sapna
महारानी सुवर्णा की पीठ अपनी छाती से लिपटाए हुए महाराज भाग्यवर्धन के हाथ महारानी की बगलों के नीचे से जा कर, महारानी के चूचको का मर्दन कर रहे थे। हथेलियों के नीचे मखमली गुदाज़ स्तनों की रगड़ और धीरे धीरे तनते हुए कुचाग्रों का घर्षण महाराज के शिश्न को मादकता प्रदान कर रहे थे। कहने के...