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- Dec 5, 2013
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दिव्या: कितना टाइम हो गया है. अगर किसी ने मुझे इस वक़्त स्कूल से निकलते देख लिया तो.
सलमान: अरे अब स्कूल में तो कोई होगा नहीं. हाँ अगर सामने के दुकान वालों से घबराती हो तो चलो तुम्हे पीछे वाले गेट से छोड़ आता हूँ. मैं भी तो सोसाइटी में ड्यूटी देने जा रहा हूँ.
दिव्या: नहीं मैं अपने आप चली जाउंगी.
सलमान: अरे वहां ताला बंद है. चाभी मेरे पास है. आज मेरे पास दोस्त की बाइक है तो दोनों साथ चलते हैं. सोसाइटी से थोडा पहले तुम उतर जाना. अब सोच क्या रही हो. मुझे देर हो रही है.
दिव्या कुछ समझ पाती इससे पहले ही सलमान ने दिव्या का हाथ पकड़ कर उसे बाहर निकाला और रूम में ताला लगा दिया. सलमान दिव्या को बाइक पर बैठने को बोलता है. दिव्या के पास कोई चारा नहीं था. वो मुंह छुपा कर सलमान के पीछे बैठ जाती है. रस्ते में भी सलमान बार बार ब्रेक लगा कर दिव्या की चून्चियों का मज़ा लेता है. थोड़ी देर में ही उसका लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगता है.
सलमान दिव्या का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है. दिव्या जानती है की मना करने का कोई फायदा नहीं है वरना और परेशान करेगा. दिव्या सोचती है की ये किसी हब्शी से कम नहीं है जो इतनी जल्दी इसका फिर से खड़ा हो जाता है यही सोच कर और सलमान का लंड पकड़ने से दिव्या फिर से गरम होने लगती है.
सलमान: थोडा सहला दो न जान. तुम्हारी सुरंग में घुसने के लिए तड़प रहा है.
दिव्या: सड़क पर ये सब ठीक नहीं होगा. अगर किसी ने देख लिया तो आफत हो जाएगी. अभी तो अपनी मनमानी करके आ रहे हो.
सलमान: तुम माल ही ऐसा हो जानेमन की चोदते चोदते भी फिर से चोदने का मन करने लगता है. वैसे तुझे मजा तो आया न.
दिव्या खामोश हो जाती है.
सलमान: बोलो न जान. कैसे लगा मेरी कुतिया बन कर.
दिव्या: तुम बहुत बदतमीज हो सलमान. एक तो मेरे साथ जबरदस्ती करते हो और फिर गाली देते हो.
सलमान: अरे जबरदस्ती किसने की. कमाल है. खुद मजे लिए और अब बोल रही हो की जबरदस्ती की. खैर जाने दो ये बताओ की तुम्हारा नाकारा आदमी कब वापस आ रहा है.
दिव्या: तमीज से बात करो उनके बारे में.
सलमान: अरे भाई तुम्हारी प्यास नहीं बुझा पाता तो नाकारा ही हुआ न. ये बताओ की कब आयेगा.
दिव्या: वो कल आ जायेंगे शायद.
ये सुनकर सलमान चौंक जाता है क्योंकि उसने सोचा था की अब अगले कुछ दिनों तक वो दिव्या को मन भर के चोदेगा. सलमान रास्ते में एक पार्क के अन्दर बाइक मोड़ देता है और झाड़ियों की तरफ चल देता है.
दिव्या: ये किधर जा रहे हो सलमान. घर चलो. देर हो रही है.
सलमान: अरे कल तेरा आदमी आ जायेगा ये पहले बताना चाहिए था न. चल एक बार और मेरा लंड झाड दे.
दिव्या: पागल हो क्या? यहाँ पार्क में!
सलमान: ये लवर्स पॉइंट है मेरी जान. पहले भी कई रांडो की आग यहाँ झाड़ियों में ठंडी कर चुका हूँ. डरो मत मेर साथ चलो.
दिव्या: मुझे नहीं जाना तुम चुपचाप घर चलो.
सलमान: अरे मालिक की बात तो कुतिया को माननी ही पड़ेगी.
सलमान: अरे अब स्कूल में तो कोई होगा नहीं. हाँ अगर सामने के दुकान वालों से घबराती हो तो चलो तुम्हे पीछे वाले गेट से छोड़ आता हूँ. मैं भी तो सोसाइटी में ड्यूटी देने जा रहा हूँ.
दिव्या: नहीं मैं अपने आप चली जाउंगी.
सलमान: अरे वहां ताला बंद है. चाभी मेरे पास है. आज मेरे पास दोस्त की बाइक है तो दोनों साथ चलते हैं. सोसाइटी से थोडा पहले तुम उतर जाना. अब सोच क्या रही हो. मुझे देर हो रही है.
दिव्या कुछ समझ पाती इससे पहले ही सलमान ने दिव्या का हाथ पकड़ कर उसे बाहर निकाला और रूम में ताला लगा दिया. सलमान दिव्या को बाइक पर बैठने को बोलता है. दिव्या के पास कोई चारा नहीं था. वो मुंह छुपा कर सलमान के पीछे बैठ जाती है. रस्ते में भी सलमान बार बार ब्रेक लगा कर दिव्या की चून्चियों का मज़ा लेता है. थोड़ी देर में ही उसका लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगता है.
सलमान दिव्या का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है. दिव्या जानती है की मना करने का कोई फायदा नहीं है वरना और परेशान करेगा. दिव्या सोचती है की ये किसी हब्शी से कम नहीं है जो इतनी जल्दी इसका फिर से खड़ा हो जाता है यही सोच कर और सलमान का लंड पकड़ने से दिव्या फिर से गरम होने लगती है.
सलमान: थोडा सहला दो न जान. तुम्हारी सुरंग में घुसने के लिए तड़प रहा है.
दिव्या: सड़क पर ये सब ठीक नहीं होगा. अगर किसी ने देख लिया तो आफत हो जाएगी. अभी तो अपनी मनमानी करके आ रहे हो.
सलमान: तुम माल ही ऐसा हो जानेमन की चोदते चोदते भी फिर से चोदने का मन करने लगता है. वैसे तुझे मजा तो आया न.
दिव्या खामोश हो जाती है.
सलमान: बोलो न जान. कैसे लगा मेरी कुतिया बन कर.
दिव्या: तुम बहुत बदतमीज हो सलमान. एक तो मेरे साथ जबरदस्ती करते हो और फिर गाली देते हो.
सलमान: अरे जबरदस्ती किसने की. कमाल है. खुद मजे लिए और अब बोल रही हो की जबरदस्ती की. खैर जाने दो ये बताओ की तुम्हारा नाकारा आदमी कब वापस आ रहा है.
दिव्या: तमीज से बात करो उनके बारे में.
सलमान: अरे भाई तुम्हारी प्यास नहीं बुझा पाता तो नाकारा ही हुआ न. ये बताओ की कब आयेगा.
दिव्या: वो कल आ जायेंगे शायद.
ये सुनकर सलमान चौंक जाता है क्योंकि उसने सोचा था की अब अगले कुछ दिनों तक वो दिव्या को मन भर के चोदेगा. सलमान रास्ते में एक पार्क के अन्दर बाइक मोड़ देता है और झाड़ियों की तरफ चल देता है.
दिव्या: ये किधर जा रहे हो सलमान. घर चलो. देर हो रही है.
सलमान: अरे कल तेरा आदमी आ जायेगा ये पहले बताना चाहिए था न. चल एक बार और मेरा लंड झाड दे.
दिव्या: पागल हो क्या? यहाँ पार्क में!
सलमान: ये लवर्स पॉइंट है मेरी जान. पहले भी कई रांडो की आग यहाँ झाड़ियों में ठंडी कर चुका हूँ. डरो मत मेर साथ चलो.
दिव्या: मुझे नहीं जाना तुम चुपचाप घर चलो.
सलमान: अरे मालिक की बात तो कुतिया को माननी ही पड़ेगी.