hotaks444
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अरुण भी मस्ती मे खोने लगा. वो जैसे ही उसकी गहराइयों मे पहुचा सुप्रिया के पैर उसकी कमर के चारो ऑर कस गये. अरुण उसको अपनी बाहों मे लेकर बेड से उतर दिया और दीवार से सट कर उसे उपर नीचे करने लगा.
मस्ती मे सुप्रिया के मूह से शब्द निकलना ही बंद हो गये बस घुटि घुटि मस्ती की आहें निकल रही थी. दोबारा झड़ने को हुई तो उसने अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया और कस के उससे चिपट गयी. अरुण उसके शरीर मे हर धक्के से चिंगारिया पैदा कर रहा था.
आख़िरी धक्का मारते ही अरुण झड गया. "ओह..फक," उसने चिल्लाया और कस के दो बार लंड को अंदर तक पेल दिया. उसके आँखो के आगे धुन्ध्लापन छाने लगे, तो वो थोड़ा डगमगाता हुआ उसे बेड तक ले गया और लंड को उसके अंदर डाले डाले ही लेट गया. सुप्रिया उसके जिस्म से चिपकी पड़ी साँसें ले रही थी. कुछ देर बाद अरुण ने हाथ उपर करके उसके मूह से कपड़ा हटा दिया और अपने होंठो से उसके होंठों का रस्पान करने लगा.
"आइ लव यू," वो बोला.
सुप्रिया ने वही कहने की कोशिश की लेकिन उसके मूह से कुछ और निकला जो अरुण को समझ नही आया तो वो हंस दिया.
"सो जाओ दी. वी'ल्ल टॉक टुमॉरो."
सुप्रिया ने सिर हिला दिया और एक बड़ी सी स्माइल के साथ अपने प्रेमी के उपर होके लेट गयी. जब वो सो गई तो अरुण ने प्यार से उसे साइड मे लिटा दिया और खुद बाथरूम मे जाकर शवर लेकर अपने रूम मे चला गया.
रूम खोलकर वो बेड पर गया तो आज उसे बड़ा सूनापन लगा क्यूकी सोनिया नही थी उसके पास. लेकिन फिर बाकी सब बातें सोचकर कि कैसे वो सबको एक एक करके सर्प्राइज़ देगा सोने लगा.
"अब आएगा मज़ा."
********
"उठ जा चूतिए! बहुत काम है!" आवाज़ ने अरुण को जगाया
अरुण ने अंगड़ाई लेते हुए आँखे खोली और ध्यान करने लगा कि सच मे उसे काफ़ी काम है.
वो नीचे किचन मे गया तो सुप्रिया सींक पर थी. अरुण ने चारो तरफ देखा कोई नही था तो जाके उसे पीछे से पकड़ लिया और दूध दबाने लगा.
"उहमम्म्म, गुड मॉर्निंग, स्वीतू.." सुप्रिया उसका सहलाते हुए धीरे से बोली.
"मॉर्निंग दी," उसने गर्दन को चूमते हुए कहा.
सुप्रिया के हाथ उसके लंड पर पड़े तो तुरंत ही वो अलग होने लगा.
"ना, कोई आ जाएगा. रिमेंबर, रिवेंज.." अरुण एक शातिर मुस्कान के साथ बोला.
सुप्रिया ने बुरा सा मूह बना दिया.
"खैर, ये बताओ कल हुआ क्या? एक दम कैसे याद आ गया?" सुप्रिया काम पर लग गयी.
अरुण ने खुद के लिए सीरियाल निकाल लिए और वही पास मे बैठकर खाने लगा.
"डेट वाज़ गुड. वी टॉक्ड अबाउट 'यूएस'. उसके बाद जब मैं उसे किस कर रहा था तभी मुझे बहुत तेज सिर मे दर्द हुआ और तभी सब याद आ गया." अरुण ने आवाज़ वाली बात छोड़ दी.
किस की बात सुनके सुप्रिया थोड़ा झेप गयी लेकिन जब उसे ध्यान आया कि उस वक़्त उसे कुछ याद नही था तो थॉट को मन से निकाल दिया.
"तो एश से क्या कहोगे अब जब तुम्हे सब याद आ गया है?" सुप्रिया ने प्लेट को साइड मे रख कर कहा.
अरुण अपना सिर खुजाने लगा.
"डॉन'ट नो, दी. लेकिन कुछ तो सोचना ही पड़ेगा. आंड आइ डिड्न'ट वॉंट टू हर्ट हर." अरुण ने कहा. तब तक उसे सीढ़ियों पर किसी की आहट सुनाई दी तो जाके टेबल पर बैठ गया. कुछ ही देर मे सोनिया और आरोही हंसते हुए वहाँ आ गये, सोनिया ने वही फटी हुई टी-शर्ट और पैंटी पहनी थी, और आरोही स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स मे थी.
"पकड़ कर चोद डाल दोनो को!" आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा
"सीरियस्ली?"
"सॉरी, ओवरएग्ज़्साइट्मेंट मे निकल गया. बहुत दिन हो गये ना." आवाज़ ने अपनी सफाई दी
उन्हे देख कर अरुण ने तक़लीफ़ वाला चेहरा बनाकर चेहरा घुमा लिया लेकिन अंदर ही अंदर हंस पड़ा. तब तक स्नेहा भी रूम से आ गयी.
नाश्ते के वक़्त सबके बीच केवल अरुण की डेट की ही बातें होती रही. अरुण उन्हे सब कुछ बताता चला गया एक्सेप्ट याददाश्त वापस आने के.
सुप्रिया खा के जल्दी ही एप्रन को उतार के अपने रूम मे चली गयी. जैसे ही उसके रूम का दरवाजा बंद हुआ आरोही अपने भाई बहनों की ओर झुकी. "तो आज दी के बर्तडे के लिए क्या प्लान है?"
"शिट, मैं तो भूल ही गया था कि उनका बर्थ'डे है आज. मुझे कुछ अच्छा सा देना पड़ेगा." अरुण बोला.
"सर्प्राइज़ पार्टी?" सोनिया ने अपना आइडिया दिया.
स्नेहा ना मे सिर हिलाने लगी. "ना, मुझे नही लगता अच्छा आइडिया है, आख़िर मे वही ज़िद करने लगती हैं सफाई की और खुद ही सफाई करने लगेगी."
"तो बिग पार्टी कॅन्सल, फिर." आरोही बोली.
अरुण ने उन सबकी ओर देखा. "मुझे ऐसा क्यू लग रहा है तुम सबने पहले ही गिफ्ट्स चूज़ कर लिए हैं?"
"एप." तीनो ने एक साथ कहा.
अरुण सोचने लगा कि आख़िर लड़कियों को ये चीज़े याद कैसे रहती हैं.
"शायद दूधो का कोई कनेक्षन होता होगा." आवाज़ ने हंस कर कहा
फिर तीनो खाकर वहाँ से चली गयी. अरुण भी खाना ख़त्म करके अपने रूम मे चला गया. कपड़े पहेन के और वॉलेट उठा के वो बाहर जाने लगा.
"जब तेरी पॅंट मे पहले से ही बहतेरीन गिफ्ट है तो और कुछ ढूढ़ने की क्या ज़रूरत!?" आवाज़ ने कहा
"नाइस ट्राइ लेकिन लड़की को लंड के अलावा भी कुछ चाहिए होता है."
"चूत." आवाज़ ने कहा
"शट अप."
अरुण बाहर निकलकर कार मे बैठा और मार्केट चल दिया. वो रास्ते मे जा ही रहा था कि एक जगह उसकी नज़र पड़ी और उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी.
जब वो घर पहुचा तो स्नेहा उपर से नीचे आ रही थी, उसने शायद ब्रा नही पहनी थी और सफेद टॉप मे उसके दूध उपर नीचे हो रहे थे.
अरुण ने तुरंत ही चेहरे पर शिकन लानी शुरू कर दी.
"अगर तूने जल्दी इन्हे नही पकड़ा तो मैं पागल होने वाला हूँ..हम्म." आवाज़ ने अधीर होते हुए कहा
स्नेहा ने अरुण के चेहरे पर शिकन देखी तो अंदर ही अंदर खुश होने लगी.
शाम को वो हॉल मे टीवी देख रहा था कि सोनिया और आरोही दोनो जिम वाले कपड़ो मे थी और बाहर जाने को थे.
"रन्निंग के लिए चलोगे?"
"नही. अभी भी थोड़ा पेन होता है." अरुण ने कहा और उपर चला गया. अगर पेन नही हो रहा होता तो वो पक्का जाता, ये बात सोचने लगा. उपर जाके वो नॉवेल पढ़ते पढ़ते सो गया.
********
आरोही ने अपना सिर अरुण के कमरे मे घुसाया, 3 घंटे हो चुके थे तबसे अरुण सो रहा था. चुपके से वो अंदर घुसी और उसके शॉर्ट्स मे बने तंबू को देखकर स्माइल करने लगी.
"कोई सपना देख रहा होगा," उसने वही देखते हुए सोचा. वो सोचने लगी कि एक ही साल मे उनकी रिलेशन्षिप कितनी चेंज हो गयी. पहले भी अरुण उसे अट्रॅक्टिव लगता था लेकिन अब तो बात ही अलग थी. मानो एक दम से कोई स्विच ऑन हो गया उसके अंदर. उसे ध्यान आने लगा कि कैसे अभी कुछ महीने पहले अरुण पूल की सफाई के बाद शर्ट उतार कर अपने शरीर को भिगो रहा था. उसकी मसल्स हल्की हल्की चमक रही थी. वो भी उसको और सोनिया को देखकर काफ़ी उत्तेजित हो गया था.
उसी दिन से उसने मास्टरबेट करते समय उसके बारे मे सोचना शुरू कर दिया था. उसने अपने विचारो से लड़ाई नही करी थी, उसने बस इस बात को मान लिया था कि वो अपने भाई की तरफ अट्रॅक्टेड है. ऐसा नही था कि मास्टरबेट करते समय उसके मन मे सिर्फ़ अरुण ही आता था, बाद मे उसके मन मे सुप्रिया, स्नेहा, सोनिया सबने अपनी जगह बना ली. सोनिया उसके उपर चढ़ के उसकी चूत चाट रही होती और स्नेहा उसके मूह पर बैठी होती.
यही सोचते सोचते वो पास की चेयर पर बैठ गयी और शॉर्ट्स के उपर से ही चूत को दबाने लगी. पहले उसे अपनी इस सेक्स ड्राइव से थोड़ा डर लगता था लेकिन फिर उसने खुद को समझाया कि घर मे तो ठीक है लेकिन बाहर ये सही नही होगा.
अरुण नींद मे ही हिला तो उसके शॉर्ट्स के छेद मे से लंड बाहर आ गया.
"फक," आरोही बोली और उसके हाथ अपने आप ही उसके शॉर्ट्स मे घुसकर चूत को रगड़ने लगे.
वो जानती थी कि ये ठीक नही है लेकिन उसकी इच्छा उस पर हावी होने लगी. "अगर जाग गया तो?" वो सोचने लगी और उसके लंड को देखते हुए उसकी उंगलियाँ और तेज़ी से क्लाइटॉरिस को रगड़ने लगी.
उसने अपने शॉर्ट्स से हाथ निकाला और मूह मे रख के उंगलियाँ गीली करने लगी और फिरसे नीचे हाथ करके उंगली अंदर डाल दी. अरुण के मूह से हल्की सिसकी निकली और वो नींद मे ही मुस्कुराने लगा. "आरू.." उसने नींद मे कहा.
मस्ती मे सुप्रिया के मूह से शब्द निकलना ही बंद हो गये बस घुटि घुटि मस्ती की आहें निकल रही थी. दोबारा झड़ने को हुई तो उसने अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया और कस के उससे चिपट गयी. अरुण उसके शरीर मे हर धक्के से चिंगारिया पैदा कर रहा था.
आख़िरी धक्का मारते ही अरुण झड गया. "ओह..फक," उसने चिल्लाया और कस के दो बार लंड को अंदर तक पेल दिया. उसके आँखो के आगे धुन्ध्लापन छाने लगे, तो वो थोड़ा डगमगाता हुआ उसे बेड तक ले गया और लंड को उसके अंदर डाले डाले ही लेट गया. सुप्रिया उसके जिस्म से चिपकी पड़ी साँसें ले रही थी. कुछ देर बाद अरुण ने हाथ उपर करके उसके मूह से कपड़ा हटा दिया और अपने होंठो से उसके होंठों का रस्पान करने लगा.
"आइ लव यू," वो बोला.
सुप्रिया ने वही कहने की कोशिश की लेकिन उसके मूह से कुछ और निकला जो अरुण को समझ नही आया तो वो हंस दिया.
"सो जाओ दी. वी'ल्ल टॉक टुमॉरो."
सुप्रिया ने सिर हिला दिया और एक बड़ी सी स्माइल के साथ अपने प्रेमी के उपर होके लेट गयी. जब वो सो गई तो अरुण ने प्यार से उसे साइड मे लिटा दिया और खुद बाथरूम मे जाकर शवर लेकर अपने रूम मे चला गया.
रूम खोलकर वो बेड पर गया तो आज उसे बड़ा सूनापन लगा क्यूकी सोनिया नही थी उसके पास. लेकिन फिर बाकी सब बातें सोचकर कि कैसे वो सबको एक एक करके सर्प्राइज़ देगा सोने लगा.
"अब आएगा मज़ा."
********
"उठ जा चूतिए! बहुत काम है!" आवाज़ ने अरुण को जगाया
अरुण ने अंगड़ाई लेते हुए आँखे खोली और ध्यान करने लगा कि सच मे उसे काफ़ी काम है.
वो नीचे किचन मे गया तो सुप्रिया सींक पर थी. अरुण ने चारो तरफ देखा कोई नही था तो जाके उसे पीछे से पकड़ लिया और दूध दबाने लगा.
"उहमम्म्म, गुड मॉर्निंग, स्वीतू.." सुप्रिया उसका सहलाते हुए धीरे से बोली.
"मॉर्निंग दी," उसने गर्दन को चूमते हुए कहा.
सुप्रिया के हाथ उसके लंड पर पड़े तो तुरंत ही वो अलग होने लगा.
"ना, कोई आ जाएगा. रिमेंबर, रिवेंज.." अरुण एक शातिर मुस्कान के साथ बोला.
सुप्रिया ने बुरा सा मूह बना दिया.
"खैर, ये बताओ कल हुआ क्या? एक दम कैसे याद आ गया?" सुप्रिया काम पर लग गयी.
अरुण ने खुद के लिए सीरियाल निकाल लिए और वही पास मे बैठकर खाने लगा.
"डेट वाज़ गुड. वी टॉक्ड अबाउट 'यूएस'. उसके बाद जब मैं उसे किस कर रहा था तभी मुझे बहुत तेज सिर मे दर्द हुआ और तभी सब याद आ गया." अरुण ने आवाज़ वाली बात छोड़ दी.
किस की बात सुनके सुप्रिया थोड़ा झेप गयी लेकिन जब उसे ध्यान आया कि उस वक़्त उसे कुछ याद नही था तो थॉट को मन से निकाल दिया.
"तो एश से क्या कहोगे अब जब तुम्हे सब याद आ गया है?" सुप्रिया ने प्लेट को साइड मे रख कर कहा.
अरुण अपना सिर खुजाने लगा.
"डॉन'ट नो, दी. लेकिन कुछ तो सोचना ही पड़ेगा. आंड आइ डिड्न'ट वॉंट टू हर्ट हर." अरुण ने कहा. तब तक उसे सीढ़ियों पर किसी की आहट सुनाई दी तो जाके टेबल पर बैठ गया. कुछ ही देर मे सोनिया और आरोही हंसते हुए वहाँ आ गये, सोनिया ने वही फटी हुई टी-शर्ट और पैंटी पहनी थी, और आरोही स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स मे थी.
"पकड़ कर चोद डाल दोनो को!" आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा
"सीरियस्ली?"
"सॉरी, ओवरएग्ज़्साइट्मेंट मे निकल गया. बहुत दिन हो गये ना." आवाज़ ने अपनी सफाई दी
उन्हे देख कर अरुण ने तक़लीफ़ वाला चेहरा बनाकर चेहरा घुमा लिया लेकिन अंदर ही अंदर हंस पड़ा. तब तक स्नेहा भी रूम से आ गयी.
नाश्ते के वक़्त सबके बीच केवल अरुण की डेट की ही बातें होती रही. अरुण उन्हे सब कुछ बताता चला गया एक्सेप्ट याददाश्त वापस आने के.
सुप्रिया खा के जल्दी ही एप्रन को उतार के अपने रूम मे चली गयी. जैसे ही उसके रूम का दरवाजा बंद हुआ आरोही अपने भाई बहनों की ओर झुकी. "तो आज दी के बर्तडे के लिए क्या प्लान है?"
"शिट, मैं तो भूल ही गया था कि उनका बर्थ'डे है आज. मुझे कुछ अच्छा सा देना पड़ेगा." अरुण बोला.
"सर्प्राइज़ पार्टी?" सोनिया ने अपना आइडिया दिया.
स्नेहा ना मे सिर हिलाने लगी. "ना, मुझे नही लगता अच्छा आइडिया है, आख़िर मे वही ज़िद करने लगती हैं सफाई की और खुद ही सफाई करने लगेगी."
"तो बिग पार्टी कॅन्सल, फिर." आरोही बोली.
अरुण ने उन सबकी ओर देखा. "मुझे ऐसा क्यू लग रहा है तुम सबने पहले ही गिफ्ट्स चूज़ कर लिए हैं?"
"एप." तीनो ने एक साथ कहा.
अरुण सोचने लगा कि आख़िर लड़कियों को ये चीज़े याद कैसे रहती हैं.
"शायद दूधो का कोई कनेक्षन होता होगा." आवाज़ ने हंस कर कहा
फिर तीनो खाकर वहाँ से चली गयी. अरुण भी खाना ख़त्म करके अपने रूम मे चला गया. कपड़े पहेन के और वॉलेट उठा के वो बाहर जाने लगा.
"जब तेरी पॅंट मे पहले से ही बहतेरीन गिफ्ट है तो और कुछ ढूढ़ने की क्या ज़रूरत!?" आवाज़ ने कहा
"नाइस ट्राइ लेकिन लड़की को लंड के अलावा भी कुछ चाहिए होता है."
"चूत." आवाज़ ने कहा
"शट अप."
अरुण बाहर निकलकर कार मे बैठा और मार्केट चल दिया. वो रास्ते मे जा ही रहा था कि एक जगह उसकी नज़र पड़ी और उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी.
जब वो घर पहुचा तो स्नेहा उपर से नीचे आ रही थी, उसने शायद ब्रा नही पहनी थी और सफेद टॉप मे उसके दूध उपर नीचे हो रहे थे.
अरुण ने तुरंत ही चेहरे पर शिकन लानी शुरू कर दी.
"अगर तूने जल्दी इन्हे नही पकड़ा तो मैं पागल होने वाला हूँ..हम्म." आवाज़ ने अधीर होते हुए कहा
स्नेहा ने अरुण के चेहरे पर शिकन देखी तो अंदर ही अंदर खुश होने लगी.
शाम को वो हॉल मे टीवी देख रहा था कि सोनिया और आरोही दोनो जिम वाले कपड़ो मे थी और बाहर जाने को थे.
"रन्निंग के लिए चलोगे?"
"नही. अभी भी थोड़ा पेन होता है." अरुण ने कहा और उपर चला गया. अगर पेन नही हो रहा होता तो वो पक्का जाता, ये बात सोचने लगा. उपर जाके वो नॉवेल पढ़ते पढ़ते सो गया.
********
आरोही ने अपना सिर अरुण के कमरे मे घुसाया, 3 घंटे हो चुके थे तबसे अरुण सो रहा था. चुपके से वो अंदर घुसी और उसके शॉर्ट्स मे बने तंबू को देखकर स्माइल करने लगी.
"कोई सपना देख रहा होगा," उसने वही देखते हुए सोचा. वो सोचने लगी कि एक ही साल मे उनकी रिलेशन्षिप कितनी चेंज हो गयी. पहले भी अरुण उसे अट्रॅक्टिव लगता था लेकिन अब तो बात ही अलग थी. मानो एक दम से कोई स्विच ऑन हो गया उसके अंदर. उसे ध्यान आने लगा कि कैसे अभी कुछ महीने पहले अरुण पूल की सफाई के बाद शर्ट उतार कर अपने शरीर को भिगो रहा था. उसकी मसल्स हल्की हल्की चमक रही थी. वो भी उसको और सोनिया को देखकर काफ़ी उत्तेजित हो गया था.
उसी दिन से उसने मास्टरबेट करते समय उसके बारे मे सोचना शुरू कर दिया था. उसने अपने विचारो से लड़ाई नही करी थी, उसने बस इस बात को मान लिया था कि वो अपने भाई की तरफ अट्रॅक्टेड है. ऐसा नही था कि मास्टरबेट करते समय उसके मन मे सिर्फ़ अरुण ही आता था, बाद मे उसके मन मे सुप्रिया, स्नेहा, सोनिया सबने अपनी जगह बना ली. सोनिया उसके उपर चढ़ के उसकी चूत चाट रही होती और स्नेहा उसके मूह पर बैठी होती.
यही सोचते सोचते वो पास की चेयर पर बैठ गयी और शॉर्ट्स के उपर से ही चूत को दबाने लगी. पहले उसे अपनी इस सेक्स ड्राइव से थोड़ा डर लगता था लेकिन फिर उसने खुद को समझाया कि घर मे तो ठीक है लेकिन बाहर ये सही नही होगा.
अरुण नींद मे ही हिला तो उसके शॉर्ट्स के छेद मे से लंड बाहर आ गया.
"फक," आरोही बोली और उसके हाथ अपने आप ही उसके शॉर्ट्स मे घुसकर चूत को रगड़ने लगे.
वो जानती थी कि ये ठीक नही है लेकिन उसकी इच्छा उस पर हावी होने लगी. "अगर जाग गया तो?" वो सोचने लगी और उसके लंड को देखते हुए उसकी उंगलियाँ और तेज़ी से क्लाइटॉरिस को रगड़ने लगी.
उसने अपने शॉर्ट्स से हाथ निकाला और मूह मे रख के उंगलियाँ गीली करने लगी और फिरसे नीचे हाथ करके उंगली अंदर डाल दी. अरुण के मूह से हल्की सिसकी निकली और वो नींद मे ही मुस्कुराने लगा. "आरू.." उसने नींद मे कहा.