- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,663
कमसिन बहन
स्कूल से छुट्टी होते ही नेहा और उसकी बचपन की सहेली मंजू लगभग दौड़ते हुए बाहर निकले,
दोनो में हमेशा इसी बात की दौड़ लगती थी की कौन पहले बाहर निकले और विक्की की बाइक पर पहले बैठे...
और इस दौड़ में लगभग हर बार नेहा ही जीतती थी..
आख़िर वो चुस्त दरुस्त थी, एकदम छरहरा सा बदन था उसका, भागने में भी तेज थी और सबसे बड़ी बात विक्की उसका सगा भाई था इसलिए उसके पीछे बैठना वो अपना हक़ समझती थी
वहीं दूसरी और मंजू भी कम नही थी
हालाँकि वो नेहा के मुक़ाबले थोड़ी मोटी थी और शायद इसलिए वो अक्सर पीछे रह जाती थी पर उसने भी कई बार बाजी मारकर विक्की के पीछे बैठने का लुत्फ़ उठाया था..
और ये दोनो 12 वी कक्षा में जाने के बावजूद ऐसी बचकानी हरकतें इसलिए भी किया करती थी क्योंकि उनमें आजकल की लड़कियो वाली चालाकियाँ नही थी
यानी दोनो सूरत और सीरत से एकदम भोली थी.
और दूसरा उन्हे ऐसा करने के लिए विकी ही उकसाता था क्योंकि उन्हे स्कूल से घर ले जाने के बहाने वो उनके गुदाज और उभर रहे मुम्मो का दबाव अपनी पीठ पर महसूस करता था...
और साथ ही साथ उन्हे दूर से भागते हुए देखकर उनके हिलते हुए नन्हे स्तनों में किसके कितने बड़े है इसकी तुलना भी करता था...
भले ही नेहा और विक्की सगे भाई बहन थे पर जब से विक्की के लंड ने हरकत करनी शुरू की थी उसे नेहा के सिवा कोई और दिखाई ही नही देता था...
और ये सिलसिला आज से नही बल्कि पिछले 1-2 सालो से था जब से नेहा के नन्हे नींबुओं ने सेब का आकार लेना शुरू कर दिया था...
अपने पिता और माँ के डर से विक्की घर पर तो कोई हरकत कर नही सकता था इसलिए अपनी बहन को स्कूल से लाने के बहाने वो अपनी इच्छा की थोड़ी बहुत पूर्ति कर लेता था..
बहन के साथ-2 उसे उसकी सहेली मंजू का स्पर्श भी मिल जाया करता था...
कुल मिलाकर अभी के लिए उसका जुगाड़ सही से काम कर रहा था...
पर अब वो इस खेल को और आगे ले जाना चाहता था और इसलिए उसके दिमाग़ में पिछले कई दिनों से खिचड़ी पक रही थी.
आज नेहा को पछाड़ते हुए मंजू आगे निकल आई और उछल कर विक्की की बाइक पर बैठ गयी...
नेहा बेचारी मन मसोस कर रह गयी और बुझे मन से वो भी पीछे बैठ गयी और बाइक चल पड़ी..
कुछ दूर चलकर हमेशा की तरह विक्की ने बाइक एक आइस्क्रीम वाले के पास रोकी और आज की विजेता यानी मंजू को एक चोकोबार लेकर दी और नेहा को मिली आइस कैंडी..
यही लालच था दोनो को जो उन्हे भागने के लिए प्रेरित किया करता था.
और आइस्क्रीम लेकर वो फिर से घर की तरफ चल दिये.
एक हाथ से आइस्क्रीम और दूसरे से विकी की कमर को पकड़कर अपना बेलेंस बनाने की कोशिश में मंजू के मुम्मे ना जाने कितनी बार विक्की की कमर से घिस्से खा गये.
पहले तो उसे कोई फ़र्क नही पड़ा पर जब उसके निप्पल्स ने अकड़ना शुरू कर दिया तो उसे एहसास हुआ की ये हो क्या रहा है...
स्कूल से छुट्टी होते ही नेहा और उसकी बचपन की सहेली मंजू लगभग दौड़ते हुए बाहर निकले,
दोनो में हमेशा इसी बात की दौड़ लगती थी की कौन पहले बाहर निकले और विक्की की बाइक पर पहले बैठे...
और इस दौड़ में लगभग हर बार नेहा ही जीतती थी..
आख़िर वो चुस्त दरुस्त थी, एकदम छरहरा सा बदन था उसका, भागने में भी तेज थी और सबसे बड़ी बात विक्की उसका सगा भाई था इसलिए उसके पीछे बैठना वो अपना हक़ समझती थी
वहीं दूसरी और मंजू भी कम नही थी
हालाँकि वो नेहा के मुक़ाबले थोड़ी मोटी थी और शायद इसलिए वो अक्सर पीछे रह जाती थी पर उसने भी कई बार बाजी मारकर विक्की के पीछे बैठने का लुत्फ़ उठाया था..
और ये दोनो 12 वी कक्षा में जाने के बावजूद ऐसी बचकानी हरकतें इसलिए भी किया करती थी क्योंकि उनमें आजकल की लड़कियो वाली चालाकियाँ नही थी
यानी दोनो सूरत और सीरत से एकदम भोली थी.
और दूसरा उन्हे ऐसा करने के लिए विकी ही उकसाता था क्योंकि उन्हे स्कूल से घर ले जाने के बहाने वो उनके गुदाज और उभर रहे मुम्मो का दबाव अपनी पीठ पर महसूस करता था...
और साथ ही साथ उन्हे दूर से भागते हुए देखकर उनके हिलते हुए नन्हे स्तनों में किसके कितने बड़े है इसकी तुलना भी करता था...
भले ही नेहा और विक्की सगे भाई बहन थे पर जब से विक्की के लंड ने हरकत करनी शुरू की थी उसे नेहा के सिवा कोई और दिखाई ही नही देता था...
और ये सिलसिला आज से नही बल्कि पिछले 1-2 सालो से था जब से नेहा के नन्हे नींबुओं ने सेब का आकार लेना शुरू कर दिया था...
अपने पिता और माँ के डर से विक्की घर पर तो कोई हरकत कर नही सकता था इसलिए अपनी बहन को स्कूल से लाने के बहाने वो अपनी इच्छा की थोड़ी बहुत पूर्ति कर लेता था..
बहन के साथ-2 उसे उसकी सहेली मंजू का स्पर्श भी मिल जाया करता था...
कुल मिलाकर अभी के लिए उसका जुगाड़ सही से काम कर रहा था...
पर अब वो इस खेल को और आगे ले जाना चाहता था और इसलिए उसके दिमाग़ में पिछले कई दिनों से खिचड़ी पक रही थी.
आज नेहा को पछाड़ते हुए मंजू आगे निकल आई और उछल कर विक्की की बाइक पर बैठ गयी...
नेहा बेचारी मन मसोस कर रह गयी और बुझे मन से वो भी पीछे बैठ गयी और बाइक चल पड़ी..
कुछ दूर चलकर हमेशा की तरह विक्की ने बाइक एक आइस्क्रीम वाले के पास रोकी और आज की विजेता यानी मंजू को एक चोकोबार लेकर दी और नेहा को मिली आइस कैंडी..
यही लालच था दोनो को जो उन्हे भागने के लिए प्रेरित किया करता था.
और आइस्क्रीम लेकर वो फिर से घर की तरफ चल दिये.
एक हाथ से आइस्क्रीम और दूसरे से विकी की कमर को पकड़कर अपना बेलेंस बनाने की कोशिश में मंजू के मुम्मे ना जाने कितनी बार विक्की की कमर से घिस्से खा गये.
पहले तो उसे कोई फ़र्क नही पड़ा पर जब उसके निप्पल्स ने अकड़ना शुरू कर दिया तो उसे एहसास हुआ की ये हो क्या रहा है...