hotaks444
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उधर राकेश और शिवा में बातें हो रहीं थीं । राजेश का आख़िर साल था । अगले साल वो इंजीनियर बन जाएगा। वह अपनी पढ़ाई और नौकरी की बातें कर रहा था।
शिवा: देखो नौकरी बस ३/४ साल ही करना। फिर अपना काम शूरु करना। जो मज़ा अपने काम में है वो नौकरी में कहाँ। फिर इधर उधर की बात करके शिवा पूछा: कोई गर्ल फ़्रेंड बनायी या नहीं? देखो पार्क में क्या हो रहा है?
पार्क में रोमैन्स का माहोल था। जगह जगह लड़के लड़की चिपके हुए थे। और चूमा चाटी चल रही थी।
राकेश: नहीं जीजा जी नहीं बनाई। मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
शिवा: अरे वो क्यों? गे हो क्या?
राकेश: धत्त आप भी ना। पर मैं अभी पढ़ाई पर ध्यान दे रहा हूँ। तभी वहाँ से एक अधेड़ बहुत सुंदर थोड़ी मोटी सी औरत एक लड़के के साथ गुज़री। दोनों ने हाथ पकड़े हुए थे । शिवा ने देखा कि अब राकेश में एक अजीब सा परिवर्तन आ गया था। उसकी आँख लाल हो गयी थी और साँस भी तेज़ चलने लगी थी। वो कुछ सोचा और उस औरत और लड़के के पीछे हो लिया। राकेश भी उसके साथ चला जा रहा था। शिवा ने नोटिस किया कि राकेश की आँखें उस जोड़े से हट ही नहीं रही थी।
वो जोड़ा एक सूनी सी जगह में एक बेंच पर बैठ गए। शिवा और राकेश आगे बढ़ गए। पर थोड़ी दूर जाकर शिवा घूमकर पीछे से आया और उस जोड़े के पीछे एक पेड़ की ओट में छुप गया और राजेश को भी छुपा लिया। शिवा ने देखा कि राकेश बहुत उत्तेजित था और उसकी साँस बहुत तेज़ चल रही थी। शिवा हैरान हुआ कि इतनी देर से जवान जोड़ों को देखकर तो इसे कुछ नहीं हुआ पर इस बेमेल जोड़े को देखकर ये तो आपे से बाहर ही हुए जा रहा है।
तभी वो लड़का बोला: चाची आज आप बहुत सुंदर दिख रही हो। स्लीव्लेस ब्लाउस में आप बहुत सेक्सी दिखती हो?
औरत: चल हट बदमाश। मैं देख रही हूँ आजकल ज़्यादा ही बोलना सीख गया है। ये कहकर वो इधर उधर देखी और किसी को ना पा कर वो उसके होंठ चूम ली। अब वो लड़का भी अपनी बाँह उसके कंधे पर रखा और उसके कंधे और बाँह सहलाने लगा। शिवा ने कनख़ियों से देखा तो राकेश के पैंट में एक ज़बरदस्त तंबू बन गया था और वो उसको पकड़कर दबा रहा था ।राकेश उससे क़रीब ४/५ साल ही छोटा था।
उधर लड़के ने अपना हाथ औरत के ब्लाउस के अंदर कर दिया और उसकी चूचि दबाने लगा। वो औरत हाय्ययय करने लगी और उसका हाथ लड़के के पैंट के ऊपर उभार पर गया और वो उसको दबाने लगी। अब शाम हो चली थी थोड़ा अँधेरा भी हो रहा था। अब लड़के ने कहा: चाची अपनी साड़ी उठाओ ना। बुर सहलानी है।
वो बोली: बेटा कोई आ गया तो?
लड़का: अरे चाची कोई नहीं है यहाँ। प्लीज़ साड़ी उठाओ ना। आप ऐसा करो खड़ी हो जाओ साड़ी उठाकर। कोई आएगा तो नीचे कर लेना।
शिवा ने राकेश को देखा और वो दंग रह गया । उसकी आँखें वहीं पर जमी थीं। और उसका लौड़ा बाहर आ गया था और वो उसे मूठिया रहा था। अच्छा ख़ासा ७ इंच का मोटा और बहुत गोरा लौड़ा था। तभी वो औरत खड़ी हुई और अपनी साड़ी ऊपर करली। उसकी पीठ लड़के के सामने थी।
लड़के ने उसके बड़े बड़े गोरे मोटे चूतरों को दबाया और फिर बीच में मुँह डालकर उसको आगे झुका कर उसकी बुर चाटने लगा। वो सामने को झुक कर आऽऽऽऽह करके अपनी बुर चटवा रही थी। अब लड़के से नहीं रहा गया और वो अपने पैंट से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसकी बुर में पीछे से ही पेल दिया अब वो उसको चोदने लगा। शिवा ने देखा कि राकेश की हालत बहुत ख़राब हो रही थी उत्तेजना से । तभी राकेश मुट्ठी मारकर झड़ने लगा। उसका गाढ़ा वीर्य पेड़ से टकरा कर नीचे गिरने लगा।
उधर अचानक दो लड़के से आ गए और उस लड़के को और औरत को धमकाने लगे। वो औरत थर थर काँप रही थी और लड़का भी अपनी पैंट की जीप बंद कर रहा था। वो दो लड़के बोले: तुमको पुलिस में देंगे। वरना जितना पैसा और ज़ेवर है हमको दे दो। साफ़ लगता है की ये बुढ़िया तुमको फंसा कर तुम्हारी जवानी को लूट रही है। अरे छोड़ो इसे हम तुमको बढ़िया जवान माल दिलाएँगे
लड़का: आप इनको सब दे दो। वरना कहीं इन्होंने शिकायत कर दी और घर में पता चल गया तो आफ़त आ जाएगी।
औरत: हाँ हाँ सब ले लो। बस हमें जाने दो।
शिवा समझ गया था कि ये गुंडे थे और इनका काम ही यही है की पैसे लूटो ब्लैकमेल करके। वो राकेश को बोला: चलो हम इनकी मदद करते हैं। वो दोनों बाहर आए और शिवा गरज कर बोला: क्या है बे? कमिनो चलो भागो यहाँ से । वरना पुलिस तुम नहीं मैं बुलाऊँगा।
शिवा की क़द काठी देखकर वो दोनों घबरा गए और देख लूँगा कहते हुए भाग गए।
वो औरत रोने लगी और बोली: थैंक्स बेटा आज आप लोगों ने हमको बचा लिया।
लड़का: आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सच में आप दोनों देवदूत बन कर आए हो।
शिवा: देखो हमने आप दोनों को मज़ा लेते देखा था और हम जानते हैं कि आप चाची और भतीजा हो। मैं चाहता हूँ कि आप थोड़ी देर यहाँ बैठो और हमें अपने रिश्ते के बारे में बताओ। देखो हम एक दूसरे को नहीं जानते और ना ही जानना चाहेंगे। पर अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मुझे भी पुलिस को सब बताना होगा।
उन दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया। वो सोचे कि ये क्या नई मुसीबत खड़ी हो गयी है। औरत रुआंसी होकर बोली: बेटा हमें जाने दो। हमें माफ़ कर दो।
शिवा: देखिए आप मुझे ग़लत समझ रहे हो। मैं आपको सिर्फ़ कुछ समय के लिए रोक रहा हूँ। असल में मैं एक लेखक हूँ। मैं ये समझना चाहता हूँ कि आख़िर वो क्या परिस्थिति है जिसने आप चाची और भतीजे को ये सब कुछ करने पर मजबूर कर दिया ?
राकेश हैरानी से जीजा को देख रहा था। तभी शिवा थोड़ी सख़्त आवाज़ में बोला: बैठिए आप दोनों। वो दोनों डर के बैठ गए।
शिवा: अब जल्दी से अपनी आप बीती सुना दो।
लड़का: भय्या हम एक संयुक्त परिवार में रहते है। बचपन से ही मैं अपने परिवार में सबका सेक्स देखा हूँ। पापा मम्मी का, ताया जी और ताई जी का और इन चाची और चाचा जी का भी। मैंने हमेशा ये नोटिस किया की चाची जी संतुष्ट नहीं होती थी चाचा जी से। इस लिए मैंने इनको ही निशाना बनाया। और ये भी प्यासी थीं तो आराम से मेरी बाहों में आ गयीं। बस इतनी सी ही बात है।
शिवा: नहीं तुमने अभी पूरी बात नहीं बताई है। सच सच बोलो कि तुम क्या सिर्फ़ इनको ही चोदना चाहते थे? या किसी और को भी?
लड़के ने सिर झुका कर कहा: हाँ मैं अपनी मम्मी को ही चोदना चाहता था। पर वो नहीं तो चाची ही सही।
औरत: ओह तभी ये कभी कभी मुझे करते हुए माँ माँ बोलता है।
शिवा ने राकेश को देखा जिसका चेहरा एक बार फिर से उत्तेजना से भर गया था । शिवा ने देखा कि उसके पैंट में फिर से टेंट बन गया था।
शिवा : देखो मेरा ये दोस्त कभी चुदाई नहीं देखा है। आप दोनों एक बार उसे चुदाई दिखा दो तो वो भी सीख जाएगा।
औरत इसका विरोध करते हुए बोली: ये कैसे हो सकता है?
शिवा: देखिए आपको पूरा नंगी होने की ज़रूरत नहीं है। आप जैसा कर रहे थे वैसा ही कर लो।
लड़का: चाची हमको देर हो रही है। एक बार कर लो फिर हम घर जा सकेंगे।
औरत: मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
लड़का: प्लीज़ चाची जल्दी से कर लो। यह कहते हुए अपनी पैंट का जीप खोल कर अपना नरम लौड़ा बाहर निकाला और चाची को सामने बैठा कर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा ले आया।चाची थोड़ा सा हिचकिचाई फिर उसे चूसने लगी। राकेश आँखें फाड़े हुए चाची को देख रहा था। अब लड़के का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।उसने ब्लाउस में हाथ डालकर वो उसकी चूचियाँ मसलने लगा। अब वो चाची को खड़ा किया और उसको पहले जैसे ही झुकाया और उसकी साड़ी उठाकर उसकी बुर में लौड़ा डाल दिया। चाची: आऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽ धीरे से। हाऽऽऽऽऽय उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।
लड़का ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था: आऽऽऽहब माँ लो मेरा लंड आऽऽऽहब लो माँआऽऽऽ लोओओओओओ। मेंएएएएएरा लंड ।
राकेश की आँखें फटी जा रहीं थीं कि ये क्या हो रहा है। ये लड़का माँ माँ चिल्लाए जा रहा है। उफ़्फ़। अब वो फिर से अपना लौड़ा दबाने लगा।
उधर लड़का अब माँआऽऽऽऽऽ हम्म कहकर झड़ने लगा। चाची भी उइइइइइइ कहकर झड़ गयी। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे। फिर वो अलग हुए और चाची ने अपनी साड़ी को नीचे किया। और अपनी साड़ी से बुर को दबाकर शायद उसने अपनी गीली बुर को साफ़ किया पेटिकोट से। लड़का भी रुमाल से अपना लौड़ा साफ़ करके उसको अंदर किया । अब वो बोला: अब हम जाएँ ?
शिवा: हाँ भाई अब जाओ। धन्यवाद ।
[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]http://rajsharmastories.com/viewtopic.php?f=12&t=7668#top[/font]
शिवा: देखो नौकरी बस ३/४ साल ही करना। फिर अपना काम शूरु करना। जो मज़ा अपने काम में है वो नौकरी में कहाँ। फिर इधर उधर की बात करके शिवा पूछा: कोई गर्ल फ़्रेंड बनायी या नहीं? देखो पार्क में क्या हो रहा है?
पार्क में रोमैन्स का माहोल था। जगह जगह लड़के लड़की चिपके हुए थे। और चूमा चाटी चल रही थी।
राकेश: नहीं जीजा जी नहीं बनाई। मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
शिवा: अरे वो क्यों? गे हो क्या?
राकेश: धत्त आप भी ना। पर मैं अभी पढ़ाई पर ध्यान दे रहा हूँ। तभी वहाँ से एक अधेड़ बहुत सुंदर थोड़ी मोटी सी औरत एक लड़के के साथ गुज़री। दोनों ने हाथ पकड़े हुए थे । शिवा ने देखा कि अब राकेश में एक अजीब सा परिवर्तन आ गया था। उसकी आँख लाल हो गयी थी और साँस भी तेज़ चलने लगी थी। वो कुछ सोचा और उस औरत और लड़के के पीछे हो लिया। राकेश भी उसके साथ चला जा रहा था। शिवा ने नोटिस किया कि राकेश की आँखें उस जोड़े से हट ही नहीं रही थी।
वो जोड़ा एक सूनी सी जगह में एक बेंच पर बैठ गए। शिवा और राकेश आगे बढ़ गए। पर थोड़ी दूर जाकर शिवा घूमकर पीछे से आया और उस जोड़े के पीछे एक पेड़ की ओट में छुप गया और राजेश को भी छुपा लिया। शिवा ने देखा कि राकेश बहुत उत्तेजित था और उसकी साँस बहुत तेज़ चल रही थी। शिवा हैरान हुआ कि इतनी देर से जवान जोड़ों को देखकर तो इसे कुछ नहीं हुआ पर इस बेमेल जोड़े को देखकर ये तो आपे से बाहर ही हुए जा रहा है।
तभी वो लड़का बोला: चाची आज आप बहुत सुंदर दिख रही हो। स्लीव्लेस ब्लाउस में आप बहुत सेक्सी दिखती हो?
औरत: चल हट बदमाश। मैं देख रही हूँ आजकल ज़्यादा ही बोलना सीख गया है। ये कहकर वो इधर उधर देखी और किसी को ना पा कर वो उसके होंठ चूम ली। अब वो लड़का भी अपनी बाँह उसके कंधे पर रखा और उसके कंधे और बाँह सहलाने लगा। शिवा ने कनख़ियों से देखा तो राकेश के पैंट में एक ज़बरदस्त तंबू बन गया था और वो उसको पकड़कर दबा रहा था ।राकेश उससे क़रीब ४/५ साल ही छोटा था।
उधर लड़के ने अपना हाथ औरत के ब्लाउस के अंदर कर दिया और उसकी चूचि दबाने लगा। वो औरत हाय्ययय करने लगी और उसका हाथ लड़के के पैंट के ऊपर उभार पर गया और वो उसको दबाने लगी। अब शाम हो चली थी थोड़ा अँधेरा भी हो रहा था। अब लड़के ने कहा: चाची अपनी साड़ी उठाओ ना। बुर सहलानी है।
वो बोली: बेटा कोई आ गया तो?
लड़का: अरे चाची कोई नहीं है यहाँ। प्लीज़ साड़ी उठाओ ना। आप ऐसा करो खड़ी हो जाओ साड़ी उठाकर। कोई आएगा तो नीचे कर लेना।
शिवा ने राकेश को देखा और वो दंग रह गया । उसकी आँखें वहीं पर जमी थीं। और उसका लौड़ा बाहर आ गया था और वो उसे मूठिया रहा था। अच्छा ख़ासा ७ इंच का मोटा और बहुत गोरा लौड़ा था। तभी वो औरत खड़ी हुई और अपनी साड़ी ऊपर करली। उसकी पीठ लड़के के सामने थी।
लड़के ने उसके बड़े बड़े गोरे मोटे चूतरों को दबाया और फिर बीच में मुँह डालकर उसको आगे झुका कर उसकी बुर चाटने लगा। वो सामने को झुक कर आऽऽऽऽह करके अपनी बुर चटवा रही थी। अब लड़के से नहीं रहा गया और वो अपने पैंट से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसकी बुर में पीछे से ही पेल दिया अब वो उसको चोदने लगा। शिवा ने देखा कि राकेश की हालत बहुत ख़राब हो रही थी उत्तेजना से । तभी राकेश मुट्ठी मारकर झड़ने लगा। उसका गाढ़ा वीर्य पेड़ से टकरा कर नीचे गिरने लगा।
उधर अचानक दो लड़के से आ गए और उस लड़के को और औरत को धमकाने लगे। वो औरत थर थर काँप रही थी और लड़का भी अपनी पैंट की जीप बंद कर रहा था। वो दो लड़के बोले: तुमको पुलिस में देंगे। वरना जितना पैसा और ज़ेवर है हमको दे दो। साफ़ लगता है की ये बुढ़िया तुमको फंसा कर तुम्हारी जवानी को लूट रही है। अरे छोड़ो इसे हम तुमको बढ़िया जवान माल दिलाएँगे
लड़का: आप इनको सब दे दो। वरना कहीं इन्होंने शिकायत कर दी और घर में पता चल गया तो आफ़त आ जाएगी।
औरत: हाँ हाँ सब ले लो। बस हमें जाने दो।
शिवा समझ गया था कि ये गुंडे थे और इनका काम ही यही है की पैसे लूटो ब्लैकमेल करके। वो राकेश को बोला: चलो हम इनकी मदद करते हैं। वो दोनों बाहर आए और शिवा गरज कर बोला: क्या है बे? कमिनो चलो भागो यहाँ से । वरना पुलिस तुम नहीं मैं बुलाऊँगा।
शिवा की क़द काठी देखकर वो दोनों घबरा गए और देख लूँगा कहते हुए भाग गए।
वो औरत रोने लगी और बोली: थैंक्स बेटा आज आप लोगों ने हमको बचा लिया।
लड़का: आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सच में आप दोनों देवदूत बन कर आए हो।
शिवा: देखो हमने आप दोनों को मज़ा लेते देखा था और हम जानते हैं कि आप चाची और भतीजा हो। मैं चाहता हूँ कि आप थोड़ी देर यहाँ बैठो और हमें अपने रिश्ते के बारे में बताओ। देखो हम एक दूसरे को नहीं जानते और ना ही जानना चाहेंगे। पर अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मुझे भी पुलिस को सब बताना होगा।
उन दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया। वो सोचे कि ये क्या नई मुसीबत खड़ी हो गयी है। औरत रुआंसी होकर बोली: बेटा हमें जाने दो। हमें माफ़ कर दो।
शिवा: देखिए आप मुझे ग़लत समझ रहे हो। मैं आपको सिर्फ़ कुछ समय के लिए रोक रहा हूँ। असल में मैं एक लेखक हूँ। मैं ये समझना चाहता हूँ कि आख़िर वो क्या परिस्थिति है जिसने आप चाची और भतीजे को ये सब कुछ करने पर मजबूर कर दिया ?
राकेश हैरानी से जीजा को देख रहा था। तभी शिवा थोड़ी सख़्त आवाज़ में बोला: बैठिए आप दोनों। वो दोनों डर के बैठ गए।
शिवा: अब जल्दी से अपनी आप बीती सुना दो।
लड़का: भय्या हम एक संयुक्त परिवार में रहते है। बचपन से ही मैं अपने परिवार में सबका सेक्स देखा हूँ। पापा मम्मी का, ताया जी और ताई जी का और इन चाची और चाचा जी का भी। मैंने हमेशा ये नोटिस किया की चाची जी संतुष्ट नहीं होती थी चाचा जी से। इस लिए मैंने इनको ही निशाना बनाया। और ये भी प्यासी थीं तो आराम से मेरी बाहों में आ गयीं। बस इतनी सी ही बात है।
शिवा: नहीं तुमने अभी पूरी बात नहीं बताई है। सच सच बोलो कि तुम क्या सिर्फ़ इनको ही चोदना चाहते थे? या किसी और को भी?
लड़के ने सिर झुका कर कहा: हाँ मैं अपनी मम्मी को ही चोदना चाहता था। पर वो नहीं तो चाची ही सही।
औरत: ओह तभी ये कभी कभी मुझे करते हुए माँ माँ बोलता है।
शिवा ने राकेश को देखा जिसका चेहरा एक बार फिर से उत्तेजना से भर गया था । शिवा ने देखा कि उसके पैंट में फिर से टेंट बन गया था।
शिवा : देखो मेरा ये दोस्त कभी चुदाई नहीं देखा है। आप दोनों एक बार उसे चुदाई दिखा दो तो वो भी सीख जाएगा।
औरत इसका विरोध करते हुए बोली: ये कैसे हो सकता है?
शिवा: देखिए आपको पूरा नंगी होने की ज़रूरत नहीं है। आप जैसा कर रहे थे वैसा ही कर लो।
लड़का: चाची हमको देर हो रही है। एक बार कर लो फिर हम घर जा सकेंगे।
औरत: मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
लड़का: प्लीज़ चाची जल्दी से कर लो। यह कहते हुए अपनी पैंट का जीप खोल कर अपना नरम लौड़ा बाहर निकाला और चाची को सामने बैठा कर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा ले आया।चाची थोड़ा सा हिचकिचाई फिर उसे चूसने लगी। राकेश आँखें फाड़े हुए चाची को देख रहा था। अब लड़के का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।उसने ब्लाउस में हाथ डालकर वो उसकी चूचियाँ मसलने लगा। अब वो चाची को खड़ा किया और उसको पहले जैसे ही झुकाया और उसकी साड़ी उठाकर उसकी बुर में लौड़ा डाल दिया। चाची: आऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽ धीरे से। हाऽऽऽऽऽय उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।
लड़का ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था: आऽऽऽहब माँ लो मेरा लंड आऽऽऽहब लो माँआऽऽऽ लोओओओओओ। मेंएएएएएरा लंड ।
राकेश की आँखें फटी जा रहीं थीं कि ये क्या हो रहा है। ये लड़का माँ माँ चिल्लाए जा रहा है। उफ़्फ़। अब वो फिर से अपना लौड़ा दबाने लगा।
उधर लड़का अब माँआऽऽऽऽऽ हम्म कहकर झड़ने लगा। चाची भी उइइइइइइ कहकर झड़ गयी। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे। फिर वो अलग हुए और चाची ने अपनी साड़ी को नीचे किया। और अपनी साड़ी से बुर को दबाकर शायद उसने अपनी गीली बुर को साफ़ किया पेटिकोट से। लड़का भी रुमाल से अपना लौड़ा साफ़ करके उसको अंदर किया । अब वो बोला: अब हम जाएँ ?
शिवा: हाँ भाई अब जाओ। धन्यवाद ।
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