ी मासूमियत से कहा और मंत्री और अब्दुल दोनो ही हँस पड़े
“अच्छा बाबा तुम्हारे सामने नही करेंगे इसकी बात,अब्दुल तुम्हे क्या करना है तुम समझ जाओ और मेरी रानी के साथ मुझे थोड़ा समय बिताने दो “
“जी साहब ,मुझे पता था तुम यही फैसला करोगी “
अब्दुल जाने को मुड़ा ही था की ..
“आउच “मोना की आवाज आयी
“क्या हुआ “अब्दुल फिर से मुड़ा
“क्या मंत्री जी अभी से शुरू हो गए थोड़ा तो रुको मुझे जाने दो “दोनो हँसने लगे
 
“साले क्या चीज है ये थोड़ा भी इंतजार नही हो रहा है “
“आह रुको तो थोड़ा “
मोना की खिलखिलाने की और दौड़ाने की आवाज आयी ..
अब्दुल दरवाजे की ओर मुड़ चुका था ,उसने दरवाजा खोला की ..धड़ाम
मैंने उसे ऐसा लात लगाया की वो फर्श में जा गिरा ,मैं अब कमरे के अंदर था,मोना की साड़ी का पल्लू खुला हुआ था,उसके ब्लाउज में उसके वक्ष समा नही पा रहे थे और उसकी गोरी चमड़ी खिलकर दिखाई दे रही थी ,वक्षो के बीच की घाटी पर थोड़े थूक के निशान थे ,लगा की जैसे अभी अभी मंत्री ने उसके वक्षो को खाने की कोशिस की थी ,सभी का चहरा मुझे देखकर उतर गया था ,और मेरा चहरा गुस्से से तमतमा रहा था..
इससे पहले की कोई कुछ हरकत करता मैंने अपने कमर से पिस्तौल निकाल ली और अब्दुल की ओर तान दिया ..
थोड़ी देर तक कमरे में सन्नाटा रहा …
मैं गुस्से से इतना कांप रहा था की मैं कुछ भी बोल नही पा रहा था…
“मैं जानता हु की वो फाइल तुम्हारे पास इसी कमरे में है उसे मुझे दे दे “
मेरी बात को सुनकर मंत्री थोड़ी देर तक शांत रहा लेकिन फिर उसके चहरे में अजीब सी मुस्कान आ गई और देखते ही देखते वो हँसने लगा…
“साले मुझे तो लगा की तू अपनी बीवी को इस हालत में देखकर मुझे मरना चाहता है ,हा हा हा ..तुझे फाइल चाहिए साले चूतिये चला गोली ,देख तेरी बीवी तो मेरी हो ही गई अब तेरी नॉकरी भी गई समझ,गोली चलाएगा,जानता भी है मैं कौन हु इस स्टेट का मंत्री हु ,तेरा बाप हु ,और गोली चला कर क्या साबित करेगा,की तेरी बीवी रंडी थी या उसका मंत्री के साथ अवेध संबंध था इसलिए गोली चला दिया,उम्र भर जेल में सड़ेगा और मैं तेरी बीवी के साथ ऐश की जिंदगी जियूँगा ,तू कुछ नही उखाड़ सकता मेरा ,चल जा तुझे जान से नही मरता,जीने देता हु और तेरी नॉकरी से भी नही निकालता तुझे,तू इसका पति ही बनकर रहना ,और मेरी तरफ से तुझे बहुत सारा पैसा एक फ्लेट और प्रमोशन भी मिलेगी,बस उस केस को भूल जा और तेरी बीवी आज से मेरी रखैल होगी ,लेकिन साथ तेरे ही रहेगी …”
उसकी बात सुनकर मैं मोना की ओर देखने लगा,मेरे चहरे से गुस्सा कम हो चुका था और मेरी आंखों में पानी आ चुका था…
“इनकी बात मान लो अभी देखो तुम कुछ भी तो नही खो रहे हो और बदले में तुम्हे इतना कुछ मिल रहा है ,और रही मेरी बात तो हमारा रिलेशन पहले की ही तरह रहेगा,बस मैं कभी कभी इनके पास आया करूंगी जब जब ये मुझे बुलाएंगे …”
मोना ने बड़े ही प्यार से मुझसे कहा,उसकी बात सुनकर मेरी गन नीचे होने लगी ,मंत्री के चहरे में मुस्कान बड़ी हो रही थी ,वही अब्दुल भी अब उठ रहा था,
“अरे अभिषेक साहब ,मंत्री जी से दोस्ती आपको मालामाल कर देगी,और मेरा यकीन करो ये बात सिर्फ हमारे बीच ही रहेगी किसी को कानो कान खबर भी नही होगा की क्या हुआ है और क्या होगा …”
मेरी गन अब पूरी तरह से नीचे थी,
“शाबास अब देखो हम तुम्हे कहा से कहा पहुचा देते है …”मंत्री के होठो की मुस्कान और भी गहरा गई थी और उसने मेरी ओर ध्यान ना देते हुए सीधे मोना की कमर में हाथ डाला और उसे खिंचकर अपने से सटा लिया,उसके वक्ष मंत्री के सीने में जा धंसे ,वो भी हल्के से हँसी ..
“अगर तुम्हे ये पसंद नही तो तुम जा सकते हो या हमारे साथ ही रहो और तुम भी इंजॉय करो ..”
मंत्री की बात सुनकर अब्दुल भी हँसने लगा
“अरे अभिषेक साहब आजकल का तो कल्चर ही है ऐसा ,बीवी को दूसरे के साथ देखकर मर्द अपना…”
वो बोलते बोलते रुक गया और उसकी आंखे मुझपर ही जम गई क्योकि मैं अपने जेब से साइलेंसर निकाल कर अपने गन में लगा रहा था …
“ये क्या कर रहे हो ..देखो मंत्री जी का आफर बहुत अच्छा है सोचो जरा ..”अब्दुल और कुछ बोलता इससे पहले ही ..’धाय धाय धाय ‘
तीन गोली उसके सीने में उतर गई ..मोना तुरंत ही मंत्री से अलग हो गई ..
“ये ..ये क्या किया तुम्हे अभी जानते हो तुम्हारे ऊपर …”
मोना भी बोलते बोलते रुक गई थी मैंने गन मंत्री की ओर कर दी थी ..
उसके चहरे का रंग उड़ चुका था..
“साले पागल हो गया है क्या,मंत्री को मरेगा ...जिंदगी भर जेल में सड़ेगा ..”
“वो फाइल कहा है मादरचोद …”मेरा चहरा गुस्से से तप रहा था और मैंने बहुत ही तेज आवाज में उसे धमकी दी ,वो थोड़ी देर तक शांत हो गया लेकिन वो था बड़ा ही कमीना ..
“साले मुझे मरेगा ,ले मार लेकिन तुझे पूरा जीवन लग जाएगा उस फाइल को पाने में ,तू कभी मुझे गुनहगार साबित नही कर पायेगा,ले देख यंहा है वो फाइल ..”
उसने एक लॉकर को दिखाया ,
“ये मेरे फिंगर प्रिंट,मेरी आंखों की पुतली और मेरे दिल की धड़कन से ही खुलती है इसे तोड़ा तो फाइल खुद ब खुद ही नष्ट हो जाएगी,अब खोल ले इसे मुझे मार कर भी नही खोल पायेगा इसे “
मंत्री दहाड़ ..
 
मेरी हालत रोने वाली हो गई थी ..मेरे आंखों से आंसू झर रहे थे ,और इस हालत में भी साला मंत्री मुस्कुरा रहा था जैसे उसे अब भी यकीन था की मैं उसे कुछ नही कर पाऊंगा ..
“अभी प्लीज् इनकी बात मान लो ये बहुत ही पावरफुल है ,देखो अब्दुल को मारा तो मार दिया,इसे वो सम्हाल लेंगे ,लेकिन समझो मेरी बात को ..”वो मेरे पास आ रही थी
“चुप कर मादरचोद रंडी “
मैंने उसके गालो में एक जोरदार झापड़ लगाया और दूर जा गिरी..
“तुझे कितना प्यार किया था मैंने,तुझे अपनी जान समझा,और तू ...मेरे मारने से भी तुझे कोई फर्क नही पड़ता ना ,क्या ऐसी जरूरतें है तेरी जो मैंने पूरा नही किया…”
मैं गुस्से से कांप रहा था और मेरे आंखों से पानी की धार बह रही थी ,
“मेरी बात सुनो अभी “
इससे पहले की वो कुछ कहती …’धाय धाय धाय…’
तीन गोली उसके सीने में जा धंसी ,खून के फुहारे फूटने लगे और…..और मैं दहाड़ मारकर रोने लगा,लेकिन थोड़ी ही देर में मैंने फिर से गन मंत्री के ऊपर ठिका दिया ,
अब वो भी डर से कांप रहा था ...पहली बार उसके चहरे में इतना डर आया था ..
“तुम मुझे नही मार सकते ..”
इस बार मैं हंसा लेकिन उस हँसी में बेहद ही तकलीफ भी मौजूद थी ..
“मेरे पास अब रखा ही क्या है जो मैं खुद को बचाऊंगा,तुमने इतने निर्दोष लोगो को मरवा दिया ,मेरी बीवी जिसे मैं जान से ज्यादा प्यार करता था उसे तुम्हारे वजह से मैंने अपने इसी हाथो से मार दिया,तुम अब कितना जीने की आशा कर रहे हो ……..”
वो डर से कांपने लगा था ..
“एक ही चारा है तुम्हारे पास ,ये लॉकर खोलो और खुद को पुलिस के हवाले कर दो ,वरना जान से जाओ,मेरे पास कुछ खोने को नही है की मैं तुम्हे जिंदा छोड़ दूंगा …”
वो कांपता हुआ भागा और फाइल निकाल कर मेरे हाथो में दे दिया ,मैं उसे पलट कर देखने लगा,इतना सबूत उसे फांसी में चढ़ाने को काफी था,फांसी नही तो उम्रकैद तो हो ही जाएगी …
“बाय बाय मंत्री जी “
मैंने गन उसके ऊपर टिकाई और ‘कट कट ‘
दो गोलियां चलाई लेकिन गन में गोली नही थी लेकिन उस कट कट की आवाज सुनकर मंत्री जी के पेंट में पेशाब जरूर हो गया …………….

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“चेयर ...यार अभी तुमने तो कमाल कर दिया ..”
SP साहब का चहरा खिला हुआ था,हम उन्ही के बंगले में बैठे थे..
“ससपेंड होने के बाद भी इतने खुश हो रहे हो सर “
हम दोनो ही हँस पड़े ..इस केस के ओपन होते ही मीडिया में धूम मच गई ,मंत्री जी तो तुरंत ही मंत्रिमंडल और पार्टी से निकाल दिया गया,लेकिन मीडिया से ये जरूर छुपाया गया था की ये केस आखिर सॉल्व कैसे हुआ,लेकिन फिर भी जांच अधिकारी के तौर पर मेरा नाम मीडिया में कुछ दिनों तक छाया रहा ,वही मेरा साथ देने के लिए SP साहब को भी वाहवाही मिली ,लेकिन डिपार्टमेंट ने हमारे ऊपर अनुशासनात्मक कारवाही कर दी और हम दोनो को ही एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया,ये सब विभाग ने बस खानापूर्ति की तरह किया था वरना सभी बड़े अधिकारीयो ने मेरे काम की खूब सराहना की थी …
“ऐसे बधाई की पात्र तो मोना भी है “
SP साहब ने एक नजर मोना की ओर देखा ,जो हम दोनो को देखकर मुस्कुरा रही थी ,
“नही सर इनके प्लान के बिना ये सब कहा हो पाता ..”
“लेकिन अगर तुम इसका साथ देने की हिम्मत नही दिखती तो ये सब कैसे मुमकिन हो पाता ..”
“ये तो सही बात है मोना तुम्हारे सपोर्ट के बिना ये सब संभव नही था “मोना बस जवाब में मुस्कुरा
गई ..
“यार अभी लेकिन मुझे एक बात का डर है ,मंत्री को रास्ते से हटाकर कही हमने अब्दुल को शह तो नही दे दी ,उसके रास्ते का सबसे बड़ा काटा तो अब हट गया..”
“सर कांटे को कांटा ही निकालता है,हमारे बीच यही डील थी की वो मंत्री का वफादार बनकर उस फाइल के बारे में पता लगाएगा और उस फाइल को पाने में हमारी मदद करेगा बदले में उसके ऊपर लगे इल्जाम हटा दिए जाएंगे,जिसकी कारवाही मैं कर रहा था,और वो फिर से अपने पिता जैसा वर्चस्व कायम कर पायेगा ,अब मंत्री नही तो उसे किसी के सामने झुकना नही पड़ेगा,उसने सही फैसला किया,एक महीने की गुलामी के बदले फिर से पूरा साम्राज्य …”
 
मेरी बात बस खत्म हुई थी की अब्दुल भी वँहा आ गया,
‘बधाई हो साहब ,मंत्री को इतना धमकाने और इतना बड़ा नाटक रचने के लिए बस एक महीना का सस्पेंसन ..”
सभी हँसने लगे ,
“ऐसे मुर्दे का रोल सही किया था तूने,मुझे तो डर था की कही बीच में ही हँस ना पड़े जैसा रिहल्सल के समय में हंसा था …”
वो फिर से दांत निकाल कर हँसने लगा ..
“अरे साहब अपने तो माहौल ही ऐसा बना दिया था की कोई कैसे हंसे,लास्ट टाइम में भाभी जी को इसका हिस्सा बना दिया,पहले तो मेरी फट ही गई थी लेकिन आपकी और भाभी जी की एक्टिंग का तो मैं दीवाना हो गया ,मुझे तो लग ही नही था था की आप एक्टिंग कर रहे हो ,हम दोनो तो कम से कम चुप ही थे लेकिन आपका गुस्सा तो बिल्कुल ही रियल लग रहा था ,..”
उसकी बात सुनकर मेरे और मोना के होठो में हल्की सी मुस्कान आ गई ..
“जब तुम्हारी बीवी किसी के बांहो में हो तो गुस्सा नकली नही होता ..”
मैंने जिस तरह से ये बात कही अब्दुल थोड़ा सहम गया ,..
लेकिन मोना ने मेरे बालो को सहलाया और हल्के से एक किस मेरे गालो में दे दिया ,जिसे देखकर बाकी दोनो भी मुस्कुराने लगे ..
“ऐसे साहब ये वो मेमोरी कार्ड ,किसी को पता नही चला की वो सब रिकार्ड हो रहा था,पुलिस ने उस दिन से ही कमरा सील कर दिया था,आज खुला तो बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करके ये लाया हु,इसमें सारे क्लिप है उस दिन के,”
मैंने उसे जेब में डाला और साथ देने के लिए अब्दुल का धन्यवाद दिया,..
मुझे पता था की जो अभी मेरे इशारे मे काम कर रहा है वो अब इस शहर का राजा बनने वाला है,और शायद मेरा दुश्मन भी ,लेकिन दुश्मन से भी दोस्ती रहे यही तो खुफिया विभाग वालो का काम होता है…

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“थैंक्स जान तुमने मेरे ऊपर भरोषा किया और मेरा साथ दिया “
मोना मेरी बांहो में थी ,मैं लेपटॉप में वो चिप लगा कर उस दिन के वीडियो देखने वाला था ,
वो मेरे सीने से लग गई
“मैं तो आपके हर बात में साथ देने को तैयार हु,लेकिन अब की बार पहले से बताना 2 घंटे पहले नही ..”उसने एक हल्का मुक्का मेरे सीने में मार दिया ..
“क्या करू जान मैं खुद ही बेहद कंफ्यूज था की आगे क्या करना सही रहेगा,मंत्री ने पार्टी में बुलाया था और मैं जानता था की वो मुझे अपने साथ मिलने का ऑफर करेगा ,मेरे हाथो में तब भी कोई ठोस सबूत नही था की मैं उसके खिलाफ कोई केस भी दायर कर पाऊ ,मुझे तो उससे पुछताज का भी वारेंट नही मिलता,अब्दुल ने मुझे बताया था की उसके सारे किस्से चिट्ठे की जमा पूंजी उसके लाकर में है जो सिर्फ उसके फिंगरप्रिंट,आंखों की पुतलियों के स्कैन और दिल की धड़कनों के मिलने से ही खुलेगा,वो फाइल कोई आम फाइल नही है,कई लोगो की जान गई तब जाकर वो सब जानकारी इकठ्ठी हुई थी ,एक पत्रकार ने अपनी और अपने परिवार की जान पर खेल कर उसे इकठ्ठा किया था,आखिर उसे मंत्री ने मरवा ही दिया लेकिन उसे उन कागजातों में कुछ ऐसी चीजे भी मिली जो भविष्य में उसके काम आने वाला था,उसके अभी के कुछ दोस्तो के खिलाफ सबूत जिसके सहारे वो सबको डरा कर रखे हुए था,पत्रकार मेरा अच्छा दोस्त था और उसने मुझे इसके बारे में पहले ही बतलाया था,वो इस केस में मुझसे पहले से लगा हुआ था,वो मुझे सारे सबूत देता उससे पहले ही उसे मार दिया गया,मैं जानता था की मंत्री उस फाइल को और बाकी के दस्तावेजों को नष्ट नही करेगा,वो उसे कही ना कही सुरिक्षत रखा होगा,अब्दुल से मुझे उसका ठिकाना मिल गया,लेकिन मैं जानता था की वो कितना चालाक है,मंत्री को भी पता था की मैं सिर्फ एक केस के लिए उससे पंगा नही ले सकता,अगर मैं सीधे ही उसे गन पॉइंट पर लेता तो वो कभी यकीन ही नही करता की मैं उसे मार दूंगा,क्योकि उसे भी पता है की मैं इतना बड़ा चुतिया नही हु की जीवन भर के लिए बर्बाद हो जाऊ,वो भी तब जब मुझे मंत्री के जिंदा रहते ही सबूत मिल सकते थे…
 
मैंने दूसरा प्लान किया की मैं उसके सामने अगर अब्दुल को मार दु तो ,काफी सोचा और उसकी रिहल्सल भी की लेकिन मुझे फिर ही लगता था की वो फिर भी लाकर को नही खोलेगा और बिना लॉकर खुले मैं उसका कुछ भी नही बिगड़ सकता था,मैं उसी उधेड़बुन में था की तुम मेरे पास आयी याद है पार्टी से एक दिन पहले,तुमने मुझे रिझाना चाहा और कुछ बताने की बात भी कही ,अपना मोबाइल मुझे दिया,तुम्हारी हर अदा को ध्यान से देख रहा था और मेरे दिमाग में एक प्लान आया…
लेकिन मैं तुम्हे किसी मुसीबत में नही डालना चाहता था,रात भर मैं सोचता रहा की आखिर कैसे मैं मंत्री को फ़साउ और सुबह मैंने तुम्हे पार्टी में जाने की बात कही ,तुम खुस थी और तुम्हारे चहरे की उस खुसी ने मुझे और भी सोचने को मजबूर कर दिया,दिन भर सोचने के बाद मैंने ये प्लान बनाया की मंत्री के ठरकीपन और मुझसे बदला लेने की लालसा का फायदा उठाया जाए…
मैंने अब्दुल को सब प्लान समझाया मुझे ये भी पता था की तुम मेरा साथ दोगी,और वही हुआ जो होना था,मंत्री को तुहारी अदांओ से लगा की तुम अब्दुल को पहले से जानती हो ,अब्दुल ने तुम्हारे बारे में कुछ गंदी बाते उससे कही,और वो झांसे में आ गया ,सही कहते है की हवस आदमी के दिमाग को मार देती है ,यही उसके साथ भी हुआ,
लेकिन सबसे बड़ी बात थी की उसे कैसे यकीन हो की मैं सच में उसे मार दूंगा,क्योकि वो साला बेहद ही दिमाग वाला आदमी है,इतना बड़ा घोटाला कर के बैठा था लेकिन सब जानते हुए भी कोई उसकी ओर उंगली नही उठा पता,सभी जानते थे की वो कितना कमीना है लेकिन मुख्यमंत्री तक उससे डरता था,कारण था उसका दिमाग,इसलिए मुझे ये कदम उठाना पड़ा ताकि उसे लगे की अब मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नही है और मैं उसे मारने में देती नही करूंगा….”
मोना मेरे बात को ध्यान से सुन रही थी ,और मेरी आंखों में देख रही थी ,
“लेकिन मैंने तो सोचा था की आप अगर मुझे किसी के साथ देखोगे तो आप भी उत्तेजित हो जाओगे लेकिन आपका गुस्सा तो बिल्कुल ही ओरिजनल था,कही कोई झूट मुझे दिखाई नही दिया ..”
मैं मुस्कुराते हुए मेरी जान को देखने लगा..
“मजा तब आता जब तुझे भी मजा आता,लेकिन उस दरिंदे के साथ तुझे देखकर मेरा खून खोल गया था,मैं संचमे गुस्से में जल रहा था,लेकिन तुमने सही एक्टिंग की ..”
वो हल्के से हँसी
“मुझे तो लग रहा था की मेरे ऐसा करने से आप थोड़ा उत्तेजित हो जाओगे..”
मैं भी हँस पड़ा,
“वो तो हो जाऊंगा लेकिन अभी ,ये वीडियो फिर से देख के साला मेरी बीवी की साड़ी उतार रहा था,और वो कमीना अब्दुल ..”
मोना हँस पड़ी
“सही कहा अब्दुल भी ऐसे मेरे सीने को देख रहा था की खा ही जाएगा,शायद इसीलिए मंत्री को हमारी एक्टिंग इतनी सच्ची लगी क्योकि असल में हम सभी कही ना कही इमोशन को जी रहे थे…”
मोना की बात सुनकर मैंने मोना को जोर से जकड़ लिया..
“और तुझे उसके सीने से चिपककर बड़ा मजा आ रहा था..”
उसने एक बहुत ही सेक्सी आह भरी ..
“मंत्री की जगह अगर अब्दुल होता तो शायद ज्यादा मजा आता “
मैंने उसे और जोरो से जकड़ा
“तेरी तो ..”
मैं उसे लिटा के उसके ऊपर चढ़ गया और उसके खिलखलाने की आवाज से पूरा कमरा गूंज गया
 
एक महीने मैं पूरी तरह से खाली था,2 ही दिन में मेरा घर में रहना मुश्किल हो रहा था,बैठे बैठे मैं मोना का फोन देखा,जो फेंटेसी इतने दिन से दब कर रह गई थी वो फिर से सर उठाने लगी,मोना अभी ऑफिस में थी और मैं अपने मोबाइल में उसका क्लोन देख रहा था,वाट्सप के मेसेज से ही शुरू किया राज से उसकी बात का पुराना मेसेज जो की मोना मुझे दिखाना चाहती वो सब कट चुके थे लेकिन आज के ही मेसेज बचे थे,मुझे ये बात थोड़ी खटक गई …
मैं आज के ही मेसेज को देखने लगा…
‘आज तुम गुलाबी सूट में कमाल की लग रही हो …’
‘थैंक्स ..’और एक स्माइल
‘आजकल ज्यादा बात क्यो नही करती कटी कटी सी रहती हो ‘
‘नही ऐसी कोई बात नही है ‘
‘ऐसे तुम्हारे पति की बड़ी चर्चा है अखबारों में ,इतने बड़े नेता को अरेस्ट करवा दिया..’
मोना बस एक स्माइल ही भेजी ,मुझे लग रहा था की उसे इसमें उतना मजा नही आ रहा है..
‘वो अगर ये जानेगा की मैं तुमसे बात करता हु तो गुस्सा हो जाएगा है ना,ऐसे भी उस केस के बाद से मुझे भी उनसे डर लगने लगा है ..’
उसकी बात सुनकर मोना ने एक खिलखिलाने वाली स्माइल डाल दी ..
‘सिर्फ बात से क्यो गुस्सा होंगे ,वो बहुत ही अंडरस्टैंडिंग है ..’
‘ओह तो क्या हम सिर्फ बात बस करेंगे ..’
‘तो और क्या चाहते हो तुम ,आगे बढ़ने की उम्मीद भी मत रखना..’
‘ओके सॉरी ,आज लांच साथ में करे,या फिर शर्मा के साथ ही जाने वाली हो ..’
इस बार फिर से मोना ने एक हँसने वाली स्माइल डाली
‘ओके साथ चलेंगे ‘

मोना के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदला लगा वरना वो फ्लर्ट करना पसंद करती है ,शाम को जब वो आयी तो मैं उससे लिपट गया ..
“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही दिखा रही हो ..”
“क्या देखना चाहते हो ,कुछ रह नही गया जिसे देखकर आप उत्तेजित हो जाओ ..”
“क्यो वो तुम्हारा राज तो है ना बात नही करती क्या “
वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी
“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”
“ऐसे क्यो बोल रही हो “
वो मुझसे अलग हुई
‘क्योकि उस दिन जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”
अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है ,
मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..
“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम खुद किसी को पसंद करो तो मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”
वो गुस्से से मुझे घूरने लगी
“चुप रहो बड़े आये ..”
वो बेडरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..
‘मैं मजाक नही कर रहा..”
“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही पागल भी हो रहे हो ..”
 
उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लिंग ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर मोना के होठो में मुस्कान आ गई
“हवसी कही के ..”
वो बाथरूम की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लिंग उसके कूल्हों में जा धंसा ,
“आह सच में आपको काम में जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो आह अब छोड़ भी दो फ्रेश होने दो “
“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”
मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..
“सोचो अगर मैं राज होता तो “
“छि प्लीज् ना “
वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी
“बताओ ना ..”
“तो क्या “
मैं उसके पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लिंग को प्रवेश करवाया ..
“आह राज ..”
उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लिंग आराम से उसके अंदर चला गया ,
वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,
“राज करो ना मेरे पति किसी केस में बिजी है आज बहुत टाइम है “
मोना की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी ,मोना अब राज को भूल कर बस जान जान कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं मोना की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …
“मजा आया उसका नाम सुनकर “
“बहुत मजा आया “
“आप सच में पागल हो है ना “
मैं उसके होठो में हल्का किस किया
“हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “
वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई,
“सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही कल उससे कैसे नजर मिला पाऊंगी ,आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”
वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”
“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..”
हम दोनो के होठ फिर से मिल गए
“मैं जानता हु मेरी जान लेकिन अगर कुछ करने का मन हुआ आगे बढ़ने का दिल किया तो उस जस्बात को दबाना मत बस बढ़ जाना ,”
वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी
 
‘फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे ,रास ना आया रहना दूर क्या कीजे’
‘आप कौन ???’
‘पहचानिए ..’
‘सॉरी आपका नंबर सेव नही है’
‘हाय यू ही सितम ढा रहे है वो कैसे,खुद को मजबूर बता रहे है वी कैसे..’
‘रोहित..’
‘बड़ा खूब पहचाना …’
‘कमीने कहा था इतने दिनों तक ‘
‘नॉकरी मेरी जान..बस उसी के कारण भटक रहे थे ..अब तुम्हारे शहर में है ’
‘ओह यार आई हेट यू पता है ना ‘
‘हा और आई लव यू पता है ना..’
‘हा पता है इसीलिए तू मेरी शादी में भी नही आया है ना..कहा है कमीने कब मिल रहा है..कितने दिन हो गए तुझे देखे ..’
‘तेरे ऑफिस के बाहर सोनाली रेस्टारेंट में ‘
‘क्या आज भी कमीना ही है चल आती हु..’
रोहित…??
क्या वो वही रोहित था जिसकी तारीफ किये मोना थकती नही थी,पूरे कालेज में उसने मोना पर चांस मारा था ,मोना के बेस्ट फ्रेंड लेकिन मोना शादी करना चाहती थी और रोहित पारिवारिक दबाव में आकर शादी नही करना चाहती थी ,मोना ने मुझे बताया था की उसे भी रोहित से प्यार हो गया था लेकिन वो इस रिश्ते को दोस्ती तक ही रखी क्योकि वो रोहित का दिल नही दुखाना चाहती थी…
मोना का ये वाट्सअप चैट आधे घंटे पहले का था..यही अभी वो उसके साथ रेस्टारेंट में थी,मेरी मोना का एक और आशिक इस शहर में आ चुका था,जिसे कभी वो प्यार किया करती थी ,हा रोहित से मुझे हमेशा ही जलन होती थी लेकिन रोहित मोना के लिए बहुत मायने रखता था,फिर भी वो कभी मोना से कांटेक्ट करने की कोशिस नही किया,मजबूरी क्या थी ये तो नही पता लेकिन कुछ तो था उनके बीच जो मोना ने कभी मुझे नही बतलाया था…
थोड़ी ही देर हुए थे की मोना का मेरे पास फोन आ गया..
“जानते हो आज मैं किस्से मिली ..”
मोना चहक रही थी
“रोहित से “
उसने मेरे बिना बोले ही बोल दिया
“कौन रोहित,”
मैं अनजान बनने की कोशिस करने लगा
“अरे रोहित मेरा पुराना फ्रेंड आपको बतलाई था ना उसके बारे में “
“ओह तेरा आशिक ..”
“ओहो आप भी ना ,हा वही वो हमारे ही शहर में आ गया है और आज मैंने उसे घर में खाने के लिए बुलाया है ..”
“ओ ..”
“क्या हुआ आप खुस नही हो ..?”
“फ्रेंड तेरा है तुझे मिला है तो मैं क्यो खुस होउ ..”
“हम्म जलनखोर कही के ,चलो आज एक अच्छी सी विस्की ला के रखना वो रात तक आ जाएगा ..”
“अच्छा उसे बोल विस्की लाने के लिए ..”
“प्लीज् जान ..वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है आप इतना भी नही करोगे ..”
मैं हल्के से हंसा
“ओके और कोई हुक्म इस खाली आदमी के लिए “
मोना खिलखिलाई
“कुछ भी नही बस बहुत सारा लव यू और ऊउम्मआ आज मैं बहुत खुस हु …”

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