hotaks444
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प्यास बुझती ही नही-1
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर हाजिर हू अब ये तो आप ही बताएँगे कि मेरी कोशिस
कैसी रही . तो दोस्तो कहानी का मज़ा लो और अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दे
छोड़ो मुझे....सुबह के 4 बज चुके है...और तुम फिर सुरू हो गये......पता है रात से तुम मुझे 3 बार चोद चुके हो...और क्या मेरी जान लेने का इरादा है....याद है डॉक्टर ने क्या कहा था.....सेक्स करना परंतु 1 बार से ज़्यादा...नही..... रश्मि ने ये कहते हुए बेड से उठना चाहा.....परंतु उसका पति राजेश कुमार उसे जाने ही नही दे रहा था.......
राजेश: अरे यार सुबह सुबह मेरा लंड काफ़ी खड़ा रहता है...मैं क्या करू...और उसपर से तुम्हारी ये भारी भारी और मोटी गांद........मैं बेकाबू हो जाता हू....
रश्मि: छीई....कैसी बाते करते है....छोड़ो मुझे...मुझे टाय्लेट जाना है..और वो भाग कर टाय्लेट रूम मैं चली गयी...उसे जाते हुए राजेश देखता रहा.............
राजेश कुमार (28 यर्स) एक सॉफ्टवेर इंजिनियर है, यू पी का रहने वाला है....देल्ही मे अपने भैया और भाभी के साथ रहने आया था.......पढ़ाई और नौकरी यही से की और अब शादी भी उसकी यही हुई.....रश्मि (25 यर्स) एम बी ए स्टूडेंट्स है अभी उसकी एम बी ए ख़तम नही हुई है...और वैसे रश्मि बॅंक मैं काम करना चाहती है....परिवार मैं कुल 4 मेंबर्ज़ है.....ये परिवार देल्ही के एक 2 बी एच के फ्लॅट मे रहता है.....मिड्ल क्लास फॅमिली है...पर सेक्स मे ओपन है.........
राजेश के बड़े भाई राज शर्मा एक डिसपॅन्सी चलाते है सो उनका घर पर ही बिज़्नेस है....उनका कही आना जाना नही होता है..और उसकी वाइफ म्र्स. कमला एक हाउसवाइफ है..........राज और कमला की सेक्सी लाइफ अच्छी चल रही है पर अभी तक कोई बच्चा नही हुआ है...सो अपने छ्होटे भाई को ही बेटा बनाकर पाल पोश रहा था....रश्मि को भी उसी अंदाज से देखता था.....उसने कह रखा था कि बहू को कोई ज़रूरत नही है घूँघट करने की.....जैसे वो अपनी मा के पास रहती थी वैसे ही हमारे पास भी रहेगी.......रश्मि सुरू मे घूँघट करती थी पर वो भी घूँघट करना छोड़ देती है.....कभी कभी वो नाइटी मे ही कई बार राज के सामने आ जाती थी...जिसका किसी ने विरोध नही किया.............बल्कि दो कदम आगे बढ़ कर जब कभी भी राज अपनी वाइफ के लिए इन्नर-वेअर लाता था तो रश्मि के लिए भी ले आता था.....रश्मि ये देख कर शर्मा जाती थी...पर आश्चर्य करती थी कि मेरा फिगर इन्हे कैसे पता....??? ब्रा और पॅंटी एक दम फिट बैठता था....पर वो मुस्कुरा देती...बोलती कुच्छ नही..........
कई दफ़ा घर मे ऐसा भी होता था कि रश्मि के सामने ही मज़ाक मज़ाक मे राज कमला को बाँहो मे ले लेता था और किस कर देता था...रश्मि ठहाका मार कर हस देती थी या शर्मा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती थी...पर उसे बुरा नही लगता था.....कमला भी ओपन माइंडेड लेडी थी.....सिचुयेशन को इस तरह हॅंडल करती थी की कही से फुहार्ता ना आई..........
एक रात, डिन्निंग टेबल पर राजेश ने राज से कहा:
राजेश: भैया...कल से रश्मि का एम बी ए का एग्ज़ॅम सुरू होने वाला है...मेरे पास टाइम नही है कि इसे कॉलेज छोड़ आऊ और वापस घर ले आऊ....क्या आप समय निकालकर छोड़ कर नही आ सकते.
रश्मि: तुम क्यो नही जा सकते.....मेरे लिए टाइम नही है और उस रंभा की बच्ची के लिए पूरा का पूरा टाइम है....है ना?????
राजेश: रश्मि ...समझने की कोशिश करो....मेरे ऑफीस मैं इनस्पेक्षन है.....और काम पूरा नही हुआ है......नौकरी भी जा सकती है.....
रश्मि: रहने दो...मैं अकेली चली जाऊंगी...ऑटो करके...
राज: अरे भाई.....लड़ाई मत करो...मैं चला जाऊँगा......रश्मि बताओ.....पेपर का टाइमिंग क्या है.
रशमी: जो....वो 2.00 पीयेम से है
राज: भाई वाह....दोपहर मे हमे भी खाना खाने के बाद मंडी से दवाई लाना पड़ता है.......तुम्हे छोड़ते हुए चला जाउन्गा और आते वक़्त लेता आउन्गा...पर उसके लिए तुम्हे टिप्स देनी होगी
रश्मि: शरमाते हुए...हा बोलिए आपको क्या चाहिए.
राज: बस एक छ्होटी सी चाय...और वो भी तुम्हारे हाथो की.
कमला: अरे अब कितनी बार चाय पियोगे...और फिर डिन्नर के बाद नही पीते....कोई ज़रूरत नही
राज: तुमसे किसने कहा परामर्श लेने के लिए...ये तो मेरे और बहू के बीच की बात है
रश्मि: मैं अभी लाई.....तुम लोगे???
राजेश: नही...मैं जा रहा हू.....स्टडी रूम मे....और वो चला गया
रश्मि भी किचन मे चली गयी....
कमला: तुम ना.................???
राज: अरे भाई .....सेवा करूँगा तो मेवा मिलनी चाहिए या नही???
कमला..: मुस्कुरा दी....देखा...मैं कैसी देवरानी लाई हू.....तुम्हे तो पसंद ही नही था
राज: क्या करू??? जब से मा-पापा गुज़रे है....घर की ज़िम्मेदारी संभाली है तो मैं भूल ही गया कि सही क्या है और ग़लत क्या है?
कमलल: मेरा कहने का ये मतलब नही था... आप भी अपनी जगह पर सही थे
राज: लो भाई चाय आ गयी...........बेटे अब तुम जाओ....कल का एग्ज़ॅम का रेविजन कर लो....वाइ दा वे कौन सा सब्जेक्ट है....:
रश्मि: जी.....एच आर (इंडस्ट्रियल एंवोल्वेमेंट)
राज: अब मुझे तो इस बारे मे पता नही.... पर ये पता है कि एच आर का काम इंडस्ट्री को कैसे रन कराया जाता है....एच आर मॅनेजर बनते है
रश्मि: आप सही कह रहे है....मुझे एच आर मॅनेजर ही बनना है......देखिए पेपर कैसा जाता है
राज: अच्छा ही जाएगा.....बस धैर्य की ज़रूरत है....कॉन्सेप्ट क्लियर रखो ...सब ठीक हो जाएगा
जाओ.....गुड नाइट....और वो चाय पीने लगा...................................रश्मि भी अपने बेड रूम मे चली गयी.....
रश्मि को राज से बात करने मे मज़ा आता था......उसे किसी आंगल से भी फुहार्ता नही दिखती थी......राज का सावला चेहरा, परसोनालिटी, स्वाभाव और समझाने का तरीका उसे प्रभावित करता था..........वैसे राजेश भी कुच्छ कम नही था...ही ईज़ गुड हज़्बेंड......कभी किसी चीज़ की कमी नही होने देता था......रश्मि को कभी भी उँची आवाज़ मे नही बोलता था....बस अपनी विवस्ता बता देता था...........उसकी एक आदत थी कि ऑफीस मे कुच्छ भी घटना घटी हो अपनी वाइफ को ज़रूर बताता था...चाहे वो घटना अफीशियल हो या पार्सनल हो.....अगर किसी लड़की से फ्लर्ट भी करता था तो भी बता देता था......वो कहता था कि "वाइफ बिकम्स ए गुड फ्रेंड" अगर समय पर बुरी से बुरी भी बात बता दी जाए तो ग़लत नही होगी.....
कमला वही पर उन्घ्ने लगी......कमला भी अपने बेडरूम मैं चली गयी......चाय पी कर राज पहले बाथरूम गया...और पेशाब करके वो भी अपने बेडरूम मे चला गया................................... राज की आदत थी कि जब तक वो एक बार चोद ना ले उसे नींद नही आती थी...और अगर उसकी वाइफ मना करे तो बाथरूम मैं जा कर मूठ मार लेता था...तब उसे नींद आती थी.......पर वो सेक्स मे काफ़ी ओपन था. कमला भी कोई कम नही थी....उसके सिमिलर भी कमला जैसे थे...वो तो शादी से पहले से ही चुदाइ कराया करती थी....2 बार ओबॉर्षन करवा चुकी थी..जिसका राज को भी पता था......पर कभी उसने ऑब्जेक्षन नही किया....परंतु और भी प्यार से कमला को रखने लगा था.....ये था हमारा राज.......
रात मे कमला को चोद्ने के बाद राज सो गया .......सुबह जल्दी ही उठ गया और वो लॉबी मे टहलने लगा...कि वो झुका तो देखा कि रश्मि सो रही है बिल्कुल नंगी...उसके माथे पर पसीना और करंट सा लगा. वो चाह रहा था कि यहा से चला जाए...पर दिमाग़ कुच्छ और चाह रहा था...उसने पर्दे को हटा कर गौर से देखा....राजेश करवट बदल कर सो रहा और और रश्मि उसके ऑपोसिट............दोनो बिल्कुल नंगे....एक सफेद चादर थी जो रश्मि की आधी गांद को धक रखी थी....चुचिया बिल्कुल नंगी.....राज की आँखो के सामने दिख रहा था......वो गौर से देख रहा था.........आज पता नही राज को क्या हो गया था.....
इससे पहले भी कई दफ़ा रश्मि को अर्ध-नग्न देखा था पर आज तो बिल्कुल नंगी देख लिया....तभी किसी के आने की आहट हुई वो पर्दे से दूर हट गया और दातुन करने लगा. शायद कमला भी उठ गयी थी........वो भी कुच्छ काम ले कर लॉबी मे आ गयी......
कमला: तुम मुँह हाथ धो लो...मैं चाय बना देती हू
राज: मैं जा रहा हू नहाने......तुम चाय और नाश्ता बना दो....दुकान खोलनी है
कमला: अभी तो 6 ही बजे है...दुकान तो 9 बजे खोलते हो
राज: अरे एक ग्राहक आने वाला है...फोन आया था...उसकी जोरू को बच्चा हुआ है...सो दवाई लेनी है...
कमला: तो ठीक है तुम नहा लो....अभी चाय और नाश्ता बना देती हू
राज सिर झुकाए वन्हा से चला गया........उसे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी...लंड ने काफ़ी बिकाराल रूप धारण कर रखा था....वैसे उसने रात मे चुदाई की थी...पर ना जाने रस्मी देखकर वो क्यो एरॅक्ट हो गया...................ये तो वो ही जाने
बाथरूम मे आने के बाद अपने सारे कपड़े खोल कर सबसे पहले मूठ मारी.....आज पहली बार मूठ मारते समय रश्मि का चेहरा याद करके मूठ मारी.....करीब 5 मिनट के बाद उसका गरम और गाढ़ा वीर्य पिचकारी की तरह बाथरूम की दीवार पर गिरा...........वो आँखे मुन्दे हुए उस पल का मज़ा लेने लगा.....जब आँखे खुली...और तूफान शांत हुआ तो उसने दीवार को देखा....तो दंग रह गया.....वो डर गया...कही कमला देख लिया तो तिल का ताड़ बना देगी....उसने पास ही पड़ी एक पॅंटी से उस जगह की सफाई की फिर नहा धो कर बाहर आ गया.....
नाश्ता तैयार था.....वो अकेले ही जैसे तैसे नाश्ता किया और फिर निकल गया.....वो कमला को बोल दिया.....खाना मत लाना मैं 12.30 पर आउन्गा...घर पर ही खाउन्गा उसके बाद बहू को कॉलेज पहुँचा दूँगा....उसे कहना तैयार रहे.............................
कमला: ठीक है.....................और हां आते वक़्त आम ले आना 2 किलो.
राज: मुस्कुराते हुए...ठीक है...अब तो आम से ही संख फुंकना पड़ेगा
कमला: मुस्कुरा दी........................बाइ
महेश: बाइ डार्लिंग....................
करीब 3 घंटे, के बाद राज घर आया....अपनी बाइक घर के बाहर लगा कर घर आया...
राज: कमला....खाना लगाओ.....मुझे दवाई लाने जाना है...रश्मि तैयार हुई क्या
रश्मि: जी......भैया..... (रश्मि राज को भैया ही कहा करती थी) ठीक है आओ खाना खाते है... थोड़ी देर मे ही खाना लग गया.......तीनो साथ साथ खाना खाए......राज चोरी छिपे रश्मि को . देख रहा था...वो एक वाइट सूट पहने हुए थी....गोरी तो थी ही......देखने मे अप्सरा लग रही थी....वो बीच बीच मे स्माइलिंग दे देती थी ...जिससे उसके मोतियो जैसे दाँत दिख जाते थे....कमर वाह 36 साइज़ था.............दोस्तो उसे देखने से जूही चावला आक्ट्रेस का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.......................दो रोटी खाने के बाद रश्मि ने कहा....चलिए भैया.........लेट हो जाएँगे....राज भी अपना हाथ धोने नाल पर चला गया...
बाइक पर बैठते ही राज स्टार्ट करके चल दिया.......कमला ने रश्मि को बेस्ट विशस किया और कहा...पेपर अच्छी तरह देना...
रश्मि ने मुस्कुरा कर अभिवादन स्वीकार किया.
थोड़ी देर मैं ही उसके कॉलोनी का अंत हो गया और मैंन रोड पर आ गये....रश्मि अब कंफर्टबल फील करने लगी...क्योकि यहा कोई उसे पहचान नही सकता....वैसे राज के सामने कभी परदा तो किया नही पर....कॉलोनी वालों के डर से करना पड़ता था....क्योकि ये घर राज के मा-पापा का था.....यानी पुस्तैनि..काफ़ी दिन से रहने पर बहुत पुराने जान पहचान हो गये थे.
राज भी कंफर्टबल होते हुए पुछा....अड्मिट कार्ड और पेन पेन्सिल ले ली हो ना
रश्मि: जी भैया.
राज: कब पेपर ख़तम होगा
रश्मि: जी 5 पीयेम
राज: तो ठीक है मैं 5 बजे आजाउन्गा...तुम इस पेड़ के पास मिलना...बाइ बेस्ट ऑफ लक
रश्मि: मुस्कुराते हुए थेक्स.... और चली गयी
राज दूर तक उसे जाते हुए देखता रहा....उसका पिच्छवाड़ा ग़ज़ब का दिख रहा था.....ये सोचते हुए उसका लंड खड़ा हो गया....तभी पिछे एक हॉर्न सुनाई दिया....वो चौंक गया और अपनी बाइक स्टार्ट कर चला गया
आज पहली बार उसके मन मे रश्मि के लिए प्यार जगा था.. पहली बार उसके फिगर को गौर से देखा. अपने छ्होटे भाई की बीबी को यूँ देखने से वो भी चौक गया और शर्मा कर वन्हा से चल पड़ा…..अपनी घड़ी की तरफ देखते ही कहा….ओह…माइ गॉड…..9.30 हो गये….जल्दी से शॉप खोलना होगा…..और वो बाइक स्टार्ट कर के चला गया…………
करीब 20 मिनट मे वो शॉप पर आ गया……स्टाफ पहले से ही दुकान खोल चुक्का था…….
राज: अरे यार डॉक्टर. नेहा शर्मा आ गयी क्या???
भोला: जी सर…वो तो कब से बैठी है….आप को 2 बार पुच्छ रही थी……
राज: क्या करता…..रश्मि को कॉलेज छोड़ना था…एग्ज़ॅम है उसका
भोला: भाभी का एग्ज़ॅम है??? किस चीज़ का?
राज: एम बी ए कर रही है……मैं 4.30 पर चला जाऊँगा…उसे रिसीव करने… ठीक है सर आप डॉक्टर. नेहा से मिल ले...तब तक मैं ग्राहको को देखता हू
राज डॉक्टर. नेहा के काबिने मैं चला गया….
डॉक्टर. नेहा एक गाइनकॉलजिस्ट है और राज की शॉप की बगल मे ही उनकी डिसपेनसरी है…और राज की रिस्ते मे साली है……………………..ये 28 य्र्स ओल्ड अनमॅरीड है और वही पर उसका घर भी है…..राज की वाइफ और डॉक्टर. नेहा सग़ी बहन है……डॉक्टर. नेहा की शादी के लिए लड़का देखा जा रहा है….कई लड़के वाले डॉक्टर. नेहा को देखने आए…..कुच्छ तो नेहा को पसंद नही और कुच्छ लड़के वालो की माँगे……. इसी वजह से नेहा की शादी 2 साल से टाली जा रही है…पर अब लगता है डॉक्टर. नेहा का सब्र का बाँध टूट रहा है….उसकी ईगरनेस्ष शादी के प्रति ज़्यादा तेज हो चुकी है…और हो भी क्यो नही…..उम्र का तक़ाज़ा है….पहले तो पढ़ाई, फिर राहुल से प्यार, फिर तकरार….अब लड़के की सर्चिंग…………………………परंतु उसे राज बहुत अच्छा लगता था…..काश अगर वो कमला का हज़्बेंड ना होता तो उसी से ही शादी करती …पर क्या करे….वैसे भी हसी और मज़ाक तो चलता ही रहता है….कई दफ़ा दोनो सिनिमा भी गये है…घूमने भी गये है….पर शारीरिक सम्बन्ध अभी तक नही हुए है…..
राज: गुड मॉर्निंग मेडम
डॉक्टर. नेहा: गुड……म…………. गुड आफ्टरनून कहो……क्या है ये…कहाँ थे….कब से ट्राइ कर रही हू…फोन भी स्विच-ऑफ किए हुए हो…..
राज:मेडम… रश्मि को कॉलेज छोड़ने गया था…आज से म ब आ का एग्ज़ॅम है
डॉक्टर. नेहा: रश्मि का बड़ा ख्याल है आपको….कही कुच्छ????
राज: क्या कह रही है….वो मेरी बहू है….
डॉक्टर. नेहा: अरे बहू है तो क्या हुआ…औरत तो है
राज: क्या मेडम…..??? तुम भी…..छोड़िए ये बताइए क्या चल रहा है…
डॉक्टर. नेहा: कुच्छ नही…अभी एक ऑपेरेशन है….तुम्हारा साथ चाहिए
राज: ठीक है…मैं तैयार हू पर 4 बजे तक ही आपको सेवा दे पाऊँगा……4.30 पर निकल जाउन्गा….रश्मि को लाना जो है.
डॉक्टर. नेहा: ठीक है बाबा…..चलो…ऑपेरेशन थियेटर.और वो डिसपेनसरी के पीछे ऑपेरेशन थियेटर मैं घुस गये……..
राज को आनेस्तीसिया देना आता है…पेशेंट को ऑपेरेशन से पहले आनएथेसिया (बेहोस किया जाता है) वो काम राज अच्छी तरह कर सकता है……वैसे राज बी.फ़ार्मा की पढ़ाई कर चुक्का है…..नौकरी करना उसे पसंद नही था…सो वो डॉक्टर. नेहा के कहने पर ही मेडिकल शॉप खोला था.
ऑपेरेशन थियेटर मे मात्र 4 स्टाफ थे और ये दोनो…..जीजा –साली
ऑपेरेशन के लिए एक 40 य्र्स ओल्ड लेडी को लाया गया जिसका यूटरस को निकालना था…..
उसे देखते ही राज ने डॉक्टर. नेहा को बोला
राज: डॉक्टर. शहाब….उनका किस चीज़ का ऑपेरेशन है?
डॉक्टर. नेहा: यूटरस का???
राज: यूटरस मे क्या हो गया
डॉक्टर. नेहा उसे देखते हुए….सड़ गया है…..निकालना है
राज: कैसे?
डॉक्टर. नेहा: हमे क्या मालूम?
राज: तुम तो जानती हो…डॉक्टर. जो हो
डॉक्टर. नेहा: अरे भाई….सीधी सी बात है…..धुआ-धार बॅटिंग करोगे तो पिच ऑफ उखरेगी ही…इस मेडम को 4 बच्चे है और 2 अबॉर्षन करवाया है….यूटरस सड़ गया…निकालना ज़रूरी है….समझे?
राज: हाअ…. और तुम्हारा यूटरस? ठीक है ना
डॉक्टर. नेहा: व्हाट???? क्या कहा….?? तब तक एक नर्स कॅबिन मे आ गयी और बोली…मेडम ऑपेरेशन थियेटर तैयार है….प्लीज़ कम
डॉक्टर. नेहा राज को आँखे तरेरते हुए वन्हा से चली गयी…पीछे पिछे राज भी ऑपेरेशन थियेटर मे घुस गया ……
पेशेंट्स को प्राइमरी चेक-अप करने के बाद अनेस्तेटिक मोस्ट पहना दिया गया उर उस पेशेंट पर आनएस्तेसिया चढ़ना सुरू हो गया…..पेशेंट नींद की आगोस मे सो गयी……..
राज: ये लो मेडम करो ऑपेरेशन …अब ये 5 घंटे तक बेहोस रह सकती है….सो हरी अप…..मेरा काम हो गया मैं चलता हू….बाइ
डॉक्टर. नेहा मुस्कुराते हुए उसे देखती रही….फिर वो अपने काम मे लग गयी…..
क्रमशः................................
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर हाजिर हू अब ये तो आप ही बताएँगे कि मेरी कोशिस
कैसी रही . तो दोस्तो कहानी का मज़ा लो और अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दे
छोड़ो मुझे....सुबह के 4 बज चुके है...और तुम फिर सुरू हो गये......पता है रात से तुम मुझे 3 बार चोद चुके हो...और क्या मेरी जान लेने का इरादा है....याद है डॉक्टर ने क्या कहा था.....सेक्स करना परंतु 1 बार से ज़्यादा...नही..... रश्मि ने ये कहते हुए बेड से उठना चाहा.....परंतु उसका पति राजेश कुमार उसे जाने ही नही दे रहा था.......
राजेश: अरे यार सुबह सुबह मेरा लंड काफ़ी खड़ा रहता है...मैं क्या करू...और उसपर से तुम्हारी ये भारी भारी और मोटी गांद........मैं बेकाबू हो जाता हू....
रश्मि: छीई....कैसी बाते करते है....छोड़ो मुझे...मुझे टाय्लेट जाना है..और वो भाग कर टाय्लेट रूम मैं चली गयी...उसे जाते हुए राजेश देखता रहा.............
राजेश कुमार (28 यर्स) एक सॉफ्टवेर इंजिनियर है, यू पी का रहने वाला है....देल्ही मे अपने भैया और भाभी के साथ रहने आया था.......पढ़ाई और नौकरी यही से की और अब शादी भी उसकी यही हुई.....रश्मि (25 यर्स) एम बी ए स्टूडेंट्स है अभी उसकी एम बी ए ख़तम नही हुई है...और वैसे रश्मि बॅंक मैं काम करना चाहती है....परिवार मैं कुल 4 मेंबर्ज़ है.....ये परिवार देल्ही के एक 2 बी एच के फ्लॅट मे रहता है.....मिड्ल क्लास फॅमिली है...पर सेक्स मे ओपन है.........
राजेश के बड़े भाई राज शर्मा एक डिसपॅन्सी चलाते है सो उनका घर पर ही बिज़्नेस है....उनका कही आना जाना नही होता है..और उसकी वाइफ म्र्स. कमला एक हाउसवाइफ है..........राज और कमला की सेक्सी लाइफ अच्छी चल रही है पर अभी तक कोई बच्चा नही हुआ है...सो अपने छ्होटे भाई को ही बेटा बनाकर पाल पोश रहा था....रश्मि को भी उसी अंदाज से देखता था.....उसने कह रखा था कि बहू को कोई ज़रूरत नही है घूँघट करने की.....जैसे वो अपनी मा के पास रहती थी वैसे ही हमारे पास भी रहेगी.......रश्मि सुरू मे घूँघट करती थी पर वो भी घूँघट करना छोड़ देती है.....कभी कभी वो नाइटी मे ही कई बार राज के सामने आ जाती थी...जिसका किसी ने विरोध नही किया.............बल्कि दो कदम आगे बढ़ कर जब कभी भी राज अपनी वाइफ के लिए इन्नर-वेअर लाता था तो रश्मि के लिए भी ले आता था.....रश्मि ये देख कर शर्मा जाती थी...पर आश्चर्य करती थी कि मेरा फिगर इन्हे कैसे पता....??? ब्रा और पॅंटी एक दम फिट बैठता था....पर वो मुस्कुरा देती...बोलती कुच्छ नही..........
कई दफ़ा घर मे ऐसा भी होता था कि रश्मि के सामने ही मज़ाक मज़ाक मे राज कमला को बाँहो मे ले लेता था और किस कर देता था...रश्मि ठहाका मार कर हस देती थी या शर्मा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती थी...पर उसे बुरा नही लगता था.....कमला भी ओपन माइंडेड लेडी थी.....सिचुयेशन को इस तरह हॅंडल करती थी की कही से फुहार्ता ना आई..........
एक रात, डिन्निंग टेबल पर राजेश ने राज से कहा:
राजेश: भैया...कल से रश्मि का एम बी ए का एग्ज़ॅम सुरू होने वाला है...मेरे पास टाइम नही है कि इसे कॉलेज छोड़ आऊ और वापस घर ले आऊ....क्या आप समय निकालकर छोड़ कर नही आ सकते.
रश्मि: तुम क्यो नही जा सकते.....मेरे लिए टाइम नही है और उस रंभा की बच्ची के लिए पूरा का पूरा टाइम है....है ना?????
राजेश: रश्मि ...समझने की कोशिश करो....मेरे ऑफीस मैं इनस्पेक्षन है.....और काम पूरा नही हुआ है......नौकरी भी जा सकती है.....
रश्मि: रहने दो...मैं अकेली चली जाऊंगी...ऑटो करके...
राज: अरे भाई.....लड़ाई मत करो...मैं चला जाऊँगा......रश्मि बताओ.....पेपर का टाइमिंग क्या है.
रशमी: जो....वो 2.00 पीयेम से है
राज: भाई वाह....दोपहर मे हमे भी खाना खाने के बाद मंडी से दवाई लाना पड़ता है.......तुम्हे छोड़ते हुए चला जाउन्गा और आते वक़्त लेता आउन्गा...पर उसके लिए तुम्हे टिप्स देनी होगी
रश्मि: शरमाते हुए...हा बोलिए आपको क्या चाहिए.
राज: बस एक छ्होटी सी चाय...और वो भी तुम्हारे हाथो की.
कमला: अरे अब कितनी बार चाय पियोगे...और फिर डिन्नर के बाद नही पीते....कोई ज़रूरत नही
राज: तुमसे किसने कहा परामर्श लेने के लिए...ये तो मेरे और बहू के बीच की बात है
रश्मि: मैं अभी लाई.....तुम लोगे???
राजेश: नही...मैं जा रहा हू.....स्टडी रूम मे....और वो चला गया
रश्मि भी किचन मे चली गयी....
कमला: तुम ना.................???
राज: अरे भाई .....सेवा करूँगा तो मेवा मिलनी चाहिए या नही???
कमला..: मुस्कुरा दी....देखा...मैं कैसी देवरानी लाई हू.....तुम्हे तो पसंद ही नही था
राज: क्या करू??? जब से मा-पापा गुज़रे है....घर की ज़िम्मेदारी संभाली है तो मैं भूल ही गया कि सही क्या है और ग़लत क्या है?
कमलल: मेरा कहने का ये मतलब नही था... आप भी अपनी जगह पर सही थे
राज: लो भाई चाय आ गयी...........बेटे अब तुम जाओ....कल का एग्ज़ॅम का रेविजन कर लो....वाइ दा वे कौन सा सब्जेक्ट है....:
रश्मि: जी.....एच आर (इंडस्ट्रियल एंवोल्वेमेंट)
राज: अब मुझे तो इस बारे मे पता नही.... पर ये पता है कि एच आर का काम इंडस्ट्री को कैसे रन कराया जाता है....एच आर मॅनेजर बनते है
रश्मि: आप सही कह रहे है....मुझे एच आर मॅनेजर ही बनना है......देखिए पेपर कैसा जाता है
राज: अच्छा ही जाएगा.....बस धैर्य की ज़रूरत है....कॉन्सेप्ट क्लियर रखो ...सब ठीक हो जाएगा
जाओ.....गुड नाइट....और वो चाय पीने लगा...................................रश्मि भी अपने बेड रूम मे चली गयी.....
रश्मि को राज से बात करने मे मज़ा आता था......उसे किसी आंगल से भी फुहार्ता नही दिखती थी......राज का सावला चेहरा, परसोनालिटी, स्वाभाव और समझाने का तरीका उसे प्रभावित करता था..........वैसे राजेश भी कुच्छ कम नही था...ही ईज़ गुड हज़्बेंड......कभी किसी चीज़ की कमी नही होने देता था......रश्मि को कभी भी उँची आवाज़ मे नही बोलता था....बस अपनी विवस्ता बता देता था...........उसकी एक आदत थी कि ऑफीस मे कुच्छ भी घटना घटी हो अपनी वाइफ को ज़रूर बताता था...चाहे वो घटना अफीशियल हो या पार्सनल हो.....अगर किसी लड़की से फ्लर्ट भी करता था तो भी बता देता था......वो कहता था कि "वाइफ बिकम्स ए गुड फ्रेंड" अगर समय पर बुरी से बुरी भी बात बता दी जाए तो ग़लत नही होगी.....
कमला वही पर उन्घ्ने लगी......कमला भी अपने बेडरूम मैं चली गयी......चाय पी कर राज पहले बाथरूम गया...और पेशाब करके वो भी अपने बेडरूम मे चला गया................................... राज की आदत थी कि जब तक वो एक बार चोद ना ले उसे नींद नही आती थी...और अगर उसकी वाइफ मना करे तो बाथरूम मैं जा कर मूठ मार लेता था...तब उसे नींद आती थी.......पर वो सेक्स मे काफ़ी ओपन था. कमला भी कोई कम नही थी....उसके सिमिलर भी कमला जैसे थे...वो तो शादी से पहले से ही चुदाइ कराया करती थी....2 बार ओबॉर्षन करवा चुकी थी..जिसका राज को भी पता था......पर कभी उसने ऑब्जेक्षन नही किया....परंतु और भी प्यार से कमला को रखने लगा था.....ये था हमारा राज.......
रात मे कमला को चोद्ने के बाद राज सो गया .......सुबह जल्दी ही उठ गया और वो लॉबी मे टहलने लगा...कि वो झुका तो देखा कि रश्मि सो रही है बिल्कुल नंगी...उसके माथे पर पसीना और करंट सा लगा. वो चाह रहा था कि यहा से चला जाए...पर दिमाग़ कुच्छ और चाह रहा था...उसने पर्दे को हटा कर गौर से देखा....राजेश करवट बदल कर सो रहा और और रश्मि उसके ऑपोसिट............दोनो बिल्कुल नंगे....एक सफेद चादर थी जो रश्मि की आधी गांद को धक रखी थी....चुचिया बिल्कुल नंगी.....राज की आँखो के सामने दिख रहा था......वो गौर से देख रहा था.........आज पता नही राज को क्या हो गया था.....
इससे पहले भी कई दफ़ा रश्मि को अर्ध-नग्न देखा था पर आज तो बिल्कुल नंगी देख लिया....तभी किसी के आने की आहट हुई वो पर्दे से दूर हट गया और दातुन करने लगा. शायद कमला भी उठ गयी थी........वो भी कुच्छ काम ले कर लॉबी मे आ गयी......
कमला: तुम मुँह हाथ धो लो...मैं चाय बना देती हू
राज: मैं जा रहा हू नहाने......तुम चाय और नाश्ता बना दो....दुकान खोलनी है
कमला: अभी तो 6 ही बजे है...दुकान तो 9 बजे खोलते हो
राज: अरे एक ग्राहक आने वाला है...फोन आया था...उसकी जोरू को बच्चा हुआ है...सो दवाई लेनी है...
कमला: तो ठीक है तुम नहा लो....अभी चाय और नाश्ता बना देती हू
राज सिर झुकाए वन्हा से चला गया........उसे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी...लंड ने काफ़ी बिकाराल रूप धारण कर रखा था....वैसे उसने रात मे चुदाई की थी...पर ना जाने रस्मी देखकर वो क्यो एरॅक्ट हो गया...................ये तो वो ही जाने
बाथरूम मे आने के बाद अपने सारे कपड़े खोल कर सबसे पहले मूठ मारी.....आज पहली बार मूठ मारते समय रश्मि का चेहरा याद करके मूठ मारी.....करीब 5 मिनट के बाद उसका गरम और गाढ़ा वीर्य पिचकारी की तरह बाथरूम की दीवार पर गिरा...........वो आँखे मुन्दे हुए उस पल का मज़ा लेने लगा.....जब आँखे खुली...और तूफान शांत हुआ तो उसने दीवार को देखा....तो दंग रह गया.....वो डर गया...कही कमला देख लिया तो तिल का ताड़ बना देगी....उसने पास ही पड़ी एक पॅंटी से उस जगह की सफाई की फिर नहा धो कर बाहर आ गया.....
नाश्ता तैयार था.....वो अकेले ही जैसे तैसे नाश्ता किया और फिर निकल गया.....वो कमला को बोल दिया.....खाना मत लाना मैं 12.30 पर आउन्गा...घर पर ही खाउन्गा उसके बाद बहू को कॉलेज पहुँचा दूँगा....उसे कहना तैयार रहे.............................
कमला: ठीक है.....................और हां आते वक़्त आम ले आना 2 किलो.
राज: मुस्कुराते हुए...ठीक है...अब तो आम से ही संख फुंकना पड़ेगा
कमला: मुस्कुरा दी........................बाइ
महेश: बाइ डार्लिंग....................
करीब 3 घंटे, के बाद राज घर आया....अपनी बाइक घर के बाहर लगा कर घर आया...
राज: कमला....खाना लगाओ.....मुझे दवाई लाने जाना है...रश्मि तैयार हुई क्या
रश्मि: जी......भैया..... (रश्मि राज को भैया ही कहा करती थी) ठीक है आओ खाना खाते है... थोड़ी देर मे ही खाना लग गया.......तीनो साथ साथ खाना खाए......राज चोरी छिपे रश्मि को . देख रहा था...वो एक वाइट सूट पहने हुए थी....गोरी तो थी ही......देखने मे अप्सरा लग रही थी....वो बीच बीच मे स्माइलिंग दे देती थी ...जिससे उसके मोतियो जैसे दाँत दिख जाते थे....कमर वाह 36 साइज़ था.............दोस्तो उसे देखने से जूही चावला आक्ट्रेस का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.......................दो रोटी खाने के बाद रश्मि ने कहा....चलिए भैया.........लेट हो जाएँगे....राज भी अपना हाथ धोने नाल पर चला गया...
बाइक पर बैठते ही राज स्टार्ट करके चल दिया.......कमला ने रश्मि को बेस्ट विशस किया और कहा...पेपर अच्छी तरह देना...
रश्मि ने मुस्कुरा कर अभिवादन स्वीकार किया.
थोड़ी देर मैं ही उसके कॉलोनी का अंत हो गया और मैंन रोड पर आ गये....रश्मि अब कंफर्टबल फील करने लगी...क्योकि यहा कोई उसे पहचान नही सकता....वैसे राज के सामने कभी परदा तो किया नही पर....कॉलोनी वालों के डर से करना पड़ता था....क्योकि ये घर राज के मा-पापा का था.....यानी पुस्तैनि..काफ़ी दिन से रहने पर बहुत पुराने जान पहचान हो गये थे.
राज भी कंफर्टबल होते हुए पुछा....अड्मिट कार्ड और पेन पेन्सिल ले ली हो ना
रश्मि: जी भैया.
राज: कब पेपर ख़तम होगा
रश्मि: जी 5 पीयेम
राज: तो ठीक है मैं 5 बजे आजाउन्गा...तुम इस पेड़ के पास मिलना...बाइ बेस्ट ऑफ लक
रश्मि: मुस्कुराते हुए थेक्स.... और चली गयी
राज दूर तक उसे जाते हुए देखता रहा....उसका पिच्छवाड़ा ग़ज़ब का दिख रहा था.....ये सोचते हुए उसका लंड खड़ा हो गया....तभी पिछे एक हॉर्न सुनाई दिया....वो चौंक गया और अपनी बाइक स्टार्ट कर चला गया
आज पहली बार उसके मन मे रश्मि के लिए प्यार जगा था.. पहली बार उसके फिगर को गौर से देखा. अपने छ्होटे भाई की बीबी को यूँ देखने से वो भी चौक गया और शर्मा कर वन्हा से चल पड़ा…..अपनी घड़ी की तरफ देखते ही कहा….ओह…माइ गॉड…..9.30 हो गये….जल्दी से शॉप खोलना होगा…..और वो बाइक स्टार्ट कर के चला गया…………
करीब 20 मिनट मे वो शॉप पर आ गया……स्टाफ पहले से ही दुकान खोल चुक्का था…….
राज: अरे यार डॉक्टर. नेहा शर्मा आ गयी क्या???
भोला: जी सर…वो तो कब से बैठी है….आप को 2 बार पुच्छ रही थी……
राज: क्या करता…..रश्मि को कॉलेज छोड़ना था…एग्ज़ॅम है उसका
भोला: भाभी का एग्ज़ॅम है??? किस चीज़ का?
राज: एम बी ए कर रही है……मैं 4.30 पर चला जाऊँगा…उसे रिसीव करने… ठीक है सर आप डॉक्टर. नेहा से मिल ले...तब तक मैं ग्राहको को देखता हू
राज डॉक्टर. नेहा के काबिने मैं चला गया….
डॉक्टर. नेहा एक गाइनकॉलजिस्ट है और राज की शॉप की बगल मे ही उनकी डिसपेनसरी है…और राज की रिस्ते मे साली है……………………..ये 28 य्र्स ओल्ड अनमॅरीड है और वही पर उसका घर भी है…..राज की वाइफ और डॉक्टर. नेहा सग़ी बहन है……डॉक्टर. नेहा की शादी के लिए लड़का देखा जा रहा है….कई लड़के वाले डॉक्टर. नेहा को देखने आए…..कुच्छ तो नेहा को पसंद नही और कुच्छ लड़के वालो की माँगे……. इसी वजह से नेहा की शादी 2 साल से टाली जा रही है…पर अब लगता है डॉक्टर. नेहा का सब्र का बाँध टूट रहा है….उसकी ईगरनेस्ष शादी के प्रति ज़्यादा तेज हो चुकी है…और हो भी क्यो नही…..उम्र का तक़ाज़ा है….पहले तो पढ़ाई, फिर राहुल से प्यार, फिर तकरार….अब लड़के की सर्चिंग…………………………परंतु उसे राज बहुत अच्छा लगता था…..काश अगर वो कमला का हज़्बेंड ना होता तो उसी से ही शादी करती …पर क्या करे….वैसे भी हसी और मज़ाक तो चलता ही रहता है….कई दफ़ा दोनो सिनिमा भी गये है…घूमने भी गये है….पर शारीरिक सम्बन्ध अभी तक नही हुए है…..
राज: गुड मॉर्निंग मेडम
डॉक्टर. नेहा: गुड……म…………. गुड आफ्टरनून कहो……क्या है ये…कहाँ थे….कब से ट्राइ कर रही हू…फोन भी स्विच-ऑफ किए हुए हो…..
राज:मेडम… रश्मि को कॉलेज छोड़ने गया था…आज से म ब आ का एग्ज़ॅम है
डॉक्टर. नेहा: रश्मि का बड़ा ख्याल है आपको….कही कुच्छ????
राज: क्या कह रही है….वो मेरी बहू है….
डॉक्टर. नेहा: अरे बहू है तो क्या हुआ…औरत तो है
राज: क्या मेडम…..??? तुम भी…..छोड़िए ये बताइए क्या चल रहा है…
डॉक्टर. नेहा: कुच्छ नही…अभी एक ऑपेरेशन है….तुम्हारा साथ चाहिए
राज: ठीक है…मैं तैयार हू पर 4 बजे तक ही आपको सेवा दे पाऊँगा……4.30 पर निकल जाउन्गा….रश्मि को लाना जो है.
डॉक्टर. नेहा: ठीक है बाबा…..चलो…ऑपेरेशन थियेटर.और वो डिसपेनसरी के पीछे ऑपेरेशन थियेटर मैं घुस गये……..
राज को आनेस्तीसिया देना आता है…पेशेंट को ऑपेरेशन से पहले आनएथेसिया (बेहोस किया जाता है) वो काम राज अच्छी तरह कर सकता है……वैसे राज बी.फ़ार्मा की पढ़ाई कर चुक्का है…..नौकरी करना उसे पसंद नही था…सो वो डॉक्टर. नेहा के कहने पर ही मेडिकल शॉप खोला था.
ऑपेरेशन थियेटर मे मात्र 4 स्टाफ थे और ये दोनो…..जीजा –साली
ऑपेरेशन के लिए एक 40 य्र्स ओल्ड लेडी को लाया गया जिसका यूटरस को निकालना था…..
उसे देखते ही राज ने डॉक्टर. नेहा को बोला
राज: डॉक्टर. शहाब….उनका किस चीज़ का ऑपेरेशन है?
डॉक्टर. नेहा: यूटरस का???
राज: यूटरस मे क्या हो गया
डॉक्टर. नेहा उसे देखते हुए….सड़ गया है…..निकालना है
राज: कैसे?
डॉक्टर. नेहा: हमे क्या मालूम?
राज: तुम तो जानती हो…डॉक्टर. जो हो
डॉक्टर. नेहा: अरे भाई….सीधी सी बात है…..धुआ-धार बॅटिंग करोगे तो पिच ऑफ उखरेगी ही…इस मेडम को 4 बच्चे है और 2 अबॉर्षन करवाया है….यूटरस सड़ गया…निकालना ज़रूरी है….समझे?
राज: हाअ…. और तुम्हारा यूटरस? ठीक है ना
डॉक्टर. नेहा: व्हाट???? क्या कहा….?? तब तक एक नर्स कॅबिन मे आ गयी और बोली…मेडम ऑपेरेशन थियेटर तैयार है….प्लीज़ कम
डॉक्टर. नेहा राज को आँखे तरेरते हुए वन्हा से चली गयी…पीछे पिछे राज भी ऑपेरेशन थियेटर मे घुस गया ……
पेशेंट्स को प्राइमरी चेक-अप करने के बाद अनेस्तेटिक मोस्ट पहना दिया गया उर उस पेशेंट पर आनएस्तेसिया चढ़ना सुरू हो गया…..पेशेंट नींद की आगोस मे सो गयी……..
राज: ये लो मेडम करो ऑपेरेशन …अब ये 5 घंटे तक बेहोस रह सकती है….सो हरी अप…..मेरा काम हो गया मैं चलता हू….बाइ
डॉक्टर. नेहा मुस्कुराते हुए उसे देखती रही….फिर वो अपने काम मे लग गयी…..
क्रमशः................................