hotaks444
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पहले सोनू ने बोल तो दिया था , पर सोनिया के पूछने पर उसकी तो गिग्घी बंद गयी...
पर फिर उसे रात वाली घटना एक बार फिर से याद आ गयी...
उसने मन में सोचा की इस वक़्त अगर चुप रह गया तो वो उससे कभी नही उगलवा सकेगा ...
इसलिए यही वक़्त है..
वो बोला : "ये ... ये मोटर वाला नकली ''वो'' है... और इसे लड़कियाँ ... अपनी... अपनी .. टाँगो के बीच..यानी अंदर .... रखकर ... मज़ा करती है...''
सोनिया ने जब ये सुना तो हंस-2 कर लोट-पोट हो गयी.... और वो अपने बेड पर गिरकर और अपना पेट पकड़कर हँसती रही...और फिर 2 मिनट बाद जब अपने उपर कंट्रोल हुआ तो बोली : "ओ मेरे भोले भाई.... क्या डेफिनिशन दी है तूने इसकी... कमाल है यार तू भी..... और तू कहता है की तू जवान हो गया है..... हा हा ..... पता नही साक्षी के सामने तू क्या करेगा.... ''
अपनी बहन के सामने चुतिया बनकर इस वक़्त सोनू को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर वो उसे सब सॉफ-2 बताकर ये नही जताना चाहता था की उसे अच्छी तरह से पता है की इस डिलडो को चूत में डालकर मास्टरबेट किया जाता है...
अपनी बहन के सामने उसने इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि अपनी मर्यादा का उलंघन ना करे वो... वरना अभी उसे बता देता की क्या-2 पता है उसे...
पर सोनिया की अगली बात सुनकर उसे खुद की कही हुई बात पर काफ़ी खुशी हुई....
वो बोली : "भाई, लगता है तुझे अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा... वरना बाहर जाकर तू ऐसी बातें करेगा तो दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर कैसे चल पाएगा... हा हा''
उसकी हँसी अब तक नही रुक रही थी...
पर उसकी बात सुनकर सोनू का दिमाग़ कहीं और ही चलने लगा.... अब उसे लग रहा था की अपनी बहन के सामने ऐसे ही बुढ़ू सा बनकर रहे और देखे की उसकी बहन को सैक्स के बारे में क्या-2 पता है... और वो सब बताने के बहाने शायद वो उसके करीब भी आ जाए और कुछ मज़े करने को मिल जाएँ..
और आज ये सब सोचते हुए पहली बार हुआ था की उसके अंदर के ''भाई'' ने ये नही कहा की ''ये ग़लत है''
शायद उसकी वासना ने उसके रिश्ते की रही सही भावना को कुचल दिया था...पर शायद अभी के लिए.
पर जो अभी हो रहा था, उसे सोनू बहुत एंजाय कर रहा था.
और उसकी सोच के अनुसार वही हुआ , सोनिया ने उसे अपने बेड पर बिठाया और बड़े ही प्यार से उसे सैक्स का पाठ पड़ना शुरू किया..
''देखो सोनू... आई नो की हम दोनो भाई बहन है और हमें ये सब बातें एक दूसरे से नही करनी चाहिए... पर कल जो हम दोनो के बीच डिसाईड हुआ था, उसके बाद मुझे लगता है की हम दोनो को एक दूसरे से कुछ भी छिपाना नही चाहिए...''
सोनू किसी लंगूर की तरह सोनिया को एकटक देखता रहा ...
वो आगे बोली : "आई डोंट नो की तुम्हे पता है या तुम नासमझी का नाटक कर रहे हो.. पर जितना तुमने बताया है वो इन्फर्मेशन थोड़ी अधूरी सी है... इसलिए मैं उसको पूरा कर देती हूँ ...इसे डिल्डो कहते हैं... और इसका इस्तेमाल करके लड़कियाँ मास्टरबेट करती है... और ऑर्गॅज़म का मज़ा लेकर ही उन्हे चैन मिलता है...''
सोनू : "तो इसका मतलब.... कल रात को तुम .... म.. मास्टर .... बेट... कर रही थी .....''
सोनिया का चेहरा गुलाबी सा हो उठा.... और पहली बार सोनू ने उसे शर्माकर अपनी आँखे चुराते हुए देखा...
वो धीरे से बोली : "हम्म्म...''
और फिर अचानक उसने अपनी आँखे गोल कर ली, जैसे उसे कुछ याद आ गया हो या उसने सोनू की चोरी पकड़ ली हो..
सोनिया : "तुम कल रात जाग रहे थे ना.... जब मैं मास्टरबेट कर रही थी....बोलो .... ''
सोनू कुछ नही बोला.... उसने सिर झुका लिया... यानी उसने कबूल कर लिया की वो जाग रहा था..
सोनिया ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए और ज़ोर से चिल्लाई : " ओह्ह्ह गॉडsssss ....... मुझे पता था.... कल रात ही पता चल गया था की तुम जाग रहे हो......इट मीन्स..... तुमने.... वो सब होते हुए देख लिया.....''
अब वो खिसिया सी रही थी.... और उसे थोड़ा बहुत गुस्सा भी आ रहा था...
सोनू ने बात संभाली : "नही दी.... वो मैने जान बूझकर नही किया.... मेरी आँख जब खुली तो ... तो... शायद तुम सब कर चुकी थी.... पर...''
वो गुरराती हुई उसके करीब आई : "पर.... पर क्या ?''
सोनू सकपका सा गया उसके गुस्से से भरे चेहरे को देखकर...
सोनू : "मैने वो आपको..... लास्ट में .. मेरा नाम लेते हुए सुना...''
सोनिया ने अपना माथा पीट लिया... शायद जिस बात का उसे डर था, वही हुआ था उसके साथ .
अभी तक जो सोनिया मज़े ले रही थी, एकदम से चुप हो चुकी थी..
सोनू : "दी, आपने ही तो कहा था की हम अब दोस्त हैं.... तो आप इस बात पर इतना नाराज़ क्यों हो रही हो.... ''
सोनिया धीरे से बोली : "नही.... नाराज़ नही हूँ मैं.... बट जो कल रात हुआ वो..... वो मेरे बस में नही था...''
सोनू : "देखो दी, मुझे नही पता की आप उस वक़्त क्या सोच रही थी... बट डोंट फील बेड की आपने मेरा नाम लिया था उस वक़्त... या फिर मैने वो सब सुन लिया था....''
वो कुछ नही बोल रही थी.... शायद उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा था..
सोनू अपनी तरफ से उसे कॉन्फिडेंस फील कराने के लिए कुछ ना कुछ बोले ही जा रहा था..
''देखो दी, वो सब कई बार मेरे साथ भी होता है.... कभी साक्षी के बारे में तो कभी किसी और लड़की के बारे में सोचकर मैने भी कई बार मास्टरबेट किया है... एक बार तो अपनी मेम के बारे में सोचकर भी किया था... ऐंड आई नो की वो सब करते हुए किसी का नाम लेने में कितना मज़ा आता है...''
सोनिया ने उसकी तरफ देखा... और बोली : "पर कभी एक भाई को बहन के बारे में या बहन को भाई के बारे में सोचकर करते हुए नही देखा होगा ना... पर पता नही क्या चल रहा था मेरे मन में उस वक़्त... मैने लाख कोशिश करी की अपनी क्लास के किसी फ्रेंड के बारे में सोचू , या किसी हेंडसम टीचर के बारे में ... या फिर कोई और... पर पता नही कैसे लास्ट में सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचकर मुझे कुछ हो गया ...और.. और ''
इतना कहकर वो चुप हो गयी....
सोनू समझ गया की शायद उसने ये सब जान बूझकर नही किया है...
कल से दोनो के बीच जो चल रहा था, कहीं ना कहीं सोनिया के दिमाग़ में वही सब रह गया होगा,
इसलिए आख़िरी वक़्त में झड़ते हुए सोनू का नाम निकल गया था उसके मुँह से...
सोनू ने माहौल को हल्का करते हुए कहा : "ओके दी... चलो छोड़ो ये सब... जो हुआ सो हुआ... अब इसके बारे में बात नही करते.... मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता... सो भूल जाओ कल रात की बात.... एन्ड मेरे साथ बाहर चलो, और ये भी बताता हूँ की कल साक्षी के साथ मैंने क्या किया ''
सोनिया एकदम से खुश हो गयी.... वो भी साक्षी के बारे में जानना चाहती थी, उसे शायद इस बात की भी खुशी थी की उसके भाई को इतना सब होने के बाद भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था... पर ये सिर्फ़ सोनू ही जानता था की उसे कितना फ़र्क पड़ रहा है... कितना पड़ चुका है....और आगे कितना पड़ने वाला है.
पर फिर उसे रात वाली घटना एक बार फिर से याद आ गयी...
उसने मन में सोचा की इस वक़्त अगर चुप रह गया तो वो उससे कभी नही उगलवा सकेगा ...
इसलिए यही वक़्त है..
वो बोला : "ये ... ये मोटर वाला नकली ''वो'' है... और इसे लड़कियाँ ... अपनी... अपनी .. टाँगो के बीच..यानी अंदर .... रखकर ... मज़ा करती है...''
सोनिया ने जब ये सुना तो हंस-2 कर लोट-पोट हो गयी.... और वो अपने बेड पर गिरकर और अपना पेट पकड़कर हँसती रही...और फिर 2 मिनट बाद जब अपने उपर कंट्रोल हुआ तो बोली : "ओ मेरे भोले भाई.... क्या डेफिनिशन दी है तूने इसकी... कमाल है यार तू भी..... और तू कहता है की तू जवान हो गया है..... हा हा ..... पता नही साक्षी के सामने तू क्या करेगा.... ''
अपनी बहन के सामने चुतिया बनकर इस वक़्त सोनू को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर वो उसे सब सॉफ-2 बताकर ये नही जताना चाहता था की उसे अच्छी तरह से पता है की इस डिलडो को चूत में डालकर मास्टरबेट किया जाता है...
अपनी बहन के सामने उसने इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि अपनी मर्यादा का उलंघन ना करे वो... वरना अभी उसे बता देता की क्या-2 पता है उसे...
पर सोनिया की अगली बात सुनकर उसे खुद की कही हुई बात पर काफ़ी खुशी हुई....
वो बोली : "भाई, लगता है तुझे अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा... वरना बाहर जाकर तू ऐसी बातें करेगा तो दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर कैसे चल पाएगा... हा हा''
उसकी हँसी अब तक नही रुक रही थी...
पर उसकी बात सुनकर सोनू का दिमाग़ कहीं और ही चलने लगा.... अब उसे लग रहा था की अपनी बहन के सामने ऐसे ही बुढ़ू सा बनकर रहे और देखे की उसकी बहन को सैक्स के बारे में क्या-2 पता है... और वो सब बताने के बहाने शायद वो उसके करीब भी आ जाए और कुछ मज़े करने को मिल जाएँ..
और आज ये सब सोचते हुए पहली बार हुआ था की उसके अंदर के ''भाई'' ने ये नही कहा की ''ये ग़लत है''
शायद उसकी वासना ने उसके रिश्ते की रही सही भावना को कुचल दिया था...पर शायद अभी के लिए.
पर जो अभी हो रहा था, उसे सोनू बहुत एंजाय कर रहा था.
और उसकी सोच के अनुसार वही हुआ , सोनिया ने उसे अपने बेड पर बिठाया और बड़े ही प्यार से उसे सैक्स का पाठ पड़ना शुरू किया..
''देखो सोनू... आई नो की हम दोनो भाई बहन है और हमें ये सब बातें एक दूसरे से नही करनी चाहिए... पर कल जो हम दोनो के बीच डिसाईड हुआ था, उसके बाद मुझे लगता है की हम दोनो को एक दूसरे से कुछ भी छिपाना नही चाहिए...''
सोनू किसी लंगूर की तरह सोनिया को एकटक देखता रहा ...
वो आगे बोली : "आई डोंट नो की तुम्हे पता है या तुम नासमझी का नाटक कर रहे हो.. पर जितना तुमने बताया है वो इन्फर्मेशन थोड़ी अधूरी सी है... इसलिए मैं उसको पूरा कर देती हूँ ...इसे डिल्डो कहते हैं... और इसका इस्तेमाल करके लड़कियाँ मास्टरबेट करती है... और ऑर्गॅज़म का मज़ा लेकर ही उन्हे चैन मिलता है...''
सोनू : "तो इसका मतलब.... कल रात को तुम .... म.. मास्टर .... बेट... कर रही थी .....''
सोनिया का चेहरा गुलाबी सा हो उठा.... और पहली बार सोनू ने उसे शर्माकर अपनी आँखे चुराते हुए देखा...
वो धीरे से बोली : "हम्म्म...''
और फिर अचानक उसने अपनी आँखे गोल कर ली, जैसे उसे कुछ याद आ गया हो या उसने सोनू की चोरी पकड़ ली हो..
सोनिया : "तुम कल रात जाग रहे थे ना.... जब मैं मास्टरबेट कर रही थी....बोलो .... ''
सोनू कुछ नही बोला.... उसने सिर झुका लिया... यानी उसने कबूल कर लिया की वो जाग रहा था..
सोनिया ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए और ज़ोर से चिल्लाई : " ओह्ह्ह गॉडsssss ....... मुझे पता था.... कल रात ही पता चल गया था की तुम जाग रहे हो......इट मीन्स..... तुमने.... वो सब होते हुए देख लिया.....''
अब वो खिसिया सी रही थी.... और उसे थोड़ा बहुत गुस्सा भी आ रहा था...
सोनू ने बात संभाली : "नही दी.... वो मैने जान बूझकर नही किया.... मेरी आँख जब खुली तो ... तो... शायद तुम सब कर चुकी थी.... पर...''
वो गुरराती हुई उसके करीब आई : "पर.... पर क्या ?''
सोनू सकपका सा गया उसके गुस्से से भरे चेहरे को देखकर...
सोनू : "मैने वो आपको..... लास्ट में .. मेरा नाम लेते हुए सुना...''
सोनिया ने अपना माथा पीट लिया... शायद जिस बात का उसे डर था, वही हुआ था उसके साथ .
अभी तक जो सोनिया मज़े ले रही थी, एकदम से चुप हो चुकी थी..
सोनू : "दी, आपने ही तो कहा था की हम अब दोस्त हैं.... तो आप इस बात पर इतना नाराज़ क्यों हो रही हो.... ''
सोनिया धीरे से बोली : "नही.... नाराज़ नही हूँ मैं.... बट जो कल रात हुआ वो..... वो मेरे बस में नही था...''
सोनू : "देखो दी, मुझे नही पता की आप उस वक़्त क्या सोच रही थी... बट डोंट फील बेड की आपने मेरा नाम लिया था उस वक़्त... या फिर मैने वो सब सुन लिया था....''
वो कुछ नही बोल रही थी.... शायद उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा था..
सोनू अपनी तरफ से उसे कॉन्फिडेंस फील कराने के लिए कुछ ना कुछ बोले ही जा रहा था..
''देखो दी, वो सब कई बार मेरे साथ भी होता है.... कभी साक्षी के बारे में तो कभी किसी और लड़की के बारे में सोचकर मैने भी कई बार मास्टरबेट किया है... एक बार तो अपनी मेम के बारे में सोचकर भी किया था... ऐंड आई नो की वो सब करते हुए किसी का नाम लेने में कितना मज़ा आता है...''
सोनिया ने उसकी तरफ देखा... और बोली : "पर कभी एक भाई को बहन के बारे में या बहन को भाई के बारे में सोचकर करते हुए नही देखा होगा ना... पर पता नही क्या चल रहा था मेरे मन में उस वक़्त... मैने लाख कोशिश करी की अपनी क्लास के किसी फ्रेंड के बारे में सोचू , या किसी हेंडसम टीचर के बारे में ... या फिर कोई और... पर पता नही कैसे लास्ट में सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचकर मुझे कुछ हो गया ...और.. और ''
इतना कहकर वो चुप हो गयी....
सोनू समझ गया की शायद उसने ये सब जान बूझकर नही किया है...
कल से दोनो के बीच जो चल रहा था, कहीं ना कहीं सोनिया के दिमाग़ में वही सब रह गया होगा,
इसलिए आख़िरी वक़्त में झड़ते हुए सोनू का नाम निकल गया था उसके मुँह से...
सोनू ने माहौल को हल्का करते हुए कहा : "ओके दी... चलो छोड़ो ये सब... जो हुआ सो हुआ... अब इसके बारे में बात नही करते.... मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता... सो भूल जाओ कल रात की बात.... एन्ड मेरे साथ बाहर चलो, और ये भी बताता हूँ की कल साक्षी के साथ मैंने क्या किया ''
सोनिया एकदम से खुश हो गयी.... वो भी साक्षी के बारे में जानना चाहती थी, उसे शायद इस बात की भी खुशी थी की उसके भाई को इतना सब होने के बाद भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था... पर ये सिर्फ़ सोनू ही जानता था की उसे कितना फ़र्क पड़ रहा है... कितना पड़ चुका है....और आगे कितना पड़ने वाला है.