hotaks444
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शरीफ सिस्टर
आज मे आपके लिए रियल स्टोरी लाया हूँ दोस्तो मेने अपने दीदी के ननद के मामा ससुर की लड़की की चुदाई कैसे की वो में आज बताऊंगा. दोस्तो वो हमारे बाजू के घर मे रहते थे. मेने दीपाली को कभी बुरी नज़र से नही देखा था। मुझे यह जब पता चला की वो दीदी के रिलेटिव थे तो
हमारे परिवार और उनके परिवार मे सम्बन्ध काफ़ी ओर अच्छे हो गये थे। मे ओर दीपाली के पिताजी हम दोनो शेयर का काम करते हे तो मेरी उनसे अच्छी पटती थी. ओर माँ बाप मुझे अपना बेटा की तरह ही मानते थे. दीपाली मुझे भैया कहती थी।
यह बात कुछ महीनो पुरानी हे. मेरे अंदर सेक्स बहुत मचलता था. मे स्कूल मे चोरी से अपनी टीचर्स को हर कोने से देख कर घर आकर नहाते वक्त या टॉयलेट मे हस्त्मेथुन कर लेता था. लेकिन मेने उसे [दीपाली] को कभी इस नज़र से देखता था पर एक दिन मे उसके घर गया तो 1 रूम मे वो ओर उसकी सहेली से कुछ बाते करते सुना मैने तोड़ा ध्यान से सुना तो वो किसी लड़के की बात कर रही थी. जो उन्हे कॉलेज जाते वक़्त घूरता रहता था।
दीपाली शरीफ थी लेकिन उसकी फ्रेंड थोड़ी चालु थी पर उसकी मस्त बाते मेरे को उकसा रही थी. उस दिन पहली बार मैने रूम मे (जो की बंद था) के होल से देखा तो बस देखता ही रह गया। दीपाली की फ्रेंड ने स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे से बेड पर बैठे हुए उसकी चड्डी दिख रही थी. मैने पहली बार ओरिजनल मे किसी लड़की की टांगो को इतना सॉफ देखा था। पर दीपाली पंजाबी सूट पहने हुए थी. लेकिन उसके बोब्स जिस पर कोई ब्रा नही थी सूट के नीचे से भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. वो ऐसी बाते करते हुए तोड़ा शरमा रही थी. सो उसने ताल-मटोल करके अपनी फ्रेंड को घर से भेज दिया. उस दिन से मेरे ख्याल दीपाली के लिए थोड़े बदल गए थे।
मुझमे एक अलग सी खुशी का एहसास होने लगा था. पता नही मेरे को जैसे क्या मिल गया. मे हर वक्त इसे चोरी से देखता रहता था. कुछ दीनो मे यह चाहत बहुत बड गयी थी. पहले तो मे डरता रहता था. लेकिन थोड़े दीनो मे ही मेरी कामुकता मेरी शक्ति बड़ाती गयी. मे उसके बोब्स को देखने के बहाने सोचने लगा और एक दिन तो कमाल हो गया. मेरे घर के साथ मे हमारी जॉइंट बालकनी थी।
जिसका एक गेट मेरे रूम मे और दूसरा गेट बालकनी [गार्डन साथ मे ] मे था. वो कपड़े धो रही थी। कपड़े धोते वक्त मे चोरी से उसके सामने से चक्कर लगाने के बहाने उसकी चुचियो को देख कर मस्त हो रहा था. जब कपड़े धोने के बाद उसे वो निचोड़ने लगी तो पानी के साथ उसका सूट गीला हो गया। जिससे उसकी चुचि का उभार और निप्पले बड़े आराम से मुझे दिख गये. उसको थोड़ी शरमाई तो वो अपने कपड़े चेंज करने रूम मे चली गयी. मे भी झट से होल मे से देखने के लिए अपने रूम मे चला गया. मेरा तो भाग खुल गया मैने देखा की उसने अपना शर्ट उतारा तो लाइट की रोशनी मे वो मुझे बहुत ही खूबसूरत लगी। मेरा लंड पूरा तन गया अजीब सा नशा सा चड़ने लगा।
और गोल गोल चुचि देख कर मे दंग रह गया और मैने वही पर हाथ से मूठ मारनी शुरू कर दी. आज मुझे दीपाली सारे जहाँ से सुन्दर दिख रही थी. 10 मिंनट बाद मेरा डिसचार्ज हुआ तो सामने सारा गेट पर चला गया। मेरा वीर्य इतना गाड़ा गर्म और ज्यादा था की पूरा रुमाल गिला हो गया सॉफ करते हुए. मेरा पूरा शरीर दर्द करने लगा. कुछ देर बाद मुझे अच्छा फील होने लगा पर बाद मे दुबारा जब उसको देखा तो फिर मुझ पर कामुकता चड़ने लगी उसके बाद तो मे उसे पूरा नंगा देखना चाहता था सो बहाने सोचने लगा. बस उस दिन के बाद कम ही गार्डन मे कपड़े धोने आती थी पर 1 दिन जब मे उसके घर गया तो उसकी माँ बोली बेटा आओ क्या काम हे…
आज मे आपके लिए रियल स्टोरी लाया हूँ दोस्तो मेने अपने दीदी के ननद के मामा ससुर की लड़की की चुदाई कैसे की वो में आज बताऊंगा. दोस्तो वो हमारे बाजू के घर मे रहते थे. मेने दीपाली को कभी बुरी नज़र से नही देखा था। मुझे यह जब पता चला की वो दीदी के रिलेटिव थे तो
हमारे परिवार और उनके परिवार मे सम्बन्ध काफ़ी ओर अच्छे हो गये थे। मे ओर दीपाली के पिताजी हम दोनो शेयर का काम करते हे तो मेरी उनसे अच्छी पटती थी. ओर माँ बाप मुझे अपना बेटा की तरह ही मानते थे. दीपाली मुझे भैया कहती थी।
यह बात कुछ महीनो पुरानी हे. मेरे अंदर सेक्स बहुत मचलता था. मे स्कूल मे चोरी से अपनी टीचर्स को हर कोने से देख कर घर आकर नहाते वक्त या टॉयलेट मे हस्त्मेथुन कर लेता था. लेकिन मेने उसे [दीपाली] को कभी इस नज़र से देखता था पर एक दिन मे उसके घर गया तो 1 रूम मे वो ओर उसकी सहेली से कुछ बाते करते सुना मैने तोड़ा ध्यान से सुना तो वो किसी लड़के की बात कर रही थी. जो उन्हे कॉलेज जाते वक़्त घूरता रहता था।
दीपाली शरीफ थी लेकिन उसकी फ्रेंड थोड़ी चालु थी पर उसकी मस्त बाते मेरे को उकसा रही थी. उस दिन पहली बार मैने रूम मे (जो की बंद था) के होल से देखा तो बस देखता ही रह गया। दीपाली की फ्रेंड ने स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे से बेड पर बैठे हुए उसकी चड्डी दिख रही थी. मैने पहली बार ओरिजनल मे किसी लड़की की टांगो को इतना सॉफ देखा था। पर दीपाली पंजाबी सूट पहने हुए थी. लेकिन उसके बोब्स जिस पर कोई ब्रा नही थी सूट के नीचे से भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. वो ऐसी बाते करते हुए तोड़ा शरमा रही थी. सो उसने ताल-मटोल करके अपनी फ्रेंड को घर से भेज दिया. उस दिन से मेरे ख्याल दीपाली के लिए थोड़े बदल गए थे।
मुझमे एक अलग सी खुशी का एहसास होने लगा था. पता नही मेरे को जैसे क्या मिल गया. मे हर वक्त इसे चोरी से देखता रहता था. कुछ दीनो मे यह चाहत बहुत बड गयी थी. पहले तो मे डरता रहता था. लेकिन थोड़े दीनो मे ही मेरी कामुकता मेरी शक्ति बड़ाती गयी. मे उसके बोब्स को देखने के बहाने सोचने लगा और एक दिन तो कमाल हो गया. मेरे घर के साथ मे हमारी जॉइंट बालकनी थी।
जिसका एक गेट मेरे रूम मे और दूसरा गेट बालकनी [गार्डन साथ मे ] मे था. वो कपड़े धो रही थी। कपड़े धोते वक्त मे चोरी से उसके सामने से चक्कर लगाने के बहाने उसकी चुचियो को देख कर मस्त हो रहा था. जब कपड़े धोने के बाद उसे वो निचोड़ने लगी तो पानी के साथ उसका सूट गीला हो गया। जिससे उसकी चुचि का उभार और निप्पले बड़े आराम से मुझे दिख गये. उसको थोड़ी शरमाई तो वो अपने कपड़े चेंज करने रूम मे चली गयी. मे भी झट से होल मे से देखने के लिए अपने रूम मे चला गया. मेरा तो भाग खुल गया मैने देखा की उसने अपना शर्ट उतारा तो लाइट की रोशनी मे वो मुझे बहुत ही खूबसूरत लगी। मेरा लंड पूरा तन गया अजीब सा नशा सा चड़ने लगा।
और गोल गोल चुचि देख कर मे दंग रह गया और मैने वही पर हाथ से मूठ मारनी शुरू कर दी. आज मुझे दीपाली सारे जहाँ से सुन्दर दिख रही थी. 10 मिंनट बाद मेरा डिसचार्ज हुआ तो सामने सारा गेट पर चला गया। मेरा वीर्य इतना गाड़ा गर्म और ज्यादा था की पूरा रुमाल गिला हो गया सॉफ करते हुए. मेरा पूरा शरीर दर्द करने लगा. कुछ देर बाद मुझे अच्छा फील होने लगा पर बाद मे दुबारा जब उसको देखा तो फिर मुझ पर कामुकता चड़ने लगी उसके बाद तो मे उसे पूरा नंगा देखना चाहता था सो बहाने सोचने लगा. बस उस दिन के बाद कम ही गार्डन मे कपड़े धोने आती थी पर 1 दिन जब मे उसके घर गया तो उसकी माँ बोली बेटा आओ क्या काम हे…